जब मैं शनिवार को सुबह उठा, हवा में बारिश होने के आसार थे । मैं नर्वस और बेचैन था । इस काम के बारे में मेरे सारे शक मेरे अवचेतन मन में इकट्ठा होते जा रहे थे । यह तो सिर्फ पैसों का ख्याल था, जो मेरे दिमाग को संभाले हुए था ।
“मैं आज रात लेट हो जाऊँगा ।” मैंने नीना को बताया जो अभी ब्रेकफास्ट तैयार कर रही थी । “आज की रात मेरी ट्रैफिक काउंट की आखिरी ड्यूटी है ।”
उसने मुझे सवालिया नजरों से देखा ।
“क्या तुम जॉन से मिल रहे हो ?”
“मैं उससे शनिवार को मिलूंगा । अगर उसके पास मेरे काम की कोई खबर होती तो उसने मुझे फोन कर दिया होता ।”
उसने झिझकते हुए पूछा, “क्या तुम यह नौकरी करने के लिये तैयार हो, हैरी ?”
“मैं भी ऐसा ही सोच रहा हूँ । वह कितनी तनख्वाह देगा, इस बात पर बहुत कुछ निर्भर करता है।”
“जॉन कहता है कि सैलरी अच्छी होगी ।” वह मुझे देखकर मुस्कुराई । “मैं बहुत खुश हूँ । तुम मेरे लिये सच में इतनी चिन्ता कर रहे हो ।”
“मैं खुद के बारे में चिन्ता कर रहा हूँ ।” मैंने मजाक में कहा, “मैं आज रात को कार लेकर जा रहा हूँ । आज बारिश होने वाली है ।”
“इसमें गैस बहुत कम है, हैरी ।”
बाद में मैं बीच वाले कैबिन में गया । मैनें अपनी स्विमिंग की पोशाक पहनी ही थी कि तभी बिल होल्डन मुझे दरवाजे पर दिखाई दिया ।
“हैलो, मिस्टर बार्बर ।” उसने कहा । “क्या तुम यह कैबिन एक हफ्ते के लिए और रखना चाहोगे ?”
“मुझे ऐसा ही लगता है ।” मैंने कहा, “शायद पूरे हफ्ते तो नहीं लेकिन कम से कम बृहस्पतिवार तक तो जरूर ।”
“क्या तुम इस हफ्ते का किराया देना चाहोगे ?”
“मैं तुम्हें कल पैसे दे दूँगा । आज मैं अपना वॉलेट घर भूल आया ।”
“कोई बात नहीं, मिस्टर बार्बर, कल भी चलेगा ।”
मैंने दरवाजे के बाहर देखा तो आसमान में बादल घुमड़ रहे थे ।
“ऐसा लगता है, बारिश होने वाली है । मैं इसके शुरू होने से पहले एक बार स्विमिंग कर आता हूँ ।”
होल्डन ने कहा कि उसके अनुसार बारिश काफी देर तक नहीं होने वाली थी । लेकिन वह गलत था । मैं स्विमिंग कर के आया ही था कि बारिश शुरू हो गई ।
मैं कैबिन में एक किताब लेकर बैठ गया । बीच अब पूरी तरह से सुनसान था । यह मेरे लिये फायदेमंद था । मेरे ख्याल से पूरा दिन बारिश होने वाली थी ।
लगभग एक बजे, मैं एक रेस्टोरेंट में गया जो पूरी तरह से खाली था और एक हैमबर्गर खाया और एक बियर ली और फिर मैं कैबिन में वापस आ गया । जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, उसी वक्त टेलीफोन की घंटी बजी ।
रिया लाइन पर थी ।
“क्या सारा इंतजाम हो गया ?” उसने पूछा । उसकी आवाज में बेचैनी साफ झलक रही थी ।
“मेरी तरफ से तो इंतजाम पूरा है ।” मैंने कहा, “मैं जाने के लिये तैयार हूँ । अब ओडेट पर सब कुछ निर्भर करता है ।”
“तुम उस पर भरोसा कर सकते हो ।”
“अच्छा, ठीक है । तब पौने नौ बजे मैं कार्यवाही शुरू करूंगा ।”
“मैं कल ग्यारह बजे तुम्हें फोन करूंगी ।”
“मुझे कुछ पैसे चाहिए ।” मैंने कहा, “मुझे इस कैबिन का किराया देना है । यह अच्छा रहेगा अगर तुम कल सुबह यहाँ आ जाओ। मैं तुम्हें यहाँ मिलूंगा ।”
“ठीक है, मैं आ जाऊंगी ।” उसने कहा और फोन रख दिया । बाकी सारा दिन मैं कैबिन में ही रहा । छत पर बारिश होती रही और समुद्र भी मटमैले रंग का हो गया था । मैंने अपने हाथ में ली हुई किताब में ध्यान लगाने की कोशिश की लेकिन यह बहुत मुश्किल था ।
आखिर में मैं उठ गया और इधर-उधर घूमने लगा और घड़ी की तरफ देखते हुए मैंने अनगिनत सिगरेट फूंक दीं । अब बस इंतजार , इंतजार और इंतजार बाकी था ।
आखिरकार जब मेरी कलाई पर बंधी हुई घड़ी ने साढ़े आठ बजे का वक्त दिखाया, मैं कैबिन से बाहर निकल गया और बारिश से भीगी रेत में अपनी पैकर्ड कार की तरफ बढ़ा । अब भी बारिश हो रही थी, लेकिन धीमे । मैं पॉम सिटी के मेन बाजार में दवाईयों की एक दुकान पर जाकर रूका । जब तक मैंने गाड़ी पार्क की और बूँदा-बाँदी में दवाईयों की दुकान तक पंहुचा, तब तक आठ बजकर पैंतालीस मिनट हो गए थे ।
मैंने मारलौक्स के घर फोन लगाया ।
लगभग तुरंत मेरी कॉल का उत्तर मिला ।
“मारलौक्स रेसिडेन्स!” एक आवाज सुनाई दी, “कौन बोल रहा है ?”
“मैं मिस मारलौक्स से बात करना चाहता हूँ ।” मैंने कहा, “मैं जैरी विलियम्स बोल रहा हूँ ।”
“मिस्टर विलियम्स, क्या आप लाइन पर बने रहेंगे ? मैं देखता हूँ कि मिस मारलौक्स घर पर हैं या नहीं ।”
मैंने लाईन होल्ड़ की और मुझे अहसास हो रहा था कि मेरी साँसे बड़ी तेजी से चल रही थीं । यह एक लंबा इंतजार था। फिर ओडेट की आवाज ने चहकते हुए कहा, “हैलो!”
“क्या कोई आसपास सुन रहा है ?”
“नहीं, सब ठीक है । हैलो, हैरी ।” उसकी आवाज में एक अपनापन था । “सिर्फ तुम ही एक ऐसे आदमी हो जिसने मुझे मारने की हिम्मत की है । तुम एक अजीब इंसान हो ।”
“मुझे पता है । देखो, मैं तुम्हें कभी चोट नहीं पहुंचाऊंगा । तुम्हें पता है कि क्या करना है ? मैं बीस मिनट में पाईरेट्स कैबिन में पहुँच जाऊँगा । मेरी पैकर्ड, पार्किंग में दाएं हाथ की तरफ खड़ी हुई मिलेगी । तुम्हारी ड्रेस पिछली सीट पर रखी हुई होगी । तुम कोई बात भूली तो नहीं हो ?”
“नहीं, मैं कुछ नहीं भूली हूँ ।”
“तो फिर शुरू हो जाओ । मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ ।” और फिर मैंने फोन रख दिया ।
मुझे पाईरेट्स कैबिन तक पहुँचने में पंद्रह मिनट लगे । पार्किंग पूरी तरह से भरी हुई थी लेकिन मैं कार को उस जगह पार्क करने में सफल हो गया जहाँ पर मैंने ओडेट को बताया था । वहाँ पर कोई पार्किंग अटेंडेट नहीं था और यह मेरे लिये बहुत मुनासिब था । उस जगह पर बैठा हुआ कोई गा रहा था । मैं खिड़की में से देख सकता था कि बार पूरी तरह से भरा हुआ था ।
मैं पैकर्ड में बैठा रहा और इंतजार करता रहा । मैं बहुत तनाव में था । पार्किंग में आती हुई हर कार मुझे चौंका देती थी ।
नौ बजकर पच्चीस मिनट पर, मुझे एक सफेद रंग की टी. आर. थ्री मॉडल की लक्जरी कार गेट से आती हुई दिखाई दी और मेरी कार से बीस गज की दूरी पर पार्क हो गई ।
ओडेट उसमें से बाहर निकली । उसने सुर्ख लाल रंग की ड्रेस के ऊपर एक सफेद रंग का प्लास्टिक का कोट पहन रखा था । वह अपनी कार के पास रुकी और फिर उसने मेरी तरफ देखा ।
मैं कार से बाहर निकला और उसकी तरफ हाथ हिलाया । हल्की बूँदा-बाँदी अब तेज होती जा रही थी । उसने मेरी तरफ देखकर वापस हाथ हिलाया और फिर वह तेज कदमों से रेस्टोरेन्ट की तरफ बढ़ गई और बार में दाखिल हो गई ।
मैं अपनी पैकर्ड कार से बाहर निकला और उसकी कार तक पहुंचा । उसकी कार की पैसेंजर सीट पर एक सूटकेस रखा हुआ था । मैंने दाएं-बाएं देखा। इस बात की तसल्ली करने के बाद कि कोई मुझे नहीं देख रहा था, मैं उस सूटकेस को मेरी कार में ले आया ।
बार की खिड़कियों से मैं ओडेट को देख सकता था । वह बारमैन से बात कर रही थी । बारमैन ने अपना सिर हिलाया और वह बार-काउंटर से दूर चली गई और मेरी आँखों से ओझल हो गई ।
मैंने अपनी घड़ी की तरफ देखा । लॉस एंजल्स के लिये प्लेन साढ़े दस बजे उड़ने वाला था । हमारे पास काफी समय था । मैंने टेलीफोन के जरिये उसके लिये ‘एन्न हारकोर्ट’ के नाम से रिजर्वेशन करवा रखा था । मैंने क्लर्क को बोल दिया था कि वह टिकट एयरपोर्ट से ले लेगी और टिकट के पैसे चुका देगी । मैंने फोन करके लॉस एंजल्स में एक छोटे से होटल में एक कमरा बुक कर दिया था, जहाँ पर मैं एक बार रुका था । यह एकांत में और शहर की भीड़ से दूर था । मुझे विश्वास था कि वह वहाँ पर सुरक्षित रहेगी ।
फिर मैंने ओडेट को बार से बाहर आते हुए देखा । यह देखकर मेरा दिल जोर से धड़का कि वह अकेली नहीं थी । उसके साथ कोई आदमी भी था । ओडेट ने पैकर्ड की तरफ चलना शुरू किया तो उस आदमी ने उसे बाजू से पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींचने लगा । मैं उस आदमी को ज्यादा नहीं देख सका । वह छोटे कद का मोटा आदमी था और उसने हल्के रंग का सूट पहना हुआ था ।
“अरे, आओ न बेबी ।” उसने अपनी ऊँची आवाज में कहा, “चलो, कहीं पार्टी करते है । मैं भी अकेला हूँ और तुम भी अकेली हो । चलो, दोनों मिलकर इस अकेलेपन का मजा लूटें ।”
“दूर हटो मुझसे!” ओडेट ने कहा, “अपने गंदे हाथ मुझसे दूर करो ।”
उसकी आवाज सहमी हुई थी ।
“अरे, आओ भी! मिलकर हम लोग मजे करेंगे ।”
अगर उसने इस आदमी से छुटकारा नहीं पाया तो हम मुसीबत में पड़ सकते थे । मैं खुद की मौजूदगी वहाँ पर दर्ज करने की हिम्मत नहीं कर सकता था । वह जितना नशे में दिखाई दे रहा था, हो सकता है वह उतना नशे में शायद नहीं हो । अगर बात बिगड़ गई तो वह मेरी शक्ल याद रख सकता था ।
“दूर हटो मुझसे!” ओडेट ने उससे दोबारा कहा और उसने एक बार फिर से मेरी कार की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया । वह शराबी एक बार तो ठिठका मगर वह फिर उसके पीछे आने लगा ।
मैं कार की दूसरी तरफ चला गया । मैं चिल्लाना चाहता था कि वह मेरी कार से दूर रहे । उसे यह कार याद रह सकती थी लेकिन उसने कार की तरफ बढ़ना जारी रखा । वह शराबी आदमी भी उसके पीछे बढ़ा। उसने उसे बाजू से पकड़ लिया और अपनी तरफ घुमाया ।
“हे! मेरे साथ नखरे मत करो, बेबी । वापस चलो । मैं तुम्हारे लिये एक ड्रिंक लाता हूँ ।”
ओडेट ने उसके गाल पर एक थप्पड़ जड़ दिया । उसके हाथ की उसके चेहरे से टकराने की एक चटकदार आवाज हुई ।
“अच्छा! तो तुम पूरी ढीठ हो ।” शराबी गुस्से से फुफकारा और ओडेट को पकड़कर जबरदस्ती चूमने की कोशिश करने लगा ।
अब मुझे कुछ न कुछ करना था । वह संघर्ष कर रही थी। लेकिन मैं देख रहा था कि वह आदमी उसके लिहाज से बहुत ज्यादा ताकतवर था । उसने इतनी समझदारी तो दिखाई थी कि वह अब तक चिल्लाई नहीं थी ।
मैं अपनी कार के ग्लव्स कंपार्टमेंट में एक वजनदार बैटरी हमेशा रखता था । मैंने उसे उठा लिया । यह लगभग एक फुट लंबी थी और वक्ती तौर पर अच्छे हथियार का काम कर सकती थी ।
अब वहाँ पर गहन अंधेरा था और हम गेट पर लगी एक मात्र स्पॉट लाईट से दूर थे । मैं एक लंबा चक्कर काटकर उस आदमी के पीछे पहुँचा । मैं इतने तनाव में था कि मेरी सांसें, मेरे भिंचे हुए जबड़े से, सीटी जैसी आवाज करते हुए निकल रही थीं ।
जैसे ही मैं उसके पीछे पहुँचा, तभी ओडेट अपने आपको छुड़ाने में कामयाब हो गई । शराबी को मेरे वहाँ मौजूद होने का अहसास हो गया और वह अचानक पीछे घूम गया ।
मैंने बैटरी उसके सिर पर दे मारी और वह आदमी अपने घुटनों के बल गिरा । मैंने ओडेट के मुँह से एक दबी हुई चीख निकलते हुए सुनी ।
मुझे गालियाँ बकते हुए उस शराबी ने मुझे पकड़ना चाहा लेकिन मैंने उस पर दोबारा प्रहार किया । इस बार चोट जोर से हुई और वह कराहता हुआ मेरे पाँव के पास गिर गया ।
“मेरी कार लो ।” मैंने ओडेट से कहा, “और जल्दी यहाँ से निकलो! मैं तुम्हारी कार में, तुम्हारे पीछे आता हूँ ।”
“क्या तुमने उसे जख्मी कर दिया है ?” अपने चेहरे को हाथों से ढके हुए वह उस शराबी को देख रही थी ।
“अब जल्दी निकलो यहाँ से ।”
मैं उसकी टी. आर. थ्री कार की तरफ लपका और उसमें बैठ कर इंजन को स्टार्ट किया । अगर उस वक्त कोई रेस्टोरेंट से बाहर आ जाता और इस आदमी को इस तरह से पड़े हुए देख लेता तो हम बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाते ।
जैसे ही मैंने कार को थोड़ा पीछे किया, मुझे मेरी कार, पैकर्ड के स्टार्ट होने की आवाज सुनाई दी । मैंने उसे पार्किंग से बाहर निकल जाने दिया और उसके पीछे-पीछे चल पड़ा ।
उसने बीच रोड की तरफ जाने की समझदारी दिखाई । जब हम एक मील के करीब चल चुके थे तो मैंने उसे ओवरटेक किया और रुकने का इशारा किया ।
वह सड़क पूरी तरह से सुनसान थी । बारिश अब शुरू हो चुकी थी । मैं कार से बाहर निकला और उस तरफ दौड़ा जहाँ पर उसने पैकर्ड को रोका था ।
“तुम जल्दी से अपने कपड़े बदलो ।” मैंने कहा, “उसके बाद तुम लोन-बे कार पार्किंग तक मेरे पीछे आओ । जल्दी!”
“क्या तुमने उसे बहुत ज्यादा जख्मी कर दिया है ?” जब वह कार की पिछली सीट पर ड्रेस के लिये पहुँची तो उसने पूछा ।
“भूल जाओ उसे! उसके बारे में ज्यादा चिन्ता मत करो । तुम अपने कपड़े बदलो । समय तेजी से निकला जा रहा है ।”
मैं वापस टी. आर. थ्री कार तक पहुँचा और उसमें सवार हो गया । मैं उसमें पसीने में लथपथ हुआ बैठ गया और मन ही मन यह प्रार्थना करते हुए सड़क की तरफ देखता रहा कि कोई भूली-भटकी कार वहाँ पर न आ पहुँचे और हमें न देख ले । पाँच मिनट का वह समय बड़ी मुश्किल से गुजरा । जब मैनें उसके हॉर्न बजाने की आवाज सुनी तो मैंने पीछे मुड़कर देखा । उसने मुझे इशारा किया । मैंने उसकी कार को स्टार्ट किया और लोन-बे की तरफ कार तेजी से बढ़ा दी । उसने मेरा पीछा किया ।
मैं अपनी घड़ी को लगातार देख रहा था । हमारे पास एयरपोर्ट पहुँचने में काफी वक्त था । यह लोन-बे से दो मील आगे था । मैं उस शराबी के बारे में सोचता रहा और यह विचार मेरे मन में आ रहा था कि कहीं मैंने उसे ज्यादा जोर से तो नहीं मार दिया था । पर अब जो होना था वह हो चुका था। मैंने महसूस किया कि जो हुआ वो ज्यादा बुरा भी नहीं था । अगर ओडेट को कभी पुलिस का सामना करना भी पड़ जाए तो इससे उसकी कहानी को सहारा ही मिलता । लेकिन सिर्फ तब, अगर मैंने उसे ज्यादा जोर से न मारा हो या उसकी खोपड़ी की हालत हद से ज्यादा नाजुक न हो ।
लोन-बे कार पार्किंग उसके आसपास के ज्यादातर मकानों के लिए फायदेमंद थी । वहाँ के बाशिंदे उसे परमानेन्ट पार्किंग की तरह इस्तेमाल करते थे और यह ज्यादातर कारों से भरी हुई रहती थी । मुझे पूरा यकीन था कि टी. आर. थ्री को वहाँ पर बिना किसी की नजरों में आए छोड़ा जा सकता था । जैसे ही मैं पार्किंग तक पहुँचा, मैंने ओडेट को रुकने का इशारा किया और फिर मैंने उसकी स्पोर्ट्स कार को पार्किंग की तरफ घुमा दिया ।
पार्किंग में लगी हुई कारों के बीच एक संकरा सा पक्का रास्ता था और मैं अपनी कार की हेड लाइट की रोशनी में किसी खाली जगह को तलाश कर रहा था ।
तभी अचानक, बिना किसी चेतावनी के, एक कार उस रास्ते पर बाहर निकली। उसकी लाईट भी नहीं जल रही थी । वह बड़ी तेजी से बैक हुई। मेरे पास उससे बचने का कोई रास्ता नहीं था । उस कार का पीछे का हिस्सा मेरी कार से आ टकराया और उसकी वजह से जोरदार आवाज हुई ।
एक क्षण के लिये मैं किसी लकवाग्रस्त आदमी की तरह बैठ गया । यह वह घटना थी जिसके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था, एक एक्सीडेंट । यह कमबख्त अब मुझसे मेरा नाम और पता पूछेगा । वह कार का नम्बर नोट करेगा और उससे इस घटना के तार सीधे ओडेट से जुड़ जाएंगे और मैं वहाँ पर क्या कर रहा था - उसकी कार चला रहा था ?
मैं कार में सहमा और डरा हुआ बैठा रहा। तब मेरे रोंगटे खड़े हो गए जब उस कार का ड्राइवर बाहर निकला ।
किस्मत से पार्किंग में उस वक्त अंधेरा था । जैसे ही वह मुझ तक पहुंचा, मैंने हेड लाईट बंद कर दीं । मैंने देखा कि वह ठिगने कद का गंजा आदमी था। लेकिन मैं उसका हुलिया ज्यादा नहीं देख सका और इसका मतलब यह था कि उसे भी कुछ ज्यादा नहीं दिखाई दे रहा होगा ।
“आई एम सॉरी, मिस्टर ।” उसने लरजती हुई आवाज में कहा, “मैंने तुम्हें आते हुए नहीं देखा । यह सारा दोष मेरा है ।”
तभी उसकी कार से एक विशालकाय औरत बाहर निकली। उसने अपनी छतरी खोली और फिर वह उस ठिगने आदमी के पास आकर खड़ी हो गई ।
“इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं थी, हरबर्ट ।” उसने गुस्से से कहा, “इसे इस तरह से बीच में से निकलकर नहीं आना चाहिए था । तुम्हें कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है । यह सिर्फ एक एक्सीडेंट था ।”
“अपनी कार आगे करो ।” मैंने कहा, “तुमने मेरा आगे जाने का रास्ता रोक दिया है ।”
“हरबर्ट, अपनी कार मत हटाना ।” उस औरत ने कहा, “हम लोग पुलिस को बुलाएंगे ।”
मेरी कमर में ठंडा पसीना दौड़ने लगा था ।
“तुमने सुना! मैंने क्या कहा है!” मैं ठिगने आदमी पर चिल्लाया, “अपनी इस मनहूस कार को आगे करो ।”
“मेरे पति से इस तरह से बात मत करो ।” वह औरत झल्लाई । वह मुझे खा जाने वाली निगाहों से देख रही थी । “यह तुम्हारी गलती है, नौजवान! तुम उस पर हावी होने की कोशिश मत करो ।”
समय बीता जा रहा था । मैं इन दोनों को अपना नाम और पता बताने की बेवकूफी नहीं कर सकता था । मैंने वही किया, जिसके सिवा मेरे पास कोई चारा नहीं था । मैंने गियर बदल कर, स्टीयरिंग व्हील को घुमाया और रेस पर पाँव रख कर दबा दिया ।
मेरी स्पोर्ट्स कार आगे की तरफ दौड़ी, एक जोर की आवाज हुई और उस आदमी की कार का बम्पर उखड़ गया । मेरी कार को भी नुकसान पहुँचा लेकिन जब मैंने इस बात की परवाह न करते हुए आगे बढ़ना जारी रखा तो उस औरत को चीखते हुए सुना, “हरबर्ट, इसकी गाड़ी का नम्बर नोट करो!”
मैं पार्किंग के दूर वाले सिरे तक तेजी से गाड़ी चलाकर पहुँचा । एक खाली जगह में कार को खड़ी करने के बाद मैं कार से बाहर कूदा । मैं दस्ताने पहने हुए था इसलिए मुझे स्टीयरिंग व्हील को साफ करने के लिये रुकने की जरुरत नहीं थी । मैंने उस रास्ते की तरफ पीछे मुड़कर देखा ।
वह औरत मेरी ही तरफ देख रही थी । वो ठिगना आदमी टूटे हुए बम्पर को उठाने की कोशिश कर रहा था । मेरे ठीक सामने पार्किंग से बाहर निकलने का रास्ता था । मैं उस तरफ दौड़ा । क्या वे लोग पुलिस के पास जाएंगे ? यह उसकी गलती थी । फिर भी मौका था कि वे इस घटना को जाने देते । अगर वे ऐसा नहीं करते है तो टी. आर. थ्री की वजह से ओडेट का पता आसानी से मिल जाएगा । फिर पुलिस यह जानना चाहेगी कि कार चलाने वाला आदमी कौन था ।
जैसे ही मैं पैकर्ड कार की तरफ दौड़ा, मैंने महसूस किया कि अचानक एक अनजाना डर मुझ पर हावी होने लगा था । जिस प्रकार से मैंने सोचा था , मेरी योजना उस तरह से काम नहीं कर रही थी ।
पहले वह शराबी । अब यह कार एक्सीडेंट ।
न जाने मेरी इस सनक भरी योजना मैं और क्या-क्या गड़बड़ होने वाली थी ।
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