जब फेनर हावर्थ होटल में मौजूद अपने कमरे में लौटा तो उस वक्त सुबह के दो से थोड़ा ऊपर का समय हो चुका था। अपने कमरे की लाइट जलाने से पहले ही उसे अहसास हो गया था कि वहाँ कोई पहले से ही मौजूद था। उसने कुछ सुना नहीं था लेकिन उसे पता था कि वह अकेला नहीं है। दरवाजे के चौखट में हल्की-सी रोशनी थी जिसमें खड़ा रहना उसे खतरे से खाली नहीं लग रहा था इसलिए वह कमरे में दाखिल हो गया। एक तरह की महक हवा में घुली हुई थी। उसने अपने कोट के भीतर हाथ डाला और अपनी बंदूक निकाल ली। इसके बाद उसने दीवार पर मौजूद लाइट स्विच को टटोला और कमरे को रोशन कर दिया।
बिस्तर के पैरों के नजदीक पड़े हुए किसी औरत के कपड़ों ने उसका ध्यान अपनी तरफ खींचा। वहाँ पर एक काली ड्रेस, कुछ अंदरूनी कपड़े और एक जोड़ी जूते मौजूद थे।
लाइट जलते ही ग्लोरी लीडलर उसके बिस्तर पर उठकर बैठ गयी थी। उसने अपने दो नग्न हाथों से चादर थामी हुई थी। जब उसने फेनर को देखा तो वह वापस बिस्तर पर आराम से लेट गयी। अब उसके दोनों हाथ बिस्तर के बाहर थे और उसके सुनहरे लाल बाल फेनर के तकिये पर बेहद खूबसूरती के साथ फैले हुए थे।
फेनर ने अपनी बंदूक को वापस रख दिया। उसे देखकर वह केवल यही सोच पाया था कि वह हद से ज्यादा थका हुआ है और ग्लोरी के चले जाने के बाद उसे बिस्तर पर मौजूद चादरों को हटाना पड़ेगा। वह उन्हीं चादरों पर सोना नहीं चाहता था।
तभी ग्लोरी उसकी तरफ अपनी मुँदी आँखों के साथ मुस्कराई।
फेनर फ्लोर लैम्प तक गया और उसे जलाकर उसने सीलिंग लैम्प को बंद कर दिया। फ्लोर लैम्प की रोशनी मद्धिम थी लेकिन फर्श को अच्छे से रोशन करती थी। उसने कालीन पर मौजूद दो ऐसे लाल रंग के धब्बे देखे जो पहले उधर मौजूद नहीं थे। उसने पहले धब्बों को देखा और फिर ग्लोरी के जूतों को देखा। वह कमरे में थोड़ा और आगे की ओर आया। जूतों पर लाल रंग के धब्बे इस तरह लगे हुए थे जैसे ग्लोरी किसी चीज पर चलकर आई हो। बिना जूते उठाए वह यकीन से तो नहीं कह सकता था लेकिन वह उसे खून के धब्बे जैसे लग रहे थे और वह नहीं चाहता था कि ग्लोरी जाने कि वह उसकी नजर में आ चुके हैं।
वह अचानक से खिलखिलाकर हँसी। “मैं अभी खतरे में हूँ न ?”, वह बोली। “मेरा मतलब है कि तुम मेरे साथ...”
फेनर ने बिस्तर के नजदीक एक कुर्सी खींची और फिर उस पर बैठ गया। उसने अपने पैरों को बिस्तर पर रखा और कुर्सी को पीछे की ओर झुका दिया। “तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं तुम्हारे साथ कुछ करना चाहूँगा ?”, वह यों ही बोला।
वह फिर खिलखिलाकर हँसे। “सभी करना चाहते हैं।”, वह इस तरह बोली जैसे उस इस पर विश्वास हो। “ठीक है, ठीक है। माना की जो तुम कह रही हो वो सही है।”, फेनर मुद्दे पर आते हुए बोला, “लेकिन तुम यहाँ क्यों आई हो ?”
“तुम्हारे कारण। तुमने हावर्थ का पता बताया था। तुमने कहा था की तुम मुझसे बात करना चाहते थे तो मैं यहाँ आ गयी और तुम्हारा इंतजार करने लगी। जब मैं इंतजार करते-करते थक गयी तो मैं बिस्तर में आ गयी। मुझे लगा आज तुम आने वाले नहीं हो।”
“तुम यहाँ कब आई ?”
“क्या मतलब कब आई ?” उसकी धूसर आँखें अब थोड़ा भावहीन हो गईं थीं।
“किस वक्त आई ?”
“नौ बजे। मैंने ग्यारह बजे तक इंतजार किया और फिर मैं बिस्तर में आ गयी।”
“किसी ने तुम्हें आते हुए देखा ?”
उसने इनकार में अपना सिर हिलाया। फेनर को लगा जैसे इस सवाल से वह थोड़ा घबरा-सी गयी थी। वह अब बिस्तर पर बेचैनी से हिले जा रही थी। फेनर को उस पतली चादर के नीचे मौजूद उसकी लंबी टाँगों का आकार साफ दिखाई दे रहा था। अब उसके अंदर काफी आत्मविश्वास जा चुका था।
“तुम तो किसी खूसट पुलिसिए की तरह सवाल पे सवाल पूछे जा रहे हो।” वह शिकायत करती हुई-सी बोली थी।
फेनर के चेहरे पर यह सुन एक सर्द मुस्कराहट उभर आई।
“मैं तो खाली तुम्हारी रिहर्सल करवा रहा हूँ, बेबी।” वह बोला, “तुम्हारे पास किसी भी तरह की गवाह मौजूद नहीं है न ?”
ग्लोरी यह सुन झटके से उठकर बैठ गयी थी।
“तुम... तुम कहना क्या चाहते हो ?” वह बोली। चादर उसके शरीर से फिसल चुकी थी और उसका यौवन अब फेनर की आँखों के सामने मौजूद था।
फेनर ने उसकी इस हरकत को देखा तो अपना सिर इस तरह हिलाया जैसे कोई बच्चे के नखरे पर हिलाता है।
“चादर ओढ़ लो। अब तुम्हारी ऐसी हरकतें करने की उम्र नहीं रही। थोड़ा समझदारी से काम लो।”
ग्लोरी ने यह सुनकर खुद को ढक जरूर लिया था लेकिन वह लेटी नहीं थी।
“अब बताओ। गवाह से तुम्हारा क्या मतलब है ?”
फेनर यह सुन नीचे को झुका और उसने उसका जूता उठा लिया। उसने कुछ देर तक अच्छी तरह से उसका मुआयना किया। जूते की एड़ी सूखे खून से ढकी हुई थी। उसने उस जूते को ग्लोरी की गोद में फेंका। जैसे ही जूता उसकी गोद में गिरा तो ग्लोरी के मुख से एक भर्राई-सी चीख निकली और उसने झटके से उस जूते को अपने से दूर फेंक दिया। फिर वह बिस्तर पर लेटी और चेहरे को अपने हाथों से ढककर फूट-फूटकर रोने लगी।
फेनर उसे नजरंदाज कर कपबोर्ड तक गया। उसने स्कॉच की एक बोतल निकाली और अपने लिए एक ड्रिंक बनायी।
फिर उसने एक सिगरेट जलायी और अपना हैट और कोट उतार दिया। कमरे में इस वक्त काफी गर्मी थी और उसे घुटन-सी भी लग रही थी। वह खुली हुई खिड़की तक गया और वहाँ से वीरान सड़क को देखने लगा।
“बेहतर होगा तुम मुझे सब कुछ बता दो।” वह बाहर देखते हुए बोला।
“मैं कुछ भी नहीं जानती।” वह सुबकते हुए बोली।
वह वापस बिस्तर तक टहलते हुए गया और उधर जाकर बैठ गया।
“अगर ऐसा है तो जितनी जल्दी तुम इस कमरे से निकलोगी उतनी ही ज्यादा खुशी मुझे होगी। मैं नहीं चाहता कि तुम्हारे कारण किसी कत्ल के इल्जाम में मैं भी घसीटा जाऊँ।”
इस बात का प्रत्याशित असर हुआ। वह सुबकते हुए अटकती हुई आवाज में बोली, “मुझे वो वहाँ वैसे ही मिला था। वह जमीन पर पड़ा हुआ था और किसी ने उसे गोली मार दी थी।”
फेनर ने अपने बालों में उँगली फिराई और प्यार से बोला, “कौन ?”
“हैरी थेलर... वो आदमी जिसके साथ मैं थी।”
फेनर सोच में पड़ गया।
“वो कहाँ है ?” आखिरकार वह बोला।
ग्लोरी ने अपने चेहरे से हाथ हटाए तो फेनर को एक झटका-सा लगा। वह रो तो बिल्कुल नहीं रही थी। बस रोने का नाटक कर रही थी।
“अपनी नाव में...।” उसने फेनर के सवाल का जवाब दिया।
“तुम्हें वो कब मिला ?”
“जब मैं तुमसे मिलने आई उससे थोड़ी देर पहले ही।”
फेनर ने अपनी आँखें मली। वह थका हुआ था लेकिन जानता था कि उसे ये काम करना ही होगा। वह खड़ा हुआ और उसने अपना कोट और हैट पहना।
“यहीं पर मेरा इंतजार करना।” वह ग्लोरी से बोला, “मैं उसे देखकर आता हूँ।”
“मैं तुम्हारे साथ आऊँगी।” उसने फेनर से कहा।
फेनर ने अपना सिर इनकार में हिलाया।
“तुम इस चीज से दूर रहो। यहीं पर रहना। मैं वापिस आकर तुमसे बात करूँगा।”
इसके बाद वह कमरे से बाहर निकलकर वाटरफ्रंट की तरफ बढ़ गया।
☐☐☐
फेनर वाटरफ्रंट पहुँचकर नैन्सी डब्ल्यू पर चढ़ गया। वह नीचे मुख्य केबिन तक गया तो उसने वहाँ पर अँधेरा पाया। उसने लाइट स्विच खोजने की कोशिश की तो उसे वह नहीं मिला। उसने अपनी टॉर्च का प्रयोग किया लेकिन उसे वहाँ थेलर नहीं मिला। उसने पूरी नाव की तलाशी ली लेकिन उसे उधर कुछ नहीं मिला। वह सोने वाले कमरे तक गया तो वहाँ पर ठहर सा गया। वहाँ पर कोड़ों के गट्ठर और कई ऐसी चीजें रखी थीं जो फेनर को पसंद नहीं आयी थी। उसे एक बहुत ऊँची एड़ी वाले जूते मिले जिसकी एड़ी लचीले रबर की बनी हुई थी। वहाँ मौजूद पोर्टहोल को उसने बंद किया और फिर केबिन की बत्ती जलायी। वहाँ पर बिखरे कपड़ों से उसने अंदाजा लगाया कि वहीं थेलर सोता था।
वहाँ पर एक कई दराजों वाली अलमारी मौजूद थी जिसका उसने बारीकी से मुआयना किया।
उन दराजों में उसे केवल एक ही ऐसी चीज मिली जिसने उसे हैरान कर दिया। वह कर्ली की एक फोटो थी जो कि उसके ख्याल से काफी सालों पहले ली गयी थी। उसने उस तस्वीर को अपनी जेब में डाला, दराज को बंद किया और केबिन की बत्ती बुझा दी।
वह मुख्य केबिन में वापस आया और वहाँ मौजूद कालीन की जाँच करने लगा। इस बारीक जाँच के दौरान ही उसने जाना कि कालीन का एक छोटा-सा हिस्सा हाल ही में धोया गया था। वह सिर खुजाता हुआ खड़ा हुआ। यह बात तो तय थी कि थेलर अब इस नाव में मौजूद नहीं था।
क्या थेलर मर चुका था ? क्या ग्लोरी ने जो उसको बोला था वह उस पर यकीन कर सकता था ?
अगर थेलर को मार दिया गया था तो उसकी लाश को किसने ठिकाने पर लगाया था और इस कालीन को किसने धोया था ? क्या ग्लोरी ने उसे मारा था ? आखिरी बार जब उसने उन दोनों को देखा था तो वे कुत्ते-बिल्ली के जैसे लड़ तो रहे थे।
“क्या पागलपन है!” वह झल्लाते हुए बोला और केबिन से बाहर निकल आया। जैसे ही वह जेटी पर आया तो उसे वहाँ पर एक बड़ी-सी सेडान वाटरफ्रंट के दूसरे तरफ पार्क हुई मिली। गाड़ी की सभी लाइटें बंद थीं। उसने एक नजर उस पर मारी और फिर जमीन पर पेट के बल लेट गया। तभी उसे एक दबी हुई-सी गर्जना कार से आती महसूस हुई। वह जानता था कि किसी ने उस पर शॉटगन से वार किया था। उसने अपनी बंदूक हाथ में ले ली और नीचे जमीन पर चिपका रहा। उसने गाड़ी के चालू होने और फिर उसके रेतीली सड़क पर घिसटने की आवाज सुनी। फिर वह कार एक मोड़ पर जाकर आँखों से ओझल हो गयी।
गाड़ी के जाते ही फेनर उठा और उसने अपने कपड़े झाड़े। चीजें अब पेचीदा होती जा रही थीं। वह हावर्थ की तरफ बढ़ गया लेकिन इस बार मुख्य सड़कों को छोड़कर सुनसान अँधेरी सड़कों से ही होकर जा रहा था।
☐☐☐
ग्लोरी उसे वहीं लेटी हुई मिली जहाँ पर वह उसे छोड़ गया था। उसका चेहरा चिंता से सफेद पड़ चुका था और उसने फेनर को देखकर उसने मुस्कराने की कोशिश की लेकिन बस होंठों को मोड़ कर ही रह गयी।
फेनर ने वापस कुर्सी खींची और ग्लोरी के सामने आकर बैठ गया।
“जब तुमने उसे देखा था तो क्या वो मुख्य केबिन में था ?” फेनर ने अचानक से एक प्रश्न दागा।
“हाँ।” वह बोली।
फेनर ने इस तरह सिर हिलाया जैसे यह अपेक्षित हो।
“उन्होंने उसकी लाश गायब कर दी है।” वह आगे बोला, “मुझे नहीं पता उन्होंने ऐसा क्यों किया क्योंकि अगर उन्हें किसी को इस काम के लिए फँसाना ही था तो तुम उन्हें मिल ही चुकी थी। अब या तो तुमने उसे मारकर उसकी लाश समुद्र में फेंक दिया था या फिर तुम्हारे वहाँ से निकलने के बाद कातिल उधर किसी कारण लौटा और उसने लाश को गायब कर दिया। वैसे हो सकता तुमने ही उसे समुद्र में फेंका हो।”
ग्लोरी से उसे अपने लंबी सुडौल बाहें दिखायी और बोली, “इन्हें देखकर तुम्हें ऐसा लगता है ? वो एक लंबा-चौड़ा आदमी था।”
फेनर ने केबिन से ऊपर आती एकदम खड़ी सीढ़ियों के बारे में सोचा तो उसे लड़की की बात में दम लगा।
“नहीं। “वह बोला, “शायद तुम सही हो।”
फेनर के यह कहते ही उसके चेहरे की रंगत लौट आई थी। वह अब इतनी डरी हुई नहीं लग रही थी।
“अगर उन्होंने उसे छुपा दिया है तो अब तो किसी को पता नहीं चलेगा न कि वो मर गया है, है न ?” वह बोली।
फेनर ने जम्हाई ली।
“सही कहा।” वह बोला।
ग्लोरी ने बिस्तर पर मौजूद मसनद से तकिया खींचा और उसे लेकर बिस्तर परपैर छाती पर लगाकर ऐसे लेट गयी जैसे बच्चे लेटते हैं।
“तुम्हें मैं कैसी लग रही हूँ ?” वह फेनर की आँखों में शोखी घोलते हुए बोली।
“थेलर के केबिन में जो दूसरी चीजें मुझे मिली उनका क्या वो तुम पर इस्तेमाल करता था ?”, फेनर ने मृदुता से बोला।
“मुझे नहीं पता। मैं उसे उतनी अच्छी तरह से नहीं जानती थी।”, उसने अब चद्दर को इस तरह ऊपर ले लिया था कि फेनर को उसका चेहरा नहीं दिख रहा था।
“तुम्हारी बहन मेरियन कहाँ हैं ?” फेनर बोला।
सवाल सुन ग्लोरी को झटका-सा लगा। वैसे तो वह अपनी जगह से एकाध इंच ऊपर ही हुई थी लेकिन उसे देखकर लग रहा था जैसे कई गज ऊपर हो गयी हो। फेनर झुका और उसने ग्लोरी को अपनी ओर खींचा। ग्लोरी की आँखें में घबराहट थी।
“तुम्हारी बहन कहाँ है ?” फेनर ने सवाल दोहराया।
“तुम उसके बारे में क्या जानते हो ? तुम उसे कैसे जानते हो ?” वह बोली।
फेनर अब उसके पास बैठ गया।
“तुम जुड़वा ही दिखती हो।” वह बोला, “मैंने इतनी समान दिखने वाली बहने नहीं देखी हैं। “ फेनर ने फिर अपनी जेब में हाथ डाला और वो चिट्ठी निकाली जो उसे मेरियन के बैग में मिली थी। चिट्ठी ग्लोरी को देता हुआ वह बोला, “पढ़ो।”
ग्लोरी ने उसे भावहीन चेहरे से पढ़ा और फिर इनकार में सिर हिलाते हुए बोली, “मुझे नहीं पता ये क्या है ? ये पिओ और नूओलन कौन हैं ?”
फेनर उठकर मेज तक गया और वहाँ रखे नोटपैड और पेंसिल को उठाकर ले आया।
“उस चिट्ठी को एक बार लिखकर दिखाओ।” वह ग्लोरी को उन्हें देते हुए बोला।
जैसे ही वह बैठने की कोशिश करने लगी तो वह जल्दी से बोला, “रुको।” फिर वह अलमारी तक गया और वहाँ से नाईट-सूट की कमीज लेकर लौटा। उसे ग्लोरी की तरफ फेंककर वह गुसलखाने में घुस गया और कुछ देर वहीं रहा। वह जब लौटा तो ग्लोरी ने उसे पहन लिया था और वह अपनी आस्तीनें गुलट रही थी।
“तुम मुझसे ये क्यों करवाना चाहते हो ?” वह बोली।
“लिखो।” फेनर ने संक्षिप्त-सा उत्तर दिया।
उसने चिट्ठी के मजमून को नोटपैड के कागज पर घिसा और उसे लौटा दिया। फेनर ने जब कागज लिया और दोनों लिखावटों का मिलान किया तो उसे दोनों में कोई समानता नहीं दिखाई दी। उसने पैड को वापस टेबल की तरफ फेंका और धीरे-धीरे कमरे में चहलकदमी करने लगा। ग्लोरी घबराई हुई-सी उसे देखे जा रही थी।
“तुम्हारी कोई बहन है क्या ?” आखिरकार वह बोला।
वह थोड़ा झिझकी लेकिन फिर बोली, “हाँ है, पर हमने एक-दूसरे को काफी दिनों से नहीं देखा है।”
“कितने वक्त से और क्यों ?”
“चार या पाँच साल हो गए। मुझे तो अब याद भी नहीं है। मेरियन और मेरी बनती नहीं थी। वो चाहती थी कि मैं अपनी ज़िंदगी उसके हिसाब से जीऊँ। हम झगड़ते नहीं थे लेकिन फिर भी मेरे तौर-तरीके उसे इतने पसंद नहीं आते थे। इसलिए जब हमारे पिता की मृत्यु हुई तो मैं उससे अलग हो गयी।”
“तुम झूठ बोल रही हो।” फेनर मृदुता से बोला, “अगर तुम लोग इतने ही समय से नहीं मिली थी तो वह मेरे पास इसलिए घबराते हुए क्यों पहुँची थी कि तुम गायब हो गयी हो ?”
यह सुन ग्लोरी के गालों पर लाली उभर आयी थी।
“मुझे नहीं पता था कि वो तुम्हारे पास आयी थी। तुम हो कौन वैसे ?”
“मैं कौन हूँ ये छोड़ो। तुम ये बताओ कि तुमने मेरियन को आखिरी बार कब देखा था ?”
ग्लोरी ने अब मुँह फुला लिया था।
“मैं हैरी के साथ न्यूयॉर्क में थी जब हम एक-दूसरे से टकराए थे। ये कुछ हफ्तों पहले की बात है। मैं एक ट्रिप पर उधर गयी थी। मेरियन चाहती थी कि मैं उसके होटल चलूँ। क्योंकि वो इतना जिद कर रही थी तो मैंने भी उसका मन रखने को हामी भर दी थी। मेरे साथ हैरी था और इस कारण थोड़ा अजीब-सी परिस्थिति उधर पैदा हो गयी थी। मैं जानती थी कि मेरियन को हैरी पसंद नहीं आएगा तो मैं उसे बिना बताए ही फ्लोरिडा आ गयी।”
फेनर यह सुनकर ग्लोरी की ओर आया और बिस्तर पर बैठ गया।
“या तो तुम झूठ-पे-झूठ बोले जा रही हो या फिर इस झमेले में कुछ ऐसा है जिस पर मेरा ध्यान नहीं गया है।” वह ग्लोरी से बोला।
ग्लोरी ने अपने सिर को दायें-बायें हिलाया।
“मैं झूठ नहीं बोल रही हूँ।” वह बोली, “मुझे क्या जरूरत है ?”
“अच्छा, क्या तुमने अपनी बहन ने बारह चीनियों का जिक्र किया था ?”
“बारह चीनी ? मुझे क्या जरूरत है ? ?”
“बार-बार ‘मुझे क्या जरूरत है ?’ मत दोहराओ।” फेनर गुस्से से बोला, “ये मामले को और उलझा रहा है।”
फेनर को लगा कि इस मामले में वहीं पर है जहाँ पर उसने शुरू किया था। पहले उसे लगा था कि इस लड़की से मिलकर उसे कुछ पता चलेगा लेकिन नतीजा सिफर रहा था। वह कुछ देर तक सोचता रहा और फिर अचानक बोला, “तुम लीडलर क्यों हो ? डेली क्यों नहीं ?”
“लीडलर मैं शादी के बाद हुई थी।” ग्लोरी ने जवाब दिया, “एक साल पहले मेरा तलाक हो चुका है।”
“हम्म।” फेनर ने हुंकार-सी भरी है, “और तुम्हारा ये पति कहाँ है ?”
ग्लोरी ने इनकार में सिर हिलाया।
“मुझे नहीं पता।” वह बोली, “क्यों ?”
फेनर ने जवाब नहीं दिया। इसके बजाय वह केवल इतना बोला, “तुम्हारी बहन को पिछले हफ्ते ब्रुकलिन के एक घर में कत्ल कर दिया गया था।”
कमरे में एक लंबी चुप्पी-सी छा गयी।
“मैं नहीं मानती।” ग्लोरी बोली, “तुम झूठ बोल रहे हो।” वह बोली और फेनर के चेहरे का मुआयना करती रही।
फेनर ने यह सुन अपने कंधे उचकाये।
“तुम्हें कुछ मानने की जरूरत नहीं है।” वह बोला, “लेकिन ये सच है कि वो मारी जा चुकी है। वो मुझे पसंद आयी थी। वो मेरे पास मदद के लिए आयी थी। उसका अंत जैसे हुआ वो मुझे पसंद नहीं आया है और मैंने खुद से ये वादा किया है कि जिसने भी उसके साथ ये किया है वो जिंदा नहीं बचेगा।”
ये सुन ग्लोरी ने यह सुन फेनर का कोट पकड़ा और उसे झिंझोड़ने लगी।
“मेरी मैरीयन मर चुकी है ?” वह चिल्लाते हुए बोली, “और तुम यहाँ बैठकर ऐसे ही मुझे ये बता रहे हो। क्या तुम्हारे अंदर मेरे लिए रत्ती भर भी दया नहीं है... ओ म... म मेरी... मैरीयन... मेरी मैरीयन...।”
फेनर ने उसकी कलाई पकड़ी और अपने आपको उसकी पकड़ से छुड़ा दिया।
“बंद करो।” वह बोला, “एक्टिंग तुम्हारे बस की नहीं है। मुझे पता है मेरियन को क्या हुआ इससे तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।”
ग्लोरी ने उसे देखा और हँसने लगी। उसने अपने मुँह पर हाथ रख दिया और अब वह हैरान-परेशान दिखाई दे रही थी।
“मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।” वह बोली, “किसने सोचा था कि मेरियन जैसी सती-सावित्री मारी जाएगी।” कहकर वह बिस्तर में पेट के बल घूमी और उसने अपने चेहरे को तकिये में छुपा लिया। बेकाबू होती हँसी ने कारण उसका शरीर हिलता जा रहा था।
फेनर के दिमाग में अचानक ही एक विचार आया था। उसने अपने हाथ से ग्लोरी के सिर को तकिये में दबाया और दूसरे हाथ से चद्दर को हटाया। उसको यूँ दबाए रखे ही उसने नाईट-सूट की कमीज को उसके कंधों तक चढ़ा दिया और उसके पीठ को ध्यान से देखने लगा। उसके कंधे और पीठ पर चोटें थीं लेकिन वो उतनी गहरी नहीं थीं जितनी कि मेरियन के शरीर पर थीं। उसने कमीज नीचे की और चद्दर को वापस उस पर डालकर पीछे को हो गया।
ग्लोरी मुड़ी तो उसकी आँखों में गुस्से की चमक थी।
“तुम... तुमने ऐसा क्यों किया ?” वह चिल्लाई।
“क्या तुम्हें मालूम था कि तुम्हारी बहन की पीठ पर भी चोटों के निशान थे ?” फेनर बोला।
“तुम सब कुछ जानते हो, है न ? हम इसमें कुछ नहीं कर सकतीं। हम ऐसी ही हैं।” , वह बोली और रोने लगी। जब फेनर ने ग्लोरी की आँखों से आँसू गिरते हुए देखे तो वह वहाँ से खिड़की की तरफ बढ़ गया। उसे अब बहुत ज्यादा थकान लग रही थी, “मैं तुम्हें अब कल मिलूँगा।” अचानक से वह बोला और दरवाजे की तरफ बढ़ गया।
नीचे जाते हुए भी उसे ग्लोरी के सुबकने की आवाज सुनाई दे रही थी।
‘अगर जल्द ही मामला आगे नहीं बढ़ा तो मैं शायद पागल हो जाऊँगा।’ उसने सोचा और होटल के रिसेप्शन की तरफ दूसरे कमरे का बंदोबस्त करने के लिए बढ़ गया।
☐☐☐
सूरज की तेज किरणें खिड़की में मौजूद स्लेट्ड शटरों से छनकर बिस्तर पर जेल के सींखचों जैसी पड़ी हुई थी।
दस बज चुके थे और नीचे मौजूद घड़ी ने घंटे बजाने शुरू कर दिए थे। उस घड़ी के घंटों की मद्धिम-सी आवाज उसके कमरे तक पहुँच रही थी जिस कारण वह बिस्तर पर पड़ा-पड़ा कुनमुनाया। घंटे के आठवीं बार बजने पर उसने अपनी आँखें खोली और भुनभुनाया। उसका शरीर अभी भी थका हुआ था और उसके सिर में हल्का-सा दर्द था। उसे सूरज की रोशनी का हल्का-सा अहसास जरूर था लेकिन फिर भी उसने अपनी आँखें दोबारा बंद कर ली थीं। फिर जैसे ही उसका दिमाग नींद से बाहर निकलने लगा तो उसे अपने बिस्तर के पैरों की तरफ किसी वजन का और हवा में किसी खुशबू का अहसास हुआ। सब समझकर जैसे ही वह चिढ़कर कराहा वैसे ही ग्लोरी की हँसी निकल गयी। उसने अधखुली आँखों से अपनी उनींदी अवस्था में उसे देखा तो वह उसे खूबसूरत दिखायी दी। बिस्तर के फ्रेम पर उसकी कमर टिकी हुई थी, उसकी लंबी टाँगें मुड़कर उसकी ठुड्डी तक पहुँच रही थी और उसके हाथों की उँगलियाँ उसके घुटनों को घेरे हुए थीं। उसकी ठुड्डी उसके दोनों घुटनों के बीच की खाली जगह पर टिकी हुई थी और उसकी मासूमियत से भरी आँखें फेनर पर टिकी हुई थी।
“सोते हुए तुम दयालु और खूबसूरत लगते हो।” वह फेनर से बोली, “रोचक बात है न ?”
फेनर किसी तरह उठकर बिस्तर पर बैठा और उसने अपने बालों में उँगलियाँ फिराई। उसकी हालत अच्छी नहीं थी।
“क्या तुम यहाँ से जरा चली जाओगी ?” वह धैर्यपूर्वक उससे बोला, “मुझे जब तुमसे मिलना होगा तब मैं तुम्हें बता दूँगा। वैसे भी सैद्धांतिक रूप से मुझे अपने सोने के कमरे में औरतों का होना पसंद नहीं आता है। मैं जरा पुराने खयालात का व्यक्ति हूँ और आसानी से हैरान-परेशान हो जाता हूँ।”
ग्लोरी की हँसी छूट गयी।
“तुम बहुत क्यूट हो।” वह सिर्फ इतना ही बोली।
फेनर झल्लाहट से कराहा। अब चूँकि वह उठकर बैठ चुका था तो उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था।
“भागो यहाँ से।” वह बोला, “निकलो! चलो फूटो इधर से!”
ग्लोरी ने अपने हाथ नुमाइश में फैला लिए। उसकी झील जैसी नीली आँखों में एक चमक-सी उभर आई थी। “देखो मुझे,” वह बोली। “मैं अभी बेबस हूँ। तुम चाहो तो मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो।
“तुम जा रही हो या नहीं ?” फेनर बुरा-सा मुँह बनाते हुए बोला।
ग्लोरी बिस्तर से उतर गयी। वह फेनर के नाइट-सूट में बहुत हास्यास्पद लग रही थी। ऐसे जैसे उसने कोई बोरा पहन लिया हो।
फेनर बेदर्दी से बोला, “वैसे भी, अभी तुम बहुत वाहियात दिख रही हो। तुम कमरे में जाकर सही से तैयार क्यों नहीं होती। जाओ तैयार हो जाओ, फिर शायद हम लोग नाश्ता करेंगे और आगे की बातें करेंगे।”ग्लोरी ने ताली बजायी। “सही कहा”, वह बोली और उसने अपनी कमीज को खोल दिया। उसने फिर उसे उतारा और उसे कमरे के पार फेंक दिया।
“अरे! रुको। क्या कर रही हो ?”, फेनर चिल्लाया। ग्लोरी का शरीर किसी संगमरमर की तरह कटावदार और किसी मोती के समान चमक रहा था।
“बहुत बहुत अच्छा है। लेकिन शायद किसी और दिन करेंगे। अभी तो मुझे बस एक तगड़ी काली कॉफी चाहिए। सुबह सुबह ऐसे काम के लिए ठीक नहीं है।”
ग्लोरी यह सुनकर हँसने लगी और कमरे में चारों तरफ नाचने लगी। उस वक्त फेनर को उसे देखकर लगा था कि वह दुनिया का सबसे खूबसूरत शै थी जो कि किसी का भी ईमान डुलाने की कुव्वत रखती थी। वह उस पर हँसी और बोली, “मैं पसंद आयी ?”
फेनर कोहनी के बल बैठा और बोला, “कमीज पहने और इधर से फूटो। हम पूरे दिन भर ऐसी मसखरी नहीं कर सकते हैं।”
“क्या तुम सच में ऐसा चाहते हो ?” अब उसकी आँखों में संशय कुछ ऐसे आ गया था जैसे चमचमाते चाँद के आगे कोई काला बादल आ गया हो। वह उसके बिस्तर तक पहुँची और उसके सामने बैठ गयी। वह भर्राये गले से बोली , “मेरे में क्या दिक्कत है ? क्या मैं इतनी बुरी हूँ कि तुम कुछ कर नहीं सकते ?”
फेनर ने इनकार में सिर हिलाया। “तुम बुरी नहीं हो”, वह बोला, “लेकिन मेरे लिए ऐसी बातें तुमसे ज्यादा मायने रखती हैं। इसलिए क्या तुम अब अपने कपड़े पहनोगी ?”
उसकी आँखों से सारी चमक गायब हो चुकी थी और वह खड़ी हो गयी। उसने धीरे ढेरे अपनी कमीज पहनी और खरामा खरामा कमरे से बाहर चली गयी। जाते हुए उसने दरवाजा बंद करने की जहमत भी नहीं उठायी थी।फेनर बिस्तर से निकलकर दरवाजे तक गया और दरवाजे को लात मारकर उसने उसे बंद कर दिया। फिर वह गुसलखाने में चला गया।
‘क्या तरीका है सुबह की शुरुआत करने का!’ उसने सोचा।
नहाने के बाद उसे बहुत बेहतर महसूस हो रहा था। फिर उसने कॉफी मँगवाई। जब तक वेटर कॉफी लेकर आया तब तक वह तैयार हो चुका था। दो कप कॉफी पीने के बाद उसकी सब थकान जा चुकी थी। फिर वह ग्लोरी के कमरे की तरफ बढ़ गया। वह अब तक तैयार हो चुकी थी। सुबह की रोशनी में उसकी काली ड्रेस अजीब लग रही थी। वह खिड़की के बगल में बैठी नीचे गली की तरफ देख रही थी।
फेनर टहलता हुआ दाखिल हुआ और उसने हौले से दरवाजे को बंद किया।
“अब तुम क्या करने वाली हो ?” उसने पूछा।
ग्लोरी मुड़ी और उसे देख मुस्कराई। फेनर के लिए यह हैरानी में डालने वाला था। उसकी आँखें फेनर के उम्मीद के विपरीत बड़ी, खरी और दोस्ताना लग रही थीं।
“मैं कर क्या सकती हूँ ?” वह बोली।
फेनर दीवार से टेक लगाकर खड़ा हुआ और उसे विचारपूर्वक घूरने लगा। आखिरकार वह बोला, “तुम्हें यार समझना मुश्किल है। मुझे लगा था कि तुम मेरे लिए बहुत दिक्कतें पैदा करोगी। लेकिन अब लगता है कि मैं गलत था।”
वह अब पूरी तरह से फेनर की तरफ घूम गयी थी और उसकी पीठ खिड़की की तरफ थी।
“मुझे अभी भी लगता है कि तुम क्यूट हो।” वह बोली, “मुझे यकीन है कि मेरा जादू तुम पर धीरे-धीरे ही चढ़ेगा।” वह अपनी बात बढ़ाते हुए बोली।
फेनर की आँखें तब तक उसके पार नीचे गली में देख रही थीं। वहाँ पर एक काली रंग की सेडान खड़ी थी। उसने वह गाड़ी एक बार पहले भी देखी थी। फेनर ने आगे की तरफ कदम बढ़ाया ही था कि गाड़ी की पर्दा लगी खिड़की के बीच से एक आदमी का हाथ बाहर निकला। तभी बंदूक पर सूरज की रोशनी चमकी जिसने फेनर को कुछ देर तक जड़ कर दिया था। उसे कुछ सेकंड की देरी हो गयी थी। फिर जैसे ही ग्लोरी चीखी उसे एक हल्की-सी पिट की आवाज सुनायी दी। ग्लोरी तेज नहीं चिल्लायी थी बल्कि उसके मुँह से हल्की-सी घरघराहट ही निकल पायी थी। फिर उसके घुटने मुड़ते चले गए। जब तक फेनर कुछ करता तब तक वह फिसलकर फर्श पर गिर चुकी थी।
सेडान गोली के चलते ही उधर से निकल गयी थी। यह सब कुछ इतनी तेजी से घटित हुआ था कि गली में मौजूद लोगों को इसका भान भी नहीं हुआ था। फेनर खिड़की तक गया और उसने झुककर देखा तो उसे वह सेडान गली के मुहाने से मुड़कर नज़रों से ओझल होती हुई दिखी।
वह पीछे हटा और ग्लोरी के नजदीक बैठ गया। जैसे ही उसने ग्लोरी को पलटा तो उसके दायें हाथ को ग्लोरी के बगल में, नितंब के थोड़ा ऊपर कुछ गीला-सा महसूस हुआ। ग्लोरी का चेहरा किसी कोरे कागज की तरह सफेद पड़ चुका था लेकिन उसकी साँसें चल रही थीं। फेनर ने उठकर बगल की कुर्सी से कुशन को खींचा और उसे ग्लोरी के सिर के नीचे रखा। फिर वह भागकर गुसलखाने के भीतर चला गया। वहाँ उसने हैंड बाउल को पानी से भरा, फर्स्ट एड किट, जिसे वह हमेशा अपने पास रखता था, को खींचा और दोनों को लेकर वापस पहुँचा।
ग्लोरी उसे कमरा पार करती देख रही थी। उसकी आँखें डर के कारण बड़ी हो गयी थी।
“मैं कुछ भी महसूस नहीं कर पा रही हूँ। क्या मुझे बहुत ज्यादा लगी है ?” वह बोली। फेनर घुटनों के बल बैठ गया।
“चिंता मत करो।” वह बोला, “देखते हैं, क्या हुआ है।”
फेनर ने डिब्बा खोला और उससे एक स्कैल्पल निकाला।
“मुझे लगता है कि तुम्हारी ड्रेस को अब खराब करना पड़ेगा।” वह रेशमी कपड़े को संभलकर काटते हुए बोला।
“मैं खुश हूँ कि मैं तुम्हारे साथ थी, वरना...।” वह कहते-कहते रोने लगी।
फेनर ने उसकी कमरबंद का ऊपरी हिस्सा काटा और तेजी से काम करता हुआ बोला, “अपने आप पर काबू रखना। हो सकता है कि शॉक के कारण तुम एक तरफ को हो जाओ लेकिन ऐसा मत करना।” कपड़ा हटाने के बाद उसने घाव का मुआयना किया और मुस्कराते हुए बोला, “क्या बात है! किस्मत वाली हो! गोली बस तुम्हें छूकर निकल गयी है। उसने तुम्हारे बगल में एक हल्का-सा घाव ही बनाया।”
“मुझे तो डर था कि मैं अब नहीं बचूँगी।” उसने जवाब दिया।
“मुझे भी।” फेनर के अनुभवी हाथों ने उसकी मरहमपट्टी कर दी, “खैर, निशाना अच्छा लगाया गया था। गोली चलाने वाला अच्छा स्नाइपर था।”
“मुझे अब दर्द हो रहा है।” ग्लोरी धीमी डरी हुई आवाज में बोली।
“हो रहा होगा। दर्द होना लाजिमी है।” फेनर ने सीधे खड़े होकर ग्लोरी को देखा, “तुम्हें कुछ दिनों तक लेटे रहना होगा। शायद इसी कारण तुम कोई दूसरी शरारत करने से बाज आओ। चलो, मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ। वैसे तुम रहती कहाँ हो ?”
फेनर का सवाल सुनकर ग्लोरी परे देखने लग गयी और उसका चेहरा अचानक भावहीन हो गया। फिर वह खिलखिलायी जिसके कारण जब उसे दर्द हुआ तो वह खिलखिलाहट कराह में बदल गयी।
“मेरा कोई घर नहीं है।” वह अपने बगल में हाथ रखते हुए बोली।
“थेलर के साथ होने से पहले तक तुम कहाँ रहती थी ?”
ग्लोरी ने गुस्से से उसे देखा और फिर परे देखकर बोली, “मैं हैरी के साथ नहीं थी।”
फेनर उसके बगल में घुटनों के बल बैठ गया।
“तुम्हें पता है, तुम ढंग का झूठ भी नहीं बोल पाती हो।” वह बोला, “तुमने ही पिछली रात को कहा था कि तुम और थेलर न्यूयॉर्क की ट्रिप में साथ थे। फिर पहले तुमने मुझे कहा था कि तुम उसे उतने अच्छे तरह से नहीं जानती थी। अब तुम कह रही हो कि तुम उसके साथ नहीं थी। मुझे असल बात बताओ ?”
“डिटेक्टिव तुम हो न ? करो डिटेक्ट।” वह तुनककर बोली।
फेनर तिरस्कारपूर्ण लहजे में बोला, “मेरी बात ध्यान से सुनो। मेरे पास तुम्हारे झूठ सुनने के लिए सारा दिन नहीं पड़ा है। अब या तो बताओ कि तुम रहती कहाँ हो या फिर मैं एक एम्बुलेंस इधर मँगवाकर उसमें तुम्हें बिठवा दूँगा।”
“मैं यहीं रहना चाहती हूँ।” ग्लोरी केवल इतना ही बोली।
फेनर बुरा-सा मुँह बनाकर मुस्कराया।
“मैं तुम्हारी आया नहीं बनने वाला।” वह बोला, “मुझे बहुत काम हैं।”
“पर मैं यहाँ पर ज्यादा सुरक्षित रहूँगी।” ग्लोरी ने अपनी बात रखी।
फेनर ठिठका और कुछ देर सोचकर बोला, “समझा।”
वह बिस्तर तक गया और उसने चादर हटा दी। फिर उसने ग्लोरी को सावधानी से उठाया और उसे कुर्सी में रख दिया। जब फेनर उसे ले जा रहा था तो ग्लोरी अपने होंठों को शोखी से चबा रही थी। फेनर ने स्कैल्पल उठाया और दोनों तरफ से उसकी ड्रेस को काटने लगा। उसके एक तरफ का सफेद जाँघिया खून से लाल हो चुका था।
“क्या आफत है!” बोलकर वह अचानक ऐसे सफेद पड़ गयी कि फेनर को लगा जैसे वह अभी बेहोश हो जाएगी।
“ध्यान से।” फेनर तेज आवाज में बोला और उसने उसे सीधा खड़ा किया, “अपने आपको संभालो।”
ग्लोरी ने अपना चेहरा फेनर के चेहरे से लगा दिया।
“तुम क्यूट हो।” वह डरी हुई आवाज में बोली।
फेनर ने झटके से अपना चेहरा दूर किया।
“ भगवान के लिये! ये हरकतें करनी बंद करो।” वह बोला। जब उसने अपना जाँघिया उतार दिया था तो फेनर ने उसकी जाँघ को साफ किया और उसे उठाकर बिस्तर तक ले गया। उसने उसे ढका और फिर राहत की साँस ली।
उसके लाली लिए हुए सुनहरे बाल तकिये में फैले हुए थे और वह उसे ताक रही थी। वह अचानक से ही बहुत मासूम और लाचार लगने लगी थी।
“मैं तुम्हारे कान में कुछ कहना चाहती हूँ।” वह बोली।
फेनर ने इनकार में सिर हिलाया।
“दूसरा बहाना बनाओ। इसमें साजिश की बू आती है।” वह बोला।
ग्लोरी ने लाचारों की तरह अपने दोनों हाथ फैलाए और बोली, “प्लीज, मेरी बात मान लो न।”
फेनर ने अपना सिर झुकाया और ग्लोरी ने उसे चूम लिया। ग्लोरी के होंठ उसे बहुत ही मुलायम लगे थे। उस चुंबन में एक तरह का बचपना था जो फेनर को पसंद आया था। फेनर सीधा हुआ और उसने अपने बालों पर उँगलियाँ फिराई।
“आराम करो।” वह बोला, “मैं सब ठीक कर दूँगा।”
उसने चादर उसकी ठुड्डी तक खींची, उसके कपड़ों और बाकी के कूड़े को गुसलखाने में डाला और कमरे से निकलकर नीचे चला गया।
वह नीचे पहुँचा तो होटल मैनेजर उसे अजीब निगाहों से देख रहा था। फेनर को थोड़ा शर्म सी लग रही थी।
“मेरी गर्लफ्रेंड को थोड़ी चोट लग गयी है और अब उन्हें बिस्तर पर ही रहना होगा। मैं चाहता हूँ कि आप किसी को बाहर भेजकर उनके लिए एक नाइट-सूट और जो कुछ भी चाहें वो मँगवा दें। खर्चा मेरे बिल में जोड़ लीजिएगा।”
मैनेजर ने बड़ीी संजीदगी से कहा, “ऐसा काम आमतौर पर हम...।” तभी फेनर ने बीच में ही उसे टोकते हुए कहा, “जानता हूँ कि ये आम काम नहीं है लेकिन इतना अनियमित नहीं है कि तुम ऐसे नखरे दिखाओ। तो नखरे छोड़ो और चुपचाप जो कहा है वो करो।”
फेनर फिर टेलीफोन बूथ तक गया और उसने एक नंबर मिलाया। फोन उठाए जाने पर उधर से एक कर्कश-सी आवाज उभरी।
“बग्सी ?” फेनर ने सवाल किया। उधर से सहमति मिली तो वह बोला, “सुनो बग्सी, मेरे पास तुम्हारे लिया एक काम है। हाँ, ठीक वैसा ही जैसा तुम चाह रहे थे। मेरे ठिकाने पर आ जाओ और हथियार लेकर आना।”
फिर वह सीधे बार में गया। उसने डबल पैग राई का मँगवाया। सुबह से इतना सब कुछ होने के बाद उसे एक ड्रिंक की जरूरत महसूस हो रही थी। जब वह बग्सी के आने का इंतजार कर रहा था तभी उसे एक चीज याद आई। उसने अपना पर्स बाहर निकाला। जब उसने अपना पर्स खोला तो उसकी भौंहें सिकुड़ गईं।
“अजीब बात है।” वह पर्स को देखते हुए बोला।
उसके पैसे और कागजात सभी कुछ पर्स की दायीं तरफ मौजूद थे और यह अटपटा था क्योंकि वह जानता था कि कल ही इनमें से कुछ चीजें दायीं और कुछ बायीं तरफ मौजूद थी। उसने कागजातों को ढंग से जाँचा और पैसों को गिना। उसे पर्स से कुछ भी गायब नहीं लगा।
तभी वह बोला, “अच्छा! तो ये बात है।” क्योंकि उसके पर्स में मौजूद कर्ली की फोटो अब उधर मौजूद नहीं थी। उसने एक बार फिर से पर्स का खुर्दबीनी तरीके से मुआयना किया लेकिन वह वहाँ नहीं थी। सोचो में डूबे हुए उसने पर्स को वापस अपनी जेब में डाला और अपनी ड्रिंक खत्म की।
वह जानता था कि फोटो निकालने वाला ग्लोरी के सिवा कोई और नहीं हो सकता था। बशर्ते कोई दूसरा आदमी तब न आया हो, जब वह घोड़े बेचकर सो रहा था। इसका यह भी अर्थ था कि वह रॉस के रूप में अब आगे नहीं बढ़ पाएगा। ग्लोरी या जो भी कोई था उस पर उसकी पहचान उजागर हो गयी थी। उसने एक सिगरेट सुलगाई और बग्सी की प्रतीक्षा करने लगा। वह जानता था, ग्लोरी से इस बारे में बात करना बेकार था। वह तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर उसे टाल सकती थी।
बग्सी जब बार में आया तो उसके चेहरे पर वही भाव थे जो किसी कुत्ते के चेहरे में तब आते हैं जब उसे लग रहा हो कि आस-पास कोई हड्डी है। वह ग्रे रंग का दाग लगा हुआ हेरिंगबोन सूट और एक पुरानी, मैली-कुचेली हैट पहने हुआ था। उसके कोट के काज में एक लाल रंग का फूल सजा हुआ था।
‘क्या वो फूल उधर उगा हुआ था ?’ फेनर उसे देख यह सोचे बिना न रह पाया।
बग्सी ने मुँह को हाथ के पिछले हिस्से से पोंछा और वहाँ मौजूद बोतलों को बड़ी ही लालसा से देखने लगा। फेनर ने उसके लिए एक बड़ी बियर खरीदी और फिर उसे लेकर कमरे के आखिरी कोने में चला गया। जब वह आराम से बैठ चुके थे तो फेनर बोला, “सुनो यार! क्या तुम मेरे लिए काम करोगे ?”
बग्सी की बड़ी-बड़ी आँखें यह सुनकर और खुल गईं।
“मैं समझा नहीं।” वह बोला।
“मेरे पास तुम्हारे लिए एक छोटा-सा काम है। काम ज्यादा कठिन नहीं है लेकिन तुम्हें उसके पचास डॉलर मिल सकते हैं। फिर अगर तुम्हारी और मेरी सही पटी तो मैं तुम्हें तनख्वाह पर रख लूँगा। लेकिन जब ऐसा होगा तब तुम्हें कार्लोस की गैंग से किनारा करना होगा।”
“क्या तुम अब कार्लोस के लिए काम नहीं कर रहे हो ?”
फेनर ने यह सुन इनकार में अपना सिर हिलाया और बोला, “न। जो वो कर रहा है वो काम मुझे पसंद नहीं आया। उसमें बहुत ज्यादा झोल है।”
बग्सी ने यह सुन अपना सिर हिलाया।
“कार्लोस को यह बात पसंद नहीं आने वाली है।” वह घबराते हुए बोला।
“कार्लोस की चिंता छोड़ो।” फेनर उससे बोला, “अगर मैं किसी के साथ काम नहीं करना चाहता तो मैं नहीं करता हूँ।”
बग्सी ने अपना सिर तेजी से ऊपर-नीचे किया।
“अच्छा, मैं ये पचास डॉलर कैसे कमा सकता हूँ ?” वह आतुरता से बोला।
“ये बहुत अच्छा काम है जिसमें न ज्यादा मेहनत लगेगी और न तुम्हें ज्यादा चिंता होगी। अच्छा, क्या तुम्हें वो नैन्सी डब्ल्यू वाली लड़की याद है ?”
“वो भी कोई भूलने की चीज है!” बग्सी यह सुन अपने होंठों पर जीभ फिराता हुआ बोला, “क्या आइटम थी यार!”
“वो अभी ऊपर मेरे बिस्तर पर आराम कर रही है।”बग्सी ने यह सुना तो उसके हाथ में पकड़ी बियर छलक गयी। उसके चाँद जैसे गोलाकार चेहरे पर आश्चर्य आसानी से देखा जा सकता था।
“बिस्तर में!” उसने कहा।
फेनर ने सहमति में अपना सिर हिलाया।
“कमाल आदमी हो यार!” बग्सी प्रशंसात्मक नज़रों से फेनर को देखते हुए बोला, “बहुत तगड़ा पैसा लगा होगा उसे बिस्तर में लाने के लिए, है न ?”
फेनर ने फिर इनकार में सिर हिलाया। “असल बात तो ये है कि मुझे उसे बिस्तर से बाहर रखने के लिए मेहनत करनी पड़ी थी। वो मेरे पीछे पागल है।”
बग्सी ने बियर का गिलास टेबल पर ठक की आवाज के साथ रखा।
“मज़ाक तो नहीं कर रहे ?” वह बोला, “तुम ऐसे मामले में झूठ तो नहीं बोलोगे न ?”
“नहीं, भाई। वो ऊपर ही है।”
बग्सी दुखी हो कुछ देर तो गंभीर बना कुछ सोचता रहा और फिर भर्राई आवाज में फुसफुसाया , “यार, एक बात बताओ। जब वो, मेरा मतलब समझ रहे हो न, करती है तो क्या काटती है ?”
फेनर को लग गया था कि अब काम करने का वक्त हो चुका था।
“ये सब छोड़ो, यार।” फेनर बोला, “आज ही किसी आदमी ने उस लड़की पर गोली चलायी है जो उसे छूकर निकल गयी। हो सकता है वो आदमी दोबारा हमला करे और इस बार निशाना न चूके। मैं चाहता हूँ कि तुम बंदूक लेकर लड़की के आस-पास रहो ताकि ऐसा कुछ न हो।”
“और ऐसे काम के तुम मुझे केवल पचास डॉलर दे रहे हो ?” बग्सी फँसी हुई आवाज में धीमे से बोला।
फेनर हैरान दिख रहा था।
“काफी नहीं है क्या ?”
“बहुत ज्यादा हैं। मैं तो ये फ्री में भी कर दूँ। क्या पता वो मेरे पर लट्टू ही हो जाए।
फेनर खड़ा हुआ और बोला, “ठीक है, चलो फिर खड़े हो जाओ। मैं तुम्हें उससे मिलाता हूँ। बस अपने दिमाग में कुछ फालतू बातें मत सोचने लगना। तुम्हें केवल दरवाजे के बाहर बैठना है। समझ रहे हो न ? वैसे भी तुमने ही कहा था कि ऐसी लड़की के पास गुंडे-मवालियों के लिए वक्त नहीं होगा। तो ये चीज याद रखना।”
बग्सी यह सुन निराश सा -सा हुआ लेकिन फेनर के पीछे-पीछे चल पड़ा। फेनर ने कमरे का दरवाजा खटखटाया और भीतर दाखिल हुआ। ग्लोरी सैटिन के कपड़े की गुलाबी रंग की नाइट-ड्रेस पहने सजी-धजी बिस्तर पर लेटी हुई थी। फेनर उसे देख ठिठककर घूरने लगा तो ग्लोरी खिलखिलाकर हँस पड़ी।
“क्या ये किसी ख्वाब जैसी खूबसूरत नहीं है ?” वह बोली, “क्या तुमने इसे चुना था ?”
फेनर ने इनकार में सिर हिलाया।
“मैं तुम्हारे लिए एक बॉडीगार्ड लेकर आया हूँ। ये बग्सी है। ये यहाँ रहेगा और बुरे लोगों को तुमसे दूर रखेगा।”
ग्लोरी ने बग्सी की तरफ हैरानी से देखा।
“ये तो खुद एक बुरा आदमी लगता है।” वह बोली।
“अंदर आ जाओ, बग्सी और एक हसीन लड़की से आकर मिलो।”
बग्सी इस वक्त दरवाजे की चौखट पर मंत्रमुग्ध सा -सा खड़ा ग्लोरी को देखे जा रहा था।
फेनर ने आगे बढ़कर एक कुर्सी खींची और उसे गलियारे में रख दिया।
“ये यहाँ बाहर बैठकर अपना काम करेगा।” वह गंभीरता से बोला, “मैं उसे इसी के पैसे दे रहा हूँ।”
फेनर ने बग्सी को वापस बाहर की तरफ धकेला और ग्लोरी को देखकर सिर हिलाकर विदा लेते हुए बोला, “मुझे एक छोटा-सा काम करना है जिसे करके आता हूँ। फिर बात करूँगा। तब तक आराम से रहना।” और ग्लोरी के जवाब की प्रतीक्षा किये बिना ही उसने दरवाजा बंद कर दिया, “काम पर लगो।” वह बग्सी से बोला, “और ध्यान रहे कोई गलत हरकत मत करना। समझे ?”
बग्सी ने इनकार में सिर हिलाया।
“मैं चाहकर भी ऐसी लड़की के साथ कुछ नहीं कर पाऊँगा। उफ्फ़, उसे देखकर ही मेरा सिर चकरा रहा है।”
☐☐☐
0 Comments