जब फेनर बंदरगाह पहुँचा तो शेफ सैन फ्रांसिस्को होटल के बाहर उसका इंतजार कर रहा था। उन्होंने होटल के भीतर जाकर दो पैग लिए और फिर नावों की तरफ चल दिए।

शेफ, फेनर से बोला, “मैं दो थॉम्पसन और काफी सारी गोलियाँ लाया हूँ। स्केल्फोनी के पास बमों से भरा थैला है। अब भगवान जाने वो काम करते हैं या नहीं। वह उसने खुद बनाये हैं। उसने जब से उन्हें बनाना सीखा है वह उनका उपयोग करने के लिए मचल रहा है।”

“उसे आज मौका मिल जाएगा” फेनर बोला।

केमेरिंसकी की नाव काफी बड़ी थी। एलेक्स और स्केल्फोनी सिगरेट का कश लेते हुए उनका इंतजार कर रहे थे। फेनर नाव पर जब चढ़ा तो केमेरिंसकी कॉकपिट से बाहर निकल रहा था। फेनर को देख वह मुस्कराया।

“सब सही है।” वह बोला, “जब तुम कहोगे हम निकल पड़ेंगे।”

“ठीक है।” फेनर बोला, “सब आ गए हैं तो इंतजार करने का फायदा नहीं है। चलो, निकलते हैं।”

बाकी तीन लोग नाव पर चढ़े और केमेरिंसकी ने नीचे जाकर इंजन चालू कर दिया। अब नाव झटके खाने लगी थी। नाव का अगला सिरा बंदरगाह की दीवार से छू रहा था।

शेफ ने उसे वहाँ से धकेला और और उनका सफर शुरू हो गया।

फेनर और केमेरेंसिकी कॉकपिट में चले गए।

“हम लोग गाँव की तरफ उतरेंगे और आगे का रास्ता चलकर तय करेंगे। शायद हमें वहाँ से जल्दबाजी में निकलना पड़ जाए।”, फेनर बोला।

केमेरिंसकी घुरघुराया, “यह पुरानी नाव ज्यादा तेज नहीं है।” वह नाव को ध्यानपूर्वक वहाँ मौजूद बत्तियों के बीच खाड़ी की तरफ ले जाता हुआ बोला।

स्केल्फोनी ऊपर आकर कॉकपिट में दाखिल हुआ। वहाँ रोशनी कम थी जिसमें उसकी तैलीय त्वचा चमक रही थी, “मैं बम लाया हूँ।” वह बोला, “उन्हें फूटते देख मुझे बड़ा मज़ा आने वाला है।”

फेनर ने अपनी हैट उतारी और अपने सिर को खुजाया, “दूसरी पार्टी के पास भी बम हैं।” वह बोला, “एक घंटा पहले उन्होंने मुझ पर एक फेंका था।”

यह सुन स्केल्फोनी का मुँह आश्चर्य से खुला-का-खुला रह गया, “क्या वो फूटा था ?” वह बोला।

फेनर ने उसे देखकर सहमति में सिर हिलाया, “बिल्कुल, उसने एक घर को करीब-करीब उड़ा दिया था। मुझे उम्मीद है तुमने अपने बम ठीक-ठाक बना रखे होंगे। हमें उनकी जरूरत पड़ सकती है।”

‘ओह!’ स्केल्फोनी झेंपता हुआ-सा बोला और अपने थैले को एक बार फिर जाँचने चला गया।

करीब पन्द्रह मिनट बाद ही फेनर को दूर मौजूद रोशनियाँ दिखाई दीं। उसने केमेरिंसकी को उन रोशनियों की तरफ इशारा किया तो वह सहमति में सिर हिलाकर फेनर से बोला, “ब्लैक सीजर।”

फेनर ने एक लंबी अंगड़ाई ली और फिर कॉकपिट से बाहर आ गया। वह चलकर बाकी तीनों के पास पहुँचा जो कि फोरडेक में बैठकर उन रोशनियों को देख रहे थे।

“चलो, इस काम को सही से निपटाते हैं।” वह बोला, “याद रखो हम यहाँ कार्लोस की नावों को बर्बाद करने आए हैं। हमें इस काम को तेजी से और कम-से-कम परेशानी में पड़कर करना होगा। स्केल्फोनी, तुम्हारे पास बम रहेंगे। शेफ और मैं थॉम्पसन लेंगे और एलेक्स हम लोगों को अपनी बंदूक से कवर करके रखेगा। केमेरिंसकी यहीं रुकेगा। ठीक है ?”

सभी ने घुरघुराकर हामी भरी।

जैसे ही नाव एक छोटे से प्राकृतिक तट पर पहुँची वैसे ही शेफ ने दो थॉमप्सन अपने कंधे से उतारी और एक फेनर को थमा दी। स्केल्फोनी भी काले रंग का एक थैला लिए केबिन से ऊपर डेक पर आ चुका था।

“तुम लोग मुझसे दूर ही रहना।” वह बोला, “इन बमों का कोई भरोसा नहीं है, कभी भी फट सकते हैं।”

सभी यह सुन हँसने लगे।

“मुझे यकीन है कोई आदमी एक गोली इसी थैले पर चलाएगा। कुछ हो-न-हो लेकिन हम तुझे दफनाने के झंझट से तो बच ही जायेंगे।” एलेक्स परिहास करते हुए बोला।

जैसे ही केमेरिंसकी ने नाव का स्विच बंद किया वैसे ही नाव अर्धवृत्ताकार चक्कर लगाकर तट के बगल में आकर खड़ी हो गयी। नाव का इंजन हल्की घरघराहट के साथ बंद हो गया।

शेफ, जो नाव के पृष्ठ भाग पर खड़ा था, जब तट पर कूदा तो एलेक्स ने उसकी तरफ एक रस्सी फेंक दी। जब तक सभी उतर नहीं गए तब तक उसने नाव को स्थिर रखा। आखिर में केमेरिंसकी ने बमो का थैला बड़ी सावधानी के साथ स्केल्फोनी को पकड़ाया।

उतरने के बाद फेनर बोला, “ध्यान रखना। जैसे ही बमों की आवाज़ सुनायी दे तुम इंजन चालू कर देना। हो सकता है हमें जल्दबाजी में यहाँ से निकलना पड़े।”

“ठीक है। तुम लोग अपना ख्याल रखना, दोस्तों।” केमेरिंसकी बोला।

☐☐☐

वे लोग गाँव की तरफ मुड़ गये। गाँव को जाती सड़क संकरी और ऊबड़-खाबड़ थी। बड़े पत्थर इधर-उधर गिरे हुए थे जिनसे टकराकर एक बार स्केल्फोनी गिरने वाला था। सभी ने घबराकर उसे गालियाँ दी।

“संभलकर बेवकूफ़।” एलेक्स बोला, “आँख खोलकर चल।”

“देखकर ही चल रहा हूँ, समझा।” स्केल्फोनी चिढ़कर बोला, “जिस तरह से तू डर रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे ये फट बोलने से फट जायेगा। क्या पता ये फेंकने पर भी न फटे।”

“हम लोग मुख्य सड़कों को छोड़ दूसरी गलियों से जायेंगे। तुम दोनों आगे जाओ। मैं और स्केल्फोनी पीछे से आते हैं। एक साथ जाकर किसी का ध्यान खींचना सही न होगा।” फेनर बोला।

वह एक गर्म रात थी और आसमान पर चाँद खिला हुआ था। फेनर और शेफ थॉमप्सन को एक थैले में लपेटे हुए चल रहे थे। वे लोग बाहरी रास्तों से गाँव का चक्कर काटते हुए निकले। इसके लिए उन्होंने सुनसान चौराहों और गलियों का सहारा लिया था। कुछ मछुआरों ने उन्हें देखा जरूर था लेकिन उनके लिये वो सायों के सिवा कुछ और नहीं थे।

एक खड़ी चढ़ाई चढ़कर वे लोग जब ऊपर पहुँचे तो उन्हें कुछ ही फीट दूर चंद्रमा के प्रकाश में चमचमाता समुद्र दिखाई दिया।

“लगता है हम लोग पहुँच गये।” फेनर बोला।

नीचे वे लोग एक लकड़ी का केबिन, कंक्रीट से बना लंबा घाट और छः बड़ी मोटरबोट खड़ी हुई देख सकते थे। सारी नावें वहाँ मौजूद एक प्रबलित दीवार[43] पर बंधी हुई थीं। केबिन की दोनों खिड़कियों से रोशनी बाहर आ रही थी और अधखुला दरवाजा रोशनी की एक पट्टी नीचे मौजूद तैलीय पानी में फेंक रहा था।

वे कुछ देर तक शांत खड़े नीचे देखते रहे।

“बम निकालो।” आखिर फेनर बोला, “तुम में से हर एक दो-दो अपने साथ ले लो। स्केल्फोनी के पास बाकी के रहेंगे। हम लोग पहले केबिन पर हमला करेंगे। जब हमें हालात सुरक्षित लगेंगे तो ही नावों पर हमला होगा। याद रहे सभी को डुबाना है।”

स्केल्फोनी ने अपना थैला खोलकर दो बम निकाले और उन्हें फेनर को थमा दिया। यह बम दो इंची पाइप के टुकड़ों से बने हुए थे। सभी को दो-दो बम मिलने तक फेनर इंतजार करता रहा और फिर बोला, “शेफ और मैं केबिन संभालेंगे। स्केल्फोनी तुम नाव की तरफ जाना। एलेक्स, तुम यही रहो और अगर हम किसी मुसीबत में फँसे तो हमारी मदद के लिए आना।”

स्केल्फोनी ने अपनी कमीज उतार दी और सभी बमों को उसमें रखकर एक गट्ठर बना दिया।

उसे ऐसा करते देख फेनर हँसते हुए बोला, “अगर इस ढलान पर उतरते हुए तुम गिरे तो फिर तुम्हारा भुरता बनने से कोई नहीं रोक सकता।”

स्केल्फोनी ने सिर हिलाया, “सही कहा।” वह बोला, “मुझे तो साँस लेते हुए भी घबराहट हो रही है।”

फेनर ने दोनों बमों को अपने बायें हाथ में और थॉमप्सन को दायें हाथ में पकड़ा, “चलो!।” वह बोला, “कार्लोस की लुटिया डुबोते हैं।”

धीरे-धीरे फेनर और शेफ ढलान से नीचे उतरने लगे, “तुम दायें से हमला करना और मैं बायें करूँगा। जब तक जरूरी न हो तब तक गोली मत चलाना।”

शेफ की पतले चेहरे पर एक उपहासपूर्ण मुस्कान उभर आई, “गोली चलाने की जरूरत पड़ेगी ही पड़ेगी।”

अभी वह आधा रास्ते तक ही उतरे थे कि उन्हें रुक जाना पड़ा। केबिन से एक व्यक्ति निकला था। वह दीवार के साथ-साथ चल रहा था।

“लो सिर मुंडाते ही ओले पड़े।” फेनर उस व्यक्ति को देखकर बोला।

वह व्यक्ति दीवार पर खड़ा होकर समुद्र को निहार रहा था। फेनर नीचे की तरफ रेंगने लगा, “तुम थोड़ी देर यहीं रुको।” वह धीमे से शेफ से बोला, “हम दोनों जाएँगे तो शायद वह सुन लेगा।”

फेनर किसी शिकारी बिल्ली की भाँति नीचे पहुँचा। वह व्यक्ति स्थिर खड़ा अभी भी समुद्र को ताक रहा था। रेंगते हुए वाटरफ्रंट के नजदीक पहुँचकर फेनर खड़ा हुआ और उसने दोनों बमों को अपनी कमीज के अंदर डाल दिया। वह इतनी सावधानी बरत रहा था कि ठंडे धातु के टुकड़े शरीर से छूने के बावजूद उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। थॉम्पसन हाथ में थामे वह दीवार पर बेआवाज चलने लगा। जब वह उस व्यक्ति से तीस फीट की दूरी पर था तभी गड़बड़ हो गयी। उसका पाँव एक छोटे पत्थर से टकराया जो कि लुढ़कता हुआ छपाक की आवाज के साथ पानी में गिरा। फेनर जहाँ था वहीं जड़ हो गया। उसकी उँगलियाँ बंदूक के ट्रिगर पर जम गयीं।

उस व्यक्ति ने गर्दन घुमाकर पीछे नजर मारी, फेनर को देखा और चौंककर मुड़ गया। इससे पहले वह कुछ कहता फेनर उस पर थॉम्पसन तानते हुए बोला, “जैसे हो वैसे ही खड़े रहो।”

चंद्रमा के प्रकाश में फेनर ने देखा कि वह एक क्यूबन है। वह उसकी आँखों को आश्चर्य से अपनी कटोरियों से बाहर निकलते हुए देख सकता था। आश्चर्य के कारण वह थोड़ा काँपा जरूर लेकिन फिर तेजी से घुटनों के बल बैठ गया। फेनर को उसका हाथ कोट की जेब में जाता दिखा तो उसके मुँह से एक गाली क्यूबन के लिए निकली। फेनर ने बिना देरी किए ट्रिगर दबा दिया। बंदूक की नाल से गोलियों की छोटी-सी बौछार क्यूबन की तरफ बढ़ गयी। वह क्यूबन पहले तो छाती को हाथ से थामे पीछे को गिरा और फिर लुढ़कर पानी में समा गया।

भारी गड़बड़ हो गयी थी। फेनर अब तेजी से भागा और नजदीक पड़े दो पेट्रोल के ड्रमों के पीछे जाकर छुप गया। वह उधर पहुँचा ही था कि एक मशीनगन केबिन से गोलियाँ बरसाने लगी। गोलियों के ड्रमों से टकराने की आवाज उसके कानों में पड़ी और फिर हवा में फैली पेट्रोल की गंध ने उसे ड्रमों में छेद होने की जानकारी दे दी।

मशीनगन से गोलियों की बौछार बदस्तूर जारी थी। गोलियाँ उसके इर्द-गिर्द टकरा रही थीं। हालत ये थी कि फेनर को रेत पर पेट के बल लेट जाना पड़ा। उसका चेहरा रेत में दबा हुआ था और उसे इस बात का डर सता रहा था कि किसी भी क्षण कोई गोली आकर उसको लग जाएगी। उसने अपने जेब में हाथ डालकर दोनों बमों को निकाला। उसने एक को ढंग से पकड़ा और उसे ड्रम के ऊपर से केबिन की दिशा में उछाला। बम के किसी चीज से टकराने और फिर जमीन पर बिना फटे गिरने की आवाज उसे सुनाई दी।

“नाम बड़े और दर्शन छोटे।” वह बुदबुदाया।

मशीनगन रुक चुकी थी और उसकी तड़तड़ाहट के बाद छाई शांति एक अनजाना-सा डर फेनर के मन में उत्पन्न कर रही थी। वह धीरे-धीरे रेंगते हुए ड्रम के बगल में आया और सिर बाहर निकालकर उसने सावधानीपूर्वक केबिन पर एक नजर मारी। केबिन अब अँधेरे में डूबा हुआ था और उसका दरवाजा बंद था। उसने दूसरे बम को टटोलकर ढूँढा और उसे दरवाजे की तरफ फेंका। जैसे ही उसका हाथ बम फेंकने के लिए ऊपर हुआ वैसे ही मशीनगन चल पड़ी। लेकिन जिस फुर्ती से साँप अपने शिकार पर झपटता है फेनर ने उसी फुर्ती का प्रदर्शन करते हुए बम फेंककर हाथ वापस खींच लिया था।

बम केबिन के दरवाजे से टकराया तो पहले आग की एक लहर ने रात के अँधेरे को जगमगा दिया और फिर एक कानफोड़ू धमाका उधर हुआ। ईंट के टुकड़े और लकड़ी धमाके के कारण इधर-उधर गोलियों की तरह छितराए और धमाके के जोर से फेनर का सिर हिलने लगा। इसके बाद स्केल्फोनी के बमों के प्रति फेनर को अपनी धारणा बदल देनी पड़ी। मशीनगन अब रुक चुकी थी। उसने दोबारा सिर ड्रम की बगल से निकालकर केबिन को देखा तो पाया कि केबिन का दरवाजा लगभग उखड़ चुका था और अब केवल एक कब्जे से किसी तरह लटका हुआ था। वहाँ मौजूद लकड़ी और पेंट धमाके और आग से काले पड़ गए थे और जगह-जगह पर किरचे उभर आईं थीं। उसके देखते-देखते ही केबिन के पिछले हिस्से में दो ताकतवर धमाके हुए। शायद ये शेफ था, उसने सोचा।

उसने थॉमप्सन को ड्रम के ऊपर टिकाया और गोलियों की एक लंबी बौछार केबिन की तरफ करके वापिस झुक गया। भीतर से किसी ने गोलियों का जवाब मशीनगन की बिखरी हुई बौछार से दिया तो फेनर ने थॉमप्सन का आधा ड्रम उस दिशा में खाली कर दिया। उसके बाद काफी देर तक वहाँ शांति छाई रही।

फेनर ने ऊपर की तरफ नजर मारी तो उसे एक हाथ से छाती थामे स्केल्फोनी रेंगकर नीचे आता हुआ दिखाई दिया। नीचे उतरते हुए उसके लिए खतरा बराबर था लेकिन फेनर उसके चेहरे पर आई विजयी मुस्कान की कल्पना कर सकता था। फेनर के अलावा किसी और ने भी शायद उसे उतरते हुए देख लिया था क्योंकि तभी एक ऑटोमैटिक राइफल उस पर गोलियाँ बरसाने लगी। गोलियाँ चलने पर स्केल्फोनी ने अपना आपा नहीं खोया बल्कि एक हाथ को कमीज के अंदर डालकर उसने एक बम निकाला और उसे केबिन की तरफ उछाल दिया। फेनर की नजर उस बम पर ही टिकी हुई थी। उसने कुछ देर तक बम को उड़ते हुए देखा और फिर पेट के बल रेत पर लेट गया। उसे डर था कि कहीं बम सीधा उसके सिर पर आकर न फट पड़े।

बम केबिन से टकराया और एक धरती कँपा देने वाली आवाज के साथ फूट पड़ा। आग की एक लम्बी लपट ने आसमान को रोशन किया और फिर केबिन की छत धू-धू करके जलने लगी। स्केल्फोनी गोलियों को अपनी तरफ आकर्षित किए बिना तेजी से नीचे उतर आया। कमर से आगे की ओर झुककर भागते हुए उसने केबिन पार किया और ड्रम के पीछे फेनर के बगल में पहुँच गया।

“वाह! देखा तुमने ?” वह उत्साहित होकर बोला, “मेरे बनाये बम काम करते हैं। क्या रोमांचक रात है! मैं किसी भी लड़की के लिए ऐसी रात नहीं छोड़ सकता था।”

“ध्यान दो।” फेनर बोला, “अब किसी भी वक्त वह बाहर आ सकते हैं।” 

स्केल्फोनी बोला, “मुझे एक और बम उनकी तरफ फेंकने दो। बस एक और ताकि वह जल्दी अपना मन बना लें।”

“जरूर! मजे करो।” फेनर मुस्कराते हुए बोला।

स्केल्फोनी ने बम को खुले हुए प्रवेशद्वार के अंदर फेंका। उसके बाद होने वाला धमाका इतना शक्तिशाली था कि ड्रम के पीछे होने के बावजूद उन्हें अपना सिर झन्नाता-सा महसूस हुआ।

एक पल बाद ही अंदर से कोई चीखा, “मैं हार गया। मैं बाहर आ रहा हूँ। अब और मत फेंकना... अब और मत फेंकना।”

फेनर ड्रम के पीछे से ही बोला, “अपने हाथ उठाओ और बाहर चले आओ।”

एक व्यक्ति लड़खड़ाता हुआ उस जलते हुए केबिन से बाहर निकला। उसका मुँह और हाथ उड़ते काँच के टुकड़ों से कट गए थे और कपड़े पूरी तरह से फट चुके थे। आग की लपटों की झिलमिलाती रोशनी में वह अब झूमता हुआ-सा खड़ा था कि तभी फेनर ने उसे पहचान लिया। वह मिलर था। फेनर दाँत दिखाता हुआ ड्रम के पीछे से बाहर निकला।

शेफ भागता हुआ उधर आया। उसका चेहरा रोमांच से जगमगा रहा था, “कोई और है ?” उसने पूछा।

“सभी मर चुके हैं...मुझे हाथ मत लगाना, प्लीज।” मिलर बोला।

फेनर ने आगे बढ़कर उसकी फटी कमीज से उसे थामा और फुफकारा, “जहाँ तक मेरा ख्याल है मैंने कुछ समय पहले तुम्हारी मरम्मत की थी।”

मिलर ने फेनर को देखा तो डर के मारे उसके घुटने मुड़ गए, “मुझ पर रहम करो” वह गिड़गिड़ाया।

फेनर ने उसकी बातों को सुने बिना एक घूँसा उसे रसीद किया और चिल्लाया, “रहम के बच्चे! अंदर कौन है ? जल्दी बता!”

मिलर अब खड़ा-खड़ा काँपने लगा था, “अंदर कोई नहीं है।” वह किकियाया, “सब मर चुके हैं।”

तभी एलेक्स भागते हुए आया। फेनर उससे बोला, “इसे संभालो और इसका ख्याल रखो। ध्यान रहे अभी एक बड़ा झटका इसे लगा है।”

“ऐसा क्या ?” एलेक्स ने कहा और एक घूँसा मारकर मिलर को नीचे गिराया और फिर उसे एक लात जमा दी।

“ओये, ज्यादा मत मारना! मुझे इससे बात करनी है।”- फेनर बोला।

“टेंशन न लो बॉस। मैं बस इसका दिमाग ठिकाने लगा रहा हूँ।” कहकर एलेक्स फिर मिलर को लाते जड़ने लगा।

फेनर उन्हें छोड़कर नावों की तरफ बढ़ गया। वहाँ स्केल्फोनी आदेश की प्रतीक्षा में खड़ा था।

“एक को छोड़कर सभी को डुबो दो। हम उसे लेकर केमेरिंसकी के पास जायेंगे। चलना नहीं पड़ेगा।” फेनर स्केल्फोनी से बोला।

फेनर वापस मिलर के पास पहुँचा जो किसी तरह अपने पैरों पर खड़ा हो चुका था और एलेक्स से रहम की भीख माँग रहा था। फेनर ने एलेक्स को स्केल्फोनी की मदद करने के लिए कहा और मिलर से बोला, “मैंने तेरे पिद्दी से बॉस को बताया था कि क्या होगा। ये तो अभी शुरुआत है। ये बता थेलर कहाँ है ?”

मिलर चुप रहा। उसका चेहरा उसकी बड़ी छाती पर झुका हुआ था और वह रह-रहकर सुबक रहा था। फेनर ने उसकी पसलियों को थॉम्पसन से टहोका, “थेलर कहाँ है ?”

उसने सवाल दोहराया।” जल्दी बता वरना तेरी अँतड़ियाँ यहीं पर बिखेरता हूँ।”

“वो इधर नहीं आता। माँ कसम! मुझे नहीं पता वो किधर है।”

फेनर ने यह सुन गुस्से में दाँत दिखाए, “देखते हैं।” वह गुर्राया।

तभी स्केल्फोनी भागते हुए आया, “नावों में पानी भरने लगा है।” वह बोला, “क्या उन पर कुछ बम मारकर उनका डूबना पक्का कर दूँ ?”

“क्यों नहीं ?” फेनर ने जवाब दिया।

कुछ मिनटों बाद बमों के तेज धमाके से वह सुनसान तट गूँज उठा और धुएँ के काले घने बादल नावों के ऊपर उठने लगे।

“चल भाई, तू तो अपने साथ आ रहा है।” फेनर मिलर से बोला और बंदूक की नाल से उसे धकेलता हुआ आगे बढ़ने लगा। मिलर इतना डरा हुआ था कि उसके लिए चलना भी मुहाल था। वह बड़बड़ाते जा रहा था, “मुझे मत मारना, प्लीज। मैं जीना चाहता हूँ। मैं मरना नहीं चाहता।”

बाकी लोग नाव पर सवार होकर उनका इंतजार कर रहे थे।

जब सभी नाव में चढ़ गये तो शेफ इंजन चलाते हुए बोला, “मज़ा आ गया। मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि हम एक रात में इतना कुछ कर पाएँगे। मुझे लगा नहीं कि ये सब करके हम बच जाएँगे।”

फेनर कुछ देर अपनी सिगरेट तलाशता रहा और फिर उसे जलाकर बोला, “मजा तो तब शुरू होगा जब कार्लोस को इसकी खबर लगेगी। मैंने कहा था शॉक टैक्टिकस काम करेगी और वैसा हुआ भी। पर अब कार्लोस को पता रहेगा कि कौन उसके खिलाफ है और इसलिए आगे का काम आसान नहीं होगा।”

नाव से टापू का चक्कर काटकर उन्होंने केमेरिंसकी को इशारा किया। केमेरिंसकी ने इशारा पाते ही अपनी नाव शुरू की और बंदरगाह के बाहर उन्हें मिल गया। अब वो सभी केमेरिंसकी की नाव में चढ़ने लगे थे। एलेक्स, मिलर को घसीटता हुआ आगे बढ़ा रहा था। स्केल्फोनी सबसे आखिर में नाव में चढ़ा लेकिन चढ़ने से पहले उसने सीकॉकों[45] को खोलकर नाव के डूबने का पक्का इंतजाम कर लिया था।

केमेरिंसकी की नाव पर चढ़ते हुए वह बोला, “इन नावों को डुबाने का मन नहीं कर रहा था। इनमें से एक मुझे मिल जाती तो मज़ा आ जाता।”

“मैंने इस बारे में सोचा था।” फेनर उससे बोला, “लेकिन अभी भी कार्लोस की गैंग काफी बड़ी है और वह इन्हें वापस हथिया लेता। हमारे पास यही इकलौता रास्ता था।”

केमेरिंसकी नाव लेकर जैसे ही आगे बढ़ा उसके अंदर रात के कारनामे के विषय में जानने की इच्छा बढ़ गयी।

“मैंने धमाके सुने थे।” वह उत्साहित होता हुआ बोला, “इन्होंने सभी गाँव वालों को उत्तेजित कर दिया था। उन्हें मालूम था कि क्या हो रहा है लेकिन किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी कि जाकर देख सकें।”

फेनर उसे नजरंदाज कर एलेक्स से बोला, “उस मवाली को केबिन में लाओ। मैं उससे बात करना चाहता हूँ।”

“लाता हूँ।” एलेक्स बोला और मिलर को एक छोटे मगर रोशन केबिन में ले लाया।

मिलर काँप रहा था। उसकी आँखें लाल हो चुकी थीं और वह भयभीत-सा फेनर को देख रहा था।

फेनर बोला, “ये तुम्हारा आखिरी मौका है। तोते की तरह शुरू हो जाओ।। बोलोगे तो जिंदा बचोगे। बताओ, थेलर कहाँ मिलेगा ?”

मिलर ने इनकार में सिर हिलाया, “मुझे नहीं पता।” वह बुदबुदाया, “मैं कसम खाकर कहता हूँ कि मुझे नहीं पता।”

फेनर ने एलेक्स की तरफ देखा, “ये नहीं जानता।” वह उससे बोला।

एलेक्स ने तेजी से अपना हाथ घुमाकर एक वार मिलर के चेहरे पर किया। पहले उसके घूमते हाथ की सरसराहट हुई और फिर मुट्ठी के चेहरे से टकराने की भीषण आवाज हुई।

मिलर झटका खाकर पीछे केबिन की दीवार से टकराया और उसने दोनों हाथों से अपने चेहरे को थाम लिया।

“थेलर कहाँ है ?”

“कसम से मुझे नहीं पता। अगर मुझे पता होता तो मैं तुम्हें बता देता। भगवान कसम मुझे नहीं पता।”

एलेक्स उसके नजदीक गया और उसने उसके हाथों को उसके चेहरे से हटा दिया। उसकी नाक से खून निकल रहा था और उसका ऊपरी होंठ फट चुका था जिसके चलते उसका एक लंबा पीला दाँत दिखाई दे रहा था। एलेक्स ने एक और वार उस पर किया। उसने उसे इतनी जोर से मारा कि वार करते वक्त उसके मुँह से घुरघुराहट तक निकल गयी।

मिलर के घुटने मुड़ गए और वह दीवार से लगे-लगे ही नीचे फिसला और फर्श पर बैठ गया।

“थेलर कहाँ है ?” फेनर ने सर्द लहजे में अपनी बात दोहराई।

मिलर सुबकते हुए कुछ बड़बड़ाया।

“ठीक है। इसे मेरे लिए छोड़ दो।” फेनर बोला। उसने अपनी जेब से बंदूक निकाली और मिलर के पास पहुँचा। वह झुका और मिलर से कठोर लहजे में बोला, “खड़े हो जाओ। मैं इधर का फर्श खराब नहीं करना चाहता। डेक पर चलो।”

मिलर ने बंदूक की नाल की तरफ देखा। फेनर का इरादा भांपकर उसकी आँखें कटोरियों से बाहर आने को हुई। फिर धीमे सपाट लहजे में बोला, “वह ग्लोरी के घर गया है।”

फेनर उसकी तरफ ही झुका हुआ था। वह कुछ देर तक स्थिर रहकर मिलर को देखता रहा और फिर बोला, “उसे उस जगह के बारे में कैसे पता चला ?”

मिलर ने अपना सिर दीवार से टिका लिया। उसकी नाक से खून की धार बह रही थी और उसकी आँखें अभी भी बंदूक पर टिकी हुई थीं।

“बग्सी ने फोन करके बताया।” वह फुसफुसाया।

“बग्सी ?”

“हाँ।”

फेनर ने एक गहरी साँस ली, “तुम्हें कैसे पता ?”

मिलर अब हार मान चुका था। उसे लग गया था कि वह अब मरने वाला है और इस कारण वह शांत था। उसने बहुत थके हुए लहजे में कहा, “ जब तुम केबिन में पहुँचे मैं तब उधर से निकलने ही वाला था। मुझे थेलर का फोन आया था। उसने बताया कि बग्सी ने उसे फोन करके ग्लोरी का पता बताया था। थेलर ने मुझे उधर आने को कहा। वह नाइटेंगल को भी लेकर उधर जा रहा था।”

फेनर सीधा हुआ और भागकर केबिन से बाहर निकल गया। उसने चिल्लाकर केमेरिंसकी को आदेश दिया, “इस नाव को जल्दी चलाओ। हमें जल्द-से-जल्द वापस पहुँचना है।”

“इससे तेज नहीं जा सकती। खराब हो जाएगी।” केमेरिंसकी बोला।

“खराब होती है तो होने दो।” फेनर बोला, “बस, इसे और तेज भगाओ।”

☐☐☐ 

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