वैसे तो ड्राइवर ने टैक्सी तेज भगाई थी लेकिन फिर भी जब फेनर वाटरफ्रंट तक पहुँचा तब तक थेलर, नैन्सी डब्ल्यू के डेक पर चढ़ चुका था। टैक्सी के पैसे चुकता करते हुए फेनर को केबिन की रोशनी जलती हुई दिखी। जब टैक्सी चली गयी तो फेनर ने एक नजर वीरान हो चुके वाटरफ्रंट के दोनों तरफ मारी और फिर जेटी के बगल में भागता हुआ बोट पर चढ़ गया। दबे पाँव आगे बढ़ता हुआ वह केबिन तक पहुँच गया। अब जमीन पर लेटकर वह अधखुले काँच के पैनल से नीचे सब साफ-साफ देख सकता था।
अंदर ग्लोरी केबिन के बीचोबीच खड़ी अपनी कलाई रगड़ रही थी और थेलर को देख रही थी। थेलर उस वक्त दरवाजे के सहारे टिककर खड़ा हो रखा था।
“अब समय आ गया है कि सारी बातें साफ हो जाएँ।” वह बोला। फेनर को उसकी आवाज बिल्कुल साफ सुनाई दे रही थी, “मैं बहुत समय से बेवकूफ बनता चला आ रहा हूँ। अब और नहीं।”
ग्लोरी ने अपनी पीठ थेलर की तरफ घुमा दी।
“एक बार मैं यहाँ से निकलने के बाद...।” वह कँपकँपाती आवाज में बोली, “मैं कभी तुम्हारी शक्ल नहीं देखना चाहती हूँ।”
थेलर केबिन में मौजूद साइडबोर्ड की तरफ गया और उसने अपने लिए एक ड्रिंक तैयार की। उसके हाथ काँप रहे थे और इस कारण थोड़ी शराब साइड बोर्ड की चमचमाती सतह पर भी गिर गयी थी।
“मैंने तुम्हारे लिए कितना कुछ किया है।” वह बोला, “लेकिन तुमने कभी उसकी कद्र नहीं की है। मुझे पता है, तुम ऐसी ही हो लेकिन क्या तुम कोशिश भी नहीं कर सकती हो ? पता है, सबसे ज्यादा दुख मुझे इसी चीज से होता है कि तुम कोशिश तक नहीं करती हो।”
ग्लोरी इस दौरान केबिन में इधर-उधर चलने लगी थी। फेनर को वह किसी पिंजरे में बंद जंगली जानवर की याद दिला रही थी।
“मुझे तुम्हारे लिए दुख होता है।” थेलर बोला।
ग्लोरी यह सुन झटके से थेलर की तरफ घूमी और बोली, “पागल हो क्या ? तुम्हारे दुख का मैं अचार डालूँ। तुम्हें क्या लगता है, उसकी मेरे लिए कोई कीमत है ?”
“किसी के भी दुख से तुम्हें कभी भी कोई लेना-देना नहीं रहा है। वैसे भी भावना नाम की कोई चीज तुम्हारे अंदर नहीं है।”
“मेरे अंदर भावनाएँ हैं।”
“मैं वैसी भावनाओं की बात नहीं कर रहा हूँ।”
थेलर ने शराब का गिलास कसकर पकड़ रखा था। फेनर देख सकता था कि उसकी उँगलियों के जोड़ इस कारण सफेद पड़ गए थे।
“आज के बाद मैं तुमसे कुछ लेना-देना नहीं रखना चाहता हूँ। मैं अब आज जैसी खराब शाम फिर नहीं बिताऊँगा।”
थेलर की यह बात सुन ग्लोरी को हँसी आ गयी।
“कौन-सी गलतफहमी में जी रहे हो तुम ? मैं तुम्हें अपने से अलग कर रही हूँ न कि तुम मुझे अलग कर रहे हो, समझे। कारण भी बताऊँ कि क्यों अलग कर रही हूँ तुम्हें अपने से ?”
“कारण सुन-सुनकर मैं पक चुका हूँ। तुमने इतनी बार उसे बका है कि मुझे अब वह अच्छी तरह से याद हो गया है।”
ग्लोरी गुस्से से बोली, “नहीं, तुम कुछ नहीं जानते। मैं तुम्हें इसलिए छोड़ रही हूँ क्योंकि तुम एकदम नाकारे हो। तुम कभी भी अच्छे प्रेमी नहीं थे। मैं इंतजार करती रही लेकिन ये इंतजार कभी खत्म नहीं था। मुझे लगा था की तुम्हें मेरी आदत हो जाएगी क्योंकि तुम दिखने में अच्छे थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तुम एक फ्लॉप शो हो। तुम्हें कुछ आता-जाता नहीं है। तुम्हें बस ऐसा लगता है कि तुम्हें सब पता है।”
थेलर ने अपना गिलास टेबल पर सावधानी से रखा। फिर वह चलते हुए ग्लोरी के नजदीक पहुँचा और उसने अपने दोनों हाथों को उसके कंधे पर रख दिया। उसका चेहरा सफेद पड़ चुका था।
“तुम जानती हो कि यह कोरा झूठ है।” वह बोला।
ग्लोरी ने झटके से उसके हाथ अपने कंधे से हटाए और बोली, “मैं तुमसे झूठ बोलते-बोलते अब तंग आ चुकी हूँ, हैरी! अब झूठ बोलने के लिये कुछ बचा नहीं है। एक वक्त था जब मैं तुम्हारे इस बेवकूफाना घमंड को बरकरार रखने के लिए झूठ बोल सकती थी। लेकिन अब मुझे उसकी परवाह नहीं है। “
थेलर यह सुनते ही किसी पागल सांड की तरह आगे बढ़ा और उसने ग्लोरी की ड्रेस को आगे से उसकी कमर तक फाड़ दिया। ग्लोरी ने अपने दोनों हाथों को उठाया और चीखी, “क्या करोगे ? मुझे मारोगे ?” उसकी आवाज अचानक से भर्राने लगी थी। “तुम मुझे फिर पीटोगे ? तुम खाली इसी चीज में अच्छे हो, है न ? तुम आम मर्दों की तरह औरत की जरूरत का ख्याल रख नहीं सकते। तुम्हें दूसरी चीजें करनी होती हैं, है न ?”
फेनर ने यह देख अपनी टोपी को अपने सिर के थोड़ा पीछे की तरफ खिसकाया और थोड़ा आगे खिसक गया।
थेलर अब बिल्कुल स्थिर खड़ा था। फेनर देख सकता था की वह गुस्से से काँप रहा था। आखिर में वह कँपकँपाती आवाज में बोला।
“मैं तुझे जान से मार दूँगा कमीनी!
ग्लोरी सिर को झटका देती हुई बोली, “मारने के बजाय, मुझसे प्यार करने की कोशिश क्यों नहीं करते!”
“निकल जाओ इधर से”, थेलर पागलों की तरह चिल्लाया। “मैंने कहा निकलो यहाँ से! “
ग्लोरी ने अपने हाथ को अपनी कमर पर रखा और अपनी ड्रेस के हुक को खोल दिया। ड्रेस गिर कर उसके पैरों पर आ गयी थी। वह केबिन को पार करती हुई कोने में रखे दीवान की तरफ चली गयी। वह बैठी और उसने अपनी एक टाँग पर रखकर उसने अपना सस्पेंडर खोला और अपनी स्टॉकिंग्स को नीचे को निकाल दिया। फिर उसने थेलर की आँखों में आँखें डाली। “मुझे गलत साबित करो।”, वह थेलर से बोली और फिर खिलखिलाकर हँस दी।
फेनर अब रेंगते हुए केबिन की स्काईलाइट से दूर हो गया। फिर वह खड़ा हुआ और लड़खड़ाती हुई आवाज में बोला, “क्या पागलपन है!” इसके बाद मुड़कर वह नाव से बाहर आ गया और अपने होटल की तरफ बढ़ गया।
*****
फेनर उस वक्त नाइटेंगल की वर्कशॉप में खड़ा उसे एक ताबूत को रंगते देख रहा था जब कि रीगर उधर दाखिल हुआ।
“हमारे पास तुम्हारे लिए एक काम है। मैं तुम्हें लेने इधर आठ बजे आऊँगा।” रीगर उससे बोला।
फेनर ने सिगरेट जलायी और बोला- “कैसा काम ?”
“देखना।”
“सुनो रीगर, ऐसे काम नहीं चलेगा। या तो तुम मेरे साथ तमीज से पेश आओ या फिर भाड़ में जाओ। काम क्या है ?”
रीगर ने अपने अँगूठे के नाखून से अपने मुँह के कोने को खुजाया और बोला, “चीनियों की एक खेप आई है। हमें उन्हें लाना है।”
“ठीक है। मैं यहीं रहूँगा।” फेनर ने जवाब दिया।
रीगर फिर बाहर चला गया।
“कितना मिलनसार आदमी है।” फेनर नाइटेंगल से बोला, “न जाने मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि हम दोनों की नहीं पटने वाली है।”
नाइटेंगल चिंतित दिख रहा था।
“तुम उसके साथ ढंग से पेश नहीं आ रहे हो।” वह सिर हिलाता हुआ बोला, “वह बेहद खतरनाक है। उससे सावधान रहना।”
फेनर ने कॉफिन के ढक्कन के ऊपर अपनी उँगलियों से खटकाया और बोला, “मैं उससे सावधान रहूँगा।” फिर नाइटेंगल को देख उसने सिर हिलाया और नीचे चला गया। कर्ली मेज पर बैठी हुई रजिस्टर में कुछ लिख रही थी। जब वह उसके सामने से गुजरा तो कर्ली ने आशा से उसकी तरफ देखा।
फेनर रुका, “हेल्लो बेबी।” वह बोला, “आज तो तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो।”
कर्ली ने अपनी बड़ी आँखों और बड़ी बनायी।
“क्या बात है... ?” वह बोली, “मुझे ऐसी चापलूसी अब कम ही देखने को मिलती है। लेकिन कोई बात नहीं। जब भी ऐसा होता है यह एक सुखद आश्चर्य देता है।” कर्ली ने फिर अपनी पेन के ऊपरी हिस्से को कुतरा और कुछ देर तक सोचते हुए उसे देखती रही, “तो तुम भी अब इसमें शामिल हो ?” वह बोली।
फेनर ने सिर हिलाकर सहमति जताई।
“पिओ से मिले ?”
“मैं उससे मिल चुका हूँ।”
कर्ली ने एक ठंडी आह भरी।
“क्या वह बहुत खूबसूरत नहीं है ?”
“मैं उसे खूबसूरत नहीं कहूँगा। तुम्हारे उसके बारे में ज्यादा अच्छे ख्याल नहीं है, हैं न ?”
“इससे क्या फर्क पड़ता है कि मैं क्या सोचती हूँ ?” वह कड़वाहट के साथ बोली।
फेनर को तभी एक विचार आया। वह जाकर उसकी मेज के किनारे पर बैठा और बोला, “ऐसे न करो, जानेमन। मुझसे ऐसे पेश मत आओ। क्या तुम्हें सच में कार्लोस पसंद है ?”
“कोई भी मर्द मेरे लिए महत्व नहीं रखता। तुम्हें मेरे मामले में नाक घुसेड़ने की जरूरत नहीं है।” कर्ली ने बेरूखी से जरूर कहा पर उसकी आँखों ने फेनर को बहुत कुछ बता दिया था।
फेनर उठा और बत्तीसी दिखाते हुए बोला, “ठीक है, ठीक है। मुझे गलत मत समझो पर मुझे लगा था कि तुम अपने खूबसूरत घुँघराले सिर को मेरे कंधे में टिकाकर मुझसे अपनी परेशानियाँ साझा करना चाहोगी।”
“फिर तो तुम गलत हो।” वह गुस्से से बोली, “मुझे कोई परेशानी नहीं है।”
फेनर ने दुबारा अपने दाँत दिखाए और बाहर सड़क पर आ गया।
तो यह मामला था, फेनर ने सोचा। कर्ली, कार्लोस के ऊपर मर-मिटी थी और इस मामले में उसकी कोई दाल नहीं गल रही थी। कार्लोस जैसे व्यक्ति के ऊपर मर-मिटना परेशानी का ही सबब था।वह तंग गलियों में कुछ देर तक यहाँ-वहाँ फिरता रहा। वापस लौटकर उसने एक बार में छोटा-सा पैग भी लिया और इस दौरान यह सुनिश्चित करता रहा कि उसका पीछा नहीं हो रहा था। जब वह संतुष्ट हो गया कि ऐसा नहीं था तो वह डाउन-टाउन की तरफ दुबारा मुड़ गया।
☐☐☐
फेडरल बिल्डिंग पहुँचने पर भी वह सड़क पर नजर रखते हुए कुछ देर तक इमारत के बाहर टहलता रहा था। फिर वह तेजी से इमारत में दाखिल हुआ और उसने फेडरल फील्ड ऑफिस जाने के लिए लिफ्ट पकड़ ली।
उसे जिस एजेंट से मिलना था उसका नाम हॉसकिस था। फेनर को देखते ही वह अपनी मेज के पीछे खड़ा हुआ और उसने फेनर की तरफ अपना चिपचिपा हाथ बढ़ाया।
फेनर से हॉसकिस के साथ हाथ मिलाया और फिर धम से हॉसकिस के सामने रखी कुर्सी में निढाल होकर बैठ गया।
उसने अपने जेब से कुछ कागजात निकाले और उन्हें हॉसकिस को देता हुआ बोला, “मेरा नाम फेनर है और मैं एक प्राइवेट डिटेक्टिव हूँ। ये मेरा लाइसेंस है। मैं इस वक्त अपने एक क्लाइंट के चलते यहाँ मौजूद हूँ और आपको कुछ जानकारी देना चाहता हूँ।”
हॉसकिस कागजातों को जाँच रहा था तो उसकी भौंह ऐसे सिकुड़ गयी जैसे वह कुछ सोचने की कोशिश कर रहा हो। फिर कुछ देर बाद वह बोला, “फेनर ? तुम वही आदमी हो न जिसने ब्लैंडिश के अपहरण वाले मामले को सुलझाया था ?”
फेनर ने सहमति में सिर हिलाया।
“वाह! बहुत बढ़िया।” हॉसकिस दाँत दिखाते हुए बोला, “मैं ब्रेनन को जानता था। उसने मुझे उस मामले के बारे में सब कुछ बताया था। अगर मैं इस मामले में तुम्हारी कोई मदद कर सका तो मुझे बहुत खुशी होगी।”
“मैं आपको सारी बातें तो नहीं बता सकता लेकिन ये बता सकता हूँ कि मैं एक लड़की को ढूँढ़ रहा हूँ और किसी-न-किसी तरह से कार्लोस इस मामले के साथ जुड़ा हुआ है। मैंने नकली पहचान के बल पर कार्लोस की गैंग में जगह भी बना ली है। मैं यह सब इसलिए आपको बता रहा हूँ ताकि कहीं इस कारण आपके आदमियों के साथ कोई पंगा न हो। आज रात मैं रीगर के साथ चीनियों की एक खेप लेने जा रहा हूँ। हम लोग आठ बजे निकलने वाले हैं। मुझे जब यह पता चला तो लगा कि आपके विभाग को इसकी जानकारी होनी चाहिए।”
हॉसकिस ने यह सुन एक लंबी साँस छोड़ी।
“भई! तुम्हें पता भी है तुम किन लोगों के साथ ये खेल खेल रहे हो।” हॉसकिस बोला, “अगर कार्लोस को इन सब बातों का जरा-सा भी पता लगा न तो वह तुम्हारी तिक्का-बोटी एक कर देगा। इस इलाके का सबसे खतरनाक मवाली है वो।”
फेनर ने अपने कंधे उचकाये।
“मुझे पता है।” वह बोला, “और इसलिए यहाँ आते हुए मैंने काफी सावधानी बरती है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें मेरे इधर आने का पता लगा होगा। लेकिन एक बात मेरी समझ नहीं आती। आप लोग उन्हें अभी तक क्यों नहीं रोक पाए हैं ?
“सबूत ही नहीं है। हमें उसका धंधा पता है लेकिन हम आज तक उसे रंगे हाथ नहीं पकड़ पाए हैं। हमारे हवाई जहाज और नावें समुद्र तट की निगरानी करती रहती हैं लेकिन हर बार वो हमें चकमा देने में सफल हो ही जाता है। एक बार वो हमारे हत्थे चढ़े भी थे लेकिन उसके पास नाव में कुछ गैरकानूनी था ही नहीं। वो क्रूर लोग हैं। मुझे पूरा यकीन है कि जैसे ही उन्होंने हमारी नाव को उनकी तरफ आते देखा होगा वैसे ही उन्होंने नाव में मौजूद उन विदेशियों को समुद्र में फेंक दिया होगा।”
यह सुन फेनर ने अपना सिर खुजाया।
“अगर आज की रात आप हमें पकड़ लेते हो तो आपको मुझे किसी तरह जाने देना होगा। मैं चाहता हूँ कि रीगर को आप थाम लो लेकिन मैं बच जाऊँ ताकि मैं अपनी तहकीकात पूरी कर सकूँ।”
“चिंता मत करो। अगर ऐसा हुआ तो मैं तुम्हारे निकलने का बंदोबस्त कर दूँगा।” हॉसकिस बोला, “पर क्या तुम मुझे बताना नहीं चाहोगे कि आखिर ये मामला क्या है ?”
फेनर ने इनकार में सिर हिलाया।
“नहीं, फिलहाल तो नहीं।” वह सावधानी बरतते हुए बोला, “लेकिन मुझे लगता है कि तहकीकात के आखिरी चरण में मुझे जरूर आप लोगों की जरूरत पड़ेगी।
फिलहाल तो मैं यही दरख्वास्त कर सकता हूँ कि अगर किसी तरह का पंगा हो तो आप मुझे रियायत दें।”
अपनी बात कहकर वह कुर्सी से उठ गया।
हॉसकिस ने हाथ मिलाते हुए उससे आखिरी सवाल किया, “अच्छा, आज रात के रास्ते का कोई अंदाजा है ?”
फेनर ने इनकार में सिर हिला दिया।
“नहीं।” वह बोला, “आप लोगों को ही हमें ढूँढना होगा।”
“चलो, कोई नहीं। हम लोग तुम्हें ढूँढ ही लेंगे। मैं जलसंधि को अपनी नावों से पाट दूँगा।”
☐☐☐
वहाँ से निकलकर फेनर वाटरफ्रंट गया और वहाँ से उसने बग्सी को अपने साथ ले लिया। इसके बाद वे फ्लैगलर होटल की तरफ बढ़ गए।
जब वह लोग नंबर 47 में दाखिल हुए तो कार्लोस वहाँ पर अकेला ही मौजूद था। उसने उन्हें देख अभिवादन में सिर हिलाया और फिर बग्सी को बोला, “तुम बाहर जाकर जरा आराम करो।”
बग्सी यह सुनकर हैरान जरूर लगा था लेकिन वह बिना कुछ बोले बाहर चला गया। कार्लोस ने फेनर को गौर से देखा और बोला, “तुम कल रात को नूओलन के अड्डे में क्यों गए थे ?”
“मैं तुम्हारी गैंग के लिए काम करता हूँ लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मुझे उन्हीं के साथ मौज मेला करना होगा।” फेनर ने जवाब दिया।
“तुम उधर मौज नहीं कर रहे थे । तुम उसके दफ्तर में गए थे। क्यों ?”
फेनर का दिमाग इस वक्त तेजी से चल रहा था। कार्लोस अभी बिल्कुल स्थिर खड़ा था और उसका एक हाथ उसके कोट के सामने मँडरा रहा था।
“मैं उधर मौज करने ही गया था लेकिन नूओलन ने मुझे अपने दफ्तर में जबरदस्ती बुलवाया और मुझे निकल जाने को कहा। उसे तुम्हारी गैंग के कोई भी आदमी अपने जुएघर में नहीं चाहिए था।” फेनर बोला।
“तुमने लीडलर से भी बात करने की कोशिश की थी। क्यों ?”
फेनर के दिमाग में खतरे की घंटी अब जोरों से बजने लगी थी। प्रत्यक्ष तौर पर वह बोला, “क्यों नहीं ? कोई भी आदमी उस पर चांस मारने से खुद को नहीं रोक पाएगा। वो वहाँ पर अकेली दिख गयी तो मैंने सोचा थोड़ा दोस्ती ही कर लूँ उससे। वैसे तुम उसके बारे में क्या जानते हो ?”
कार्लोस ने गुस्से से फेनर को देखा और बोला, “उसकी चिंता तुम मत करो। मुझे तुम्हारे लक्षण कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं, रॉस। तुमने अभी बहुत आसानी से दो जायज कहानियाँ सुना दी है लेकिन ध्यान से रहना। मेरी तुम पर नजर रहेगी।”
फेनर ने ये सुन अपने कंधे उचकाये।
“तुम घबरा रहे हो।” वह तिरस्कारपूर्ण लहजे में बोला, “कहीं नूओलन से डर तो नहीं रहे हो ?”
कार्लोस ने झटके से फेनर की तरफ देखा।
“तुम जा सकते हो।” उसने आदेश-सा सुनाया और बिना जवाब की प्रतीक्षा किए खिड़की की तरफ बढ़ गया।
फेनर अपनी सोचो में डूबा हुआ होटल से बाहर निकला। बग्सी उसके साथ था। फेनर समझ गया था कि कार्लोस उतना भी भोंदू नहीं था जितना उसने समझ लिया था। उसे अब अपने पत्ते बहुत ध्यान से खेलने पड़ेंगे।
“मैं जरा अपने होटल वालों को बता दूँ कि आज नहीं आऊँगा फिर बात करता हूँ।” वह बग्सी से बोला।
फिर उसने खुद को एक टेलीफोन बूथ में बंद किया और नूओलन का नंबर मिलाया। बग्सी उस वक्त बूथ के बाहर ही खड़ा था। फोन उठाया गया तो फेनर ने धीमी आवाज में कहना शुरू किया, “नूओलन ? रॉस हूँ। मेरी बात ध्यान से सुनो। मुझे लगता है तुम्हारे जुएघर में कार्लोस का कोई आदमी मौजूद है। उसे यह तो पता था ही कि हमने बात की है साथ ही वहाँ हुई दूसरी बातें भी वो जानता था। वो जो तुम्हारा क्यूबन मैनेजर है, कितने वक्त से काम पर है ?”
“दो महीने” नूओलन की आवाज में घबराहट साफ महसूस की जा सकती थी, “मैं उसकी जाँच करवाता हूँ।”
“करवाओ।” फेनर गंभीर लहजे में बोला, “अगर मैं तुम्हारी जगह होता तो उसे अभी काम से निकलवा देता।” फिर उसने फोन काट दिया। इसके बाद वह टेलीफोन बूथ से बाहर निकला और बग्सी की बाँह पकड़ते हुए बोला, “चलो ये काम तो निपटा। अब जाकर थोड़ा आराम करते हैं। वैसे भी मुझे लगता है कि आज रात काफी मेहनत होने वाली है।”
बग्सी उसके साथ हो लिया। फिर वह बहुत धीमी आवाज में ऐसे बोला जैसे कोई राज की बात बता रहा हो, “आज रात मुझे भी एक डेट पर जाना है।” यह बोलकर उसने आँखें बंद की और डेट की कल्पना कर मुस्कुराने लगा।
☐☐☐
जब फेनर नाइटेंगल की दुकान में दाखिल हुआ तो उस वक्त आठ बजने में केवल दो मिनट ही बचे थे। रीगर और मिलर उधर पहले से ही मौजूद थे। मिलर के हाथ में एक सब मशीन गन थी जिसको वह ग्रीस लगा रहा था। जब फेनर, नाइटेंगल के पीछे-पीछे उसकी वर्कशॉप में दाखिल हुआ तो दोनों ने ही सिर उठाकर उसे देखा।
“लगता है आज बारिश होगी।” फेनर बोला।
रीगर इस बात के जवाब में केवल हुंकारा लेकिन मिलर दिखावटी दोस्ताने लहजे में बोला, “हाँ, बारिश हो जाए तो मज़ा आ जाये।”
“तुम्हारे पास सामान है ?” नाइटेंगल ने धीमी आवाज मे फेनर से पूछा।
फेनर ने इनकार में सिर हिलाया तो नाइटेंगल एक दराज तक गया और उधर से उसने एक ऑटोमैटिक निकाल ली। रीगर यह देख झटके से सिर उठाता हुआ बोला, “उसे बंदूक नहीं चाहिए।”
नाइटेंगल पर उसकी इस बात का कोई असर पड़ा हो ऐसा उसे नहीं लगा। उसने बंदूक फेनर को दी तो रीगर ज़्यादा उत्तेजित हो गया।
“मैंने तुमसे कहा न कि उसे बंदूक नहीं चाहिए।” वह खड़ा होता हुआ बोला।
फेनर ने रीगर को देखा और उससे बोला, “आराम करो यार। बंदूक के साथ मैं ज्यादा सुरक्षित महसूस करता हूँ।”
कुछ देर तक वह दोनों एक-दूसरे को घूरते रहे लेकिन फिर रीगर ने अपने कंधे उचकाये और नीचे बैठ गया।
नाइटेंगल, फेनर को देख अजीब तरह से मुस्कराया।
“तुमने बंदूक रखनी बंद कर दी क्या ?” वह फेनर से बोला, “मैंने सुना था कि तुम उसके साथ काफी खतरनाक करतब दिखला सकते हो।”
फेनर ने ऑटोमेटिक को सावधानी पूर्वक पकड़ा हुआ था।
“मेरा काम चल जाता था।” वह बस यही बोला।
मिलर की मोटी कलाई में एक छोटी-सी घड़ी बंधी हुई थी जो उधर अजीब लग रही थी। उसने उस घड़ी पर एक नजर मारी और बोला , “चलो, चलते हैं।” फिर उसने अपनी मशीनगन को अपने डस्ट-कोट में लपेटा और अपनी हैट उठा ली।
रीगर भी दरवाजे की तरफ बढ़ चुका था। फेनर चलने को हुआ तो नाइटेंगल, फेनर से धीमे से बोला, “इन दो पंछियों से सावधान रहना।”
फ्यूनरल पार्लर के बाहर एक बड़ी सेडान खड़ी थी। रीगर गाड़ी में दाखिल हुआ और ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। मिलर और फेनर पिछली सीटों पर बैठ गए। गाड़ी जाने लगी तो फेनर ने नाइटेंगल से हाथ हिलाकर विदा ली। उसने नाइटेंगल के पीछे से कर्ली को उन्हें देखता हुआ पाया। वह उसके चेहरे की धुंधली आकृति ही देख पाया था।
“कार्लोस इस काम के लिए कभी नहीं आता है, है न ?” फेनर ने मिलर से पूछा।
“वो क्यों आएगा ?” मिलर ने संक्षिप्त-सा जवाब दिया।
रीगर ने तभी कार को दक्षिण की दिशा में डाला और फेनर से बोला, “तुम हमेशा सवाल करते रहते हो, है न ?”
इसके बाद गाड़ी में शांति बनी रही। जब वे वाटरफ्रंट पर पहुँचे तो उन्होंने गाड़ी को एक जगह पार्क किया और फिर तेजी से चलते हुए एक ऐसी जगह तक गए जहाँ पर छोटी नावें लगी हुई थीं। वहाँ पर एक लंबा काला आदमी और बग्सी एक चालीस फीट लंबी नाव के सामने उनका इंतजार कर रहे थे। जैसे ही उस काले आदमी ने उन्हें आते हुए देखा तो वह नाव में चढ़कर इंजन रूम के भीतर चले गया। बग्सी वहाँ नाव को खोलने के लिए तैयार खड़ा था।
मिलर जब नाव में चढ़ रहा था तो रीगर, फेनर से बोला, “जब तक वो हमारी तरफ को न आयें तब तक तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है। जब वो नाव में चढ़ें तब तुम उनका मुआयना करना। इस बात का खास ख्याल रखना की उन चीनियों में से किसी के पास भी बंदूक न हो। ये जाँचने का सबसे सुरक्षित तरीका कि जैसे ही वह नाव में चढ़ें वैसे ही उन्हें कपड़े उतारने के लिए कहा जाए। इसमें वक्त जरूर लगता है लेकिन यह सुरक्षित है। अगर तुम्हें लगता है कि किसी के पास बंदूक है तो उसे छीन लेना। अगर वो किसी तरह की गड़बड़ करने की कोशिश करे तो उसको ठोकने-पीटने से न हिचकिचाना। जब तुम अपना काम निपटा दोगे तो मिलर उन्हें संभाल लेगा और उन्हें आगे वाले केबिन में ले जाएगा।”
“ठीक है।” फेनर बोला और रीगर के पीछे-पीछे नाव में चढ़ने लगा। बग्सी ने नाव की रस्सी खोली और उसे रीगर की तरफ उछला। इसके बाद वह फेनर की तरफ देखकर हाथ हिलाता हुआ बोला, “तुम्हारा सफर अच्छा रहे।”
काले आदमी ने अब इंजन चालू कर दिया था और नाव हिलने-डुलने लगी थी। मिलर तब तक नीचे कॉकपिट में जाकर स्टीयरिंग व्हील के पीछे अपनी जगह ले चुका था।
“ठीक है, चलो।” रीगर ने आदेश दिया तो नाव आगे बढ़ने लगी।
नाव के चलते ही रीगर जहाज के फोरडेक पर लगी सर्चलाइट के पास पहुँच गया । यह सर्च लाइट दिखती भले ही छोटी थी लेकिन काफी ताकतवर थी। वह उसके पीछे उकड़ूँ होकर बैठ गया और फिर उसने एक सिगरेट जला ली। उसकी पीठ फेनर की तरफ हो रखी थी और उसका रवैया चूँकि दोस्ताना नहीं था तो फेनर ने उसके पीछे जाने की जरूरत नहीं समझी। वह नीचे कॉकपिट की तरफ चला गया। उधर मिलर मौजूद था और फेनर ने वहाँ खुद के लिए जगह बना ली।
“इन लोगों को किस वक्त उठाने वाले हैं ?” उसने मिलर से सवाल किया।
“दस बजे के करीब, शायद।”
जैसे नाव खुले समुद्र की तरफ को बढ़ी तो अचानक माहौल सर्द हो गया और बूँदाबाँदी शुरू हो गयी। आसमान से चाँद गायब था और चीजें साफ तौर पर नजर नहीं आ रही थीं।
फेनर के शरीर में हल्का-सा कंपन हुआ और उसने एक सिगरेट जला लिया। मिलर ने यह देखा तो बोला, “कुछ वक्त बाद इन दौरों की आदत-सी पड़ जाती है। अगर तुम्हें ठंड ज्यादा लगे तो इंजन रूम में चले जाओ। वो यहाँ के मुकाबले गर्म होगा।”
फेनर कुछ देर तक तो मिलर के साथ रहा लेकिन फिर इंजन रूम की तरफ बढ़ गया। उसने देखा कि रीगर अभी भी सर्चलाइट के पीछे किसी मूर्ति-सा बैठा हुआ था।
जैसे-जैसे नाव आगे बढ़ रही थी वैसे-वैसे उसे झटके भी लगते जा रहे थे और अचानक ही फेनर की सिगरेट में रुचि समाप्त हो गयी थी। उस काले आदमी ने इस पर कुछ नहीं कहा। कभी-कभी फेनर को देख वह अपनी आँखें जरूर इस तरह घुमाता जैसे कह रहा हो कि किस नौसीखिए को नाव में ले गए लेकिन जबान से वह कुछ नहीं बोला था।
कुछ देर बाद जब मिलर ने फेनर को पुकारा तो वह उसके पास कॉकपिट में चला गया। मिलर ने एक तरफ इशारा किया। वहाँ दूर से रह-रहकर कोई रोशनी-सी आ रही थी। मिलर ने अब नाव की दिशा बदल दी थी और वे लोग अब उस रोशनी के स्रोत की तरफ बढ़ रहे थे।
“मुझे लगता है वो अपना ही आदमी है।” मिलर, फेनर से केवल इतना ही बोला।
तभी अचानक रीगर ने सर्चलाइट को रोशन किया और तुरंत उसे बंद भी कर दिया।
फेनर को हवाई जहाज की हल्की-सी घरघराहट सुनाई देने लगी थी। वह अँधेरे में मुस्कुराया। प्लान शुरू हो गया था। मिलर को भी वह आवाज सुनाई दी तो वह रीगर से चिल्लाकर बोला, “एक प्लेन आ रहा है।”
रीगर पर चेतावनी का असर हुआ और उसने काले आसमान की तरफ देखा। इसके बाद उसने जल्दी-जल्दी जहाज की सभी बत्तियाँ बुझा दीं। अब नाव अंधकार में डूब चुकी थी और वे लोग अँधेरे की चादर को भेदते हुए आगे बढ़ रहे थे।
“कोस्टगार्ड दिमाग का दही किये रहते हैं।” मिलर गुस्से से बोला।
जहाज अभी भी घरघरा रहा था। कुछ देर बाद उसकी आवाज धीमी पड़ती चली गयी। रीगर ने फिर सर्चलाइट जलायी, रोशनी की किरण को अँधेरे को काटने दिया और फिर उसे बंद कर दिया। दूसरी तरफ की रोशनी अभी भी झिलमिला रही थी। वह अब उनके नजदीक आते जा रही थी।
यह देख मिलर ने फेनर को एक टॉर्च पकड़ाई और बोला, “इसे लेकर आगे जाओ। हम लोग बस पहुँचने ही वाले हैं।”
फेनर ने टॉर्च पकड़ी और कॉकपिट से बाहर निकल आया। जैसे-जैसे मिलर नाव की गति कम करते जा रहा था वैसे-वैसे फेनर को नाव के डगमगाने का अहसास होता जा रहा था।
“बंद करो।” रीगर, जो कि नाव में सबसे आगे की तरफ खड़ा था, ने चिल्लाकर आदेश-सा दिया तो हड़बड़ी के साथ इंजन बंद कर दिया गया। नाव अब टेढ़-मढ़े डगमगाते हुए झटके खा रही थी। रीगर ध्यान से चलता हुआ फेनर की तरफ आया और ऑर्डर देता हुआ-सा बोला, “अपनी बंदूक निकालो और इन लोगों पर नजर रखो।” उसके हाथ में एक सब मशीनगन मौजूद थी, “मैं तुम तक उन्हें पहुँचाऊँगा।
देखना उनमें से किसी के पास बंदूक न हो और फिर उन्हें मिलर के पास भेज देना। “
अब वह दोनों आगे मौजूद गहरे अँधकार में ताक रहे थे। रीगर ने अचानक एक छोटी सी टॉर्च जलायी क्योंकि उसे चप्पुओं के कुंडों की चरमराहट सुनाई दे गयी थी।
एक छोटी-सी चप्पू वाली नाव उनकी तरफ हिलते-डुलते आ रही थी। फेनर देख सकता था कि उसमें चार लोग सिमटकर बैठे हुए थे और दो लोगों ने पतवार थाम रखी थी। उन्हें देखने के पश्चात फिर रीगर ने टॉर्च बंद कर दी।
“प्लेन की आवाज का ध्यान रखना। कान खुले रखो।” रीगर ने फेनर को नसीहत दी। फिर जैसे ही कुछ देर बाद वह छोटी-सी नाव उनकी नाव से टकराई तो उसने दोबारा रोशनी कर दी।
एक दुबला-पतला मैला-कुचेला चीनी उनकी नाव पर आ चुका था।
“मैं चार को लाया हूँ।” वह रीगर से बोला, “बाकियों को लाने में चार फेरे लगेंगे।”
“स्पेशल माल का क्या हुआ ?”
“चिंता न करो। उसे सबसे आखिर में लाऊँगा।”
रीगर ने फेनर को देखा और बोला, “चलो, काम शुरू करते हैं।”
फेनर कुछ कदम पीछे हुआ और इंतजार करने लगा। चीनी एक-एक करके नाव पर आने लगे। रीगर का काम उन्हें गिनना और एक-एक करके फेनर तक पहुँचने देना था। फेनर ढंग से उनकी जाँच करता और फिर उन्हें मिलर के पास भेज देता जो कि उन्हें आगे वाले केबिन का रास्ता दिखा देता। सभी चीनियों के कपड़े एक जैसे ही थे। उन्होंने चुस्त टी-शर्ट और घुटनों तक के पजामे डाले हुए थे। वह लोग भेड़ों के समान फेनर के पास आकर खड़े हो जाते थे और वह ढंग से उनकी तलाशी लेकर उन्हें मिलर की तरफ धकिया देता था।
इसके बाद दो बार नाव भरकर लोग आए और उनकी जाँच करने में कुछ वक्त लगा। जब उनकी जाँच चल रही थी तो वह मैला-कुचेला चीनी रीगर के बायीं तरफ खड़ा हुआ था। जाँच खत्म हुई तो वह रीगर से बोला, “सभी आ गये हैं, ठीक है। अब मैं तुम्हारा स्पेशल सामान लेकर आता हूँ।”
यह सुन रीगर, मिलर से बोला, “सभी चीनियों को बंद कर दिया ?” इस बार रीगर की आवाज में उसे एक तरह की घबराहट-सी लग रही थी।
“अच्छी तरह से।” मिलर ने जवाब दिया।
फेनर इस वक्त खड़ा यही सोच रहा था कि इनका स्पेशल सामान क्या हो सकता था ? वह रीगर और मिलर के बीच अब एक तरह का तनाव महसूस कर सकता था। वह अँधेरे में खड़े इंतजार कर रहे थे और उनके कान चप्पू वाली नाव की आवाज सुनने की कोशिश में लगे थे। आखिरकार समुद्र में नाव के चप्पू से होने वाली छप-छप की आवाज उन्हें सुनाई दी। रीगर ने सुना तो अपनी टॉर्च जलायी और बोट हुक से नाव को स्थिर करने की कोशिश करने लगा।
वह मैला-कुचेला चीनी फिर नाव पर चढ़ा। फिर वह नीचे की तरफ झुका तो चप्पू चलाने वाले ने उसे एक छोटे आकार के व्यक्ति को थमाया। उसने झटके से उसे खींचा और अब वह स्पेशल सामान नाव पर खड़ा था।
“तुम इसकी चिंता छोड़ दो।” फेनर उस नए व्यक्ति की तलाशी लेने को हुआ तो रीगर उसे रोकता हुआ बोला।
फेनर ने इस स्पेशल माल पर अब अपनी टॉर्च मारी तो उसके मुँह से एक हल्की-सी घरघराहट-सी निकली। वह एक लड़की थी। उसे इस बात का अंदाजा तो हो गया था। वह तेरह-चौदह साल की सुंदर चीनी थी। वह बहुत डरी हुई लग रही थी और सर्दी से काँप भी रही थी। उसने भी बाकियों की तरह चुस्त टी-शर्ट और घुटने तक का पजामा ही पहने हुआ था।
रीगर ने गाली देते हुए फेनर के हाथ पर मौजूद टॉर्च पर एक वार किया।
“तुम इससे अपनी नाक बाहर रखो।” वह दाँत किटकिटाते हुए फेनर से बोला। फिर रीगर ने मिलर को आदेश दिया, “मिलर, इसे छुपाकर रख दो।”
इसके बाद रीगर चीनी की तरफ पलटा तो चीनी ने उसे ऑइलस्किन (मोमजामा ) में लिपटा कुछ सामान थमाया। सामान थमाकर वह चीनी लॉन्ग बोट पर सवार हुआ और रात के उस स्याह अँधेरे में गायब हो गया।
उसके जाते ही फेनर गुस्से से दाँत किटकिटाता हुआ बोला, “जानते हो न उसके लिए कैसी सजा मुकर्रर है ?”
“ऐसा है क्या ? तुम्हें अब डर लग रहा है ?” रीगर उसका मज़ाक उड़ाता हुआ-सा बोला।
“मुझे लगता है मुझे बताया जाना चाहिए था कि तुम लोग औरतों की तस्करी कर रहे हो। यह ऐसा अपराध नहीं जिसे कोई आसानी से रफा-दफा कर दे।”
“तुम्हें क्या लगता है हम नहीं जानते ? अगर ला पाओ तो एक लड़की दस चीनियों के बराबर है। इसलिए अब रोना बंद करो।”
फेनर ने इसके जवाब में कुछ नहीं कहा। उसने रीगर को कॉकपिट में जाने दिया और खुद वहाँ खड़ा गंभीर सोच में डूब गया। क्या ये उस पहेली का जवाब था ? वह बारह चीनियों और एक औरत की तस्करी कर रहे थे। क्या मेरियन डेली की बहन इसी की तरफ इशारा कर रही थी ? या यह केवल एक संयोग था ? उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
“नाव वापस लेकर चलो, रीगर। आज के लिए काफी हो गया।” मिलर चिल्लाकर रीगर से बोला।
“ठीक कहते हो। उस कालिये को नाव शुरू करने को कहो।” रीगर ने जवाब दिया।
जैसे ही नाव के इंजन शुरू हुए नाव हिलने लगी थी। फेनर कॉकपिट की छत पर कमर टिकाकर बैठ गया और अँधेरे में नजरे फिराने लगा। वह बहुत ध्यान लगाकर गश्ती नाव की आवाज सुनने की कोशिश करने लगा। लेकिन न उसे कुछ सुनाई दिया और न दिखाई ही दिया।
तभी रीगर के चिल्लाने की आवाज उसे आई, “रॉस, तुम कहाँ मर गए हो ?”
फेनर झटके से कॉकपिट में उतरा और बोला, “क्या हो गया ? अँधेरे से डर लग रहा है क्या ?”
“मेरी बात ध्यान से सुन, भई। यहाँ तुम्हें मसखरी करने को नहीं लाए हैं। काम करने को लाएँ हैं तो वो करो। मैं चाहता हूँ कि तुम उन चीनियों के कमरे में जाओ और उन्हें जंजीरों से बाँध दो। जंजीरें उधर पड़ी हुई हैं।”
फेनर ने इशारा की गयी दिशा में देखा तो पाया कि वहाँ पर हथकड़ियों का एक ढेर पड़ा हुआ था जो कि आपस में जंजीरों से जुड़ी हुई थीं।
“किसलिए ?” वह बोला।
“तुम्हें क्या लगता है ? हमें थोड़ा सावधानी तो बरतनी पड़ेगी न ? अगर कोस्टगार्डों की कोई गश्ती नाव हमारे पीछे पड़ गयी तो उन चूहों को समुद्र में फेंकना पड़ सकता है। बँधे रहेंगे तो जल्दी पीछा छूटेगा।”
“कैसी-कैसी चीजें सोचते हो तुम।” फेनर, रीगर के हाथ से नाव का चक्का छीनते हुए बोला, “ये काम तुम ही करो। ये काम मेरे लिए नहीं है।”
वहाँ उस वक्त नेवीगेशन लाइट ही जली हुई थी। उसकी मद्धिम-सी रोशनी में रीगर कुछ देर तक फेनर को घूरता रहा और फिर बोला, “मुझे लगने लगा है तुम हमारे गैंग के ज्यादा काम नहीं आने वाले हो।” इसके बाद उसने वहाँ पड़ी जंजीरों को उठाया और कॉकपिट से बाहर निकल गया।
फेनर ने बुरा-सा मुँह बनाया। उसे लग रहा था कि वह ज्यादा देर तक यह नाटक जारी नहीं रख पाएगा। उसे जितनी जानकारी मिली थी उससे वह संतुष्ट था। अब सब कुछ ग्लोरी लीडलर के बयान पर निर्भर करता था। अगर उसे उस लड़की से अपने मतलब की चीज मिल जाती है तो वह फिर इन पर हमला कर इस पूरे मामले को खत्म कर सकता था।
फेनर इसी तरह अपने ख्यालों में खोया हुआ था कि एक गोली चलने की धीमी-सी आवाज ने उसका ध्यान आकर्षित किया। उसने आगे को देखते हुए सुनने की कोशिश की लेकिन आगे कुछ दिख नहीं रहा था। कुछ देर तक सब कुछ शांत रहा था और फिर थोड़ी देर बाद रीगर कॉकपिट में दोबारा दाखिल हुआ।
रीगर ने फेनर से स्टीयरिंग व्हील लिया तो फेनर ने उस पर एक नजर मारी। उसका चेहरा भावहीन था।
“कुछ दिक्कत हुई क्या ?” वह रीगर की शक्ल देखकर बोला।
रीगर दाँत दिखाकर मुस्कराया और बोला, “उन्हें जंजीरे पसंद नहीं आ रही थीं। मुझे एक हरामी को टाँग में गोली मारनी पड़ी। तब जाकर वो लोग शांत हुए।”
फेनर ने अपने बालों में हाथ फिराया। बारिश अब रुक चुकी थी लेकिन उसे सर्दी लग रही थी।
“तुम जाओ और मिलर को उस लड़की पर नजर रखने को बोलो।” अचानक रीगर, फेनर से बोला, “वैसे तो वह शांत लग रही थी लेकिन उसने चीखना-चिल्लाना शुरू किया तो दिक्कत हो सकती है।”
“मैं समझा नहीं”, फेनर बोला।
रीगर ने अपनी बत्तीसी दिखाई। “वो जो बारह चीनी उधर हैं उन्होंने छः हफ्तों से किसी औरत को छुआ नहीं है। अगर उन्हें पता चला कि यहाँ एक है तो वो बौरा जाएँगे। मैंने खुद ऐसा होता देखा है। एक बार मैं ऐसे ही एक माल की निगरानी के लिए एक पागल बेवकूफ के साथ नाव लेकर निकला हुआ था। उस दिन हमारे पास इतने ही चीनी रहे होंगे और एक छोटी मुलाटो लड़की थी। उस बेवकूफ ने चीनियों को उस लड़की को दिखा दिया। इसके बाद जो हंगामा हुआ वो मैं बता नहीं सकता है। मुझे दो लोगों को गोली मारनी पड़ी और दो को बेहोश करना पड़ा। वो लड़की इस हुड़दंग से इतना डर गयी थी कि उसने नाव से नीचे समुद्र में छलाँग लगा दी।” “हम्म...”, फेनर घुरघुराया और फिर कॉकपिट से बाहर आ गया।
फेनर नाव में पीछे की तरफ गया। गैली[28] के पीछे एक छोटा-सा केबिन मौजूद था जहाँ पर उन्होंने लड़की को रखा हुआ था। वह केबिन में दाखिल हुआ ही था कि उसे रुक जाना पड़ा। मिलर लड़की के साथ जबरदस्ती करने में व्यस्त था। मिलर ने उस चीनी लड़की को जमीन पर टिका रखा था और उसके चेहरे पर थप्पड़ों की बौछार कर रहा था। लड़की की कमीज चिथड़े चिथड़े हो चुकी थी और उसके कमर के निचले हिस्से से वह अर्धनग्न हो चुकी थी।
वहीं वह लड़की बिना कोई आवाज किए उससे खुद को बचाने के लिए लड़ रही थी। उसकी नाक और होंठ दोनों से ही खून निकल रहा था।
फेनर ने एक कदम आगे बढ़ाया और मिलर को कॉलर के सहारे पकड़ा। उसने झटका देकर मिलर को उठाया और उसे घिसटते हुए मिलर से दूर लेकर चला गया। जब वह लड़की से काफी दूर आ गए थे तो फेनर के एक जोरों की लात मिलर को जमाई जिससे जिससे वह उस छोटे से केबिन के दूसरी तरफ जाकर मुँह के बल गिरा।
मिलर धीरे-धीरे उठा और बैठ गया। उसका मोटा सफेद चेहरा केबिन में जल रही बत्ती की रोशनी में चमक रहा था। वह अब अपनी आँखों को सिकोड़कर फेनर पर ध्यान लगाने की कोशिश कर रहा था।
“यहाँ से निकल जाओ और मुझे अकेला छोड़ दो।” वह ऐसे बोला जैसे उसकी ज़बान मोटी हो गयी हो।
फेनर कुछ नहीं बोला। उसने अपने हाथों को अपने बगल में ढीला छोड़ा हुआ था और उधर खड़े रहकर उसके कुछ करने की प्रतीक्षा कर रहा था। मिलर ने केबिन के चारों तरफ नजर घुमाई, लड़की को देखा और हाथों तथा घुटनों के बल उसकी तरफ को बढ़ा।
फेनर अपनी जगह से हिला। उसका पैर आगे को हुआ और जोरों से मिलर की छाती पर टकराया। मिलर प्रहार से उलट गया। उसकी साँसे उखड़ चुकी थीं और उसके मुँह से खरखराहट की ध्वनि सी निकल रही थीं लेकिन उसकी नजरें लड़की पर ही जमीं हुई थीं। अपने एक हाथ से अपनी छाती को दबाए वह लड़की की तरफ को घुटनों के बल सरकने लगा।
फेनर ने अपनी बंदूक निकाली। “रुक जाओ!” वह चिल्लाया। “तुम सुन रहे हो ? मैंने कहा रुको!”
मिलर ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। मिलर ने हाथ बढ़ाकर लड़की के टखने को थाम लिया। फेनर ने यह देखा तो आगे बढ़ा और उसने मिलर की कलाई को अपने पैरों से कुचला लेकिन मिलर का टखना छोड़ने का इरादा नहीं लग रहा था।
फेनर का पारा अब सातवें आसमान पर जा चुका था। उसका चेहरा सफेद पड़ा हुआ था और उसके होंठ सिकुड़कर एक रेखा से नजर आ रहे थे। फेनर की बंदूक अब फिसलकर उसके हाथ में आ चुकी थी। उसने अपनी बंदूक को बेरल की ओर से पकड़ा और लाठी की तरह वह अब मिलर के कंधों पर बंदूक के दस्ते से प्रहार करने लगा था। वह मिलर को बेहोश नहीं करना चाहता था क्योंकि नाव चलाने में उसकी जरूरत हो सकती थी लेकिन अब मिलर को रोकना भी जरूर हो गया था।
मिलर थोड़ी देर के लिए रुका, उसने कंधे उठाकर अपने आप को वार से बचाने की कोशिश की और फिर अपने पैर से फेनर पर वार किया। फेनर ने अपनी साँस खींची और इस खेल को खत्म करने का फैसला कर दिया। उसने बंदूक को लाठी की तरह घुमाकर एक तेज प्रहार मिलर के सिर पर किया। मिलर पहले तो अकड़ा और फिर धराशाही हो गया। उसके शरीर में एक बार कंपन जरूर हुआ था जैसे वह अपनी माँसपेशियों पर काबू पाने की कोशिश कर रहा हो लेकिन फिर उसके शरीर ने उसका साथ छोड़ दिया और उसका सिर ठक की आवाज के साथ केबिन के फर्श से टकरा गया।
फेनर ने फिर अपनी बंदूक को दोबारा से उसकी जगह पर खोंसा और मिलर को लड़की के ऊपर से खींचा। फिर फेनर ने उसकी बाँहें थामी और उसे घसीटता हुआ केबिन से बाहर ले गया।
केबिन में होती आवाजों ने रीगर का ध्यान भी खींचा था। उसने अपना सिर कॉकपिट से निकाला और चिल्लाया, “उधर चल क्या रहा है ?”
फेनर ने रीगर को नजरंदाज किया और मिलर को डेक से पानी निकालने के लिए बनी नालियों पर ले जाकर पटक दिया।
मिलर तब तक होश में आ गया था। वह अपना सिर पकड़कर उधर बैठा हुआ भद्दी भद्दी गालियाँ बक रहा था।। फेनर उसे नजरंदाज कर कॉकपिट की तरफ बढ़ गया। वह नीचे उतरा तो रीगर ने उससे सवाल किया, “क्या चल रहा है ?”
फेनर को अभी भी अपनी आवाज संयत करने के लिए मेहनत करनी पड़ी थी।
“वो... वो कमीना मिलर, लड़की के साथ मुँह काला कर रहा था। मुझे उसका दिमाग ठिकाने पर लगाना पड़ा।”
रीगर ने अपने कंधे ऐसे उचकाये जैसे उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा हो।
“कभी न कभी तो वह शुरुआत करेगी ही। बाद में करे या पहले क्या फर्क पड़ता है। वैसे तुम्हें लड़की की बड़ी चिंता हो रही है।” वह ताना कसते हुए फेनर से बोला।
फेनर ने इसका जवाब देना जरूरी नहीं समझा। वह तब तक रोशनी के उस छोटे से स्रोत को देखने लगा था जो कि उनकी तरफ के बंदरगाह में हिल रहा था। इससे पहले रीगर कुछ समझ पाता उसने उधर से अपनी नजर हटा दी। क्या वो गश्ती नाव हो सकती थी ? वह सोचने लगा।
तभी मिलर, जो तब तक किसी तरह अपने पैरों पर खड़ा हो चुका था, ने चिल्लाकर उन्हें चेताया। शायद उसने भी उस रोशनी को देख लिया था। रीगर ने उस दिशा में देखा और वह स्टीयरिंग व्हील को घुमाने लगा।
“कोस्टगार्ड हैं।” वह बोला, “शायद हम उनकी नज़रों से बचने में कामयाब हो जाएँ।”
उनकी नाव में अभी भी कोई लाइट नहीं जल रही थी लेकिन अब चाँद बादलों के आगोश से निकल आया था और उसकी चाँदनी में उनकी नाव आसानी से देखी जा सकती थी।
फेनर ने रोशनी की ओर देखा तो पाया कि वह थोड़ा-सा हिली और फिर उनकी तरफ बढ़ने लगी।
“उन्होंने हमें देख लिया है।” वह हौले से बोला।
रीगर ने मिलर को आवाज लगाई और नाव को जितना तेज हो सके उतना तेज भगाने लगा। मिलर लड़खड़ाते हुए नीचे कॉकपिट में पहुँचा। उसने खा जाने वाली नज़रों से फेनर को घूरा लेकिन तभी रीगर दहाड़ा, “ये स्टीयरिंग व्हील संभालो। मैं बंदूक निकाल रहा हूँ। मुझे लग रहा है शायद उनकी नाव हमसे तेज है।”
मिलर ने स्टीयरिंग व्हील संभाला और रीगर नाव के पिछले हिस्से में चला गया। फेनर भी कॉकपिट से निकला और रीगर के पीछे हो लिया। वह रोशनी उनके नजदीक आती जा रही थी। वहीं चाँद ने अपनी चाँदनी से पूरे समुद्र को रोशन कर दिया था। फेनर अब उनका पीछा करने वाली नाव को देख सकता था। तीव्र गति के कारण उसका आगे का हिस्सा पानी से बाहर को निकला हुआ था जिसे फेनर देख पा रहा था।
“ये नाव हमें पकड़ लेगी।” वह रीगर से बोला।
रीगर ने इंजनरूम में आवाज लगाई तो वहाँ मौजूद काले आदमी ने उन्हें एक थॉम्पसन गन थमा दी। रीगर ने वह फेनर को पकड़ाई और आदमी से दूसरा बंदूक माँग लिया।
“तुम बंदरगाह की तरफ को जाओ और उन पर गोलियाँ चलाते रहना।” रीगर लेटते हुए फेनर से बोला।
फेनर उसकी बात मान अपनी जगह पर पहुँचा और लेट गया। उसने मशीनगन से गोलियों की दो बौछार की मगर इस बात का ध्यान रखा कि गोलियाँ नाव से काफी ऊपर चली जाएँ। उसके तुरंत बाद रीगर ने गोलियाँ चलाना शुरू कर दिया। उसका निशाना सटीक था। अपनी जगह पर पड़े-पड़े भी फेनर ने नाव के आगे वाले हिस्से से गोलियों को टकराते और उसके किरचे उड़ाते हुए देखा।
तभी उन पर जवाबी हमला हुआ और फेनर को उससे बचने को अपनी मुंडी झुका देनी पड़ी। फेनर को बंदूकों से निकलती लंबी पीली रोशनी दिखाई दे रही थी और गोलियों की उनकी नाव से टकराने की आवाज सुनाई दे रही थी। कोस्ट गार्डों ने इतनी गोलियाँ उन पर चलायी कि शुरुआती हमले के बाद फेनर और रीगर दोनों का ही वापिस जवाब दे पाना मुश्किल हो गया।
मिलर कॉकपिट की आड़ लेकर यह सब देख रहा था। उनकी हालत देख वह चिल्लाया, “कुछ करो। वो लोग कुछ ही सेकंडों में यहाँ पहुँच जाएँगे।”
रीगर ने ओट से मुंडी निकाली तो उसे दिखाई दिया कि वह नाव अब उनसे केवल छः फीट की दूरी पर थी। तभी उधर से गोलियाँ बरसने के चलते लकड़ी की किरचें उड़ने लगीं और उसे छुप जाना पड़ा।
फेनर ने सिर घुमाया तो उसे रीगर जमीन पर पेट के बल लेटे हुए दिखा।
“सिर दर्द के लिए तैयार रहना।” रीगर उसे चेतावनी देते हुए चिल्लाया और एक तरफ को मुड़कर उसने एक छोटी गेंद जैसी चीज को उछालकर उस नाव पर फेंक दिया।
वहाँ पर आँखें चौंधियाने लायक रोशनी हुई और एक तेज धमाका हुआ और फिर तुरंत ही कोस्टगार्डों की नाव पीछे छूटने लगी।
“नाव को भगाते रहो।” रीगर ने चिल्लाकर मिलर को आदेश दिया और बैठकर कोस्टगार्ड की बोट को आग की लपटों में घिरता हुआ देखने लगा। वह घिसटते हुए फेनर तक गया और उससे बोला, “ये पहली दफा था जब हमने ऐसा कुछ किया है। ये कार्लोस के आइडिया भी कमाल के होते हैं। अगर हमारे पास वो बम नहीं होता तो अभी उन चीनियों को समुद्र में फेंकना पड़ता और सारी मेहनत पर पानी फिर जाता।”
फेनर के गले से केवल एक गुर्राहट ही निकली। वह उस जलती हुई नाव से अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा था जो कि तेजी से छोटी-सी लाल रंग की रोशनी में परिवर्तित होती जा रही थी। वह धीरे-धीरे खड़ा हुआ। तब तक रीगर आगे जा चुका था। वह दूर मौजूद एक झिलमिलाती हरी रोशनी की तरफ इशारा कर रहा था। मिलर ने नाव की दिशा को थोड़ा-सा बदला ताकि वह रोशनी की तरफ जा सकें।
“वही आदमी हमारा माल लेगा।” रीगर चिल्लाकर फेनर से बोला, “ बधाई हो। आज का काम अच्छे से निपट गया।”
फेनर अब उस हरी रोशनी को नजदीक आते हुए देख रहा था। उसको अब मालूम हो चुका था कि उसे अपनी योजना के अगले चरणों को शुरू करना होगा। कार्लोस के साथ चल रहा यह खेल अब काफी लंबा खिंच गया था।
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