अध्याय ३३
“हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहाँ हमें प्यार करने के लिए छिपना पड़ता है, जबकि हिंसा, खुले आम दिन के उजाले में होती है।”
– जॉन लेनन
सकीना के कानों में एक चुभने वाली असहनीय तेज आवाज़ गूँज रही थी। अचानक हुए विस्फोट के प्रभाव ने उसके शरीर को एक पल के लिए सुन्न कर दिया खून की एक छोटी सी धारा उसके कानों को चीरती हुई निकली। उसे चक्कर आ रहे थे, उसकी दृष्टि धुंधली पड़ रही थी। वह दर्द के मारे तड़प उठी। वह एक पल के लिए भूल गई कि उसने अपनी बेटी को अपने सीने पर दबा रखा था।
फिर उसने आफ़रीन को टटोला कि उसे कहीं चोट तो नहीं लगी है। छोटी बच्ची ने अपनी माँ के हाथों को डर के मारे ज़ोर से पकड़ लिया। युद्ध में शामिल होने के लिए तैयार, सुल्तान ने हड़बड़ाकर जंग में शामिल होने के लिए अपनी एके – ४७ राइफल पर पकड़ मज़बूत की। खुली सड़क पर होने से पूरे काफ़िले पर आसानी से निशाना साधा गया; और वे आसान शिकार बन भी गए।
सकीना ने जलती हुई कार में सामने की शीशे की खिड़की से बाहर झांका। वह मृत उग्रवादियों की दोज़ख की ओर प्रस्थान करती, जलती हुई रूहों को महसूस कर सकती थी। उसने मृत्यु को स्वयं अपना कर्म करते हुए देखा और वह बुरी तरह से चीख पड़ी।
उसने सोचा कि दुर्घटनाग्रस्त कार में वे हो सकते थे; लेकिन नहीं थे। उसने एक पल के लिए अपनी आँखें बंद कर ली। “शुकरन अल्लाह,” उसे और उसकी बेटी को बख्शने के लिए, उसने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया। वह फुसफुसाई, और अपनी बेटी को दिलासा दिया।
झटके से डेविड, जॉर्ज और एमा सीट के पिछले हिस्से से टकराने के कारण मामूली रूप से घायल हो गए थे। स्टीयरिंग व्हील से टकराने से ओमार के माथे से खून निकल आया, जिसे उसने गमछे से पोंछा। कार के सामने वाले शीशे ने तड़क कर मकड़ी के जाले जैसा रूप ले लिया था।
ओमार दर्द से तड़प उठा। अचानक लगे झटके से माँसपेशियों में ऐंठन के कारण, उसे हिलने-डुलने में भी कठिनाई हो रही थी। वह अपनी बदसूरत नाक से बहते खून की गंध को सूंघ सकता था। भारी साँस लेते हुए, वह अपने बंधकों को देखने के लिए मुड़ा। एमा घृणा और डर से अपनी खिड़की के बाहर घूर रही थी। बाहर सड़क पर, खून से लथपथ, पड़ी एक लाश, जिसकी खोपड़ी कुचल जाने के कारण अब केवल माँस, हड्डिया और खून का मिला-जुला एक ढेर नज़र आ रही थी।
मिसाइल के विस्फोट के बाद एमा की खिड़की से लटका गार्ड सड़क पर गिर गया। टक्कर से बचने के लिए पीछे की कार ने बिना रुके बाजू से निकलने की कोशिश की, इससे नीचे गिरे उस आदमी का सर दो बार भारी इंजन और आगे-पीछे के पहियों के नीचे आ गया और उसकी खोपड़ी चूर-चूर हो गई। साथ ही यह कार दूसरी कार से टकरा भी गई। उसकी रूह को उसकी भयानक मौत से पहले एक आख़री साँस लेने तक का वक़्त नहीं मिला। खुदा ने भेजा था ज़मीं पर अच्छे काम करने के लिए, लेकिन बन गया दहशतगर्द; जिसके लिए सज़ा मुक़र्रर हुई, एक लानत भरी अनाम मौत।
डेविड ने एमा की तरफ़ की खिड़की से बाहर एक नज़र डाली और अपनी खिड़की की ओर देखा तो पाया कि, जॉर्ज की खिड़की पर लटका हुआ गार्ड, एक दुकान के किनारे से बाहर निकले लोहे की रॉड में अटका पड़ा था और उसकी गर्दन में घुसे लोहे की रॉड ने उसकी स्वांस नली में छेद कर दिया, जिसके कारण उसके दिमाग़ तक ऑक्सीजन ना पहुँचकर, बीच में ही अवरुद्ध हो गई और कुछ ही सेकण्ड के अंतराल में उसकी रूह दोज़ख की ओर रवाना हो गई।
“ओह जीसस!” डेविड ने फुसफुसाते हुए आत्रनाद किया।
एमा ने पूरे होशो-हवास से समुद्र किनारे की तरफ़ अपना ध्यान केन्द्रित किया। उसे समुद्र में से एक भारी आकृति बाहर निकलते हुए दिखाई दी और वह क्या है, इसकी थाह लेने की कोशिश की तो पाया कि, वह इज़राइली नौ-सेना का एक सशस्त्र जहाज था, जिसकी छत पर तोपें लगी हुई थी।
“तो मिसाइल वहाँ से दागी गई थी,” उसने सोचा।
वह दुर्जेय जहाज संकेत कर रहा था कि इज़राइली सशस्त्र बल पास ही थे; उसकी रगों में तेजी से डर दौड़ गया।
इस बीच, ऑब्जरवेशन रूम के अंदर तनाव बढ़ता जा रहा था। कभी-कभी, एक मिनट का इंतज़ार भी हज़ार साल जैसा लगता है।
ऐसा लग रहा था, वक़्त थम गया है, लेकिन घड़ी की सुई टाइम बम की तरह टिक-टिक कर रही थी, कभी भी विनाशक-विस्फोट हो सकता था।
जैसे ही डोलोरेस का फोन घनघनाया, वह जोश में आ गई।
“हाय, कहो कि तुम्हें एक अच्छी खबर मिली है।” उसने हँसते हुए, नौकरशाही ढोंग के साथ पूछा।
“ब्रैंडन तुम्हें कनेक्ट करवा रहा है, आल द बेस्ट।” जेन ने खंडित आवाज़ में कहा।
“शुक्रिया, मैं तुम्हारी एहसानमंद हूँ।” डोलोरेस ने दिल की गहराइयों से जवाब दिया। कॉल काट दी गई।
अपने लैपटॉप पर लगे हुए जोनाथन ने ज़ोर से घोषणा की, “मुझे फीड मिल गया, इसे देखते हैं।”
केंद्र में बड़ी काली स्क्रीन पर उड़ते हुए, राडार में पकड़ ना आने वाले ड्रोन से ली गई विडियो पिक्चर दिखाई दी। यूएवी (ड्रोन), काफ़िले को कवर करने की कोशिश करते हुए बीच हाईवे से गुज़रा। तेज़ी से चल रही फ्रेम पर नज़रे टिकाना मुश्किल हो रहा था।
जोनाथन सिर्फ़ एक प्रसारणकर्ता था; वास्तव में ड्रोन का संचालन, लैंग्ले में बैठे एक पायलट द्वारा किया जा रहा था। मैथ्यू अपनी गर्दन को अहिस्ता से सहलाते हुए, स्क्रीन को बिना पलक झपकाए, एकटक देखे जा रहा था। डोलोरेस, आँखों में बैचेनी लिये, कमर पर हाथ रखे खड़ी थी। बहुत बुरा होने वाला है यह सोचकर; वह निराशा में डूबती जा रही थी। मिशन अभी पूरी तरह विफल नहीं हुआ था, बस मुश्किलों में था।
डोलोरेस ने फर्राटे भरते हुए काफ़िले की पहली झलक देखी और स्क्रीन पर एक पाइंट पर इशारा करते हुए कहा, “वहाँ!”
ड्रोन धीमा हो गया और कारों के बराबर ऊँचाई पर उड़ने लगा। तभी, एक मिसाइल फ्रेम के अंदर से उड़ती हुई आई, पहली कार से टकराई और सब कुछ तहस-नहस होकर भयानक त्रासदी में बदल गया। वह स्क्रीन को क्रोध-मिश्रित निराशा से घूरती रही। पूरे कमरे में फुसफुसाहट और सिस्कारियाँ गूँजने लगी।
आशंकित एमा ने, अपना दरवाज़ा खोलने और भागने की कोशिश की लेकिन दरवाज़ा जाम हो गया था। उसने इसे कुछ बार लात मारी, लेकिन वह हिला भी नहीं। जॉर्ज ने अपने दरवाज़े को आराम से धकेला। मुसीबत में फँसने से पहले, बचने के लिए, वह पहले निकल गया। उसने देखा कि लोहे की पट्टी पर लटकी लाश की लाल शर्ट की जेब में सिगरेट का एक पैकेट रखा था। खून से सने सिगरेट के सफ़ेद पैकेट को बाहर निकालते हुए गलती से उसकी नज़रें लाश की आँखों से मिली, उसे लगा की जैसे उसकी ठंडी और बेजान आँखें कह रही हो कि जैसे मैं मारा गया, वैसे ही तुम भी मर सकते थे। जॉर्ज का डर यह सोचकर दूर हो गया कि मरने वाला भी ‘नश्वर’ था और मैं भी ‘नश्वर’ हूँ।
गोलियों की तड़तड़ाहट ने उसे गार्ड से दूर कर दिया। बूढ़ा हड़बड़ा गया।
“जॉर्ज? जॉर्ज?” डेविड ने उसे पुकारा।
“हाँ,” उसने बिना ध्यान दिए जवाब दिया।
“नीचे झुको और चुप रहो। एक ग़लत कदम और हम सब मारे जायेंगे,” डेविड ने मुखर होकर कहा।
एमा कार से रेंगती हुई निकल गई, ओमार अंदर ही रह गया। ज़मीन पर बिखरे टूटे काँच के टुकड़ों से उसकी कोहनी कट गई, लेकिन उसने दर्द को सहन किया। डेविड ने एमा का दर्द महसूस करते हुए ये सब देखा।
बचे हुए मुट्ठी भर दहशतगर्द, हमले का जवाब देने के लिए सड़क पर सुल्तान के साथ शामिल हो गए, उसके गुट की ये आख़री पलटन थी। उन्होंने हवाई फ़ायर करते हुए, अपने दुश्मन का मज़ाक उड़ाया और हर एक ज़ायोनी (कट्टर यहूदी) को मारने का दावा किया और स्थानीय भाषा में सबसे गंदे लफ्ज़ों का इस्तेमाल करते हुए कसमें खाई।
“कोस ओमक!” उग्रवादियों ने एक साथ और चिल्लाते हुए शाप दिया, जो एक अरबी भाषा में, माँ की गाली थी।
एक इज़राइली टैंक दूर से उनकी ओर बढ़ा। अपने लक्ष्य को लॉक करते हुए, इसने तोप से एक गोला छोड़ा लेकिन, एक इंच के फासले से उग्रवादियों के पास से निकल कर निशाना एक ताड़ के पेड़ पर लगा। विस्फोट ने ज़मीन को बुरी तरह हिला दिया, जिससे हमास के आतंकवादी चकरा गए और उन्हें आड़ में छिपने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सकीना ने गोद में अपनी बेटी को लिए, आँखें अभी भी बंद कर रखीं थीं और वह अभी कोई निर्णय लेने में असमर्थ, अपनी सीट से हिलने तक से भी बहुत डर रही थी।
बाहर, सुल्तान को अपने ज़िंदा बंधकों की याद आई। उसने अपने वफ़ादार गुलामों को आदेश दिया, “उन्हें हिफ़ाजत से ले जाओ।”
ओमार हिलने-डुलने से मोहताज हो चुका था। उसकी पीड़ा, उसकी इच्छाशक्ति पर भारी थी। इस बात से अंजान कि उसकी पिछली सीट खाली थी, वह रोते हुए चिल्लाया।
“एन-नज्दा, एन-नज्दा (मदद, मदद।)”
दुर्घटनाग्रस्त एसयूवी के पीछे एमा ने अपने आप को छुपाया हुआ था। उसने एक कर्कश चिल्लाहट सुनी। उसने ऊपर देखने के लिए अपना सिर उठाया। वह खुद को छिपाने में सतर्क होने के नाते, देखने में विफल रही। तभी किसी ने उसे हाथ से थपथपाया। वह जैसे ही यह देखने के लिए मुड़ी कि यह हमास का उग्रवादी तो नहीं, उसने एक बंदूक उठाई और उसका हाथ पकड़कर, उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगा। तभी डेविड ने उसके चेहरे पर भारी मुक्का जमाया और उसके बेहोश होते-होते कहा।
“मेरी पत्नी को हाथ मत लगाना।”
उसने वहाँ पड़ी एक लावारिस राइफल देखी, एक योद्धा के लिए ये एक लुभावना पल था, खुद को बचाने का एक सुनहरा मौका। उसने बन्दूक उठाने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन वह हिचकिचाने लगा। नहीं, नहीं… कोई बंदूक नहीं।
जॉर्ज ने पूछा, “तुमने इसे क्यों नहीं उठाया?”
डेविड ने गर्व के साथ कहा, “अब मैं एक रिटायर्ड मरीन हूँ।”
“सकीना के बारे में सोचो।” वहाँ चल रही चीख-पुकार को नज़र-अंदाज़ करते हुए, एमा ने कहा।
“हाँ, हमें उसे छुड़ाना है।” डेविड ने धीरे से कहा।
जॉर्ज, सकीना और आफ़रीन की खोज में छिपते हुए, इधर-उधर भटकने लगा। डेविड और एमा ने भी उसका अनुसरण किया। कारों के बीच खाली जगह के बीच से झांककर, वे चुपचाप स्थिति का जायज़ा ले रहे थे।
डेविड ने तेज सांसों के साथ कहा, “इज़राइली टैंक इतनी तेजी से भारी गोलाबारी कर रहे हैं, कि पाँच मिनट के भीतर सब ख़त्म हो जायेगा, इसलिये जितनी जल्दी हो सके…. हमें यहाँ से निकलना होगा।”
जॉर्ज ने एक शाबाशी भरे लहजे में जवाब दिया, “हाँ, बेहतर होगा हम जल्दी वापस भागें नहीं तो, हालात इतने नाजुक हैं कि एक बार बिगड़े, तो हमसे सँभालते नहीं बनेगा।”
“लेकिन कहाँ चलें?” एमा ने नाउम्मीदी से पूछा।
डेविड ने उनका मनोबल ऊँचा रखने के प्रयास में कहा, “हमें कोई ना कोई रास्ता ज़रुर मिल जाएगा।”
वे सकीना तक पहुँचे। वह अभी भी अपनी जगह पर बुत बनी बैठी थी।
एमा ने कार की खिड़की पर झुकते हुए, थपथपाकर उसे आवाज़ लगाई, “सकीना, सकीना!” उसने आँखें खोलीं।” चलो यहाँ से निकलते हैं।”
“अल्लाह का शुक्र है, तुम जीवित हो!” सकीना ने राहत की साँस ली, उसके गालों पर आँसू टपकने लगे।
एमा ने बड़ी मुश्किल से कार का दरवाज़ा खोला। सकीना ने आफ़रीन को पहले डेविड को सौंप दिया। वह अपनी माँ से दूर जाने से हिचक रही थी। सकीना ने बाहर निकलते ही एक बार फिर उसे गोद में ले लिया।
एमा ने आफ़रीन का गाल थपथपाया। उसने कोई जवाब नहीं दिया।
टैंक के पास आते ही ज़ोर-ज़ोर से शोर होने लगा और ज़मीन काँपने लगी। चारो ओर से आते टैंकों को देखकर उनका दिल उछलकर छाती से टकराने लगा।
जॉर्ज ने कहा, “हम दुकानों के पीछे से चुपके से निकल सकते हैं। हम संभवतः एक गली के नुक्कड़ तक पहुँच जायेंगे।”
सकीना ने कहा, “तुम सही कह रहे हो।”
वे उस दुकान के सामने की ओर रेंगते हुए बढ़े जहाँ एसयूवी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। ध्यान से चुपके से, उन्होंने खुद को किराने की एक बड़ी दुकान के अंदर पाया। वे पिछले दरवाज़े पर पहुँचे और पता चला कि यह बंद है। डेविड, एमा और जॉर्ज ने ऐसी किसी वस्तु की खोज शुरू की, जिससे इसे खोला जा सके।
एमा को कुछ जलने का आभास हुआ। वह यह देखने के लिए मुड़ी कि एसयूवी में आग लगी हुई थी और उसके टायर आग की लपटों में पिघल गए। उसने कार के अंदर फँसे एक आदमी पर अपनी नजरें टिकाई। वह ओमार था जो खिड़की से टकरा टकरा कर उसे तोड़ने की नाकाम कोशिश कर रहा था। धुआँ बादलों की तरह भीतर भर रहा था; लगता था, वह जल्द ही मौत के मुँह में समा जाएगा।
“डेविड!” वह चिल्लाई और कार की तरफ़ इशारा किया।
डेविड, जॉर्ज, और सकीना ने नजरें घुमाई तो उन्हें, पीड़ा से तड़पता ओमार, ज़िन्दा जलने की कगार पर दिखाई दिया; कार अब किसी भी समय फट सकती थी।
अंजाने में, तीनों जलती हुई एसयूवी की ओर दौड़े। दरवाज़ा जाम हो गया था। जॉर्ज और डेविड ने अपनी ऊँची एड़ी के जूते के साथ खिड़की पर किक मारी; यह टूट गया। ओमार की एहसानमंद आँखें असहाय भाव से उन्हें देख रही थीं। जैसे ही खिड़की का शीशा टूटा, आग की लपटें बाहर की ओर लपकीं, जिससे डेविड और जॉर्ज पीछे हट गए। एमा ने खिड़की से ओमार को खीँचकर एक उल्लेखनीय शक्ति, एड्रेनालाईन रश के साथ बाहर निकाला।
“शुकरन, शुकरन, अल्लाह!” ओमार ने ज़ोर से कहा, और खड़े होने की कोशिश की।
“तुम्हारा आग के साथ कोई पुराना रिश्ता है, क्या?” जॉर्ज ने कहा। ओमार को हँसने के चक्कर में खाँसी आ गई।
ओमार, दर्द के मारे खुद को कोशिश के बावजूद ऊपर नहीं उठा पा रहा था। जॉर्ज ने उसे पकड़ कर स्टोर के अंदर तक आने में सहायता की। तभी एक हिंसक विस्फोट से मैदान बुरी तरह हिल गाया, स्टोर के अंदर सभी अपने स्थान से दूर जाकर गिरे। स्टोर में गाढ़ा सफ़ेद धुआँ भरने से सभी को साँस लेने में तकलीफ़ होने लगी और चारो ओर से खांसने की आवाज़ें आने लगी। साथ ही कुछ चौंका देने वाली छायाकृतियाँ धुएँ से भरे स्टोर में चक्कर लगाते हुए दिखाई दी।
“वहीं रुको।” एक परिचित आवाज़ ने हाँफते हुए कहा। यह सुल्तान था, खून की गंध और प्रदूषित धुएँ के साथ-साथ अपने आदमियों के साथ अंदर आ गया था।
“बुरा ना मानो तो हम भी साथ चलें?” उसने एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी की।
एमा ने मन ही मन कोसते हुए एक अफसोस भरी आह भरी। “लानत है!”
“आसमान से गिरे खजूर में अटके।” जॉर्ज ने अपने प्रयास विफल हो जाने पर कहा।
अध्याय ३४
“जब किसी से अनुराग नहीं होता, तब भी दयालुता हमारी शक्ति होती है।”
– मार्क ट्वेन
डोलोरेस माइकल, अपने जीवन में अनगिनत विस्फोट, हमले, गोलाबारी और बचाव मिशन के दौर से गुज़र चुकी थी। वह उनमें से किसी से कभी भी, विचलित नहीं हुई थी। उसके साहस और संतुलित वैचारिक-शक्ति ने उसे हमेशा एक प्रभावशाली महिला बनाये रखा। डोलोरेस अंदर से हिली हुई थी लेकिन, उसने किसी पर यह राज़ जाहीर नहीं होने दिया। स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आज उसे शरीर के हरेक ऊतक और आत्मिक शक्ति की साझा ज़रूरत थी। पुरानी यादों में उलझी होने के कारण, उसके हाथ बंधे हुए थे, लेकिन अब, जब उसके सामने सभी विकल्प खुले हुए थे, तो वह उनमें से किसी एक को अपनी शर्तों के साथ नियंत्रित करते हुए, अपनी इच्छानुसार काम कर सकती थी।
लाइव, बर्ड-आई-व्यू ड्रोन प्रसारण का गहराई से अवलोकन करते हुए, मैथ्यू ने गुस्से से कहा।
“यह एक जंग नहीं, बल्कि पैशाचिक नरसंहार है।”
कुछ वक़्त तक चली लड़ाई के हर छोटे-बड़े विवरण को प्रसारित करते हुए यह एक भड़काऊ युद्ध-फिल्म की तरह दिखाई पड़ी। डोलोरेस को छोड़कर, हर किसी ने इस पर बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। टेबल पर झुककर बैठे, सभी के चेहरों पर असंतोष और दर्द एक साथ दिखाई दिया।
डोलोरेस ने पहली बार अभिव्यक्ति का संकेत दिया जब एमा, डेविड और जॉर्ज जलती हुई कार के पास पहुँचे और एक व्यक्ति को मौत के जबड़े से बाहर निकाला। जारी हमले के बावजूद दूसरे की जान बचाने का यह एक वीरतापूर्ण कार्य था। जैसे ही एमा ने खिड़की से उस आदमी को बाहर निकाला, डोलोरेस ने एक गुप्त मुस्कराहट दी; उसने एमा को इस मिशन के लिए चुनकर कोई गलती नहीं की थी।
स्क्रीन पर एक छोटी सी परिधि पर धुएँ के गुबार के आ जाने से ड्रोन से संपर्क कट गया। अनभिज्ञता से उसे सदा नफ़रत थी। उसने सुल्तान और उसके कुछ बचे हुए लोगों को किराने की दुकान की ओर पीछे से, धुएँ के बीच में से जाते देखा तो इसने उसकी नफ़रत को और बढ़ाने में, आग में घी डालने जैसा काम किया।
उसकी नब्ज तेजी से चल रही थी, उसकी आँखें फड़क रही थीं, लेकिन उसके होंठ चुप थे। उसने अपना मुँह खोलते ही सिहरन महसूस की। एमा, वहाँ से निकल जाओ! वह अंतर्मन से ऐसे चीखी, जैसे मानो वह एमा के ठीक सामने खड़ी हो।
दूसरे छोर पर, पलक झपकते ही, दुकान का पीछे का दरवाज़ा खुला और जो कोई भी अंदर गया था, वह ज़िन्दा बाहर आते हुए दिखा। डोलोरेस और मैथ्यू ने राहत की साँस ली। कहानी में एक और ट्विस्ट, उसने बंधकों को अपने अपहरणकर्ताओं के साथ युद्ध-भूमि से दूर भागते देखा।
“क्या बकवास है?” उसने हैरानी से कहा। “ओह,” उसने महसूस किया कि वे तीनों अपने अपहरणकर्ताओं के साथ उस जगह से अलग जा रहे थे।
ड्रोन झुका और उनका का पीछा करते हुए, ख़तरनाक गलियों की भूलभुलैया में घुस गया।
वे अभी तक तो जीवित थे, लेकिन कब तक?
‘यक्ष-प्रश्न’ अपनी जगह विद्यमान था?
जब किसी योद्धा के हाथ में कोई हथियार हो, और उसे किसी की जान लेना हो तो, क्या वह बहुत शक्तिशाली और निर्दयी बन जाता है? क्या वह पागलपन की हद तक नासमझ बन जाता है? क्या उसके अंदर का दानव उसकी मानवता पर हावी हो जाता है? अथवा क्या अंत में उसका सामना मनुष्य के वास्तविक स्वरूप से होता है? उत्तर हमेशा अलग-अलग होते हैं। कुछ कहते हैं कि यह उसका कर्तव्य है; कुछ लोग इसको न्यायोचित ठहराते हुए इसका पक्ष लेते हैं। लेकिन शायद ही कभी वे उस कठोर सत्य को बोल पाते हैं: यही वह रोमाँच है, जो उन्हें चलायमान रखता है। दुःख से परे, अफ़सोस से परे, और कई अवसरों पर तो, नैतिकता से भी परे। लेकिन इन सबकी एक ही कीमत होती है —केवल ‘मृत्यु’।
सुल्तान हमाद इस घटना में बाल-बाल बच गया। अपनी हार की झल्लाहट उसके चेहरे पर साफ़ दिखाई दे रही थी। जब उसने सोचा कि किस्मत उसका साथ दे रही है, तभी एक ही पल में किस्मत उसके हाथ से फिसल गयी और वह हमले में घिर गया। अपने बेशकीमती बंधकों के सामने ये कितने शर्मनाक हालात थे। इसके साथ ही, अपने सैनिकों, अपनी कारों को खोने, और अपने जन्म-जात दुश्मन को हराने में नाकामयाब होने के कारण वह और भी हताशा से भरा था।
उसका बड़ा बैठक का कमरा, शोकग्रस्त पुरुषों से भरा था, जो चुपचाप सहते हुए, एक-दूसरे को आँसू बहाते, सहानुभूतिपूर्वक गले लगाते, भाइयों, पिता और हाल ही में मृतकों के पुत्रों को सांत्वना दे रहे थे। हॉल में वास्तविक दुःख की प्रतिध्वनी की जैसे एक लहर उठ रही थी। यह घेराबंदी का एक कड़वा सच था – इसके हमेशा की तरह और अधिक घातक परिणाम होने वाले थे।
सुल्तान एकाएक अंदर, एक कमरे का दरवाज़ा देखने गया, लेकिन वह घुसते समय बीच में अटक गया।
अंदर के सफ़ेद कमरे में अनिच्छुक मेहमानों को घुटन महसूस हो रही थी। कमरे में कोई खिड़की नहीं थीं, बस सफ़ेद चमकीला प्रकाश था और सबसे दूर एक हरा सोफ़ा था, जहाँ एमा, डेविड और जॉर्ज को बैठाया गया था। वे स्तब्ध और तनाव में थे, और उनका वजन भी कम हो गया था। डेविड की माँसपेशियों की ताकत कम हो रही थी। एमा का लचकदार बदन अब सूख रहा था, और जॉर्ज के मोटे गाल, उसकी दाढ़ी के अंदर पिचकने लगे थे। उन सभी के बदन में पानी की काफ़ी कमी हो गई थी और उनके होंठ सूखकर फट गये थे।
ओमार ने खुद को उनका चोकीदार नियुक्त किया, और वह मुँह बनाकर हाथ बांधे उनके पीछे खड़ा था। वह अपनी किस्मत के बारे में सोच रहा था; कि मौत को कितनी बार धोखा दे सकता है?
एक तो इन हालातों में उनकी, सुल्तान द्वारा तय की गई किस्मत से वे सब परेशान थे, दूसरी ओर पुरानी बातों को याद कर वे अंदर से भी परेशान थे। हालाँकि बमबारी के बाद से किसी ने भी उनके साथ क्रूरता पूर्ण व्यवहार नहीं किया था। लेकिन युद्ध, अस्तित्व की अप्रत्याशित संपत्ति थे, जो राक्षसों द्वारा शासित थे, और जब एक देश पर शैतानों का शासन होता है, तो वहाँ नरक का साम्राज्य कायम हो जाता है।
कमरे की वास्तुकला को समझने पर, डेविड को एहसास हुआ, वे यहाँ प्रोपोगेन्डा के लिए वीडियो बनाते हैं।
सुल्तान उनके सामने खड़ा था, लेकिन उसने उनसे दूरी बनाए रखी। उसकी आँखों का सुरमा फैला हुआ था और उसके कपड़ों पर खून के सूखे धब्बे लगे हुए थे, उसने पूछा।
“तुमने मेरे आदमी को क्यों बचाया?”
“क्योंकि वह एक इंसान है,” एमा ने अपना चेहरा थोड़ा ऊपर उठाकर एक निर्णायक दृष्टि से उसकी आँखों में देखा और पूछा।
“सकीना कहाँ है?”
सुल्तान ने एक कुटिल मुस्कान के साथ उत्तर दिया, “इस युद्ध में तुम लोग किसकी तरफ़दारी कर रहे हो?”
इससे पहले कि एमा या डेविड कोई जवाब दे पाते, जॉर्ज गुस्से से नज़र चुराते हुए बोला, “किसी की नहीं!”
सुल्तान ने अपने आप को ठगा हुआ महसूस किया और बोला, “तुम बहुत ही कूटनीतिक हो। बहुत कुछ संयुक्त राष्ट्रसंघ की तरह।”
एक बूढ़ा आदमी, हल्की प्लास्टिक की कुर्सी लेकर कमरे में आया और उसे उसने कमरे के बीच में रख दिया। सुल्तान ने खुद को इस पर फैला लिया। बूढ़े आदमी ने सुल्तान के कान में फुसफुसाकर उसे एक लिफाफा सौंपा।
“शुकरन,” सुल्तान बोला। बूढ़ा आदमी चला गया।
उसने अपना गला साफ़ किया और एक लंबी गहरी साँस लेते हुए आँख दिखा कर पूछा।
“तुम सब यहाँ कब से हो?”
डेविड ने जवाब दिया, “स्कूल में धमाके हुए उसकी दोपहर के बाद से।
“मुझे सच-सच बताओ… तुम यहाँ क्यों हो?” सुल्तान ने एक संदिग्ध नज़र से उन्हें घूरते हुए फिर पूछा।
डेविड ने पाँच सेकंड के बाद जवाब दिया, “क्या इससे कोई फर्क पड़ेगा कि मैं क्या कहता हूँ?” वह साहस के साथ बोला और फिर से रुका। “बच्चे……ये कभी नहीं चाहते कि वे युद्ध-घेराबंदी के बीच पलें-बढ़ें। उन्हें स्कूलों में ये सीखने के लिए नहीं भेजा जाता कि, किसी की जान कैसे ली जाये बल्कि ये सीखने और समझने भेजा जाता है कि ज़िंदगी की संभावनाएँ क्या हैं और इसको कैसे जिया जाये।“
“फिर भी हम आज यहाँ खड़े हैं, अपनी-अपनी कट्टरपंथी सोच के विश्वास पर अडिग। तुम संतुलन के सिद्धांतों में विश्वास करते हो, और मैं कर्म में। पर इस ज़मी पर एक ही सच्चाई है, मारना या मरना।” सुल्तान ने दृढ़ विश्वास के साथ अपने मन की बात कही।
सुल्तान ने ओमार को उसके पास आने का इशारा किया और उसे वही पीला लिफ़ाफ़ा सौंपा, जो उसे अभी वह आदमी दे कर गया था। ओमार ने लिफ़ाफ़े को तहज़ीब से लेकर, जॉर्ज को सौंप दिया।
डेविड और एमा जिज्ञासावश जॉर्ज की ओर झुक गए, क्योंकि उसने लिफ़ाफ़े से तीन तस्वीरें बाहर निकालीं।
“क्या तुम इन जगहों को पहचानते हो?” सुल्तान ने उनको परखने के लिए पूछा।
जॉर्ज ने देखने के बाद तस्वीरों को एमा को सौंप दिया। वह और डेविड एक क्षण में उन स्थानों को पहचान गए। बड़े ध्वस्त ढांचे संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्कूलों के थे, जो उन स्कूलों के समान एक जैसे ही दिखते थे, जहाँ उनका मिशन, बद से बदतर स्थिति में बदल दिया गया था।
पहली तस्वीर से एक कहानी बयां हो रही थी, कि बम ने सीधे उसके अग्रभाग पर गिरकर, इमारत को जमींदोज कर दिया। दूसरी छवि ऐसी लग रही थी जैसे कि पड़ौस की इमारत के कंपाउंड पर हमला हुआ और उसकी परिधि में आने से इसे नुक्सान तो हुआ, लेकिन गिरी नहीं। आख़री तस्वीर सुलगते मलबे के ढेर के अलावा और कुछ नहीं थी, जैसे उस निर्माण पर आग और भूकंप का एक साथ हमला हुआ हो। इन तस्वीरों को देखकर, पहला विचार जो एमा के दिमाग़ में आया, वह असंख्य हताहतों के बारे में था।
“तुम्हारे कुछ सहकर्मी इस गोलाबारी में मारे गए, कुछ हमारे नागरिक भी।” सुल्तान बोला।
“यह सरासर तुम्हारी गलती है,” एमा ने ऊँची आवाज़ में आरोप लगाया।
“हमने देखा कि हमास के लोग उन शिविरों में हथियारों को छुपा रहे थे। तुम्हीं इसके लिए पूरी तरह से ज़िम्मेवार हो। तुम्हारे हाथ उनके खून से रंगे हैं।” वह गुस्से में थी।
सुल्तान ने रक्षात्मक और सच्चाई से, लेकिन छिपे हुए एजेंडे के साथ जवाब दिया, “इन जगहों पर कोई भी हथियार नहीं रखे गए, ना पाए गए थे।”
डेविड, उनके बीच चल रही बातचीत को नज़रअंदाज़ कर, अभी भी तस्वीरों को बड़े गौर से देख रहा था।
अपनी स्थिति का आँकलन कर, एमा ने संभल कर बोलना शुरू किया। उसने सुल्तान की भावनाओं को भड़काना उचित नहीं समझा। और वह समझ गई कि गैर-आतंकवादी शरण-स्थलों पर बमबारी कर, इज़राइली रक्षा बलों ने भी सरासर गलती की थी।
एमा ने सुल्तान से कहा, “अगर दो लोग एक जैसी गलती करते हों तो, उनमें से एक को सही होने का इख्तियार हासिल नहीं हो जाता।”
डेविड अपने मनोभाओं पर काबू करते हुए वहाँ से अलग हट गया, क्योंकि उसे लग रहा था कि अवचेतन मस्तिष्क से वह उन दोनों के कड़वे वार्तालाप में शामिल था।
सुल्तान इस अपमान को अपने अधिक भले के लिए एक पल को जज़्ब कर गया, लेकिन फिर उसने साफ़ लफ्ज़ों में, सीधे अपनी बात पर आते हुए कहा,
“मेरे पास तुम्हारे लिए एक सौदा है, जिससे हम सभी को फ़ायदा हो सकता है।”
“क्या?” तीनों ने एक-साथ पूछा।
“फिरौती और चुप रहने की शर्त पर, मैं तुम सभी को संयुक्त राष्ट्रसंघ को सुरक्षित रूप से सौंप सकता हूँ।”
“और अगर हम इंकार कर दें तो?” जॉर्ज ने ऊंची आवाज़ में पूछा।
“तब मेरे पास तुमको ज़िंदा रखने का कोई कारण नहीं बचता,” सुल्तान ने उद्दंडता के साथ धमकी दी।
अध्याय ३५
“व्हिस्की पीजिये, और सिगरेट सुलगाइए, ज़िन्दगी सदा से एक खूबसूरत जंग रही है, और आज भी है।”
– चार्ल्स बुकोवस्की
“क्या तुमने देखा?”
डोलोरेस ने उत्तेजित होकर जेन से वीडियो कॉल पर पूछा। संसाधनों के लिए सौदेबाजी आसान बनाने की रणनीति अपनाते हुए, वह आमने-सामने की बातचीत करना चाहती थी।
“हाँ, सबकुछ।” अपने कार्यालय के केबिन से, जेन ने चिंता के साथ जवाब दिया।
“डोलोरेस, ये तुमने हमको किस मुसीबत में फँसा दिया है? संयुक्त राष्ट्रसंघ इन तीनों के लिए बहुत नाराज़ है।” उसने शिकायत की।
“वे अब हमास के क़ब्ज़े में है! न जाने वे कितनी देर में सच्चाई उगल देंगे, या फिर उससे भी कुछ और बुरा?” उसने निन्दापूर्वक कहा।
“मैं तुम्हें विश्वास दिलाती हूँ कि, वे असली मिशन के बारे में कुछ भी बताने से पहले अपनी जान दे देंगे। हमारे पास समय की बहुत कमी है।” जेन को झूठ-मूठ समझाने की कोशिश करते हुए, डोलोरेस ने याद दिलाया कि हालात उसके नियंत्रण में थे।
इज़राइल द्वारा लगातार की जा रही बमबारी के बीच, वे एक खतरनाक स्थिति में फँसे हुए हैं। क्या उन्हें वहाँ से निकालना संभव है? और इसकी कितनी संभावनाएँ हैं? और इससे पहले, उन हैवानों ने भी उन्हें अकल्पनीय तरीके से टॉर्चर किया होगा? तुम इससे बाहर आने की किसी संभावित योजना पर काम कर रही हो ना?” जेन ने अविश्वासपूर्ण लहजे में पूछा।
“अगर हमास उन्हें मारना चाहता, तो पहले ही वे कर चुके होते। सुल्तान हमाद ने ज़रुर कोई गुप्त योजना बना रखी है, हमें पता नहीं है कि यह क्या है। नहीं तो कोई क्यों? मेरा मतलब है, क्यों कुछ अजनबियों के लिए अपने सैनिकों के जीवन को दाव पर लगाता। हम सिर्फ़ तार्किक रूप से अनुमान लगा सकते हैं,” वह स्क्रीन के करीब झुक गई। “हम जानते हैं कि वे कहाँ हैं, हम उन पर कड़ी नज़र रखे हुए हैं। हम कोई ऐसा तरीका खोज रहे हैं कि, ये समस्या हाथों-हाथ हल हो जाये।”
“मैं आज रात घर नहीं जा रही हूँ। तुम कोई सरल रास्ता निकालो। तुमने पहले ही इस मिशन के लिए बहुत कुछ सहा है। उन तीनों का साहस काबिल-ए-तारीफ़ है। लेकिन याद रखो, अगर हमास को सच्चाई का पता लगता है, तो यह एक और युद्ध का कारण बन सकता है। इस मामले को और अधिक गंभीरता से लो। संयुक्त राष्ट्रसंघ, सारा दोष हम पर ही मढ़ देगा।”
“शुक्रिया, मैं तुम्हारी एहसानमंद हूँ।” डोलोरेस ने कमज़ोर लहजे में कहा।
कॉल समाप्त हुआ।
डोलोरेस ने मुँह बनाते हुए लैपटॉप स्क्रीन से नज़र हटाकर, दूसरी ओर देखा।
“किसी के पास सिगरेट है?” धूम्रपान की तलब के साथ उसने पूछा।
सुल्तान की शर्तों पर सहमत होने के बाद उन तीनों ने तब तक कुछ भी खाने से इंकार कर दिया, जब तक कि आफ़रीन और सकीना उनके सामने नहीं लाये जाते। सुल्तान बहुत नाराज़ था। लेकिन उसके बंधक, उसके लिए केवल जीवित होने की स्थिति में ही उपयोगी थे। उसने कई बार मना किया, लेकिन जब उसे यह अहसास हुआ कि ये तीनों बंधक, भयभीत होने की जगह ज़्यादा ही अड़ियल थे, तो वह कुछ नरम पड़ गया।
सकीना ने अपनी बेटी के साथ विशाल कमरे में प्रवेश किया। उसके कपड़े पहले से अलग थे। उसने एक हिज़ाब और एक सलवार पहन रखी थी। एमा खुशी और राहत में उछल पड़ी और सकीना की ओर भागकर उसे गले लगा लिया।
“तुम ठीक तो हो न? उन्होंने तुम्हें कोई चोट तो नहीं पहुँचाई?” एमा ने चिंता से पूछते हुए सकीना और आफ़रीन के शरीर पर किसी प्रकार की चोट तो नहीं है, इसकी जाँच की।
“नहीं, हम ठीक हैं।” सकीना ने धीमी आवाज़ में अपनी बेटी को पकड़े हुए आश्वस्त किया।
“हम सब तुम्हारे बारे में बहुत चिंतित थे।”
“अब, खाओ!” सुल्तान ने बुलंद स्वर के साथ अपने अधिकार का दावा किया।
“ठीक है,” एमा खाने के लिए बैठी, उसका चेहरा गंभीर था। सकीना ने उसका अनुसरण किया। ओमार सकीना के लिए एक और प्लास्टिक की कुर्सी ले आया।
वे भूखे मर रहे थे। उनके लिए फर्श पर ठंडी हो चुकी, चिकन बिरयानी की तीन प्लेटें रखी गई थीं। दोनों के आने के बाद, उन्होंने इतने चाव से खाना खाया जैसे बच्चे चॉकलेट खाते हैं।
सुल्तान उनकी खाने की पश्चिमी शैली को घृणा से देख रहा था।
उनके भोजन में बाधा डालने की मंशा से सुल्तान ने कमीनेपन से कहा, “तुम दो चीजों के कारण जीवित हो, एक तो तुम यूएन से हो, और दूसरे, तुमने ओमार की जान बचाई।”
कमरे के बाहर से गूँजते शोर से सुल्तान भड़क उठा और भीड़ को चुप कराने के लिए दनदनाता हुआ बाहर की ओर लपका।
सुल्तान के कमरे से बाहर निकलते ही, सकीना ने फुसफुसा कर कहा, “उसकी किसी बात पर भरोसा मत करना।”
एमा ने सहमति में सिर हिलाया, डेविड और जॉर्ज ने भी चुपचाप उसकी बात मान ली।
फाईव स्टार होटल की बार लॉबी होटल के अंदर, एकमात्र ऐसा स्थान था, जिसमें मध्य-पूर्वी शिल्प कौशल का अभाव था। वहाँ ना तो कोई मिस्र की नक्काशियां थी, ना रेशम की चादरें टेबल पर बिछी थी, और ना कोई अरब संगीत और ना ही खिड़कियाँ थीं।
डोलोरेस और मैथ्यू बार काउंटर पर आकर बैठे औए दोनों ने सिगरेट सुलगाई, फिर व्हिस्की का ‘ऑन दि रॉक्स’ ऑर्डर दिया।
अपने फोन को नीचे रख, डोलोरेस ने, मैथ्यू के साथ चीयर्स के लिए गिलास उठाकर टकराया और एक ही घूँट में अपना पहला पैग ख़त्म किया, फिर दूसरे के लिए ऑर्डर दिया।
थोड़ी सी व्हिस्की ने उनकी योग्यताओं को कभी भी कम नहीं होने दिया।
“क्या हम अपने आप को बहला रहे हैं, मैथ्यू?” सिगरेट का एक लंबा कश खींचते हुए डोलोरेस ने पूछा।
“हम चाहे जो भी सोचे, लड़ाई तो हमें लड़नी ही है।”
“हमेशा की यही कहानी है, तुम क्या कहोगे?”
“हमेशा,” मैथ्यू ने उत्तर दिया।
उसे अपनी पत्नी की फिर से याद आयी, लेकिन उससे संपर्क करने का प्रयास नहीं किया। उसने मेडो की मुस्कुराती हुई तस्वीर, जिसे वालपेपर के रूप में सेट कर रखा था, देखा।
“हम, हमारे काम में इतने मशगूल हो गए, कि अपने जीवन के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति ध्यान ही नहीं दे पाते हैं।”
“जैसे क्या?” मैथ्यू ने वास्तविक रुचि के साथ पूछा।
“रिश्ते, परिवार और मुझे लगता है, और भी कई बातें। एक सामान्य व्यक्ति की तरह रहना इतना मुश्किल हो जाता है।” उसने एक और घूंट लिया। “हमारी दुनिया के बारे में सभी कड़वे सच को जानने के बाद, बाकी सभी चीजें तुच्छ लगती हैं, तुम जानते हो। मैं अपने निजी जीवन में हमेशा में हारा हुआ महसूस करती हूँ।” उसकी आवाज़ रोने जैसी हो गई थी।
मैथ्यू ने भी अपना ड्रिंक ख़त्म किया और दूसरा मंगाया।
“अगर अपने उद्देश्यों के मुताबिक अपनी आदतों को बना नहीं पाते तो, वह उद्देश्य ख़त्म हो जाता है। और हम एक महत्वपूर्ण उद्देश्य के लिए कार्य कर रहे हैं। स्वतंत्रता इस पर निर्भर करती है; शांति इस पर निर्भर करती है। हम दूसरों से हमारी दुर्दशा को समझने की उम्मीद नहीं कर सकते, क्या हम कर सकते हैं?” वह थोड़ा रुका। डोलोरेस ने उसे उत्सुकता से सुना। “हम इसलिए दुःख झेल रहे हैं, ताकि उनको ना झेलना पड़े। मेरे ख़याल से तो, सब बातों का, सार यही है, क्या ये सच नहीं है?
“उसके लिए, आमीन” उसने अपना गिलास उठाया, मैथ्यू ने भी वैसा ही किया।
वे रोज यहाँ नकद भुगतान करते थे और उस कमरे में वापस चले जाते थे जहाँ भाग्य उनका इंतज़ार कर रहा होता था।
उस सफ़ेद दीवार वाले कमरे में, जहाँ उन तीनों को रखा गया था, एक पुराना सोनी का कैमरा, तिपाई पर रखा हुआ था।
वहाँ अफ़रा-तफ़री का माहौल बना हुआ था। कमरे में और बाहर घूमने वाले लोग, अपने अवांछित मेहमानों को नफ़रत भरी निगाहों से देख रहे थे। कुछ हुआ था; लेकिन तीनों समझ नहीं पा रहे थे, कि क्या हुआ? सकीना एक दर्शक की तरह बैठ गई। महत्वहीन, भयभीत और आशंकित। उसके लिए सबकुछ, उसकी बेटी थी, और बहादूर महिला होने के नाते उसके द्वारा किए गए कार्यों के परिणाम बहुत गम्भीर हुए, जो सबके सामने थे। एमा, डेविड और जॉर्ज को जीवित रखना उसके लिए सर्वोपरि था, लेकिन एक असहाय व्यक्ति केवल प्रार्थना कर सकता है, और उसने वही किया।
भारी कदमों से चलता हुआ सुल्तान, किसी फैसले के मूड में अंदर आया। चमड़े की म्यान में उसकी कमर से एक तलवार लटक रही थी। एक एके – ४७ रायफल को उसने कसकर पकड़ रखा था। एक पगड़ी को उसके सिर पर ताज़ की तरह तरह सजाया गया था।
दो कम उम्र लड़के अपने सर पर कपड़ा बाँध के सुल्तान के पीछे आये। उनके चेहरे से जैसे मासूमियत को मरे हुए अरसा हो गया था। उनके कंधों पर ऑटोमेटिक क्लास्निकोव बंदूकें टंगी हुई थीं और उनकी काली टी-शर्ट पर तिरछी करके गोलियों को, माला जैसे लटका रखा था।
उनमें से एक सिगरेट पी रहा था, दूसरे ने हमास का झंडा थाम रखा था। केंद्र में छपे “शाहदा” के साथ एक आयताकार हरे रंग का कपड़ा, इस संगठन की पहचान थी, जिसे कई राष्ट्रों द्वारा आतंकवादी समूह घोषित किया गया था।
एमा, डेविड और जॉर्ज समझ गए थे, कि क्या होने जा रहा है: सुल्तान एक प्रोपेगेंडा वीडियो बनाने जा रहा था। वह सफ़ेद दीवार से लगकर, सामने कैमरे की ओर देख रहा था; उन्हीं दो लड़कों ने उसके थोड़ा पीछे, आस-पास पोजीशन ले ली। एक अन्य युवक ने कैमरे के पीछे आकर उसका रिकॉर्डिंग बटन दबाया।
सुल्तान ने जैसे ही अपने भड़काऊ भाषण की शुरुआत की, उसके माथे पर बल पड़ गए। वह कहने लगा।
“इज़राइल ने हमारे साथ पिंजरे में कैद जानवरों जैसा व्यवहार किया। हमारे लोगों को देश के अंदर और बाहर जाने की भी अनुमति नहीं है। अब यहूदी, गाज़ा में क़त्लेआम कर रहे हैं। हमारी आवाज़ को दबा रहे हैं, लेकिन जहाँ भी जुल्म होगा, वहाँ इंक़लाब होगा… “
सुल्तान ने अपना धमाकेदार ढोंग जारी रखा, क्योंकि सभी दर्शक, उसके शक्तिशाली प्रदर्शन के गवाह जो बने हुए थे।
कंप्यूटर पर घंटों से मेहनत करती हुई टीम कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही थी। स्थिति पर शूक्ष्म निगरानी उनका मुख्य उद्देश्य था और वे छोटी से छोटी घटना को भी नज़रअंदाज़ करना, अफोर्ड नहीं कर सकते थे।
जोनाथन की स्क्रीन पर एक मेल आया। उसका चेहरा खिल उठा।
“लैंग्ले से उपहार!” उसने ज़ोर से उद्घोषणा की।
डोलोरेस एक जिज्ञासु अभिव्यक्ति के साथ उसकी ओर बढ़ी।
“क्या?”
“हमें पैरामीटर के अंदर कुछ लैंडलाइन फोन नंबर मिले हैं।”
पूरे कमरे में उल्लास छा गया। आशा की एक किरण तो नज़र आयी।
जोनाथन ने कहा, “हालाँकि थोड़ी गड़बड़ है… हमें नहीं पता कि कौन सा नंबर किसका है।”
मैथ्यू ने एक प्रेरक मुस्कराहट के साथ जवाब दिया, “यह एक समस्या नहीं है, हम इसे समझ लेंगे।”
“हमें कितने नंबर मिले हैं?”
“लगभग दस,” जोनाथन ने खुलासा किया।
लेकिन उनका आनंद केवल कुछ पल के लिए था। इससे पहले कि वे डायल कर पाते, उन तीनों से संपर्क बनाने की उनकी उम्मीद टूट गई।
ड्रोन फ़ीड में, खतरनाक ढंग से टैंक के साथ पास आती सैनिकों की टुकड़ियाँ दिखाई पड़ीं। उनकी नसों में जैसे खून के साथ, डर भी तेजी से बहने लगा। उन्हें इज़राइली सैनिकों के आसन्न छापामार-युद्ध का पूर्वाभास हो गया था और यह भी आभास हो गया था कि इस बार का हमला, कुछ ज़्यादा ही विनाशकारी होगा।
ड्रोन फ़ीड पर डोलोरेस चकित थी। इज़राइली सेना तेजी से धरती को रौंधती हुई, क़रीब… और क़रीब आती जा रही थी।
अध्याय ३६
“जब अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाता है तो, तो लोगों के बीच संघर्ष भड़क उठते हैं और दुर्भाग्यवश इसकी परिणति राष्ट्रों के बीच भयानक युद्धों के रूप में होती है।”
– हिदेकी तोजो
किसी की जान लेने के लिए थोड़े से जोर और बहुत सारी हिम्मत की ज़रूरत होती है। चाकू का एक सहज वार और हम केक की तरह दो टुकड़ों में बंट जाते हैं। जब एक गोली उड़कर सीधे दिल में घुसती है, तब हम पत्थर की तरह बेजान हो जाते हैं। बस थोड़ी आग, और हम राख के ढेर में परिवर्तित होकर, परम-तत्व में विलीन हो जाते हैं।
आस-पड़ौस के इलाकों में दोज़ख जैसा माहौल था। ड्रोन द्वारा उस इलाके पर नज़र रखने वालों ने पुष्टि की, कि इज़राइली डिफेन्स फ़ोर्स हमला करने वाली है। दहशत के मारे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे अपने घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए थे।
आसन्न हमले की ख़बर सुनकर, सुल्तान की वीडियो रिकॉर्डिंग जल्दी ख़त्म कर दी गई थी।
उसका चेहरा सदमे और गुस्से से भर गया। उसने एक बागी की तरह कठोर लहजे में कहा, “सकीना, आफ़रीन को लेकर, घर वापस जाओ।” पहले अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, उसने अंजाने में यह सच उगल दिया कि यह स्थान उसका घर नहीं है।
“अगर यहूदी हमें मारना चाहते, तो उन्होने बम गिरा दिये होते। वे न केवल मारने के लिए आयें हैं, बल्कि हमे बंदी बनाने के लिए भी आये हैं। लेकिन मेरा कोई भी आदमी पकड़ा नहीं जाना चाहिए, कोई शक?” उसने ओमार को हिदायत दी।
ओमार ने जल्दबाजी में कहा, “सुल्तान, आपको भी जाना चाहिए। हम उनसे निपट लेंगे। यह ज़रूरी है कि आप महफ़ूज रहें।”
सुल्तान जानता था कि ओमार सही था। गाज़ापट्टी में आतंक का शिल्पकार होने के नाते उसका जीवन दूसरों की तुलना में अधिक कीमती था। उसने तीनों को घूरा क्योंकि उसके लिए ये घाटे का सौदा साबित हो रहे थे।
ओमार ने कहा, “ये तीनों मेरी देखरेख में रहेंगे। मैं आपको निराश नहीं करूँगा।” तीनों के अहसान का एहसास करते हुए उसने कहा।
कमरा अब गुर्गों से भर गया था और वे हमले के लिए उसके हुक्म का इंतज़ार कर रहे थे। डेविड ने एमा का हाथ पकड़ रखा था। अब तक, वे अपनी अच्छी किस्मत के सहारे, इस युद्ध में बचे हुए थे। लेकिन अब, वे नरक के बीचों-बीच फँसे हुए थे। कैद, निहत्थे और असहाय। उनके पास निष्क्रियता के साथ वर्तमान परिस्थितियों को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
सकीना ने एमा की बगल में झाँका। वहाँ बहुत सारे सशस्त्र और हिंसक पुरुषों से कमरा खचाखच भरा था।
सुल्तान ने शरीर में उत्तेजना महसूस की। उसने अपनी लटकी हुई तलवार के हत्थे को पकड़ कर उसे म्यान से बाहर निकाल कर हवा में लहराते हुए आक्रामक रूप से चिल्लाया, “अल्लाहु अकबर!”
उनके विक्षिप्त गुर्गों ने भी उसका अनुसरण करते हुए युद्ध के लिए एक साथ हूँकार भरी।
नफ़रत के, कभी ख़त्म ना होने वाले युद्ध की कड़ी में एक और लड़ाई शुरू हुई।
मटमैंले पीले रंग के इज़राइली टैंक से दागे गए तोप के गोले ने ज़मीन को हिलाकर रख दिया और पड़ौस की सीमा पर अवरोध के लिए खड़ी की गई दीवार को तोड़ दिया। पैदल सैनिकों की टुकड़ी ने टूटी हुई दीवार को निर्दयतापूर्वक रौंधते हुए पार किया। अपने हथियारों को आगे की ओर करते हुए, वे छोटे-छोटे कदम रखते, भारी प्रतिरोध की आशंका में, सड़क पर आगे बढ़े। टैंक पीछे ही रुक गया।
डोलोरेस उत्सुकता से तीनों के स्क्रीन पर देखे जाने का इंतज़ार इस उम्मीद से कर रही थी, कि वे आसन्न हमले से कोई ना कोई जुगत लगाकर बच जायेंगे।
वह सेना को सुल्तान के इलाके की ओर चालाकी से बढ़ते हुए देख सकती थी। उसके बाद स्क्रीन पर कुछ भी दिखाई देना बंद हो गया। एक संदेश उभरा।
“नो फ़ीड।”
“क्या बकवास है?” वह पूरी तरह से हताशा में तिलमिला गयी।
वह डेस्क पर आ गई और उतावली होकर जेन को वीडियो कॉल लगाया।
किसी ने कॉल का जवाब दिया, लेकिन यह जेन नहीं थी।
उसके आश्चर्य के लिए, डोलोरेस ने पूछा, “बेथ? तुम वहाँ क्या कर रही हो? जेन कहाँ है?” उसकी स्वघोषित गुप्त दासता ने जानबूझकर उस पर अधिकार कर लिया था।
“हेल्लो, डोलोरेस। जेन यहाँ नहीं है। वह मुझे अपना काम सुपुर्द करके गई है।” बेथ ने आनन्दित होते हुए कहा। मेकअप और गुलाबी लिपस्टिक में ढका उसका चेहरा, उसके आत्म-मुग्ध स्वभाव को दर्शा रहा था।
डोलोरेस ने चिढ़चिढ़ाते हुए तेजी से कहा, “कैसे भी हो, जेन से मेरा संपर्क कराओ।”
“मुझे डर है कि यह मुमकिन नहीं होगा। जेन ने सख्ती से उसे परेशान न करने का आदेश दिया है। जो पूछना है, तुम मुझसे पूछ सकती हो,” उसने डोलोरेस को खूब व्याकुल करते हुए, उसकी परेशानी पर आनंदित होते हुए कहा।
“मेरी स्क्रीन पर विडियो क्यों नहीं दिखाई दे रहे?” डोलोरेस ने अपने जबड़े कसते हुए पूछा।
“ओह, तकनीकी गड़बड़ी के कारण ऐसा हो रहा है। हम इसे तत्काल ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।”
डोलोरेस ने अपनी आँखें घुमाई, “कई जीवन दाव पर लगे है, बेथ। मेरा पूरा मिशन इसी पर निर्भर करता है। तुम्हे ईश्वर का वास्ता, मेरे धैर्य की परीक्षा मत लो।” बेथ ने उसे आगे बोलने से रोका।
“मैं तुम्हारी सहकर्मी हूँ, डोलोरेस।” उसने डोलोरेस को दिखाने के लिए अपने कैमरे को झुकाकर यह दिखाया कि तकनीशियन उस काम पर लगे हुए थे।
बेथ ने वीडियो कॉल को समाप्त करते हुए कहा, “जैसे ही खराबी ठीक होती है, हम तुम्हें बता देंगे।” मुझे उसके साथ खेलना पसंद है, बेथ ने खुद से कहा।
मैथ्यू डोलोरेस के पास खड़ा था, पर कैमरे की फ्रेम से बाहर।
“ये औरत मुझे बिलकुल भी ठीक नहीं लगती।”
चारो ओर विस्फोट, गोलीबारी के शोर की गूंज और बर्बादी की चीखों का साम्राज्य था।आईडीएफ ने अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हुए पहले हमला करके अपनी उपस्थिति का आभास कराया।
‘हमास’ के उग्रवादियों को जैसे ही पता चला कि आईडीएफ उनकी तरफ़ बढ़ता चला आ रहा है, महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों को उनके घरों से बाहर निकाला गया।
संकरी गली में लाइन से बने बंगलों और इमारतों के समानांतर क्यारियां बनी हुई थीं, जो समय और रखरखाव के बिना सूखकर बर्बाद हो गई थी। डामर की सड़क के भी ऐसे ही हाल थे, बिना देखभाल के गड्डों से सराबोर।
अपनी बेबसी पर खून का घूँट पीते हुए, सुल्तान मुट्ठी भर अंगरक्षकों के साथ वहाँ से भाग चुका था। हमास के गुर्गे सड़कों, बालकनियों और छतों पर छिपे हुए थे और आईडीएफ के आने का इंतज़ार कर रहे थे। सुल्तान के हुक्म के मुताबिक़, उन्हें सख्त हिदायत दी गई थी, कि वे जंग के दौरान आईडीएफ को सुल्तान के घर से दूर ही रखें।
वे तीनों ओमार, सकीना और आफ़रीन के साथ चुपके से केवल कुछ घर दूर स्थित, एक और घर के गेट के पास पहुँचे। सुरक्षित स्थान पाने के लिए रास्ता छोटा, लेकिन कठिन और लंबा था। ओमार द्वारा इस परेशानी के वक़्त, थोड़े समय में बताया गया था कि वे एक गुप्त भूमिगत सुरंग को पार करके भागने वाले थे, जिसका अंतिम सिरा कहीं दूरस्थ और सुरक्षित जगह पर था। हमास के सबसे महत्वपूर्ण लड़ाकों में से एक होने के नाते, सुल्तान ने अपने विशेषाधिकारों को भुनाया और अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर रखी थी।
इज़राइली सैन्य बलों ने आकर, इलाके को चारों ओर से घेर लिया था।
सकीना, आफ़रीन, ओमार और वे तीनों अपने आप को छुपाने के लिए झुककर, घर की टूटी हुई बाड़ का ढाल के रूप में उपयोग करते हुए, आगे बढ़ रहे थे। इस स्थिति में वे, सबसे आसान शिकार थे।
“शांत, संयमित और एकाग्रचित्त रहो,” डेविड ने फुसफुसाते हुए पीछे एमा को देखकर कहा, एमा ने सहमति में सर हिलाया।
अनियंत्रित और अपनी स्थिति से चिपके हुए, इस संकीर्ण युद्ध के मैदान से बाहर निकलने का रास्ता तलाशने की सख्त इच्छा रखने पर भी, वे सभी किसी भी भावना को व्यक्त करने की स्थिति में नहीं थे।
“अल्लाहू अक़बर!” गलियों में शोर गूंज उठा।
हमास के तोपखानों ने गोलाबारी शुरू की। गोलियाँ ऐसे चल रही थीं जैसे फटाके छोड़े जा रहे हों। युद्ध के लिए तैयार और सुसज्जित आईडीएफ सैनिक अपने घरों का बचाव करने वाले पुरुषों के ऊपर भारी पड़ रहे थे। हमास को हर सूरत में हराने के लिए इज़राइल के तरीके और हथियार कहीं अधिक उन्नत और बेहतर थे।
आफ़रीन ने टूटी हुई दीवार के उस पार डरते हुए देखा। सड़क के उस पार की पुरानी इमारत की बालकनी में गोला-बारूद रखे हुए थे, इज़राइली सैना को उसी जगह से हर प्रकार के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा था। सैनिकों का एक दल अंदर जाने के लिए मुड़ा। हमास के एक सैनिक ने आत्मघाती हमले के लिए उस टीम की ओर रुख किया, अपने दांतों से एक ग्रेनेड की पिन को बाहर खींचा। तभी, आईडीएफ टीम से कुछ फीट की दूरी पर उसे गोली लगी और फिर ग्रेनेड फट गया, जिससे उसके शरीर के चीथड़े उड़ गये।
आफ़रीन ने डरकर अपनी आँखें बंद कर ली। यह एक छोटी बच्ची के लिए घोर मानसिक आघात था। उसके असामान्य और दुर्भाग्यपूर्ण जीवन का एक और दुर्भाग्यपूर्ण क्षण। शायद उसका भी बचपन खो गया। यहाँ तक कि अगर युद्ध समाप्त भी हो जाता है, तब भी वे मौतें और ये हौलनाक मंज़र हमेशा उसकी यादों का हिस्सा होंगे।
डेविड ने झटके से आसपास का जायजा लेने के लिए अपनी ठुड्डी ऊपर उठाई। उसने आईडीएफ को सामने के भवन में छापा मारते हुए देखा। टीम पहली मंज़िल की तरफ़ अपना रुख करते हुए आगे बढ़ी। पहली मंज़िल की खिड़की, डेविड का ध्यान अपनी ओर खींचने के बाद, ओमार, एमा और जॉर्ज की दिलचस्पी का बायस भी बनी। खिड़की से गोलियों की बौछार आग़ की लपट की तरह बाहर की ओर निकलती दिखाई दी। एक सिपाही आगे बढ़ा। जब एक जुझारू सैनिक अगली खिड़की पर पहुँचा, तो वहाँ एक अलग ही परिदृश्य था। हमास का एक आतंकवादी घात लगाकर छिपा हुआ बैठा था और सैनिक से हाथापाई करने लगा। हाथापाई के लगभग एक मिनट के बाद, युवा आईडीएफ सैनिक ने अपने दुश्मन को खिड़की से बाहर फेंक दिया। वह काँच तोड़ता हुआ सड़क पर गिरा। सिपाही ने अपनी जांघ पर बंधे पिस्तौलदान से एक कोल्ट पिस्टल निकाली, निशाना साधा और सड़क पर पड़े निष्क्रिय दुश्मन को गोली मार दी। इसके बाद वह कुछ पल के लिए असावधान हुआ और इसकी कीमत उसे अपनी जान से चुकानी पड़ी। एक अन्य छिपे हुए हमास के लड़ाके, ने उसे पीछे से ठीक उसके दिल पर गोली मारी और वह भी उस आदमी के ऊपर गिर के मरा, जिसे उसने अभी-अभी मारा था।
मौत ही आज का कानून थी।
डेविड को किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उसे भारी गोलाबारी के बीच जीवित रहने के लिए आवश्यक कौशल में महारत हासिल थी। उसने ओमार को अपने हाव-भाव से आगे बढ़ने का इशारा किया। ओमार ने सर हिलाकर ‘ना’ कहा। डेविड ने ओमार के फैसले को ना मानते हुए, उसके पास से गुज़रकर सावधानी से एक कदम बढ़ाया। एमा और जॉर्ज ने तुरंत उसका अनुसरण किया। सकीना ने झुककर आफ़रीन को अपनी पीठ पर लादा और उनके पीछे चल पड़ी।
इस हमले में, हमास को भारी जान-माल का नुकसान हो रहा था। इमारत के ऊपर स्थापित रॉकेट लांचर को नष्ट करने के लिए इज़राइल द्वारा चलाया गया मिशन लगभग सफल हो चुका था। सुल्तान ने गलत अंदाजा लगाया था; युद्ध-बंदियों को पकड़ना, उनका प्राथमिक उद्देश्य नहीं था।
डेविड ने अगले घर में जाने के लिए बाड़ के ऊपर से छलांग लगाई, फिर छिपने के लिए सरक गया। एमा ने उसकी क्रिया को प्रतिबिंबित किया। ओमार और जॉर्ज को बाड़ के पार जाने में बड़ी परेशानी हुई; उनके बूढ़े शरीर उतने फुर्तीले नहीं थे जितने कि उनके साथी के। सकीना पूरी तरह से चढ़ने में असफल हो रही थी। आफ़रीन को ले जाने के लिए, वह बाड़ पर चड़ने के लिए भी संघर्ष कर रही थी। यदि कोई भी दुश्मन उसके सामने आ जाता तो, बचने के लिए उसके पास कोई रास्ता नहीं था।
डेविड वापस बाड़ की ओर बढ़ा, ऊपर की ओर उठा और सकीना से आफ़रीन को छीन लिया। तभी एक गोली कहीं से आयी और आफ़रीन के सीने से कुछ ही इंच की दूरी से होते हुए डेविड के बाएँ हाथ में लगी। गोली लगने से वह दर्द के मारे लड़खड़ाया लेकिन उसने दूसरे हाथ से आफ़रीन को पकड़ कर गिरने से बचा लिया। एमा ने उसकी ओर छलांग लगाई। डेविड पीछे की ओर गिरा। उसने पूरी तरह से अपनी बची-खुची ताकत के साथ बच्ची की रक्षा करने के लिए उसको अपनी ओट में ले लिया।
उसके बायसेप से खून टपकने लगा। डेविड को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जॉर्ज, एमा के पास आ गया।
“एमा, सकीना की मदद करो।” जॉर्ज की बात सुनकर उसने बाड़ के दूसरी ओर छलांग लगाई।
डेविड ने आफ़रीन को जॉर्ज को सौंप दिया। वे धूल और धुएँ के कोहरे में छिपते हुए फिर से कवर की ओर बढ़ गए। सुल्तान के घर तक पहुँचने के लिए कुछ और बाड़ पार करने को बची थी।
एमा ने सकीना को उठाने की कोशिश की, लेकिन उसके भारी शरीर को उठाने में नाकाम रही। सकीना ने दर्द भरी नज़र से उसे देखा। उसकी थकी हुई माँसपेशियाँ उसे उठने नहीं दे रही थी।
“मैं नहीं उठ सकती।” उसने क्षीण आवाज़ में कहा।
तभी एक उड़ता हुआ रॉकेट अगले घर पर गिरा और उसके अग्रभाग को उड़ाते हुए, पत्थरों की शिलाओं को उधेड़ते हुए, अपने चारों ओर लोगों को डराता रहा, लेकिन किसी की जान नहीं गई। यह भाग्य का एक स्पर्श था जिसने रास्ते की सारी बाड़ों को ध्वस्त कर दिया और फलस्वरूप उनके जाने के लिए रास्ता साफ़ हो गया।
एमा सकीना पर चिल्लाई, “अपनी सारी ताकत को एक साथ लगाओ! तुम यह कर सकती हो। तुम को करना ही होगा, आफ़रीन के लिए।”
उसकी रगों में जोश दौड़ा। उसने पूरा ज़ोर लगाते हुए खुद को उठाया। एमा ने भी पीछे से उसको उठने में सहारा दिया। उसने बाड़ को पार कर लिया।
डेविड ने चल रही लड़ाई में सबसे सुरक्षित मार्ग खोजने के लिए, अपना ध्यान लगाया।
“जॉर्ज, हम उन कारों के पीछे से छुपकर जा सकते हैं।” उसने मोड़ पर खड़ी कारों की ओर इशारा किया।
“हाँ, यह थोड़ा जोख़िम भरा है लेकिन मुझे लगता है कि हम चल सकते हैं।”
ओमार ने भी अपनी सोच के मुताबिक जवाब दिया, “मेरी राय में, ये ही एक रास्ता बचा है।”
डेविड फिर से एमा को पास आते हुए देख, खुश होकर पीछे की ओर बढ़ा।
तभी मैदान धमाके से बुरी तरह से काँप उठा, उससे उन्हें यह एहसास हुआ कि वे युद्ध-क्षेत्र के काफ़ी करीब थे।
वे तट के खाली होने का कुछ समय तक इंतज़ार करते रहे। आईडीएफ अपनी विजय के निकट था। टीम ने अपने मिशन में लगभग सफलता पा ली थी। डेविड ने जॉर्ज की पीठ थपथपाई और उसे आगे बढ़ने के लिए कहा। उसने आफ़रीन को अपनी गोद में उठा लिया और मृत्यु के भय से प्रेरित होकर तेजी से आगे बढ़ा। जॉर्ज एक सफेद हैचबैक कार के पीछे रुका। डेविड उसके पीछे था। वह अपने घाव को पकड़े हुए, जॉर्ज के पास पहुँच गया। वह आगे की स्थिति का अनुमान लगाते हुए, एमा का इंतज़ार करने के लिए रुका।
आईडीएफ टीम छत पर पहुँच गयी और गोलियों की बरसात करने लगी। हमास के विद्रोही उनके पास मौजूद सभी मारक क्षमता के साथ पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ लड़ रहे थे। लेकिन आईडीएफ की सामरिक क्षमता के आगे कमज़ोर होने से वे उनका कुछ ख़ास नुकसान नहीं कर पा रहे थे।
लड़ाई अब केवल छत तक ही सीमित रह गई थी। जॉर्ज ने इस स्थिति को उनके बचने के लिए एक महान अवसर के रूप में लिया और वह आफ़रीन को लेकर सुरक्षित स्थान, जो कि सुल्तान के घर के अंदर था, चला गया।
उसी समय, एक आईडीएफ स्नाइपर, जो इमारत की छत से लगभग पाँच सौ मीटर की दूरी पर तैनात होकर दुश्मन पर अपना निशाना साध रहा था; उसने राइफल सीधी की, साँस रोकी और बारह सेकंड के बाद, बज़ूका से लैस अपने दुश्मन के सीने को निशाना बना, गोली चला दी। गोली सीधी उसके दिल में पेवस्त हो गई। उसकी रूह ने भी दोज़ख का रुख किया।
अच्छा निशाना, वह खुद को किसी की जान लेने के अपराध-बोध से अलग कर, फुसफुसाया।
मरने से पहले, उसका शिकार, एक चौबीस वर्षीय आतंकवादी, जो आईडीएफ टीम पर रॉकेट लॉन्च करने से कुछ ही सेकंड की दूरी पर था। गोली लगने से, छत के किनारे पर लड़खड़ाया और उसकी उंगलियों से रॉकेट लाँचर का ट्रिगर खिंच गया। दुर्भाग्य से, रॉकेट सुल्तान के घर की ओर उड़ा, जिसके अंदर जॉर्ज और आफ़रीन थे। रॉकेट के घर से टकराते ही, दो मंजिला घर तुरंत भरभराकर ढह गया।
डेविड, एमा, ओमार और सकीना गिरे हुए घर को, देखकर सन्न रह गए। सदमे के कारण, सकीना अपने घुटनों के बल गिरी और तुरंत ही जड़वत हो गई।
अध्याय ३७
“जीवन एक बहुत ही पतला धागा है और इसे टूटने में केवल एक पल लगता है।”
– सिडनी शेल्डन
सूर्यास्त हो रहा था। जंग के बाद का दृश्य बहुत भयावह था; जैसे किसी महाकाव्य में सर्वनाश का वर्णन हो। चारों ओर मौत का सन्नाटा फैला हुआ था।
जिस इमारत पर छापा मारा गया था, वह अंदर और बाहर से पूरी तरह से तबाह हो चुकी थी। आस-पास के मकान भी रहने योग्य नहीं बचे थे। कारें जल कर ख़ाक पड़ी थी। जगह-जगह लाशें बिखरी पड़ी थीं। उनमें से ज़्यादातर के अंग उखड़ चुके थे। कुछ शरीर बेगुनाह अभी भी जल रहे थे, बेजान लाशें तो बेगुनाह ही होती हैं।
वहाँ मलबे को साफ़ करने के लिए कोई नहीं, लाशों को दफ़नाने के लिए कोई नहीं, बस ये चार बेचारे डेविड, एमा, सकीना और ओमार ही वहाँ मौजूद थे।
सकीना, उखड़ी हुई उबड़-खाबड़ सड़क के बीच में घुटनों के बल बैठी थी। धुएँ के गुबार के बीच में साँस लेते हुए, अपनी मृत बेटी के दुःख में वह मानसिक रूप से इतनी कमज़ोर हो चुकी थी कि रोना भी भूल चुकी थी। उसके आसपास पड़ी लाशें, उसकी तव्वजो में भी नहीं थी। एक पल में, उसकी बेटी का अस्तित्व जीवन के पन्नों से मिटा दिया गया। आफ़रीन उसके जीवन में रोशनी थी, उसके जीने, हँसने और प्यार करने का कारण थी।
डेविड, एमा और ओमार, सुल्तान के घर के बेतरतीब पड़े मलबे को अनायास ही हटाने का प्रयत्न करने लगे। एमा ने डेविड के गोली लगने के घाव पर कपड़े का एक टुकड़ा बांध दिया था, जो अभी भी उसके माँस में धंसी हुई थी। अपनी दूसरी बाँह के साथ, डेविड अपने हाथ से चट्टानों के छोटे-छोटे टुकड़ों को हटा रहा था, जिससे फावड़े के लिए गहरी खुदाई की जगह बनाई जा सके।
“जॉर्ज! जॉर्ज! आफ़रीन! क्या तुम मुझे सुन सकते हो?” उम्मीद के ख़िलाफ़, आशा करते हुए डेविड ने जोर से पुकारा।
“ऐसा करने से केवल अपना गला ही फाड़ोगे,” ओमार ने धीमे स्वर में कहा। वह जॉर्ज और आफ़रीन के लिए समान रूप से चिंतित था लेकिन दर्शा नहीं रहा था।
एमा रणनीतिक रूप से चट्टानों को हटा रही थी, ताकि अंदर दबे हुए जॉर्ज और आफ़रीन की तलाश बिना उन्हें नुकसान पहुँचाये की जा सके। बीच-बीच में वह सिसकते हुए, मुड़कर सकीना के मुरझाये हुए चेहरे की ओर भी देख लेती थी। वह भी घायल हो गई थी, लेकिन कुछ दर्दनाक चोटें अपने मृत बच्चे को देखने के लिए इंतज़ार कर रही एक माँ के दुःख के आगे कुछ भी नहीं थी।
“जॉर्ज! जॉर्ज! आफ़रीन! क्या तुम मुझे सुन सकते हो?” डेविड फिर से चिल्लाया, अपने धूल-धूसरित चेहरे को पोंछते हुए उसने फावड़े को मलबे में घुसा दिया।
सम्मेलन कक्ष में ऐसा मातम पसरा हुआ था जैसे किसी के अंतिम संस्कार के समय उसके घर में होता है। कुछ रूकावट के बाद, स्क्रीन पर पुनः दृश्य आने लगे और भयावह लड़ाई के दृश्यों ने उन्हें चकित कर दिया और वे अपराध बोध से ग्रस्त हो गए।
डेस्क पर, डोलोरेस अपनी ठोड़ी को हाथ पर टिकाते हुए सबसे परे देखने लगी और हेदर उसकी ओर झुकी।
“क्या आप ठीक हो?” उसने पूछा।
अश्रुपूरित आँखों और क्षीण आवाज़ के साथ, वह “जा…जा…जॉर्ज…” कहते हुए, फूट-फूट कर रोने लगी।
हेदर उसके पास पहुँची और उसे दिलासा देते हुए उसकी पीठ थपथपाई। डेविड को गोली लगते हुए देखना और जॉर्ज का मलबे में दब जाना उस के लिए असहनीय यातना थी।
डोलोरेस ने एक गिलास पानी पिया और अपने आँसू से धुल गए मेकअप के दाग, उंगलियों से साफ़ किए। उसने दर्द भरी चुप्पी साधते हुए अपनी आँखें बंद कर ली। उसने कुछ पल बाद उठकर पूरी टीम की ओर देखा। वह गहरे सदमे में दिखाई दी।
“हमें हमास और आईडीएफ दोनों द्वारा आगे की जाने वाली कार्रवाई के बारे में, पहले से ही सतर्क रहने की ज़रूरत है।” डोलोरेस ने कहा।
मैथ्यू और जोनाथन ने सहमति में सिर हिलाया।
जोनाथन ने उत्तर दिया, “लैंग्ले से एक मेल भेजा गया, जिसमें कहा गया था कि इमारत की छत का इस्तेमाल, रॉकेट लॉन्चिंग के लिए किया जा रहा था। मिशन शायद इसी मोर्चा-बंदी को नष्ट करने के लिए था।”
“बम क्यों नहीं गिराया?” डोलोरेस ने चुटकी ली।
“बहुत से नागरिकों के कारण।” जोनाथन ने उत्तर दिया।
“ओह मैं समझी।”
यह मिशन शुरुआत से ही मुसीबतों और नाकामियों से भरा था। आज डोलोरेस का उद्देश्य एक विनाशकारी युद्ध को रोकने के बजाय एमा, डेविड और जॉर्ज ढूंढने तक सीमित रह गया था। और अब, वह उन तीनों को वापस लाना चाहती थी। जिस बोझ को वह अपने कंधों पर उठा रही थी, उसी बोझ तले, जॉर्ज मार्टिन्स, मलबे के नीचे दबा हुआ था।
उसने अपना सिर खुजलाया, आँखें बंद कीं और दहाड़ते हुए कहा, “सभी बाहर निकलो!”
उसके इस व्यव्हार से सभी हतप्रभ रह गए।
“क्या?” उन्होंने एक साथ पूछा।
“मुझ पर भरोसा करो, बस निकल जाओ। मैं बाद में समझाऊँगी। “डोलोरेस ने आज्ञा दी। वह चिढ़ी हुई थी।
पूरी टीम बेमन से बाहर चली गई।
डोलोरेस उसकी कुर्सी पर बैठ गई और वीडियो कॉल करने के लिए एक आइकन पर क्लिक किया। वह जिसे कभी कॉल नहीं करना चाहती थी, उसे कॉल किया। सामने से तुरंत कॉल रिसीव की गई।
औपचारिकताओं को अपने जूते की नोक पर रखते हुए, डोलोरेस सीधे बात पर आई, यह बताओ की जेन कहाँ है?” या तो तुम सीधे से बता दो नहीं तो, मैं डायरेक्टर से फॉर्मल कम्प्लेंट करने जा रही हूँ।”
दूसरे छोर पर बेथ, डोलोरेस के रूखे व्यवहार से चकित थी। उसका मन तो हुआ कि डोलोरेस की धमकी का मुँहतोड़ जवाब दे पर, वह इसका नुकसान भी जानती थी। मूलरूप से वह भावनात्मक प्राणी थी, जो उसकी कार्यशैली से भी झलकता था, लेकिन उसने कभी भी भावनाओं को अपने काम पर हावी नहीं होने दिया। उसने डोलोरेस को जेन के ठिकाने के बारे में कम से कम शब्दों में में बताया।
सम्मेलन कक्ष के बाहर, टीम उलझन में बोर होकर इंतज़ार कर रही थी। डोलोरेस ने दरवाज़ा खोल दिया और सभी को वापस अंदर बुला लिया। बेथ पर उसकी हालिया मौखिक चढ़ाई ने उसे और अधिक करिश्माई बना दिया था।
उसने हेदर की तरफ़ देखा और कहा, “अपना बैग पैक करो, हम एक छोटी यात्रा पर जा रहे हैं।”
“अचानक ये क्या हो गया?” हेदर ने एक विचारहीन अभिव्यक्ति के साथ कहा।
“वास्तव में चिंतित होकर, मैथ्यू ने पूछा, “तुम कहाँ जा रहे हो?”
डोलोरेस ने अपना लैपटॉप बंद किया, और जबड़े भींचकर उसने कहा, “एक और युद्ध विराम की व्यवस्था करने के लिए।”
डेविड को मलबा खोदने में एक घंटे से अधिक समय लग गया था। एमा ने हार मान ली थी और सकीना को अपने शोक में शामिल कर लिया था। शोक संतप्त माँ, अभी भी बिना हिले-डुले, मलबे पर मूक दर्शक बनी निगाह गड़ाये बैठी थी।
एमा ने इधर-उधर लावारिशों की तरह बिखरी हुई लाशों को देखा। उसने सकीना को छोड़ दिया और मानवता के नाते कुछ मृतकों तक पहुँची। अपनी उंगलियों से उनकी आँखों को बंद कर दिया। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि उनके नाम क्या थे, वे कौन थे? वे इस अशांत और एक-दूसरे के खून के प्यासे लोगों से दूर, अब चिर-शांति की गोद में सो चुके थे।
अकस्मात हमास द्वारा हथियारों का जखीरा रखे जाने की जगह पर एमा की नज़र पड़ी। रॉकेट लॉन्चर, राइफल, ग्रेनेड और गोलियाँ। यह स्पष्ट था कि हमास एक निर्णायक जंग के लिए इस मकान को अपना शस्त्रागार बना, अस्त्र-शस्त्र का स्टॉक कर रहा था। शांति कभी उनका इरादा था ही नहीं। उनके और आईडीएफ के झगड़े के बीच, निर्दोष लोगों के जीवन को कुचला जा रहा था। उसी समय।
हवा में एक तेज आवाज़ गूँज रही थी, ज़ोर से और ज़ोर से, जैसे कि कुछ उनके पास आ रहा था।
डेविड ने आवाज़ पर ध्यान दिया, लेकिन उसने उसे अनदेखा कर दिया, क्योंकि उसने मलबे में कुछ अजीब देखा था। “एमा, मुझे कुछ मिला।”
डेविड की ओर देखते ही उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। उसने एक यूएच्-६० ब्लैक हॉक को उत्तर की ओर से आते देखा।
एमा को आभास हुआ कि फिर से हमला हो सकता है, वह चिल्लाई, “छुप जाओ, डेविड!”
डेविड ने मुड़कर देखा कि आकाश में आकृति बड़ी होती दिखाई दे रही है। उसने फावड़े को फेंक दिया, मलबे के ढेर से कूदा और कवर लेने के लिए एक ओर छलाँग लगाई।
सकीना एक लाश की तरह जमी हुई थी। उसमें इतनी जान भी नहीं बची थी कि रो सके। वह उसके ऊपर आने वाले किसी भी खतरे से पूरी तरह अंजान थी।
ओमार हक्का-बक्का था और वह मृत होने का नाटक करते हुए अपनी जगह पर लेट गया।
हेलीकॉप्टर ब्लेड्स का शोर क्षेत्र में गूँजता है; एक विशालकाय मशीन, किसी बड़े पक्षी की तरह हवा में एक जगह स्थिर हो, उड़ रही थी।
एमा, सकीना को वहाँ से हटाने में विफल होने के बाद, वहीं पास में कहीं छुपकर बैठ गई। एमा ने अपनी आँखें बंद कर ली। उसने जॉर्ज और आफ़रीन को अभी-अभी ही खोया था और अब सकीना को खोने के लिए तैयार नहीं थी।
एक मल्टी-बैरल बंदूक से लैस, ब्लैक हॉक सड़क के ठीक ऊपर हवा में स्थिर हुआ, जैसे कि वह एक लक्ष्य की तलाश कर रहा हो। पायलट ने देखा कि एक औरत (सकीना) सड़क पर बैठी है। वह यह देखना चाह रहा था कि कहीं उसके पास कोई हथियार तो नहीं। उसके पीछे बैठे सैनिक ने सकीना पर गैटलिंग बंदूक से निशाना साधा। उसकी खून से सनी आँखें हेलीकॉप्टर को घूर रही थीं। वह बचकर भागना नहीं चाहती थी, वह तो ये चाहती थी कि वे ट्रिगर खींचे और उसकी दुख भरी ज़िंदगी से उसे निजात दिला दें।
डेविड जैसे कहीं खो सा गया; यह क्रूर क्षण उसकी सामना करने की क्षमता से परे था। भारी साँस लेते हुए, वह घबराहट में उनके कहीं ओर उलझने के इंतज़ार में चुप बैठ गया। अपनी इच्छाशक्ति से एमा भी चुपचाप बैठी रही।
पायलट ने मिसाइल ट्रिगर पर अपनी उंगली रखी; उसने अपने शिकार पर निशाना साधा। उसने सकीना के सिर से पैर तक की छानबीन की। उसने सकीना को भूखा – प्यासा और उस ज़िन्दा कब्रस्तान में अकेला छोड़ा और हेलीकॉप्टर को उड़ाकर दूर ले गया।
दरअसल ब्लैक हॉक, ग़ुबार के नीचे बैठने पर, बचे हुए दुश्मनों को खोजने और ख़त्म करने के व्यापक मिशन पर था।
एमा ने अपनी आँखें खोलीं। उसने हेलीकॉप्टर की आवाज़ को दूर जाते सुना। वह ध्यान से गली में वापस चली आई। डेविड मलबे को देख रहा था। उसने वहाँ कुछ हरकत देखी। वह ढेर के ऊपर की ओर लड़खड़ाते हुए चढ़ा।
उसने अपने नंगे हाथ से कुछ टूटी हुई टाइलें और कुछ लकड़ियाँ निकालीं और जो कुछ उसने देखा, उसने उसके दिल को खुशी से भर दिया। एक खून से सना हाथ घूम रहा था, और उसके नीचे एक अस्पष्ट आकृति थी।
“एमा मैंने उन्हें ढूंढ लिया!” वह चिल्लाया।
ओमार और एमा डेविड की ओर दौड़े। सकीना को अपनी छाती में एक हूक सी उठती महसूस हुई, क्योंकि डेविड की खोज का वर्णन अस्पष्ट था।
साथ में, वे लकड़ी के कुछ छोटे लॉग और ईंटों के टुकड़े को हटाने में कामयाब रहे। जॉर्ज स्पष्ट रूप से दिख रहा था, और वे उसके खून से लथपथ कपड़ों को देख सकते थे, जो सीमेंट की धूल से पूरी तरह सने हुए थे। जॉर्ज ने एक मुस्कान से संकेत दिया। आफ़रीन ने उसकी गोद में दर्द भरी कराह ली, वह सुरक्षित थी।
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