ऊपर कॉफी शॉप में पहुँचकर फेनर को लगा जैसे वह असल दुनिया में लौट आया था। नीचे के माहौल ने तो एक तरह का खौफ उसके अंदर भर दिया था। वह दुकान के कोने में मौजूद एक छोटी-सी टेबल पर जाकर बैठ गया। बैठकर उसने तीन गहरी साँसे ली और खुद को व्यवस्थित किया। कार्लोस भी आकर टेबल की दूसरी तरफ उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठ चुका था। वहीं बग्सी और रीगर दुकान से निकलकर सड़क में कहीं गायब हो गए थे।
कार्लोस ने अपनी जेब से एक पुड़िया निकाली और फिर उससे एक सिगरेट तैयार करने लगा। जिस तम्बाकू को वह सिगरेट में भर रहा था वह रेशेदार और हल्का पीलेपन लिए भूरे रंग का था। तभी एक बड़ी-बड़ी आँखों वाली लड़की उधर आई और कड़क ब्लैक कॉफी के दो छोटे- छोटे कप उधर रख गयी। लड़की के जाते ही कार्लोस फेनर से बोला:
“अब तुम इस खेल में शामिल हो चुके हो। अगर तुम्हें ये पसंद नहीं आ रहा है तो कह दो और तुम अलग हो सकते हो। अगर तुम आगे बढ़ना चाहते हो तो मैं तुम्हें बताऊँगा कि हम कैसे काम करते हैं। एक बार तुम यह जान गए तो फिर तुम चाहकर भी खुद को अलग नहीं कर पाओगे। समझ रहे हो न मैं क्या कह रहा हूँ ?” कहकर कार्लोस एक सर्द मुस्कान मुस्कराया।
फेनर ने सिर हिलाकर सहमति दर्शाई।
“मैं रुक रहा हूँ।” वह बोला।
“जल्दबाजी मत करो। ।” कार्लोस उसे सलाह देते हुए बोला, “अगर कोई मेरे मामलों के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद बाहर निकलने की सोचता है तो उसकी ज़िंदगी में साढ़े साती शुरू हो जाती है।”
“तुम्हें क्यों इतनी चिंता हो रही है ? अगर मुझे पसंद नहीं आया तो जो होगा उसका जिम्मेवार मैं होऊँगा।”
कार्लोस ने चुपचाप कॉफी का एक घूँट लिया और भावहीन आँखों से कैफै के पार देखने लगा। फिर अचानक ही वह बोला, “पश्चिमी तट पर सस्ते चीनी मजदूरों की काफी माँग है। जब मैं सस्ते की बात करता हूँ तो मेरा आशय सस्ते से ही है। वहाँ का जो महकमा है वह चीनियों को पसंद नहीं करता है और इसलिए उन्हें आने नहीं देता है। अब ऐसा करना बेवकूफाना है। वहाँ माँग है लेकिन जिन्हें वो लोग चाहिए वो उन्हें रख नहीं सकते । मेरा धंधा बस यही है। मैं उन्हें जरूरतमंदों तक पहुँचाता हूँ।”
फेनर ने सिर हिलाया और बोला, “यानी उनकी तस्करी करते हो।”
“ये आसान भी है। इधर पूर्वी तट पर ऐसी सैकड़ों जगहे हैं जहाँ पर मैं उन्हें उतरवा सकता हूँ। यहाँ के कोस्टगार्ड मुझे ज्यादा परेशान नहीं करते हैं। हाँ, कभी-कभी किस्मत खराब रहती है तो दिक्कत आती है लेकिन उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।”
फेनर ने अपना सिर खुजाया जैसे वह कुछ परेशान-सा हो और बोला, “इस धंधे में ज्यादा पैसा तो होगा नहीं ?”
कार्लोस ने यह सुन अपनी बत्तीसी दिखाई।
“तुम अभी भी नहीं समझे।” वह बोला, “देखो, इसे इस तरह से समझो। पहले तो ये चीनी ही यहाँ आने के लिए मरे जाते हैं। मेरा एक आदमी है जो कि हवाना में ऐसे लोगों से संपर्क साधता है। वह लोग उसे खाड़ी पार कराने के लिए पैसा देते हैं। इन लोगों को यहाँ आने का इतना चस्का है कि ये पाँच सौ से हजार डॉलर तक देने के लिए तैयार रहते हैं। हम लोग एक बारी में बारह ऐसे लोगों को लेकर आते हैं। एक बार कोई मेरी नाव पर चढ़ गया और उसने पैसे दे दिए तो वह मेरा माल हो जाता है। उन्हें लेकर मैं पश्चिमी तट तक ले जाता हूँ। वहाँ पर मुझे एक ठीक-ठाक चीनी के पाँच सौ डॉलर तक मिल जाते हैं।”
यह सुनकर फेनर के माथे पर बल पड़ गए।
“यानी चीनी यहाँ आने के लिए पैसे देते हैं और एक बार वो आ गए तो तुम उन्हें बेच देते हो ?”
कार्लोस ने सहमति में अपना सिर हिलाया।
“तो ये है अपना धंधा।” वह बोला, “हमें दोनों तरफ से फायदा होता है। इस हफ्ते मैं पचास चीनियों को पार करा चुका हूँ। सारे खर्चे निपटाने के बाद भी इस काम से मुझे तीस हजार का मुनाफा मिलना तय है।”
इस खुलासे ने फेनर को आश्चर्य में डाल दिया था।
“लेकिन ये चीनी अपना मुँह क्यों नहीं खोलते हैं ? इनका आगे जाकर क्या होता है ?”
“कैसे खोल लेंगे, भई। वो गैरकानूनी तरीके से यहाँ रह रहे हैं। वो पुलिस के पास तो जा नहीं सकते हैं। अगर गए तो उन्हें जेल होगी और उन्हें वापिस वहीं भेज दिया जाएगा जहाँ से भागकर वह आए थे। हम लोग उन्हें जहाँ लगाते हैं वहाँ उन्हें दो वक्त की रोटी मिल जाती है और वो इसमें ही खुश रहते हैं। वो तुम्हें हर जगह जैसे गाड़ी धोने की जगहों, रेस्तराँ, लॉन्ड्रियों इत्यादि में काम करते दिख जाएँगे।”
“अच्छा, तुम उस बुड्ढे से वह खत क्यों लिखवा रहे थे ?”
कार्लोस ने फेनर को देखा और बोला, “मैं तुम्हें ढेर सारी बातें बता रहा हूँ, है न ?”
फेनर ने उससे आँखें मिलायी और कहा, “बच्चों जैसी बातें मत करो। मुझे तुम जो भी बताओगे उसे लेकर तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है।”
“देखो, उस बुड्ढे के चीन में तीन बेटे हैं। यहाँ पर हमें जितने चीनी चाहिए उतना आ नहीं रहे हैं। मैंने उन्हें यहाँ बुलाने के लिए उससे उनके नाम चिट्ठी लिखवायी है। उसमें वही सब लिखवाया है जिससे वह भी यहाँ आने को मरें। जैसे वह इधर आकर कितना खुश है, यहाँ कितनी अच्छी ज़िंदगी बिता रहा है और यहाँ कितना पैसा कमा रहा है। मुझे यकीन ये सब पढ़कर वो लोग इधर आ ही जाएँगे। वो लोग ऐसी बातों से आसानी से बेवकूफ जो बनते हैं।”
फेनर ने अपनी कुर्सी पीछे धकेली और बात को समाप्त करते हुए बोला, “इस सब में मैं कहाँ फिट होता हूँ ?”
“शायद तुम जलसंधि के पार एक छोटी-सी ट्रिप पर जाकर मेरे लिए कुछ माल उठाना चाहो। एक-दो दिन में मैं लोगों को भेजने वाला हूँ।”
फेनर ने सिर हिलाया और बोला, “ठीक है, मैं चला जाऊँगा। मैं हर दिन अड्डे पर आता रहूँगा। तुम्हारा अड्डा मेरे लिए काफी महंगा है तो उधर रहने में मैं सहज महसूस नहीं करूँगा। मुझे लगता है कुछ दिनों तक मैं हावर्थ में रहूँ तो बेहतर रहेगा।”
“जैसी तुम्हारी मर्जी।” कार्लोस कंधे उचकाता हुआ बोला, “बग्सी तुम्हारे कॉन्टैक्ट में रहेगा।”
फेनर ने सहमति दर्शाई और अपनी कुर्सी पीछे कर दी।
“ठीक है।” वह बोला और खड़ा हो गया। इसके बाद वह कार्लोस को कैफ़े में बैठा हुआ छोड़कर उस कैफ़े से बाहर निकल गया।
फेनर सड़क पर आगे बढ़ने ही लगा था कि बग्सी अचानक से आकर फेनर के पीछे-पीछे चलने लगा। फेनर ने अपनी गर्दन मोड़कर उसे देखा तो रुक गया। फिर वह साथ-साथ आगे बढ़ने लगे।
“तगड़ा खेल है, है न ?” फेनर बोला।
बग्सी ने सिर हिलाकर सहमति दर्शाई और थोड़ा उदासीन लहजे में बोला, “हाँ, उन लोगों के लिये तो ठीक-ठाक है जो ऊँचे ओहदे पर हैं। मुझे इतना फायदा नहीं हो रहा है।”
फेनर ने उसे कुछ सोचते हुए टेढ़ी निगाहों से देखा।
“क्या तुम्हें यहाँ से कुछ नहीं मिल रहा ?”
“नहीं-नहीं, मिल क्यों नहीं रहा।” , बग्सी जल्दी से बोला, “मैं किसी तरह की शिकायत थोड़े न कर रहा हूँ।”
वह वाटरफ्रंट के किनारे-किनारे चलते रहे। फेनर को इतना तो अंदाजा हो गया था कि बग्सी बाकियों की तुलना में ज्यादा सीधा-सादा था। उसे लगने लग गया था कि वह अगर सही तरीके से कोशिश करे तो बग्सी उसके काम का साबित हो सकता था। यही सोचकर उसने अगला प्रश्न दागा, “वैसे यहाँ तुम कितना कमा लेते हो ?”
“सौ डॉलर।”
“यार, ये तो बहुत ही ज्यादा कम है।”
“है तो लेकिन आजकल टाइम भी कहाँ ठीक चल रहा है।”
“हाँ, ये तो है। बड़ा मुश्किल वक्त है।” फेनर बोला।
वह वाटरफ्रंट के किनारे ऐसे ही वहाँ खड़ी नावों को देखते हुए टहलते जा रहे रहे थे। तभी किसी चीज ने फेनर का ध्यान आकर्षित किया और वह ठिठक गया। यह एक लक्जरी मोटरबोट थी जो कि जेटी के किनारे लगी हुई थी।
“शानदार नाव है।” वह नाव को देखते हुए बोला।
बग्सी ने आँखों को सिकोड़ा।
“हाँ।” वह दुखी-सा होता बोला, “काश, मैं भी ऐसा कुछ खरीद पाता।”
फेनर ने उसे उत्सुकता से देखा और कहा, “पर तुम इसका करोगे क्या ?”
“मैं!” बग्सी एक आह-सी भरते हुए बोला, “भई, कई सारी लड़कियों को इकट्ठा करूँगा और उन्हें इसमें घुमाने के लिए ले जाऊँगा। ये नावें इसी काम तो आती हैं ?”
फेनर अब बग्सी की बातें नहीं सुन रहा था। फिलहाल उसका पूरा ध्यान उस लाली लिए हुए सुनहरे बालों वाली लड़की पर केंद्रित था जो कि बड़े से केबिन से बाहर निकली थी। वह एक आकर्षक शरीर की मालकिन थी जिसकी सुडोल छातियाँ तनी हुई, टाँगे लंबी और पाँव लंबे और पतले थे। उसने सफेद पतलून, लाल सैंडल और लाल ही रंग की ऊँचे कॉलर वाली जर्सी पहनी हुई थी। उसे देख फेनर को एक तरह का रोमांच-सा महसूस हुआ क्योंकि उसे पता था कि वह कौन है। वह उनके बीच की समानता को देख सकता था। वह मेरियन डेली की बहन थी। वही लड़की जिसकी तलाश में वह यहाँ पर आया था।
अब बग्सी का ध्यान भी उधर जा चुका था। उसे देख बग्सी के मुँह से एक हल्की सीटी-सी निकल गयी।
“क्या आइटम है!” वह बोला।
“पहचानते हो ?” फेनर ने पूछा।
“मैं! क्यों मज़ाक करते हो ? अगर मैं उसे जानता होता तो यहाँ पर होता क्या ?” बग्सी ने उसे ऐसी लालसा से देखा जैसे जानता हो कि वो उसकी पहुँच से बाहर थी। फिर वह बोला, “क्या कहते हो ऊपरी हिस्सा असली हैं या फिर नकलीं ?”
फेनर ने उसकी बात फिर से अनसुनी कर दी थी। उसने नाव पर दर्ज नाम नैन्सी डब्ल्यू देखा और आगे बढ़ गया।
“तुम मेरे साथ हो इसलिए मैं अभी यहाँ पर हूँ।” फेनर बोला, “अगर मैं अकेले होता तो अब तक उसके साथ सब कुछ कर चुका होता”
बग्सी ने एक व्यंग्य भरी मुस्कान दी। “तुम उसे चूम भी नहीं पाते। वो एक ऊँची आइटम है। गुंडे मवालियों को घास नहीं डालेगी।”
फेनर फिर उसे एक बार में ले गया और बोला, “चाहे जो भी दोस्त, एक कोशिश तो मैं फिर भी करूँगा ही।”
जब बारमैन उनका ऑर्डर लेने आया तो फेनर उससे बोला, “वो वहाँ पर शानदार नाव है।”
बारमैन ने एक भावहीन नजर खुले दरवाजे के बाहर को डाली और सिर हिलाकर सहमति दर्शाई।
“क्या लोगे ?” फिर वह बोला।
फेनर ने दो जिन स्लिंग का ऑर्डर दिया। जब बारटेंडर उनकी ड्रिंक लेकर आया तो उसने अगला सवाल किया, “किसकी है ?”
बारटेंडर ने अपना सिर खुजाया और बोला, “क्या नाम है उसका ?”
“नैन्सी डब्ल्यू।”
“हाँ, वो तो शानदार है। थेलर की है। मालदार आसामी है।”
बग्सी ने यह सुन एक आह सी -सी भरी और कहा, “ऐसी लड़की के साथ होने के लिए मालदार होना ही पड़ता है।”
“थेलर ? ये करता क्या है ?” फेनर ने अगला सवाल किया।
“पैसे उड़ाता है।” बारटेंडर कंधे उचकाते हुए बोला, “एक अमीर प्लेबॉय है शायद।”
“यहीं आस-पास रहता है ?”
“जिसके पास ऐसी नाव रहेगी वह क्या यहाँ आस-पास रहेगा ?”
फेनर तब तक अपनी आधी जिन स्लिंग पी चुका था। उसने अपना गिलास नीचे किया और पूछा, “और वो लड़की ?”
यह सुन बारटेंडर ने अपनी बत्तीसी दिखाई और बोला, “मैंने उनका हिसाब रखना छोड़ दिया है। कभी-कभी तो लगता है जैसे उसे ऐसी लड़कियों को ठोक पीटकर जाँचने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है।”
“ये तो बड़ा अच्छा काम है।” बग्सी मज़ाक में हिस्सा लेते हुए बोला, “क्या पता उसे इस काम में किसी मदद की दरकार हो।”
“ऐसे आदमी से मिलना चाहो तो कहाँ मिल सकते हो ?” फेनर ने पूछा।
“मिलना ? वो घूमता-फिरता रहता है। नूओलन के जुआघर में तो अक्सर देखा जा सकता है।”
“तो नूओलन का जुआघर भी है ?” फेनर, बग्सी को देखकर बोला।
“नूओलन चुका हुआ कारतूस है।” बग्सी ने उपहास उड़ाते हुए जवाब दिया।
“मुझे लगने लगा है।” फेनर गिलास को टेबल पर रखते हुए बोला। इसके बाद उसने बग्सी की बाँह में बाँह डाली और उसे बार से बाहर धूप में ले आया।
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नूओलन का जुआघर ओलिविया और व्हॉइटहेड के मोड़ पर मौजूद हेमिंगवे के घर के नजदीक ही था।
फेनर ने अपनी टैक्सी हेमिंगवे हाउस को देखने के लिए थोड़ी देर रुकवाई और फिर कैसीनो की तरफ बढ़ गया।
वह एक शोरगुल और नदी की महक से लबालब भरी एक गर्म शाम थी। कैसीनो एक बड़े से सजे-सँवरे बाग के पीछे की तरफ मौजूद था। बाग से होता हुआ एक अर्ध चंद्राकार रास्ता सामने के विशालकाय दो पल्लों वाले दरवाजे तक जाता था। घर में मौजूद दो पोर्च और पीले रंग की लूवर शटर लगी मेहराबदार खिड़कियाँ इसे एक अलग-सा वैभव प्रदान कर रहे थे।
कई गाड़ियाँ ड्राइव-वे तक सरकते हुए जाती थीं और अपनी सवारियों से निजात पाकर वापिस सड़क तक सरकते हुए आ रही थीं।
फेनर ने टैक्सी के पैसे भरे और मुख्य दरवाजे तक जाती पत्थर से बनी चौड़े कदमों वाली एक लंबी सीढ़ी चढ़ने लगा। दरवाजा खुला हुआ था और वहाँ पहुँचने पर उसे एक जगमगाती लॉबी दिखाई दी थी।
दरवाजे पर दो लोग खड़े थे जो बड़े गौर से उसे देख रहे थे। फेनर का अंदाजा था कि वह नूओलन के गुर्गे होंगे। वह लॉबी से होता हुआ एक बड़े से कमरे में पहुँचा जहाँ दो मेजों पर खेल चल रहा था। वह अब उस नाव वाली लड़की को देखने की उम्मीद में कमरे का चक्कर काटने लगा।
उसे कमरे में आये पाँच मिनट भी नहीं बीते होंगे कि सूट पहना हुआ एक छोटे कद का क्यूबन उसके सामने आकर खड़ा हो गया।
“क्या आप मिस्टर रॉस हैं ?” उसने सम्मानपूर्वक फेनर से पूछा।
“हूँ, तो क्या ?” फेनर ने सवाल दागा।
“क्या आप कुछ देर के लिए ऑफिस में आने का कष्ट करेंगे ?”
फेनर मुस्कराया।
“मैं यहाँ पर तफरी करने आया हूँ।” वह बोला, “मैं ऑफिस में आकर क्या करूँगा ?”
तब तक दरवाजे पर खड़े वह दो आदमी भी भीड़ को चीरते हुए फेनर के अगल-बगल खड़े हो गए। उनके चेहरे पर मुस्कराहट थी लेकिन आँखें एकदम सर्द थीं।
“मुझे लगता है, ऑफिस आना आपके हित में होगा।” वह क्यूबन विनम्रता से बोला।
फेनर को लग गया था कि अब इनकार करके कोई फायदा नहीं होने वाला है। उसने अपने कंधे उचकाये और क्यूबन के साथ चल दिया। वह लोग कमरा पार करके लॉबी तक आए और फिर बाईं तरफ मौजूद एक छोटे से कमरे में दाखिल हो गए।
कमरे में नूओलन चहलकदमी कर रहा था। उसकी गर्दन इस तरह झुकी हुई थी कि उसकी ठोढी उसकी छाती से लगी हुई थी और उसके दाँतों के बीच एक मोटा सिगार फँसा हुआ था। फेनर भीतर दाखिल हुआ तो उसने सिर उठाकर एक नजर उस पर मारी।
फेनर के साथ आए क्यूबन ने बाकी के दोनों लोगों को बाहर ही छोड़कर दरवाजा बंद कर दिया।
नूओलन पहले से बेहतर दिख रहा था। वह अधिक साफ-सुथरा था और उसका टक्सीडो भी उस पर जँच रहा था।
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?” नूओलन ने सवाल किया।
“ये जगह सबके लिए है, न ? फिर तुम क्यों परेशान हो रहे हो ?”
“हम यहाँ पर कार्लोस के गुर्गों को आने नहीं देते हैं।”
फेनर यह सुनकर हँसा। वह आगे बढ़ा और एक बड़े-से चमड़ा मढ़ी आराम कुर्सी पर बैठते हुए बोला, “बेवकूफों जैसी बातें मत करो।”
नूओलन अब बिल्कुल स्थिर खड़ा था।
“तुम्हारे लिए यही अच्छा रहेगा कि तुम अभी-के-अभी यहाँ से निकल जाओ और फिर इधर मत आना।”
फेनर ने अपना एक हाथ उठाया और बोला, “अपने गुर्गे को यहाँ से जाने को कहो। मुझे तुमसे बात करनी हैं।”
नूओलन एक पल को झिझका जरूर लेकिन फिर उसने क्यूबन को एक इशारा किया और वह बाहर चले गया। ।
“यूँ अकड़ दिखाकर तुम कार्लोस से पार नहीं पा पाओगे। ।” फेनर अपनी टाँगों को फैलाते हुए बोला, “तुम अक्ल से काम क्यों नहीं लेते ?”
“तुम आखिर चाहते क्या हो ?” नूओलन ने अपना प्रश्न दागा, “तुम्हारे बारे में कुछ तो ऐसा है जो कि मुझे खटक रहा है।”
“पता नहीं लेकिन साथ बने रहोगे तो फायदे में रहोगे।” फेनर संजीदगी से बोला, “अगर मैंने जो सोचा है वो हो जाता है तो इस शहर में काफी कुछ बदलने वाला है। ऐसा करने के लिए मुझे तुम्हारी जरूरत पड़ सकती है। मुझे न कार्लोस पसंद है और न ही उसका धंधा पसंद है। मैंने उसे बर्बाद करने का मन बना लिया है।”
फेनर की यह बात सुन नूओलन ठठाकर हँस पड़ा, “पागल हो क्या ? जानते भी हो कार्लोस क्या चीज है ? वो चाहे तो तुम्हें चींटी की तरह मसल देगा।”
फेनर ने सिर हिलाकर सहमति दर्शाई और बोला, “तुम्हारी गलती नहीं है। फिलहाल ऐसा ही लग रहा होगा लेकिन यकीन जानो ऐसा होने नहीं वाला है। तुम अपना बताओ ? तुम देखना चाहोगे उसे बर्बाद होना ?”
नूओलन पहले तो झिझका और फिर सहमति में सिर हिलाते हुए बोला, “चाहता तो हूँ पर ऐसा कम-से-कम मेरे जीते जी होने के आसार नहीं हैं।”
फेनर कुछ देर तक अपने जूते की नोक को देखता रहा।
“अच्छा, ये बताओ अगर मुझे लोगों की जरूरत पड़े तो तुम दे सकते हो ?”
नूओलन आया और कुर्सी पर बैठ गया।
“मेरे पास लोग तो हैं।” वह सावधानी बरतते हुए बोला, “लेकिन वो उतने अच्छे नहीं है। कार्लोस के खिलाफ जाने में वो घबराएँगे।”
फेनर ने यह सुन अपने दाँत दिखा दिए।
“तब नहीं डरेंगे जब देखेंगे कि कार्लोस के हाथों से चीजें फिसलती जा रही हैं। मुझे उसी समय उनकी जरूरत होगी।”
नूओलन ने अपनी एक हाथ की उँगलियाँ दूसरे में फँसाई और फिर सोच-विचार करने लगा। काफी देर तक वहाँ शांति छायी रही। आखिरकार वह बोला, “तुम बहुत झोल-झाल काम कर रहे हो। अगर मैंने कार्लोस से इस बारे में बात कर ली तो ?”
फेनर ने कंधे उचकाये और बोला, “लेकिन तुम ऐसा करके अपने पाँव पर क्यों कुल्हाड़ी मारोगे ? जबकि अगर तुम मेरे द्वारा कार्लोस को बर्बाद किए जाने का इंतजार करते हो तो सबसे ज्यादा तुम्हें ही फायदा होने वाला है।”
“ठीक है, तुम काम शुरू करो। जब मुझे लगेगा कि तुम कुछ आगे बढ़ रहे हो तो जो मदद चाहोगे वो मैं दे दूँगा। लेकिन ये मत सोचना कि तुम मेरे इलाके में गड़बड़ कर सकते हो। अगर तुमने ऐसा कुछ किया जो मुझे पसंद नहीं आया तो मैं तुम्हें ठिकाने लगाने में जरा भी नहीं हिचकूँगा।”
“इस बारे में परेशान होने की जरूरत नहीं है।” फेनर खड़ा होते हुए बोला, “इस दूसरी बात के लिए हमें काफी वक्त मिलेगा।”
नूओलन ने सिर उठाकर संदेह से फेनर को देखा।
“रॉस, मुझे तुम पर विश्वास बिल्कुल भी नहीं है। तुम बहुत काइयाँ आदमी हो।”
“थेलर कौन है ?” फेनर ने बात बदलते हुए पूछा।
“थेलर! उससे तुम्हें क्या लेना-देना ?” थेलर का नाम सुनकर नूओलन की आँखों में अचानक से गुस्सा और सतर्कता आ गयी थी।
“दोपहर में उसकी नाव देखी थी। अच्छी बनी है। मुझे किसी ने बताया था कि वो यहाँ आता-जाता रहता है तो सोचा उससे मिल लूँ।”
नूओलन खड़ा हुआ और चलकर दरवाजे तक गया।
“वो बाहर ही मौजूद है। चलो, दिखाता हूँ।” वह फेनर से बोला।
फेनर, नूओलन के पीछे-पीछे मुख्य हॉल तक आया।
“मुझे बताओ, वो कौन है ?” वह बोला, “मैं उससे मिलना चाहता हूँ।”
नूओलन कुछ देर तक कमरे में दायें-बाएँ देखता हुआ भटकता रहा और एक जगह रुककर इशारा करता हुआ बोला, “वो तीसरी टेबल पर खेल रहा है। वो आदमी जो सुनहरे बालों वाली लड़की के बगल में बैठा हुआ है।”
फेनर ने लड़की को देखा तो वह उधर बैठी कयामत लग रही थी। कैसीनो की मद्धम रोशनी उसके लाली लिए हुए सुनहरे बालों से टकराकर एक तरफ उसकी आँखों पर गहरी छाया-सी बना रही थी, तो दूसरी तरफ वह उसके लाल होंठों में चमक पैदा कर रही थी। उसने एक काले रंग की ड्रेस पहनी हुई थी जो उसके शरीर पर मढ़ी हुई लग रही थी।
“वो लड़की कौन है ?” फेनर लापरवाह लहजे में बोला।
“ग्लोरी लीडलर। कमाल है न ?” नूओलन का चेहरा यह बोलते हुए सुर्ख हो गया था और उसकी नीली आँखें पनीली हो गयी थीं। फेनर अब उत्सुकता से नूओलन को देख रहा था। नूओलन आगे बोला, “थेलर से मिलना चाहते हो तो तुम्हें इंतजार करना पड़ेगा। वो अभी डिस्टर्ब होना नहीं चाहेगा।”
“कोई नहीं।” फेनर ने जवाब दिया, “अच्छा ये बताओ, ये लीडलर का क्या किस्सा है ?”
नूओलन ने सवाल सुन सिर घुमाया और फेनर को गौर से देखा।
“अचानक से उसमें इतनी रुचि क्यों ?”
“क्यों नहीं होगी ? वो इतनी खूबसूरत जो है।”
नूओलन के चेहरे पर व्यंग्यात्मक मुस्कान नुमाया हुई।
“चलो, तुम अपना ख्याल रखो। मैं थोड़ी देर में आता हूँ। मुझे कुछ काम करना है।” नूओलन बात खत्म करता हुआ बोला और वहाँ से चला गया।
फेनर को नूओलन को जाते हुए देखता रहा। उसे नूओलन का व्यवहार थोड़ा अजीब लगा था। फिर नूओलन के विषय में सोचते हुए कमरे के आखिर में मौजूद एक छोटे से बार की तरफ बढ़ गया।
बार में पहुँचकर उसने एक राई एण्ड जिन्जर ऑर्डर की और बार पर टेक लगाकर खड़ा हो गया। जहाँ वह खड़ा था वहाँ से उसे केवल ग्लोरी का सिर और कंधा ही दिख रहा था। उसने थेलर को देखा और उसे जाँचने लगा। वह एक लंबा-चौड़ा आदमी था जिसके त्वचा धूप के कारण झुलसी हुई और बाल काले और रूखे थे। उसकी चाइना ब्लू रंग की आँखें और लंबी सुतवा नाक उसे आकर्षक बना रही थी।
जब फेनर ने दोबारा ग्लोरी पर नजर मारी तो उसने पाया कि वह भी उसे ही देख रही थी। फेनर ने उसे गौर से देखा। उसकी शक्ल मेरियन से आश्चर्यजनक रूप से मिलती-जुलती थी। वह स्टाम्प पेपर पर यह लिखकर देने को तैयार था कि यह लड़की ही मेरियन की बहन थी।
तभी थेलर, ग्लोरी की तरफ झुका और उससे कुछ बोला जिससे ग्लोरी चौंक-सी गयी। फेनर को पूरा यकीन तो नहीं था लेकिन उसे ऐसा लगा जरूर था जैसे वह उसे देखकर मुस्कराई थी। शायद रोशनी के चलते ऐसा हुआ हो फेनर ने सोचा लेकिन उसे लगा था कि वह उसे लाइन दे रही थी। वह फिर उसे गौर से देखने लगा लेकिन उस लड़की ने उसकी दिशा में फिर नहीं देखा। उस वक्त फेनर बार के किनारे खड़े हुए काफी समय बीत चुका था जब उसने उस लड़की को थेलर से कुछ कहकर खड़े होते हुए देखा। थेलर गुस्से में दिखाई दे रहा था और उसने उसकी कलाई पर अपना हाथ रख दिया था लेकिन लड़की ने अपना सिर हिलाया और उस पर हँसकर टेबल से दूर चली आयी थी। थेलर ने सिर घुमाकर उसे जाते हुए देखा और फिर टेबल की तरफ मुड़ गया।
वह बार तक पहुँची। उसके नजदीक दो लोग और खड़े थे और साथ में वह छोटे कद का क्यूबन मैनेजर भी मौजूद था। फेनर ने उसे देखा तो कहा, “अकेले पीना बहुत बड़ा गुनाह है। क्या आप मेरे साथ एक ड्रिंक लेना पसंद करेंगी ?”
फेनर की बात का लड़की पर कोई असर पड़ा हो ऐसा नहीं लगा। उसने अपना छोटा-सा बटवा खोला और उससे दस डॉलर का नोट निकाला।
“मुझे गुनाह करना पसंद है।” वह सौम्यता से बोली और उसने एक जिन स्लिंग का ऑर्डर दिया। वह इस तरह खड़ी थी कि उसकी पीठ का तीन-चौथाई हिस्सा फेनर की तरफ घूमा हुआ था। यही कारण था कि फेनर फिलहाल उसके कान के नीचे का हिस्सा और उसका चिबुक का कटाव ही देख पा रहा था।
फेनर ने अपनी राई एंड जिन्जर तेजी से खत्म की और बारटेंडर को दूसरी ड्रिंक लाने का इशारा किया। वह उसकी पीठ गौर से देख, कुछ सोचने लगा। जब बारटेंडर उसकी ड्रिंक को बार काउंटर पर रखकर जा चुका था तो वह बोला, “मिस लीडलर, मैं आपसे बात करना चाहता हूँ।”
लड़की ने अपना सिर घुमाया और बोली, “मुझसे कुछ कहा ?”
“जी। लीडलर आपका ही नाम है, है न ?”
“हाँ।” वह उसे देखते हुए बोली। लड़की की नजर उसको थोड़ा शर्मिंदा कर रही थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह उसके अंदर छुपी बातों को भी देख पा रही थी। आज से पहले किसी से भी मिलने पर उसे इस तरह का अहसास नहीं हुआ था। यह अनुभव उसे कन्फ्यूज कर रहा था।
“मेरा नाम रॉस है और मैं हावर्थ होटल में रह रहा हूँ। मैं चाहता...।” अभी फेनर अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया था कि उसे रुकना पड़ा। उसकी नजर थेलर की तरफ थी जो कि गुस्से में उनकी तरफ तेजी से आ रहा था। गुस्से से उसका चेहरा स्याह पड़ गया था और वह तेजी से लंबे-लंबे डग भर फर्श को रौंदता हुआ-सा बार तक पहुँचा था। ग्लोरी के सामने आकर वह खड़ा हुआ और उससे बोला, “भगवान के लिए, क्या तुम केवल पी नहीं सकती हो। ये सब करना जरूरी है ?”
ग्लोरी यह सुन उस पर ठठाकर हँसी थी। वह बेहद स्पष्ट आवाज में बोली, “मुझे लगता है ये साहब बहुत शानदार आदमी हैं। बहुत ही ज्यादा शानदार, कोई भी इन पर फ्लैट हो जाए इतने शानदार।”
थेलर ने बेचैनी से फेनर की तरफ देखा और बुदबुदाया, “चुप करो, ग्लोरी! यहाँ तमाशा मत करो।”
लेकिन ग्लोरी पर इस बात का कोई असर न हुआ। वह अपनी ही रौ में बोलती रही, “मैंने आज तक जितनी भी चीजें देखी हैं उनमें से यह सबसे खूबसूरत चीज है। उसके बाजू देखो। देखो वो कितने बड़े हैं। उसकी गर्दन देखो, कितनी मोटी है! देखो, उसने किस तरह से अपने सिर को संभाला है। इसका सब कुछ किसी को भी दीवाना बनाने के लिए काफी है।”
फेनर ने अपना रुमाल निकाला और अपने हाथों में आये पसीने को पोंछा। फिर उसने अपनी ड्रिंक को खत्म किया। इस दौरान वह क्यूबन मैनेजर उसे तिरस्कार का भाव लिए देख रहा था।
थेलर अब गुस्से में पागल होता हुआ बोला, “तुम क्यों उसके बाजू और गर्दन की तारीफें किये जा रही हो ?”
“उसे साथ में एक ड्रिंक लेने को कहो। वो क्यूट है। तुम्हें पता है, उसने मुझसे क्या कहा ? उसने कहा कि अकेला पीना गुनाह होता है।” कहकर ग्लोरी ने सिर घुमाकर फेनर को देखा और मुस्कराई।
“तुम यहाँ से निकलो।” थेलर, फेनर से बोला।
यह सुन ग्लोरी की हँसी निकल गयी।
“अरे, प्यार से पेश आओ! देखो, तुम उसे शर्मिंदा कर रहे हो। ऐसे प्यारे आदमी से बात करने का ये तरीका थोड़े न है।”
“ध्यान से मजनू! हीरो बनने की कोशिश मत करो। कहीं लेने के देने न पड़ जाएँ।” फेनर, ग्लोरी की बात को नजरंदाज कर थेलर से बोला।
यह सुन थेलर, फेनर की तरफ लपका ही था कि उनके बीच में वह छोटे कद का क्यूबन मैनेजर आ गया। उसने थेलर के कान में दबी जबान में कुछ कहा तो थेलर ने क्यूबन के सिर के ऊपर से फेनर की तरफ एक नजर मारी। फेनर को उसका चेहरा लाल होता हुआ दिखा। जैसे वह गुस्से को काबू करने की पूरी कोशिश कर रहा हो। इसके बाद वह मुड़ा और ग्लोरी की कलाई थाम कमरे से बाहर निकल गया।
“कयामत लड़की है।” फेनर, क्यूबन से बोला।
“मुझे लगता है, अब आपको भी चले जाना चाहिए।” क्यूबन ने कहा और मुड़कर वहाँ से चला गया।
फेनर कुछ देर तक वहाँ पर खड़ा सोचता रहा। उसने फिर एक चुटकी बजाई, जैसे उसे कोई तगड़ा आइडिया आया हो, और वह वहाँ से निकल गया। वह लॉबी से भागता हुआ बाहर अंधेरी रात में निकल आया। उसे देख एक टैक्सी कैसीनो के दरवाजे तक आई और ड्राइवर ने टैक्सी का दरवाजा खोल दिया।
“वाटरफ्रन्ट, जल्दी।” फेनर बोला और टैक्सी में बैठ गया।
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