फेनर को उसे उठाकर कमरे तक लाने में काफी मेहनत करनी पड़ी थी। वह भारी थी और जब तक फेनर उसे लेकर बिस्तर तक पहुँचा तब तक वह काँपने लगा था। उसने उसे आराम से बिस्तर पर रखा और फोन का रिसीवर खींच लिया। वहाँ मौजूद एड्रेस बुक में नाइटेंगल का नंबर था। उसने खड़े होकर कर्ली पर नजर रखे-रखे नंबर डायल किया।
“नाइटेंगल फ्यूनरल पार्लर।” नाइटेंगल की व्यवसायसुलभ आवाज आई।
“यहाँ जल्दी आओ। उन्होंने कर्ली पर हमला कर दिया है।” फेनर ने बोलकर फोन काटा और बिस्तर की तरफ बढ़ गया।
कर्ली ने आँखें खोलीं। जब उसने फेनर को देखा तो उसकी तरफ अपना एक हाथ बढ़ा दिया, “एक जासूस की मदद करने का सही इनाम मिला है।” वह धीमे से बोली।
फेनर की चाकू निकालने की हिम्मत नहीं हो रही थी। उसने कर्ली को इस तरह पकड़ लिया कि मूठ पर कर्ली का वजन न पड़े।
“हिम्मत से काम लो, बेबी। मैं मदद ला रहा हूँ।” वह बोला।
कर्ली ने मुड़कर फेनर को देखा।
“वह मदद अब बहुत देर बाद ही आएगी।” वह बोली और फिर उसका चेहरा उखड़ गया और वह रोने लगी।
“क्या वो कार्लोस था ?” फेनर ने पूछा।
कर्ली कुछ नहीं बोली। उसके मुँह से खून निकलकर ठुड्डी पर आ चुका था।
“मुझे कुछ तो बताओ।” फेनर बोला, “चुप रहकर उसे मत बचाओ। उसके लिये तुम्हारे इस त्याग की कोई कीमत नहीं है। वह तुम्हें बेवकूफ ही समझेगा।”
“वह उसका एक आदमी था।” कर्ली बोली, “मेरे चिल्लाने से पहले ही वह मुझ पर वार कर चुका था। “
फेनर ने देखा कि वह सफेद पड़ने लगी थी। उसने जल्दी से दूसरा प्रश्न किया, “थेलर के पास तुम्हारी फोटो क्यों थी ? वह तुम्हारा क्या है ?”
“वो... वो मेरा पति है।” कर्ली धीमे से फुसफुसाई। फेनर ने देखा उसकी हालत अब बद से बदतर होती जा रही थी। उसने अपना एक हाथ उसकी पीठ के इर्द-गिर्द रखा और चाकू को उसकी पीठ से निकाल दिया। दर्द से उसकी पलकें ऊपर उठ गयी थीं और उसके गले से हल्की-सी कराह निकल गयी थी, “अब ठीक है…।” वह फिर बोली।
फेनर ने उसे बिस्तर पर लेटाया और बोला, “मैं तुम्हारा बदला लूँगा। मैं वादा करता हूँ कार्लोस को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
कर्ली के चेहरे पर एक व्यंग्यात्मक मुस्कान उभर आई।
“ठीक है, बहादुर आदमी।” वह फुसफुसाई, “तुम चाहो तो कार्लोस से बदला ले लेना लेकिन उससे मेरा कोई भला नहीं होगा।”
तभी फेनर को याद आया कि उसने वहाँ पर स्कॉच देखी थी। वह उठा और दीवार पर मौजूद छोटे कपबोर्ड तक गया। उसने वहाँ से स्कॉच निकाली और एक बड़ा पैग बनाया। उसने कर्ली को वह ड्रिंक किसी तरह पिला दिया।
कर्ली ने एक गहरी साँस ली।
“बहुत सही। जब तक तुम्हें तुम्हारे मतलब की सारी चीजें न बता दूँ तब तक मुझे किसी तरह जिंदा रख लो।” वह कड़वे लहजे में बोली।
फेनर ने कर्ली के दोनों हाथों को थामा और बोला, “तुम इस झमेले को ठीक कर सकती हो। क्या थेलर, कार्लोस के साथ मिला हुआ है ?”
कर्ली झिझकी और उसने अपने सिर को थोड़ा-सा हिलाया।
“हाँ, वह इस सब में शामिल है…।” वह धीमे से बोली, “वह एक बुरा आदमी ही रहा है और उसके प्रति मेरी कोई वफादारी नहीं है।”
“वो क्या करता है ?”
“लेबर सिंडिकेट चलाता है…।” वह बोली। उसने फिर अपनी आँखें बंद कर लीं। वह आगे बोली, “मुझसे अब और कुछ मत पूछो। मुझे बहुत डर लग रहा है।”
फेनर इस वक्त बहुत बेबस महसूस कर रहा था। कर्ली अब कोरे कागज-सी सफेद पड़ रही थी। केवल उसके होंठों से निकलते खून के बुलबुले ही यह जता रहे थे कि वह जिंदा है।
तभी कोई तेजी से दौड़ते-भागते सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर आया। फेनर भागकर दरवाजे तक गया। वह नाइटेंगल था।
उसका चेहरा पसीने के कारण चमक रहा था। फेनर को परे धकेलते हुए वह बिस्तर तक पहुँचा लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कर्ली उसके आने से कुछ देर पहले ही मर चुकी थी।
फेनर कमरे से निकला और उसने अपने पीछे दरवाजा भेड़ दिया। जब वह तेजी से गलियारे से गुजर रहा था तब दरवाजे के पीछे से आती एक धीमी-सी चीख उसके कानों में पड़ी। वह नाइटेंगल था जो अपनी कर्ली के लिए रो रहा था।
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फेनर जैसे ही होटल के दरवाजे के भीतर दाखिल हुआ तो मैनेजर तेजी से भागता हुआ उसकी तरफ आया।
“ये सब क्या है ?” उसकी आवाज गुस्से से काँप रही थी, “आपको ये किस तरह का अड्डा लगता है ?”
“मुझसे मत पूछो।” फेनर उसे धकेलकर आगे बढ़त हुआ बोला, “अगर ये अड्डा है तो यहाँ लड़कियाँ कहाँ हैं ?”
मैनेजर इतनी जल्दी टलने वाला नहीं था। वह उसके पीछे भागते हुए आया और बोला, “मिस्टर रॉस! मेरी बात सुनिए। मैं यहाँ ऐसे उपद्रव नहीं सहूँगा।”
फेनर रुका और उससे बोला, “तुम क्या बात कर रहे हो यार ?”
“मेरे लोग अब तीसरे माले में जाने से डरने लगे हैं। वहाँ एक मवाली बैठा हुआ है जो किसी को भी उधर से गुजरने नहीं दे रहा है। मैंने उसे पुलिस की धमकी भी दी लेकिन उसका कहना था कि आपने उसे वहाँ रहने को कहा है। इसका मतलब क्या है ?”
“तुम एक काम करो, मेरा बिल बना दो। मैं चेकआउट कर रहा हूँ।।” फेनर उससे बोला और मैनेजर को बड़बड़ाता छोड़ ऊपर अपने कमरे की तरफ बढ़ गया। जब फेनर कमरे तक पहुँचा तो उसने बग्सी को उधर से नदारद पाया। किसी अनिष्ठ की आशंका के चलते उसने दरवाजे पर लात मारी और भीतर दाखिल हुआ।
ग्लोरी पलंग पर और बग्सी उसके नजदीक बैठा हुआ था। वे दोनों ताश खेल रहे थे। बग्सी ने केवल एक सफेद निक्कर और एक हैट पहनी हुई थी। उसकी मोटी कमर पर पसीने की धाराएँ बह रही थीं।
फेनर उन्हें देख ठगा-सा खड़ा रह गया।
“इधर ये चल क्या रहा है ?” वह बोला।
ग्लोरी ने उसे देख अपने पत्ते फेंक दिए।।
“तुम इतने दिन कहाँ पर रहे ?” वह चिल्लाई, “और तुम्हें ये क्या हुआ ?”
फेनर कमरे के भीतर आया और उसने दरवाजा बंद कर दिया।
“बहुत कुछ।” वह बोला। फिर बग्सी की तरफ मुड़कर वह बोला, “और तुम क्या कर रहे हो यहाँ पर - स्ट्रिप टीज़ ?”
“वो मेरी नाइटी उतरवाने के लिए खेल रहा था लेकिन मैंने उसे हरा दिया।” ग्लोरी स्पष्टीकरण देती हुई बोली।
बग्सी ने अपनी पैंट उठा दी।
“तुम बहुत अच्छे मौके पर आये हो।” वह उत्साहित होते हुए बोला, “ये लड़की तगड़े पत्ते खेलती है।”
फेनर फिलहाल मज़ाक के मूड में नहीं था। वह बोला, “जल्दी बाहर जाओ और एक ऐसी गाड़ी लेकर आओ जो चारों तरफ से बंद हो। उस गाड़ी को इस इमारत के पिछवाड़े की तरफ लाकर खड़ा कर दो। तुम्हारे पास केवल पंद्रह मिनट हैं।”
बग्सी ने जल्दबाजी में अपने कपड़े डाले।
“लगता है किसी ने तुम्हारी अच्छे से मरम्मत की है।” वह फेनर से बोला।
“मेरी चिंता मत करो।” फेनर ने सर्द लहजे में कहा, “जो कहा है वो करो। ये करना बहुत जरूरी है।”
बग्सी अपना कोट डालता हुआ कमरे से बाहर चला गया। फेनर वापिस ग्लोरी की तरफ घूमा और उससे बोला, “क्या तुम खड़ी हो सकती हो ?”
ग्लोरी ने चद्दर फेंकी और खड़ी हो गयी।
“मैं तो बिस्तर में केवल इसलिए थी क्योंकि बग्सी को मेरे बाहर रहने से परेशानी हो रही थी।” वह बोली, “आखिर माजरा क्या है ?”
फेनर ने अपने लिए एक नया सूट निकाला और कपड़े बदलने लगा।
“वहाँ पर खड़े-खड़े मुझे घूरते मत रहो।” वह गुस्से में बोला, “जल्दी तैयार हो जाओ। हम यहाँ से निकल रहे हैं।”
ग्लोरी भी तैयार होने लगी।
“क्या तुम मुझे इतना भी नहीं बता सकते कि अब तक तुम कहाँ पर थे ?” वह तैयार होते हुए बोली।
फेनर दराजों से सामान निकालकर उन्हें दो बैगों में भर रहा था।
“मुझे गुंडों की एक गैंग ने कैद कर लिया था। मैं वहाँ से भागकर आ रहा हूँ।”
“हम कहाँ जा रहे हैं ?”
“हम नूओलन के साथ रहेंगे।” फेनर भावहीन लहजे में बोला।
ग्लोरी ने इनकार में अपना सिर हिलाया।
“मैं नहीं रहने वाली।” वह बोली।
फेनर ने सूटकेस बंद किए और खड़ा हो गया। तेजी से दो कदम चलकर उसने कमरा पार किया और ग्लोरी की कलाई पर अपना हाथ रख दिया।
“तुम वही करोगी जो मैं तुमसे कहा जा रहा है।” वह बोली।
“नूओलन के यहाँ नहीं।”
“मैं इसी की बात कर रहा हूँ। मैं तुम्हारे नखरे नहीं सहने वाला। या तो तुम चलोगी या फिर मैं तुम्हें उठाकर ले जाऊँगा।”
वह कमरे में मौजूद फोन तक गया और उसने बिल मँगवाया। बिल का इंतजार करते हुए वह बेचैनी से कमरे में इधर-उधर चलने लगा। ग्लोरी बिस्तर पर जाकर बैठी और घबराई हुई आँखों से उसे देखने लगी।
“तुम आखिर क्या शुरू कर रहे हो ?” वह उससे बोली।
फेनर ने सिर उठाकर उसे देखा।
“बहुत कुछ।” वह बोला, “इस गैंग ने बात शुरू की है और मैं इसे खत्म करूँगा। मैं तब तक नहीं रुकने वाला जब तक उनके धंधे को सबके सामने न ले आऊँ और उस कार्लोस की ऐसी हालत न कर दूँ कि उसके पास रोने-पीटने के सिवा कोई चारा न बचे।”
एक बेलबॉय बिल लेकर उधर पहुँचा तो फेनर ने उसे चुका दिया। फिर उसने एक हाथ से अपने बैग उठाए और दूसरे से ग्लोरी को कोहनी के सहारे पकड़ लिया।
“चलो चलें।” वह बोला और साथ में वे नीचे चले गए।
उन्हें बग्सी एक बड़ी गाड़ी के ड्राइवर सीट पर बैठा हुआ मिला। बग्सी थोड़ा घबड़ाया-सा दिख रहा था लेकिन वह कुछ बोला नहीं। फेनर, ग्लोरी के पीछे गाड़ी में चढ़ा था।
“नूओलन के यहाँ, जल्दी।” फेनर बोला।
बग्सी यह सुन पीछे को मुड़ गया।
“नूओलन!” वह बोला, “उसके यहाँ क्यों ? देखो, तुम्हें उसके पास जाकर कुछ नहीं मिलने वाला। वह एक चुका हुआ कारतूस है।”
फेनर आगे को झुका।
“नूओलन के यहाँ चलो।” वह संजीदगी से उसे देखते हुए बोला, “और अगर तुम्हें पसंद नहीं है तो गाड़ी से उतर जाओ। मैं खुद ड्राइव करके उधर चला जाऊँगा।”
बग्सी हैरानी से कभी फेनर और कभी ग्लोरी को देखने लगा।
“जो कह रहा है वो कर लो।” ग्लोरी उससे बोली, “अभी ये किसी की नहीं सुनने वाला है।”
“ओह, ठीक है फिर।” बग्सी हार मानते हुए बोला और उसने गाड़ी को नूओलन के अड्डे की तरफ बढ़ा दिया।
ग्लोरी चेहरे पर नाराजगी के भाव लिए गाड़ी में एक कोने में सिमटी हुई बैठी थी। फेनर बग्सी के चौड़े कंधों के ऊपर से सड़क पर नजर जमाए हुए था। नूओलन के अड्डे तक पहुँचने तक गाड़ी में चुप्पी छायी रही। जब वे लोग कैसीनो के वृताकार ड्राइव-वे पर चलने लगे तो ग्लोरी बोली, “मैं अंदर नहीं जाना चाहती हूँ।” उसने यह खाली विरोध के लिए कहा था न कि इस उम्मीद में कि फेनर मान जाएगा। फेनर ने झटके से दरवाजा खोला और गाड़ी से बाहर आ गया।
“चलो चलो, दोनों के दोनों बाहर निकलो।” फेनर अधीर होता-सा बोला।
जब वह कैसीनो की खाली लॉबी में दाखिल हुए तो उस वक्त दिन के साढ़े ग्यारह बजे थे। मुख्य हॉल में उन्हें एक क्यूबन दिखाई दिया था। उसने कमीज की बाहें गुलटी हुई थी और एक बिजली से चलने वाली सफाई मशीन फर्श पर यूँ ही बेमकसद-सा चलाए जा रहा था। वह उसकी तरफ बढ़े तो उसने नजरे उठाकर उन्हें देखा। उसका मुँह हैरानी से खुल-सा गया था। उसकी आँखें ग्लोरी पर टिकी हुई थीं जो कि उसे देखकर मुँह बना रही थी।
“नूओलन है ?” फेनर बोला।
उस क्यूबन ने उस सफाई मशीन का बटन दबाकर उसे बंद किया और फिर उसे बहुत सावधानी से फर्श पर रखा।
“देखकर आता हूँ।” वह जवाब में बोला।
फेनर ने सिर को दायें-बायें हिलाया।
“तुम यही रहो।” वह संक्षेप में बोला और हॉल पार करके दफ्तर की तरफ बढ़ गया।
“अरे!” क्यूबन धीमी आवाज में बोला जरूर था लेकिन उसने अपनी जगह से हिलने की कोशिश नहीं की थी।
ग्लोरी और बग्सी, फेनर के पीछे-पीछे ही धीमी चाल में आ रहे थे। फेनर ने नूओलन के दफ्तर का दरवाजा खोला और भीतर झाँका। नूओलन कुर्सी पर बैठा हुआ था। उसकी मेज पर नोटों का बड़ा-सा ढेर था जिसे वह गिन रहा था। उसने फेनर को देखा तो उसका चेहरा सुर्ख पड़ गया और उसने तेजी से सारा पैसा दराज में डाल दिया।
फेनर भीतर दाखिल हुआ।
“हम तुम्हें लूटने नहीं आए हैं।” वह संक्षेप में बोला, “यहाँ पर युद्ध के लिए मीटिंग करने आए हैं।”
ग्लोरी और बग्सी दफ्तर के बाहर ही रुक गए थे। फेनर ने गर्दन घुमाई और उनसे कहा, “दोनों भीतर आओ और दरवाजा बंद कर दो।”
नूओलन मेज के पीछे बिल्कुल स्थिर बैठा था। ग्लोरी भीतर आई तो उसने अपने कॉलर में उँगगली डालकर उसे ढीला किया। ग्लोरी उसकी तरफ नहीं देख रही थी। वह कमरे के आखिर में रखी एक कुर्सी पर जाकर बैठ गयी। बग्सी ने दरवाजा बंद किया और उस पर टिककर खड़ा हो गया। वह भी नूओलन की तरफ नहीं देख रहा था। कमरे में तनाव का माहौल बन गया था जिसे आसानी से महसूस किया जा सकता था।
“ये सब क्या है ?” नूओलन बड़ी मुश्किल से बस यही कह पाया।
फेनर ने नूओलन की मेज से एक ग्रीन एप्पल सिगार उठाया, उसे दाँत से कसकर दबाया और फिर अपने अँगूठे पर घिसकर माचिस को जला दिया। अगले एक मिनट तक वह उस सिगार को अच्छी तरह से सुलगाता रहा। । फिर उसने तीली को फेंका और मेज के कोने पर आकर बैठ गया।
“तुम्हारे अंदर बहुत हिम्मत है, रॉस। मैंने पहले भी कहा था कि तुम जो चीज बेचना चाह रहे हो उसमें मुझे कोई रुचि नहीं है। यह बात अभी भी लागू होती है।”
“ये रॉस नहीं है। इसका नाम फेनर है और ये एक लाइसेंसधारी प्राइवेट जासूस है।” ग्लोरी सपाट आवाज में बोली।
फेनर ने सिर घुमाकर ग्लोरी को देखा तो पाया कि अपनी स्कर्ट ठीक कर रही थी और उसके चेहरे पर नाराजगी और उदासीनता छायी हुई थी।
बग्सी को यह सुन झटका-सा लगा और हैरानी से उसकी बड़ी-बड़ी आँखें कटोरियों से बाहर को निकलने को हो गयी। नूओलन का हाथ, जो उस वक्त सिगार उठाने के लिए बढ़ रहा था, एक पल को रुक-सा गया। उसका मोटा सफेद हाथ सिगार के डिब्बे के ऊपर ऐसे मंडरा रहा था जैसे कोई गंगा चिल्ली[34] उड़ते हुए ठहर-सा जाता है। फिर वह पीछे की तरफ हुआ और उसने अपने हाथों को ब्लाटर पर मोड़कर रख दिया।
“अगर तुम थोड़ा भी काम कर रहे होते तो तुम्हें यह खबर पहले मिल चुकी होती।” फेनर उससे बोला।
नूओलन व्याकुलता से अपने हाथों को हिला रहा था ।
“यहाँ से निकल जाओ।” वह अटकती आवाज में बोला, “प्राइवेट जासूस मेरे किसी काम के नहीं है।”
“तुम्हें और मुझे अभी साथ में एक काम करना है।” फेनर उसे गौर से देखते हुए बोला, “इस काम से कानून का कोई लेना-देना नहीं है।”
“निकलो यहाँ से।।” नूओलन गुस्से में फुफकारता-सा बोला।
तभी फेनर ने आसानी से एक झापड़ नूओलन के चेहरे पर रसीद कर दिया। नूओलन झटका खाकर पीछे को हुआ लेकिन उसकी मोटी टाँगों के मेज के नीचे फँसे होने के चलते वह पीछे लुढ़कने से बच गया। फेनर मेज से सरककर खड़ा हुआ और तेजी से तीन कदम दूर जाकर खड़ा हो गया। वह अब थोड़ा-सा ऐसे घूमा कि बाकी तीनों को देख सकता था।
बग्सी का हाथ उसकी पिछली जेब में कुछ टटोल रहा था। उसके चेहरे पर वह असमंजस देखा जा सकता था जो उसे उलझन में डाल रहा था।
“संभलकर।” फेनर उसे देख बोला, “अगर तुमने कुछ करने की कोशिश की तो मैं तुम्हें भी ठीक कर दूँगा।”
बग्सी ने अपना हाथ पीछे से निकाला और उसे अपने सिर पर ले गया। उसने अपने सिर को खुजाया और बोला, “मुझे लगता है मेरा यहाँ से निकलना ही ठीक होगा।”
“अगर तुम्हारे अंदर थोड़ा-सा भी दिमाग हुआ तो तुम कहीं नहीं जाओगे।” फेनर बिना किसी भाव के बोला, “कार्लोस यह जरूर जानना चाहेगा कि तुम इतने दिनों तक प्राइवेट जासूस के साथ क्या खिचड़ी पका रहे थे।”
बग्सी के चेहरा का रंग यह सुनकर उड़ गया।
“मुझे उस वक्त कहाँ पता था कि तुम जासूस हो।” वह नाराज-सा होता हुआ बोला।
फेनर के चेहरे पर एक व्यंग्यात्मक मुस्कान आई और वह बोला, “कार्लोस को यह बताना। मुझे बताने की जरूरत नहीं है।”
बग्सी थोड़ा झिझका और फिर दीवार के सहारे टेक लगाकर खड़ा हो गया।
फेनर ने नूओलन को देखा जो कि अब निराश-सा एक कोने में बैठा अपना जबड़ा मसल रहा था। अब किसी भी तरह का विरोध उसके अंदर नहीं बचा था।
“ठीक है।” फेनर बोला, “अब मैं काम शुरू कर सकता हूँ। अब मेरी बात सुनो। तुम और मैं मिलकर इस शहर से कार्लोस और उसकी गैंग का सफाया करने वाले हैं। ये बग्सी या तो हमारे साथ आ सकता है या वापस कार्लोस के पास जा सकता है। वह क्या करता है इससे मुझे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। वह वापस जाएगा तो उसे वहाँ काफी कुछ समझाना पड़ेगा। अगर हमारे साथ रहेगा काम खत्म होने तक प्रति सप्ताह पाँच सौ डॉलर कमाएगा।”
बग्सी ने पैसे की बात सुनी तो उसकी आँखों में एक चमक आ गयी।
“इतने पैसे मिलेंगे तो मैं तुम्हारे साथ ही रहूँगा।” वह बोला।
फेनर ने अपना पर्स निकाला, उससे नोटों की एक गड्डी निकाली और उसे बग्सी की तरफ उछालता हुआ बोला, “फिलहाल के लिए ये रखो।”
नूओलन यह सब बिना कुछ बोले देखता रहा। फेनर उसकी तरफ आया और आकर वापस मेज पर बैठ गया।
“क्या तुम इस शहर का राजा बनना पसंद करोगे ?” वह बोला, “अगर मेरे साथ काम करोगे तो ये हो सकता है।”
“कैसे ?” नूओलन रूखी आवाज में बोला।
“तुम्हारे गुर्गे, मैं और बग्सी एक साथ मिलकर यहाँ पर कार्लोस और उसकी गैंग का रहना मुश्किल कर देंगे। हम उसकी नावों को हथिया लेंगे, उसकी गैंग को तोड़ देंगे और उसकी ऐसी-तैसी फेर देंगे।”
“नहीं, हम नहीं कर पाएँगे।” नूओलन इनकार में सिर हिलाता हुआ बोला।
“कैसे आदमी हो यार। अभी भी डर रहे हो क्या ?” फेनर सपाट लहजे में बोला।
“मैंने पुलिस वालों के साथ न काम किया है और न कभी करूँगा।”
“तुम समझ नहीं रहे हो। चार दिन पहले कार्लोस ने मुझे अपने वाटरफ्रंट वाले अड्डे में कैद किया था। उसने उधर मेरे साथ काफी कुछ किया लेकिन मैं किसी तरह आजाद होने में कामयाब हो गया। अब ये मेरा निजी मामला हो गया है। मैं इसमें कानून का सहारा नहीं लेने वाला हूँ।”
“मैं फिर भी इस खेल में शामिल नहीं होऊँगा।” नूओलन इनकार में सिर हिलाते हुए बोला।
फेनर ने यह सुना तो वह हँस पड़ा।
“ठीक है। अगर ऐसा है तो हम लोग तुम्हें शामिल करके ही रहेंगे।”
फेनर खड़ा हुआ और बग्सी की तरफ मुड़कर बोला, “तुम साथ हो ?”
बग्सी ने सिर हिलाकर सहमति दर्शाई, “मैं तुम्हारे साथ हूँ।” वह बोला।
फेनर ने ग्लोरी को देखकर सिर हिलाया और उससे बोला, “चलो बेबी! अभी तुम, मैं और बग्सी ही इस मामले से तब तक निपटते हैं जब तक यह मवाली हमारा साथ देने को तैयार नहीं होता है।”
ग्लोरी खड़ी हुई और फेनर से बोली, “मैं भी इसमें शामिल नहीं होना चाहती हूँ।”
फेनर दाँत दिखाकर हँस पड़ा, “बहुत शर्म की बात है लेकिन क्या करें।” वह चलते हुए उसकी तरफ आया और उसकी बाँह थामता हुआ बोला, “लेकिन तुम नूओलन नहीं हो और इसलिए वही करोगी जो करने को कहा जाएगा।”
“उसे छोड़ दो।” नूओलन बीच में बोला पर फेनर ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
“चलो चलें।” वह उनसे बोला और वे कमरे से बाहर निकल गए। ग्लोरी बेमन से उनके बीच चली जा रही थी।
बाहर सड़क पर पहुँचकर फेनर रुका और ग्लोरी की तरफ मुड़कर बोला, “हम तुम्हारे घर रहेंगे।”
“मैंने तुम्हें पहले भी कहा था कि मेरे पास कोई घर नहीं है।” ग्लोरी ने दो टूक जवाब दिया।
फेनर मुस्कराया, “हम लोग वहाँ रहेंगे जहाँ तुम अपने कपड़े रखती हो। ये इवनिंग ड्रेस दिन के इस वक्त सच में बहुत अजीब लग रही है।”
ग्लोरी थोड़ी झिझकी और फिर बोली, “देखो, मैं सच में इस कार्लोस वाले मामले में उलझना नहीं चाहती हूँ। क्या तुम मुझे छोड़ नहीं सकते ?”
फेनर ने उसे गाड़ी के भीतर धकेल दिया, “देखो बेबी, अब इन सब बातों के लिए काफी देर हो गयी है।” वह गुस्से से बोला, “मैं नहीं चाहता कोई जब चाहे तुम्हें गोली मार दे। कुछ देर तक तो तुम्हें मेरे साथ ही रहना पड़ेगा।”
ग्लोरी ने एक गहरी साँस ली, “ठीक है। स्पन्ज पायर के आस-पास मेरा छोटा-सा ठिकाना है।”
फेनर ने बग्सी को देखा फिर सिर हिलाया, “स्पन्ज पायर, चलो।”
पहले बग्सी और उसके बाद फेनर गाड़ी में बैठ गए। फेनर ग्लोरी के नजदीक बैठा हुआ था और उसके बैग उसकी टाँगों के बीच रखे हुए थे।
“अगले कुछ दिनों में यहाँ बहुत कुछ होने वाला है।” फेनर बोला, “हो सकता है मैं अपने मकसद में कामयाब होऊँ या ये भी हो सकता है ऐसा न हो। लेकिन इतना तो तय है कि मेरा चाहे जो हो, कार्लोस पहले खत्म होगा। “
“तुम कार्लोस से बहुत नफरत करते हो, है न ?” ग्लोरी बोली।
फेनर ने सामने की तरफ देखा। उसकी आँखें इस वक्त बहुत सर्द हो चुकी थीं।
“बिल्कुल।” उसने संक्षिप्त-सा जवाब दिया।
☐☐☐
स्पन्ज पायर से आधा मील दूर ताड़ के पेड़ों के झुरमुट से ढका हुआ एक छोटा-सा बंगला मौजूद था। बग्सी ने एक छोटे मगर सजे-सँवरे बाग से गाड़ी ले जाकर उसे दरवाजे के बाहर पार्क कर दिया। बंगले के चारों ओर एक चौड़ा बरामदा था जो हरे रंग के धूप से बचाने वाले पर्दों से ढके होने के कारण दिखाई नहीं देता था। वहीं पर घर की हर एक खिड़की में हरे रंग की झिलमिली मौजूद थी।
पहले फेनर गाड़ी से निकला और फिर ग्लोरी उसके पीछे-पीछे निकली।
“गैरेज पीछे है।” ग्लोरी बग्सी से बोली।
“तुम्हारे पास गाड़ी है ?” फेनर ने ग्लोरी से पूछा।
“हाँ। तुम्हें कोई दिक्कत ?”
फेनर ने बग्सी को देखा, “इस किराये की गाड़ी को वापस छोड़ आओ। हम इसकी गाड़ी लेंगे। फिलहाल हम खुले हाथ से खर्चा नहीं कर सकते हैं।”
“मेरी इच्छा की फिक्र मत करो।” ग्लोरी ताने देते हुए बोली।
“यहाँ लोग रखे हुए हैं ?” फेनर घर का मुआयना करते हुए बोला।
“साफ-सफाई के लिए एक औरत रखी हुई है।”
“ठीक है, बग्सी उसकी मदद कर लेगा।” फेनर एक बार फिर बग्सी की तरफ मुड़ा और उससे बोला, “गाड़ी वापिस ले जाओ और लौटकर आओ। मिस लीडलर अपनी मेड को बता देंगी कि तुम आ रहे हो। फिर जब तक जरूरत न हो तुम उसके साथ काम करना। समझ गये ?”
“जैसे तुम कहो, बॉस।” बग्सी बोला और गाड़ी लेकर चला गया।
फेनर ग्लोरी के पीछे-पीछे बंगले में दाखिल हुआ। वह एक अच्छा बंगला था। एक नाटी स्पैनिश मूल की महिला वहाँ अचानक से प्रकट हुई तो ग्लोरी हाथ हिलाते हुए उससे बोली, “ये मिस्टर फेनर हैं। ये कुछ दिनों तक यहाँ रहेंगे। क्या तुम लंच बना लोगी ?”
उस औरत ने फेनर पर एक नजर मारी और वहाँ से चली गयी। फेनर को देख जो उपहास के भाव उसकी आँखों में नजर आए वह फेनर को पसंद नहीं आए थे।
ग्लोरी ने लॉबी के बायीं तरफ मौजूद एक दरवाजा खोला और फेनर से बोली, “तुम वहाँ जाकर आराम करो। मैं कपड़े बदलकर आती हूँ।”
“ठीक है।” फेनर बोला और टहलते हुए कमरे में चला गया। वह एक आरामदायक कमरा था जहाँ बहुत सारे कुशन थे, दीवान थे और कुछ और कुशन मौजूद थे। कमरे की खिड़कियाँ बाहर के बरामदे में खुलती थीं और कमरा सूरज की हल्की रोशनी से रोशन था।
वह स्पैनिश मूल की महिला आई और उसने बरामदे में लंच के लिए टेबल लगाई। फेनर एक दीवान पर बैठा हुआ था और सिगरेट पी रहा था।
“जब तुम उधर से निपट जाओ तो मेरे लिए एक ड्रिंक भी ले आना।” वह उस महिला से बोला। महिला ने इस बात कोई संकेत नहीं दिया कि उसने उसकी बात सुनी थी और फेनर ने भी अपनी बात दोहराने की जहमत नहीं उठाई। वह आराम से उधर बैठा रहा।
ग्लोरी कुछ देर बाद वहाँ पर पहुँची। उसने सफेद रंग की रेशम की ड्रेस पहनी हुई थी जो कि उसके टखनों तक आती थी। उसके पैरों में सफेद रंग के डोस्किन सैंडल थे। उसके लाल सुनहरे बाल रिबन की मदद से कानों के पीछे किए गए थे। उसके होंठ बहुत सुर्ख थे और उसकी आँखें चमक रही थीं जिनकी चमक उसके गले में मौजूद मोतियों की माला बढ़ा रही थी। उसका गाउन गहरे गले का था जहाँ पर वह माला शोभायमान थी।
“मैं पसंद आई ?” उसने फेनर से कहा और एक बार घूमकर खुद की नुमाइश-सी की।
“हाँ।” फेनर उठते हुए बोला, “तुम ठीक-ठाक हो।”
उसने यह सुन बुरा-सा मुँह बनाया और ड्रिंक्स बनाने के लिए एक तरफ को चली गयी। उसकी ड्रेस चुस्त थी।
फेनर ने उसे देख बुरा सा मुँह बनाया। उसे लग गया था वह जल्द ही उसे रिझाने की कोशिश करेगी।
ग्लोरी ने जो कॉकटेल बनाए थे वो फेनर को तगड़े लगे थे। इसलिए जब वह लोग लंच के लिए बैठे तो फेनर काफी अच्छा महसूस कर रहा था। उन्होंने बिना कुछ ज्यादा बातचीत किए अपना खाना खत्म किया। फेनर को ग्लोरी की आँखों का एहसास था। वह बार-बार उसे देख रही थी और जब फेनर उसकी तरफ देखता तो जल्दी से अपनी नजरे चुरा लेती थी। उन्होंने इस दौरान बंगले की , उस स्पैनिश औरत की और ऐसे ही इधर-उधर की कई बेमतलब-सी बातें कीं।
जब ग्लोरी की नौकरानी ने सारा सामान उधर से हटा दिया तो फेनर एक दीवान पर पसर गया। ग्लोरी बेचैनी से कमरे में चहलकदमी कर रही थी। चूँकि वह इतनी खूबसूरत दिखायी दे रही थी तो फेनर की आँखें उसी को देख रही थीं।
“उधर केवल बैठे मत रहो।” वह अचानक फेनर से बोली।
“तुम बताओ, मैं क्या करूँ ?”
जवाब देने के बजाय वह खिड़की तक गयी और वहाँ से बाहर झाँकने लगी। बाहर से पड़ती सूरज की हल्की सी रोशनी ने उसकी सफेद ड्रेस के भीतर मौजूद पैरों की आकृति को नुमाया कर दिया था। फेनर उसे दिलचस्पी से देख रहा था।
“चलो, मैं तुम्हें अपना घर दिखा देती हूँ।” आखिर वह बोली।
“पहली चीज सीधा बेडरूम ?”, फेनर अपने कोहनी के बल झुका हुआ बोला। उसकी आँखें आधी मुँदी हुई थीं।
वह दरवाजे तक गयी। “चलो”, वह बोली। उसकी आवाज से लग रहा था जैसे उसे इस काम की जल्दी हो।
फेनर दीवान से उठा और उसके पीछे-पीछे लॉबी पार कर एक बड़े से कमरे में आ गया। उस कमरे में ज्यादा सामान नहीं था।
लकड़ी से बना हुआ फर्श, कालीन और एक दीवान ही उधर मौजूद था। दायीं तरफ एक छोटा-सा ड्रेसिंग रूम और एक गुसलखाना था। उसने किनारे होकर फेनर को भीतर जाने दिया और फिर दरवाजे को बंद कर दिया। फेनर को ताले में चाबी घुमाने की आवाज सुनायी दी।
फेनर ने अंदर आकर पहले ड्रेसिंग रूम देखा और फिर वह बाथरूम देखा। इस दौरान ग्लोरी उसका इंतजार कर रही थी।
“बहुत अच्छा है।” सब कुछ देख चुकने के बाद वह बोला।
फेनर अपनी जगह पर खड़ा ग्लोरी की साँसों की आवाज सुन पा रहा था। ग्लोरी उसका इंतजार कर रही थी लेकिन वह उसे देखने के बजाय कमरे में इधर-उधर टहल रहा था। कुछ देर तक ऐसा ही चला और फिर वह अचानक बोला, “चलो, अब काम की बात हो जाए।”
वह पलंग पर ऐसे बैठी जैसे उसके अंदर जान ही न बची हो। उसने अपने दोनों हाथों की उँगलियों को एक-दूसरे में फँसा रखा था और ऐसे ही वह उन्हें अपने सिर के पीछे ले गयी। फेनर ने उसकी तरफ देखा। फेनर के चेहरे पर इस समय कोई भाव नहीं थे।
“थेलर ही वो आदमी था जो कि कार्लोस का लेबर सिंडीकेट चलाता था। उसकी शादी कर्ली रॉबिन्स से हो रखी थी जो कि नाइटेंगल की असिस्टेंट थी। कार्लोस ने आज ही कर्ली का खून करवा दिया है। तुम तो थेलर के साथ घूमती-फिरती थी न। तुम बताओ, उसका काम क्या था ?”
ग्लोरी बोली, “इधर मेरे पास आकर बैठो। मैं सब कुछ बताती हूँ।”
फेनर उसके नजदीक जाकर बैठ गया, “अब बोलो ?” वह बोला।
“अपना हाथ मुझे दो।” ग्लोरी उससे बोली।
फेनर ने अपना हाथ ग्लोरी के हाथ में रखा और उससे पूछा, “क्या तुम्हें मालूम था ?”
ग्लोरी ने उसका हाथ कसकर पकड़ा और उससे बोली, “हाँ, मुझे मालूम था।”
फेनर बिल्कुल स्थिर बैठा था। वह उसके शरीर की गर्माहट को अपने हाथों पर महसूस कर पा रहा था।, “क्या ये भी मालूम था कि उसकी शादी कर्ली से हो रखी है ?”
वह पलंग पर अपनी आँखें बंद करके लेट गयी। वह अपने दाँतों से अपना निचला होंठ काट रही थी, “नहीं।” वह बोली।
“क्या कार्लोस के बारे में भी सब पता था ?”
“हाँ, मुझे उसके बारे में सब पता था।” उसने उसके हाथ को हटाया। फेनर ने अपने हाथ को वापस खींच लिया। वह उठकर बैठ गयी। फेनर ने उसकी आँखें देखीं। उसकी आँखें में उसे जुनून दिखायी देने लगा था। उसने अपनी बाहें फेनर की गर्दन पर डाली और उसे अपनी तरफ खींचा। इससे पहले की फेनर के होंठ ग्लोरी के होंठों के नजदीक पहुँचते फेनर ने उसे धक्का देकर अपने से दूर कर दिया।
“ये सब नाटक छोड़ो।” वह खड़े होते हुए रूखेपन से बोला, “तुम्हारी इन अदाओं में मैं फँसने वाला नहीं हूँ।”
फिर फेनर दरवाजा खोलकर कमरे से बाहर निकल गया। उसने अपने पीछे कमरे का दरवाजा भी बंद नहीं किया था। तेजी से चलते हुए वह बाहर से आते बग्सी के बगल से गुजरा और बिना उससे बात किए बाहर मौजूद बाग में चला गया।
बग्सी फेनर को जाते हुए देख रहा था। उसके चेहरे पर हैरानी के भाव थे। वह लॉबी में गया और उसने ग्लोरी के कमरे के भीतर झाँका। वह रुक सा गया और भीतर एकटक देखने लगा। ग्लोरी करवट लेकर लेटी हुई थी। उसकी सफेद ड्रेस घुचमुच हो रखी थी और जहाँ पर स्टॉकिंग खत्म हो रही थी वहाँ से झाँकते नग्न शरीर को बग्सी देख पा रहा था। बग्सी ने अपनी ठोढ़ी को खुजाया। फिर उसने ग्लोरी को देख अपनी पलकें झपकायी। जो हो रहा था उस पर विश्वास करना मुश्किल था। ग्लोरी अपनी ड्रेस उतराने लगी थी। बग्सी ने झट से दरवाजे को बंद कर दिया।
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