फेनर नौ बजे के करीब की वेस्ट पहुँचा। उसने पास के एक होटल में चेक-इन किया। फिर कमरे में पहुँचकर वह ठंडे पानी से नहाया और बिस्तर पर लेट गया। सिर के ठीक ऊपर चल रहे पंखे की घरघराहट ने जल्द ही उसे नींद के आगोश में पहुँचा दिया।
उसे उस वक्त सोये हुए दो घंटे ही हुए थे कि फोन की घंटी ने उसे जागने पर मजबूर कर दिया।
“गुड मॉर्निंग सर!” फोन पर बोला गया। फेनर ने फोन करने वाले को एक संतरे का जूस, टोस्ट और एक बोतल स्कॉच लाने को कहा। ऑर्डर आने तक वह एक बार फिर से बाथरूम में जाकर ठंडे पानी से नहा आया था।
वह होटल से साढ़े ग्यारह बजे निकला। दक्षिण की तरफ बढ़ता हुआ वह रोजवेल्ट बुलेवार्ड से होते हुए गया। इस दौरान वह केवल उधर हो रही वाली गर्मी के बारे में ही सोच रहा था। वह समझ चुका था कि अगर उसे कुछ दिन तक रुकना था तो उसे गर्मी का कुछ-न-कुछ करना होगा। इसके बिना काम नहीं चलेगा।
चलते-चलते उसने एक पुलिसवाले को रोककर बक नाइटेंगल का पता पूछा तो वह फेनर को हैरानी से देखते हुए बोला “तुम इधर नये हो क्या ?”
“नहीं, मैं तो आदिकाल से इधर ही रह रहा हूँ। मैं तो यह जानना चाह रहा था कि तुम्हें यहाँ के बारे में कुछ पता है या नहीं।” फेनर बोला और बिना रुके आगे निकल गया। उसे सावधान रहने की जरूरत थी, उसने सोचा। क्योंकि गर्मी उसे चिढ़-चिढ़ा बनाने लगी थी। अगर उसने ऐसा न किया, तो उसे लेने के देने भी पड़ सकते थे।
नाइटेंगल का पता उसे एक टैक्सी ड्राइवर से चला। ड्राइवर ने सभ्य तरीके से पता बताया और फेनर ने उसे धन्यवाद कहा। सब कुछ सही जा रहा था कि फेनर ने टैक्सी में जाने से इनकार करके सब गुड़ गोबर कर दिया। हुआ कुछ ऐसा कि पता बताने के बाद ड्राइवर ने फेनर को 25 सेंट्स में पूरे कस्बे का चक्कर मरवाने की बात की। इस पर फेनर का दो टूक उत्तर था कि वह चलना पसंद करेगा। ड्राइवर इस बात से भड़क गया लेकिन फेनर ड्राइवर को बकता छोड़ आगे बढ़ गया। वैसे भी गर्मी इतनी थी कि फेनर का लड़ाई का मन भी नहीं था।
फ्लैगलर एवेन्यू पहुँचने तक उसके पाँव दर्द करने लगे थे। उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह गर्म तवे पर चल रहा हो। फ्लैगलर और थॉमप्सन के मोड़ पर पहुँचकर उसने आखिरकार हार मानी और टैक्सी रोकी। उसने टैक्सी वाले को पता बताया और आराम से बैठ गया। टैक्सी बढ़ चुकी थी और उसने अपने जूते निकाल दिए थे। उसके पैरों पर हवा लगी तो उसे थोड़ी राहत मिली। लेकिन उसे जूते निकाले हुए कुछ ही लम्हे बीते थे कि टैक्सी सामने से आते ट्रैफिक से जूझते हुए एक छोटी दुकान के आगे जाकर रुक गयी।
ड्राइवर ने गर्दन मोड़कर फेनर को देखा और कहा, “यही जगह है, बॉस!”
फेनर ने किसी तरह अपने जूते पहने और फिर बड़ी मुश्किल से अपने गर्म हो चुके हाथों को अपनी पैंट की जेब में डाला। उसने ड्राइवर को पच्चीस सेंट दिए और टैक्सी से बाहर निकल गया। वह दुकान बहुत साफ-सुथरी थी और उसकी खिड़कियाँ चमचमा रहीं थीं। दाईं तरफ की खिड़की पर एक छोटा-सा सफेद रंग का ताबूत रखा हुआ था। खिड़की के पीछे का हिस्सा मोटे काले परदों से ढका हुआ था। उसे देख आकर्षित हो फेनर ने सोचा कि वह ताबूत उधर एकाकी लग रहा था। उसने ताबूत के बगल में मौजूद स्टैंड पर रखे एक कार्ड पर दर्ज इबारत को पढ़ा:
क्या हम तब आपके लाडले का ख्याल रख सकते हैं
अगर ऊपर वाला उन्हें न बख्शे ?
फेनर को लगा सब कुछ बड़ा ही शालीन था। वह दूसरी खिड़की की तरफ गया और उसने उसकी जाँच की। उस खिड़की के पीछे भी काले पर्दे टँगे थे और सफेद स्टैंड पर एक चाँदी का अस्थि-कलश रखा हुआ था। वहाँ पर भी एक कार्ड था जिसमें दर्ज इबारत “मिट्टी से बने, मिट्टी में मिल गए” ने भी उसे प्रभावित किया।
फेनर एक कदम पीछे हुआ और उसने दुकान के ऊपर मौजूद साइन बोर्ड पढ़ा – बी नाइटेंगल का फ्यूनरल पार्लर
“बढ़िया, बढ़िया” फेनर बोला, “अच्छा ठिकाना बनाया है।”
फेनर दुकान के भीतर दाखिल हुआ। उसने दरवाजा खोला ही था कि एक इलेक्ट्रिक बजर ने आवाज करनी शुरू की जो कि दरवाजा बंद करते ही रुक गया। अंदर से वह दुकान और भी भव्य लग रही थी। वहाँ एक छोटा-सा काउंटर था जो कि कमरे को दो बराबर भागों में बाँट रहा था। यह काउंटर सफेद और बैंगनी रंग के मखमली खोल से ढका हुआ था। कई काली रंग की चमड़े मढ़ीं आरामदायक कुर्सियाँ बैंगनी रंग के कालीन पर रखी हुई थीं। कमरे के बाईं तरफ एक बड़ी-सी काँच की अलमारी थी जिसके अंदर चीड़ से लेकर सोने तक जिस भी चीज की कल्पना हो सके उससे बने ताबूतों के नमूने रखे हुए थे।
दाईं तरफ एक छः फीट लंबा क्रूसिफिक्स था जो बड़ी ही चतुराई से लगाई गयी रोशनी से चमचमा रहा था। उसमें मौजूद ईसा मसीह की मूर्ति इतनी सजीव लग रही थी कि उसने फेनर को चौंकने पर मजबूर कर दिया था। उसे एक पल को लगा जैसे वह गलती से किसी गिरजाघर में आ गया था।
काउंटर के पीछे लंबे-लंबे सफेद, काले और बैंगनी पर्दे टँगे हुए थे। दुकान में कोई भी नहीं दिख रहा था। फेनर टहलते हुए काँच की अलमारी के पास पहुँचा और ताबूतों का मुआयना करने लगा। कयामत तक का इंतजार करने के लिए सोने का घर सबसे ज्यादा उम्दा रहेगा। फेनर ने सोने के ताबूत के नमूने को देखते हुए सोचा।
तभी एक औरत चुपचाप पर्दो के पीछे से आ गयी। उसने रेशम की चुस्त काली ड्रेस पहनी थी जिसका कॉलर और पोंचे सफेद रंग के थे। वह सुनहरे बालों वाली लड़की थी जिसके लाल रंग से रंगे हुए होंठ फिलहाल उसके खराब मूड में होने की चुगली कर रहे थे। उसने फेनर को देखा तो उसके चेहरे पर एक व्यवसाय सुलभ मुस्कान आ गयी। फेनर को वह बला की खूबसूरत लगी थी।
“क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकती हूँ ?” वह धीमी मगर संजीदा आवाज में बोली।
“क्या आप उन ताबूतों को बेचती हैं ?” फेनर अपनी ठोड़ी खुजाते हुए काँच की अलमारी की तरफ इशारा करते हुए बोला।
उसने अपनी पलकें झपकाईं और बोली, “जी बिल्कुल, पर ये केवल मॉडल हैं। वैसे आपको कौन-सा चाहिए ?”
फेनर ने इनकार में अपनी गर्दन हिलायी और कहा, “नहीं-नहीं, मैं तो केवल जानना चाहता था।”
अब वह लड़की संशय से उसे देख रही थी।
“नाइटेंगल हैं अंदर ?” फेनर आगे बोला।
“क्या आपको उनसे कोई विशेष काम था ?”
“तभी तो मैंने पूछा, बेबी! उनसे कहो कि रॉस आया है।”
“ठीक है, मैं देखती हूँ। वो अभी काफी व्यस्त चल रहे हैं।” वह बोली और परदे के भीतर को चली गयी।
फेनर ने उसे जाते हुए देखा तो उसके शरीर की बनावट से प्रभावित हुए बिना न रह सका।
कुछ देर बाद वह लौटी और बोली, “क्या आप मेरे साथ ऊपर आएँगे ?”
पर्दे के पीछे कुछ सीढ़ियाँ थीं जो ऊपर को जाती थीं। वह उस लड़की के पीछे सीढ़ियों पर चढ़ने लगा। उस लड़की का सेंट फेनर को पसंद आया था और आधी सीढ़ियाँ पार कर चुकने के बाद फेनर ने उसे यह बताया भी। लड़की गर्दन घुमाकर फेनर को देख मुस्कराई। उसके दाँत बड़े और मोतियों की तरह सुंदर थे।
“अब मैं क्या करूँ ?” वह फेनर से बोली, “क्या मुझे शर्म से लाल होना चाहिए ?”
फेनर ने संजीदगी से अपना सिर इनकार में हिलाया और बोला, “कोई लड़की अगर अच्छी लगती है तो मैं उसे यह बता देना पसंद करता हूँ।”
एक दरवाजे की तरफ इशारा करते हुए वह बोली, “वो वहाँ हैं।” फिर वह थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोली, “तुम मुझे पसंद आए। तुम्हारी आँखें बड़ी प्यारी हैं।” और फिर वह पलटी और अपने सुनहरे बालों पर अपनी लंबी-लंबी गोरी उँगलियाँ फिराती हुई नीचे को चली गयी।
‘कमाल की बंदी है।’, फेनर ने अपनी टाई को ठीक करते हुए सोचा। , इसके बाद उसने दरवाजे का हैंडल घुमाया और कमरे के भीतर दाखिल हो गया।
साफ दिख रहा था कि वह एक वर्कशॉप थी। एक जगह पर कई पाड लाइन से लगे हुए थे और उन पर ताबूत बिछे हुए थे। नाइटेंगल उन्हीं में से किसी एक ताबूत पर तांबे की पट्टी पेचकस से लगा रहा था।
वह गहरे रंग के बाल वाला छोटे कद का आदमी था, जिसकी आँखों पर मोटे स्टील रिम का चश्मा चढ़ा हुआ था। वह काफी गोरा था और चश्मे के भीतर से उसकी दो बड़ी-बड़ी बेरंग आँखें फेनर को देख धीरे-धीरे झपक रही थीं।
“मेरा नाम रॉस है।” फेनर बोला।
नाइटेंगल दोबारा प्लेट लगाने के अपने काम को करने लगा। स्क्रू कसते हुए वह बोला, “हाँ, क्या आप मुझसे मिलना चाहते थे ?”
“डेव रॉस।” फेनर ने दरवाजे के पास से अपनी बात दोहराई, “मुझे लगता है आपको मेरे बारे में बताया गया होगा।”
नाइटेंगल ने पेचकस नीचे रखा और उसने फेनर को देखा।
“बताया तो गया था।” वह ऐसा बोला जैसे बात याद करने की कोशिश रहा हो, “हाँ, बताया तो गया था।” उसने अपनी बात दोहराई और बोला, “चलो, ऊपर चलकर बात करते हैं।”
फेनर नाइटेंगल के पीछे-पीछे वर्कशॉप से बाहर निकला और फिर वह दोनों कुछ सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपरी माले में पहुँचे। नाइटेंगल, फेनर को एक काफी बड़े कमरे में ले आया था जो कि बाहर की तुलना में ठंडा था। वहाँ दो बड़ी खिड़कियाँ थीं, जो एक छोटी-सी बालकनी में खुलती थी। खिड़कियों से फेनर मैक्सिको की खाड़ी को देख सकता था।
“बैठ जाओ। चाहो तो अपना कोट भी निकाल सकते हो।” नाइटेंगल, फेनर से बोला।
फेनर ने अपना कोट निकाला और अपनी आस्तीन को ऊपर मोड़ दिया। फिर वह खिड़की के सामने जाकर बैठ गया।
“कुछ पीओगे ?” नाइटेंगल बोला।
“बिल्कुल।”
जाम तैयार होने के बाद जब नाइटेंगल बैठ चुका था तो फेनर बात शुरू करने के विषय में सोचने लगा। वह जानता था कि उसे इस आदमी के साथ बड़ी सावधानी बरतनी होगी। उसे नहीं पता था कि वह नाइटेंगल पर कितना विश्वास कर सकता था और ऐसी कोई बात करके फायदा नहीं था जिससे नाइटेंगल उस पर शक करे।
“आप मुझे कहाँ तक पहुँचा रहे हैं।” फेनर आखिरकार बोला।
नाइटेंगल ने अपनी मोटी मगर कमजोर उँगली से गिलास में मौजूद शराब हिलायी। वह फेनर को थोड़ा हक्का-बक्का-सा लग रहा था।
“आखिर तक।” वह बोला, “तुम भी तो यही चाहते हो, है न ?”
फेनर आराम से फैलकर बैठते हुए बोला, “मैं यहाँ लड़कों से थोड़ा मेल-जोल बढ़ाना चाहता हूँ। न्यू यॉर्क मेरे लिए अब खतरनाक हो गया है।”
“हो जाएगा।” नाइटेंगल सीधे बोला, “क्रोटी ने कहा था कि तुम ठीक-ठाक आदमी हो और मुझे तुम्हारी मदद करनी है। क्रोटी ने मेरी काफी मदद की है, तो उसके लिए कुछ करके मुझे खुशी होगी है।”
शायद ये क्रोटी ही था जिससे आइक ने बात की थी, फेनर ने अंदाजा लगाया।
“शायद, सौ के पाँच नोट क्रोटी के प्रति आपके प्यार से ज्यादा असर करें।” फेनर रूखेपन से बोला।
नाइटेंगल इस बात से थोड़ा आहत-सा लगा।
“मुझे तुम्हारे पैसे नहीं चाहिए।” वह साधारण लहजे में बोला, “क्रोटी ने कहा, इस आदमी की मदद करो। मेरे लिए वही काफी है।”
फेनर कुर्सी पर थोड़ा मुड़ा। उसे यह देखकर हैरानी हुई थी कि वह आदमी सच बोल रहा था।
“ठीक है।” वह झेंपता हुआ-सा बोला, “मेरी बात का बुरा मत मानना। जहाँ से मैं आता हूँ, वहाँ के लोगों के आचार-विचार अलग होते हैं।”
“मैं तुम्हारी जान-पहचान तो करवा दूँगा पर तुम असल में चाहते क्या हो ?”
फेनर यह खुद नहीं जानता था, इसलिए बात को टालते हुए बोला, “मैं चाहता हूँ कि थोड़ा पैसा-वैसा कमाया जाये। शायद उनके पास मेरे लिए कोई काम हो।”
“क्रोटी कहता है, तुमने उधर काफी नाम कमाया है। उसने बताया कि तुम्हारी बंदूक ने काफी शिकार भी किए हैं।”
फेनर ने यह सुन थोड़ा नम्र दिखने की कोशिश की और मन-ही-मन में आइक को इतना फेंकने के लिए जी भर कोसा।
“हाँ, बस काम चल जाता है।” वह ऐसे बोला जैसे यह सब आम-सी बात हो।
“शायद कार्लोस के पास तुम्हारे लिए कुछ काम हो।”
“मुझे लगा था कि नूओलन के साथ मेरी सही पटेगी।” फेनर ने अँधेरे में तीर मारा।
नाइटेंगल की पनीली आँखें अचानक ही आतंकित दिखने लगीं।
“नूओलन! वो तो चूका हुआ कारतूस है।”
“तो ?”
“कार्लोस ने उसकी ऐसी-तैसी फेरी हुई है। नूओलन जैसे छोटे आदमी के साथ तुम्हारा कोई भला नहीं होगा।”
नाइटेंगल की बातों से फेनर को यह अंदाजा हो गया था कि नूओलन की हालत पस्त थी। फिर भी उसने एक और कोशिश की, “क्या कह रहे हो ? मैंने तो सुना था कि नूओलन का यहाँ काफी नाम है।”
नाइटेंगल ने अपनी गर्दन तानी और फिर जानबूझकर फर्श पर थूकते हुए बोला, “पागलपन है।”
“कार्लोस कौन है ?”
कार्लोस का नाम सुन नाइटेंगल का मूड सुधर गया था।
“यहाँ इसी की तो चलती है। पिओ के साथ रहोगे तो ऐश करोगे।”
पिओ का नाम सुन फेनर को झटका सा लगा और उसके गिलास से थोड़ी स्कॉच छलक गयी।
“उसका पूरा नाम पिओ कार्लोस है ?”
नाइटेंगल ने सहमति में गर्दन हिलायी।
“उसने इस शहर को ऐसे पकड़ रखा है।” वह अपनी छोटे से हाथ की मोटी उँगलियों की एक छोटी-सी मुट्ठी बनाते हुए फेनर से बोला।
फेनर ने सहमति में सिर हिलाया और बोला, “ठीक है। जैसा तुम कहो, मैं वैसा ही करूँगा।”
नाइटेंगल अब खड़ा हुआ और अपना गिलास टेबल पर रखते हुए बोला, “मुझे थोड़ा-सा काम पूरा करना है। उसे निपटाकर हम लोग लड़कों से मिलने जाएँगे। तब तक तुम यहीं आराम करो। कहाँ गर्मी में भागते फिरोगे।”
नाइटेंगल के जाने के बाद फेनर आँख मूँद कर हालात का जायजा लेने लगा। चीजें उसकी अपेक्षा से ज्यादा तेजी से हो रही थीं, इसलिए यह जरूरी हो गया था कि फूँक-फूँककर ही आगे कदम बढ़ाया जाए।
☐☐☐
एक हल्का-सा झोंका महसूस करने पर फेनर ने अपनी आँखें खोलीं। वह सुनहरे बालों वाली लड़की कमरे में आ चुकी थी और अब दरवाजा धीरे से बंद कर रही थी। फेनर को चाबी घुमाये जाने की आवाज सुनाई दी।
“धत्त तेरे की!” उसने सोचा, “लगता है बचना मुश्किल होगा।”
फेनर ने झटके से अपनी टाँगे उस कुर्सी से उठाई जिस पर कुछ देर पहले नाइटेंगल बैठा था और खड़े होने की कोशिश करने लगा।
“बैठे रहो।” वह उसकी तरफ आती हुई बोली, “मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ।”
फेनर वापस बैठ गया। ‘न जाने वह उससे क्या चाहती थी।’, उसने सोचा।
“तुम्हारा नाम क्या है, हनी ?”, उसने समय बिताने की गरज से पूछा। वह जितनी देर तक हो सके उसे टालना चाहता था।
“रॉबिन्स।” वह बोली, “वैसे लोग मुझे यहाँ कर्ली पुकारते हैं।”
“अच्छा नाम है, कर्ली।” फेनर बोला, “बोलो, क्या बात करना चाहती थी ?”
वह आकर नाइटेंगल की कुर्सी पर बैठ गयी।
“मेरी एक बात मानो।” वह धीमी आवाज में बोली, “अपने घर लौट जाओ। बाहर से आये ‘खतरनाक आदमी’ यहाँ ज्यादा दिन तक नहीं टिकते।”
फेनर ने भौंहें उठाकर उससे पूछा, “तुम्हें किसने कहा, मैं कोई ‘खतरनाक आदमी’ हूँ।”
“किसी के बताने की जरूरत नहीं है। तुम यहाँ पर अपना रंग जमाने ही आए हो, है न ? लेकिन तुम्हारी दाल इधर गलने नहीं वाली है। यहाँ के गुंडे बाहर से आए प्रतिद्वंद्वी बर्दाश्त नहीं करते। अगर तुम इधर रहे तो कुछ ही दिनों में ये तुम्हारी ऐसी-तैसी फेर देंगे।”
फेनर को उसकी यह बातें छू गयीं थीं।
“तुम एक अच्छी बच्ची की तरह मुझसे पेश आ रही हो।” वह बोला, “लेकिन मुझे अफसोस है कि मैं तुम्हारी बात नहीं मान पाऊँगा। मैं यहाँ कमाने आया हूँ और यहीं रुक रहा हूँ।”
लड़की ने एक गहरी साँस ली।
“मुझे अंदेशा था कि तुम यही कहोगे।” वह खड़े होते हुए बोली, “अगर तुम्हारे अंदर रत्ती भर भी अक्ल हुई तो तुम यहाँ से जल्दी निकल जाओगे। खैर, सावधान रहना। मुझे इनमें से किसी पर भी विश्वास नहीं है। नाइटेंगल का भी विश्वास मत करना। वह शक्ल से नाकारा दिख सकता है लेकिन है नहीं। वो एक कातिल है, तो उससे बचकर रहना।”
“ठीक है, बेबी! मैं बचकर रहूँगा।” फेनर खड़े होते हुए बोला, “अब तुम भी यहाँ से जाओ। कहीं उसे पता न चल जाए।” फेनर कहते हुए उसे दरवाजे तक ले गया।
“मैं तुम्हें यह सब इसलिए कह रही हूँ क्योंकि तुम मुझे क्यूट लगे। मुझे तुम्हारे जैसे हट्टे-कट्टे आदमी का इस तरह मुसीबत की ओर बढ़ते जाना थोड़ा खल रहा है।” वह बोली।
फेनर ने यह सुन अपने दाँत दिखाए और अपनी हथेली घुमाकर लड़की के कूल्हों पर थपकी देने के बाद बोला, “मेरे चिंता में अपने दिमाग पर इतना जोर मत डालो।”
वह फेनर की तरफ कुछ इस तरह से झुकी कि उसका चेहरा ऊपर की ओर उठ गया था और क्योंकि फेनर को वह पसंद आई थी, तो उसने उसके होंठों को चूम लिया। लड़की ने अपनी बाँहों को फेनर की गर्दन के इर्द डाला और कसकर पकड़ लिया। काफी देर तक वह यूँ ही खड़े एक-दूसरे को चूमते रहे और फिर फेनर ने धीरे से उसे अपने से अलग किया।
उसकी साँसे तेज हो गयी थीं और वह खड़े हुए उसे एकटक देखे जा रही थी।
“कभी-कभी मुझे लगता है, मैं एकदम पागल हूँ।” वह बोली और उसका चेहरा लाल हो गया।
फेनर ने अपनी एक उँगली अपने कॉलर के अंदर फिराई।
“मैं खुद भी हूँ थोड़ा-सा पागल।” वह बोला, “अब जल्दी जाओ, वरना हम आगे के काम भी करने लगेंगे। जाओ, जल्द मिलेंगे।”
वह तेजी से बाहर निकली और उसने दरवाजा बंद कर दिया। फेनर ने अपना रुमाल निकाला और कुछ सोचते हुए अपने हाथ पोंछने लगा।
“ये काम बड़ा ही मज़ेदार होने वाला है।” वह खुद से बोला, “अब मुझे लगता है कि कुछ-न-कुछ अच्छा हो ही जायेगा।” कहते हुए वह वापिस उस खुली खिड़की के बगल में जाकर बैठ गया
☐☐☐
फेनर, नाइटेंगल के पीछे-पीछे फ़्लैगलर होटल की भीड़ भरी लॉबी से होकर जा रहा था।
“लगता है ये बढ़िया माल पीट रहा है।”
नाइटेंगल उसे एक लिफ्ट के पास तक लाया और फिर उसने कॉल बटन दबाया।
“सही कहा।” वह बोला, “मैंने कहा था न कि यहाँ पिओ के साथ रहना ही ठीक है।”
लिफ्ट के लोहे के गेट पर सुंदर नक्काशी की हुई थी, जिसे देख फेनर बोला, “अब मुझे भी यकीन हो चला है।”
लिफ्ट नीचे आई तो वह उसमें दाखिल हुए। नाइटेंगल ने भीतर जाकर पाँचवें माले का बटन दबाया और लिफ्ट ऊपर बढ़ने लगी।
“अब, ध्यान से सुनो। मुझे बात करने देना।” लिफ्ट रुकी तो नाइटेंगल बोला, “हो सकता है, तुम्हें कुछ न मिले लेकिन मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि ऐसा न हो।”
“हम्म।” फेनर बोला और नाइटेंगल के पीछे-पीछे गलियारे की तरफ बढ़ने लगा। नाइटेंगल 47 नंबर कमरे के बाहर आकर रुका और तीन बार तेजी से और दो बार धीमे से उसने दरवाजा खटखटाया।
“वाह! सीक्रेट कोड भी है।” फेनर प्रभावित होते हुए बोला।
दरवाजा खुला और एक काला सूट पहने क्यूबन ने उनकी सरसरी तलाशी ली। उसे देख फेनर के होंठ सीटी बजाने के आकार में गोल हुए लेकिन उसने आवाज नहीं की।
“सब ठीक है।” नाइटेंगल अपनी नर्म आवाज में बोला।
क्यूबन ने उन्हें भीतर आने का इशारा किया। जब वह उनके आने के बाद दरवाजा बंद कर रहा था तो फेनर को उसके पीछे की जेब में एक उभार दिखाई दिया था। भीतर आकर जिस हॉल में उन्होंने खुद को पाया था वह काफी बड़ा था और अब उनके सामने तीन दरवाजे मौजूद थे।
“लड़के आ गए ?” नाइटेंगल ने पूछा।
क्यूबन ने सहमति में सिर हिलाया। फिर वह दरवाजे के नजदीक मौजूद एक बड़ी कुर्सी पर बैठ गया और अखबार खोलकर पढ़ने लगा। अब उसके लिए उनका कोई अस्तित्व नहीं रह गया था।
नाइटेंगल बीच वाले कमरे में दाखिल हुआ। वहाँ चार लोग यहाँ-वहाँ बैठे हुए थे। उन सभी ने अपने कोट उतारे हुए थे और सभी सिगरेट पी रहे थे। उनमें से दो अखबार पढ़ रहे थे, तीसरा रेडियो सुन रहा था और चौथा अपनी बंदूक साफ कर रहा था। उनके आते ही चारों ने नाइटेंगल पर एक नजर मारी और फिर फेनर को घूरने लगे।
बंदूक वाला आदमी धीरे-धीरे उठा और बोला, “ये कौन है ?” यह आदमी एक खास तरीके से बिना दाँत हिलाए बोलता था। उसने सफेद रंग का सूट, काली कमीज और एक सफेद टाई पहनी हुई थी। उसके काले रंग के बाल रूखे थे और बहुत छोटे कटे हुए थे। वहीं उसकी पीली हरी आँखें सर्द और शंकालु थीं।
“ये रॉस है। न्यू यॉर्क से आया है। क्रोटी की पहचान का है। भरोसेमंद है।” नाइटेंगल, फेनर की जन्मपत्री बताता हुआ-सा बोला। फिर वह फेनर की तरफ मुड़ा और बोला, “ये रीगर है।”
फेनर रीगर को देख सर्द लहजे में मुस्कुराया। उसे रीगर पसंद नहीं आया था।
रीगर अभिवादन में सिर हिलाकर बोला, “कैसे हो ? ज्यादा दिन तक रहोगे ?”
फेनर ने अपना हाथ हिलाया और दूसरे लोगों को दर्शाता हुआ बोला, “ये सब तुम्हारे दोस्त हैं या सजावट के लिए इधर रखे हुए हैं।”
रीगर की आँखें गुस्से से लाल हो गईं।
“मैंने कहा, यहाँ ज्यादा दिन तक रहोगे ?” वह गुर्राया।
फेनर उसे घूरता हुआ बोला, “मैंने तुम्हारी बात सुन ली। वो तुम्हें जानने की जरूरत नहीं है।”
तभी नाइटेंगल ने फेनर के आस्तीन के पोंचे को छुआ। उसने कुछ बोला नहीं लेकिन वह इशारे से फेनर को आगाह कर रहा था। रीगर और फेनर एक-दूसरे की आँखों-में-आँखें डाले तब तक एक-दूसरे को घूरते रहे जब तक रीगर ने अपनी पलकें नहीं झपका लीं। फिर रीगर ने अपने कंधे उचकाये और बोला, “रेडियो के बगल में पग केन है। दाईं तरफ बोर्ग और बाईं तरफ मिलर है।”
उन तीनों ही व्यक्तियों ने अभिवादन में गर्दनें हिलाईं लेकिन किसी का भी रवैया दोस्ताना नहीं था।
फेनर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा था।
“तुम सबसे मिलकर अच्छा लगा।” वह बोला, “मैं तुम्हें ड्रिंक के लिए नहीं पूछूँगा। शायद, तुम पीते नहीं हो।”
फेनर की बात सुनकर रीगर, नाइटेंगल की ओर घूमा और फुफकारा, “ये क्या है ? तुम ये किस बड़बोले को पकड़कर लाए हो ?”
“शायद किसी कूड़ेदान से झाड़-पोंछकर लाया है।” मिलर बोला। वह एक मोटा, शक्ल से ही चापलूस दिखने वाला आदमी था जिसके बाद उम्र से पहले उड़ चुके थे। और उम्र से पहले ही गंजा हो चुका आदमी था।
फेनर यह सुन तेजी से मिलर की तरफ बड़ा और उसने उसके चेहरे पर दो थप्पड़ रसीद कर दिए। ये देखते ही नाइटेंगल की बंदूक उसके हाथ में आ गयी और वह सबको सचेत करते हुए बोला, “पंगे शुरू मत करो...। मैं कह रहा हूँ पंगे शुरू मत करो, प्लीज!”
फेनर हैरान था कि उसकी उम्मीद के विपरीत उन पर नाइटेंगल की बात का असर हुआ। सभी अपनी जगह पर जम से गए। रीगर भी अब थोड़ा घबराया हुआ लग रहा था।
“उससे दूर हटो।” नाइटेंगल ने फेनर को हुक्म सुनाया। उसकी आवाज इतनी सर्द थी कि फेनर को भी थोड़ी सिहरन महसूस हुई। कर्ली सही थी। यह आदमी खूनी था।
फेनर, मिलर से दूर हटा और उसने अपने दोनों हाथ अपनी जेब में डाल दिए।
नाइटेंगल गुर्राया, “ये बकवास मैं बर्दाश्त नहीं करूँगा। जब भी मैं किसी दोस्त को यहाँ लेकर आऊँ तो तुम सब उसके साथ ढंग से पेश आओगे। मन तो कर रहा है, यहीं पर तुममें से किसी के ताबूत में जाने का बंदोबस्त कर दूँ।”
फेनर यह सुन हँसा।
“क्या ये शिष्टाचार के खिलाफ नहीं है।” वह माहौल को हल्का बनाने के लिए बोला, “या फिर तुम मारने और दफनाने दोनों कामों को करते हो।”
यह सुन नाइटेंगल ने अपनी बंदूक अंदर रखी और सभी ने राहत की साँस ली। रीगर जबरदस्ती मुस्कराते हुए बोला, “ये साली गर्मी दिमाग हिला देती है।” इसके बाद वह अलमारी तक गया और जाम बनाने लगा।
फेनर, रीगर के बगल में जाकर बैठ गया। वह जान चुका था, इन चारों में से यही सबसे खतरनाक है और उसे इसी पर काम करना होगा। वह उससे धीमे से बोला, “गर्मी ने वाकई परेशान कर दिया है। इसके चलते मुझे खुद से ही नफरत होने लगी है।”
रीगर अभी भी उसे संदिग्ध निगाहों से देख रहा था।
“छोड़ो भी।” प्रत्यक्षतः वह बोला, “अब तुम यहाँ हो तो इसे अपना ही घर समझो।”
फेनर ने अपनी नाक को गिलास के ऊपरी किनारे पर रखा और बोला, “कार्लोस है क्या ?”
रीगर की आँखें हैरत से खुल-सी गईं। फिर वह संयत होते हुए बोला, “कार्लोस के पास मेहमानों से मिलने का वक्त नहीं है। मैं उसे तुम्हारे बारे में बता दूँगा।”
फेनर ने एक घूँट में अपना गिलास खाली किया और फिर खड़ा हो गया। नाइटेंगल दोबारा बंदूक निकालने को हुआ तो फेनर ने उसे इशारे से रोक दिया। खड़े होकर वह आराम से वहाँ मौजूद प्रत्येक आदमी को कुछ देर तक देखता रहा।
“चलो, अच्छा हुआ मैं इधर आया।”, आखिर वह बोला। “मुझे लगा था कि यह तगड़ी गैंग है लेकिन जाहिर है, मैं गलत था। तुम लोग मेरे काम के हो ही नहीं। हो सकता है, तुम्हें लगता हो कि ये शहर तुम्हारी मुट्ठी में है लेकिन मेरे हिसाब से तुम आलसी और नाकारा हो। तुम लोग खुद को तुरर्म खाँ जरूर समझते हो लेकिन यही तुम्हारी गलती है। मुझे लगता है, मुझे नूओलन से ही मिलना पड़ेगा। मुझे बताया गया कि वह चुका हुआ कारतूस है। अच्छी बात है, मैं उसे जिंदा कारतूस बनाऊँगा। ऐसा करना तुम लोगों के साथ काम करने से बेहतर ही होगा।”
यह सुन रीगर का हाथ उसके कोट के भीतर फिसल रहा था लेकिन तब तक नाइटेंगल की बंदूक उसके हाथ में आ चुकी थी।
“रुक जाओ।” नाइटेंगल बोला।
वह चारों ही जड़ हो गए। उनके चेहरे गुस्से से लाल हो चुके थे जिन्हें देखकर फेनर का हँसने का मन करने लगा था।
“मैं उसे यहाँ लाया था। अगर उसे हम पसंद नहीं हैं तो उसे जाने दो। क्रोटी का दोस्त मेरा दोस्त है।” नाइटेंगल बोला।
“मैं किसी और वक्त तुमसे मिलने आऊँगा।” फेनर नाइटेंगल से बोला और कमरे से बाहर आ गया।
वह मुख्य दरवाजे से निकला तो दरवाजे पर बैठे क्यूबन ने उसे पहले जैसे ही अनदेखा किया। फिर उसने लिफ्ट ली और नीचे लॉबी की तरफ आ गया।
होटल के दरवाजे पर खड़ा दरबान, फेनर को दिमाग वाला लगा था, तो फेनर ने उसे नूओलन के बारे में पूछा। दरबान ने उसे बताया कि नूओलन का डूवल स्ट्रीट के बगल में एक दफ्तर था और फिर उसने फेनर के लिए एक टैक्सी भी बुला दी। फेनर ने उसे उसकी इस जहमत के लिए एक पाँच डॉलर का नोट थमा दिया।
नोट का असर हुआ। दरबान ने फेनर को ऐसे गाड़ी में बैठाया जैसे वह चीनी मिट्टी का बना हो।
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