अध्याय ३८

“इंसान बहुत साधन संपन्न है। जब आप ज़िन्दा रहने के लिए लड़ते हैं, तो आप ज़्यादा नहीं सोचते हैं; बस लड़ते हैं। यदि आप बहुत अधिक सोचते हैं, तो आपका डूबना निश्चित है।”

– फ्रैंक लोवी

जॉर्ज को बेतहाशा खाँसी चली, सीमेंट और गंदगी का मिश्रण उसके गले से बाहर निकला। वह गंभीर रूप से घायल हो गया था, लेकिन अपनी जान की परवाह किए बिना उसने वीरतापूर्वक आफ़रीन को जीवित बचा लिया। अत्यधिक सावधानी के साथ, ओमार ने धीरे-धीरे आफ़रीन को पहले उठाया, फिर उसे एमा को सौंप दिया। बेचारी छोटी बच्ची, रॉकेट हमले की चपेट में आ जाने से बहुत सदमे में, अपने ज़ख़्मों से अंजान थी, जो उसके फटे हुए कपड़ों से दिख रहे थे।

एमा ने उसे सावधानी से पकड़ रखा था। आफ़रीन की मनोवृति बम के आघात से बिगड़ी हुई थी, घबराहट में वह एमा से ज़ोर से लिपट गई।

एमा ने उसके कान में धीरे से कहा, “सब ठीक है, स्वीटी।” तुम अब हमारे पास सुरक्षित हो। हम अम्मी के पास जाएँगे।” उसने भी एमा को कस कर सीने से लगा रखा था।

ऐसा करते हुए, एमा को आफ़रीन के प्रति फिर से ममता का अहसास हुआ। वह सर्वनाश के कगार पर खड़ी थी, लेकिन आफ़रीन के शरीर से निकलती हुई ऊर्जा ने उसे एक अजीब सी सुखद अनुभूति कराई। उसे वात्सल्य से आनन्दित होने का एक और अवसर मिला।

जैसे ही एमा ने मलबे के ढेर को नीचे गिराया, डेविड और ओमार ने अपना ध्यान वापस जॉर्ज की ओर दिया।

“यह एक करिश्मा है, इंशा-अल्लाह!” ओमार ने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया।

डेविड ने जॉर्ज की बाँह पकड़ ली, “जॉर्ज, क्या तुम मुझे ठीक से सुन सकते हो?”

“हाँ,” वह फुसफुसाए।

“चोट तो नहीं लगी?”

“क्या बकवास है, जिस पर एक पूरा मकान गिर गया, तुमको क्या लगता है कि उसे क्या महसूस होता होगा?” उसने व्यंग्यात्मक रूप से जवाब दिया, जिस पर डेविड हल्के से मुस्कुराया।

जॉर्ज दर्द से कराह उठा।

“क्या तुम अपने पैरों को महसूस कर सकते हो?” डेविड ने अगला कदम उठाने से पूर्व जॉर्ज की हालत का अनुमान लगाते हुए पूछा।

“भगवान् के लिए बस मुझे बाहर निकालो!” उसने दर्द से कराहते हुए शिकायती लहजे में कहा।

डेविड और ओमार ने उसे मलबे के ऊपर सीधा खींचा, फिर एक के बाद एक उसके पैर बाहर निकाले। जॉर्ज ने अपना पूरा ज़ोर लगाकर साँस अंदर खींची। हालाँकि उसके शरीर पर ऊपर की चोंटें दिखाई दे रही थी लेकिन, आँतरिक रूप से वह और भी बदतर स्थिति में था। उसके शरीर के अंदर कई फ्रैक्चर, ऊतक क्षति, शायद अंदरूनी रक्तस्राव का भी अंदेशा था। उसे चिकित्सा देखभाल की तत्काल ज़रूरत थी।

“हमें उसे अस्पताल ले जाने की ज़रुरत है। मैं हमारे लिए एक कार का इंतजाम करता हूँ।” ओमार ने कहा।

“हाँ,” डेविड ने सहमति व्यक्त की।

आफ़रीन को पकड़े हुए, एमा सकीना की ओर धीमे कदमों से बढ़ी। वह बुरी तरह से थकी हुई थी। यह देख सकीना का दिल ढोल की तरह धड़क उठा। वह अपनी बेटी को जीवित और हिलती-डुलती देख रही थी। उसका दु-स्वप्न ख़त्म हो चुका था।

एमा सकीना के पास पहुँची, रुक गई और आफ़रीन को अकेले आगे जाने दिया। छोटी बच्ची ने खड़े होकर अपनी माँ के आँसुओं से गीले हुए गालों पर हाथ फेरा। सकीना इस बेइन्तहा ख़ुशी को बर्दाश्त नहीं कर सकी और बेहोश हो कर तुरंत नीचे गिर गई।


अस्पताल की व्यस्त पार्किंग में एक स्ट्रेचर तेजी से बढ़ा जा रहा था। जैसे ही गति बढ़ी, जॉर्ज ने अपनी आँखें बंद कर ली, क्योंकि उसकी कमज़ोर आँखें गति के साथ तालमेल नहीं बिठा पायी। डेविड ने ओमार की मदद से, अपनी ठीक बाँह से स्ट्रेचर को धक्का दिया।

एमा, ओमार के साथ एक दूसरे स्ट्रेचर पर सकीना और आफ़रीन को लिए, ठीक उनके पीछे आ रही थी। आफ़रीन अपनी माँ का हाथ अपने हाथ में लेकर, स्ट्रेचर पर बैठी हिचकोले खा रही थी। उसे अहसास था कि उसकी माँ बेहोश है। तभी ऊपर से तोप के गोले की आवाज़ आई और सभी का ध्यान डर से ऊपर की ओर गया। छत की छोटी दीवार के पास एक आदमी उसके कंधे पर रखे, रॉकेट लाँचर से लगे झटके के कारण इधर-उधर हिचकोले खा रहा था। उन्हें एक नया सबूत अनायास ही मिल गया; हमास अस्पतालों का भी इस्तेमाल रॉकेट लाँचिंग के लिए कर रहा था। एमा गुस्से से ओमार की ओर घूमी और उसने उनके द्वारा मनमाने तरीके से जंग करने की शिकायत करते हुए कहा।

“तुम अस्पतालों को भी हमला करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हो?”

“यह कोई शिकायत का वक़्त नहीं है।” जवाब में ओमार ने जोशपूर्ण स्वर में कहा। तभी ऊपर छत पर खड़े रॉकेट दागने वाले आतंकवादी के कंधे से फिसलकर, रॉकेट लाँचर उनसे कुछ ही दूरी पर आकर गिरा। वे चौंकेऔर स्ट्रेचर को लेकर अंदर की ओर भागे। इस वक़्त, एक-एक लम्हा उनके लिए कीमती था।

वे ऑपरेशन थियेटर के दरवाज़े पर आकर रुक गए। एमा को अपने सामने की लाइन में घायल, दुखी और अपनी यातना से संघर्ष करते हुए मरीजों को देखकर, मन में बहुत पछतावा हुआ। कमरे के अंदर से आ रही दवाइयों की तीखी गंध ने उसे याद दिलाया कि गाज़ा में उसने दवाइयों के बक्सों के साथ प्रवेश किया था। वह अपना ध्यान इस प्रतिकूल जगह से हटाकर दूर देखने लगी। फिर उन्होंने धक्के से दरवाज़ा खोला और अंदर आ गए। अंदर चिकित्सकीय उपकरण एक तो काफ़ी कम थे और बेतरतीब भी पड़े थे। कमरा बहुत ही गन्दा था। एक टूटी हुई टंकी, जंग लगे हुए औजार और मद्धम रोशनी, वहाँ के गम्भीर हालातों को उजागर कर रही थी, जिसमें यह अस्पताल अपने युद्ध में घायल मरीजों का इलाज कर रहा था।

डॉक्टर ने जल्दी में जॉर्ज का जैसे ही परिक्षण किया, उसने कहा कि जॉर्ज के शरीर के अंदर गम्भीर चोंटें हो सकती हैं। उसके पूरे शरीर में एक खंडित फीमर, टूटी पसली और जगह-जगह कई घाव थे। छाती और पेट में दर्द के साथ उसकी धीमी साँसों से यह पता चल रहा था कि जॉर्ज के शरीर में अंदरूनी रक्तस्राव हुआ है।

उन्होंने उसके कमर से ऊपर के कपड़े उतार दिए। उसके माँस में कुछ तेज धारदार पत्थर के टुकड़े घुसे हुए थे। कुछ घावों पर खून जमा हुआ, और कुछ से अभी भी खून बह रहा था। उसके शरीर में खून की काफ़ी कमी हो गई थी।

“रक्त समूह?” डॉक्टर ने पूछा।

“ओ पॉजिटिव,” एमा ने तुरंत कहा। वह उसके रक्त समूह को जानती थी, इस मिशन की शुरुआत में उन्होंने आपस में व्यक्तिगत जानकारियों का आदान-प्रदान किया था।

कुछ देर बाद, एक नर्स, ब्लड बैग के साथ वहाँ आई और जॉर्ज के हाथ में इंजेक्शन लगाया। इसके साथ ही, डॉक्टर ने उसके गहरे घावों पर पट्टी बांध दी लेकिन सभी पर नहीं; क्योंकि वहाँ भारी संख्या में मरीज आ रहे थे और पट्टियों की कमी के चलते सभी को पट्टी नहीं बांधी जा सकती थी, और अधिक घायलों के वहाँ आने की आशंका के चलते, ये पट्टियों की कमी वहाँ सदा रहने वाली थी।

उसके बाद, डॉक्टर ने सकीना का परीक्षण किया। एमा ने आफ़रीन को उठाया। डॉक्टर ने फिर धीरे से सकीना को करवट दिलाई और उसके पैरों को हृदय से लगभग बारह इंच ऊपर उठाया ताकि रक्त उसके मस्तिष्क तक जा सके। जैसे ही पर्याप्त मात्रा में रक्त उसके दिमाग़ तक पहुँचा, सकीना झटके से उठी। अपने आप को इस जगह देखकर वह चकित थी; स्थिति को समझने में उसे कुछ सेकंड लगे। वह घूमी और सीधी बैठ गई। उसकी बेटी उसके लिए वहाँ पहुँची। सकीना खुशी से अभिभूत थी। वह स्ट्रेचर के पास से चली और आफ़रीन को उठा लिया और अत्यधिक ख़ुशी से उसकी आँखों से आँसुओं की झड़ी सी लग गई, उसने आफ़रीन को गोद में उठाया और उसके चेहरे पर चुम्बनों की जैसे वर्षा कर दी।

“शुकरन अल्लाह, शुकरन अल्लाह!” उसने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया।

“अम्मी, घर हम पर गिर गया था।” आफ़रीन ने भोलेपन से कहा।

“मुझे पता है, मेरी बच्ची।” सकीना ने उसे उठाते हुए जवाब दिया।

“मैं तुम्हारे बिना सुरंग के अंदर नहीं जाना चाहता थी, इसलिए मैं खाने की मेज़ के नीचे छिप गई। अंकल जॉर्ज मुझे बाहर निकालने आए, तो घर हम पर टूटकर गिर गया। मेरे हाथ, मेरे सिर पर चोट लगी और वहाँ अंधेरा हो गया। मैं बहुत डर गई थी। मुझे यह पसंद नहीं आया, अम्मी।” आफ़रीन ने अंजाने में बताया कि कैसे वह इतने बड़े हादसे में बच गईं।

सकीना जॉर्ज का शुक्रिया अदा करने के लिए उसकी ओर बढ़ी, लेकिन उसके खुले घावों को देखकर उसे इतनी भयानक पीड़ा हुई कि वह मुड़ी और उससे दूर चली गई, और उसे उलटी आ गई। एमा ने उसकी पीठ पर हाथ फेरा, लेकिन उसके पास उसे देने के लिए पानी नहीं था।

ओमार ने डेविड की ओर देखकर, उसे एक निजी बातचीत के लिए इशारा किया।

“क्या हुआ?”

“क्या अब भी गोली तुम्हारे घाव के अंदर है?” ओमार ने घाव पर इशारा करते हुए पूछा।

डेविड ने खामोशी से ‘हाँ’ में सिर हिलाया।

ओमार ने डेविड के बाँह पर खून को बहने से रोकने के लिए बन्धे कपड़े को खोला तो डेविड के मुँह से कराह निकल गई। गोली का पिछला भाग उसकी माँसपेशी में फँसा हुआ साफ़ दिख रहा था।ओमार ने अपनी कमर से एक नक्कासीदार नुकीला खंजर निकालाऔर उससे गोली निकालने की मंशा से बोला।

“इससे थोड़ा दर्द होगा।”

डेविड ने पलट कर कहा, “नहीं, नहीं! हम अस्पताल में हैं। इस काम को डॉक्टर को करने दो।”

ओमार पीछे हटा, मुड़ा और वहाँ से एक ओर निकल गया। थोड़ी ही देर में एक युवा मेल नर्स को खोजकर लाने में कामयाब रहा।

युवा गोरा-चिट्टा लड़का अनुभवी दिखाई दे रहा था। अपने पतले लेकिन मज़बूत हाथों से डेविड के घाव को दवा से साफ़ किया। उसके पास वक़्त बहुत कम था इसलिये उसने डेविड को कुर्सी पर बैठने को नहीं कहा। उसने जाँच करने के बाद, रक्त प्रवाह को कम करने के लिए घाव के ऊपर के हिस्से पर एक रक्त-रोधी पट्टी बांधी। इसके बाद उसके घावों में से गाड़ा खून, उसकी बाँह पर से फिसलते हुए किसी नल के टपकने की तरह फर्श पर गिरने लगा। डेविड का मन अब केवल अपने घाव पर केंद्रित होने से, उसको अपार पीड़ा का अनुभव हो रहा था। वह इस तरह के दर्द से परिचित था, क्योंकि मरीन बनने से पूर्व उसने कई बार गोली के घाव और दर्द झेले थे।

पास ही खड़ी नर्स ने, उसकी नसों या ऊतकों को चोट से बचाने के लिए रक्त से सनी हई बुलेट को कसकर चिमटी से पकड़कर, एक झटके से सफलतापूर्वक वापस निकाल लिया। डेविड ज़ोर से चीखा। गोली सफलता पूर्वक निकाल ली गई। उसे थोड़ा चक्कर आया। उसने नीचे देखा तो उसे अपने खून की एक छोटी सी डबरी दिखाई दी।

काबिल नर्स ने उसके घाव को पट्टियों से ढक दिया। “शुकरन,” डेविड ने कहा। फिर वह नर्स, बाकी बचे मरीजों, जो घायल पर अभी भी ज़िंदा थे और दर्द से कराह रहे थे; की तीमारदारी के लिए उनकी ओर दौड़कर चली गई।

जैसे ही नर्स गई, डेविड ने एमा को उदास आँखों से उसकी ओर टकटकी लगाकर देखते हुए पाया। डेविड को कमज़ोर और असहाय रूप में देखने पर उसका दिल पसीज गया। लेकिन वह कुछ भी तो नहीं कर सकती थी, हालात ही कुछ ऐसे थे, जिन पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था।

उसी वक़्त, एक और विस्फोट ने ऑपरेशन थियेटर के अंदर की हर वस्तु को हिलाकर रख दिया। विस्फोट इस बार अस्पताल के बहुत करीब था।

ओमार मामले की छानबीन करने के लिए बाहर गया। एक मिनट बाद, वह हाँफ़ता हुआ वापस आया और बोला, “यहाँ हम सुरक्षित नहीं हैं। हमें यहाँ से फ़ौरन जाना होगा।धमाका बहुत करीब हुआ था, बम यहाँ भी गिर सकता है,” उसने स्थिति का आंकलन करके खुलासा किया।

उसकी बात सुनकर, वहाँ खड़े सभी लोगों ने ओमार को गौर से देखा।

“इन रोगियों का क्या होगा?” एमा चिंतित स्वर में बोली।

“यहाँ इतने ज़्यादा लोग हैं कि, हम सबको नहीं बचा सकते हैं, हमें पहले खुद को बचाना होगा।”

“बोलते-बोलते ओमार फिर हाँफ़ने लगा और उसकी साँस फूल गई।”

जॉर्ज का इलाज करने वाला डॉक्टर, निकासी योजना को निष्पादित करने के लिए दूर खड़ा था। एक तेज सायरन की आवाज़ से अस्पताल गूँज उठा। यह आपातकालीन निकासी के लिए संकेत था।

एमा ने जॉर्ज के खून की थैली उठाते हुए स्ट्रेचर को धक्का दिया। वास्तविकता को स्वीकार करना उनका एकमात्र विकल्प था। उन्हें इस सर्वनाश में पहले खुद को बचाना था। वे सभी उसके पीछे हो लिए।

दालान में, उन्होंने लोगों की उन्मत्त भीड़ को देखा, वे जल्दी से जल्दी अस्पताल से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। घायल लोग आशंकित ड्रॉप ज़ोन से दूर जाने के लिए कराहते, लंगड़ाते बाहर की ओर भाग रहे थे।

“हम पीछे से जाएँगे।” ओमार ने सुझाव दिया।

सकीना ने आफ़रीन को अपनी पीठ पर उठा लिया। आफ़रीन ने जल्दबाज़ी में अपनी माँ की गर्दन के चारों ओर अपने छोटे हाथों का घेरा बना लिया। सकीना ने अपने हाथों को पीछे की ओर रखते हुए, सहायता प्रदान करते हुए उसे दृढ़ता से पकड़े रखा।

वे अस्पताल के पीछे की ओर भागे। ओमार ने तेजी से पीछे के प्रवेश द्वार पर कार लगा दी। रात भर, शहर में बमों की बौछार होती रही। इज़राइल युद्ध को फिर से तेज कर रहा था, पर क्यों? ये केवल हमला करने वाले ही जानते थे।

ओमार और एमा ने जॉर्ज को उठाया और उसे वैन की पिछली सीट पर लिटा दिया। वे सब बाद में उसमें सवार हुए।

जैसा कि ओमार इस काली, दुर्भाग्यपूर्ण यात्रा में अपने अगले गंतव्य की ओर कार लेकर चला, पृष्ठभूमि में, सड़क फिर से आग की लपटों में जल रही थी।


डोलोरेस ने अपनी चमकदार हाथ घड़ी पर निगाह डाली; उसकी उड़ान समय पर थी। वह जिस निजी विमान हेंगर में थी, वह संयुक्त राष्ट्रसंघ के लिए आरक्षित था। हवाई जहाज का दरवाज़ा खुला, हवाई पट्टी बाहर की तरफ़ नीचे खिसक आई। उसने और हेदर ने अंदर प्रवेश किया। प्रवेश द्वार पर पायलट द्वारा मुस्कुराते हुए डोलोरेस का स्वागत किया गया।

“अफ़ग़ानिस्तान क्यों?” पायलट ने उत्सुकता से पूछा।

“मामला गोपनीय है।” अपनी सीट की ओर बढ़ते हुए, उसने जवाब दिया।

अध्याय ३९

“युद्ध और शांति की शुरुआत हमारे दिलों से होती है।”

– पेमा चोड्रॉन

तारों भरा आसमान था। रात अपने पूरे शबाब पर थी। अर्धचंद्र से दूधिया-सफ़ेद धुंधला प्रकाश बस्ती पर बिखरा हुआ था।

बस्ती के कभी फिर से ना बसने वाले विनाश से इस युद्ध के बारे में एक सत्य प्रकट हुआ। इस संघर्ष में निर्दोष आत्माएँ असहाय थीं। उनका दुश्मन बहुत मज़बूत और शक्तिशाली था और उनके रक्षक भी कम क्रूर नहीं थे।

बस्ती की संकरी सड़क पर एक वेन खड़ी थी। उसमें से ओमार पहले बाहर निकला उसके बाद डेविड फिर एमा। सकीना, जॉर्ज की देखभाल के लिए वहीं रुकी थी। एमा को पहले घटित ना हुए के घटने का एहसास हुआ; उसे यह जगह परिचित सी लगी। ओमार ने ढोल पर थाप के अंदाज़ में दरवाज़े पर दस्तक दी।

एक मोटी सी, हिज़ाब पहने महिला ने भारी लकड़ी के दरवाज़े को खोला। वह ओमार के कुरूप चेहरे को देखकर गुस्सा हुई और वापस अंदर चली गई। एमा और डेविड विरोधी – भाव की हवा महसूस कर सकते थे।

जैसे ही ओमार ने अंधेरे कमरे में कुछ कदम बढ़ाये, एक स्टील का कप उसकी ओर उड़ता हुआ आया, लेकिन अपने लक्ष्य, ओमार से थोड़े मार्जिन से चूक गया। डेविड और एमा ने एक कदम पीछे जा कर डर और उलझन के साथ ओमार को देखा।

शर्मिंदगी महसूस करते हुए, उसने एक घबराई हुई मुस्कान के साथ कहा, “मेरी बीवी, नगमा।”

अभी भी अंदर, महिला अरबी में ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी और उसने ओमार के ऊपर फिर से स्टील के एक के बाद एक, कई कप फेंके, जिनमें से ओमार कुछ को चकमा देने में कामयाब रहा, पर सभी को नहीं।

“वह थोड़ी गुस्सा है, मैं दो दिनों से घर नहीं आया।” ओमार ने एक और बर्तन के हमले से अपने को झुककर बचाते हुए कहा।

एमा और डेविड मुँह दबाकर हँस पड़े।ओमार की पत्नी द्वारा ऊँची आवाज़ में दी जा रही गालियों को सुनकर उनके दिमाग़ में एक ही विचार आया “शादी का लड्डू जो खाए वह पछताए और जो ना खाए वह भी पछ्ताये।”

ओमार अपनी पत्नी को संभालने गया। वह इस बात से अंजान थी कि उसका पति बिन बुलाए मेहमानों को भी लाया है। कुछ ही पलों के बाद ख़ट-पट बंद हो गई। डेविड और एमा अंधेरे कमरे में खड़े, शर्मीले मेहमानों की तरह इंतज़ार कर रहे थे।

घर की बत्तियाँ जली और घर का छोटा, लगभग खाली हॉल रोशन हुआ। बिजली के स्विचबोर्ड के पास एक छोटी लड़की खड़ी थी। एमा को देखते ही उसकी हरी आँखें चमक उठीं। बर्तनों और गालियों के ज़ोरदार शोर ने ओमार की बेटी को जगा दिया था। अविश्वास में एमा ने उसे ख़ुशी से देखा। दुनिया बहुत छोटी है, उसने खुद से कहा।

वह लड़की फ़ातिमा थी। उस छोटी लड़की से वह और सकीना, स्कूल परिसर में मिले थे।


चार घंटे और दो हज़ार मील से अधिक की दूरी तय कर, सीआईए का जेट, अंधेरी रात में, सफलतापूर्वक अफ़ग़ानिस्तान के बगराम एयर बेस पर उतरा। अफ़ग़ानिस्तान के इस सबसे बड़े अमेरिकी सैन्य एयरबेस में दो रनवे थे, जो धरती के किसी भी साइज़ के विमान को वहाँ लैंड करवाने में सक्षम थे। कई सहायक इमारतों के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए यह परिसर, एक बेहद सुरक्षित किले के जैसा था।

पाकिस्तान के एबटाबाद में ९/११ हमले के कुख्यात मास्टरमाइंड, ओसामा-बिन-लादेन को मारने का मिशन, बगराम एयर बेस से ही शुरू किया गया था। यह कहा जाता है कि, इस क्षेत्र के प्रशासनिक वार्ड में आने वाले अधिकारियों को सीआईए और अमेरिकी सशस्त्र बलों से सर्वोच्च मंजूरी मिली थी; आज डोलोरेस माइकल भी उन्हीं में से एक थी।

जैसे ही डोलोरेस, हवाई जहाज से बाहर निकली, उसका स्वागत ऑन-ड्यूटी मरीन द्वारा प्रोटोकॉल सलामी के साथ किया गया। वह और हेदर प्रशासनिक भवन में एक ‘हम वी’ जीप के द्वारा लाये गए थे। डोलोरेस ने अपनी बॉस, जेन से फ़ौरन मिलने का अनुरोध किया।

सर्वोपरि महत्व की एक अति-गुप्त गड़बड़ के कारण, जेन को बगराम के लिए हवाई मार्ग से आना पड़ा। बेथ को उसकी इच्छाओं के ख़िलाफ़ जेन के संवेदनशील ठिकाने की खोज करनी थी, लेकिन इस तथ्य को छिपाने के लिए कि, उसने इस खोज और बचाव मिशन को जान-बूझकर रोका था। सीआईए के होशियारी भरे काम के माहौल में, वह ईमानदारी से काम करने का दिखावा कर रही थी, ताकि डोलोरेस के लिए उसकी नफ़रत भूस के ढेर में राई के दाने जैसी छुपी रहे। लेकिन डोलोरेस माइकल, अपने तेज दिमाग़ के कारण, आज उसके सर पर आकर खड़ी हो गयी।

हमवी कार की पीछे की सीट पर बैठी, डोलोरेस ने अपनी आँखें हेदर की ओर घुमाई।

“तुम नाम जानती हो, तुम्हें अपना काम भी पता है… जीत कर आना, हेदर।” डोलोरेस ने उसे शुभकामना दी।

कार प्रशासनिक भवन की सीमा पर रुकी। हेदर पहले बाहर निकली और एक रहस्यमय इशारे के साथ, उसने, उसे सौंपे गए गुप्त कार्य को अंजाम देने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाये।

डोलोरेस जैसे ही बाहर निकली, एक सशस्त्र अश्वेत, हरी-पीली डिजाइन की वर्दी पहने, मेज़र रॉकफोर्ड द्वारा उसका अभिवादन किया गया।

“वेलकम टू स्तान,” उसने अमेरिकी सैनिकों द्वारा अफ़ग़ानिस्तान को दिए गए उपनाम का ज़िक्र करते हुए अपनी भारी आवाज़ में स्वागत किया।

“शुक्रिया, मेज़र…अगर मैं ग़लत नहीं हूँ, तो आप डेविड ग्लास के सार्जेंट थे?” वह एक मुस्कराहट के साथ बोली।

“यह सही है।” उसने सहमति व्यक्त की।

“कोई बात है क्या?”

“हाँ बहुत ज़रूरी।”


एमा, डेविड और जॉर्ज की यात्रा एक रोचक कहानी सी थी। एमा और फ़ातिमा ने एक-दूसरे को गौर से देखा। फ़ातिमा भयभीत दिखाई दी, जैसे वह कोई चोरी करते हुए पकड़ा गई हो। दूसरी ओर एमा, अपनी किस्मत पर मुस्कुराई; उजाड़ स्कूल में किताबों की खोज-बीन करने वाली छोटी लड़की, ओमार, एक उग्रवादी की बेटी निकली।

जीवन की विडंबना। एक आतंकवादी की बेटी पढ़ना-लिखना चाहती थी और उसका पिता एक आतंकवादी सरदार के प्रति अपनी वफ़ादारी निभा रहा था, जो सीधे तौर पर उसके स्कूल के नष्ट होने के लिए ज़िम्मेदार था। यह सोचकर, एमा की मुस्कान एक निराशा में बदल गई। युद्ध ने उसकी आँखों के सामने उसके सबसे गहरे रहस्यों में से एक को खोल दिया; इस ख़याल से उसे बहुत तेज आघात लगा। हमास खुद को ढालने, अपने हथियारों को स्टॉक करने और इज़राइल पर हमला करने के लिए नागरिक ठिकानों का उपयोग कर रहा था। लेकिन वे ऐसा करने में पूरी तरह से नाकाम रहे। इज़राइल इन ठिकानों को, हमास को कुचलने के लिए टार्गेट बना रहा था। यह हमास ही था, जो नागरिक ठिकानों को लड़ाई के लिए युद्ध का मैदान बना कर बेगुनाह लोगों की जान जोख़िम में डाल रहा था।

“एमा!” सकीना ने कार से आवाज़ लगाई। एमा ने पलटकर पीछे देखा फिर वह और डेविड कार की ओर दौड़े।

वे पिछले खुले दरवाज़े पर पहुँचे और जॉर्ज के पीले पड़े चेहरे और सकीना की उन्मत्त अभिव्यक्ति देखी।

सकीना ने कहा, “वह चल नहीं सकते।”

“क्या तुम ठीक हो, जॉर्ज?” परम चिंता में डेविड ने पूछा।

“दर्द… दर्द बहुत ज़्यादा है।” जॉर्ज ने बड़ी मुश्किल से कहा।

“मुझे इस कार से बाहर निकालो। मैं बहुत घुटन महसूस कर रहा हूँ।”

फिर जॉर्ज को बैडशीट पर लिटाया गया। डेविड ने मदद के लिए ओमार को पुकारा। सकीना ने चादर के भीतरी छोरों को पकड़ रखा था और ओमार ने दूसरे छोर को पकड़ लिया। सकीना की पीठ पर आफ़रीन सवार थी लेकिन वह उसे छोड़ने से डर रही थी। डेविड का एक हाथ इस समय उपयोगी नहीं था। उसकी बाँह का ज़ख़्म अभी भी ताज़ा और लचर था।

सकीना और ओमार ने समन्वय के साथ जॉर्ज को वैन से बाहर निकाला। हिलने से जॉर्ज दर्द से तड़प उठा। एमा ने उसकी नसों से जुड़े रक्त-बैग को ऊँचा उठाकर लटका रखा था। सकीना को दोहरी परेशानी हो रही थी, क्योंकि आफ़रीन भी उसकी पीठ पर सवार थी, लेकिन ये माताएँ ही हैं, जो अपने बच्चों को आराम देने के लिए कैसी भी पीड़ा सह सकती हैं।

उन्होंने जॉर्ज को छोटे से कमरे के अंदर फर्श पर लिटा दिया। वह अभी भी सहज नहीं था। उसने एमा के पैर को कमज़ोर हाथों से पकड़ा और ज़ोर लगाकर बोलने का प्रयास करते हुए पूछा, “क्या मुझे इस मकान की छत पर ले जा सकते हो? मुझे यहाँ अच्छा नहीं लग रहा है।”

अभी भी चादर पकड़े हुए, ओमार ने जवाब दिया, “हाँ, हम ऐसा कर सकते हैं, चलो इसे उठाओ।” वह जॉर्ज की इच्छा को स्वीकार करने के लिए सहमत हो गया, क्योंकि उसने महसूस किया कि कमरे में उन सभी को समायोजित करने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं थी।

डेविड ने देखा कि सकीना काफ़ी थकी हुई लग रही थी, उसको लगा कि उसे भी मदद करना चाहिए। उस ने सकीना की बाजू से एक हाथ से चादर पकड़ी। उन्होंने जॉर्ज को, एकजुट होकर बड़ी मुश्किल से छत पर पहुँचाया। ऊपर जाकर, जैसे ही जॉर्ज ने रात के तारों भरे आसमान की पहली झलक देखी, उसके चेहरे पर अनायास ही मुस्कराहट आ गई।


मैथ्यू को रात में अकेलेपन का अहसास हुआ। यह एक लंबा सप्ताह था। कई घंटे काम करना, बहुत सारी गलतियाँ, और उस पर नींद भी हराम। रोशनी मंद थी, स्क्रीन पर एक नाइट-विज़न प्रसारण प्रदर्शित हो रहा था। उसके कुछ साथी अपनी कुर्सियों पर सो रहे थे, कुछ फ़र्श पर सुस्त पड़े थे। वह सोना चाहता था, लेकिन उसका बेचैन, विचलित मन उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रहा था।

जॉर्ज एक बस्ती की छत पर जीवित, पर ज़ख़्मी होकर पड़ा, समय काट रहा था। लेकिन इस सूचना को वह डोलोरेस को रिपोर्ट नहीं कर सकता था; उसका फोन बंद था।

उसकी विचार-श्रृंखला ने उसके मन में फिर से एक संदेह पैदा किया। उसने तत्काल शांत पड़ी कंप्यूटर स्क्रीन को ऑन कर दिया। स्क्रीन पर, एक चैट-बॉक्स पॉप-अप हुआ और उसने ब्रैंडन को फोन किया। उसने जवाब दिया।

“हे, मैथ्यू,” ब्रैंडन ने अभिवादन करते हुए उसे जवाब दिया।

“हे ब्रान। मुझे उम्मीद है कि मैंने तुमको परेशान नहीं किया।”

“कोई बात नहीं, क्या हो रहा है?”

“बेथ… उसका क्या मामला है?”

ब्रैंडन के माथे पर शिकन थी, “अब जब तुम पूछ ही रहे हो… वह एक पुरानी और घाघ कुतिया टाइप की औरत रही है। उसके साथ काम करना सभी के लिए घुटन पैदा करता है और वह अपने काम के प्रति ज़रा भी ईमानदार नहीं है। वह इस मिशन पर आधा-अधूरा और बेमन से, सिर्फ़ इतना ही काम कर रही है, कि उसे दोषी ना ठहराया जा सके।”

“मुझे अब समझ में आया। वह हमेशा डोलोरेस के आसपास अजीब हरकतें करती थी। मैं सही कह रहा हूँ ना?” मैथ्यू ने सौहार्दपूर्ण लहजे में पूछा।

“मैंने कभी ध्यान नहीं दिया।” ब्रैंडन ने कंधे उचकाते हुए उत्तर दिया।

“अच्छा… पर मैंने ध्यान दिया। हम किसी एक की गलतियों के कारण इस मिशन को विफल होता नहीं देख सकते।” मैथ्यू ने कड़ाई से कहा।

“तो, अब तुम क्या करोगे?”

मैथ्यू ने अपना चश्मा उतारा और स्क्रीन के करीब झुक गया, “गहराई तक जाओ और इसका मामला समझो।”

“ठीक है, मैं पता करता हूँ।”

“शुक्रिया।” मैथ्यू ने उत्तर दिया। वीडियो कॉल समाप्त हो गया।

मैथ्यू ख्यालों में खोया हुआ अभी भी डेस्कटॉप की खाली स्क्रीन को टकटकी लगाये देख रहा था। आप अपने प्यार को छिपा सकते हैं, लेकिन आप कभी अपनी नफ़रत को छिपा नहीं सकते।

अध्याय ४०

“लोग चले जाते हैं, पर ये धरती बनी रहती है।”

– माओरी कहावत

डोलोरेस ने जेन के बुलावे का इंतज़ार करते हुए जम्हाई ली। उसने स्टील की कुर्सी पर बैठकर अपने सभी ई-मेल चैक किये। उसने अपनी पत्नी से कुछ देर बात भी की। वह पहले तो नाराज़ थी, लेकिन डोलोरेस की आवाज़ सुनने के बाद सहज हो गई। वह समझ गयी कि कुछ गड़बड़ है। यह काम हमेशा डोलोरेस के लिए तनावपूर्ण था, लेकिन इस बार, मेडो को महसूस हुआ कि डोलोरेस ज़्यादा मुश्किल में है। लेकिन मेडो ने उसे प्यार से नहीं बल्कि दया के कारण सांत्वना दी। अकेली रातों की तनहाइयों से उसे मिले घाव, अभी भी ताज़ा थे और उनमें अभी भी टीस उठ रही थी और वह जुदाई की आग में अभी भी तड़प रही थी।

कॉल के बाद, डोलोरेस को जो राहत चाहिए थी, वह मिली। वह ऊर्जावान महसूस कर रही थी और इस तन्हा रात का सामना करने के लिए तैयार थी। उसके फोन में फिर से कंपन हुआ। उसने मैथ्यू से आये मैसेज को पढ़ा। जॉर्ज और आफ़रीन के जीवित बच जाने से इस मिशन में फिर से जान आ गई थी, लेकिन जॉर्ज के पास वक़्त की कमी थी। उसने तुरंत उसे फोन किया, ब्रीफिंग सुनी, और उसे कागज़ के एक टुकड़े पर नोट कर लिया।

मेज़र रॉकफोर्ड ने अंदर से दरवाज़ा खोला, और एक मुस्कुराहट के साथ कहा, “हम तुम्हारे लिए तैयार हैं, डोलोरेस।”

उसने जवाब में मुस्करा कर सिर हिलाया और अंदर चली गई।

कमरा छोटा था, जिसमें सफ़ेद दीवारें थीं। डेस्क पर दस्तावेज सलीके से रख दिए गए थे। जेन ने एक मादक अभिव्यक्ति के साथ डोलोरेस का स्वागत किया। उसके गंदे और उलझे हुए बाल, उसकी हालत की दास्तां बयां कर रहे थे।

अमाह बेल, सुंदर, मध्यम आयु वर्ग की, ब्रिटिश-लेबनानी वकील, जिसने डेविड और एमा के साथ काहिरा में पहले युद्ध-विराम की शुरुआत करने के लिए प्रयत्न किए थे, जेन से मिलकर, उसके सामने बैठ गई। डोलोरेस ने पहले ही अपने मिशन के असली उद्देश्य को अमाह को बताया था और एक के बाद एक घटित घटनाओं को विस्तार से समझाया। वह तुरंत बातचीत में शामिल हुई और जेन को बुलाया। आधिकारिक तौर पर डोलोरेस के प्रस्ताव तथा एक और युद्ध-विराम का समर्थन किया। एमा, डेविड और जॉर्ज के लिए चिंता व्यक्त की, लेकिन वह बढ़ते हुए विध्वंस के लिए भी बहुत चिंतित थी।

मेज़र रॉकफोर्ड ने एक सज्जन की तरह डोलोरेस के लिए एक कुर्सी निकाली। जैसे ही डोलोरेस कुर्सी पर बैठी, जेन ने कहा, “मेज़र रॉकफोर्ड सामरिक समर्थन पर अपनी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए हमारे साथ है।”

“बेशक,” डोलोरेस ने सहमति दी।

“डोलोरेस, क्या तुम हमें संक्षेप में सारी बात बताओगी? आइए जानते हैं कि हम क्या काम करने जा रहे हैं।” अमाह ने साफ़ शब्दों में अनुरोध किया।

जेन अपनी कुर्सी पर वापस पसर गई; थकावट अपनी भूमिका निभा रही थी।

“बमबारी और गोलीबारी खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं। अगर हम पूरे मसले पर गौर फरमायें, तो हमास बर्बरतापूर्ण व्यवहार कर रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ के एक स्कूल को हथियारों को छिपाने के गोडाउन के रूप में इस्तेमाल किया। यहीं से ही सारा बखेड़ा शुरू हुआ है।” उसके नथुने गुस्से से फूलने लगे। “रॉकेटों से लगातार सभी शहरों में हमले किए जा रहे हैं, गाज़ा सिटी, बेइएत हनून, शुजा’इया, खान यूनुस, और भी कई नाम हैं।” अमाह और रॉकफोर्ड के चेहरे पर तनाव उभर आया।

“इज़राइल खून के बदले खून से जवाब दे रहा है। वे कोई संत नहीं हैं, जब अपना सिर शेर के मुँह में डालोगे तो यही होगा।”

अब जेन के बोलने की बारी थी। वह आगे की ओर झुक गई, अपनी आलसी मुद्रा को तोड़ते हुए, अपनी पीठ को सीधा करते हुए, अपनी आवाज़ को संशोधित किया, “हमें डेविड, एमा और जॉर्ज की निकासी के लिए तत्काल युद्ध-विराम की आवश्यकता है। मेज़र, इसी वजह से तुम्हें बुलाया गया है।”

“हमें तुम्हारे कुछ सर्वश्रेष्ठ आदमियों की आवश्यकता है।” डोलोरेस ने कहा।

“मेरे सभी जवान सर्वश्रेष्ठ हैं।” रॉकफोर्ड ने दावा किया।

“यह बहुत अच्छी बात है।” डोलोरेस ने अपनी ख़ुशी वापस पाते हुए कहा। फिर उसने अपने बैग में पड़े लैपटॉप को बाहर निकाला। स्क्रीन एक खुली फाइल के साथ ऑन हुई, जिसमें एमा, डेविड और जॉर्ज की पुरानी तस्वीरें थी।

“मुझे विश्वास है, कि तुम डेविड और एमा ग्लास को जानते हो।”

डेविड का चेहरा देखकर, रॉकफोर्ड कुछ बहादुराना पर अशांत करने वाली यादों में डूब गया। उसने मैदान में डेविड का साहस और संकल्प याद किया, और वह दौर भी जब युद्ध की खौफ़नाक सच्चाईयों ने अनगिनत लाशों के रूप में डेविड को हमेशा के लिए व्याकुल कर दिया। हालाँकि, वह मौन ही रहा।

डोलोरेस ने कहना जारी रखा, “यह जॉर्ज है…जॉर्ज मार्टिंस। मुझे बस यह खबर मिली है कि वह अभी भी जीवित है, लेकिन उसकी हालत अस्थिर और चिंताजनक है।”

“यह सब मेरी गलती है। मैंने सिर्फ़ उन्हीं बातों पर ध्यान दिया जो मैंने ठीक तरह से निभाई, मैंने अपनी गलतियों पर ध्यान नहीं दिया।”

“कोई भी दोषी नहीं है, डोलोरेस। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं सहमत हूँ। लेकिन हमें कुछ तो करना ही था।” जेन ने उसे तसल्ली दी। अमाह ने भी डोलोरेस के साथ सहानुभूति व्यक्त की।

“एक और बात है, जो आपको पता होनी चाहिए, मेज़र,” जेन ने कहा।

रॉकफ़ोर्ड ने अपने हाथ मोड़ते हुए उसके बोलने का इंतज़ार किया।

“यह एक शीर्ष-गुप्त मिशन है। यदि तुम में से कोई भी पकड़ा जाता है, तो अमेरिका कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेगा। तुम्हारे आदमियों को स्वैच्छिक स्वीकृति देनी होगी। मुझे कोई खून-खराबा नहीं चाहिए। उनको वहाँ से निकालना, जितना संभव हो, उतना शांतिपूर्ण होना चाहिए।”

रॉकफोर्ड ने कहा, “यह केवल जानकारी इकठ्ठा करने का मिशन नहीं है; इसमें लड़ाई की संभावनाएँ हैं।”

अमाह को इस तरह की कठोर सैन्य बातचीत अजीब लगी।

“मुझे नक्शे की ज़रूरत होगी।” रॉकफोर्ड ने माँग की, और अपनी कुर्सी से उठ गया। उसे अपनी टीम को तैयार करना था।

“बेशक। तुमको और क्या चाहिए?” जेन ने पूछा।

“हमारे साथ एक सीआईए एजेंट तैनात किया जाएगा?”

“हाँ, मैं।” डोलोरेस ने घोषणा की।

जेन ने डोलोरेस को कनखियों से देखते हुए कहा – “तुम पागल तो नहीं हो?”


रात का वक़्त, घुप्प अंधेरा, चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। कोई शोर-शराबा नहीं, कहीं गोलियों की बौछार नहीं, किसी हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट नहीं, और कोई अनावश्यक हिंसा नहीं। आसमान साफ़ था। तारे अलग-अलग समूहों में बंटे हुए मंद-मंद टिमटिमा रहे थे।

जॉर्ज चुपचाप पड़ा हुआ अपने अस्तित्व के बारे में ना सोचकर, केवल ब्रम्हांड के विषय में सोच रहा था। उसे बहुत दर्द हो रहा था, अपने जीर्ण-क्षीण शरीर को नष्ट होता हुआ महसूस कर रहा था। लेकिन हमेशा की तरह, उसका ध्यान अपने आप से ऊपर, ब्रह्मांड पर केंद्रित था। दर्द के अहसास से बचने के लिए यह एक प्रभावी टोटका था।

छत पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर तीन मोमबत्तियाँ जल रही थीं, ताकि सभी को उजाला मिल सके।

एमा ने धीरे से जॉर्ज के माथे पर हाथ फेरा, जिससे उसके अपने बचपन और अपनी माँ के कोमल और प्यार भरे स्पर्श की याद ताज़ा हो गई। एमा के घाव ठीक हो रहे थे। उसके माथे पर हुए ज़ख़्म भी लगभग भर गए थे।

ज़ख़्मी और बुरी तरह से थका हुआ डेविड, दूर पड़ा अब भी आधा जागा हुआ था। ओमार मोमबत्ती की लौ पर नज़र टिकाये बैठा था।

सकीना ने अपनी सोती हुई बेटी को कस कर छाती से चिपका लिया और छत की फर्श पर लेट गई। उसकी आँखें बंद, लेकिन दिमाग़ चौकन्ना और पूरी तरह जाग्रत था। उसके दिमाग़ में गोलियों की आवाज़ें गूंजने लगी। युद्ध के आघात ने उसके दिमाग़ में उथल-पुथल मचा रखी थी।

“ओमार मैं, तुम्हारी बेटी से पहले भी मिल चुकी हूँ।” एमा का चेहरा मोमबत्ती की रोशनी में चमक रहा था।

“क्या?”

उसकी बात ने ओमार को आश्चर्य में डाल दिया।

“जब हम स्कूल वापस गए थे, तो वहाँ मलबे में किताबों की तलाश करती हुई एक लड़की मिली थी। वह तुम्हारी बेटी फ़ातिमा ही थी।”

ओमार हैरान था लेकिन, वह चुपचाप रहा।

एमा ने विनती भरी नज़रों से कहा, “आज जो कुछ हुआ, उसके तुम खुद गवाह थे। इतने सारे जीवन, इतने सारे पेड़-पौधे सिर्फ़ कुछ ही क्षणों में नष्ट कर दिए गए। तुम्हारी बेटी शिक्षित होना चाहती है। खुदा के वास्ते, उसके भविष्य से खिलवाड़ मत करो।”

“मैं उसके भविष्य के लिए ही तो लड़ रहा हूँ।” ओमार ने आवाज़ ऊँची करते हुए कहा। उसका जला हुआ चेहरा गुस्से में तमतमा गया।

“उसके स्कूल में हथियार छुपा कर? अस्पताल से रॉकेट लॉन्च करके तुम अपने बच्चों की हिफ़ाज़त कर रहे हो?” एमा ने अपने दिल में भरे गुस्से का इज़हार किया।

“हम वही कर रहे हैं, जो हमें करना चाहिए। तुम इस रात की शांति को महसूस कर रही हो? बमबारी के रुके रहने से हवा में शांति है। लेकिन, हमें यह शांति का वक़्त भी केवल हमारे मरे हुए लोगों को दफ़नाने के लिए दिया गया है। अगर यहूदी, शुरू से शांति चाहते, तो हम आज इन हालातों का सामना नहीं कर रहे होते।” ओमार दहाड़ा।

“अगर तुम इज़राइल के अस्तित्व को ही नकारते हो, तो हमास के साथ उनकी अमन के लिए बातचीत कैसे मुमकिन है?” एमा ने कड़वा सच बयान किया।

सकीना और जॉर्ज ने इस भड़के हुए वार्तालाप पर मूक रूप से ध्यान दिया। डेविड बहुत परेशान और थका हुआ था, इसलिये चुपचाप था।

ओमार ने दंभ से कहा – “इज़राइल नाम का कोई मुल्क नहीं है, केवल फ़िलिस्तीन ही सच है। हम इज़राइल को कभी मान्यता नहीं देंगे, और हम अपना बदला जरुर लेंगे।”

एमा ने ओमार के बयान पर अफ़सोस जताया, “बदले की भावना से कोई मरा हुआ वापस ज़िन्दा नहीं हो जाता, बल्कि इससे मरने वालों की गिनती में इज़ाफा ही होता है।”

सकीना ने अपनी उदास आँखों से उन्हें देखते हुए कहा, “हम घेराबंदी में जी रहे हैं हैं, हम ठीक से कमा नहीं सकते, अपने घरों का पुनर्निर्माण नहीं कर सकते। सब इज़राइल के कारण। हमारे पास केवल दो ही विकल्प बचे हैं: या तो यहाँ मारे जाएँ या फिर सीमा पार यहूदियों के हिसाब से रिफ्यूजी जैसे रहें।

ऐसे हालात में, मैं यहाँ रहकर, अपने परिवार के साथ मरना पसंद करूँगा।” उसकी बातों में गर्व था।

“क्या तुम अपनी बेटी से प्यार नहीं करते? तुम उसे मौत के मुँह में कैसे धकेल सकते हो? एमा ने उसकी पितृत्व की भावनाओं पर सवाल उठाया।

“मेरे खून का रंग हरा है,” ओमार ने हमास समर्थक के विशिष्ट नारे का हवाला दिया। उसने आसानी से और बेझिझक रूप से बताया कि इज़राइल के प्रति उनकी नफ़रत, उनके जीवन और परिवार से कहीं अधिक बड़ी थी।

एमा को बहुत निराशा हुई, “इज़राइल के बारे में क्या? तुम्हें पता भी है, कि तुम्हारी माँगें कितनी अमानवीय हैं? तुमको अपना देश रखने का पूरा अधिकार है, तुमको अपना बचाव करने का भी पूरा अधिकार है। लेकिन तुमको अपने बच्चों को नफ़रत करना सिखाने का कोई अधिकार नहीं है। तुमको आत्मघाती हमलावर बनने के लिए अपने बच्चों को बरगलाने का कोई अधिकार नहीं है। तुमको इज़राइल से नफ़रत करने से ज़्यादा अपने बच्चों से प्यार करना सीखना होगा।”

कहते-कहते, एमा की आँखों से कुछ आँसू बह निकले, “मैं तुमसे अपनी ज़िंदगी जीने के तरीकों को बदलने की इल्तजा करती हूँ, ओमार।” उसने अपने आँसू पोंछते हुए कहा।

“तुम्हारी बेटी एक शिक्षा, एक करियर, एक अच्छा जीवन जीना चाहती है। मैंने उसकी आँखों में देखा है, ये सब। हम इतिहास को नहीं बदल सकते, ओमार लेकिन अगर तुम चाहो तो, हम भविष्य को बदल सकते हैं।”

एमा की बातों से ओमार के मन में भरी गई घृणा और उभर आई लेकिन, उसने चुप रहना मुनासिब समझा।

“हाँ, तुमको विरोध करना चाहिए, लेकिन इसे बिना खून-खराबे के करो। अपनी सही माँगें सामने रखो, लेकिन शांति के साथ। शांति, सभी का सबसे प्रभावी और शक्तिशाली हथियार है, ओमार। इतिहास हमें कुछ सिखाता है। महात्मा गांधी को देखें, उन्होंने अपने जीवन में कभी हथियार नहीं उठाये, और भारत को यूनाइटेड किंगडम से आज़ाद करवाया। यदि तुम सारे यहूदियों को मारने की वकालत करते हो, तो दुनिया कभी भी तुम्हारी बात नहीं सुनेगी। अस्तित्व के उनके अधिकार को पहचानो। अपनी बात सबके सामने रखो, लेकिन अहिंसा के साथ और संयुक्त राष्ट्रसंघ जैसे एक वाज़िब चैनल और सिस्टम के माध्यम से। मैं व्यक्तिगत रूप से गारंटी देती हूँ, तुम्हारी आवाज़ सुनी जाएगी और तुम्हारी भूमि और लोगों की रक्षा की जाएगी।”

सुनकर जॉर्ज ने एक ऐसी धुंधली सी मुस्कान खींची, जिसे किसी ने नहीं देखा। उनके सारे घाव, उनकी सारी चोटें, केवल साँस की बर्बादी नहीं थीं। आफ़रीन ज़िन्दा थी। उसका विश्वास अभी भी बरकरार था। वह एमा और डेविड अभी भी शांति के लिए प्रयास कर रहे थे। ओमार को चुप देखकर, जॉर्ज को यह जानकर खुशी हुई कि उसका बलिदान परिवर्तन की आशा को ज़िन्दा रखे हुए था।

एमा उठ गई और धीरे से बोली, “मुझे अपना चेहरा धोने की ज़रूरत है।”

“फ़ातिमा और उसकी माँ नीचे हैं, वे तुम्हारी मदद करेंगे,” ओमार ने उसका चेहरा देखने से परहेज करते हुए कहा।

एमा ने काली रात में, उनसे दूर, नीचे की ओर कूच किया। जॉर्ज ने टिमटिमाती मोमबत्तियों की हल्की रोशनी में सीढ़ियों को नीचे देखा। जॉर्ज को लगा कि अब उसका समय आ गया है।


एमा के घर में प्रवेश करने पर, उसे कोई नहीं मिला। उसने मान लिया कि फ़ातिमा और उसकी माँ सो गए हैं। अब उसे खुद ही बाथरूम ढूंढना था। उसने किसी भी तरह की आवाज़ करने से बचते हुए, अंदाजे से अपने कदम उठाए। उसकी आँखों में डर था, उसने सीधे कमरे में प्रवेश किया।

एमा ने देखा कि फ़ातिमा अभी भी जाग रही है। एमा के अंदर आते ही वह चौंकी। एक चीज़ उसके हाथ से छूटकर फर्श पर गिरी और, और एमा की ओर थोड़ा फिसल कर आ गई।

फ़ातिमा स्कूल के खंडहर से बरामाद छिपे हुए फोन को वहाँ से हटाने की कोशिश कर रही थी। वह इस आशंका से घबरा गई थी, कि उसका छोटा सा राज़ उसे न जाने किस मुसीबत में फँसा देगा?

एमा को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। स्मार्टफोन का अनूठा काला डिजाइन तुरंत पहचान में आ गया। उसने अपने खोए हुए फोन को बड़े उत्साह से देखा।

एमा ने फोन उठाया। फ़ातिमा डर के मारे पीछे हट गई।

“तुमको यह कहाँ से मिला?”


जॉर्ज को बड़े ज़ोर का ठसका लगा। डेविड, ओमार और सकीना तुरंत उसकी बगल में पहुँचे।

“तुम्हें कुछ चाहिए?” डेविड ने उसके सामने खड़े होते हुए पूछा। उसका खाँसना बंद हो गया। जॉर्ज अब साँस लेने के लिए हाँफ रहा था।

“एमा को बुलाओ!” डेविड ने टोका। जॉर्ज ने उसका हाथ पकड़कर कहा, “नहीं।”

जॉर्ज, एमा को अपने मरते समय होने वाले दर्द को दिखाना नहीं चाहता था। जॉर्ज ने अपने अंतिम घरघराते हुए शब्दों में कहा, “तुम्हें — उसे घर वापस ले जाओगे – वादा करो, – मुझसे वादा करो।”

“मैं तुमसे वादा करता हूँ, जॉर्ज, और तुम भी हमारे साथ वापस घर चल रहे हो। तुम ऐसे हार नहीं मान सकते।” डेविड ने बेकरारी से कहा।

“मैंने अपनी मौत को शांति से स्वीकार कर लिया है,” उसकी साँस धीमी हो गई। “मेरी पीड़ा अब समाप्त होने जा रही है।”

उसकी आँखें पथरा गईं; उसका लाल, सूजा हुआ चेहरा, पीला पड़ गया।

जॉर्ज मार्टिंस ने यादों और मानवता की सेवा में गुज़ारे हुए जीवन को अलविदा कहकर, मुस्कुराते हुए सितारों की ओर टकटकी लगाकर देखा, और उसकी आत्मा, उसकी देह को त्यागकर स्वर्ग-लोक की ओर प्रस्थान कर गई।

अध्याय ४१

“मृत लोगों को, जीवित लोगों की तुलना में अधिक फूल प्राप्त होते हैं, क्योंकि पछतावा आभार से ज़्यादा मज़बूत होता है।

– ऍन फ्रैंक

सूरज निकल चुका था। सामुदायिक लॉन में एक छोटी सी भीड़ अपने हाथों में हमास के हरे रंग के झंडे लिए उन्हें लहरा रही थी। उनकी बातों से बहुत शोर-गुल मचा हुआ था। पूर्व और पश्चिम में बने घरों से, लॉन घिरा हुआ था। समुदाय के निवासी भी अपनी छतों और बालकनियों से भीड़ का नज़ारा देख रहे थे। उन्हीं मकानों में से एक में रहने वाले, दो छोटे भाइयों ने जिज्ञासावश, अपने दो मंजिला घर की दीवार में बने, एक बड़े गोल छेद को खिड़की की तरह इस्तेमाल करते हुए, लॉन में हो रही गतिविधियों पर नज़र डाली।

सुल्तान, जो अब हरी-पीली छद्मावरण डिजाईन की वर्दी में था, ने भीड़ की ओर देखते हुए अपने हाथ हवा में उठाये। यह देख सभी चुप हो गए। उसके साथ कोई सशस्त्र अंगरक्षक नहीं था; उसका इरादा भीड़ के प्रति संवेदनशील दिखना था।

सुल्तान ने गाज़ा शहर के दूसरे कोने में जाकर, अपनी बाकी सेनाओं को इकठ्ठा किया। उसका चेहरा पीला पड़ा हुआ था; उसकी रगों में खून के साथ क्रोध भी दौड़ रहा था। उसने अपने हाव-भाव से, अपने-आप को एक सच्चे यौद्धा और लीडर की तरह प्रस्तुत करने की कोशिश की। चुपचाप खड़ी भीड़ ने उसके बोलने का इंतज़ार करते हुए उसकी ओर ध्यान केंद्रित किया।

“कल, मेरे घर पर एक हादसा हुआ। यहूदियों ने मेरे मोहल्ले में छापा मारा और मेरे घर को बम से गिरा दिया।”

लोगों ने उसकी ओर सहानुभूतिपूर्वक देखा।

“बिल्कुल मेरे फ़लस्तीनी भाइयों की तरह, मेरे पास आज रहने के लिए कोई घर नहीं है।” अपनी छाती ठोकते हुए वह बोला, “वे कहते हैं कि हम दहशतगर्द हैं। तुम बताओ दहशतगर्द कौन है? जिन्होंने हमारी ज़मीन पर बेजा कब्ज़ा किया, हमारे घरों पर बमबारी की, हमारे बच्चों की हत्या की, वे या हम, तुम बताओ? हम तो अपनी आज़ादी और अपनी ज़मीं पर कब्जे के ख़िलाफ़ लड़ रहें हैं।”

भीड़ ने शोर मचाया, “आमीन,” इसके बाद वहाँ खामोशी छा गई।

“इसलिए, मेरे भाइयों, अपने हथियार उठाओ, जंग करो। हमारे द्वारा दागी जाने वाली हर गोली और हर बम, हमारे आगे बढ़ने, हमारे इंतिफादा की मशाल होंगे… मैं यहाँ सभी आँखों में बहादुरी देखना चाहता हूँ। आँखें जो अपने देश के लिए मरने को तैयार हैं। आँखें जो गाज़ा और वेस्ट बैंक से इज़राइल को खदेड़ेंगी, और हम अल्लाह का झंडा फ़लस्तीन की हर एक इंच ज़मीन पर लहरायेंगे।”

सारे लोग ख़ुशी से झूम उठे और, अपनी बंदूकें हवा में लहराकर ऐसे नाचने लगे, जैसे वे पहले ही जंग जीत चुके हों। छेद से भीड़ को देख रहे बच्चे भी मानसिक रूप से अब इस जुलूस का एक हिस्सा बन चुके थे। वे हमास के सैनिक बनना चाहते थे। इस तरह से भोले-भाले बच्चों को मूर्ख बनाकर, हिंसा के रास्ते पर, बहकाकर घसीटा जाता था कि हिंसा ईश्वर का मार्ग है – धार्मिक मार्ग। इस तथ्य से अनभिज्ञ कि, वे नई-नई टेक्नोलॉजी के, हथियारों के एक अलग युग में रह रहे थे। इज़राइल, धरती पर हथियारों की सबसे घातक और उन्नत तकनीक वाले देशों में से एक था। और हमास, ज़्यादातर आरपीजी और राइफल ब्लैक मार्किट से खरीदता था। दोनों के बीच का युद्ध, आज भी और हमेशा से असमान या यूँ कहिये, एकतरफा ही था।


सूरज का उजाला पूरी तरह से फ़ैल चुका था लेकिन प्रदूषण के कारण, सुबह की हवा साँस लेने लायक नहीं थी। कब्रिस्तान में घास कम, रख-रखाव ख़राब, लेकिन लाशों की कोई कमी नहीं थी। वहाँ जितनी कब्रों के लिए जगह थी, उससे कहीं ज़्यादा कब्रें बन चुकी थीं। एक क़तार में कम ही कब्रें थीं, जिन पर पत्थर लगे हुए थे, बाकी कब्र ऐसे ही बिना निशान के थी; जो इस बात का संकेत थी, कि हमले में यहूदी लोग तेजी से और अधिक संख्या में मर रहे थे। युद्ध हमेशा से ही कब्रिस्तानों को, व्यस्त रखते आये हैं।

एमा, आँसू भरी आँखों के साथ, एक पुरानी कब्र के सामने चटाई पर किसी परिवार के संग बैठी हुई नज़र आई। एक माँ अपने बच्चे को गोद में लिए खिला रही थी, पिता अपनी बेटी के सूखे भूरे बालों में कंघी कर रहा था।

“वह कब्रिस्तान का व्यवस्थापक, मेरा दोस्त है और यहीं रहता है।” ओमार ने उस परिवार की वहाँ असामान्य उपस्थिति के बारे में बताया।

सौभाग्य से, वहाँ कोई और जनाज़ा नहीं था। एक पल के लिए, डेविड और एमा को ऐसा नहीं लगा कि वे यहाँ शरणार्थी थे। वे अपने दोस्त को उचित तरीके से अलविदा बोल सकते थे। इस छोटी और घातक यात्रा में, जॉर्ज ने उनके दिल में घर बना लिया था। वे निराशा में डूबे हुए, हताश और उनके हृदय पूरी तरह से टूट चुके थे।

दिवंगतों को पनाह देने के लिए, सीमेंटेड टाइल्स के साथ कब्रों की एक कतार पहले से ही तैयार थी। जब एक ही परिवार के बहुत सारे सदस्यों की मृत्यु हो जाती थी, तो एक से अधिक कब्रों की जगह, एक ही कब्र में सभी को एक साथ दफ़ना दिया जाता था; युद्ध के वक़्त कब्रें हमेशा कम ही पड़ जाती हैं।

डेविड, जॉर्ज की कब्र को ढकने के लिए चट्टान से कटी, एक भारी आयताकार फ़र्सी को खींच कर ले आया। जॉर्ज अपने अंतिम विश्राम स्थल से कुछ फीट की दूरी पर एक सफ़ेद चादर में लिपटा हुआ था, जिसमें केवल उसका चेहरा नज़र आ रहा था। उसके लिए कोई ताबूत नहीं था, कोई जुलूस नहीं था, सलामी के लिए, कोई इक्कीस तोपें नहीं थीं। एक शहीद हुआ नायक, चिर-शान्ति के साथ, आराम कर रहा था।

जॉर्ज के सामने अपने घुटनों पर बैठते हुए एमा ने उसके माथे को चूमा। आँसुओं की कुछ बूंदें उसके ऊपर गिरी। अंग्रेजी शब्द-कोष में “आँसू” का कोई पर्यायवाची शब्द नहीं है। हो सकता है, क्योंकि कोई अन्य शब्द उन भावनाओं को पर्याप्त रूप से व्यक्त नहीं कर सकता जो ‘आँसू’ शब्द करता है।

डेविड और ओमार ने उसके थुल-थुले शरीर को उठाया। एमा ज़ोर से रोने लगी। डेविड के रुके हुए आँसू भी उसकी आँखों से बह निकले। उसके पैर डगमगा रहे थे लेकिन ओमार ने जॉर्ज का शरीर सावधानी से नीचे कब्र में उतारा।

डेविड ने फिर जॉर्ज के सीने पर सिगरेट का आख़री पैकेट रखा। एमा ने अपनी जीन्स की जेब से एक ड्रिंकिंग फ्लास्क निकाला और उसे डेविड को दे दिया। उसने उसे सिगरेट के पास, जॉर्ज के सीने पर रख दिया। आख़री सफ़र लम्बा था, लिहाजा उसे साथ में कोई साथी तो चाहिए था।

डेविड की आँखों में आँसू थे, उसने जॉर्ज के कानों में फुसफुसाकर कहा, “शुक्रिया-दोस्त।”

डेविड कब्र से बाहर आ गया और ओमार ने अपने उदासी भरे चेहरे के साथ कब्र को फ़र्सी से ढककर बंद कर दिया।

सामने की ओर नीचे हाथ बांधे वे अंतिम सम्मान देने के लिए एक साथ खड़े थे।

डेविड ने उदासी भरे स्वर में श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “जॉर्ज मार्टिंस, एक महान चरित्र के व्यक्ति थे। वे धैर्यवान, बलिदानी,” कहते-कहते उसका गला रुंध गया। “और अंतिम बिदाई देने के लिए, मैं एक गीत सुनाऊँगा, जो उनके जीवन से गहरा ताल्लुक रखता है।”

उसने एक पल के लिए विराम लिया और फिर मधुर स्वर में गीत सुनाया:

They dedicate their lives

(वे अपना जीवन समर्पित करते हैं।)

To running all of his

(उसकी सृष्टि चलाने के लिए।)

He tries to please them all

(वह उन सभी को खुश करने की कोशिश करता है।)

This bitter man he is

(कितना बेचारा और दुखी आदमी है।)

Throughout his life the same

(जीवन भर वैसे ही।)

He’s battled constantly

(वह लगातार लड़ रहा है।)

This fight he cannot win

(यह लड़ाई वह नहीं जीत सकता।)

A tired man they see no longer cares

(वह थका हुआ इन्सान अब बेपरवाह हो चला है।)

The old man then prepares

(वह बूढ़ा मर्द फिर तैयारी करता है।)

To die regretfully

(एक अफ़सोस भरी मौत के लिए।)

That old man here is me

(यहाँ वह बूढ़ा मर्द मैं ही हूँ।)

What I’ve felt

(जो मैंने महसूस किया।)

What I’ve known

(जो मैंने जाना।)

Never shined through in what।’ve shown

(उन बातों को मैंने कभी अभिव्यक्त नहीं किया।)

Never be

(ना मैं कभी अपने जैसा रहा।)

Never see

(ना वह मेरे सच्चे स्वरुप को देख पाए।)

Won’t see what might have been

(कभी देख भी ना पाया कि मैं क्या बन पाता।)

What I’ve felt

(जो मैंने महसूस किया।)

What I’ve known

(जो मैंने जाना।)

Never shined through in what I’ve shown

(उन बातों को मैंने कभी अभिव्यक्त नहीं किया।)

Never free

(कभी आज़ाद नहीं।)

Never me

(कभी मैं, मैं नहीं रहा।)

So। dub thee unforgiven

(इसीलिए मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगा।)

मेटालिका द्वारा रचित अनफॉरगिवेन, जॉर्ज का सबसे पसंदीदा गीत था।

एमा ने अपना चेहरा डेविड की छाती में छुपा लिया। उसके मन में जॉर्ज के प्रति बहुत आस्था के कारण उसकी रुलाई प्रचंड वेग से फूटी और आँसुओं के सैलाब ने डेविड की सफ़ेद टी-शर्ट को पूरा भिगो दिया। डेविड ने उसे कस कर अपने सीने से लगा रखा था। वेदना के आवेग में उसने डेविड को और ज़ोर से जकड़ लिया। उसने अपने अंग-रक्षकों को जाने को कहा और गमजदा होकर, विलाप करने लगा। ओमार ने शोक में डूबे हुए डेविड के कंधे पर हाथ रखकर उसे सांत्वना दी।

शोक से लबालब चन्द लम्हों के गुज़रने के बाद, एमा ने अपना आँसुओं से भरा चेहरा उठाया और बहुत दुखी होकर डेविड से बोली, “डेविड, मैं अब यहाँ एक पल भी नहीं रहना चाहती। मुझे इस जगह से निकलना है। मुझसे अब और नहीं सहा जायेगा।”

डेविड ने उससे वादा करते हुए कहा, “मैं तुम्हें यहाँ से ज़रूर ले चलूँगा।”

फ़ातिमा से बरामद फोन उसकी जेब में रखा हुआ था।

हवा में हुए एक हल्के विस्फोट ने उनकी एकाग्रता को भंग किया और वे अलग हो गए।


इस गाथा में, बदकिस्मती, अपना खेल बखूबी खेल रही थी। मौत, डेविड और एमा से इंच भर की दूरी से होकर गुजरी। जॉर्ज अब उन्हें रास्ता दिखाने के लिए जीवित नहीं था। व्याकुल दंपत्ति असमंजस में था। डोलोरेस सभी बाधाओं को पार करने और दुश्मनों के इलाके में घुसकर, वहाँ से इन्हें सुरक्षित निकालने के अपने इरादे पर अटल थी।

समय ख़त्म होता जा रहा था। मेज़र रॉकफोर्ड ने एक अतिरिक्त हैंगर में अपनी टीम को इकठ्ठा किया। इसमें तीन ‘अपाचे’ हेलीकॉप्टर और एक एफ – १६ फाइटर जेट रखा गया था, जो हवाई श्रेष्ठता का प्रतीक था। यह हर मौसम को झेल सकता था। धातु की कुर्सियों को चार पंक्तियों में जमाया गया। सामने लगी स्क्रीन को डेस्क पर रखे लेपटॉप से कनेक्ट किया गया था। सभी संबंधित अधिकारी और सैनिक वहाँ बैठकर, आपातकालीन ब्रीफिंग शुरू होने का इंतज़ार करने लगे।

चुने गए चारों मरीनों ने गहरे पीले रंग की छद्मावरण वर्दी पहनी हुई थी और उनकी शारीरिक विशेषताएँ एक समान थीं। पूरी बढ़ी हुई, मगर करीने से छांटी हुई दाढ़ी, पहलवानों की तरह उभरी हुई माँसपेशियाँ और एक योद्धा जैसी ताकत लिए, वे सभी छह फीट से अधिक ऊँचे थे।

मेज़र रॉकफोर्ड के बाद कमांड में दूसरे नंबर पर रयान वॉल्श था, जो सैन्य टुकड़ियों के साथ रहने वाला चिकित्सा अधिकारी था। उसने बेसबॉल कैप पहनी थी और अपने हाथ बांधे, गम चबा रहा था।

रोनाल्ड हैम, अनुभवी और बुद्धिमान स्नाईपर। चारों ओर की स्थिति को देख कर समझने के लिए उसने अपनी ठूंठदार ठुड्डी पर ज़ोर से हाथ मारा।

केसी हावर्ड संचार विशेषज्ञ था। लाल खोपड़ी, बाल की खाल निकालने वाला और बातूनी। वह हमेशा ही (चुनौतीपूर्ण काम की तलाश में रहता था।) उसकी ये ज़रूरत मिशन पर जाने से पूरी हो जाती थी।

काइल रोथ भारी हथियारों का विशेषज्ञ था। आमतौर पर शांत रहने वाला और निर्दयी। चुने हुए चारों को, सैनिक योग्यता सहित दुर्दांत लड़ाईयों का अच्छा-ख़ासा अनुभव था। उसने ज़माना देखा था, उसके अनुभवों ने उसे मनुष्य की निराशावादी प्रकृति को समझने वाला आदमी बना दिया।

डोलोरेस के इंतज़ार में वे सभी बैठे थे; लेकिन वह नदारद थी।

डोलोरेस ने महिलाओं के वाशरूम में अपना चेहरा धोया। उसे हाल ही में जॉर्ज के गुज़रने की ख़बर मिली थी। वह अपने थके हुए, क्रोधी चेहरे को देख रही थी। वैसे स्वयं से भी उसे लाखों शिकायतें थी। उसने अपने मुँह पर हाथ रखा और पूरी ताकत से चिल्लाई। वह तब तक रोती-चीखती रही जब तक कि थक नहीं गई, उसके आँसुओं से उसकी हथेलियाँ पूरी तरह से गीली हो गई। उसने अपनी व्याकुलता को शांत किया। उसे अब उसके बिखरे हुए आत्मविश्वास को संभालना था। कुछ ही देर में, उसने अपने आप को आत्मविश्वास और प्रेरणा से भरपूर पाया।

अंदर आती डोलोरेस; उसकी कदम ताल हैंगर में गूंज उठी।

“गुड मॉर्निंग जेंटलमैन।” उसने सभी का अभिवादन किया।

मैथ्यू लैपटॉप पर एक सुरक्षित वीडियो कॉल के जरिये ऑनलाइन था।

जेन ने अपनी उंगलियाँ आपस में गूँथ रखी थी और उसका पूरा ध्यान डोलोरेस की ओर था। रॉकफोर्ड अपनी कुर्सी से उठा और अपने आदमियों की ओर देखा।

डोलोरेस ने आदेश दिया, “मैथ्यू फ़ुटेज दिखाओ।” प्रोजेक्टर स्क्रीन पर ड्रोन के बर्ड आई व्यू कैमरे से लिए गए कब्रिस्तान के दृश्य को दिखाया जाने लगा।

“यह गाज़ा सिटी है,” उसकी आवाज़ मज़बूत और सशक्त थी। “हमारे तीन एजेंट – एमा, डेविड ग्लास और जॉर्ज मार्टिंस, तथ्य खोजने और सच्चाई का पता लगाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ इज़राइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच में गए थे। एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद उनकी वापसी के सभी रास्ते बंद हो गए और वे अब हमास के कब्जे में हैं।”

केसी ने अपना हाथ उठाकर उसे रोका।

“क्या?” डोलोरेस ने उसकी ओर सवालिया नज़रों से देखा।

“मैडम क्या आप सीआईए से हैं?”

उसने इस सवाल का जवाब देना ज़रूरी नहीं समझा। उसने उसे घूरकर देखा।

“ठीक है।” यह अहसास होने के बाद कि चुप रहने में ही भलाई है, केसी ने कहा।

“स्क्रीन पर लाइव फुटेज प्रदर्शित की जा रही है। अपने जानलेवा घावों के कारण जॉर्ज ने दम तोड़ दिया। अब तुम उसका अंतिम संस्कार देख रहे हो। उनका साथ देने वाला शख्स ओमार खालिद है। हमास का एक गुर्गा, और जॉर्ज का एक पुराना सहयोगी। हमारा मिशन चुपके से गाज़ा में घुसना है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की मदद से, उन्हें बचाने और निकालने के लिए। लेकिन याद रहे, हम जिन्हें बचाने जा रहे हैं, वे किसी भी सूरत में मरना नहीं चाहिए। सज्जनों, ‘ऑपरेशन होप एंड होम’ में तुम्हारा स्वागत है।”

उसने जॉर्ज को अलविदा कहने के लिए स्क्रीन की तरफ़ देखा, उसके चेहरे से अत्यंत दुःख झलक रहा था।

तभी स्क्रीन के बाएँ कोने पर आग की एक छोटी सी गेंद दिखाई दी और स्क्रीन पर फ़ुटेज आना बंद हो गया।

डोलोरेस ने, मैथ्यू को बुझे हुए चेहरे पर हैरानी के भाव लिए लैपटॉप स्क्रीन पर देखा।

मैथ्यू ने बताया, “ड्रोन पर एक रॉकेट से अभी-अभी हमला हुआ है।”

अध्याय ४२

“एक मज़बूत महिला उस युद्ध को स्वीकार करती है, जिससे वह गुज़र चुकी है और उसके ज़ख़्मों के निशानों से अपने चरित्र को निखारती है।”

– कार्ली साइमन

आकाश में हुए धमाके की गूंज से ओमार को यह समझ में आया कि इस वक़्त, इस जगह को छोड़कर जाना ही मुनासिब होगा। उसने तुरंत वैन को वापस अपने घर की ओर बढ़ा दिया। एमा सिसक रही थी और डेविड अपनी पत्नी का हाथ पकडे हुए, चुपचाप आँसू बहा रहा था। वे दोनों युद्ध के बीच में भी एक-दूसरे का ख़याल रखना नहीं भूले थे। ये छोटी-छोटी बातें ही उन्हें विपरीत परिस्थितियों में संभाले हुए थीं।

एमा ने खिड़की के बाहर देखा। टोपी पहने एक छोटा, प्यारा सा बच्चा, एक टूटी-फूटी पीली सेडान कार में झुककर ड्रायवर होने का खेल, खेल रहा था। कार के टायर मलबे में आधे धंसे हुए थे; इसकी छत पर ईंटों के ढेर गिरने के कारण, छत धसी हुई थी। उसने अपनी मुस्कान बिखेरते हुए एमा की ओर देखा। उसकी ये हरकत देख, एमा जैसे सपने से जागी।

उसके नीचे देखते ही, उसकी आँखें पानी की बोतल के होल्डर पर जा ठहरी। इसके नीचे एक फोन चार्जिंग पोर्ट था, जिसके साथ चार्जिंग कॉर्ड लगी हुई थी। वह चकित हो उठी, उसने आस-पास देखा कि ओमार कहीं उस पर नज़रें तो नहीं रख रहा? लेकिन ऐसा नहीं था। अपने आप को व्यस्थित करते हुए, उसने चार्जिंग कॉर्ड को संभाल कर पकड़ा। फिर उसने अपना स्मार्टफोन बाहर निकाला, और हताशा के इस क्षण में आशा के साथ उसने उसे प्लग में लगा दिया। गहरे लाल रंग की चार्जिंग लाइट जल उठी। भाग्य का अद्भुत चमत्कार। उसकी साँसे इतनी तेज हो गई कि, उनकी आवाज़ डेविड को भी सुनाई दी।

“तुम ठीक तो हो न?” डेविड ने धीरे से पूछा।

“हाँ।” उसने जवाब दिया, फोन उसने अपनी जांघों के बीच छुपा लिया।

जब वे घर पहुँचे तो उन्होंने सकीना और आफ़रीन को घबराये हुए, उसी पुरानी अवस्था में पाया।

एमा ने उस छत पर सभी को इकट्ठा किया, जहाँ जॉर्ज ने अपनी अंतिम साँस ली थी। ओमार की पत्नी नगमा चिंतिंत थी; वह अंदर ही रही।

कुछ मिनट की प्रार्थना के बाद, उनको कुछ राहत महसूस हुई। फिलहाल वे किसी की मदद नहीं कर सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने आप को भावनात्मक संकट से उबारा। ओमार के वहाँ से जाने का इंतज़ार करते हुए, एमा की आँखें छलछला गईं, अब उनकी किस्मत उसके हाथों में थी। किसी भी क्षण, वह उन्हें वापस सुल्तान को सौंप देगा। उसका खोया हुआ फोन, जो किस्मत के ज़ोर से एमा के पास वापस आ गया था, अभी भी दूसरों के लिए एक रहस्य था। यहाँ तक कि उसके पति के लिए भी। वह डेविड को यह बताने के लिए बहुत उतावली हो रही थी, कि उम्मीद बाकी है, अभी तक ख़त्म नहीं हुई। उनकी आशा की आख़री कड़ी, उसकी जेब में सुरक्षित थी।

उसने पानी के लिए ओमार से अनुरोध किया। ओमार पानी लेने नीचे की ओर चला गया।

एमा ने डेविड और सकीना की ओर देखा, उसका चेहरा पीला पड़ा हुआ था, वह बोली, “जिस फोन को हमने स्कूल में खो दिया था – हमसे पहले फ़ातिमा को मिल गया और उसने उसे अपने पास रख लिया था। मुझे कल रात पता चला।” उसने जेब से फोन निकालकर सबको चौंका दिया।

डेविड ने उसे गौर से देखा। वह अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर पा रहा था। उसने जोश में आकर एमा को अपनी बाँहों में भर लिया और उसके माथे को चूम लिया।

“क्या यह काम कर रहा है?” उसने अलग होते हुए पूछा।

“मुझे नहीं पता। मैंने इसे वैन में चार्ज किया लेकिन अभी तक चालू नहीं किया।“

“कोई बात नहीं, अब चालू करो।” रोमाँच के कारण उसकी साँसें तेज, और तेज चलने लगी फिर उसकी आँखें चमक उठी।

“अगर ओमार को पता चला तो?” उसने अनुमान लगाया। उसका आत्मविश्वास डगमगा गया और उसे घबराहट होने लगी।

“उह, तुम सही कह रहे हो… सकीना, क्या तुम प्लीज नीचे जा सकती हो और देखो कि वह ऊपर नहीं आने पाए।” ओमार की वहाँ उपस्थिति, मदद के लिए कॉल करते वक़्त हानिकारक हो सकती थी।

“ओह, ठीक है,” उसने उत्साह से कहा। वह फटाफट नीचे चली गई। उसके भीतर एक आशा की लहर दौड़ गई; डेविड और एमा आखिरकार अब घर जा सकेंगे।

डेविड, एमा के कॉल लगाने का इंतज़ार करने लगा। उसने फोन पर निगाह डाली लेकिन उसे चालु नहीं किया।

“तुम किस का इंतज़ार कर रही हो?” उसने शांत भाव से पूछा।

“क्या होगा अगर वे हमें असहाय छोड़ देते हैं? अगर वे हमें नहीं बचाना चाहते हैं, तो क्या होगा?” उसने एक काँपती आवाज़ में कहा।

“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो, हनी?” उसने उसके गाल सहलाए।

“मुझे बहुत डर लग रहा है, डेविड।”

“हमें जॉर्ज से किया गया वादा निभाना होगा। हमे ज़िन्दा घर वापस जाना है।”

“हाँ।”

उसने पॉवर बटन टैप किया, उसका दिल जोरो से धड़कने लगा। स्क्रीन ऑन हो गई। उसने संपर्कों को खोजा और डोलोरेस के नंबर पर स्पीड डायल पर उंगली रखी।


क़ब्रिस्तान में अदृश्य ड्रोन को हमास के आतंकवादी ने निशाना बनाया था। दरअसल उसने गलती से इसे कम ऊँचाई पर उड़ता हुआ इज़राइली ड्रोन समझा, निशाना लगाया और अपनी छोटी सी जीत पर उछल पड़ा।

मैथ्यू अभी भी ऑनलाइन वीडियो चैट पर था। उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी, उसकी आँखों के नीचे काले धब्बे बने थे, और उसके शर्ट के बटन खुले हुए थे।

डोलोरेस, युद्ध की काली पौषाक, सारे हथियारों सहित पहनते हुए, मैथ्यू से बात कर रही थी, लेकिन स्क्रीन के सामने कपड़े बदलते हुए उसे किसी और चीज़ की परवाह नहीं थी। ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार औपचारिक होने का समय नहीं था। मैथ्यू ने उसे कपड़े बदलते वक़्त, संवेदनशील क्षणों में अपनी आँखें दूसरी ओर कर लीं, लेकिन बात करता रहा।

“हमने दूसरे ड्रोन को भेज दिया है। इसे काम शुरू करने में कम से कम एक घंटा लगेगा।”

“ठीक है, कुछ भी हो, हम जा रहे हैं।” डोलोरेस ने पेंट पहनते हुए जवाब दिया।

“वे बहुत अंदर के इलाके में हैं। आप किसी प्रकार की कोई आवाज़ किए बिना, चुपचाप वहाँ तक कैसे पहुँचेंगी?”

“अमाह इसकी व्यवस्था करेगी। युद्ध-विराम कुछ ही घंटों में शुरू हो जाएगा। और परमेश्वर जानता है कि सभी को इसकी आवश्यकता है।” उसने ऊपर से नीचे तक स्किन टाईट, कपड़े पहने हुए थे। कोई झंडा, कोई प्रतीक या अन्य कुछ भी नहीं था, जिससे लगता हो कि वे अमेरिकी थे। सिर्फ़ संयुक्त राष्ट्रसंघ के शांतिदूत।

जोनाथन ने मैथ्यू को चिल्लाकर पुकारा। वह अपनी कुर्सी पर ही मुड़ गया। डोलोरेस ने यह नहीं सुना कि जोनाथन ने क्या कहा। मैथ्यू ने उत्तर दिया, “क्या?” वह झटके से डोलोरेस से मुख़ातिब हुआ।

कपड़े बदलते समय, उसने अपने सेल फोन को लैपटॉप के पास रखा था उसमे कंपन हुआ; कोई कॉल कर रहा था। उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। उसका जबड़ा लटक गया। मैथ्यू जानता था कि किसका कॉल है। जोनाथन ने ही उसे बताया था कि एमा का खोया फोन चालु होने का सिग्नल दे रहा था।

“उसे उठाओ!” मैथ्यू चिल्लाया। उसकी साँसे थम गयी।

डोलोरेस ने जवाब देने के लिए टैप किया।

दूसरे छोर पर शान्ति छाई हुई थी। डोलोरेस ने पूछा, “एमा?”

फोन से ज़ोर से सुबकने की एक धीमी आवाज़ सुनाई दी। डोलोरेस ने अपनी आँसू भरी आँखें बंद कर ली।

“एमा, भगवान का शुक्र है।”

“भाड़ में जाओ तुम!” एमा ने रोते हुए जवाब दिया।

डोलोरेस एक पल के लिए शब्दविहीन हो गई, वह उसकी सिसकियों की आवाज़ सुन रही थी।

बहुत प्रयास के बाद, एमा कह पाई, “जॉर्ज…। जॉर्ज…” और वह फिर से बिलख पड़ी।

“मुझे पता है, एमा। मुझे बहुत अफ़सोस हो रहा है,” डोलोरेस ने उसे सांत्वना दी और अपनी खुद की भावनाओं को भी नियंत्रित किया।

डोलोरेस ने डेविड की अस्पष्ट सी आवाज़ सुनी, “मुझे उससे बात करने दो।”

एमा ने जवाब दिया, “नहीं।”

डोलोरेस ने मैथ्यू को देखा। उनके माथे पर शिकन थी, “आप बात कीजिये।”

डोलोरेस ने कहा, “एमा, शांत हो जाओ। हम जानते हैं कि तुम कहाँ हो। हम तुम्हें लेने के लिए आ रहे हैं।”

“रुको… कैसे?” उसकी रुलाई आश्चर्य में बदल गई।

“हमने कभी तुम्हारे लिए हार नहीं मानी थी, अब मेरी बात बहुत ध्यान से सुनो। कुछ घंटों में युद्ध-विराम शुरु होगा। यही वह समय है जब हम अंदर आयेंगे। लेकिन तुमको सावधान रहने की आवश्यकता है, क्या तुम मेरे लिए इतना कर सकती हो?”

“ठीक है, लेकिन कैसे आओगी?” उसकी आवाज़ में आशंका थी।

“हमारे पास इन सब बातों के लिए समय नहीं है। तैयार रहना,” उसने अपनी कमर पर पिस्तोल्दान बाँधा।

“प्लीज, हमें यहाँ से निकालो। मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती।” उसने कहा, फिर से उसकी आँख से आँसू निकल पड़े।

“बेशक मैं निकालूंगी “डोलोरेस ने उसे आश्वस्त किया। “मैं आ रही हूँ। हम जल्द ही बात करेंगे।”

“रुको… कुछ ऐसा है जो तुमको पता होना चाहिए।”

“क्या?”

हवा में सन्नाटा छा गया।

“एमा? एमा? “उसने ज़ोर से पुकारा। स्क्रीन पर, मैथ्यू ने भ्रम में अपनी बाहों को आगे बढ़ाया।

“बाद में बात करते हैं,” एमा ने जल्दबाज़ी में कॉल कट कर दिया।

हैंगर के अंदर, उसके पीछे, हेलीकॉप्टर के पंखे का शोर, बड़े मैदान में लहराते हुए गूंजता रहा। सील टीम, डोलोरेस जैसी वर्दी में, हेलिकॉप्टर के पास, मिशन के लिए तैयार खड़ी थी।

उसने नीले रंग की सामरिक वेस्ट पहन ली, जिसके ऊपर संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रतीक उसके सीने के ऊपर की जेब पर लगा हुआ था।

“मेज़र!” वह झुकी। “मुझे अच्छी ख़बर मिली है।”

“चलिए आसमान की सैर पर चलते हैं।” हेलीकॉप्टर के बाहरी हिस्से को थपथपाते हुए उसने कहा।


एमा ने फोन वापस अपनी जेब में रख लिया। सकीना सीढ़ी के किनारे खड़ी, हाँफते हुए ये सब देख रही थी।

“सुल्तान यहाँ आया हुआ है।” उसने कहा, साँस के लिए हाँफते हुए।

एमा ने नीचे से एक हंगामा सुना, उसने चुपके से एक झलक पाने के लिए झुकते हुए छत की रेलिंग से नीचे झाँका।

सड़क पर कारों का काफ़िला खड़ा था। सुल्तान बाहर निकल आया। ओमार ने उसका स्वागत खुशी से किया। वे गले मिले और एक दूसरे से कानाफूसी में बात की।

एमा को अंदर से महसूस हुआ कि वे अभी तक मुसीबतों से बाहर नहीं निकले थे; घर जाने का सफ़र, अभी भी बहुत लंबा था।