डाका 
देवराज चौहान सीरीज 
अनिल मोहन 

खंडाला से मुंबई आते वक्त, इत्तेफाक से देवराज चौहान ने नसीमा की सहायता की। उसकी जान बचाई और यहीं से शुरू हो गया, खामख्वाह गले पड़ने जैसा मामला, जो बढ़ते बढ़ते देवराज चौहान को मौत के दरवाजे तक ले गया।