2."एक्सपेंसिव कैमरा"
मयूरी को फोटोग्राफी का बहुत शौक था बचपन से ही, आज मयूरी का जन्मदिन था,और उसके लिए कैमरे से बड़ा कोई और उपहार हो ही नही सकता था।
मयूरी के बड़े भाई पानी वाले जहाज में कैप्टन हुआ करते थे, उन्होंने मयूरी की फोटोग्राफी से प्रेरित होकर उसे एक नया कैमरा उपहार देने की सोची और अपने एक दोस्त के ज़रिए विदेश से मयूरी के लिए एक कैमरा मँगवाया ऑटोमैटिक कैमरा, वह कैमरा इतना एक्सपेंसिव था कि आज के डिजिटल कैमरे भी उसके आगे फेल थे।
रात में जब रवि ने मयूरी को कैमरा गिफ़्ट किया तो वह खुशी के मारे मानो पागल ही हो गई हो...
सबने मयूरी से कहा, की वह अपने नये कैमरे से सबकी फ़ोटो खींचे लेकिन मयूरी ने नये कैमरा को ये बोलकर टाल दिया कि वह अभी कुछ ठीक से जानती नही इसके बारे में, मयूरी ने जल्दी से अपना पुराना कैमरा सेट किया और एक फ़ैमिली फोटो क्लिक की...
घर में पार्टी का मौहाल था कुछ लोग मेहमानों के स्वागत में लगे हुए थे, तो कुछ पार्टी का भरपूर लुत्फ उठा रहे थे, इतने में मयूरी को उसके दोस्त पकड़ कर घर के पास वाले बगीचे में ले गए, जिसे लाइट से बहुत अच्छे से सजाया गया था और ज़िद करके मयूरी के नए कैमरा से फ़ोटो क्लिक करवाई...
पहले मयूरी ने अनाकानी कि... की वह अभी इस कैमरा के बारे में कुछ जानती नहीं है पर दोस्तो की ज़िद के आगे आख़िर उसे हार माननी ही पड़ी....
कुछ देर में ही फ़ोटो निकल कर आ गई, सबकी तस्वीर तो ठीक आई थी , पर मन्नू का चेहरा धुएँ जैसा हो गया था, सब तस्वीर को देखकर हँसने लगे.....अरे मन्नू तेरे चेहरे को क्या हो गया...तू तो फ़ोटो से धुएँ की तरह फ़ुर्र हो गया,तभी तन्नू बोली अरे पागल! धुएँ फ़ुर्र नही होता है रे....चिड़िया फ़ुर्र होती है....सारे दोस्त जोर- जोर से हँसने लगे.....हाहाहा....हिहिहिहिहि....हेहेहेहै!!!!
पार्टी खत्म हो गई सब अपने अपने घर चले गये.....मयूरी ने भी जाके भइया को "थैंक यू सो मच" बोला और हग किया...भईया ने मयूरी के सर पर हाथ फेरते हुए कहा," बेटा ऐसे ही खुश रहना और मुस्कुराती रहना"...चल अब जाके सो जा... मुझे कल मुंबई से बाहर जाना है काम के सिलसिले में और हां तुझे मेरा नाम भी रौशन करना है....
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तीन महीने बीत गए, एक दिन प्रिया का फोन आया मयूरी के पास वह बहुत घबराई हुई थी....घबराती हुई आवाज़ में बोली-
ह....है....हैलो मयूरी!.....मन्नू ने...मयूरी प्रिया की बात को काटते हुए - तू इतना घबरा क्यो रही है?....आराम से बोल प्रिया.. वो मन्नू... मयूरी- ह्म्म्म क्या मन्नू...अपने घर में आ...आ.. आत्म...आत्महत्या कर ली...उसकी डेड बॉडी के पास मुझे एक नोट मिला जिसमें लिखा था... "कैमरा"
मयूरी - क्या?
प्रिया हाँ मैं वो नोट सबसे छुपा के ले आई कही तुझे कुछ हो न जाये इसलिये....
मयूरी ने तुरंत अपनी गाड़ी स्टार्ट करके प्रिया के घर गई उसको लिया और फिर मन्नू के घर पहुँची बहुत भीड़ लगी थी वहाँ, मयूरी सीधे मन्नू की माँ के पास गई, उन्हें संभालते हुये पास में ही खड़े पुलिस इंस्पेक्टर को जो मन्नू की माँ से कुछ जानकारी इक्ठ्ठा करने की कोशिश कर रहे थे, परन्तु मन्नू की माँ होश में होती तब कुछ बोलती...मयूरी पुलिस के हाथ में वो नोट देते हुए बोली, ये नोट प्रिया को डेड बॉडी के पास से मिला था....पर वह घबराहट और डर की वजह से इस नोट को यहां से बिना किसी को बताए ले गई कही मुझे कुछ न हो जाये...
इंस्पेक्टर ने नोट खोला....ये क्या है इसमे तो सिर्फ "कैमरा" लिखा है इससे हमारी क्या मदद होगी, बोलते हुए उसे वही फेक दिया और दूसरी तरफ जाके अपना काम करने लगा।
शाम हो गई अब तक सभी लोग आ चुके थे सबकी सहमती से अगली सुबह मन्नू का क्रियाकर्म कर दिया गया....
मयूरी, प्रिया,अभय सारे दोस्त कुछ समय तक सदमे में रहे, कुछ समय बाद हालात सुधरने लगे उन्होंने इस बात को एक्सेप्ट किया की मन्नू अब उनके बीच नही रहा....
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प्रिया और अभय अपने काम में लग गए और मयूरी फोटोग्रफी में...आज बहुत दिन बाद उसने कैमरा निकाला और मार्केट की तरफ निकल गई कुछ रैंडम पिक्स क्लिक की और घर जाके उनके प्रिंट देखे सारी पिक्स बहुत अच्छी आयी थी, एक फ़ोटो में कुछ लोग दुकानदार से मोल भाव कर रहे थे और वह हाथ जोड़कर बैठा था, उसके दाहिनी ओर खड़ा लड़का जो थोड़ा झुका हुआ था अतः वो भी फ्रेम कैप्चर हो गया था,पर उसका चेहरा भी धुएँ की तरह हो गया...उसने चेक़ टी शर्ट पहनी हुई थी...
मयूरी ने फ़ोटो देखकर किनारे रख दी और सोचने लगी आखिर इस कैमरा में क्या दिक्कत है, जो लोगो की पिक्चर ख़राब कर देता है।
इतने में भइया घर आये, गेट नॉक किया, मयूरी इतनी गहरी सोच में खोई हुई थी की अचानक से आवाज़ सुनकर चौक गई...
मयूरी ने चेहरे को पूछते हुए गेट खोला...रवि अरे, तुझे क्या हो गया, इतना पसीना क्यो?...अरे भइया, वो गर्मी इतनी ज्यादा है और लाइट भी चली गई इसलिये...इन्वर्टर क्यो नही ऑन किया...अरे मुझे तो ध्यान ही नही रहा की आपने कल ही तो मकैनिक भेजा था....
अच्छा सुन मुझे खाना लगा दे और टी०वी० ऑन कर दे, मैं फ्रेश होकर आता हूँ...
मयूरी ने टी०वी० ऑन की न्यूज़ लगाई और खाना गर्म करने के लिए किचन की तरफ़ बढ़ ही रही थी...टी०वी० में एंकर की आवाज़ आयी....देखिए किस तरह से इस 18 साल के युवा ने आत्म हत्या कर ली...देश कहाँ जा रहा है? अगर हमारे युवा ऐसे ही सुसाइड करते रहे तो क्या होगा देश का?
पुलिस और सूत्रों से खबर आई है की इस लड़के के पास एक नोट मिला है जिसमें लिखा है "कैमरा"....
मयूरी तुरंत मुड़ी और न्यूज़ को आँखे फाड़ फाड़ के देखने लगी...यह तो वही लड़का है.... रवि कौन लड़का है भई? भईया वो ...वो...मैंने,
दौड़ते हुए अपने रूम में गई और वह फ़ोटो रवि को दिखाई...रवि अरे यह तो यही लग रहा है...
फिर मयूरी ने उन्हें मन्नू के बारे में भी बताया औऱ बोली वहाँ भी यही सेम नोट मिला था...
रवि ने बात को टालते हुए बोला...अच्छा तेरे हिसाब से इस कैमरा में कुछ है....मयूरी ह...ह...हाँ भइया, मुझे लगता है ऐसा ही...
रवि पागल हो गई है तू और मजाकिया लहजे में ज़ोर ज़ोर से हाँसने लगा थोड़ी देर बाद खुद को संभालते हुए... जा मेरे लिये रोटी लेकर आ दाल ठंडी हो रही है....
अगले दिन...
मयूरी ने पता लगाया तो यह वही लड़का था, पुलिस अभी तक उसके आत्महत्या करने का कारण जान नही पाई थी....
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तीन महीने गुज़र गये उस बात को, प्रिया डर की वजह से उस कैमरे को जल्दी नही निकालती थी, आज बहुत दिन बाद एक बार फिर हिम्मत करके उसने कुछ पिक्चर क्लिक की....उन पिक्चर में फिर एक लड़के का चेहरा धुँधला आया था....प्रिया समझ गई इस लड़के के साथ कुछ अनहोनी होने वाली है, वह मुड़ी तब तक वो लड़के वहाँ से जा चुके थे, मयूरी ने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की और उन लड़को को ढूढ़ने निकल गई, रास्ते में कुछ लोगो को तस्वीर दिखाई तो सभी बोल रहे थे,मैडम इसकी तो सकल ही दिखाई नही दे रही...
तभी एक लड़का मिला वह शायद उस लड़के का ही दोस्त था उसने एड्रेस बताया....मयूरी वहाँ पहुँची लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी...उस लड़के के घर के बाहर भीड़ लगी थी...अंदर से रोने और चीख़ने की आवाज़ आ रही थी....
वह तुरंत अंदर गई उस लड़के को देखा, जहां किताबे रखी हुई थी उस तरफ़ देखा, तो उसे वही सेम नोट मिला और उसमे भी सिर्फ "कैमरा" ही लिखा हुआ था....
मयूरी तुरंत भागते हुए कार की तरफ़ गयी, स्टार्ट किया, अपने घर पहुँची कैमरा को एक सूटकेस में पैक किया और उस बैग को समुद्र के किनारे...बालू में गाड़ दिया....
उसके बाद से ऐसी कोई घटना नही हुई लेकिन मयूरी को बहुत पछतावा हुआ, उसने अपने भाई को सारी बाते बताई तो उन्होंने बोला हो सकता है, वह कोई हॉन्टेड कैमरा हो, मैं पता लगाऊंगा उस कैमरे के बारे में।
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एक सदी बीत गई, शाम का समय था रोहन समुद्र किनारे फैमिली के साथ सैर पर निकला था, सारे लोग बर्फ का गोला खाने के चक्कर में पीछे रह गये, पर रोहन न जाने क्या सोचते हुए चलते चला जा रहा था, तभी उसका पैर किसी पत्थर जैसी चीज़ से टकराया और वह वही गिर गया, वह उठा और पीछे मुड़कर देखा तो सूटकेस जैसा कुछ था, जो ज़मीन में बहुत ज्यादा धँसा हुआ था, उसने खोदने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहा....तभी पीछे से आवाज़ आई रोहन बेटा- गोला खा ले आके, पिघल रहा है... हाँ! आता हूँ माँ..रोहन ने बालू से उसे ढाक दिया पास में पड़ा एक नारियल का छिल्का उसके ऊपर लगा दिया और जाकर गोला खाने लगा....
अगले दिन सुबह वह अपने साथ खुर्पी लेकर आया...सुबह का पाँच बज रहा था, सूरज निकलने के पहले वाला अंधेरा अब भी था... उसने नारियल वाली जगह ढूंढी और वहाँ खोदने लगा...
थोड़ी देर में ही रोहन देखता है यह तो एक सूटकेश है, उस सूटकेश को देखकर रोहन समझ गया, यह करीबन सौ साल से भी ज्यादा पुराना है....क्योकि उसके घर में भी ऐसा ही एक सूटकेश था, जिसे उसके दादा जी इस्तेमाल करते थे।
दादाजी जी को गुज़रे यही दस साल बीत चुके थे, जब वे गुज़रे थे तो उनकी उम्र 90 साल की थी....
रोहन ने सूटकेश को खोला तो देखता है, यह तो एक बहुत पुराना कैमरा है, जिसके बारे में उसने अभी कुछ समय पहले ही अपने कॉलज में पढ़ा था।
उसने कैमरा निकाला क्योकि उसको इस कैमरे की कुछ ख़ास जानकारी नही थी, तो वह सीधे उस कमरे को अपने टीचर के पास ले गया....
उस कैमरे को देखते ही उन्होंने पूछा यह कैमरा तुझे कैसे मिला, तो रोहन ने सारी घटना सर को बताई, उन्होंने ने बोला ये एक हॉंटेड कैमरा है, इस कैमरे की खोज न जाने कितने लोग कर रहे है।
पर आपको कैसे पता यह एक हॉंटेड कैमरा है, तो रोहन के टीचर ने अपने बुक सेल्फ से एक किताब निकाली और उसमे लिखी सारी बाते रोहन को बताने लगे-
यह कैमरा एक मशहूर फोटोग्राफर मिस मयूरी का हुआ करता था, उन्होंने इसका जिक्र अपनी इस किताब "कैमरा ऑफ माई लाइफ" में किया है ,पर उन्होंने किसी को यह नहीं बताया कि उन्होंने उस कैमरे का क्या किया, इस किताब के पब्लिश होने के बाद लोग जानना चाहते थे, इस हॉन्टेड कैमरा को देखना चाहते थे.... आख़िर कर हार मानकर मिस मयूरी ने तय किया कि वह अगले दिन वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबको उस कैमरा की जगह बता देगी, जिससे की उस कैमरे को जलाकर हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाएं, उन्होंने एक फोन कॉल से सभी न्यूज वालो को खबर दी की वह कल आ रही है....
लेकिन अगले दिन मिस मयूरी वहां नहीं पहुंची, न्यूज वाले उनके घर कॉल पर कॉल कर रहे थे....तभी किसी ने फोन उठाया और बोला सब खत्म....
कुछ देर बाद सभी लोग मिस मयूरी के बंगले में पहुंचे, तो देखते है उनका पूरा परिवार गायब है बहुत ढूंढ़ा गया बड़े से बड़े ऑफिसर की ड्यूटी उनको ढूढ़ने के लिये लगाई गई पर कोई भी उन्हें ढूंढ नहीं पाया.... आख़िर में सबने हार कर इस बात को स्वीकार किया कि मिस मयूरी का परिवार रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया है....उस घर में अगर मिली तो मिस मयूरी के जन्मदिन की वह तस्वीर जिसमें उनके भाई उन्हें ये कैमरा गिफ्ट में दे रहे थे।
रोहन और उसके टीचर ने उसी दिन उस कैमरा को जला दिया ताकि कोई और उस हॉन्टेड कैमरा का शिकार न हो पाएं।।
स्वाति की कलम से - "एक्सपेंसिव कैमरा"
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