आधी रात को एक सिपाही आया और उसे जेल की कोठरी से निकाल कर जेलर के कमरे में ले गया। इस बार वहां यूमा के शेरिफ और सरकारी वकील के अतिरिक्त एक स्टेनो और दो अन्य व्यक्ति भी मौजूद थे। उसे बताया गया कि वे लास ऐंजिल्स पुलिस के अधिकारी थे और यूमा पुलिस के टेलीफोन करने पर विशेष रूप से प्लेन द्वारा वहां आये हैं ।
प्रमोद को दुबारा बयान देने के लिये कहा गया ।
प्रमोद ने रटी रटाई कहानी दुबारा सुना दी। लेकिन इस बार उसके मुंह से निकला एक-एक शब्द स्टेनो शार्टहैन्ड में लिखता जा रहा था । उसकी कहानी समाप्त होने के बाद स्टेनो वहां से चला गया ।
एक घण्टे बाद आठ फुलस्केप कागजों पर टाइप किया हुआ उसका बयान हस्ताक्षर के लिये उसके सामने रख दिया गया । प्रमोद ने बयान का एक-एक शब्द गौर से पढा । कहीं कोई हेरफेर नहीं था ।
उसने हस्ताक्षर कर दिये ।
फिर उसके दोनों हाथों की उंगलियों के निशान लिये गये । उसे वापिस जेल में भेज दिया गया ।
चौबीस घन्टे गुजर गये ।
अगले दिन फिर आधी रात को उसे जेलर के कमरे में ले जाया गया । पहले वाली ही सारी सूरतें वहां उस दिन भी मौजूद थीं ।
लास एंजिल्स के दो पुलिस अधिकारियों में से वो एक आगे बढा जिसे प्रमोद ने अन्य लोगों को पीटर के नाम से सम्बोधित करते सुना था। पीटर ने अपनी जेब से एक टाई पिन निकाला और उसे प्रमोद के सामने रख दिया ।
"इस टाई पिन को पहचानते हो ?" - उसने पूछा ।
प्रमोद जानबूझ कर हिचकिचाया ।
"ओह, कम आन।" - पीटर बोला- "इस पर तुम्हारा नाम लिखा हुआ है और इस पर तुम्हारी उंगलियों के निशान भी मौजूद हैं।"
"यह टाई पिन मेरा है ।" - प्रसाद बोला । उसने देखा इस बार भी स्टेनो सारा वार्तालाप शार्टहैन्ड में लिखता जा रहा था ।
"यह हमें युगल के बीच वाले केबिन में उस पलंग के नीचे पड़ा मिला था जिस पर हेजल की लाश पाई गई थी । शायद हेजल को काबू में करने के लिये जब तुम उससे हाथापाई कर रहे थे, उस समय यह तुम्हारी टाई में से निकल गया था और तुम्हें खबर नहीं हुई थी।"
प्रमोद चुप रहा ।
"अब चुप रहने से क्या फायदा, मिस्टर, जबकि पहले ही खुद अपनी मर्जी से अपना अपराध स्वीकार कर चुके हो।”
"आप ठीक कह रहे हैं । "
"केबिन में कई जगह तुम्हारी उंगलियों के निशान भी मिले हैं |"
प्रमोद चुप रहा ।
" और तुमने अपने बयान में जो बातें कहीं हैं, उन सबको चैक करवाया गया है। अधिकतर बातें ठीक हैं । हेजल की लाश के साथ जो पुराने अखबारों से भरा अटैचीकेस मिला था, उस पर कई लोगों की उंगलियों के निशान हैं जो एक-दूसरे के ऊपर पड़ने के कारण ऐसे मिक्स हो गये हैं कि उनका अलग-अलग क्लासिफिकेशन नहीं हो पाया । केवल हैंडल के निचले भाग में एक स्पष्ट निशान है जो तफ्तीश करने पर मालूम हुआ कि वह अल्मा के दांये हाथ की छोटी उंगली का है । अल्मा से पूछताछ की गई है। उसने तुम्हारी कहानी को एकदम झूठा कहा है । उसके कथनानुसार उसने जिंदगी में कभी तुम्हारी सूरत भी नहीं देखी, कभी तुम्हारा नाम भी नहीं सुना । यही बात हरबर्ट ने भी दोहराई है ।"
"वे तो ऐसा कहेंगे ही।"
"जाहिर है । अटैचीकेस के हैंडल पर अपनी उंगली के निशान के बारे में उसका कथन है कि उसी ने वह नोटों से भरा अटैचीकेस कार में ऐल्डन कोस्टरमैन की बगल में रखा था । उसे किसी दूसरे अटैचीकेस का ज्ञान नहीं था ।”
प्रमोद चुप रहा ।
"बहरहाल तफ्तीश जारी है। हमें अल्मा और हरबर्ट से अभी बहुत कुछ मालूम होने की आशायें हैं। अभी उनका विधिवत् बयान नहीं लिया गया है । और तुम्हारी जानकारी के लिये ऐल्डन कोस्टरमैन की लाश को भी कब्र खोदकर निकाल लिया गया है और उसे पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है |"
प्रमोद कुछ नहीं बोला ।
" अब हम तुम्हें अपने साथ ले जा रहे हैं ताकि लास ऐंजिल्स में तुम्हारा, अल्मा और हरबर्ट से आमना-सामना करवाया जा सके।"
"लेकिन मैं आप लोगों के साथ नहीं जा रहा हूं।" - प्रमोद शांति से बोला ।
"क्या मतलब ?"
"मतलब यह कि ऐरीजोना स्टेट मुझे कैलिफोर्निया स्टेट से ज्यादा पसन्द है । यह जेल बहुत बढ़िया है। मेरी कोठरी भी बहुत अच्छी है और खाना भी ठीक मिलता है। आप लोगों ने मेरा जो कुछ करना है, यहीं कर लीजिये। मैं वापिस नहीं जाऊंगा ।”
"लेकिन तुम्हें जाना पड़ेगा।"
"मैं नहीं जाऊंगा ।”
पीटर के नेत्र कठोर हो गये । वह तनिक क्रोधित स्वर से बोला “अब क्या तुम चाहते हो कि हम ऐरीजोना स्टेट के गर्वनर से भी तुम्हारे एक्स्ट्राडिशन (निष्कासन) का आदेश जारी करवायें ?" -
"जो जी में आये कीजिये। अपनी मर्जी से मैं तो यहां से हिलूंगा नहीं । "
"लेकिन इससे तुम्हें फायदा क्या होगा, मिस्टर ? तुम अपन अपराध तो स्वीकार कर ही चुके हो । कहीं तुम अपने बयान से मुकरने की तो नहीं सोच रहे हो ?"
"नहीं । मैं हजार बार पूछे जाने पर भी यही कहूंगा कि मैंने हेजल का कत्ल किया था।"
"तो फिर इस बखेड़े का क्या मतलब है ?"
" इसे आप मेरी जिद समझ लीजिये या मूर्खता लेकिन अपनी मर्जी से मैं अब कैलिफोर्निया नहीं जाऊंगा ।"
"ठीक है । मैं कल ऐरीजोना स्टेट के गवर्नर से तुम्हारे निष्कासन का आदेश जारी करवाता हूं।"
"जो जी में आये कीजिये लेकिन पहले मुझे एक कागज और पेन दे दीजिये ।"
"उसका क्या करोगे ?"
"अभी मालूम हो जायेगा ।”
पीटर के संकेत पर स्टेनो ने उसे एक कागज और पेन दे दिया ।
प्रमोद थोड़ी देर कागज पर लिखता रहा और फिर कागज सरकारी वकील को सौंपता हुआ बोला- "यह एक प्रार्थनापत्र है जिसमें मैंने यह मांग की है कि क्योंकि मुझे खामखाह एक लम्बे अरसे तक हवालात में रखा जा रहा है जबकि अभी मुझ पर कोई चार्जशीट नहीं लगायी गयी है इसलिये मुझे फौरन अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाये ।"
"इससे तुम्हें क्या फायदा होगा ?"
“फायदा-वायदा कुछ नहीं लेकिन मैं यह नहीं चाहता कि क्योंकि मैंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है इसलिये आप लोग मेरे साथ किसी प्रकार की गैरकानूनी ज्यादती करें । मैं नहीं चाहता कि आप लोग अपनी सहूलियत के लिये जब तक आप का जी चाहे मुझे बिना मतलब हवालात में बन्द रखें । आप मुझे पर चार्ज लगाइये, मुझे मजिस्ट्रेट के सामने पेश कीजिये और उसके बाद मजिस्ट्रेट से रिमांड की मांग कीजिये ।"
"आल राइट।" - सरकारी वकील बोला ।
प्रमोद चुप रहा ।
***
अगले दिन दस बजे उसे अदालत में पेश किया गया ।
"तुम्हारा कोई वकील है ?" - जज ने उससे प्रश्न किया ।
"नहीं, योर ऑनर ।"
"क्या तुम चाहते हो कि स्टेट की ओर से तुम्हारे लिये वकील का इन्तजाम किया जाये ?"
"नहीं, योर ऑनर । मैंने खुद कानून पढा है। मैं आप की बार काउन्सिल का सदस्य नहीं हूं लेकिन एक साधारण नागरिक के नाते भी मुझे अपनी पैरवी खुद करने का अधिकार मिलना चाहिये ।"
"ठीक है ।" - सरकारी वकील बोला- "मुजरिम ने कैलिफोर्निया स्टेट के लास ऐंजिल्स नगर में बड़ी बेरहमी से गला घोंटकर एक जवान लड़की की हत्या की है। मुजरिम ने खुद बिना किसी प्रकार के दबाव में आये अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। कैलिफोर्निया में कत्ल के इलजाम में इसकी गिरफ्तारी के लिये वारन्ट जारी हो चुका है । ऐरीजोना स्टेट के गवर्नर से इस के यहां से निष्कासन का आदेश जारी करने की प्रार्थना की जा चुकी है। अब मैं मुजरिम का अपना हस्ताक्षरयुक्त बयान पेश करता हूं जिसमें उसने खुद स्वीकार किया है कि उसने कब, कैसे और क्यों हत्या की है । "
अगले पौने घन्टे में सरकारी वकील ने अदालत को प्रमोद का बयान पढ कर सुनाया और अदालत को प्रमोद के खिलाफ लास एंजिल्स के पुलिस अधिकारी पीटर द्वारा प्रस्तुत किये गये अन्य प्रमाणों का विवरण दिया ।
"मिस्टर प्रमोद !" - अन्त में जज बोला "साफ जाहिर है कि तुमने हत्या की है, तुमने अपना अपराध स्वीकार किया है । इसलिये मैं...'
“योर ऑनर ।" - प्रमोद बीच में बोला- "सरकारी वकील ने अपनी बात कहने में एक घन्टा लगाया है। क्या मुझे अपनी बात कहने के लिये दो मिनट भी नहीं दिये जायेंगे ?"
"तुम कुछ कहना चाहते हो ?" - जज कठोर स्वर में बोला।
"यस, योर ऑनर ।"
"लेकिन तुम अपना अपराध पहले ही स्वीकार कर चुके हो।”
"मैं फिर भी कुछ कहना चाहता हूं । योर ऑनर, आप मुझे अपनी पैरवी खुद करने की अनुमति पहले ही दे चुके हैं ।"
"तुम क्या कहना चाहते हो ?"
"सबसे पहले मैं उस पुलिस अधिकारी से कुछ सवाल करना चाहता हूं जो मेरे कैलिफोर्निया स्टेट में प्रविष्ट हो जाने के बाद मुझे वापिस यूमा ( एरीजोना स्टेट) में लाया था।”
वह पुलिस अधिकारी पेश किया गया । उसने अपना नाम बिल वाकर बताया ।
"तुमने मुझे एल सेन्ट्रो में गिरफ्तार किया था ?”
"हां"
"एल सेन्ट्रो कैलिफोर्निया स्टेट का नगर है ? "
"हां"
"क्या मैं एल सेन्ट्रो से यूमा अपनी मर्जी से आया था ?"
"अपनी मर्जी से तो तुम वहां से हिल भी नहीं रहे थे ।" - बिल वाकर उपहासपूर्ण स्वर से बोला- "तुम्हें तो जबरदस्ती घसीटकर कार में डाला गया था ?"
"तुम्हें मुझे जबरदस्ती घसीट कर लाने का क्या अधिकार था ?"
"कैलिफोर्निया के गवर्नर द्वारा वहां से तुम्हारे निष्कासन का आदेश जारी किया जा चुका था और यहां तुम पर धोखाधड़ी का आरोप था । "
" फिर तुमने क्या किया ?"
" मैं तुम्हें यहां अर्थात् यूमा वापिस लाया और तुम्हें जेल में डाल दिया।"
"क्या मैं तुम्हारे साथ जेल तक अपनी मर्जी से गया था ?”
“नहीं । तुम्हें तो हर जगह एक अड़ियल टट्टू की तरह हांकना पड़ा था ।"
"मुझे गवाह से और कुछ नहीं पूछना ।" - प्रमोद बोला ।
"तुमने और किसी गवाह से कोई सवाल करना है ?" - जज पूछा। ने
"नहीं, योर ऑनर ।" - प्रमोद बोला ।
"वैरी वैल । तो मैं फैसला सुनाता हूं।"
"लेकिन अभी मुझे अपनी ओर से कुछ कहने का मौका नहीं दिया गया है। मुझे विश्वास है, योर ऑनर, आप केवल एक पक्ष की बात सुनकर एकतरफा फैसला करना नहीं चाहेंगे ।”
"लेकिन मेरी समझ में नहीं आता कि अपने बचाव के लिये तुम्हारे पास कहने के लिये है ही क्या ?" - जज बोर स्वर में बोला - "तुम साफ-साफ अपना अपराध स्वीकार कर चुके हो । क्या तुम अपने बयान से फिरना चाहते हो ?"
"नहीं, योर आनर । मैं फिर इस अदालत में स्वीकार करता हूं कि मैंने हत्या की है।"
"तो फिर..."
" फिर भी आप मुझे अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दीजिये ।"
"लेकिन... अच्छा, जो कहना है, कहो ।”
" मुझे बहुत कुछ कहना है, योर ऑनर -" प्रमोद उच्च स्वर में बोला - “कैलिफोर्निया में मुझ पर हत्या का इलजाम है इसलिये कैलिफोर्निया की स्टेट मुझे वापिस चाहती है । लेकिन दो दिन पहले कैलिफोर्निया की स्टेट ने अपने अधिकार क्षेत्र में मेरी मौजूदगी नहीं चाही थी । कैलिफोर्निया के गवर्नर ने वहां से मेरे निष्कासन का आदेश जारी कर दिया था और मेरी इच्छा के विरुद्ध मुझे ऐरीजोना स्टेट को सौंप दिया गया था । मुझे जबरदस्ती घसीट कर कैलिफोर्निया से ऐरीजोना लाया गया था। जबकि अपनी मर्जी से मैं कैलिफोर्निया से हरगिज हरगिज नहीं आना चाहता था । यह बात पुलिस अधिकारी बिल वाकर के बयान से पहले ही सिद्ध हो चुकी है ।”
"लेकिन इन बातों का केस से क्या वास्ता है ?" - जज झुंझलाये स्वर में बोला - " महत्वपूर्ण बात तो यह है कि तुमने कैलिफोर्निया स्टेट में एक हत्या की है ।"
"ठीक है । मैंने हत्या की है। लेकिन उस हत्या का मुकद्दमा मुझ पर इस अदालत में नहीं, कैलिफोर्निया की किसी अदालत में चल सकता है। मैंने हत्या मैंने कैलिफर्निया में की है, उसकी सजा आप मुझे ऐरीजोना स्टेट की अदालत में नहीं दे सकते । आपकी अदालत ने इस बात का फैसला नहीं करना है कि मैं हत्या का अपराधी हूं या नहीं । आपकी अदालत ने इस बात का फैसला करना है कि अब मुझे ऐरीजोना से निष्कासित करके वापिस कैलिफोर्निया में, अर्थात उस स्टेट में जो पहले ही मुझे अपने अधिकार क्षेत्र से निकाल चुकी है, वापिस भेजा जा सकता है या नहीं । योर आनर, मैंने भी कानून पढा है। आपके राष्ट्र के के कानून के अनुसार अब मेरा यहां से वापिस कैलिफोर्निया में निष्कासन नहीं किया जा सकता।"
"लेकिन कानून से भागे हुए मुजरिम को - फरार मुजरिम को - वापिस भेजा जा सकता है ।" - जज बोला ।
"लेकिन योर ऑनर, मैं कैलिफोर्निया से फरार मुजरिम नहीं हूं । कैलिफोर्निया की पुलिस की पकड़ से फरार मुजरिम मैं तब माना जाता जब मैं खुद अपनी मर्जी से कैलिफोर्निया से निकला होता । जब मैं गिरफ्तारी से बचने के लिये वहां से खिसक आया होता । लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया है । मैं कैलिफोर्निया से फरार नहीं हुआ हूं । आपके पुलिस ऑफिसर बिल वाकर का बयान पहले ही सिद्ध कर चुका है कि मैं तो कैलिफोर्निया से हिलना भी नहीं चाहता था । मुझे वहां से मेरी इच्छा के खिलाफ जबरदस्ती घसीटकर यहां लाया गया था । मेरा कैलिफोर्निया से कानूनी रूप से निष्कासन करवाकर मुझे उस अपराध के लिये पकड़ कर कैलिफोर्निया से यहां लाया गया था जो मैंने नहीं किया था । मुझे यहां एक गलतफहमी के अन्तर्गत अपराधी समझ लिया गया था। मैंने आपके शेरिफ और सरकारी वकील के सामने अपनी निर्दोषता सिद्ध कर दी थी। मेरे पास वह लिखित स्टेटमेंट मौजूद है जिसके अनुसार यहां के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि यहां मुझ पर किसी प्रकार का कोई इलजाम नहीं है । इस स्टेटमेन्ट पर आपके सरकारी वकील ने भी हस्ताक्षर किये हैं।"
और प्रमोद ने वह स्टेटमेन्ट निकाल कर कोर्ट के क्लर्क को सौंप दी जिसने उसे आगे जज के पास पहुंचा दिया ।
“अब स्थिति यह है, योर ऑनर" - प्रमोद पूर्ववत् उच्च और स्पष्ट स्वर में बोलता रहा - "कि यहां मैं एक निर्दोष नागरिक । कैलिफोर्निया स्टेट मुझे कानूनी रूप से अपने अधिकार क्षेत्र से निकाल चुकी है। अगर मैं कभी खुद वापिस कैलिफोर्निया चला गया तो वहां की पुलिस मुझे हत्या के इल्जाम में गिरफ्तार कर सकती है। लेकिन मेरी मर्जी के खिलाफ दुनिया की कोई शक्ति मुझे यहां से वापिस कैलिफोर्निया नहीं भेज सकती ।"
कोर्ट में एकदम सन्नाटा छा गया। जज मुंह बाये प्रमोद का मुंह देखने लगा ।
"योर आनर" - प्रमोद फिर बोला- "इसी सन्दर्भ में मैं आपका ध्यान केस नम्बर एस चार-सी ए चार सौ तेईस की ओर आकर्षित करना चाहता हूं जो मेरे केस से एकदम मिलता-जुलता है। साथ ही आप से मेरा निवेदन है कि आप कैलिफोर्निया जुरिसप्रूडेन्स के बारहवें भाग का पृष्ट तीन सौ अट्ठानवे भी देखें ।”
“उसमें क्या है ?”
"उसमें लिखा है कि अगर कोई आदमी एक स्टेट में फरार अपराधी नहीं है और दूसरी स्टेट की मांग पर पहली स्टेट से उसे कानूनी तौर से निकाल दिया गया है जबकि वह आदमी पहली स्टेट से खुद अपनी मर्जी से निकलना नहीं चाहता और दूसरी स्टेट जबरदस्ती उसे पहली स्टेट से कानूनी निष्कासन करवा कर ले आई है तो पहली स्टेट बाद में किसी भी कीमत पर उस आदमी की अपनी स्टेट में वापिसी की मांग नहीं कर सकती और न ही दूसरी स्टेट उस आदमी का वापिस पहली स्टेट मे निष्कासन कर सकती है बशर्ते किवह पहली स्टेट से फरार मुजरिम न हो अर्थात् वह अपनी मर्जी से गिरफ्तारी से बचने के लिये वहां से न भागा हो । वर्तमान स्थिति में अगर पहली स्टेट में उस आदमी ने कोई भी अपराध किया हो तो पहली स्टेट उसको जबरदस्ती अपनी स्टेट में वापिस नहीं मांग सकती और इसलिये उस पर उस अपराध का मुकदमा नहीं चला सकती । लेकिन अगर वह आदमी कभी खुद अपनी मर्जी से पहली स्टेट के अधिकार क्षेत्र में कदम रखता है तो पहली स्टेट उसे गिरफ्तार कर सकती है और अगर उस पर कोई केस चल सकता है तो चला सकती है।"
प्रमोद चुप हो गया ।
सरकारी वकील फौरन अपने कदमों पर खड़ा हुआ और तीव्र विरोधपूर्ण स्वर से बोला- "लेकिन, योर ऑनर, यह असम्भव है । ऐसा कोई कानून है सकता । अगर वास्तव में ही कोई ऐसा कानून नहीं हो सकता। अगर वास्तव में ही कोई ऐसा कानून है तो फिर तो हर आदमी हत्या कर सकता है और थोड़ी-सी चालाकी से काम लेकर हत्या का अपराध स्वीकार कर लेने के बाद भी सजा से बच सकता है । योर ऑनर, युनाईटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के विधान में ऐसी कोई कानूनी कमी नहीं हो सकती जिस का लाभ उठा कर अपराधी अपराध भी कर ले और सजा से भी बचा रहे ।"
"लेकिन ऐसा हो गया है, मिस्टर सरकारी वकील ।" - जज गम्भीर स्वर में बोला - " अभियुक्त ने वही कुछ किया है जो आप समझते हैं कि नहीं किया जा सकता । कहने की जरूरत नहीं कि अभियुक्त एक बेहद चालाक आदमी है और उस कानून की पूरी जानकारी है । उसको हमारे देश के कानून की इस पेचीदगी का या कमी का पूरा ज्ञान था और इस कमी को आधार बना कर पहले से ही तैयार की हुई बेहद नपी-तुली स्कीम पर काम करके उसने एक हत्या कर दी है जिसकी उसे सजा देने में हम असमर्थ हैं। कैलिफोर्निया जूरिसप्रूडेन्स का इस केस से सम्बन्धित अंश अभियुक्त को जबानी याद होना ही यह सिद्ध करने के लिये पर्याप्त है कि उसने स्थिति की सारी सम्भावनाओं पर पहले से ही विचार किया हुआ था और अपने बचाव के लिये बड़ा मजबूत कानूनी नुक्ता तैयार किया हुआ था । अपनी चालाकी से न केवल उसने अपना बचाव कर लिया है बल्कि उसने दो पड़ोसी स्टेटों की सरकारों का अच्छा खासा मजाक बना दिया है । कितने खेद की बात है कि हत्यारा सामने होते हुये भी हम उसे सजा नहीं दे सकते क्योंकि अपने बचाव के लिये उसने हमारे ही देश के विधान में एक भयंकर कमी खोज निकाली है जिसे उसने बड़ी होशियारी से अपने हक में इस्तेमाल किया है। कोर्ट अपना फैसला आधे घन्टे बाद सुनायेगा ।”
आधे घन्टे के लिये अदालत उठ गई ।
प्रमोद को शेरिफ ने अपने अधिकार में ले लिया । सरकारी वकील प्रमोद को यूं आंखें फाड़-फाड़कर देख रहा था जैसे वह किसी दूसरी दुनिया का इन्सान हो ।
आधे घन्टे बाद अदालत फिर बैठी। शेरिफ ने फिर प्रमोद को अदालत में पेश कर दिया ।
"अदालत को खेद के साथ यह स्वीकार करना पड़ रहा है" जज बोला- "कि अभियुक्त ने जिस केस का और कानून की जिस धारा का विवरण दिया है, वह एकदम ठीक है। वर्तमान स्थिति में न हमारी स्टेट इसका निष्कासन कर सकती है और न ही एक बार अपने अधिकार क्षेत्र में से इसे निकाल चुकने के बाद कैलिफोर्निया की स्टेट इसे वापिस मांग सकती है । अभियुक्त पर कैलिफोर्निया की सरकार तभी मुकदमा चला सकती है, जब वह स्वेच्छा से वहां चला जाये और गिरफ्तार कर लिया जाये । और ऐसा कभी नहीं होगा। अभियुक्त यहां सुरक्षित है । यह कैलीफोर्निया वापिस जाने के बारे में स्वप्न में भी नहीं सोचेगा । अदालत अभियुक्त को बरी करती है । "
अदालत बर्खास्त हो गई ।
प्रमोद आजाद हो गया ।
***
बाद में अखबारों में छपी खबरों के माध्यम से प्रमोद को बहुत-सी बातें मालूम हुई ।
ऐल्डन कोस्टरमैन की लाश का पोस्टमार्टम हुआ । उसके शरीर में एट्रोपाइन नाम की एक दवा का हल्का सा भाग मौजूद था ।
पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट के आधार पर और साथ ही प्रमोद के बयान के आधार पर अल्मा और हरबर्ट दोनों को कैलिफोर्निया की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ।
अल्मा ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया । अपने बयान में उसने लगभग उन तमाम बातों की पुष्टि की जो प्रमोद बहले ही कह चुका था ।
एट्रोपाइन के बारे में उसने बताया कि कुछ साल पहले जबकि वह ऐल्डन कोस्टरमैन की पत्नी नहीं थी, एक बार उसने पानी के जहाज से यात्रा की थी । यात्रा के दौरान में वह सी सिकनेस (समुद्र के सफर की बीमारी) से बीमार हो गई थी । जहाज के डाक्टर ने उसे एट्रोपाइन खाने को दी थी और बातों-बातों में बताया कि कई अन्य दवाईयों की तरह एट्रोपाइन एक ऐसी दवा थी जो साधारणतया स्वस्थ आदमी को तो कोई हानि नहीं पहुंचाती थी लेकिन दिल के मरीज के लिये वह जरूर घातक सिद्ध हो सकती थी । एट्रोपाइन कोई जहर नहीं था और बाजार में आम बिकने वाली चीज थी । अल्मा को ये तमाम बातें याद थीं। उसने ऐल्डन कोस्टरमैन को किसी प्रकार एट्रोपाइन खिला दी थी और उसका हार्टफेल हो गया था आखिरी दम तक डाक्टर ऐल्डन कोस्टरमैन के पास था और उसने खुद अपनी आंखों के सामन ऐल्डन कोस्टरमैन को हृदय की गति रुक जाने के कारण मरते देखा था उसके कथनानुसार मौत से पहले सारे लक्षण कोरोनरी थ्रोम्बोसिस के ही दिखाई दे रहे थे इसलिये उसको स्वप्न में भी यह ख्याल नहीं आया था कि सारे मामले में कोई गड़बड़ भी हो सकती है। उसने बेहिचक डैथ सर्टिफिकेट में डैथ बाई हार्टफेलयोर लिख दिया था ।
मजेदार बात यह थी कि हरबर्ट को भी मालूम नहीं था कि ऐल्डन कोस्टरमैन की मृत्यु अल्मा की करतूत से हुई है । वह समझ रहा था कि उसका हार्टफेल वाकई हेजल की मौत के सदमे से हुआ था ।
बीस लाख डालर के नोटों से भरा अटैचीकेस लास ऐन्जिल्स एयरपोर्ट के क्लाकरूम से बरामद कर लिया गया । क्लाक रूम की रसीद के अनुसार उसे हरबर्ट ने वहां जमा करवाया था और उस पर हरबर्ट की उंगलियों के निशान थे ।
नये ऐंगल से केस की तफ्तीश के दौरान में कई ऐसी बातें भी सामने आई थी जो प्रमोद की सुनाई कहानी से मेल नहीं खाती थी लेकिन अल्मा और हरबर्ट के खिलाफ अपना केस मजबूत रखने के लिये पुलिस ने उन्हें नजरअन्दाज कर दिया ।
जैसे:
अल्मा के कथनानुसार हेजल का गला हरबर्ट ने घोंटा था । हरबर्ट ने इस बात को स्वीकार नहीं किया । क्योंकि वह पहले ही अखबार में पढ़ चुका था कि प्रमोद वह इलजाम अपने ऊपर ले चुका है । लेकिन उसे यह स्वीकार करना ही पड़ा कि किसी ने प्रमोद को हेजल का गला दबाने के लिये कहा था । उसी गलत बात की पुष्टि करने से वह मौत की सजा से बच सकता था ।
प्रमोद ने अपने बयान में कहा था कि रद्दी अखबारों से भरा अटैचीकेस उसे अल्मा ने हेजल की हत्या के बाद बीच पर दिया था और बदले में नोटों से भरा अटैचीकेस ले लिया था ।
लेकिन अल्मा के कथनानुसार अपनी चालाकी से उसने अटैचीकेस घर में ही बदल दिये थे । ऐल्डन कोस्टरमैन घर से ही नोटों के स्थान पर रद्दी अखबारों से भरा अटैचीकेस लेकर रवाना हुआ था । और यह कि अल्मा ने जिन्दगी में कभी प्रमोद की सूरत नहीं देखी थी और न ही कभी उसका नाम सुना था ।
अल्मा और हरबर्ट ने पुकार-पुकार कर कहा कि सारे बखेड़े में युगल शामिल था, और उसी ने अगवा का ड्रामा किया था लेकिन इस बात को सिद्ध करने के लिये वे कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाये । अल्मा, हेजल और युगल के वार्तालाप का टेप रिकार्ड इस बात को सिद्ध करने के लिये इकलौता प्रमाण था लेकिन हरबर्ट ने वह टेप युगल से और प्रमोद से छीनकर लाने के बाद फौरन नष्ट कर दिया था ।
अल्मा को ऐल्डन कोस्टरमैन की हत्या के इल्जाम में और हेजल की हत्या के षड़यन्त्र में शामिल होने के इल्जाम में उम्र कैद की सजा मिली ।
हरबर्ट को अल्मा के हर अपराध में सहयोगी होने के नाते सात साल की सजा हुई ।
जज की कड़ी चेतावनी के बाद युगल ओबेराय को रिहा कर दिया गया ।
ऐल्डन कोस्टरमैन की जायदाद का क्योंकि कोई कानूनी वारिस बाकी नहीं रह गया था इसलिये उसकी सारी जायदाद पर सरकार का अधिकार हो गया ।
समाप्त
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