बबूसा का चक्रव्यूह
देवराज चौहान-मोना चौधरी 
अनिल मोहन 

राजा देव (देवराज चौहान) रानी ताशा का ऐसा दीवाना हो चुका था कि न तो उसे तो उसे नगीना का ख्याल था और न ही जगमोहन का। अब देवराज चौहान  और रानी ताशा अन्य सबके साथ सदूर ग्रह पर रवाना होने वाले थे उधर बबूसा को हर तरफ समस्या नजर आ रही थी हालात बेकाबू होते जा रहे थे। वो सोमाथ को मार देना चाहता था, ये मसला हल नहीं हो रहा था कि धरा एक नयी मुसीबत बनकर खड़ी हो गयी थी, उसे पता लगा कि धरा पृथ्वी ग्रह की नहीं है वो सदूर ग्रह की है और अब वापस सदूर ग्रह पर जा रही है और उसका कहना था कि सदूर ग्रह पर उसकी ताकतें उसकी वापसी का इंतजार कर रही हैं। सदूर ग्रह कभी उसका था और अब फिर उसका हो जायेगा।            


Chapter 1