8."कुलधारा गाँव की एक नयी धारा"

अगर हम भारत के इतिहास में नज़र डाले तो न जाने कितने किस्से जुड़े हुए है हमारे देश से यहां पर ही माँ सीता, धरती की गोद में समा गई थी, इसी धरती में द्रौपदी का चीरहरण हुआ...

इस धरती से जन्मी रानी पद्मावती अलाउद्दीन खिलजी जैसे राजा को ठेंगा दिखाकर महल की सोलाह रानियों संग जौहर में भस्म हो गई  थी ।

ऐसी और न जाने कितनी कहनियां  जुड़ी है भारत वर्ष के इतिहास...

गर्मी को छुट्टियां शुरू हो गई अर्जुन और उसके दोस्तो ने डिसाइड किया की वे  इस बार साथ में कहीं घूमने जायेंगे।

अर्जुन अपने ड्राइंग रूम में बैठा है और मोबाइल में सर्च करता है भारत की सबसे डरावनी जगह और उनके पीछे का रहस्य.....

गूगल में 10 सबसे ज्यादा डरावने स्थान की लिस्ट खुल जाती है...

भानगढ़ का किला राजस्थान

कुलधारा गाँव राजस्थान

जमाली-कमली मस्जिद

रामोजी फिल्म सिटी, हैदराबाद

जतिंगा असम

मुकेश मिल्स मुंबई

शनिवारवाड़ा किला पुणे

जीपी ब्लॉक

गुजरात की डुमस बीच

मुंबई की वृंदावन सोसायटी ठाणे

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अर्जुन ने सभी के पीछे की स्टोरी पढ़ी लेकिन उसे सबसे ज्यादा दिलचस्प कहानी कुलधारा गांव की लगी...

कुलधारा गांव राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है, जैसलमेर से कुलधारा गांव लगभग 17 से 18 किलोमीटर  की दूरी पर है।

कुछ जानकारों और स्थानीय लोगों ने माना है कि गांव का एक हिस्सा वाकई शापित है रात में यहां अजीब सी आवाजे सुनाई देती है ऐसा लगता है कोई वीरान गांव एक बार फ़िर से हरा भरा हो गया।

इस गांव में एक ऐसी रात अाई की पूरा का पूरा गांव गायब हो गया और आज तक कोई इनके गायब होने का सही करण नहीं जान पाया , किसी ने कहा कि यहां एक क्रूर शासक हुआ करता था, तो किसी ने कहा एक लड़की की इज्जत बचाने के लिए पूरा का पूरा गांव रहस्यमय तरीके से गायब हो गया....

अर्जुन ये कहानी विक्रम को सुना ही रहा था, तभी संदीप बोल पड़ा अगर वह कोई भूतिया जगह है तो हम वहां क्यों जा रहे है?

अर्जुन भूतिया है नहीं यर लोगों की कहानियों ने उसे भूतिया बना दिया है और आज के समय में वह एक टूरिस्ट प्लेस है जहां दूर दूर से पर्यटक घूमने आते है।

अच्छा मै तुझे एक उदाहरण देता हूं किसी जगह को कैसे लोग भूतिया या शपित मानते है

मान ले, मैंने अभी तुझे एक कहानी सुनाई और तूने घर जाके इस कहानी को नए तरीके से लिख दिया और फ़िर दो सौ साल बाद तेरी कहानी कोई पढ़े और उसके पास इस कहानी के सिवा और कोई तथ्य न हो तो उसके पास उस कहानी पर विश्वास करने के सिवा क्या कोई और रास्ता होगा? नहीं न

दूसरी बात जब हम कोई कहानी पढ़ते है तो उसका एक सीन हमारे जेहन में क्रिएट हो जाता है, और जब भी हम कहानी वाले स्थान पर जाते है तो हमें उन सभी बातो का अनुभव होता है और हम कहते है

" हां वहां सच में कोई था मैंने भी वहीं आवाज़ सुनी जो यहां पहले आ चुके लोगों ने सुनी थी।

संदीप इस बात पर कुछ नहीं बोल पाया, विक्रम  अर्जुन से लेकिन भूत होते है, हम इस बात को झुठला नहीं सकते है।

अर्जुन हां मै मानता हूं अगर दुनिया में अच्छी शक्तियां है तो बुरी भी है, पर दोनों ही अदृश्य है और समय समय पर हमें इनका अनुभव भी होता है।।

अगर कहीं तंत्र है जो हमें फसा सकता है तो कहीं मंत्र भी है जो हमें बड़ी से बड़ी मुसीबत से छुड़ा सकता है।

कहीं आघोड़ी है तो कहीं साधु है।।

संदीप  हंसते हुए भाई ये दुनिया है जो खुद में ही एक चमत्कार है  बस हमारे समझने का फेर है....

अर्जुन तो कल से हम जा रहे है 5 दिन की ट्रिप पर चार दिन हम राजस्थान घूमेंगे ऊंठ की सवारी करेंगे, पांचवें और आखिरी दिन हम कुलधारा गांव जायेंगे और वहां रात भी गुजरेंगे,बोलो मंजूर है सबको..

तीनो ने एक दूसरे को हाई फाइव दिया और बोले चलते है आख़िर जिंदगी का मतलब ही मौत हैं और जिस दिन तय है कोई बचा नहीं सकता।

अर्जुन, विक्रम और संदीप बी० ए० इतिहास के प्रथम वर्ष के छात्र है

घूमना फिरना और चाई पर चर्चा करना इनके पसंदीदा काम है।

तीनो दोस्तो ने बैग पैक किया और निकल गए ट्रेन से राजस्थान, जैसलमेर और कुलधारा गांव की सैर करने...

वे तीनों जैसलमेर के एक होटल "गोल्डन सैंडस्टोन होटल" में ठहरे एक दिन का खर्चा इतना ज्यादा था कि उन्हें 24 घंटे में ही दूसरा होटल ढूंढने के लिए निकलना पड़ा....

अर्जुन ने विक्रम से कहा क्यों न हम कुलधारा गांव के पास के गांव में किसी के घर में ठहरे और गर्मी इतनी ज्यादा है कि मेरा कहीं भी घूमने जाने का मन नहीं है, मैंने सुना है जैसलमेर के लोग बहुत अच्छे होते है वो आज भी मेहमान का स्वागत दिल खोल कर करते है।

संदीप,चलो वैसे भी कल होटल के ख़र्चे से और आज इस रेत में घूमते घूमते मै भी थक गया हूं....

जैसलमेर पहुंचते ही एक सज्जन पुरुष उन तीनों को मिल गया जिसने उन्हें स्वयं ही उसके घर में ठहरने का प्रस्ताव दिया...

उसके घर पहुंचते पहुंचते रात हो गई तीनो लोग बहुत थक गए थे,

पहुंचते ही उन्हें सिर्फ बिस्तर नज़र आया और तीनो बात करते करते कब सो गए पता भी नहीं चला...

वह आदमी उस घर में अकेला रहता था रात के करीब बारह बजे अर्जुन की नींद खुली उसे ऐसा अहसास की उसे बहुत जोरों की भूख लगी है।

वह बिस्तर से उठा और आंगन की तरफ बढ़ने लगा उसे कुछ आवाज़ सुनाई दी वह उस आवाज़ का पीछा करते करते एक जगह पर पहुंचा वहां उसने देखा कि जिस आदमी के घर में वो ठहरे हुए है।वह झाड़ियों के बीच कुछ कर रहा है अर्जुन वहीं दूसरी तरफ़ झाड़ियों के बीच छुप गया और सब कुछ शांतिपूर्वक देखता रहा थोड़ी ही देर में वह देखता है कि वह आदमी ज़मीन के नीचे किसी सुंरग में उतर गया अर्जुन उसके पीछे जाता वहां सुंरग अपने आप बंद हो गई।

अर्जुन को कुछ समझ नहीं आया और वह वापस अपने कमरे में जाके सो गया।

सुबह उठा तो वह आदमी नाश्ते लेकर वहीं खड़ा था विक्रम उसको इस अवस्था में देखकर चौंक गया और फ़िर बोला, "अरे कुल भईया आप है ।" हम तो अचानक से आपको सामने देखकर चौंक ही गए।

भईया नाश्ता कर लो फ़िर मै आपको कुलधारा गांव लेकर चलता हूं वहां से जुड़ी कहानियां और किस्से तो आप ने सुने ही होंगे, इतने में अर्जुन की नींद खुल गई वह बोला हां कुल भाई हमने सारे किस्से सुने है लेकिन हम यहां आज एक नए किस्से की खोज में आएं है आशा है आप हमारी मदद करेंगे....

सभी ने नाश्ता किया और तैयार हो गए सुबह के 11 बजे थे वे सब निकल गए करीबन 2 घंटे का सफ़र तय करने के बाद वो सब कुलधारा गांव पहुंच गए।

कुलधारा गांव के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगा था और उसमें लिखा था, कृपया सूरज ढलने के बाद यहां न रुके, यह एक शापित गांव है, आगे उस गांव का इतिहास लिखा था ।

पूरा गांव घूमते घूमते चार बज गए , कुल बोला चलिए अब हम अपने गांव की ओर चलते है।

चारो लोग जा ही रहे थे कि अर्जुन का पैर एक पत्थर से टकराया और वह वहीं गिर गया 4:30 मिनट हो गए थे अर्जुन ने संदीप और विक्रम को वहां से जाने को बोला कुल ने भी अर्जुन की बातो में हामी भरी बोला तुम दोनो जाओ मै अर्जुन भईया का ख़्याल रखता हूं।

कुल और अर्जुन तुम दोनों कहीं पागल तो नहीं हो गए हो तुम दोनों को ही इस जगह के बारे में पता है फिर भी तुम यहां रुकने की ज़िद कर रहे हो।

भाई हम दोनों तुम दोनों को छोड़कर कहीं नहीं जायेंगे इतना बोलते ही संदीप  कलाई की घड़ी में देखता है पांच बज गए है।

और सन्नाटा पहले से और प्रबल हो गया क्योंकि बाकी बचे हुए पर्यटक भी जा चुके थे।

3 घंटे ऐसा लगा मानो तीन दिन हो गए हो उन्हें इस गांव में रहते ,

रात का आठ बजा था ऐसा लगा जैसे उस सन्नाटे में कोई भीड़ आ गई हो अचानक से बहुत ज्यादा ही चहल पहल शुरू हो गई लेकिन एक भी इंसान नहीं दिख रहा था तभी कुल बोला आप लोग यहां आग के पास ठहरो मै थोड़ी और लकड़ियां जुटा लेता हूं।

संदीप और विक्रम का डर के मारे बुरा हाल हो रहा था क्योंकि वो इतनी रिसर्च नहीं करके आए थे, अर्जुन को सब पता था और कुल तो यहां ही बड़ा हुआ है।

कुल के वहां से जाते ही , तीनो को लगा वो किसी बाज़ार के बीच में बैठे हुए है जहां सभी लोग सामना खरीदने की होड़ में इधर उधर भाग रहे है। संदीप और विक्रम इस अजीब सी घटना को सहन नहीं कर पाए और वहीं बेहोश हो गए उनके बेहोश होते ही अर्जुन को लगा अब वह अपना काम आराम से कर लेगा...

वह उनको वहीं लेटा हुआ छोड़कर एक नए किस्से के तलाश में निकल गया जैसे ही वह गेट के पास पहुंचा तो देखता है जो बोर्ड बाहर लगा हुआ था वह गिरा पड़ा है।

उसने देखा कुल भी कहीं नहीं दिख रहा है तभी एक बच्चे के रोने कि आवाज़ आई  अर्जुन उस आवाज़ का पीछा हुए एक खंडहर महल में पहुंचा, अंदर जाते ही वह एक गढ्ढे में गिरते गिरते बचा  तभी देखता है कुल उस गढ्ढे में घुसा हुआ है।

अर्जुन में आवाज़ लगाई कुल भईया आप है क्या? नीचे से आवाज़ आई आख़िर आ गए तुम? कब से इंतजार था तुम्हारा...

क्यों लोगों को मनगढ़ंत कहनियां सुनाते जा रहे हो 200 सौ साल से तुम तो वो कहानी लिखकर चले गए और तुम्हारी उस कहानी को वजह से ये गांव आज तक आबाद नहीं हो पाया।

कुल बाहर आया अर्जुन ये क्या बोल रहे हो ? तुम्हे देखते ही मै पहचान गया था तुम वहीं लेखक हो जिसने आज से 150 सौ साल पहले इस गांव की किस्मत तय की थी...

आज मै तुम्हे असली कहानी बताता हूं क्या हुआ था उन 54000 लोगों के साथ वो एक क्रूर राजा को इस गांव की एक लड़की पसंद आ गई थी वह उससे विवाह करना चाहता था परन्तु इस गांव के लोग उसको अपनी बेटी नहीं देना चाहते थे....

दोनों ही समुदाय राजा और उसके सलाहकार साथ में गांव वाले तंत्र मंत्र की विद्या जानते थे अतः उस रात तंत्र मंत्र का खेल हुआ....

किसी ने तंत्र पढ़ा कि राजा आज के बाद से बदनाम हो जाएगा तो राजा ने तंत्र पढ़ा तुम सब एक साथ इस धरती में गायब हो जाओगे सिर्फ तुम्हारी ruho को लोग महसूस मर सकेंगे।

राजा का तंत्र उन गांव वालो को लग गया देखते ही देखते वे के लोग एक तंत्र विद्या से उस गांव में ही गायब हो गए लेकिन उनकी रूहें आज भी यहां आती है।

राजा ने जब यह तंत्र पढ़ा था साथ में एक मंत्र भी दिया था की वह लेखक जो इस गांव की कहानी लिखेगा और फिर जब वहां मरने के बाद पुनः जन्म लेकर यहां आयेगा और मेरी ये कहानी सुनकर वो कुलधारा की दूसरी कहानी लिख देगा उस दिन ही यह कुलधारा गांव फिर से बस जाएगा।।

कुल इतना कहते ही गायब हो गया और अर्जुन अपने दोस्तो के पास गया और से गया वह दिल्ली पहुंचा और उसने कुलधारा की नई कहानी लिखी करीबन सौ साल बाद वह गांव फिर से बस गया....

स्वाति को कलम से - कुलधारा की नई धारा।। 

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