“मैंने तुम्हें यहाँ आने को मना किया था न ?” नूओलन, फेनर से बोला।

फेनर ने कागज के दो टुकड़े उसकी मेज पर फेंके, “इन्हें देखो।” वह बोला।

नूओलन ने कागज के टुकड़ों को उठाकर उन पर एक नजर मारी और उसका शरीर ऐंठ-सा गया। उसने झटके से सिर उठाकर फेनर को देखा और फिर उन कागज के टुकड़ों को देखने लगा।

“मेरी मानो तो इन्हें जला दो।” फेनर बोला।

नूओलन का हाथ उस वक्त माचिस की ओर ही बढ़ रहा था। जब तक कागज के टुकड़े जलकर खाक होकर जमीन पर नहीं बिखर गए तब तक वह दोनों ही चुप रहे।

“इससे तुम्हारी कुछ तो मुसीबतें कम हुई होंगी, है न लीडलर ?” फेनर बोला।

नूओलन का चेहरा कोरे कागज की तरह सफेद पड़ गया। उसने भर्राई आवाज में कहा, “पागल हो क्या ? मुझे इस नाम से इधर मत पुकारो।”

“थेलर ने तुम्हें दस हजार क्यों दिए थे ?” फेनर बोला।

“तुम्हें ये कैसे मिले ?”

“ओह, मुझे बस मिल गये। मुझे लगा अगर तुम थेलर के कर्जे से बाहर निकल जाते हो तो शायद मेरा साथ देने के लिए ज्यादा जल्दी तैयार हो जाओ।”

नूओलन ने बेचैनी से अपनी आँखें हिलाईं, “जरूर ग्लोरी ने तुम्हें बताया है।” फिर वह बोला। उसकी आवाज इस वक्त बेहद खतरनाक प्रतीत हो रही थी।

फेनर ने इनकार में सिर हिलाया और बोला, “मुझे पुलिसवालों से यह सब मिला है। देखो, तुम अपना मन बना लो। या तो तुम मेरा साथ दो या फिर मैं तुम्हें इल्लिनोई ले जाऊँगा। मुझे लगता है उधर के लोग तुम्हें देखकर बेहद खुश होंगे।”

नूओलन धम्म से कुर्सी पर बैठ गया, “ठीक है।” वह बोला, “तुम मुझे बताओ, तुम चाहते क्या हो ?”

फेनर कुछ देर तक अपनी उँगलियों के नाखूनों को जाँचता-परखता रहा। “मुझे एक जंग की शुरुआत करनी है।” आखिरकार वह बोला। “सबसे पहले मैं कार्लोस की गैंग पर हमला करना चाहता हूँ, उसकी नावों को बर्बाद करना चाहता हूँ और आखिर में बिना किसी परेशानी के कार्लोस की गर्दन तक पहुँचना चाहता हूँ। कार्लोस को खत्म करने के बाद हम लोग थेलर के पीछे पड़ेंगे।”

नूओलन चिंतित दिखाई देने लगा, “वो खतरनाक गैंग है।” वह गंभीरता से सोचकर कुछ देर बाद बोला, “यह सब इतना आसान नहीं होने वाला है।”

फेनर बेफिक्र होकर हँसा, “शॉक टैक्टिकस! मेरे दोस्त। हम उन्हें ऐसे झटके देंगे कि वो चकरघिन्नी से घूमते रहेंगे। कार्लोस से भिड़ने के लिए तुम किसका इंतजाम कर सकते हो ? कोई लड़के हैं तुम्हारी नजर में ?”

नूओलन ने सिर हिलाकर सहमति जताई, “मेरी नजरों में एक गैंग है जो कुछ दाम लेकर यह काम कर सकती है।”

“ठीक है, उन्हें जो चाहिए वो तुम दे देना। वैसे भी मैंने तुम्हारे दस हजार बचाएँ हैं तो उसमें से कुछ तो खर्च कर ही सकते हो। वैसे थेलर ने तुमको इतने पैसे क्यों दिए थे ?”

नूओलन ने अपनी नजरें घुमा दी। फेनर ने यह देखा तो आगे को झुककर उससे बोला, “मेरी बात ध्यान से सुनो, चूहे की दुम। मेरे से होशियारी करने की कोशिश मत करना। मैं तुम्हारी वाट लगाने में ज्यादा वक्त नहीं लगाऊँगा। और मुझे मालूम है तुम्हारे अंदर कितना जिगरा है। तुम इतने डरपोक हो कि नहाने भी जाओगे तो लाइफ जैकिट पहनकर जाओगे। अगर मैं अपनी पर आ गया तो तुम्हारी खाट खड़ी हो जाएगी इसलिए जो पूछा जा रहा हूँ वो चुपचाप बताते रहो।”

नूओलन ने अपनी कुर्सी को पीछे धकेला और फिर धीमी आवाज़ में बोला, “थेलर नहीं चाहता था कि मैं ग्लोरी को तलाक दूँ। इसके एवज में उसने मुझे वो पैसे दिए थे। कुछ दिनों से वो उन पैसों को वापस माँग रहा था।”

फेनर ने उसे घृणा से देखा, “तुम लोग सही हो।” वह खड़ा होता हुआ बोला, “चलो, मुझे अपने आदमियों से मिलाओ।”

“मैंने ये नहीं कहा था कि मैं ये सब करूँगा।” नूओलन बोला।

“अगर तुम ऐसे ही करते रहे तो कुछ देर में मैं तुम्हारा भुर्ता बना दूँगा।” फेनर बोला, “ये बात भूल जाओ कि मैं पुलिसवालों के साथ हूँ। यह कस्बा मेरे लिए कोई अहमियत नहीं रखता है। मैं कार्लोस और उसकी गैंग का सफाया चाहता हूँ और इस चाहत को पूरा करने का मज़ा लेना चाहता हूँ। फिर मैं यहाँ नहीं रुकूँगा। तब यह तुम्हारे ऊपर निर्भर करेगा कि तुम कार्लोस के जाने के बाद इस शहर को मुट्ठी में कर पाते हो या नहीं ?”

नूओलन खड़ा हुआ और बोला, “वैसे तो मुझे लगता है उनकी गैंग बहुत बड़ी है लेकिन अगर तुम्हारी ऐसी ही इच्छा है तो यही सही। मैं भी देखता हूँ तुम क्या करामात करते हो।”

वे दोनों उधर से साथ में बाहर निकल गये।

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चार मिनट की ड्राइव के बाद वह लोग डूवल स्ट्रीट पर मौजूद एक पूल-रूम के सामने खड़े थे। पहले नूओलन और फिर उसके पीछे-पीछे फेनर भी अंदर दाखिल हुआ। बारमैन ने सिर हिलाकर नूओलन का अभिवादन किया जो कि मुख्य कमरे से होता हुआ पीछे की ओर बढ़ गया।

उस बड़े से कमरे में एक बिलियर्ड टेबल और दो हरे रंग के शेड लगे बल्ब थे। टेबल के इर्द-गिर्द पाँच आदमी मौजूद थे जिन्होंने सिगरेट के धुएँ से वहाँ का माहौल भारी बना रखा था।

नूओलन और फेनर भीतर जैसे ही आए वैसे ही उन सभी की नजरें उनकी तरफ उठ गयी। एक व्यक्ति ने अपनी छड़ी को रैक में रखा और टहलते हुए बाहर निकल गया।

“मुझे तुम सबसे बात करनी है।” नूओलन ने उनसे कहा।

कमरे में मौजूद धुएँ को चीरते हुए वे लोग नूओलन और फेनर के नजदीक आये तो उनके चेहरे भावहीन और उनकी सर्द आँखें बेचैन दिख रही थीं। नूओलन अँगूठे से फेनर की तरफ इशारा करके बोला, “ये फेनर है। यह कार्लोस की गैंग का सफाया करना चाहता है। इसे लगता है, अब वक्त आ गया है कि उन्हें यहाँ से बाहर धकेला जाये।”

सभी ने फेनर को देखा। उनमें मौजूद एक लम्बे-पतले आदमी, जिसकी ठुड्डी चेहरे से सटी हुई और जिसकी पनीली आँखों से धूर्तता टपक रही थी, ने फेनर से बोला, “सच में ? बहुत अच्छा आइडिया है। कुछ हो-न-हो इससे हमें बड़ी शानदार अन्त्येष्टि जरूर मिल जाएगी।”

फेनर धीमी आवाज़ में नूओलन से बोला, “मुझे इन सबके बारे में बताओ।”

“वो शेफ है।” नूओलन उसकी तरफ इशारा करते बोला जिसने अपनी बात रखी थी। हरी कमीज में स्केल्फोनी है, केमेरिंसकी ने क्यू पकड़ी हुई है और वह लड़का जो थोड़ा भैंगा है मिक एलेक्स है।”

सभी छटे हुए बदमाश थे फेनर ने उन्हें देख सोचा। उसने सहमति में अपना सिर हिलाया और बोला, “चलो एक साथ बैठते हैं।” यह कहकर फेनर टहलकर उन लम्बी कुर्सियों तक पहुँच गया जो इस तरह लगी हुई थी कि उन पर बैठने से बिलियर्ड की टेबल आसानी से देखी जा सकती थी। वहाँ पहुँचकर वह बोला, “क्यों न कुछ पिया जाए ?”

शेफ ने नूओलन से कहा, “ये बंदा कौन है बॉस ?”

नूओलन झेंपते हुए हँसा। “ये सभी का चहेता बंदा है।”, वह बोला। “इसके साथ तुम कभी नुकसान में नहीं रहोगे।”

वे सभी बेंच पर बैठ गये और तब तक बेचैन दिखते रहे जब तक बारमैन उनके लिए कुछ पीने के लिए नहीं ले आया। फेनर ने उसके आते ही बोला, “ये पार्टी मैं दे रहा हूँ और इसका खर्चा नूओलन उठाएगा।”

स्केल्फोनी, जो कि एक छोटे कद का पतला-सा बुड्ढा इतालवी था, बोला, “मुझे कुछ देर में एक लड़की के साथ बाहर जाना है तो बेहतर होगा कि हम लोग सीधे मुद्दे की बात करें।”

सभी ने उसकी बात का समर्थन किया।

फेनर बोला, “कार्लोस ने इस कस्बे पर बहुत दिनों तक राज कर लिया है। मैं उसके लिये यहाँ इतनी परेशानी खड़ी कर देना चाहता हूँ कि वह हार मानकर यहाँ से कूच कर जायेगा। मुझे इस काम के लिए तुम लोगों की जरूरत है। बस इतना याद रहे कि यह हँसी खेल की बात नहीं है। हम एक जंग लड़ने वाले हैं।”

“इसमें हमको क्या मिलेगा ?” शेफ बोला।

फेनर ने नूओलन की ओर देखा और कहा, “यह सब तुम्हारे जिम्मे है।”

नूओलन ने कुछ देर सोचा और फिर बोला, “दो-दो हजार डॉलर प्रति व्यक्ति और जब मेरा राज इधर होगा तो एक पक्की नौकरी।”

केमेरिंसकी ने कुछ देर तक सोचो में डूबे हुए नाक के भीतर अपनी उँगली घुमायी और फिर बोला, “तुम कार्लोस वाला धंधा ही करने वाले हो ?”

नूओलन ने सिर हिलाकर मना किया और बोला, “मेरे पास उससे बेहतर काम है। तुम वह सब बातें मेरे ऊपर छोड़ दो।”

केमेरिंसकी ने शेफ की ओर देखकर कहा, “वैसे दो हजार कोई ज्यादा रकम तो नहीं होती है लेकिन मेरी यह दिली इच्छा है कि अगर मुझे मौक़ा मिले तो मैं उस गैंग को तबाह कर दूँ।”

“इसे दो से तीन करो।” शेफ बोला।

नूओलन ने इनकार में सिर हिलाया, “नहीं हो सकता। दो बहुत हैं।” उसने संक्षिप्त उत्तर दिया।

वहाँ एक पल को शांति छाई और फिर भैंगी आँखों वाला एलेक्स बोला, “मुझे मंजूर है।” दूसरे लोग पहले तो झिझके लेकिन फिर मान गए।

फेनर ने चैन की साँस ली। उसकी योजना का पहला पड़ाव तो पार हो चुका था।

“हमें एक नाव की जरूरत होगी।” फेनर उन लड़कों से बोला, “क्या तुममें से किसी के पास मोटर बोट है ?”

केमेरिंसकी ने हामी भरी।

फेनर ने सिर हिलाया और बोला, “बहुत बढ़िया। की लार्गो से थोड़ा उत्तर की दिशा में ब्लैक सीज़र पत्थर है। इसी जगह पर कार्लोस अपनी नावें रखता है। यहीं पर थेलर चीनियों को उससे लेता है और आगे के सफर पर निकलता है। हमें इसी कस्बे को जाँचना होगा।”

स्केल्फोनी ने अपनी छोटी-छोटी टाँगों हिलायी, “मुझे उन लोगों से एक हिसाब चुकता करना है।” उसने एक सर्द मुस्कराहट देकर कहा, “क्या तुम अपने साथ कुछ बम ले जाना चाहोगे ?”

फेनर ने सभी को भावहीन लहजे में एक बार देखा और फिर बोला, “बम ?” उसकी आँखें सर्द हो उठी, “ठीक है जितने चाहे बम ले आना। मजा आएगा।”

नूओलन थोड़ा बेचैन होकर बोला, “बम के कारण पुलिस वाले बात का बतंगड़ बना देंगे।”

फेनर ने इनकार में अपना सिर हिलाया, “पुलिस वाले कार्लोस के कारण परेशान नहीं होने वाले। जब वह मरेगा तब वो लोग लड्डू बाँटेंगे।”

स्केल्फोनी अब खड़ा हो गया, “कब जाना होगा ?” वह बोला। उसकी आवाज में एक तरह का उत्साह साफ झलक रहा था।

“जैसे ही नाव और असला तैयार हो जाता है हम लोग निकल पड़ेंगे।”

स्केल्फोनी झिझका लेकिन फिर उसने अपने कंधे उचका दिए, “वैसे तो मुझे अपनी बंदी के साथ डेट पर जाना था लेकिन मुझे लगता है कि उसे इंतजार करना होगा। मुझे लग रहा है यहाँ बहुत मजा आने वाला है।”

“तुम्हारी नाव किधर है ?” फेनर, केमेरिंसकी से बोला।

“सैन फ्रांसिस्को होटल के ठीक सामने वाले बन्दरगाह पर खड़ी है।”

“ठीक है। क्या तुम सभी मुझे नाव में एक घंटे के भीतर मिल सकते हो ?”

सभी इस बात के लिए तैयार हो गये। फिर फेनर, नूओलन को लेकर बाहर आ गया। वह लोग सड़क पर पहुँचे तो फेनर, नूओलन से धीमी आवाज में बोला, “मेरी मानो तो तुम पुलिस के पास जाओ और उनसे सुरक्षा माँगों। अगर कार्लोस को शक हुआ कि तुम इस हमले के पीछे हो तो वह जुएघर को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर सकता है। तुम फिलहाल के लिए नज़रों से ओझल हो जाओ। पुलिस से कहो कि तुम्हें डर है, तुम्हारे साथ कुछ बुरा हो सकता है और इसलिए तुम्हें अपने यहाँ एक अफसर चाहिए होगा।”

नूओलन यह सुन बेचैन दिखायी देने लगा। उसने कहा वह फेनर की सलाह मानेगा और फिर वहाँ से चला गया।

☐☐☐

मुख्य रास्ता छोड़ सुनसान गलियों से होता हुआ फेनर वाटरफ्रंट की तरफ बढ़ने लगा था। वह तेजी से चला जा रहा था। उसकी हैट उसके चेहरे पर नीचे तक खिंची हुई थी और उसकी सचेत आँखें अँधेरे कोने में खतरों की तलाश करती जा रही थीं। फिलहाल उसका कार्लोस के आदमियों से टकराने का कोई विचार नहीं था। वह जानता था कि कार्लोस उसकी तलाश कर रहा होगा लेकिन उसका उनके हत्थे चढ़ने का कोई इरादा नहीं था। उसे यकीन था कि आने वाले चौबीस घंटे बीते हुए चौबीस घंटों से कई गुना ज्यादा रोमांचक होने वाले थे।

जैसे ही ब्लैक बीच से होता हुआ वह वाटरफ्रंट पहुँचा तो उसे एक स्ट्रीट लैंप के नीचे एक कार खड़ी हुई दिखाई दी। कार के सभी शीशे पर्दे से ढके हुए थे। उसने गौर से गाड़ी को देखा और न जाने क्यों अपनी गति कम कर दी। उस वीरान गली में मौजूद वह कार उसे खटक रही थी। उसने गाड़ी की पिछली खिड़की के परदे को हिलते देखा तो किसी गड़बड़ के अंदेशे के कारण नजदीक मौजूद एक एंट्रेंस में घुस गया। उस वक्त हवा नहीं चल रही थी और इसलिए उसे ऐसा लगा था जैसे कोई उस पर नजर रख रहा था।

तभी गाड़ी के इंजन शुरू होने की आवाज उसे आयी। गियर बदले गए और वीरान सड़क में गाड़ी घरघराहट के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी। जब तक वह गाड़ी एक मोड़ पर जाकर मुड़ नहीं गयी तब तक फेनर एंट्रेंस की आड़ में छिपा ही रहा। सोचो में डूबे हुए उसने अपनी ठुड्डी को मसला और फिर फुटपाथ में उतर आया।

आगे बढ़ने के बजाय वह वहीं खड़ा-खड़ा कुछ सुनने की कोशिश करने लगा। उसे गाड़ी की बहुत धीमी-सी आवाज़ सुनाई देने लगी और सर्द मुस्कराहट उसके चेहरे पर उभर आई। गाड़ी आगे जाकर मुड़ी तो थी लेकिन अब लौटकर वापस आ रही थी।

तेजी से भागकर उसने सड़क पार की और एक और एंट्रेंस में दाखिल हो उसने खुद को अँधेरों में छिपा लिया। ईंट की दीवार से सटकर खड़े हुए उसने अपनी रिवॉल्वर को अपने कंधे में मौजूद होलस्टर से निकाला। उसने रिवॉल्वर का सेफ्टी कैच हटाया और रिवॉल्वर की नाल को आसमान की तरफ को कर दिया।

वह कार मोड़ पर आकर मुड़ी और रफ्तार पकड़ने लगी। इस वक्त कार की हेडलाइट ही केवल रोशन थी। जैसे ही वह फेनर के बगल से गुजरी तो कार की खिड़की से गोलियाँ बरसने लगीं।

फेनर सड़क के दूसरी तरफ गोलियों की दीवारों से टकराने की आवाज़ साफ सुन सकता था। कोई था जो थॉम्पसन से गोलियाँ बरसाए जा रहा था। वह खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहा था। अच्छा हुआ उसने सड़क पार कर ली थी। अगर वह उधर होता तो उसका शरीर छिद गया होता। गाड़ी जैसे फेनर के बगल से दोबारा गुजरी तो उसने निशाना लेकर तीन बार गोली चलायी। फेनर को कार के शीशे के चटकने की आवाज़ सुनाई दी। गोली सही जगह लगी थी। कार ने अपना संतुलन खोया और पहले वह फुटपाथ से टकराई और फिर वहाँ मौजूद दुकान के डिस्प्ले विंडो को फोड़कर वहाँ घुस गयी।

फेनर प्रवेशद्वार से निकलकर सड़क पर आगे की तरफ भागा। गाड़ी के बगल से गुजरता हुआ वह एक अँधेरी गली में जाकर छुप गया। गली में वह घुटने के बल बैठा और चौकन्ना होकर आस-पास की निगहबानी करने लगा।

कार से तीन लोग बाहर निकले। फेनर को एक व्यक्ति रीगर की तरह लगा। वे लोग अब किसी ओट की तलाश में भाग रहे थे कि फेनर ने बीच वाले पर रिवॉल्वर तानी और घोड़ा दबा दिया। वह व्यक्ति लड़खड़ाया, उसने अपना संतुलन बनाए रखने का असफल प्रयास किया और फिर मुँह के बल सड़क पर गिर गया। तब तक बाकी दोनों ने एंट्रेंसों में पनाह ले ली थी। अब उन्होंने गली के मुहाने की तरफ गोलियाँ चलानी आरम्भ कर दी थी। उनमें से एक के पास थॉम्पसन थी और दूसरे के पास ऑटोमैटिक मशीन गन थी। ऑटोमैटिक वाले की फेनर को फिलहाल इतनी परवाह नहीं थी। परन्तु थॉम्पसन वाले से उसे खतरा महसूस हो रहा था। थॉम्पसन से चलती गोलियाँ दीवारों से टकरा रही थी जिससे दीवार के छोटे-छोटे टुकड़े छितराकर इधर-उधर गिर रहे थे। चूँकि ये टुकड़े फेनर के लिए खतरनाक साबित हो सकते थे इसलिए फेनर को रेंगते हुए गली के मुहाने से दूर जाना पड़ा।

फेनर को नाव में बिताई रात याद थी। वह नहीं चाहता था कि उस दिन की तरह कोई उसकी तरफ बम उछाल दे और वह उसकी चपेट में आ जाए। इसलिए फेनर गली में और भीतर चला गया।

“बेहतर होगा तुम इधर आ जाओ।” किसी ने बोला तो फेनर चौंका।

उसने आवाज की दिशा में देखा तो पाया कि एक दरवाजा खुला था और वहाँ कोई साया मौजूद था।

“दरवाजा बंद करो और कहीं पर छुप जाओ। “ वह चिल्लाया, “जल्दी करो।”

वह एक औरत थी जिसने फेनर को आवाज दी थी, “क्या मैं पुलिस को फोन कर दूँ ?” औरत ने भावहीन लहजे में फेनर से पूछा।

फेनर उसके नजदीक पहुँचा और बोला, “तुम इस पचड़े में मत पड़ो। ये मेरे और उनके बीच की बात है। तुम भीतर रहो नहीं तो इस लड़ाई में तुमको भी नुकसान पहुँच सकता है।” फेनर के मुख से ये शब्द निकले ही थे कि गली के मुहाने में एक आँखों को चौंधियाने वाली रोशनी उत्पन्न हुई और फिर एक तेज धमाका हुआ। धमाके के कारण उत्पन्न हुए तेज हवा के झोंके ने फेनर और उस औरत को उठाकर घर के भीतर बनी संकरी राहदारी में उछाल दिया।

फेनर लुढ़का और फिर दरवाजे पर लात मारकर उसने उसे बंद कर दिया, “तो ये बम लेकर भी आए हैं।” वह बोला।

“यह घर ऐसा दूसरा धमाका नहीं झेल सकेगा। यह धराशायी हो जाएगा।” औरत ने कँपकँपाती आवाज़ में कहा।

फेनर लड़खड़ाते हुए खड़ा हुआ, “मुझे आगे के कमरे में ले चलो।” वह जल्दी से बोला। वह अँधेरे में उस ओर बढ़ने लगा था जहाँ उसे कमरा होने का अंदेशा था और चलते हुए उस औरत से टकराकर लड़खड़ा गया जो अभी भी फर्श में बैठी हुई थी। औरत ने अपने हाथों से उसके पैरों को घेरा और उन्हें जकड़ लिया, “ऐसा करने की भी मत सोचना।” वह अधीरता से बोली, “अगर तुम मेरे घर की खिड़की से गोली चलाना शुरू करोगे तो तुम्हारे ऊपर एक और बम फेंक देंगे।”

“तो मुझे यहाँ से बाहर निकलने दो।” फेनर गुर्राया।

तभी उसके कानों ने पुलिस के सायरन की मद्धिम आवाज़ आने लगी थी। वह तेजी से उनकी ओर ही आ रहा था।

“पुलिस!” वह औरत बोली। उसने फेनर की टाँगों को अपनी पकड़ से आज़ाद किया और उठकर खड़ी हो गयी, “माचिस है ?” वह बोली।

फेनर ने माचिस जलायी और उस औरत ने वह चड़चड़ाती हुई लौ थाम ली। वह नजदीक रखे एक गैस से जलने वाले लैंप तक गयी और उसने उसको जला दिया। प्लॉप की आवाज़ से वह लैंप जला और कमरे में रोशनी हो गयी। वह एक छोटी, थोड़ा मोटी अधेड़ उम्र की औरत थी जिसकी ठुड्डी चौकोर और आँखें दृढ़ थीं।

फेनर बोला, “आपने मेरी बहुत मदद की है। उसके लिए शुक्रिया। अगर उस वक्त मैं बाहर होता तो मेरे चीथड़े दीवारों पर चिपके हुए होते। अब मुझे लगता है कि इससे पहले कि पुलिस वाले घरों की तलाशी लेना शुरू करें मुझे यहाँ से निकल जाना चाहिए। “

तभी सायरन की तेज आवाज बाहर से आई और फिर जैसे ही ब्रेक लगने के कारण कार चरमराते हुए रुकी सायरन बजना भी तेजी से बंद हो गया।

“तुम्हारा अभी बाहर जाना खतरे से खाली नहीं है। तुम फिलहाल इधर ही रुको।” वह बोली।

फेनर थोड़ा झिझका और उसने अपनी घड़ी पर नजर डाली तो पाया कि अभी गैंग से मिलने में चालीस मिनट के करीब बचे हुए थे। उसने सिर हिलाकर सहमति दर्शायी, “पता है आप मुझे मेरी प्रेमिका की याद दिलाती हैं। वह भी हमेशा मुझे मुसीबतों से बचा लिया करती थी।”

उस औरत ने अपना सिर हिलाया और मजाकिया लहजे में कहा, “अच्छा ? पता है तुम मुझे किसकी याद दिलाते हो ?” वह रुकी और फिर बोली, “तुम मुझे मेरे पति की याद दिलाते हो जब वो तुम्हारे उम्र के थे। वह भी तुम्हारी तरह फुर्तीले, ताकतवर और खतरनाक थे। वह एक अच्छे आदमी थे।”

फेनर झेंपते हुए खिसियाने लगा।

औरत ने कहना जारी रखा, “उस गलियारे की तरफ जाओ तो किचन पड़ेगा। वहाँ जाकर बैठो। पुलिस वाले आते ही होंगे। मैं यहाँ के पुलिसवालों से वाकिफ हूँ तो उनसे निपट लूँगी।” 

“ठीक है।” फेनर बोला और किचन की तरफ बढ़ गया। वहाँ उसने एक ढिबरी जलायी और फिर दरवाजा बंद करके एक आरामकुर्सी पर बैठ गया। कमरे से अभाव झलक रहा था लेकिन चीजें साफ-सुथरी थीं। जमीन पर बिछी चटाई पतली और बहुत पुरानी थी। दीवार पर तीन धार्मिक पेंटिंगें लगी थीं और फायरप्लेस के दोनों तरफ कछुओं के एक-एक सजावटी खोल रखे हुए थे। बगल के कमरे से बातचीत की अस्पष्ट आवाजें आ रही थीं। इस बातचीत को सुनने के लिए उसे दरवाजा खोलना पड़ता और उसे लगा ऐसा करने से उन्हें कमरे में मौजूद रोशनी दिख सकती थी। इसलिए कुछ करने के बजाय वह आराम-कुर्सी को धीरे-धीरे हिलाते हुए रीगर के बारे में सोचने लगा। ये गुंडे वाकई में काफी खतरनाक थे। बाहर हुए धमाके से अभी भी उसका दिमाग चकरा रहा था। उसने फिर अपने कोट के अंदर हाथ डालकर अपना बटवा निकाला और उसे खोलकर दस डॉलर के पाँच नोट बाहर निकाल लिए। वह उठा और ड्रेसर में मौजूद एक प्लेट के नीचे उसने उन नोटों को रख दिया। उसे अंदाजा था कि वह औरत उससे पैसे लेना स्वीकार नहीं करेगी और कमरे की हालत देखकर लग रहा था कि उसे पैसों की जरूरत थी।

थोड़ी देर बाद वह कमरे में दाखिल हुई। उसने फेनर को देख सिर हिलाया और बोली, “वो जा चुके हैं।”

फेनर कुर्सी से उठा और बोला, “बहुत-बहुत शुक्रिया! अच्छा अब मैं चलता हूँ।”

“एक मिनट रुको। क्या वो कार्लोस के गैंग के आदमी थे ?” वह बोली।

फेनर ने उसको गौर से देखा और फिर सवाल किया, “आप कार्लोस के गैंग के विषय में क्या जानती हैं ?”

उसकी आँखें एकदम से कठोर हो गयीं, “काफी कुछ!” वह दाँत किटकिटाते हुए बोली, “अगर वो लोग न होते तो मेरा टिम अभी जिंदा होता।”

फेनर ने कहा, “हाँ, वो वही लोग थे। टिम को क्या हुआ था ?”

वह स्थिर खड़ी किसी बड़े से पत्थर के समान मजबूत दिख रही थी, “मेरा टिम एक अच्छा इंसान था।” वह फेनर की आँखों में आँख डालकर बोली, “वह अमीर नहीं था लेकिन हमारा गुजर-बसर हो जाता था। उसकी एक नाव थी जिसमें वो लोगों को खाड़ी में मछलियाँ पकड़ने के लिए ले जाता था।

फिर इस कार्लोस ने उसे चीनियों की तस्करी करने के लिए अपने साथ मिलाने की कोशिश की। उसने टिम को पैसे देने चाहे लेकिन टिम को यह काम करना मंजूर न था। वह ऐसा ही था किसी के दबाव में न आने वाला। वह ताकतवर था और खतरनाक भी और इसलिए उसने कार्लोस को मना कर दिया।

“कार्लोस को यह पसंद नहीं आया तो उसने मेरे टिम की हत्या करवा दी। मरने वाला तो चला जाता है लेकिन जो बचा रहता है उसे ही यह दुःख झेलना पड़ता है। टिम तड़पा नहीं था। वह तो अभी था और अभी नहीं। लेकिन मैं तड़प रही हूँ और भूल नहीं पा रही हो। शायद वक्त गुजरने के साथ मैं अंदरूनी तौर पर मर जाऊँ और फिर चीजें आसान हों लेकिन अभी तो मैं कार्लोस का खून पीना चाहती हूँ।”

फेनर जाने को तैयार था। वह प्यार से बोला, “आप अपना ख्याल रखिए। कार्लोस के पाप का घड़ा भर गया है। उसको उसके किये की सजा मिलेगी। आप उसे मारेंगी तो फिर आपका क्या होगा ? उसे मेरे लिए छोड़ दीजिए। मैं उसे देख लूँगा।”

वह औरत कुछ नहीं बोली। उसने अपने तहबंद को अपने मुँह से लगा लिया और उसका चेहरा रोने जैसे हो गया। हाथों को तेजी से हिलाकर उसने फेनर को वहाँ से जाने का इशारा किया और जैसे फेनर बाहर गया वह आराम कुर्सी के बगल में निढाल होकर घुटनों के बल बैठ गयी।

☐☐☐

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