दफ्तर पहुँचकर फेनर सीधे अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया। उसने एक सिगरेट निकाली और उसे जलाकर चिल्लाया, “अंदर आओ, टल्ली!”

पॉला दरवाजे से भीतर आकर सीधे फेनर के बगल में जाकर बैठ गयी। उसके एक हाथ में पेंसिल थी जो कि दूसरे हाथ में मौजूद नोटबुक पर लिखने के लिए तैयार दिख रही थी। फेनर ने उसे ऐसा देखा तो वह अपना सिर हिलाता हुआ बोला, “मुझे चिट्ठी नहीं लिखवानी है। मैं चाहता हूँ कि तुम यहाँ बैठकर मेरा साथ दो।”

पॉला ने अपने दोनों हाथों को अपनी गोद में रखा और फिर बड़ी मासूमियत से बोली, “ठीक है, बोलो। मैं तुम्हारी गुलाम बनकर रहूँगी।”

फेनर कुछ देर तक सोचता रहा और फिर बोला, “अगर मैं उस लड़की के दिए पैसों को पुलिस वालों को ट्रैक करने को दे दूँ, तो हो सकता है कि मुझे कुछ पता चल जाए। लेकिन फिर मुझे उन्हें पूरी बात बतानी पड़ेगी। ग्रोसेट को उस चीनी की चिंता है और इसलिए वो मेरे ऊपर नजर रख रहा होगा। ऐसे में मैं जो कुछ भी करूँगा, वो उसे पुलिस वाले बता देंगे।”

“हर्ज क्या है ? अगर तुम उसे मौका दो तो हो सकता है कि वो तुम्हारे लिए उस लड़की को ढूँढ ही ले।”

फेनर इनकार में सिर हिलाते हुए बोला, “मैं फिलहाल अपने दिल की सुन रहा हूँ और मुझे लगता है कि इस मामले से हम पुलिस को जितना दूर रखें उतना अच्छा होगा।”

पॉला ने एक नजर दीवार पर टंगी घड़ी पर मारी तो पाया कि पाँच बजने वाले थे। यह देखकर वह बोली, “मुझे फिलहाल कुछ काम करना है। वैसे भी मुझे लगता है कि अभी इस दिक्कत का हल तुम्हें नहीं मिलने वाला है।”

फेनर अधीरता से बोला, “इधर ही रहो। अगर याद न हो तो बता दूँ कि मैं ही तुम्हारी तनख्वाह दे रहा हूँ।”

पॉला यह सुनकर अब आराम से पसरकर बैठ गयी। वह जानती थी कि जब फेनर इस तरह किसी चीज को लेकर उलझन में रहता है, तो उसका कहा मानना ही ठीक रहता है। वह इस मामले के सारे कोणों पर ध्यान देगा और साउन्ड बोर्ड की तरह उसका इस्तेमाल करेगा।

“यह मामला तब तक आगे नहीं बढ़ेगा जब तक कि वह लड़की मुझसे दोबारा संपर्क नहीं करती। मेरे पास आगे बढ़ने को ज्यादा कुछ है भी तो नहीं। मुझे नहीं पता, वो लड़की कौन है। वो कहीं से भी आई हो सकती है। मुझे बस इतना पता है कि उसकी एक बहन है, जिसे बारह चीनियों में रुचि है। अगर आज जिस चीनी की लाश मिली, वो उन्हीं बारह में से एक है तो अब उसकी बहन के पास रुचि लेने के लिए ग्यारह चीनी ही बचे हैं। इस सब में सबसे जरूरी सवाल ये है कि उसने मुझे इतना सारा पैसा क्यों दिया और फिर भाग क्यों गयी ?”

“हो सकता है, उसने किसी ऐसे व्यक्ति को देख लिया हो जिसे वह जानती हो और उसे देखकर वो डर गयी हो। उसे कुछ और सूझा न हो और वह भाग खड़ी हुई हो।” पॉला ने संभलकर अपनी बात रखी।

फेनर ने पॉला की दलील पर विचार किया और बोला, “क्या तुमने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा था, जिससे वह डर सकती हो ?”

पॉला अपना सिर इनकार में हिलाते हुए बोली, “तुम जानते हो कि उस वक्त बाल्टीमोर की लॉबी के क्या हाल होते हैं ?”

“तुम्हारी बात में दम तो है।” कहकर फेनर खड़ा हुआ और फिर कालीन पर इधर-उधर टहलने लगा, “अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मुझे लगता है कि हमें यहाँ रुककर उसके फोन का इंतजार करना चाहिए। हो सकता है, वो फोन न करे लेकिन अगर वह करती है तो मैं चाहता हूँ कि मुझे इस बात का तुरंत पता चले।”

यह सुन पॉला के गले से एक कराह-सी निकली।

“हाँ, यही सही रहेगा। तुम जल्दी से अपने घर जाओ और रात के लिए सामान बांधकर ले आओ। तुम लाउन्ज में सो सकती हो।” फेनर, पॉला की प्रतिक्रिया को नजरंदाज करते हुए बोला।

“और तुम शायद अपने घर अपने नर्म बिस्तर पर जाओगे सोने के लिए ?” पॉला खड़े होकर सवाल करते हुए बोली।

“मैं क्या करूँगा इसकी फिलहाल चिंता मत करो। मैं जहाँ रहूँगा उसका पता तुम्हें दे दूँगा।”

पॉला ने अपना हैट और कोट पहना और फिर बोली, “अगर नीचे वाले ऑफिस के लोगों को पता चला कि मैंने रात इधर गुजारी है तो वह कुछ उलटा-सीधा सोच सकते हैं।”

“उसकी तुम चिंता मत करो। वो जानते हैं कि मैं थोड़ा अजीब हूँ। कोई स्कैंडल नहीं होगा।”कोई बहाना चलता न देखकर पॉला सीधे ऑफिस से बाहर निकली। जाते हुए वह तेजी से दरवाजा बंद करना नहीं भूली थी। पॉला की यह हरकत देख फेनर ने अपने दाँत दिखाए और फिर फोन पकड़कर एक नंबर मिलाने लगा। 

☐☐☐

“डी ए ऑफिस ?” दूसरी तरफ से फोन उठाया गया तो फेनर बोला, “मुझे ग्रोसेट से बात करनी है। उसे कहो कि फेनर का फोन है।”

फोन पर काफी देर तक आती कड़कड़हाट के बाद आखिरकार ग्रोसेट की आवाज आई, “हैलो फेनर! क्या आपका मन बदल गया और आप बात करने को तैयार हैं ?”

फेनर यह सुन फोन की तरफ देखकर मुस्कराया और फिर बोला, “फिलहाल तो नहीं, मेरे दोस्त! मैं बस तुमसे कुछ जानकारी चाहता था। क्या उस चीनी की जेब में कुछ ऐसा था जो मेरे काम आ सके ?”

ग्रोसेट जोरों से हँसा। “सच में फेनर, मैं आपकी हिम्मत की दाद देता हूँ! आप खुद हमें कुछ बताने को तैयार नहीं है लेकिन हमसे जानकारी पाने की उम्मीद रखते हैं।”

फेनर संजीदा होते हुए बोला, “देखो ग्रोसेट, फिलहाल यह मामला खुलना शुरू नहीं हुआ है। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि जब मामला खुलेगा तो कहीं-न-कहीं कोई बड़ी गड़बड़ जरूर होगी। मैं बस ये चाहता हूँ कि ऐसी गड़बड़ होने से पहले उसे रोक लूँ।”

“फेनर, मैं आपको फिर से चेतावनी दे रहा हूँ कि अगर आप कोई भी जानकारी छुपा रहे हैं तो वो आपके लिए अच्छा नहीं होगा! अगर ऐसा कुछ हुआ जिसे मैं रोक सकता था और मुझे यह बात बाद में मालूम चली कि आपकी जानकारी छिपाने के कारण यह हुआ है तो मैं व्यक्तिगत तौर पर यह सुनिश्चित करूँगा कि आपकी ज़िंदगी को जहन्नुम बना सकूँ।”

फेनर ने घबराकर अपना पहलू बदला पर प्रत्यक्ष तौर पर वह साहस दर्शाते हुए बोला, “ये सरकारी धौंस किसी और पर जमाना, यार! तुम जानते हो, मुझे अपने क्लाइंट को बचाने का पूरा हक है। देखो, फिलहाल मैं तुम्हें केवल यही कह सकता हूँ कि अगर तुम मुझे जानकारी देते हो तो यकीन जानो, जब भी कोई गड़बड़ शुरू होगी तो मैं तुम्हें सब कुछ बिना किसी लाग लपेट के बता दूँगा। बोलो, कैसा सौदा है ?”

“आप बहुत चालाक आदमी हैं, आप।” ग्रोसेट इस तरह बोला जैसे उसे फेनर की बात पर यकीन न हो, “लेकिन जो कुछ मुझे पता है वो आपके किसी काम का नहीं है। हमें कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं मिल सका है।”

“वो उसे अंदर कैसे ला पाए ?”

“ये इतना मुश्किल भी नहीं था। वो उसे एक बड़ी-सी लॉन्ड्री बास्केट में ट्रेड एंट्रेंस [3] से लाए थे। । फिर एक खाली दफ्तर में उन्होंने उसे बाहर निकाला और उसे तुम्हारे कमरे में डाल दिया।”

“मुझसे चालाकी मत करो, ग्रोसेट!” फेनर बोला, “वो उसे मेरे पास नहीं लाए थे। उन्होंने उसे एक खाली दफ्तर में छोड़ा था।”

यह सुन ग्रोसेट इतनी जोर से हँसा कि फेनर को कुछ देर के लिए रिसीवर अपने कान से दूर ले जाना पड़ा।

“अच्छा, क्या किसी ने उन्हें आते-जाते देखा था ?”

“नहीं।”

“चलो, जानकारी मुहैया करवाने के लिए शुक्रिया मेरे दोस्त! मैं यह याद रखूँगा और यकीन जानो, कभी-न-कभी तुम्हारी इस मदद का बदला सूद समेत उतारूँगा। इसके अलावा कुछ और ? कोई ऐसी बात जो तुम्हें अजीब लगी हो ?”

“काफी कुछ अजीब था लेकिन उसका कोई मतलब नहीं निकलता है। किसी ने उसका गला काटा था और फिर दोबारा उसे सिला था। मेरे ख्याल से ये चीज ही अपने आप में काफी अजीब है। फिर उसकी पीठ पर ऐसे निशान थे जैसे किसी ने उसे कभी कोड़े से मारा रहा हो। ये भी अजीब था।”

फेनर यह सुन तनकर सीधा हो गया। “क्या कहा ? किसी ने उस चीनी को मारा था ?”

“हाँ। उसके शरीर पर चोटों के निशान थे। क्या इसका तुम्हारे लिए कोई महत्व है ?”

“अभी तो कुछ नहीं कह सकता लेकिन इससे मदद तो जरूर मिली है।”, फेनर ने कहा और फिर रिसीवर को क्रेडल पर रख दिया।

फोन रखने के बाद कई पलों तक बैठा हुआ उसे बस देखता रहा। उसका चेहरा भावहीन था और उसकी आँखों में उलझन के बादल छाये हुए थे।

☐☐☐

जब कुछ घंटों बाद पॉला लौटी तो उसने देखा फेनर मेज पर अपने पैरों को टिकाकर कुर्सी पर पसरा हुआ था। उसके कोट पर सिगरेट की राख यहाँ-वहाँ देखी जा सकती थी और उसकी आँखों में अभी भी उलझन के वही भाव साफ दिखाई रहे थे।

उसने अपना छोटा-सा सूटकेस लाउन्ज में रखा और अपना कोट और हैट उतारते हुए बोली, “कुछ हुआ ?”

फेनर ने इनकार में अपना सिर हिला दिया।

“सही बताऊँ! अगर इस मामले से ये मृत चीनी वाला कोण नहीं जुड़ा होता तो मैं इन पैसों को मुफ़्त की कमाई समझ खुश हो लेता। लेकिन उन लोगों का मेरे दफ्तर में लाश पहुँचाकर मुझे फँसाने की कोशिश करना, इस बात की तरफ इशारा करता है कि वो मेरे मामले में जुड़ने से घबराए हुए थे और किसी भी तरह इस मामले से मुझे हटा देना चाहते थे। उनका ऐसा करना मुझे खटक रहा है।”

पॉला ने अपना सूटकेस खोला और उसमें से एक किताब निकाली। फिर वह फेनर की मेज के बगल में मौजूद एक गद्देदार कुर्सी पर बैठते हुए बोली, “मैंने तो खाना खा लिया है। तुम्हें अगर जाना है तो जा सकते हो।”

फेनर ने सहमति से सिर हिलाया। उठकर उसने अपने कपड़ों को झाड़ा। “ठीक है।”, फिर वह बोला, “मैं कुछ ही देर में लौट आऊँगा। अगर इस बीच वो फोन करती है, तो उसे कहना कि मेरा उससे मिलना जरूरी है। उसका पता ले लेना और उसे दिलासा देना कि हमसे उसे कोई खतरा नहीं है। मैं जितना जल्दी हो सके उस लड़की के पास पहुँचना चाहता हूँ।”

“मुझे इसी बात का डर था।” पॉला ये सुनते ही बड़बड़ाई लेकिन फेनर उसकी बात पर ध्यान दिए बिना दरवाजे की तरफ बढ़ गया।

☐☐☐

दरवाजे के ठीक बाहर ही दो लोग कंधे से कंधा मिलकर अगल-बगल खड़े हुए थे। वो मैक्सीकन लग रहे थे लेकिन थे नहीं। फिर फेनर को लगा, शायद वो लोग लैटिन अमरीकी थे, लेकिन इस बारे में भी वह पूरी तरह से आश्वस्त नहीं था। उन दोनों का ही दायाँ हाथ उनके चुस्त सूट के कोट के भीतरी जेब में मौजूद था। वह दोनों ही एक जैसे कपड़े पहने हुए थे। उनका सूट काला था और सिर पर काले रंग की फेडोरा[4] थी। कोट के भीतर उन दोनों ने ही एक-सी सफेद झक कमीज पहनी हुई थी और दोनों के गले से चमकीली टाई लटक रही थी। एक नजर देखने पर वह वॉडेविल[5] में शामिल उन कलाकारों की तरह लग रहे थे जो शुरुआती शो में आते हैं लेकिन उनकी सर्द आँखें किसी खूँखार जानवर सरीखी थी।

“क्या मुझसे कोई काम है ?” फेनर ने उनसे पूछा। उसे उनके बताए बिना भी इसका अहसास था कि दो बंदूकें उसके पेट की तरफ तनी हुई थीं। उनके कोट के उभार उनकी चुगली कर रहे थे।

“हाँ, हमें लगा एक बार आकर तुमसे मिलना चाहिए।” उन दोनों में से छोटे कद वाले ने जवाब दिया।

फेनर पीछे को दफ्तर के भीतर हो गया। पॉला ने कुछ गड़बड़ जानकर फेनर की मेज की दराज खोली और उसके भीतर रखी अड़तीस कैलिबर की रिवॉल्वर को छुआ ही था कि तभी छोटे कद वाला दाँत किटकिटाकर बोला, “हिलने की कोशिश मत करना।” कहने का लहजा ऐसा था कि न मानने का सवाल ही नहीं उठता था।

पॉला पीछे को सीधा होकर बैठ गयी और उसने अपने दोनों हाथों को अपनी गोद पर रख लिया।

छोटे कद वाला आदमी फेनर के दफ्तर के बाहरी कमरे में दाखिल हुआ और आस-पास नजर मारने लगा। उस वक्त उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे। वह उस अलमारी की तरफ गया जहाँ पॉला ऑफिस की स्टेशनरी रखती थी और उसने अलमारी खोलकर भीतर झाँका। अपनी मतलब की चीज न पाकर वह गुर्राकर पलटा।

“अगर तुम दोनों थोड़ा इंतजार करो, तो हम लोग तुम्हें गर्म खाना और सोने को एक बिस्तर दे सकते हैं। हम चाहते हैं, तुम्हें यहाँ अपने घर जैसा ही लगे।”

छोटे कद वाले आदमी ने अपने नजदीक मौजूद एक भारी ऐश-ट्रे को उठाया और फिर कुछ देर तक वह उसे निहारता रहा। फिर अचानक से उसने उस ऐश-ट्रे का प्रहार फेनर के चेहरे पर किया। फेनर ने अपना सिर छाती तक झुकाया लेकिन बच नहीं पाया। ऐश ट्रे का उभरा हुआ कोना फेनर के सिर के कोने के ऊपरी हिस्से पर तेजी से टकराया।

तब तक दूसरा आदमी पॉला तक पहुँच गया था। उसने अपनी बंदूक, जो कि छोटी नाल वाली ऑटोमैटिक थी, अपने जेब से निकाली और उसकी नाल को इतनी जोर से पॉला की पसलियों पर टकराया कि वह चिहुँके बिना न रह सकी।

“कुछ उलटा-सीधा किया तो हम उस लौंडिया की अँतड़ियाँ यहीं बिखेर देंगे।” छोटे कद वाले ने फेनर को धमकाया।

फेनर ने अपने कोट के ऊपरी जेब से रुमाल निकाला और उसे ले जाकर अपने चेहरे पर लगाया। उसके ऐसा करने से खून उसके हाथ से बहकर कमीज के पोंचे को रंगने लगा था।

“उम्मीद करता हूँ, हम दोबारा कहीं मिले।” फेनर ने दाँत किटकिटाते हुए कहा।

“बकवास नहीं! दीवार से टेक लगाकर खड़े हो जा चुपचाप। मुझे इस जगह की तलाशी लेनी है।” वह छोटे कद वाला बोला, “चल जल्दी कर, वरना एक और रसीद करता हूँ तुझे।”

अचानक से फेनर के जेहन में उनकी पहचान उभर आयी। वह लोग क्यूबन थे। उन दिनों दक्षिण की दिशा में अच्छी खासी दूरी तय करने के बाद अगर कोई उधर मौजूद किसी भी तटीय कस्बे के वाटरफ्रंट[6] में जाता तो क्यूबनों से दो-चार हो सकता था।

फेनर इस वक्त दीवार से कमर टिकाकर खड़ा था और उसने अपने हाथ कंधे तक उठा रखे थे। वह इतने गुस्से में था कि अगर पॉला उधर नहीं होती तो वह उनसे भिड़ जाता। फिर जो होता देखा जाता। लेकिन फेनर को अहसास था कि उसकी कोई भी ऐसी-वैसी हरकत फिलहाल पॉला के लिये बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है।

उस छोटे कद वाले ने सरसरी तौर पर फेनर की तलाशी ली और फिर बोला, “अपना कोट दे।”

फेनर ने कोट उसकी तरफ उछाला। इसके बाद वह क्यूबन टेबल के कोने पर जाकर बैठा और गौर से कोट की सिलाई को इस तरह महसूस करने लगा जैसे उसे उधर कुछ छिपाये जाने का अंदेशा हो। उसने फेनर का बटुआ निकाला और उसकी भी तलाशी ली। इसके बाद उसने कोट को फर्श पर गिरा दिया। वह वापस फेनर के पास पहुँचा और उसकी तलाशी लेने लगा। फेनर उसके मुँह से आते मसालेदार खाने की महक तक सूँघ पा रहा था। उसका मन हो रहा था कि वह उसकी गर्दन थाम ले लेकिन उसने खुद पर जब्त किया। फिलहाल खतरा उठाने से कोई फायदा नहीं होने वाला था।

अपनी वांछित वस्तु न मिलने पर वह क्यूबन पीछे को हुआ और उसके मुँह से एक गुर्राहट निकली। फिर उसकी गर्दन घूमी और वह दहाड़ा, “अब तू इधर आ!”

पॉला बहुत घबराई हुई थी लेकिन वह खड़ी हुई और उसने एक कदम आगे बढ़ाया । फिर वह दृढ़ता से बोली, “अपने गंदे हाथ मुझसे दूर रखना।”

यह सुन छोटे कद वाले ने अपने साथी से स्पैनिश भाषा में कुछ कहा तो उसका साथी फेनर को इशारा करते हुए बोला, “तू इधर आ।”

फेनर कमरा पार करते हुए पॉला की तरफ बढ़ने लगा पर जैसे ही वह छोटे कद वाले क्यूबन के बगल से गुजरा, उसे ऐसा लगा जैसे कोई पहाड़ उसके सिर पर टूट गया हो। छोटे कद वाले क्यूबन ने अपनी बंदूक के दस्ते का जोरदार प्रहार उसके सिर पर किया था। वार के कारण फेनर की आँखों के आगे अचानक अँधेरा छा गया, उसके घुटने मुड़ गए और फिर वह आगे को अपने हथेलियों के बल फर्श पर धराशायी हो गया।

पॉला ने यह देख चीखने के लिये मुँह खोला ही था कि दूसरे वाले ने अपनी बंदूक की नाल से उसे टहोका। पॉला की चीख सिसकारी में तब्दील हो गयी और उसके घुटने इस तरह मुड़ गये जैसे उनमें जान ही न बची हो।

दूसरे आदमी ने उसे काँख से पकड़कर सीधा किया। इसके बाद छोटे कद वाले ने पॉला की ड्रेस की किनारी को पड़का और उसे ऊपर की तरफ सिर तक उठा दिया। ऐसा करने से पॉला के हाथ उसकी ड्रेस में फँस गए और उसका चेहरा भी ऐसे ढक गया कि उसे साँस लेने में दिक्कत होने लगी। फिर वह छोटे कद वाला क्यूबन पॉला की तलाशी लेने लगा। उसे जहाँ जरूरत लगी वहाँ उसने पॉला के कपड़े फाड़े लेकिन जब उसे अपनी वांछित वस्तु पॉला के पास भी न मिली तो उसने गुस्से में आकर पॉला के गाल पर जोर से झापड़ रसीद कर दिया। इसके पश्चात दूसरे व्यक्ति ने पॉला को बेदर्दी से लाउन्ज की तरफ धकेला और खुद टेबल के कोने पर जाकर बैठ गया।

उस छोटे कद वाले क्यूबन ने पूरे कमरे की एक बार तेजी से तलाशी ली। तलाशी के दौरान उसने चीजों को ज्यादा नहीं बिखेरा, जिसे देख लगता था कि वह ऐसी चीजें कई दफा पहले भी कर चुका था। अंदर के कमरे की तलाशी लेने के बाद वह बाहर वाले कमरे में गया और उसने वहाँ की तलाशी भी ली।

फेनर को उसके चलने-फिरने की आवाज सुनाई दे रही थी लेकिन वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे उसका शरीर जाम हो गया हो। उसने उठने की कोशिश की लेकिन उसके शरीर ने उसके दिमाग की बात मानने से जैसे इनकार ही कर दिया था। उसका चेहरा खून से लथपथ था। गुस्सा, दर्द और बेबसी का यह लाल रंग का धुँधलका किसी पर्दे के समान उसकी आँखों को ढके हुए था।

वे लोग जिस मकसद से आए थे, वह शायद पूरा नहीं हुआ था। उनके दरवाजा पटकर दफ्तर से बाहर निकलने के बाद ही फेनर किसी तरह खड़े होने में कामयाब हो पाया था।

फिर एक हाथ से टेबल का सहारा लेकर वह पागलों के समान दफ्तर में चारों तरफ नजर फिरने लगा।

पॉला किसी कपड़े की गठरी सी लाउन्ज में बैठी हुई थी। उसने अपने सिर को अब तक अपनी ड्रेस से छुड़ा लिया था और गुस्से के अतिरेक के कारण उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे। फेनर की नजर उस पर पड़ी तो वह फुफकारी, “मुझे इस तरह से मत देखो, डैम इट! मत देखो मुझे।”

फेनर लड़खड़ाते हुए किसी तरह बाहरी कमरे तक पहुँचा और बाईं तरफ मौजूद एक छोटे से गुसलखाने में दाखिल हुआ। उसने वॉशबेसिन[7] में ठंडा पानी भरा और अपने चेहरे को ढंग से धोया। चेहरा धोने के बाद बेसिन में मौजूद पानी बहुत ज्यादा लाल हो गया था। गुसलखाने की दीवार पर एक कपबॉर्ड मौजूद था जिस तक वह अब चलकर गया। उसकी चाल में लड़खड़ाहट अब कम थी। उसने कपबॉर्ड से एक आधी भरी हुई स्कॉच की बोतल और दो गिलास निकाले। उसने अपने लिए एक बड़ा पैग बनाया, उसमें काफी पानी डाला और उसे चुसकने लगा। उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था। स्कॉच गले से पेट की तरफ किसी आग के गोले की तरह बढ़ी लेकिन उसने अपना काम किया। फेनर को अपनी हालत पहले से बेहतर लगी। उसने फिर से एक बड़ा पैग बनाया और उसे ले अपने केबिन की ओर चल दिया।

पॉला तब तक खुद को ठीक-ठाक कर चुकी थी। अपने फटे हुए अंदरूनी कपड़ों का वो एक गट्ठर बनाकर एक कोने में डाल चुकी थी। लेकिन वह अब भी बेआवाज रोये जा रही थी।

फेनर ने स्कॉच के गिलास को टेबल के किनारे उसके नजदीक रखा और बोला, “पी लो, बेबी! तुम्हें इसकी जरूरत है।”

पॉला ने अपनी नजरें उठाकर पहले उसे और फिर स्कॉच को देखा। फिर आगे झुककर उसने झटके से वह गिलास छीन लिया। उसकी लाल आँखें उसके सफेद पड़ चुके चेहरे पर अंगारों की तरह धधकती महसूस हो रही थीं। फिर उसने ह्विस्की को फेनर के चेहरे की तरफ फेंक दिया।

फेनर उसकी इस हरकत से सन्न रह गया। उसने खून से रंगा हुआ अपना रुमाल निकाला और अपने चेहरे को उससे पोंछा। पॉला ने अपने दोनों हाथों में अपना चेहरा छिपाया और फिर दिल खोलकर रोने लगी। फेनर अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया। उसने व्हिस्की से तर अपने कॉलर को गर्दन से अलग किया और उसे कूड़ेदान में डाल दिया। इसके बाद उसने रुमाल से अपनी गर्दन ढंग से साफ की।

वह काफी देर तक ऐसे ही बैठे रहे। दफ्तर में शांति पसर चुकी थी जो कि रह-रहकर पॉला की सिसकियों से ही टूटती थी। फेनर अभी भी खस्ता हाल महसूस कर रहा था। उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके सिर का पिछला हिस्सा अभी फट पड़ेगा। उसके चेहरे के चोटिल हिस्से में दर्द रह-रहकर उभर रहा था। वहीं उसकी गर्दन पर लगी खरोंच में व्हिस्की के चलते जलन हो रही थी। उसने सिगरेट केस खोला और एक सिगरेट बाहर निकाली। उसकी उँगलियों में हल्के से कंपन हो रहा था।

पॉला ने रोना बंद किया और बोली, “तो तुम्हें लगता है, तुम बहुत खतरनाक आदमी हो ?” उसका चेहरा अब भी उसके हाथों से ढका हुआ था। “तुम्हें क्या लगता है, तुम बहुत काबिल हो ? दो गली के गुंडों ने आकर हमारा ये हाल कर दिया और तुम बस देखते ही रहे। सच में डेव! तुम बद से बदतर हो गए हो। तुम कमजोर और बुजदिल हो चुके हो। तुमने देखा न जब तुम वहाँ लेटे हुए सो रहे थे तो उन्होंने मेरे साथ क्या किया ? मैं तुम्हारे साथ इसलिए जुड़ी थी क्योंकि मैं सोचती थी कि तुम अपना और मेरा दोनों का ख्याल रख सकते हो लेकिन गलत थी। खाली बैठे-बैठे तुम कमजोर हो चुके हो। तुम सुन रहे हो न। तुम चूहे बनकर रह गये हो। उन्होंने हमारी ऐसी-तैसी की और तुमने क्या किया ? तुमने उनके जाने का इंतजार किया और फिर तुम किसी कीड़े की तरह रेंगते हुए अपनी बोतल तक गये। सच में डेव, मैं तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती। जब मैं चाहूँगी कि कोई आकर मेरे कपड़े फाड़ जाए तो मैं तुम्हें फोन कर दूँगी। फिर तुम उसके लिये चिराग पकड़ कर रखना ताकि उसे कोई दिक्कत न हो।”

इसके बाद पॉला ने कुशनों को अपनी बंद मुट्ठियों से पीटा और फिर सिसकने लगी।

“ओह डेव... डेव... तुमने क्यों उन्हें मुझसे इस तरह पेश आने दिया ?” सिसकते हुए वह बोली।

जब तक पॉला अपनी भड़ास निकालती रही, फेनर वहाँ चुपचाप बैठा रहा। उसका चेहरा भावहीन था। आँखें आधी मुँदी हुई थीं और वह बर्फ के दो टुकड़ों की तरह लग रही थीं।

“तुम बिल्कुल सही कह रही हो। मुझे यहाँ बैठे रहने की आदत पड़ गयी है।” पॉला चुप हुई तो वह बोला। वह खड़ा हुआ और फिर आगे बोला, “अभी मुझे छोड़कर जाने की बात मत करो। तुम एक-दो दिन की छुट्टी ले लो। दफ्तर बंद कर दो। कुछ दिनों तक मैं बहुत व्यस्त रहने वाला हूँ।”

इसके बाद फेनर ने झटके से अपनी मेज की दराज खोली और वहाँ से अड़तीस कैलिबर की रिवॉल्वर निकाली और उसे अपनी पैंट के आगे खोंसा। फिर उसने अपनी वास्कट[8] को इस तरह से एडजस्ट किया कि रिवॉल्वर का दस्ता दिखाई न दे। अपनी तरफ से संतुष्ट होने के बाद वह तेजी से दफ्तर से बाहर निकल गया। जाते-जाते वह दफ्तर का दरवाजा लगाना नहीं भूला था।

☐☐☐ 

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