3."एक काली परछाई"

मिनी और राहुल आज अपनी शादी की पाँचवी सालगिरह बनाने एक रिसॉर्ट में आये हुए हैं।

उनके साथ , उनके कुछ करीबी दोस्त भी है, रिसॉर्ट राहुल के अंकल का है उन्होंने इस रिसॉर्ट को करोड़ो रुपये ख़र्च करके खरीद था फिर अचानक से यहाँ आना बंद कर दिया।

राहुल के पूछने पर भी उन्होंने कुछ नही बताया परंतु राहुल के फ़ोर्स करने पर अंकल ने बताया की वहां एक काली परछाई  है जो उस रिसॉर्ट को अपने कब्ज़े में कर चुकी है, पहले मैं वहाँ अपना क्वालिटी टाइम स्पेंट करता था,लेकिन एक रात मैंने उसे देखा...

उसका अक्स कहीं नहीं था सिर्फ़ उसकी परछाई मेरे नज़रो के सामने ठहल रही थी , उसके चलने के ढंग से ऐसा लग रहा था वह किसी का इंतज़ार कर रही हो, मैं जब तक जागता रहा वह मुझे दीवार पर टहलती हुई नज़र आयी,मैने आज तक, किसी को इस बारे में नही बताया मुझे लगा या तो वो मेरा वहम है औऱ अगर हकीकत है तो, मेरे पास कोई सबूत नही है, कहीं लोग मुझे पागल न समझे इस डर से मैन वहां जाना बंद कर दिया।

मैंने जिस दलाल के जरिये उस रिसॉर्ट को खरीदा था उसे इस बात का पता था वह ये रिसॉर्ट मुझे बेचकर विदेश में बस गया....

अंकल आप मुझे रिसॉर्ट की चाभी दो, जब तक मैं अपनी आँखों से नही देख लेता तब तक मैं प्रेत और काली परछायी को नही मानता और आप चिंता नही करो इस बार आपका रिसॉर्ट आपको ही गिफ़्ट करूँगा , वो भी उस काले साये को वहाँ से भगाने के बाद....

अंकल- राहुल बेटा , मुझे तेरी पढ़ाई पर कोई शक नही है मुझे पता है तूने इन सब विषयो में डबल एम० ए० किया हुआ है लेकिन बेटे तू मेरे जीने का इकलौता सहारा है, मैं तुझे उस मौत के मुँह में ढकेल नही सकता, तू उस रिसॉर्ट में बिल्कुल नही जायेगा।।

ठीक है नही जाता हूँ आपने ये बोलकर की आप मुझे मौत के मुँह में नही ढकेल सकते मेरी तंत्र मंत्र की विद्या का अपमान किया है...

राहुल जाने लगा अंकल ने रोका और अंदर से एक चाभी का गुच्छा लाकर उसके हाथ मे रख दिया और बोले बेटा मुझे तुझपर पूरा भरोसा है मुझे पता है तू मेरे रिसॉर्ट को उस काली परछाई के साये से मुक्त करा देगा।।

मिनी के पूछने पर राहुल ने बोला अंकल को टाइम नही मिलता है अब यहाँ आने का तुम तो जानती हो मिनी कितना काम रहता है उन्हें....

मिनी - ह्म्म्म

रात हो गई सभी दोस्त अपने अपने घर चले गए, पिंटू ने बहुत ज़्यादा पी ली थी वो चलने की हालत में नही था तो राहुल ने उसे रोक लिया पिंटू को अपने पास वाले कमरे में लिटाने के बाद वह अपने कमरे में गया, मिनी बहुत रोमेंटिक मूड में थी राहुल भी ख़ुद को रुक नही पाया, वह मिनी को कभी होठो पर चूमता तो कभी गर्दन में, मिनी शाम की तरह ढल ही रही थी तभी अचानक से पिंटू के चिल्लाने की आवाज़ आई....

कोई है वहाँ दीवार पर राहुल जल्दी आ यहाँ कोई है इस कमरे में,राहुल और मिनी ये सुनकर सचेत हो गए राहुल ने तुरंत अपना गाउन पहना और पिंटू के कमरे की तरफ भागा....

कमरे का दरवाज़ा न जाने कैसे बंद हो गया था , दरवाज़ा लॉक नही था फ़िर भी खुल नही रहा था....

थोड़ी देर में मिनी भी वहाँ आ पहुँची दोनो ने दरवाज़े को जोर से धक्का मारा औऱ दरवाज़ा अचानक से खुल गया, सामने पिंटू कुर्सी पर बैठा था टेबल की तरफ मुँह करके लेकिन उसका चेहरा 180° में घूमा हुआ था, उसके चेहरे पर पसीना आ रहा था और वह कुछ बोल नही रहा था।

मिनी ने जैसे ही ये सब देखा वह भाग खड़ी हुई, राहुल समझ गया था जो काली परछाई इस कमरे में थी वो पिंटू के अंदर आ गई है

और वह पिंटू का ही इंतज़ार कर रही थी....

काली परछाई वह आत्मा होती है जिन्हें कुछ बुरे लोग, तंत्र मंत्र से अपने कब्जे में कर लेते है और जादू टोना करके , उसे उस इंसान की देह में पहुँचा देते है जिनको परेशान करने के लिए उन्हें पैसे मिले हो।

ये बात राहुल ने तंत्र मंत्र की विद्या लेते समय अपने गुरूजी के मुँह से सुनी थी और इस तरह के तंत्र मंत्र का जिक्र तंत्र मंत्र की विद्या सिखाने वाली एक किताब में भी हुआ है।।

जो आत्मा को वश मे करके उसे काली परछाई बना देते है वे दीर्घदर्शी होते है उन्हें पता होता है, उनका शिकार एक दिन इस जगह पर जरूर आयेगा....

वे आत्मा को वश में करके छोड़ देते है वह आत्मा किसी और को नुकसान नही पहुँचाती लेकिन जिसके नाम की होती है जब तक उसकी जान न ले ले तब तक उसका साथ नही छोड़ती।

राहुल ने तुरंत उस कमरे का गेट  बाहर से बंद कर दिया और मिनी के पास गया, मिनी डर के मारे एक कमरे में जाकर बैठ गई थी, राहुल ने उसको संभाला और उसे रिसॉर्ट के बारे में सारी बात आराम से समझयी और बोला उसे डरने की ज़रूरत नही है, मेरे बारे में तो तुम सब जानती हो...मैं तंत्र मंत्र की कला में माहिर हूँ, मिनी ने राहुल की हाँ में हाँ भरी....

मेरे दोस्त को बचाने में तुम मेरी मदद करोगी न? मिनी ने अपने चेहरे का पसीना पोछते हुए राहुल को गले लगा लिया और बोली तुम जो कहोगे मैं करूँगी लेकिन पिंटू बहुत अच्छा लड़का है उसे जिंदा बचाना है।

उधर उस आत्मा ने दूसरे कमरे में मौत का तांडव शुरू कर दिया, अंदर से ऐसी आवाज़े आ रही थी मानो कोई पिंटू को इधर से उधर पटक रहा है।

राहुल ने कमरे के बाहर अपना आसान लगाया और करीबन एक घण्टे के कठिन जाप के बाद उसने कमरे के बाहर एक सुरक्षा रेखा खींच दी ताकि वह आत्मा बाहर न आ साके, अंदर से पिंटू के चीख़ने की आवाज़े लगातार बढ़ती जा रही थी।

राहुल ने मिनी को बुलाया और कहा अब मैं गेट खुलने जा रहा हूँ तुम तैयार रहना अंदर जैसा नज़ारा तुमने पहले कभी नही देखा होगा।

मेरी एक बात ध्यान रखना कुछ भी हो जाये तुमको डरना नही है बिल्कुल भी,  हो सकता है मेरे तंत्र मंत्र की वजह से पिंटू तुम्हारा गला पकड़ ले या फिर मुझे उठा के पटक दे लेकिन तुम्हे डरना नही है वह सिर्फ एक काली परछाई है...

और जैसे ही वह पिंटू का शरीर छोड़ेगी, पिंटू की जान बचाने के लिए मुझे तंत्र मंत्र की विद्या से उसे अपनी सारी ताक़त देनी होगी शायद मैं दो दिन तक होश में नही रहूँगा वह आत्मा जाते जाते अपना डरावना रूप भी धारण करेगी तुम्हे उसका अक्स नही दिखाई देगा परंतु उसकी परछाई बहुत भयानक होगी, तो अपना ध्यान रखना अगर तुम आख़िरी तक मेरे साथ रही तो हम ये जंग जीत लेंगे।

अगर तुम डर गई तो मैं हार मान जाऊँगा और मुझे अपना आसन छोड़कर तुम्हे लेके बाहर आना पड़ेगा अगर हम सुबह कल सुबह तक बाहर नही आये तो हम इस जादुई रेखा की वजह से उस कमरे में ही बंद हो जायेंगे।।

इतना बोलते ही अंदर से ऐसी आवाज़ आई जैसे पिंटू ने गेट  पास आके बहुत जोर  से गेट पीटा और उसे किसी ने पीछे खींच लिया हो....

राहुल ने हड़बड़ा के गेट खोला पिंटू बुरी तरह से घायल हो चुका था राहुल को देखते ही पिंटू घिसटते हुए राहुल की तरफ बढ़ने लगा तभी उस परछाई ने उसे वही रुक दिया , वो आगे आने के लिए दम लगाता लेकिन आगे नही बढ़ पाता....

मिनी पिंटू को देखते ही रोने लगी राहुल ने उसे शांत कराया और बोला डरना नही है...

राहुल ने बिना देर किये कमरे के बीच में आसन लगाया मिनी को उसके साथ रहने के लिये कहा...

राहुल ने मंत्र पढ़ने शुरू किये और दो पत्थर अपनी जेब से निकाले, उसने उन पत्थरों में एक मंत्र पढ़कर बोला ये दो साधारण पत्थर है, लेकिन तुम्हे इस बात का विश्वास करना होगा जब तक ये पत्थर तुम्हारे पास है वह काली परछाई तुम्हे छू भी  नही सकती...

ध्यान रखना ये मामूली पत्थर है लेकिन तुम्हारा विश्वास इसे तुम्हारा रक्षा कवच बना देगा....

उसने अपनी पूजा शुरू की तभी वह काली परछाई भड़क गई और बोली तुम दोनो मेरा शिकार नही हो चले जाओ यहाँ से मैं इस लड़के को लेने आयी हूँ इसकी जान लेकर मैं चली जाऊँगी...

राहुल ने भी चिल्ला के बोला मैं तुझे मेरे दोस्त को ले जाने नही दूँगा अगर तू बुरी सकती के वश में है तो, मैंने भी अच्छी शक्तियों का ज्ञान लिया है.....

इतने में काली परछाई बोली अब तू देख मौत का तांडव....उसने राहुल के सामने पिंटू को ऊपर उठा के पटक दिया, जैसे ही पिंटू नीचे गिरा ऐसे आवाज़ आई जैसे पिंटू की सारी हड्डी टूट गई हो पिंटू राहुल के पास ही गिरा राहुल अपना मंत्र पढ़ रहा था....पिंटू को देखते ही एक पल को वह भयभीत हो गया लेकिन मंत्र उच्चारण रुकने नही दिया...

तभी मिनी ने ऊपर देखा तू झूमर की आख़िरी रस्सी टूटने वाली थी उसने पिंटू को खींचना चाहा लेकिन खींच नही पा रही थी...

तभी उसने वह पत्थर अपने सामने किया और बोली मैं जानती हूँ तुम पत्थर हो और आज तक कभी पिघले नही हो पर मुझे तुम्हारे ऊपर पूरा विश्वास है की आज तुम मेरी पूरी मदद करोगे, मेरे विश्वास में अपनी जान डालो औऱ इस काली आत्मा के साये को पिंटू से कुछ देर के लिए दूर कर दो....

मिनी के इतना बोलते ही, बाहर जैसे आँधी आने लगी बदल गरजने लगे, बिजली कड़कने लगी और एक सुरक्षा कवच खिड़की से अंदर आया और उन तीनो को घेर लिये हवा  सायें सायें करके इतना तेज़ चल रही थी हवा के झोंखो से झूमर दूसरी तरफ जा गिरा...

मिनी ले चेहरे पर एक आत्मविश्वास की लहर दौड़ पड़ी... लेकिन उस काली परछाई का प्रकोप अब और बढ़ गया उसने अपनी शैतानी आत्मा को और बढ़ा लिया और हवा के तेज़ झोंके की तरह एक बार फिर राहुल के शरीर में घुस गई और इस बार मिनी को अपना शिकार बनाने के लिए उसने हवा बनके उसके हाथ से पत्थर जमीन पर गिरा दिया और उसका गला पकड़ लिया....

राहुल आँख बंद करके मंत्र पढ़ने में व्यस्त था मिनी , राहुल को आवाज़ लगाने की कोशिश करने लगी..रा , राह, रा , राहु....राहुल अचानक से उसके मुँह से आवाज निकली बचाओ....

राहुल का मंत्र उच्चारण पूरा हो गया.... उसने आँख खोली मिनी को देखा तो वह दीवार पर लटकी थी पत्थर नीचे पड़ा था और राहुल के अंदर की वह पूरी परछाई ज़ोर जोर से हँस रही थी....हा...हा...हा...हा ..हाहाहा...

राहुल ने उसकी तरफ क्रोध से देखा तो पिंटू के सर से बहता खून उसकी एक आँख जो उस आत्मा ने फोड़ दी थी और खून से रंगी लाल टी शर्ट, बीच के टूटे हुये दाँत और चेहरे पर पड़े खरोंच के निशान ,कोई आम इंसान देखे तो खड़ा खड़ा मर जाये।

उसने मंत्र विद्या से पहले मिनी को नीचे उतारा और पानी डालकर होश में लाया और मिनी को वह पत्थर थमा दिया, इतने में पीछे से पिंटू ने राहुल पर वार कर दिया....

पहले उसका सर दीवार से भिड़ा दिया और फिर खींच के ले गई खिड़की की तरफ जोर से फेक दिया...

मिनी होश में थी हाथ में पत्थर लिये ये सब देख रही थी उसके मुँह से एक आवाज़ न निकली...इतने में उस आत्मा ने दीवार की छत के एक कोने में राहुल को लटका दिया...

इसबार मिनी में न जाने कहाँ से अपार शक्ति आ गई वह खड़ी हुई और पत्थर को अपने सामने रखकर महामृत्युंजय जाप  पढ़ने लगी उस छोटे से पत्थर से उसने पिंटू के वार किया और पिंटू के शारीर से वह काली परछाई निकल गई पिंटू वही गिर गया.... मिनी ने वह पत्थर राहुल की तरफ किया राहुल नीचे गिरा और उसे होश आ गया...

अब राहुल ने अपने मंत्र से इकठ्ठा की हुई सारी शक्ति उस कमरे में फैला दी और वह काली आत्मा राहुल के मन्त्र की शक्ति से उस  कमरे के एक कोने में कैद हो गई...

और जोर जोर से चीख़ने लगी छोड़ दी मुझे वरना मेरा आका मुझे मुक्ति नही देगा और मैं सदा के लिये  इस योनि में क़ैद रह जाऊंगी...

राहुल ने पूछा कौन है तेरा आका उस परछाई ने बताने से इनकार कर दिया बोली जब उसने मुझे कैद करके मुझे यहां भेजा था तो बोला था तू मेरे बारे में किसी को नही बतायेगी, अगर तूने बताया तो सदैव के लिये काली परछायी बनकर भटकती रहेगी...

मैं अपने आका के बारे में कुछ नही बता सकती लेकिन ये बता सकती हूँ की मुझे पिंटू के किसी बहुत क़रीबी रिश्तेदार ने भेजा है जो पिंटू की सफलता से ईर्ष्या करता है.....इतना कहते ही वह और जोर से चीख़ने लगी.... मुझे छोड़ दो पिंटू की जान लेकर मैं चली जाऊँगी....

राहुल बोला पहके पिंटू के शरीर को छोड़ दे मैं तुझे  छोड़ दूँगा....

उसने पिंटू को वही छोड़ दिया पिंटू गश खाके वहीं गिर गया...

फिर राहुल बोला तुझे मुक्ति चाहिए न पहले तू मुझे अपना परिचय दे फिर मैं खुद अपनी शक्ति से तुझे मुक्ति दूँगा....

इसपर वह आत्मा बोली मेरो मौत एक कार एक्सीडेंट में होई थी मैं मृत्यु के पश्चात अपने कर्मो के फल से स्वर्ग लोक की तरफ जा रही थी मेरे घर मेरा शोक बना कर मेरा श्राद्ध कर ही रहे थे तभी मेरे आका ने जादू टोने से मुझे अपनी कैद में कर लिया.....

और फिर मुझे यहाँ भेज दिया तब से मैं यहाँ पिंटू का इंतज़ार कर रही थी.....

राहुल ने बोला मैं तेरी शक्ति और बढ़ा देता हूँ तू जाके अपना बदला उस आका से ले क्योकि वह तुझे इसकी जान लेने के बाद भी रिहा नही करेगा ये मेरी दीर्घदृष्टि कह रही है....

मैं तुझे इतनी शक्ति दे दूँगा की तू अपने आका को मारने के तेरी आत्मा को स्वयं ही मुक्ति मिल जाएगी....

इतना कहकर राहुल ने उस बुरी आत्मा को अच्छी शक्ति देने के लिए  राहुल ने मंत्र जाप करना शुरू किया... उसने अपना सबसे डरावना रूप धारण किया जिसे देखकर मिनी जो की खून से लथपथ थी डर के मारे काँपने लगीं...तभी उसको राहुल की बात याद आयी उसने खुद को संभाला थोड़ी ही देर में वह काली परछाई खिड़की के रास्ते बाहर निकल गई....

और राहुल वही बेहोश हो गया...कुछ देर बाद उसने देखा राहुल के शरीर से एक रौशनी पिंटू के शरीर में जा रही है....

खिड़की के बाहर सूरज खिलने के पहले की लालिमा छाने लगी और तभी राहुल उठ खड़ा हुआ वह बिल्कुल ठीक हो गया था...

कमरे का ये हाल देखकर पिंटू बोला लगता है राहुल ने कल बहुत ज्यादा पी ली देखो क्या हाल कर दिया है कमरे का....

मैं जब से इसे जनता हूँ ये पीने के बाद पागल हो जाता है भाभी...

तभी पिंटू की नज़र मिनी पर गई उसके सर से खून बह रहा था....पिंटू ने पूछा ये क्या हुआ भाभी और आगे बढ़ा तो उसके हाथ पैर में अजीब सा दर्द था...वह समझ गया , ये शराब का नशा नही है यहाँ कुछ और ही हुआ है...

इतने में मिनी बोली भइया आप जरा मेरी मदद करेंगे राहुल को मेरे कमरे में ले चलने में....

पिंटू हाँ भभी चलिये....राहुल को देखकर पिंटू ने पूछ ही लिया कल रात यहाँ क्या हुआ था  भाभी?

मिनी मुस्कुराई और बोली इन्हें होश में आ जाने दो यही तुम्हे सब बतायेंगे बोलकर दोनो ने राहुल को उसके बेड पर लेटा दिया...

और बोला मैं डॉक्टर को लेकर आता हूँ... तीन दिन बाद राहुल को होश आ गया, उसने पहले पिंटू को सारी बात बताई, फिर घर जाके अंकल को चाभी थमा दी और बोला अब आपका रिसॉर्ट सेफ है.....

स्वाति की कलम से - "काली परछाई"

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