थोड़ी देर बाद इमरान लेडी तनवीर के ड्रॉइंग-रूम में बैठा उसका इन्तज़ार कर रहा था।

‘‘तुम यहाँ क्यों चले आये?’’ लेडी तनवीर ने कमरे में दाख़िल होते हुए कहा।

‘‘आख़िरी खबर देने के लिए!’’ इमरान उसका चेहरा ग़ौर से देख रहा था।

‘‘मैं नहीं समझी!’’ लेडी तनवीर की आवाज़ में कँपकँपाहट थी।

‘‘ग़ज़ाली चला गया।’’

‘‘ओह....अच्छा!’’ लेडी तनवीर एक लम्बी साँस ले कर बैठते हुए बोली। ‘‘अच्छा....तो तुम्हारी बाक़ी रक़म परसों तक पहुँचा दी जायेगी।’’

‘‘लेकिन अब मैं रक़म ले कर क्या करूँगा!’’ इमरान ने अफ़सोस के अन्दाज़ में बोला।

‘‘क्यों....?’’

‘‘उस बेचारे का पूरा जिस्म नीला पड़ गया है और शायद इस वक़्त डॉक्टरों के चाकू उसके गोश्त के टुकड़े-टुकड़े कर रहे होंगे।’’

‘‘मैं कुछ समझी नहीं? तुम कह क्या रहे हो?’’

इमरान ने उसे पूरी बात बताते हुए कहा। ‘‘सर तनवीर भी उसमें दिलचस्पी ले रहे थे, लेकिन पुलिस को अभी इसकी जानकारी नहीं है। वैसे अब मेरा इरादा है कि मैं पुलिस को ख़बर कर दूँ।’’

लेडी तनवीर थोड़ी देर तक चुपचाप हाँफती रही फिर मुश्किल से बोली। ‘‘तो अब तुम मुझे ब्लैकमेल करना चाहते हो। तुमने मुझसे कहा था कि तुम मेरे लिए उसे क़त्ल भी कर सकते हो।’’

‘‘अच्छी बात है! जब पुलिस आपसे पूछगछ करे तो आप बता दीजिएगा....कह दीजिएगा....कह दीजिएगा कि मैंने ही उसे क़त्ल किया है। फिर पुलिस मुझसे पूछेगी तो मैं साफ़ कह दूँगा कि मुझे इस पर लेडी तनवीर ने मजबूर किया था....फिर लेडी तनवीर को बताना पड़ेगा कि उन्होंने क्यों मजबूर किया था। वे क्यों चाहती थीं कि ग़ज़ाली यहाँ से चला जाये और इतने-से काम के लिए उन्होंने इतनी बड़ी रक़म क्यों दी थी....फिर ग़ज़ाली के पड़ोसी सर तनवीर को भी पहचान लेंगे जो घण्टों उसके कमरे का दरवाज़ा खुलवाने की कोशिश किया करते थे....फिर क्या होगा। लेडी तनवीर....और फिर आपको वह आदमी शिनाख़्त करेगा जो उस दिन मेरे दफ़्तर में मौजूद था और उसने आपको वहाँ देख कर हैरत भी ज़ाहिर की थी। आप जानती हैं वह कौन था। नहीं जानतीं....! अच्छा तो सुनिए, वह सी.बी.आई. का सुपरिन्टेंडेण्ट कैप्टन फ़ैयाज़ था....इसलिए आप पुलिस से यह भी नहीं कह सकतीं कि आप मेरे बारे में जानती नहीं हैं।’’

‘‘तुम क्या चाहते हो?’’ लेडी तनवीर ने भर्रायी हुई आवाज़ में कहा।

‘‘हक़ीक़त मालूम करना चाहता हूँ! ग़ज़ाली कौन था....और इस तरह क्यों मार डाला गया? वह किन लोगों से नाराज़ था....और वह....वह....’’

इमरान अपना सिर सहलाने लगा। उसे वह नाम याद नहीं आ रहा था जिसका हवाला पिछली रात बातचीत के दौरान ग़ज़ाली ने दिया था....! ऐसा नाम जो किसी औरत ही का हो सकता था....इटली त़र्ज का नाम....

‘‘मैं नहीं जानती कि वह किन लोगों से ख़फ़ा था....! मगर....ठहरो....तुम बहुत चालाक हो....मुझे यक़ीन है कि ग़ज़ाली ज़िन्दा है। तुम मुझसे मेरा राज़ उगलवाना चाहते हो।’’

‘‘क्या आपने आज का अख़बार नहीं देखा?’’

‘‘देखा है। मगर तुम एक दूसरे मामले को भी इस सिलसिले में इस्तेमाल कर सकते हो....!

‘‘हाँ, हो सकता है....! शायद मैं नाम भी ग़लत बता रहा हूँ!’’

‘‘नहीं, नाम ठीक है। तुम उससे मिल चुके होगे।’’

‘‘अगर आप लाश देखना चाहती हों तो मैं पोस्ट मॉर्टम रुकवा दूँ!’’

‘‘हाँ, मैं देखूँगी....’’ लेडी तनवीर ने ऐसी आवाज़ में कहा जिससे ये पता चल रहा था कि उसे इमरान की बात पर यक़ीन नहीं आया।

‘‘अच्छी बात है....क्या आप मुझे अपना फ़ोन इस्तेमाल करने की इजाज़त देंगी?’’

‘‘नहीं....!’’

‘‘अच्छा, तो मेरे साथ चलिए।’’

‘‘नहीं जाऊँगी....तुम शौक़ से मेरे बारे में पुलिस को इत्तला दे सकते हो। तुम मुझे ब्लैकमेल नहीं कर सकते, समझे। हो सकता है कि जो आदमी तुम्हारे दफ़्तर में उस दिन मौजूद था, सी.बी.आई. का अफ़सर रहा हो। फ़ॉर योर काइंड इनफ़र्मेशन मैं तुमको बता दूँ कि सी.बी.आई. के डायरेक्टर जनरल रहमान साहब मेरे गहरे दोस्तों में से हैं।’’

‘‘तब तो मैं ज़रूर आपके ख़िलाफ़ कोई-न-कोई कार्रवाई करा दूँगा, क्योंकि रहमान साहब मेरे गहरे दुश्मनों में से हैं। उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया है, इसलिए मजबूरन मुझे फ़ॉरवर्डिंग ऐण्ड क्लीयरिंग ब्यूरो क़ायम करना पड़ा।’’

‘‘अच्छा, शायद तुम ग़लत समझे हो। मैं अभी तुम्हारी मौजूदगी में उन्हें फ़ोन करती हूँ।’’

‘‘साथ ही यह भी कह दीजिएगा कि ब्लैकमेलर अली इमरान एम.एस-सी., पी-एच.डी. है।’’

‘‘अली इमरान!’’ लेडी तनवीर चौंक कर उसे घूरने लगी। ‘‘अली इमरान....! तुम बकवास कर रहे हो। यह रहमान साहब के लड़के का नाम है और वह भी उसी डिपार्टमेंट में....’’

‘‘कभी था....!’’ इमरान ने जुमला पूरा करते हुए कहा। ‘‘लेकिन डायरेक्टर जनरल साहब ने उसका पत्ता काट दिया। अब वह शहर की सारी औरतों से उनके शौहरों का पत्ता कटवा देगा।’’

‘‘क्या तुम वाक़ई इमरान हो। यानी रहमान के लड़के।’’

‘‘ख़त्म भी कीजिए लेडी तनवीर....मुझसे ग़ज़ाली की बात कीजिए। आप यह भी जानती होंगी कि....ख़ैर जाने दीजिए....!

‘‘मैं कुछ नहीं जानती। तुम जा सकते हो। यक़ीन करो तुम मेरा कुछ भी नहीं कर सकते।’’ लेडी तनवीर ने कहा और उठ कर ड्रॉइंग-रूम से चली गयी।