बबूसा खतरे में
देवराज चौहान-मोना चौधरी
अनिल मोहन
बबूसा चाहता था कि राजा देव (देवराज चौहान) को सदूर के जन्म का, रानी ताशा के धोखे का, सब कुछ याद आ जाये, तभी राजा देव का रानी ताशा से सामना हो तो बढ़िया रहेगा। इसके लिए बबूसा ने भरपूर चेष्टा भी की और देवराज चौहान को सदूर ग्रह के जन्म की बातें याद आनी भी शुरू हो गईं। बबूसा खुश था, परंतु हालातों ने ऐसा जबर्दस्त पलटा खाया कि देवराज चौहान (राजा देव) का सामना, बबूसा के सोचे वक्त से पहले ही रानी ताशा से हो गया और उठ खड़ा हुआ एक ऐसा तूफान जिसकी किसी को भी आशा नहीं थी देवराज चौहान का नया रूप देखकर नगीना स्तब्ध रह गई, जगमोहन के होश गुम होने लगे और बबूसा का सोमाथ से टकराव हो गया, पड़ गया वो खतरे में।
Chapter 1

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