36 दिन
विजय बेदी सीरीज
(अनिल मोहन)
छत्तीस दिन
दिमाग में फंसी गोली निकलवाकर, अपनी जिंदगी बचाने के लिए, बेदी को बारह लाख की जरूरत थी जिसके लिए वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार था। और इत्तफाक से नब्बे करोड़ जैसी बड़ी दौलत की खुश्बू उसे मिल गई।
छत्तीस दिन
दिमाग में फंसी गोली निकलवाकर, अपनी जिंदगी बचाने के लिए, बेदी को बारह लाख की जरूरत थी जिसके लिए वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार था। और इत्तफाक से नब्बे करोड़ जैसी बड़ी दौलत की खुश्बू उसे मिल गई।
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