"मैं कहता हूं, मान जाओ जूलिया—रोक लो इस अनर्थ को—अब भी समय है—इस खूनी खेल में तुम्हारा अपना बेटा भी मौत के घाट उतर सकता है।" मोटी-मोटी जंजीरों में कैद जैकी अर्धविक्षिप्तों की-सी अवस्था में चीखे चला जा रहा था।
वैसी ही मोटी जंजीरों में कैद जूलिया कह उठी—"वह सिर्फ मेरा बेटा ही नहीं है।"
"जूलिया।"
"मेरा हैरी अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का नम्बर वन एजेन्ट भी है—मैं उसी सीक्रेट सर्विस की चीफ हूं—मेरा काम दुनिया से अमेरिकी दुश्मनों को खत्म करना है और चीफ की हैसियत से मैं हैरी को हमेशा यही आदेश देती रही हूं—विजय और विकास अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन हैं—यदि हैरी उन्हें आपस में भिड़ाकर खत्म कर सकता है तो मैं क्यों न करने दूं?"
"ल...लेकिन वह यहां किसी और मकसद से आया है।"
"मैं जानती हूं।" गम्भीर स्वर में कहती हुई जूलिया की दृष्टि जैकी के कटे हुए बाएं हाथ पर जम गई—हाथ हथेली के अन्तिम सिरे से थोड़ा ऊपर से कटा हुआ था—वहां से, जहां रिस्टवॉच बांधी जाती है—"वह आपके इस कटे हुए हाथ का बदला लेने भारत आया है।"
"जबकि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए।"
"क्यों?"
"माना कि यह हाथ विकास ने काटा है—मगर हाथ धर्मयुद्ध के बीच कटा है, जूलिया—वह धर्मयुद्ध भी विकास के साथ खुद मैंने ही शुरू किया था—इसमें विकास का कोई दोष नहीं है—मेरा चक्रव्यूह तोड़कर वह जैकी विजेता बन गया—धर्मयुद्ध की समाप्ति के साथ ही वह अध्याय भी बन्द होना चाहिए।"
"आपकी इस विचारधारा की मैं दिली तौर पर हमेशा समर्थक रही हूं—सचमुच आपका हाथ कटने में विकास का कोई दोष नहीं है—वह धर्मयुद्ध था—आपके द्वारा शुरू किया गया धर्मयुद्ध—वह अध्याय सचमुच विकास की जीत के साथ बन्द हो जाना चाहिए, लेकिन...।"
"ल...लेकिन—?"
"आपके बेटे को कौन समझाए?"
"तुम-जूलिया, यदि तुम उसे समझाना चाहो तो हैरी ये खूनी खेल बन्द कर देगा।"
"आपकी तरह, आप ही के सामने उसकी मां और आपकी पत्नी होने की हैसियत से मैंने भी उसे समझाने की भरपूर कोशिश की—उसी का तो यह परिणाम है कि आपकी तरह मैं भी यहां मोटी-मोटी जंजीरों में बंधी उसकी कैद में पड़ी हूं—आपसे उसने खूब पूछा कि आपका ये हाथ किसने काटा है—आपने नहीं बताया—उसने मुझसे भी पूछा—मैंने भी नहीं बताया—क्योंकि हम जानते थे कि हैरी का खून गर्म है—यह मालूम होते ही कि यह हाथ विकास ने काटा है, वह पागल हो जाएगा—धर्मयुद्ध के महत्व को न समझकर वह विकास से बदला लेने के लिए निकल पड़ेगा—आपकी तरह मैं भी नहीं चाहती थी कि ऐसा हो—इसीलिए मैंने भी उसे कभी न बताया, किन्तु माइक से उसे सच्चाई पता लग गई—सच्चाई पता लगने पर वही हुआ, जिसका हमें डर था—चीखता—चिण्घाड़ता और गुस्से में पागल हुआ हैरी घर आया—विकास से इस कटे हुए हाथ का बदला लेने की कसम खाई उसने—आपके साथ मैंने भी उसे समझाया—धर्मयुद्ध का महत्व बताना चाहा, लेकिन वह नहीं माना—हमने उसका विरोध किया—यह धमकी दी कि यदि उसने ऐसा किया तो हम विकास के साथ मिल कर उसके सामने खड़े होंगे—उसने हम ही को कैद कर लिया।"
"लेकिन—तुम इस मामले में हमेशा दुहरे व्यक्त्वि का प्रयोग करती रही हो, जूलिया।"
"मैं समझी नहीं।"
"तुमने हैरी की मां और मेरी पत्नी के रूप में नि:सन्देह उसका विरोध किया है, परन्तु सीक्रेट सर्विस की चीफ के नाते तुमने उसे भारत आकर विकास से टकराने के लिए भड़काया है—तुमने खुद ही बताया कि माइक से सच्चाई पता लगने पर वह घर से पहले सीक्रेट सर्विस से ऑफिस के तुमसे मिला—विकास से बदला लने के लिए भारत में पूरी मदद चाही—तुमने न सिर्फ उसे इजाजत और मदद दी, बल्कि यह कहकर उसे उकसाया भी कि उसे हर हालत में अपने पिता के कटे हुए हाथ का बदला लेना चाहिए।"
"नकाब पहनकर अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के चीफ की कुर्सी पर हैरी से यही कहना मेरा फर्ज था।" जूलिया कहती ही चली गई—"उस वक्त मैं न तो आपकी बीवी होती हूं और न हैरी की मां—उस वक्त मैं सिर्फ सीक्रेट सर्विस की चीफ होती हूं और अमेरिका के दुश्मनों को खत्म करना ही मेरा मकसद होता है—जब बुरी तरह भभकते ज्वालामुखी के समान हैरी वहां पहुंचा तो सीक्रेट सर्विस के चीफ को लगा कि उसका यह नम्बर वन एजेन्ट सचमुच देश के विजय और विकास जैसे दुश्मनों को खत्म कर सकता है—सीक्रेट सर्विस के चीफ ने यह भी महसूस किया कि हैरी को भारत जाने की इजाजत और भारत में स्थित अमेरिका जासूसों की मदद देना राष्ट्रहित में है—सो, वह सब कुछ किया गया।"
"म...मगर जूलिया—तुम्हारा यह दुहरा व्यक्तित्व मेरी समझ में नहीं आया?"
फीकी मुस्कान के साथ जूलिया कह उठी—"आपकी समझ में नहीं आया—जो खुद कलियुग के द्रोणाचार्य हैं—जिस तरह मन से न चाहते हुए भी आपको अपने मुल्क की बेहतरी के लिए विकास को मार डालने हेतु चक्रव्यूह का निर्माण करना पड़ा था, उसी तरह चीफ की कुर्सी पर बैठकर मुझे भी मुल्क के लिए ऐसे बहुत-से काम करने पड़ते हैं, जिन्हें दिल गंवारा नहीं करता।"
"जूलिया!"
"यह भी एक वैसा ही काम है।"
"उफ्फ!" जैकी झुंझला उठा—फिर पागलों की तरह चीख पड़ा—"कुछ देर के लिए तुम अपने इस दुहरे व्यक्तित्व को त्याग क्यों नहीं देती जूलिया—कितना अजीब-सा लगता है—हैरी नहीं जानता कि उसे यहां आने की इजाजत और मदद देने वाली तुम हो—उसे यह आदेश देने वाली भी तुम हो कि विजय और विकास को खत्म कर दो—फिर उसकी मां और मेरी बीवी के रूप में तुमने उसकी इन्तकाम से भरी इस मुहिम का विरोध भी डटकर किया है।"
"दिल से वही किया है, जैकी।"
"तभी तो मेरे साथ-साथ उस कम्बख्त ने तुम्हें भी मोटी जंजीरों में कैद करके रखा है।"
"जो चेहरे पर नकाब पहनकर किया है, वह मेरा कर्तव्य है।"
"किन्तु इस खेल में हमारा हैरी भी खत्म हो सकता है, जूलिया।"
"भले ही जूलिया का सब कुछ लुट जाए—बेटे की लाश पर रो-रोकर भले ही जूलिया पागल हो जाए, मगर सीक्रेट सर्विस का चीफ अपने एक एजेण्ट की मौत के डर से दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देने का आदेश वापस नहीं ले सकता।"
"एक बार, जूलिया—सिर्फ एक बार तुम अपने कर्तव्य से गद्दारी कर दो।" जैकी अजीब-से स्वर में कह उठा—"भले ही हैरी मेरे और तुम्हारे कहने से न माना हो, लेकिन यदि उसे एक बार सीक्रेट सर्विस के चीफ का यह सब कुछ न करने और अमेरिका वापस चले जाने का आदेश मिल जाएगा तो वह उस आदेश को ठुकरा नहीं सकता।"
जूलिया का जहरीला स्वर—"आप मुझे कर्तव्य से गद्दारी करने की सलाह दे रहे हैं?"
"एक बार, जूलिया—सिर्फ एक बार।"
"हरगिज नहीं।" दृढ़ स्वर।
कैदखाने में सन्नाटा छा गया—जंजीरें तक खामोश थीं—भभकते चेहरे वाला जैकी उत्तेजित-सा जूलिया को देखता रह गया, जबकि जूलिया भी निरन्तर उसी की आंखों में झांक रही थी—जैकी ने कसमसाकर पहलू बदला—जंजीरें खड़खड़ा उठीं—फिर वह किसी जुनूनी पागल के समान खुद ही बड़बड़ा उठा—"ये...ये तेरे दिए हुए वचन का अपमान हो रहा है जैकी—तूने विकास से वादा किया था कि वह जैकी, विजेता है—धर्मयुद्ध में जीत गया था वह—यदि विजय या विकास में से किसी को कुछ हो गया तो यह मेरी शिकस्त होगी—मेरी शिकस्त।"
जूलिया उसे स्थिर-सी निगाह से देखती रही।
¶¶
जैकी—जूलिया, हैरी, चक्रव्यूह, धर्मयुद्ध और जैकी का हाथ कटने की घटना को विस्तारपूर्वक जानने के लिए पढ़ें—वेद प्रकाश शर्मा के दो पूर्वप्रकाशित उपन्यास—'एक और अभिमन्यु' तथा 'सारे जहां से ऊंचा'।
जिन्होंने जैकी, जूलिया और हैरी के चरित्र पहले कभी मेरे उपन्यास में नहीं पढ़े हैं—वे संक्षेप में यह समझ लें कि जैकी का पूरा नाम है—
जैकी आर्मस्ट्रांग।
इसे जासूसों का देवता कहा जाता है—कहा ही नहीं जाता, बल्कि जैकी सचमुच जासूसों का देवता है भी—भारत का विजय जैसा जासूस भी उसका शिष्य है।
जूलिया—जैकी की पत्नी—अमेरिका सीक्रेट सर्विस की चीफ है—मगर हैरी यह रहस्य नहीं जानता—वह जूलिया को सिर्फ मां ही समझता है।
हैरी पूरा सात फुटा है—उसका सारा चरित्र सिर्फ एक इसी वाक्य में सिमट सकता है कि हैरी अमेरिकी विकास को कहते हैं—अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का नम्बर वन एजेण्ट।
हालातों के भंवर में फंसे चक्रव्यूह के अन्दर विकास और जैकी में भिड़न्त हुई—विकास जैकी का हाथ काटने पर विवश हो गया—हैरी अपने पिता के उसी कटे हुए हाथ का बदला लेने भारत आया है। परन्तु यदि नहीं पढ़े हैं तो 'एक और अभिमन्यु' तथा 'सारे जहां से ऊंचा' नामक उपन्यास जरूर पढ़ें—आधुनिक चक्रव्यूह में विकास की तरह आप भी उलझकर रह जाएंगे।
¶¶
अब शायद मेरे पाठक समझ गए होंगे कि दस नम्बर के विदेशी जूते पहनने और सिर में खुशबूदार अमेरिकी तेल लगाने वाला सात फुटा लड़का हैरी के अतिरिक्त कोई नहीं था।
हैरी आर्मस्ट्रांग।
विकास के मेकअप में उसने एक बहुत लम्बे-चौड़े और चमकदार हॉल में प्रवेश किया—उसके साथ ही रेहाना भी थी—उसे देखते ही हॉल की दीवारों से सटे हरी वर्दी पहने सशस्त्र लोगों ने उसे सैल्यूट दिया और सावधान की मुद्रा में खड़े हो गए।
अपने चेहरे से विकास का फेसमास्क उतारता हुआ वह हॉल के एक तरफ पड़ी लम्बी-चौड़ी मेज की तरफ बढ़ा—उस वक्त खूबसूरत हैरी की नीली आंखों में गजब की चमक थी—फेसमास्क को किसी बेकार वस्तु के समान मेज पर डालता हुआ बोला—"तुम फ्रेश हो लो रेहाना—कपड़े पहनकर तीस मिनट के अन्दर आओ—तुम्हारे लौटने पर मैं तुम्हें इस हॉल में एक ऐसा खेल दिखाऊंगा, जिसे देखकर तुम भी चौंक पड़ोगी।"
"ऐसा क्या है?"
उसकी बात पर कोई ध्यान न देते हुए हैरी ने किसी को पुकारा—"हॉफटन।"
"य...यस, सर।" एक तन्दुरुस्त और गोरा-चिट्टा अमेरिकी एक कदम आगे आया।
"रेहाना को हमारे कमरे में छोड़ आओ।" कहने के बाद हैरी वहां रुका नहीं, बल्कि लम्बे-लम्बे कदमों के साथ हॉल पार कर गया—एक गैलरी में से गुजरता हुआ वह अंत में एक कमरे में पहुंचा। अलमारी में रखा एक शक्तिशाली ट्रांसमीटर ऑन किया—किसी से सम्बन्ध स्थापित होने पर बोला—"हैलो—हैलो—लॉकहीड।"
दूसरी तरफ से आवाज उभरी—"लॉकहीड हियर, सर—ओवर।"
"क्या रिपोर्ट है?"
"विजय और विकास का टकराव हो गया है सर।"
"हो गया है—इतनी जल्दी?"
"यस सर।"
"क्या परिणाम निकला?"
"विजय के बाएं पैर में गोली लगी है, सर—बस, इससे आगे विकास उसे कोई हानि नहीं पहुंचा सका—उसके बाद की सभी गोलियों से विजय खुद को संग आर्ट की मदद से बचा गया—उनमें जमकर मल्लयुदद्ध हुआ—अंत में विकास बेहोश हो गया।"
"क्या विजय अंकल विकास पर भारी पड़े थे?"
"यस सर—उसके बाद मोन्टो ने भी कोशिश की थी, परन्तु विजय ने उसे भी बुरी तरह जख्मी और बेहोश कर दिया तथा उस इमारत से अपने साथियों को निकालकर ले गया।"
“हम विस्तारपूर्वक पुरी रिपोर्ट सुनना चाहते हैं।”
"दूसरी तरफ से बोलने वाले लॉकहीड नामक व्यक्ति ने उसके द्वारा विकास के मेकअप में पुलिस हैडक्वार्टर से रेहाना को निकाल लाने की प्रतिक्रियास्वरूप हुई सभी घटनाएं विस्तारपूर्वक बता दी। अंत में बोला—"विकास और मोन्टो को बेहोश अवस्था में उसी इमारत में छोड़कर विजय अपने साथियों के साथ फिर गुलफाम के होटल पहुंच गया है—इस वक्त वह वहीं है।"
"विकास और मोन्टो को अभी तक होश आया या नहीं?"
"नो सर।"
"कोई बात नहीं—होश में आते ही वह फिर वही प्रक्रिया जारी कर देगा—हालात ऐसे बनाए गए हैं, लॉकहीड कि विजय विकास को नहीं मार सकता, जबकि विकास विजय के प्राणों का प्यासा है, इसीलिए विजय विकास को सिर्फ बेहोश करके छोड़ गया, यही मौका यदि विकास को मिल जाता तो विकास उसे कभी जिन्दा न छोड़ता—खैर, जो रिपोर्ट तुमने दी है, उससे जाहिर है कि विजय अभी तक खुद को रघुनाथ का हत्यारा समझ रहा है, जबकि विकास उसे मार डालने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है—मुठभेड़ में वह सिर्फ इसलिए बच गया, क्योंकि विकास पर भारी पड़ा—मगर वह विकास पर हमेशा भारी नहीं पड़ेगा, लॉकहीड—विकास उससे कम नहीं है—मौके की बात है—एक बार विकास का मौका लगा नहीं, यानि विकास विजय पर भारी पड़ा नहीं कि लाश बिछ जाएगी—भले ही हजार मुठभेड़ हों—विजय भारी पड़ता रहे, किन्तु जब तक खुद विजय के दिमाग में यह गलतफहमी घुसी रहेगी कि उसने रघुनाथ को मार दिया है, तब तक यह दुश्मनी कायम रहेगी और यह गलतफहमी विजय की अपनी आखिरी सांस तक रहेगी—विकास को भी हकीकत तब पता लगेगी, जबकि वह विजय को मार चुका होगा।"
लॉकहीड की आवाज—"यस सर।"
"तुम उन पर बराबर नजर रखो—विकास और मोन्टो के होश में आते ही तुम्हें कोई ऐसा शगूफा छोड़ना है, जिससे विकास को यह पता लग जाए कि अपने साथियों के साथ विजय गुलफाम के होटल में है—मैं जल्दी ही उनका टकराव दुबारा कराना चाहता हू।"
"हो जाएगा, सर।"
"ओ.के.। मुझे तुम्हारे मुंह से इस सूचना का बड़ी बेताबी से इंतजार है लॉकहीड कि विकास ने विजय को गोलियों से भून दिया है।" कहने के बाद हैरी ने सम्बन्ध-विच्छेद कर दिया।
¶¶
कैदखाने में गहरी खामोशी का साम्राज्य था—कभी-कभी जंजीरों की खड़खड़ाहट उसे भंग कर देती—एक कोने में जैकी पड़ा था, दूसरे में जूलिया—मोटी जंजीरों में कैद—वे चल-फिर सकते थे किन्तु सिर्फ अपने-अपने दायरे में।
अचानक ही वे दोनों हल्के से चौंके—नजरें मिलीं—और फिर कैदखाने के एकमात्र रोशनदान पर स्थिर हो गईं—छत से सिर्फ दो फुट नीचे एक छोटा-सा रोशनदान था—मोटी सलाखों से युक्त—उसी रोशनदान के पार से अभी-अभी किसी के कराहने की आवाज उभरी थी।
जैकी और जूलिया के कान खड़े हो गए।
तभी उस तरफ से पुनः किसी मानव के कराहने का स्वर उभरा—उस बार आवाज पहले से कुछ ज्यादा स्पष्ट थी—कुछ कहने के लिए अभी जैकी ने मुंह खोला ही था कि...।
बहुत-से बूटों की आवाज कैदखाने के इस्पाती दरवाजे के पार आकर रुक गई—जूलिया के साथ ही जैकी ने भी पलटकर उधर देखा—ऐसी आवाज उभरी, जैसे कोई किसी भारी ताले में चाबी डालकर उसे खोल रहा हो।
अगले ही पल हल्की-सी गड़गड़ाहट के साथ इस्पात की मोटी चादर वाला दरवाजा खुल गया—अपने कई साथियों के साथ हैरी ने अन्दर कदम रखा।
उसके शेष साथी दरवाजे या उसके आसपास ही ठिठक गए, जबकि स्वयं हैरी चहलकदमी-सी करता हुआ पहले जैकी के समीप पहुंचा—पूरी श्रद्धा के साथ झुककर उसने चरण स्पर्श किए—ऐसा ही जूलिया के समीप पहुंचकर किया—वे चरण छुए, जिनमें मोटी-मोटी जंजीरें पड़ी थीं। आखिर जैकी ने कह ही दिया—"जिन पैरों को छूते समय किसी के मन में श्रद्धा हो, उन पैरों में वही जंजीरें नहीं पहनाया करते।"
हैरी ने गम्भीर स्वर में पूछा—"क्या आपने कभी मेरे मन में अपने लिए श्रद्धा का अभाव देखा है, डैडी?"
जैकी चुप रह गया, जबकि जूलिया बोली—"ल...लेकिन बेटे, अपने माता-पिता को यूं कैद करके—पैरों को जंजीरों में जकड़कर पूरी श्रद्धा के साथ भी उन्हें छूने से क्या लाभ?"
"वही, जो किसी भी श्रध्देय के चरण स्पर्श करने में है—मन को शांति मिलती है।"
"श्रध्देय के आदेशों का भी तो पालन करना चाहिए।"
"जरूर।"
"तो फिर हम तुम्हें एक बार फिर आदेश देते हैं, हैरी।" जैकी बोला—"इस खूनी खेल से अपना हाथ खींच ले—अभी कुछ नहीं बिगड़ा है—अमेरिका वापस चल।"
"श्रद्धेय, बच्चो को उनके कर्तव्य से हट जाने के आदेश नहीं देते और यदि दें तो बच्चों को कभी ऐसे किसी आदेश का पालन नहीं करना चाहिए।"
"तुम इस सबको अपना कर्त्तव्य कहते हो?"
"बेशक-उससे बदला लेना मेरा जन्मसिद्ध कर्तव्य है—जिसने मेरे पिता का हाथ...।"
"वह धर्मयुद्ध था।"
"सुन चुका हूं, डैडी—हजार बार आपके और मम्मी के मुंह से यही बात सुन चुका हूं।"
एकाएक उत्तेजित-सा होकर ऊंची आवाज में हैरी कहता ही चला गया—"मैं नहीं जानता कि धर्मयुद्ध क्या होता है? वह आपने लड़ा—आप हार गए—उसके बारे में विकास जाने या आप—मगर मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि उस कुत्ते ने मेरे पिता का हाथ काटा है—खून की कीमत खून है, डैडी—जान की कीमत जान और हाथ की कीमत हाथ।"
"हैरी।"
"आप दोनों में से कभी कोई मेरी इस मान्यता का नहीं रहा—मैंने कितना पूछा था, किन्तु आपने कभी नहीं बताया कि यह हाथ उस कमीने ने काटा था—माइक अंकल ने बताया—मैंने तभी फैसला कर लिया था कि भारत में जाकर इसका बदला लूंगा—भला हो उसका जिसने न सिर्फ मुझे यहां भेजा, बल्कि यहां काम करने के लिए यह इमारत दी—भारत में स्थित अमेरिकी जासूसों ने तो तब भी मेरा विरोध किया—यह धमकी दी कि यदि मैं भारत आया तो आप मेरा विरोध करेंगे—उसी मजबूरी के कारण मुझे आप दोनों को यहां—इस रूप में रखना पड़ा।"
जैकी और जूलिया खामोश रहे।
"आज ही या ज्यादा-से-ज्यादा दो-चार दिन बाद आपको इस कैदखाने से मुक्ति मिल जाएगी—फिर आप कहीं भी जाकर कुछ भी कर सकते हैं—मेरे और मेरे मुल्क के बचे-खुचे दुश्मनों की मदद भी—नम्बर फाइव—।"
"यस सर।" एक व्यक्ति आगे बढ़ा।
"इन लोगों को हॉल में लाओ।"
"जो हुक्म सर।"
"पूरी सावधानी के साथ—ये जासूसी के देवता हैं—यदि हम हल्के से भी चूक गए तो फिर ये हमारी पकड़ से बहुत दूर निकल चुकेंगे और इनका हमसे दूर निकल जाने का मतलब है, दुश्मन के खेमें में उनके मददगार और दोस्त बनकर पहुंच जाना—उस स्थिति में हमारी एक नहीं चलेगी नम्बर फाइव—हमारा सारा प्लान चौपट हो जाएगा।"
"आप फिक्र न करें, सर।"
हैरी बाहर निकलने के लिए मुड़ा ही था कि उसे जैकी ने पुकारा—"हैरी।"
"जी।" वह मुड़ा।
"बराबर वाले कैदखाने में तुमने किसे कैद कर रखा है?"
"ओह—फिक्र न कीजिए—कुछ ही देर बाद हॉल में सब कुछ पता लग जाएगा।" कहने के बाद लम्बा लड़का एक मिनट के लिए भी वहां नहीं रुका, बाहर निकल गया।
¶¶
हॉल में जैकी और जूलिया दो थम्बों के सहारे बंधे हुए थे—हैरी लम्बी-चौड़ी मेज के पीछे रिवॉल्विंग चेयर पर बैठा था—दीवारों के सहारे हरी वर्दी वाले सशस्त्र लोग मुस्तैदी के साथ खड़े थे—मेज के समीप ही एक अन्य कुर्सी डाल दी गई थी, जिस पर रेहाना बैठी थी।
एकाएक हॉल में जंजीरों की खनखनाहट गूंजी।
सभी की नजरें उस तरफ उठ गईं।
दाईं तरफ से हॉल में एक कैदी प्रविष्ट हुआ—उसके हाथ-पैर जंजीरों में बंधे थे—हैरी के सशस्त्र साथियों के घेरे में था वह—कैदी को देखते ही कुर्सी पर बैठी रेहाना उछलकर खड़ी हो गई—जैकी और जूलिया भी चौंक पड़े—"अरे—यह तो रघुनाथ हैं!"
हैरी मन्द-मन्द मुस्कराता रहा।
रेहाना ने चकित स्वर में पूछा—"ह...हैरी—रघुनाथ यहां—जिन्दा?"
"तुम्हारा चौंकना स्वाभाविक है, रेहाना, क्योंकि तुम्हारी आंखों के सामने रघुनाथ को विजय ने गोली मार दी थी, लेकिन नहीं—ऐसा नहीं था—इसीलिए तो कहते हैं कि कभी-कभी आंखों-देखी बात भी झूठ होती है।"
"म...मगर—।"
"धैर्य रखो—कुछ देर बाद मैं सब कुछ बता दूंगा और आपके लिए भी रघुनाथ अंकल का जीवित होना हैरत की ही बात है, मम्मी—डैडी, क्योंकि रेहाना की तरह ही आप लोग भी यही समझते थे कि मेरी प्लानिंग के अनुसार रघुनाथ भी विजय अंकल की गोली से मर चुका है।"
जैकी-जूलिया कुछ न बोले—एकटक सुपर रघुनाथ को देख रहे थे वे—जंजीरों में कैद वह हरेक को घूरता हुआ बढ़ा चला आ रहा था—गहरी खामोशी छाई रही, जबकि सुपर रघुनाथ को दो थम्बों के बीच में बांध दिया गया—दाईं भुजा में पड़ी जंजीर का दूसरा सिरा दाईं तरफ वाले थम्ब में बंधा था और बाईं तरफ वाला बाईं तरफ के थम्ब में।
हैरी के सशस्त्र साथी उसके आस-पास से हट गए।
हैरी कुर्सी से उठा—उसे घूमती छोड़कर रघुनाथ की तरफ बढ़ा—समीप पहुंचकर उसने रघुनाथ की आंखों में झांककर कहा—"आप विकास के पिता हैं—कुछ भी सही, विकास कभी मेरा दोस्त था और जो कभी दोस्त बनते हैं, वे हमेशा दोस्त ही रहते हैं—हम दोस्त हैं—रहेंगे—सिद्धान्त की बात अलग है—जिस तरह आप विकास के लिए आदरणीय हैं, उसी तरह मेरे लिए भी हैं।" कहने के साथ ही वह नीली आंखों वाला लड़का पूरी श्रद्धा के साथ रघुनाथ के चरणों में झुक गया।
जाने क्यों उस वक्त जैकी ने कनखियों से रेहाना की तरफ देखा।
सीधा खड़ा होता हुआ हैरी बोला—"लेकिन उस तरफ—जरा उस तरफ देखिए रघुनाथ अंकल-।" हैरी ने जैकी के कटे हुए हाथ की तरफ उंगली उठा दी—"उस कटे हुए हाथ को देखिए, वे मेरे पिता हैं—वह हाथ विकास ने काटा है—आपके बेटे ने।"
गहरी खामोशी।
हैरी ने चहलकदमी-सी की, फिर ठिठककर बोला—"अब आपका बायां हाथ कटेगा—ठीक उसी जगह से, जहां से विकास ने मेरे पिता का काटा है।"
"नहीं हैरी—नहीं।" जैकी चीख पड़ा।
"आप भूल गए, डैडी।" हैरी का कठोर स्वर—"कुछ ही देर पहले मैंने कहा था हाथ के बदले हाथ—खून के बदले खून और जान के बदले जान लेना हैरी का सिद्धान्त है।"
"म...मगर—विकास ने तेरे डैडी को इस तरह लाचार नहीं कर दिया था—यूं जंजीरों में जकड़कर उसने यह हाथ नहीं काटा था—उसने टक्कर ली थी मुझसे—उस जांबाज ने मुझे जीता था।"
"रघुनाथ अंकल को भी बचाव का पूरा मौका मिलेगा।"
जूलिया कह उठी—"तुम पागल हो गए हो हैरी।"
"नहीं—मैं पागल नहीं हुआ हूं—पूरे होश में हूं मैं—यदि पागल हो गया होता तो उस चौराहे पर विजय की गोली से नकली रघुनाथ नहीं, बल्कि असली रघुनाथ मारा जाता—मगर मेरा प्रतिशोध इनके प्राण लेने से नहीं, बल्कि इनका हाथ काटकर छोड़ देने से पूरा होगा।"
"फिर—वहां उस नकली रघुनाथ को मरवाने की क्या जरूरत थी?"
"विजय और विकास को हमेशा के लिए दुश्मन बनाने के लिए।"
"त...तुम...तुम विजय और विकास को दुश्मन बनाओगे...हा—हा—हा—।" अचानक ही खिल्ली उड़ाने के अन्दाज में कहने के बाद जंजीरों में जकड़ा जैकी ठहाका लगा उठा—जब वह एक बार हंसा तो फिर हंसता ही चला गया—न सिर्फ हैरी बल्कि सभी चौंक गए अन्दाज में उसकी तरफ देखने लगे थे—वह इस तरह ठहाके लगा-लगाकर हंस रहा था, मानो पागल हो गया हो।
हैरी ने पूछा—"क्या बात है, डैडी—आप इस तरह क्यों हंस रहे हैं?"
"य...यह सुनकर कि तुम विजय और विकास में दुश्मनी कराओगे।"
"इसमें हंसने की क्या बात है—वे एक-दूसरे के दुश्मन बन चुके हैं।"
इस बार जैकी ने पहले से भी कहीं जोरदार ठहाका लगाया, बोला—"भले ही तुम विकास को मूर्ख बना दो, हैरी—भले ही विकास तुम्हारी चाल में फंसकर विजय की लाश बिछाने निकल पड़े, मगर विजय तुम्हारे दिमाग से बहुत बाहर की चीज है।"
"इस बार विजय अंकल भी फंस गए हैं, डैडी—उन्हें पूरा विश्वास है कि चौराहे पर उनकी गोली से सुपर रघुनाथ ही मरा है।"
"तुम्हारा वहम है बेटे और हम दावे के साथ कह सकते हैं कि कुछ देर में विजय यहां पहुंचने वाला है।"
"ये आप क्या कह रहे हैं, डैडी?"
चमकदार आंखों वाली जैकी ने कहा—"सच यही है, बेटे।"
जूलिया सहित सभी चकित निगाह से जैकी की तरफ देखने लगे—जैकी के होंठों पर बहुत ही गहरी जहरीली मुस्कान थी—हैरी ने पूछा—"ऐसा आप किस आधार पर कह रहे हैं?"
"यह मैं तुम्हें नहीं बताऊंगा।"
"डैडी?"
"किसी भी कीमत पर नहीं, बेटे।"
हैरी एकदम बेचैन-सा नजर आने लगा—चेहरे पर उलझन के भाव उभरे—वह कुछ ज्यादा ही तेजी से चहलकदमी करने लगा—न केवल वही बल्कि सारी दुनिया जैकी के दिमाग का लोहा मानती थी—वह जानता था कि यदि उसके डैडी कुछ कह रहे थे तो निश्चित रूप से उसके पीछे कोई आधार था, लेकिन क्या—ऐसा डैडी ने क्या महसूस किया कि वे एकदम इतने आश्वस्त नजर आ रहे थे—उसकी ऐसी अवस्था देखकर जैकी और जोर-जोर से ठहाके लगाकर हंस पड़ा—हैरी समझ चुका था कि उनसे कोई भी सवाल करना बेकार था—वे जवाब नहीं देंगे।
एकाएक ही हैरी के दिमाग में विचार उठा—"कहीं ऐसा तो नहीं कि डैडी सिर्फ मुझे उलझाना चाह रहे हों—यह महसूस करने के बाद कि अब मैं रघुनाथ के हाथ काटे बगैर न रहूंगा—वे मुझे मुख्य मकसद से भटका देना चाहते हों?"
'जरूर ऐसा ही है।'
इस विचार के दिमाग में आते ही वह चीखा—"नम्बर ट्वेन्टी।"
"यस सर।"
"खुखरी।"
नम्बर ट्वन्टी ने अपनी बैल्ट में धंसी हुई खुखरी निकालकर हैरी की तरफ उछाल दी—बेहद चमकदार खुखरी हॉल के चकाचौंध कर देने वाले प्रकाश में झन्नाती हुई-सी हवा में लहराई—हैरी ने लपकी और जैकी की तरफ घूमकर बोला—"मैं आपकी चाल में नहीं फंसा हूं, डैडी।"
"क्या मतलब?"
"आप मेरा दिमाग हाथ काटने की तरफ से भटकाना चाहते थे न?"
"वहम है तुम्हारा।"
"वहम ही सही—आपकी बात ठीक ही सही, डैडी—यदि आपके कथनानुसार यह मान भी लिया जाए कि विजय अंकल यहां पहुंचने वाले हैं तो उनके पहुंचने से ही पहले ही मैं अपना प्रतिशोध पूरा करने वाला हूं” —कहने के बाद उसने खुखरी वाला हाथ ऊपर उठाया ही था कि—।
"न...नहीं हैरी—नहीं।" रेहाना चीख पड़ी।
हैरी ने चौंककर उसकी तरफ देखा—जैकी के अलावा सभी के चेहरों पर चौंकने के भाव थे, जबकि चीखती हुई रेहाना ने अपने चेहरे से एक फेसमास्क नोच लिया।
हैरी के कंठ से चीख-सी निकल गई—"र...रैना मां...।"
"रैना।" जंजीरों में जकड़ा रघुनाथ उछल पड़ा।
"न...नहीं, मेरे बेटे।" चीखती हुई रैना उसकी तरफ बढ़ी—"ऐसा अनर्थ न करो—यदि एक बेटा पागल है तो तुम भी पागल मत बनो—बन्द कर दो ये खूनी खेल-इनके हाथ काटकर आखिर तुम्हें क्या मिलेगा—जैकी भइया का हाथ तो नहीं लौट आएगा?"
हैरी की नीली आंखों में आंसू भर आए—बोला—"उस वक्त तुम कहां थीं रैना मां—उस वक्त कहां थीं तुम-जब तुम्हारे गर्भ से जन्मा मेरे डैडी का हाथ काट रहा था?"
"प्रतिशोध में जलकर इंसान पागल हो जाता है, हैरी।"
"मुझे अपने पागल होने की परवाह नहीं है—मैं बदला लेने निकला हूं—हर हालत में बदला लेकर ही लौटूंगा—चुपचाप खड़ी रहो—वैसे आप चूक गईं—मैं अभी हाथ काटने नहीं जा रहा था। भला इस तरह हाथ कैसे काट सकता हूं—मैंने तो खुखरी इनकी जंजीरें काटने के लिए हवा में उठाई थी—शायद आपने सोचा कि...।"
"ये गलत है, हैरी—हिंसा से हिंसा ही भड़कती है—तुम...।"
उसकी बात पूरी होने से पहले ही हैरी चीखा—"इन्हें पकड़ लो।"
तुरन्त चार व्यक्तियों ने रैना को जकड़ लिया—रैना चीखी चिल्लाई, परन्तु व्यर्थ—हैरी के चेहरे पर जो कठोरता विराजमान थी, उसमें लेशमात्र भी अन्तर नहीं आया—तभी बाईं तरफ से हॉल में खुशी के कारण बदहवास-सा एक व्यक्ति दाखिल होता हुआ चीखा—"स...सर...सर—।"
"क्या बात है?" हैरी ने घूमकर पूछा।
उसने अपनी फूली सांस को नियंत्रण में रखकर जल्दी से कहा—"व...विजय मर गया है, सर—।"
सभी धक्क् से रह गए।
"क्या बकते हो?" हैरी अजीब से स्वर में चीख पड़ा।
"म...मैं सही कह रहा हूं, सर—ट्रांसमीटर पर अभी-अभी खबर आई है।"
"खबर किसने भेजी?"
"ल...लॉकहीड ने सर।"
"क्या कहा उसने?"
"आपके आदेशानुसार विकास के होश में आते ही बड़ी तरकीब से उसके दिमाग में यह बात डाल दी गई कि विजय अपने साथियों के साथ गुलफाम के होटल में है—वह मोन्टो को साथ लेकर सीधा गुलफाम के होटल पहुंचा—इस बार उसने विजय को कोई मौका नहीं दिया—जाते ही उसके पीछे से सारा रिवॉल्वर उस पर खाली कर दिया—विजय को पूरी छह गोलियां लगीं—तड़पने का मौका भी नहीं मिला उसे और ठण्डा पड़ गया।
"फिर क्या हुआ?"
"यह दृश्य देखकर विजय के साथी—गुलफाम और उसके साथी पागल हो उठे—उन सभी ने मिलकर विकास और मोन्टो को अधमरा कर डाला है लेकिन, सर...।"
"लेकिन क्या?"
"लॉकहीड ने यह खबर भी दी है कि रेहाना भी वहीं है और वे सब जानते हैं कि चौराहे पर विजय की गोली से मरने वाला सुपर रघुनाथ नकली था।"
"यह वे कैसे जानते हैं?"
"यह तो नहीं पता, किन्तु लॉकहीड का कहना है कि अचानक ही विजय की मृत्यु के बाद जब उसके दोस्त—गुलफाम और गुलफाम के दोस्त स्वयं रोते-बिलखते उसे मार रहे थे, तब वे चीख-चीखकर विकास को बता रहे थे कि विजय ने चौराहे पर रघुनाथ को नहीं मारा था—रघुनाथ के मेकअप में वह कोई और था—वे आपका नाम भी जानते हैं—लॉकहीड ने उसी वक्त उन्हें यह करते भी सुना कि—हैरी को धोखे में रखने के लिए ही विजय अभी तक खुद को रघुनाथ का हत्यारा प्रदर्शित कर रहा था—विकास को मारते समय उसे वे यह भी बता रहे थे कि हैरी के अड़्डे तक पहुंचने के लिए विजय ने एक जबरदस्त चाल भी चल रखी थी।"
रैना की तरफ देखकर हैरी कह उठा—"हां—चाल तो चाल रखी थी।"
जोश में भरा रिपोर्ट देने वाला व्यक्ति शांत खड़ा रहा।
"अब विकास की क्या हालत है?"
"बुरी तरह घायल होने के बाद वह बेहोश हो गया है।"
"ओह!" कहने के बाद उसने एक पल कुछ सोचा, फिर बोला—"तुम ट्रांसमीटर के पास जाओ—जैसे ही कोई नई रिपोर्ट मिले, तुरन्त हमें खबर करना।"
"जो आज्ञा।" कहकर वह चला गया।
हॉल में सन्नाटा छा गया था—गहरा सन्नाटा—बहुत से चेहरों पर हवाइयां उड़ रही थीं—बहुत-से चेहरों पर खुशी नाच रही थी—हैरी का चेहरा बिल्कुल सपाट था, जैसे इस खबर से न तो उसे विशेष खुशी ही हुई हो और न ही विशेष दुख—उसने बारी-बारी से जैकी, जूलिया, रघुनाथ और रैना के चेहरे देखे—फिर हॉल में चहलकदमी-सी करता हुआ बोला—"अब सारी घटनाए शीशे की तरह साफ हैं—विजय अंकल चौराहे पर रघुनाथ को गोली मारने से पहले ही यह भांप गए थे कि वह सुपर रघुनाथ नहीं है—वे उसी समय यह भी समझ गए कि मुजरिम क्या चाहता है—इसीलिए उन्होंने गोली सुपर रघुनाथ के पैर में न मारकर सीधी सीने में मारी—वहां से भागे और उसके बाद जितनी भी हरकतें कीं, उनसे यह जाहिर किया कि वे स्वयं को सचमुच ही रघुनाथ का हत्यारा समझते है—उस वक्त मेरा नाम नहीं जानते थे—मगर यह समझ गए थे कि उन घटनाओं के पीछे जो भी कोई है, वह उन्हें रघुनाथ का हत्यारा दर्शाकर विकास से टकराना चाहता है—उस वक्त मुजरिम पर यह जाहिर करने ही उनकी सबसे बड़ी चाल थी कि वे मुजरिम की चाल में फंस गए हैं—निस्सन्देह वे अपनी इस चाल में कामयाब रहे, यानि मुझे कभी शक न हुआ कि वे हकीकत जानते हैं और स्वयं को सुपर रघुनाथ का हत्यारा दर्शाने का नाटक कर रहे हैं—जिस समय विकास उनके साथियों को पकड़-पकड़कर कैद कर रहा था, उस वक्त अन्दर ही अन्दर उस तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, जिसके इशारे पर यह सब कुछ हो रहा था—रेहाना एक रात पुलिस लॉकअप में रही—इसी रात विजय अंकल ने उसे वहां से गुप्त तरीके से उठाकर गुलफाम के होटल में टॉर्चर किया होगा—मैं समझ सकता हूं कि उनके सामने रेहाना अपना मुंह बन्द न रख सकी होगी—अतः उन पर सब कुछ खुल गया—मेरा नाम-मेरा मकसद—किन्तु रेहाना को इस अड्डे का पता नहीं मालूम था—हां, उसने यह जरूर बता दिया होगा कि मैंने उसे पुलिस की गिरफ्त से निकालने का वचन दिया है—बस, उसी रात वे रैना मां से मिले—इन्हें सारी हरकत बताने के बाद रेहाना बनाकर टार्चर चेयर पर डाल दिया गया—क्यों रैना मां, बोलो—क्या यही सब कुछ नहीं हुआ था?"
रैना ने चेहरा झुका लिया।
"इसका मतलब यही हुआ था—विजय अंकल को मेरे अड्डे पर हमला बोलने के लिए अपने साथियों की जरूरत थी, इसीलिए विकास से टकराकर भी ये उन्हें निकालकर लाए—जब आप रेहाना के कमरे में अकेली थीं, तब आपने किसी ट्रान्समीटर आदि के जरिए यहां का पता उन्हें बता दिया होगा।"
"मैं अभी ऐसा नहीं कर पाई थी।"
"यदि कर भी दिया होगा, तब भी अब कोई बहुत बड़ा तीर चलने वाला नहीं है—विकास को विजय अंकल की किसी योजना की भनक तक नहीं थी, इसीलिए पता लगते ही वह गुस्से में भरा गुलफाम के होटल पहुंच गया—जिस वक्त उसने उन पर रिवॉल्वर खाली किया, उस वक्त विजय अंकल अपने साथियों को या तो इस अड्डे पर हमला करने की स्कीम समझा रहे थे या आपके सन्देश की प्रतीक्षा कर रहे थे—भारत में ऐसी सिर्फ दो हस्तियां थीं, जो हैरी का कुछ बिगाड़ सकती थीं—एक हमेशा के लिए खत्म हो गई—दूसरी बेहोश पड़ी है—हां, होश में आने और हकीकत का पता लगने पर विकास ज्वालामुखी जरूर बन सकता है, किन्तु तब तक हैरी अपना प्रतिशोध लेकर हिन्दुस्तान की धरती छोड़ चुका होगा—हां, ये मुमकिन है कि आप झूठ बोल रही हों यानि इस इमारत का पता आप विजय अंकल को बता चुकी हों—उस हालत में मुझे गुलफाम और उसके साथियों से खतरा है—मगर हैरी के लिए यह कोई विशेष खतरा नहीं है—इस किस्म के छुटभइयों से निपटना मैं खूब जानता हूं।"
फिर—उसने अपने कई आदमियों को इमारत की सुरक्षा हेतु निर्देश दिए।
जैकी के ठीक सामने पहुंचकर बोला—"आपने ठीक ही कहा था, डैडी—इसमें शक नहीं कि विजय अंकल मेरी चाल में बिल्कुल नहीं फंसे थे, बल्कि उल्टा मैं ही उनके झांसे में आ गया था—इसमें भी शक नहीं कि आपके कहे मुताबिक वे कुछ ही देर बाद पहुंचने वाले थे, लेकिन—।" कहकर एक पल तक चुप रहा हैरी फिर बोला—"विकास ने सब कुछ खत्म कर दिया—सब कुछ।"
"मुझे यकीन नहीं कि तुम्हारे पास आई यह रिपोर्ट सच है।"
"आपके शब्दों में दृढ़ता नहीं है, यानि आप खुद मानते हैं, लॉकहीड ने मुझे गलत रिपोर्ट नहीं दी—फिर रिपोर्ट की सच्चाई तो इसी से जाहिर है कि लॉकहीड ने तबस्सुम का उनके पास होने और विजय को मेरा नाम आदि सब कुछ पता होने का उल्लेख किया है।"
जैकी के पास कोई जवाब नहीं था।
हंसता हुआ हैरी उनके सामने से हटा, बोला—"बड़े-बड़े धुरन्धरों की जुबान को ताले लग गए हैं—हा—हा—हा किसी के पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है—विजय अंकल मर चुके हैं, डैडी—आपके सबसे ज्यादा होनहार शिष्य इस दुनिया में नहीं रहे—हा—हा—हा।"
हैरी पागलों की तरह हंसता रहा।
¶¶
"सम्भलो, अंकल-सम्भलो—।" कहने के साथ ही हैरी ने झपटकर सुपर रघुनाथ पर खुखरी का वार किया—रघुनाथ ने फुर्ती से पैंतरा बदला—अपने दाएं हाथ में दबी खुखरी चलाई, किन्तु हैरी ने उसे अपनी खुखरी पर रोक लिया।
सारे हॉल में खुखरियों के आपस में टकराने की आवाज गूंज उठी।
जैकी, जूलिया और रैना के दिल धड़क रहे थे—रैना का चेहरा तो बिल्कुल सफेद ही पड़ चुका था—हॉल के बीचोबीच पिछले पांच मिनट से रघुनाथ और हैरी के बीच खुखरियों का वह युद्ध चल रहा था।
हैरी ने रघुनाथ के बंधन काटकर उसे भी एक खुखरी दिला दी थी—अभी तक रघुनाथ खुद को बचाए हुए था—मगर सभी यह सोच रहे थे कि रघुनाथ इस तरह खुद को कब तक बचा सकेगा?
अचानक हॉल में बदहवास-सा एक बलिष्ठ अमेरिकी प्रविष्ट हुआ—हॉल में चल रहे युद्ध को देखकर वह एक पल के लिए ठिठका—मगर फिर जल्दी से बोला—"ग...गजब हो गया, बॉस!"
रघुनाथ से लड़ते हुए ही हैरी ने पूछा—“ क्या बात है लॉकहीड?”
“लगता है कि गुलफाम आदि को इस अड्डे का पता चल चुका है।”
“कैसे?”
“मैं अपने कानों से सुनकर आया हूं—वे लोग यहां हमला बोलने की योजना बना रहे हैं।”
रघुनाथ से लड़ते हुए हैरी ने कहा—"मेरा अनुमान ठीक ही निकला—रैना मां ट्रांसमीटर पर विजय अंकल को यहां का पता बता चुकी थीं—खैर, तुम परवाह मत लॉकहीड—जब तक रैना मां यहां हैं, तब तक वे इस इमारत को एकदम नहीं उड़ा सकते—सिर्फ पांच मिनट का खेल और रह गया है—मेरा प्रतिशोध पूरा होने वाला है—जब वे यहां पहुंचेंगे, तब उन्हें मलबे के सुलगते हुए एक बहुत बड़े ढेर के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।"
"ल...लेकिन बॉस—।"
"घबराओ नहीं, लॉकहीड—आराम से खड़े होकर खेल देखो—देखो कि मेरा प्रतिशोध कितने रोमांचकारी ढंग से पूरा होता है।"
बलिष्ठ अमेरिकी कुछ कहता-कहता रुक गया।
खुखरियों के आपस में टकराने की आवाज गूंज रही थी— 'खन—खन—खन।'
जैकी ने अमेरिकी की तरफ देखा—एकाएक ही जैकी के होंठों पर मुस्कान दौड़ गई—उसी मुस्कान के साथ लॉकहीड नामक अमेरिकन ने भी जैकी को आंख मारी।
अभी सिर्फ दो ही मिनट गुजरे थे कि इमारत के बाहर कहीं फायर की एक आवाज गूंजी—उस आवाज को सुनकर सभी चौंके, किन्तु अभी ठीक से चौंक भी नहीं पाए थे कि लॉकहीड का रिवॉल्वर गरजा।
गोली हैरी के हाथ में दबी खुखरी पर लगी।
उसके हाथ से निकलकर खुखरी झनझनाती हुई एक दीवार से जा टकराई—हैरी ने चौंककर लॉकहीड की तरफ देखा ही था कि रघुनाथ की खुखरी उसकी पीठ पर एक लम्बा चीरा लगा गई।
हैरी के कंठ से एक चीख उबली—घूमकर जिस वक्त उसने रघुनाथ के चेहरे पर अपने बूट की जोरदार ठोकर मारी थी, उसी वक्त बिजली-की सी तेजी से लॉकहीड फर्श पर लेटा—रिवॉल्वर हाथ में लिए वह अजीब-से ढंग से लुढ़कता ही चला गया—साथ ही फायर भी करता जा रहा था।
एक के बाद एक लगातार उसके रिवॉल्वर ने चार शोले उगले।
जैकी और जूलिया के हाथों में बंधी जंजीरें खनखनाकर टूट गईं—जोश में भरी रैना ने तेज झटका दिया तो उसे पकड़े हक्के-बक्के से खड़े चारों व्यक्ति छिटक गए।
रघुनाथ दूर जा गिरा।
दीवारों के सहारे खड़े सशस्त्र व्यक्तियों ने विजय पर फायर किए, तब तक विजय अपना काम करने के बाद तेजी से लुढ़कता जा रहा था—गोलियां उसके इर्द-गिर्द फर्श में धंस गईं—कुछ उसे लगीं भी, किन्तु कोई लाभ नहीं—कदाचित् उसने बुलेट प्रूफ लिबास पहन रखा था।
हालातों को भांपते ही हैरी चीख पड़ा—''लाइट ऑफ कर दो।"
एक धमाके के साथ हॉल में अन्धेरा छा गया—घुप्प अंधेरा—कोई किसी को नहीं चमक रहा था—हॉल में गोलियों की आवाज आ रही थी।
जैसे छोटी-मोटी सेनाएं भिड़ गई हों।
¶¶
सच्चाई भी थी यही—यानि इमारत के बाहर सचमुच दो सेनाएं भिड़ गई थीं—एक सेना हरी वर्दी में थी—दूसरी खाकी वर्दी में—हरी वर्दी वाली सेना का नेतृत्व भारत में स्थित अमेरिकी जासूसों का सीनियर कर रहा था और खाकी वर्दी वालों का नेतृत्व ठाकुर साहब।
लड़ाई छेड़ने से पहले ठाकुर साहब ने इमारत के चारों तरफ एक जबरदस्त मोर्चा जमा लिया था—उनकी सेना की संख्या भी हरी वर्दी वालो से बहुत ज्यादा थी—अतः हरी वर्दी वाले कमजोर पड़ रहे थे।
ठाकुर साहब की सेना चारों तरफ से इमारत के नजदीक खिसकती जा रही थी।
खाकी वर्दी वाली सेना की मदद गुलफाम-उसके गुर्गे तथा अशरफ, विक्रम, नाहर, परवेज और आशा भी कर रहे थे—जंग का ऐलान करने के लिए सबसे पहले फायर अशरफ ने ही किया था, जिसकी आवाज सुनने के बाद लॉकहीड के रूप में विजय ने हॉल में कार्यवाही शुरू की।
सारी इमारत अंधेरे में डूब चुकी थी—लॉन में अंधेरा छा गया था—ठाकुर साहब के जवान आगे बढ़ने के लिए टॉर्चों का प्रयोग कर रहे थे।
¶¶
हैरी मूर्ख नहीं था—समझ सकता था कि खेल बिगड़ चुका था।
लॉकहीड की चुस्ती-फुर्ती ने ही उसे बता दिया था कि वह विजय था और उसी ने लॉकहीड की आवाज में ट्रांसमीटर पर अपनी मृत्यु की सूचना भी दी थी—हैरी को खुद पर झुंझलाहट-सी भी आई—यह सोचकर उसे स्वयं पर गुस्सा आया कि वह लॉकहीड की हकीकत तब समझा, जब खेल बिगड़ चुका था।
जैकी, जूलिया, रघुनाथ और रैना भी उस वक्त आजाद थे—वह समझ सकता था कि उन पांच व्यक्तियों की मौजूदगी उस हॉल में कहर ढाने के लिए काफी थी।
फिलहाल अंधेरा था और अंधेरा भी अभी हुआ था, यानि किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, मगर कुछ ही देर बाद हॉल में मौजूद लोगों की आंखें अंधेरे की अभ्यस्त हो जाएंगी और तब हर कोई खुद से करीब एक गज की दूरी तक किसी भी वस्तु को साए के रूप में देख सकेगा।
हाथ में रिवॉल्वर लिए उस वक्त हैरी एक थम्ब से चिपका खड़ा था—बाहर से लगातार गूंजने वाली फायरिंग की आवाज ने उसे बता दिया कि कुछ देर बाद उस इमारत पर दुश्मन का कब्जा हो जाएगा—अभी वह यह सब सोच ही रहा था कि—एक टॉर्च चमकी।
'धांय।'
कांच के टूटकर बिखर जाने की ध्वनि।
इस फायर ने अंधेरे हॉल में एक अजीब—सा कोलाहल मचा दिया...भगदड़ मच गई—कदाचित् हरी वर्दी वाले अपना धैर्य खो बैठे थे—फिर वहां निरन्तर फायर और चीखें गूंजने लगीं।
हैरी अपने स्थान से हटा—रिवॉल्वर सम्भाले छोटे-छोटे कदमों के साथ अनुमान से ही उस तरफ बढ़ा, जिस तरफ लम्बी-चौड़ी मेज पड़ी थी—अचानक कोई उससे टकराया।
अभी वह ट्रिगर दबाने ही वाला था कि जैकी की आवाज—"कौन है?"
"पांव लागूं, गुरूदेव।" उसने फुसफुसाकर विजय के से स्वर में कहा।
"ओह।" जैकी फुसफुसाया—"विजय, तुम हो—हैरी को तलाश करो—वह निकलने न पाए।"
जवाब देने के लिए हैरी ने मुंह खोला, लेकिन फिर बिना कुछ कहे ही बन्द कर लिया, क्योंकि अंधेरे में सरसराता हुआ जैकी उसका उत्तर सुने बिना ही एक तरफ को चला गया था—हैरी अपनी मंजिल की तरफ बढ़ा।
मेज के किसी कोने से टकराया—फिर मेज को ही टटोलता-टटोलता वह कुर्सी पर भी पहुंच गया—कुर्सी पर बैठकर उसने बाएं हत्थे पर कुछ टटोला—एक बटन पर उंगली पड़ते ही उसने बटन दबा दिया।
हल्की-सी सरसराहट के साथ कुर्सी फर्श में समा गई।
¶¶
करीब पन्द्रह मिनट तक जंग जारी रही।
जंग के दौरान पुलिस माइक पर लगातार दुश्मनों को लड़ाई बन्द करके आत्मसमर्पण करने की चेतावनी और सलाह विभिन्न शब्दों में दी जाती रही—पुलिस को अंधेरे के कारण इमारत पर कब्जा करने में काफी दिक्कत और परेशानी हुई—समय भी लगा।
बहुत से हरी वर्दीधारी मारे गए—कुछ गिरफ्तार हो गए।
जब इमारत पर पूरी तरह पुलिस का कब्जा हो गया—तब टॉर्चों की मदद से मेन स्विच की तलाश की गई। उसे ऑन किया गया—रोशनी होने पर अंधेरे में इधर-उधर छुपे हरी वर्दीधारियों ने संघर्ष किया, किन्तु अधिकांश मारे गए—शेष गिरफ्तार।
अंततः इमारत पर पुलिस का कब्जा।
ठाकुर साहब ने रघुनाथ को लिपटा लिया।
किन्तु सारी इमारत छान मारने पर भी हैरी का कहीं कुछ पता नहीं लगा—मेज के पीछे रिवाल्विंग चेयर अपने स्थान पर मौजूद थी—अंत में जाने क्या सोचकर जैकी उस तरफ बढ़ा—शीघ्र ही वह कुर्सी के बाएं हत्थे पर मौजूद बटन की ओर संकेत करके बोला—"शायद हैरी इसी बटन की मदद से गायब हो गया है विजय।"
विजय कुर्सी पर बैठकर बटन दबा चुका था।
कुर्सी फर्श में समाती चली गई—देखने वाले उसे हैरत से देखते रह गए, जबकि कुर्सी पर बैठा विजय भी फर्श में समाता चला गया—करीब आठ गज नीचे जाकर कुर्सी स्वयं ही रुक गई—विजय ने देखा—उसके सामने दूर तक चली गई एक छोटी-सी गैलरी थी— गैलरी की छत में एक-दूसरे से काफी दूर-दूर लगे बल्ब टिमटिमा रहे थे—सारी गैलरी में उनका धुंधला-सा प्रकाश मौजूद था।
विजय कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।
उसके हटते ही सरसराती हुई कुर्सी पुनः ऊपर जाने लगी—कुर्सी के निचले भाग से लोहे की एक मोटी रॉड सम्बद्ध थी, जो कि गैलरी के फर्श से निकलकर लम्बी होती जा रही थी—उसी रॉड के उपरोक्त सिरे पर कुर्सी फिक्स थी—अगले ही पल कुर्सी गैलरी की छत के पार जाकर फिक्स हो गई।
छत से फर्श तक लोहे की रॉड तनी हुई थी।
विजय समझ गया कि उस वक्त कुर्सी हॉल में मेज के पीछे मौजूद होगी—कुछ ही देर बाद धंसती हुई-सी कुर्सी पुनः नीचे आई—लोहे की रॉड फर्श में समाती चली गई—उस बार कुर्सी पर बैठकर जैकी नीचे आया था।
वे दोनों गैलरी में बढ़ गए।
कई मोड़ पार करने के बाद वे एक ऐसे स्थान पर पहुंचे जहां हल्की-सी गड़गड़ाहट के साथ छोटा-सा जनरेटर चल रहा था। उसे देखकर जैकी कह उठा—"ओह—तो ये चक्कर था।"
"क्या चक्कर था?" विजय ने पूछा।
"मैं यह सोच-सोचकर परेशान था कि जब मेन स्विच ही ऑफ था तो बटन के दबने से कुर्सी कैसे हरकत में आई—वह इमारत की लाइट से नहीं, बल्कि इस जनरेटर से सम्बद्ध थी।"
"यह बात तो हम बचपन से समझे बैठे हैं, गुरूदेव।"
जैकी उसकी तरफ देखकर धीमे से मुस्करा दिया।
¶¶
जब विकास और मोन्टो को होश आया तो उन्होंने स्वयं को अपने घर यानि सुपर रघुनाथ की कोठी में पाया—वे दोनों एक ही बिस्तर पर मौजूद थे—सबसे पहले उनकी नजर ठाकुर साहब पर पड़ी, जिन्हें देखते ही वे उछल पड़े—फिर रैना पर पूरा मेकअप—मांग में सिन्दूर और गोरी गोल कलाइयों में चूड़ियां।
वे चकित रह गए!
जबकि विजय ने कहा—"कहो, प्यारे।"
चौंककर दोनों ने विजय की तरफ देखा—उनकी अवस्था पर ढेर सारे स्त्री-पुरुषों का संयुक्त ठहाका गूंज उठा...।
कमरे में सभी मौजूद थे।
ठाकुर साहब रघुनाथ, रैना, विजय, गुलफाम, जैकी, जूलिया, अशरफ, विक्रम नाहर, परवेज, आशा और अजय भी—विकास और विजय के अलावा कोई नहीं जानता था कि अजय ही भारतीय सीक्रेट सर्विस का चीफ है—सबको ठहाका लगाकर हंसते देखकर वे भौंचक्के रह गए।
जैकी और जूलिया को यहां देखकर तो उन्होंने बहुत ही ज्यादा आश्चर्य व्यक्त किया।
रघुनाथ को जोवित देखकर उनकी खोपड़ी झनझना गई थी।
आश्चर्य में डूबे विकास ने पूछा—"ये सब क्या चक्कर है?"
"खेल खत्म हो गया है, प्यारे और पैसा हजम।"
"क्या मतलब?"
"मतलब ये प्यारे दिलजले कि खुद को हीरो समझने वाले यानि तुम और मोन्टो बेहोश ही रहे, जबकि हमने और बापूजान ने मिलकर न सिर्फ उस मुजरिम का तबला बजा दिया, जो यह सब कर रहा था, बल्कि गुरूदेव—गुरूवानी और तुलाराशि को उसकी कैद से भी मुक्त कर लिया।"
"क...कैद से—मगर—वह था कौन—क्या चाहता था—जैकी गुरू और जूलिया आंटी उसकी कैद में क्यों थे—यदि डैडी जिंदा हैं तो वहां चौराहे पर कौन मरा था?"
"इन सब सवालों के जवाब में हमें पूरी रामायण सुनानी पड़ेगी, प्यारे।"
"कहिए।"
"हैरी—यानी इस केस का मुजरिम हैरी आर्मस्ट्रांग था।"
विकास एकदम उछल पड़ा—“ ह...हैरी?"
"न-न—उछलो मत प्यारे—आराम से बैठो।" उसे पुचकारते हुए विजय ने कहा—"अभी तो पहला ही धमाका किया है—हमारी रामायण में ऐसे तो जाने कितने धमाके होंगे—यदि तुम इसी तरह उछलते रहे तो निश्चित रूप से अपना सिर कमरे की छत से टकराकर फोड़ लोगे।"
“मगर हैरी ये सब क्यों कर रहा था?”
“जैकी गुरू के कटे हुए हाथ की वजह से।”
"कटा हुआ हाथ—मगर—।"
"सुनो प्यारे—कान लगाकर ध्यान से सुनो—अपने गुरूदेव आदि से बात करने के बाद जो मलूदा निकलकर सामने आया है, उसे संक्षेप में हम यूं कह सकते हैं—।" विजय रुका और एक लम्बी सांस लेने के बाद किसी टेपरिकॉर्डर के समान शुरू हो गया—"अमेरिका में अपने साइकिल चेन (माइक) से हैरी को यह पता लगा कि गुरूदेव का हाथ तुमने काटा है—हैरी तुम्हारी तरह पायजामे से बाहर हो गया—सबसे पहले वह तुमसे बदला लेने के लिए भारत आने की इजाजत लेने अपने चीफ के पास विरुध्द और ज्यादा भड़काकर भारत में स्थित अपने जासूसों के पते भी दिए—यानि पूरी मदद की—यही बात जब घर पहुंचने पर हैरी ने इन दोनों से कही तो इन्होंने विरोध किया—इन्होंने समझाना चाहा कि यह हाथ धर्मयुद्ध में कटा है, अतः किसी भी रूप में इसका बदला लेने की बात सोचना भी युक्तिसंगत नहीं है—मगर गर्म खोपड़ी हैरी को न मानना था न माना—उधर हैरी के चीफ ने कहा कि जब वह भारत जा ही रहा है तो ऐसा कोई काम क्यों न करे जो हममें और तुममे ठन जाए—हैरी ऐसा करने के लिए तैयार हो गया—दोनों ने मिलकर हमें आपस में भिड़ा देने की स्कीम बनाई।"
"वह स्कीम क्या थी?"
"सबसे पहले लॉकहीड नामक राजनगर में स्थित अमेरिकी जासूस के जरिए गुप्त ढंग से अपने तुलाराशि की एलबम से वह फोटो गायब कराई गई, जिसमें तुलाराशि तेरह वर्ष की आयु का अपने माता-पिता के साथ था—हैरी ने मालूम कर लिया था कि अपने तुलाराशि का इससे पहला कोई फोटो उपलब्ध नहीं—उस फोटो से निगेटिव बनाए गए—फोटो वापस एलबम में लगवा दी गई—अमेरिकी जासूसों के हाथ से गुजरते हुए निगेटिव न्यूयार्क पहुंचे—निगेटिव में से अपने तुलाराशि का फोटो अलग कर लिया गया—एक अच्छे आर्टिस्ट फोटोग्राफर से उसे ऐसा बना दिया गया, जैसे अलग पोज में हो—फिर मिस्र की हिस्ट्री के मुताबिक उस फोटो का सम्बन्ध मिस्र के छोटे से कस्बे दोघट से जोडा गया।"
"क्या मतलब?"
"आज से इकत्तीस साल पहले दोघट में सचमुच एक ऐसा जलजला आया था, जैसे जलजले का जिक्र अहमद ने किया था।"
"यानि यदि हम वह हिस्ट्री उठाकर देखते, तब भी उनका बयान ही सच होता?"
"हां, सारी योजना खूब-सोच-समझकर बनाई गई थी—काल्पनिक कैरेक्टरों का सम्बन्ध वास्तविक स्थानों और घटनाओं से जोड़ा गया था—बड़ी मेहनत से पुराने कागजों पर तीस साल पुराने से लेकर आज तक की तारीकों के देश-विदेश के विभिन्न अखबार छपवाए गए—तारीफ की बात यही थी कि प्रत्येक अखबार में तत्कालीन घटनाओं का ही जिक्र था, जो सचमुच तात्कालिक अखबारों से मारी गई थीं—गर्ज यह कि तुलाराशि को इकबाल साबित करने के लिए एक लम्बी-चौड़ी और जबरदस्त योजना पर काम जारी हो गया—अहमद और तबस्सुम (रेहाना) दरअसल एक पाकिस्तानी नाटक कम्पनी के दो आर्टिस्ट थे, जो पिछले छह महीने से न्यूयार्क में शो दिखा रहे थे—संयोग से हैरी का इश्क रेहाना से चल रहा था—उसी इश्क के जाल में फंसकर उसने रेना को और पैसे के बूते पर अहमद को इस स्कीम पर काम करने के लिए तैयार कर लिया—योजना के मुताबिक इन्हे सब कुछ समझाकर मिस्र और मिस्र से भारत भेजा गया—राजनगर आकर ये दिलबहार होटल में रुके—उधर हैरी पहले ही यहां पहुंचकर विदेशी जासूसों की मदद से डेरा डाल चुका था।"
"तुम बीच में कुछ भूल गए हो विजय।" जैकी ने टोका।
"हां, गुरूदेव—साला चक्कर ही ऐसा घुमावदार है कि एक तरफ के फ्लो में दूसरी तरफ का तारतम्य फ्यूज हो गया—हां—तो कहना यह था कि जब हैरी भारत के लिए चलने लगा तो इन्होंने उसका तगड़ा विरोध किया—हैरी को लगा कि यदि इन्हें खुला छोड़ दिया गया तो ये उसके नेक इरादों की खबर हमें पहुंचा देंगे और वैसी हालत में हैरी का सारा प्लान चौपट हो जाने वाला था—अतः अपनी देख-रेख में रखने के लिए ही इन्हें भी भारत ले आया—फिर यहां अखबार में पहले से ही खूब अच्छी तरह सोचा-समझा विज्ञापन दे दिया गया—उस विज्ञापन के निकलते ही जो कुछ हुआ, वह सबको मालूम ही है।"
रघुनाथ ने कहा—"ये मास्टर का क्या चक्कर था?"
"लो—अपने तुलाराशि की समझ में अभी तक मास्टर का चक्कर ही नहीं आया है।"
सभी ठहाका लगाकर हंस पड़े।
"क्या मतलब?" उलझे हुए रघुनाथ ने पूछा।
"मतलब ये प्यारे कि तोताराम हत्याकांड़ के सम्बन्ध में हमने तुम्हें जो अलंकार सुनाए थे, उसके जले-भूने तुम इस केस को खुद हल करने निकल पड़े—दिलबहार होटल के कमरे में फोन पर अहमद और रेहाना की बात सुनकर ही तुमने निश्चय कर लिया कि तुम इकबाल बनकर मास्टर तक पहुंचोगे—तुम अपने को तीसमारखां समझ रहे थे, जबकि वह फोन और उस पर होने वाली बातें तुम्हें सुनाई ही इसलिए गई थीं कि तुम्हारे दिमाग में यह विचार आए—हैरी सफल रहा, यानी तुम खुद ही उसकी लाइन पर चल पड़े।"
"कमल है!"
"आगे सुनो प्यारे—हैरी ने तो धोती को फाड़कर रुमाल भी बना दिया था।"
विकास ने पूछा—"ज्ञान भारती के रजिस्टरों में डैडी का नाम क्यों नहीं था?"
"क्योंकि अमेरिकी जासूस ज्ञान भारती की प्रिंसिपल को एक बहुत मोटा रजिस्टर दे चुके थे, जिसका हर पृष्ठ सिर्फ डॉलरों से ही बना था।"
"ओह!"
"अपना तुलाराशि मास्टर तक पहुंचने के लिए ड्रामा करता रहा, जबकि दरअसल यह कर वही सब कुछ रहा था, जो हैरी चाहता था—शिकारगाह के खण्डहर में हैरी तब पहुंचा, जब तुलाराशि और अहमद सो रहे थे—उसने रेहाना को विश्वास में लेकर अहमद की हत्या कर दी—अहमद की लाश देखने के बाद तुलाराशि ने जो नाटक किया, उसी की हैरी को उम्मीद थी और उससे वही सब कुछ कराने के लिए हैरी ने वह हत्या की थी—हैरी जानता था कि रघुनाथ कथित मास्टर तक पहुंचने के लिए एक से एक ऊटपटांग हरकत करेगा—उसने की—अंत में जब वह मोन्टो का कत्ल करके भागा तो रेहाना सचमुच ही घबरा गई—उसने सोचा कि अब पुलिस उन्हें पकड़े लेगी—उधर हैरी को लॉकहीड से घटना की सूचना मिल गई थी—रेहाना सारी प्लानिंग जानने के बावजूद भी यह नहीं जानती थी कि हैरी का अड्डा कहां है—इसलिए घबरा गई—उधर हैरी समझ गया कि क्लाइमैक्स आ गया है, अतः उसने बेहोश करके उन्हें अड्डे पर बुला लिया—रेहाना से बातें कीं—जब वह रेहाना को समझा रहा था, तभी उसके आदेश पर हॉल में रघुनाथ को बदल दिया गया, यानि स्वयं रेहाना को भी पता नहीं लगने दिया गया कि रघुनाथ बदल गया है—जिसे रघुनाथ बनाया गया था, उसे यह नहीं बताया गया था कि उसे मरने के लिए भेजा जा रहा है—उसे यह आदेश दिया गया था कि रेहाना सहित वह किसी को भी शक न होने दे कि वह रघुनाथ नहीं है और किसी भी ऐसे अवसर पर, जहां रैना और विजय मौजूद हों, रैना को गोली मार दे—हैरी जानता था कि हमारी मौजूदगी में सच्चे दिल से कोशिश करने के बावजूद भी वह कामयाब न हो सकेगा—अतः मेरी गोली से मारा जाएगा—यही हैरी चाहता था।"
"और यही हुआ।"
"हुआ नहीं प्यारे, बल्कि यूं कहो कि हमने किया।"
"क्या मतलब?"
"इसमें शक नहीं कि हमारा दिमाग शुरू से ही चकरघिन्नी बना हुआ था—यानि हम भी न ताड़ सके थे कि अपना तुलाराशि साला इकबाल बना नहीं है, बल्कि नाटक कर रहा है—मोन्टो की लाश देखकर हम सचमुच उत्तेजित हो गए—तुलाराशि को मार-मारकर भूत बना देने और उसे पुलिस के हवाले कर देने का निश्चय करके वहां से निकल पड़े—चौराहे पर उससे भिड़ने तक मैं गुस्से में ही था—मगर लड़ाई के दौरान मैं यह भांपकर मन ही मन चौंक पड़ा कि वह अपना तुलाराशि नहीं है—लड़ता हुआ मैं यह बराबर सोचता रहा कि नकली रघुनाथ से यह हरकतें कराकर आखिर मुजरिम चाहता क्या है—जब वह रैना को ही मारने लगा तो मैं समझ गया कि मुजरिम क्या चाहता है—मुजरिम की योजना मेरे रिवॉल्वर से रघुनाथ की हत्या करा देने की थी—यदि मैं वहां यह न ताड़ता कि रघुनाथ नकली है तो मैं निश्चय ही रघुनाथ के पैर में गोली मारता, किन्तु यह ताड़ने और यह समझने के बाद कि मुजरिम क्या चाहता है, मैंने मुजरिम तक पहुंचने के लिए वही कर दिया, जो वह चाहता था—रघुनाथ की मृत्यु की जो प्रतिक्रिया रैना और विकास पर होनी स्वाभाविक थी, वह हुई—मैं समझ सकता था कि विकास को और मुझे भिड़ाने के लिए ही मुजरिम ने यह सब कुछ किया है—अतः मैं ऐसा नाटक करता चला गया, जैसे मैं खुद को भी खुद रघुनाथ का हत्यारा ही समझ रहा हूं—तब तक की घटनाओं से मैं अन्दाजा लगा चुका था कि मुजरिम को एक-एक घटना की जानकारी मिल रही है, अतः मैंने हर जगह खुद को रघुनाथ का हत्यारा ही दर्शाया—यहां तक कि गुलफाम के सामने—फोन पर अजय और विकास के सामने भी—वहां भी जहां विकास ने अशरफ आदि को कैद कर रखा था—फिर भी, मुझे मुजरिम तक तो पहुंचना ही था—मुजरिम तक पहुंचने के लिए मुझे तबस्सुम के रूप में एकमात्र 'क्लू' नजर आया—गुप्त रूप से, पूरी सावधानी के साथ मैंने पुलिस लॉकअप से तबस्सुम को उड़ा लिया—गुलफाम के होटल में लाकर मुझे उसे टार्चर करना पड़ा—वह ज्यादा टार्चर न सह सकी और सब कुछ बताती चली गई—अब तक मैंने जो कुछ कहा है, वह सब मुझे तबस्सुम ने ही बताया था—यह भी कि उसका असली नाम रेहाना है—इतना सब कुछ जानते हुए भी वह हैरी का पता नहीं जानती थी—इसी तरह यह भी उसे ज्ञात नहीं था कि जो रघुनाथ मरा है, वह नकली था—मैं समझ गया कि हैरी उसे भी सिर्फ उतनी ही बातें बताता था, जितनी आवश्यक होती थीं—मुझे रेहाना की इस बात से कुछ आशा बंधी कि हैरी ने उसे पुलिस की गिरफ्त से निकालने का वचन दिया है—मैंने सोचा कि हैरी तक मैं तभी पहुंच सकता हूं, जबकि हैरी रेहाना के भ्रम में पुलिस लॉकअप से निकाल कर किसी और को ले जाए—मगर किसे—? यही मेरे सामने सबसे बड़ा सवाल था—ऐसे काम के लिए मेरे पास सिर्फ एक ही लड़की थी—अपनी गोगिया पाशा, मगर यह विकास की कैद में थी और मैं नहीं जानता था कि यह कहां कैद है—विकास को हकीकत मैं बता नहीं सकता था—अन्त में मेरे दिमाग में रैना बहन का ख्याल आया—मैं मजबूर था—उसी रात जाकर रैना को यह विश्वास दिला सका कि मैंने असली तुलाराशि को नहीं मारा है—रैना को रेहाना मैंने खुद बनाया और जिस तरह से गुपचुप रेहाना को लॉकअप से लाया, रैना को पहुंचा दिया—रैना को मैंने वे सभी बातें कंठस्थ करा दी थीं, जो टॉर्चर के बाद रेहाना ने बताई थीं।"
"उसके बाद क्या हुआ?"
"वह सभी जानते हैं—अश्रु और लॉफिंग गैस के मिश्रित बमों का प्रयोग करके हैरी रैना को रेहाना-समझकर पुलिस लॉकअप से निकाल ले गया—रैना को मैंने पहले ही शुगर क्यूब की शक्ल का एक ऐसा ट्रांसमीटर दे दिया था, जिसका सम्बन्ध एक विराम घड़ी से था—क्योंकि हैरी रैना को पुलिस लॉकअप से ले जाते वक्त विकास के मेकअप में था—इसलिए बापूजान दल-बल के साथ दिलजले पर टूट पड़े—दिलजला घबराकर भागा—यह घटना मेरे लिए वरदान ही साबित हुई, क्योंकि मैं वहां पहुंच गया, जहां यह सब कैद थे—टकराव के बाद मैंने विकास और मोन्टो को बेहोश कर दिया और इन्हें कैद से निकाल लिया।"
"तुमने विकास, गुलफाम या किसी और को यह हकीकत क्यों नहीं बता दी कि तुमने असली रघुनाथ को नहीं मारा है? यदि तुम ऐसा करते तो इतनी मुसीबतें न उठानी पड़तीं।"
"मैं समझ चुका था कि हैरी की चाल हम दोनों को उलझाए रखने की थी—मैंने निश्चय किया कि उसे इस भूल में रखकर ही काम किया जाए कि हम उलझ गए हैं—यदि मैं विकास को हकीकत बात देता तो वह इतना सब बखेड़ा न करता, जो इसने किया और उसके बिना हैरी को यकीन नहीं होता कि हम उसकी चाल के शिकार हो गए हैं—मैं यह भी समझ चुका था कि किसी माध्यम से हैरी तक हमारी पल-पल की रिपोर्ट पहुंच रही है, इसलिए हर जगह मैंने यही दर्शाया कि मैं खुद को सचमुच रघुनाथ का हत्यारा समझता हूं।"
"खैर—फिर क्या हुआ?"
"अशरफ आदि को लेकर मैं गुलफाम के होटल पहुंचा, किन्तु रास्ते में ही यह भांप चुका था कि एक बलिष्ठ अमेरिकन मेरी पीछा कर रहा है—मौका लगते ही गुलफाम के होटल के पास हमने उसे दबोच लिया—टार्चर के बाद उसने अपना नाम लॉकहीड बताया और कहा कि उसके और विकास के सम्बन्ध में हैरी को सारी रिपोर्ट वही पहुंचाता है—उसके पास एक ट्रांसमीटर भी था—विराम घड़ी की मदद से मैं यह जान ही चुका था कि हैरी का अड्डा कहां है—फिर लॉकहीड की आवाज में ट्रांसमीटर पर मैंने सच की चाशनी में लपेटकर हैरी को एक गलत खबर दी—मकसद सिर्फ हैरी को अपनी तरफ से लापरवाह कर देना था—मैंने लॉकहीड का मेकअप किया—अशरफ को अपने बापूजान के पास सब कुछ बता देने के बाद पुलिस मदद के लिए भेजा—उसके बाद खेल खत्म—पैसा हजम।"
भभकते-से स्वर में विकास ने पूछा—"तो यह सब हैरी ने किया था?"
"लो!" विजय बोला—"सारी रामायण खत्म हो गई, लेकिन जनाब पूछ रहे हैं कि रावण कौन था!"
विकास ने उसी स्वर में पूछा—"रेहाना और लॉकहीड कहां हैं?"
"पुलिस की गिरफ्त में प्यारे।" विजय बोला—"अमेरिका के ज्यादातर एजेण्ट मारे गए—जो शेष थे, वे गिरफ्तार हो गए—उस इमारत पर भी इस वक्त पुलिस का कब्जा है।"
"और हैरी का क्या हुआ?"
"बस प्यारे—यहीं चूक गए।"
गुर्राता हुआ-सा स्वर—"क्या मतलब?"
"आखिरी समय में वह एक गुप्त सुरंग के रास्ते से फरार होने में कामयाब हो गया—उस इमारत से शुरू होने वाली सुरंग का अन्तिम सिरा एक नाले के पुल के नीचे है, वह उसी रास्ते से...।"
विकास एक झटके के साथ खड़ा हो गया।
सभी ने उसे आश्चर्य के साथ देखा। विजय ने पूछा—"क्या हुआ प्यारे?"
"यह केस खत्म कहां हो गया गुरू?"
"खत्म होने के लिए अब शेष रह ही क्या गया है, प्यारे—हैरी का सारा षड्यंत्र बिखर चुका है—उसकी ताकत खत्म हो चुकी है—अब, तुम्हारा यूं कलफ लगे पायजामें की तरह खड़े रहना समझ में नहीं आया।"
"उसकी ताकत इस तरह खत्म नहीं होगी, गुरू—उसका नाम हैरी है—बात अभी तक वहीं लटकी हुई है, जहां शुरू में थी, यानी उसे कटे हुए हाथ का बदला लेना है—अपनी ताकत हैरी खुद है—वह फिर कभी-न-कभी इस मिशन को लेकर निकल पड़ेगा।"
"तुम क्यों दुबले हुए जा रहे हो, प्यारे—तब की तब देखें।"
"नहीं गुरू—विकास का सिद्धांत सांप को फन उठाते ही कुचल देना है। यह केस तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक हैरी जिन्दा है।"
चकराए हुए विजय ने पूछा—"तब क्या हैरी को...?"
परन्तु उसका वाक्य अधूरा ही रह गया—न सिर्फ विजय—बल्कि सभी बुरी तरह चौंक पड़े थे—चीते की तरह झपटकर उसने ठाकुर साहब के होलस्टर से रिवॉल्वर निकाल लिया—इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाए, रिवॉल्वर जूलिया की कनपटी पर रखे लड़का गुर्रा रहा था—"सभी लोग हाथ ऊपर उठा लें—यदि एक भी हिला तो मैं जूलिया आन्टी के भेजे में गोली उतार दूंगा।"
सभी चकित—हैरान—परेशान—उलझे हुए।
"तुम्हें क्या हो गया है, विकास?" रैना कह उठी।
"बको मत, मम्मी—आई से हैण्ड्स अप।" विकास जंगली शेर के समान गुर्राया—"अभी ये केस खत्म नहीं हुआ है—ऐसा नहीं हो सकता गुरू कि कोई हरामजादा हिन्दुस्तानी सरहदों के अंदर घुसकर—राजनगर में रहकर इतना सब कुछ करे और फिर सरहदों के पार भी निकल जाए—हरगिज नहीं गुरू—मेरी मां को मानसिक यातनाएं देने वाला—पिता के हाथ काटने का इरादा रखने वाला और हमारे बीच हमेशा के लिए दुश्मनी की दीवार खड़ी करने की कोशिश करने वाला हैरी इतनी आसानी से नहीं निकल सकता।"
"म...मगर—अब तुम करना क्या चाहते हो, प्यारे?"
"देखते रहो, गुरू—सिर्फ देखते रहो—यहां मौजूद एक भी व्यक्ति की गलत हरकत जूलिया आंटी की मौत साबित होगी।"
"त...तुम मुझे मारोगे विकास?" जूलिया कह उठी।
"यदि हैरी मेरे डैडी का हाथ काटने भारत आ सकता है तो मैं दुश्मन की मां की मौत को घाट उतारने में जरा भी नहीं हिचकूंगा आंटी।" विकास ने कुछ ऐसे अन्दाज में कहा कि जूलिया के सारे जिस्म में झुरझुरी-सी दौड़ गई—लड़के के चेहरे पर उस वक्त ऐसे वहशियाना भाव थे कि सबके हाथ स्वयं ही हवा में उठते चले गए—जैकी और विजय जैसे लोगों ने भांप लिया था कि लड़का कोरी धमकी ही नहीं दे रहा था—क्रोध में पागल हुआ विकास जो कर जाए, वह कम ही है।
गहरा सन्नाटा छा गया था वहां।
किसी ने ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि सारी वारदात सुनने के बाद विकास पर यह प्रतिक्रिया होगी—एकदम से बदली हुई इन परिस्थितियों ने सभी को किंकर्तव्यविमूढ़ कर दिया था।
विकास ने उसी अवस्था में पुकारा—"मोन्टो।"
मोन्टो एकदम उछलकर सावधान की मुद्रा में सोफे की पुश्त पर खड़ा हो गया—विकास ने उसे आदेश दिया—"इन सबकी तलाशी लो—जेबें बिल्कुल खाली कर दो।"
मोन्टो ने 'जो हुक्म' कहने के अंदाज में गर्दन हिलाई।
जूलिया की कनपटी पर रिवॉल्वर रखे—कठोर चेहरे वाले विकास ने कहा—"यदि मोन्टो से तलाशी के दौरान किसी ने भी चालाकी दिखाने की कोशिश की तो जूलिया आंटी की खोपड़ी में मैं सचमुच गोली डाल दूंगा। अब कान खोलकर गौर से तुम सुनो गुरू—तुम भी डबल गुरू—सबसे ज्यादा मुझे तुम दोनों की तरफ से ही गलत हरकत की उम्मीद है।"
जैकी बोला—"म...मगर विकास—हमारा क्या दोष है? हम तो खुद ही हैरी की कैद में थे।"
"दोष आपका नहीं, गुरू—दोष तो मेरे डैडी का था—मेरी मां का था।"
"हमने अपनी तरफ से उसे माफ कर दिया है, विकास।" रघुनाथ ने कहा।
"लेकिन विकास देश में घुसकर उत्पात मचाने वाले को माफ नहीं कर सकता, डैडी—ऐसा नहीं हो सकता कि विकास सोया पड़ा रहे और कोई कुत्ता इतना सब कुछ करने के बाद देश से निकल भी जाए।"
"तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है, दिलजले।" हल्की-सी झुंझलाहट के साथ विजय ने कहा—"तुम्हें हजार बार समझाया है कि विवेकहीन उत्तेजना, जोश और बात-बात पर यूं पागल हो उठना बेवकूफी है—तुमसे बदला लेने की ऐसी ही जिद हैरी ने भी की थी—विरोध करने वालो को उसने कैद कर लिया—मगर नतीजा क्या निकला, प्यारे—वैसी ही जिद इस वक्त तुम कर रहे हो।"
"इस वक्त मुझे आपका भाषण नहीं चाहिए, गुरू।"
"उफ्फ।" जैकी चीख पड़ा—"किसी एक का ही नहीं, बल्कि इन दोनों ही लड़कों का दिमाग खराब हो गया है।"
उनकी बातों से ध्यान हटाकर विकास ने कहा—"तलाशी लो, मोन्टो।"
¶¶
रघुनाथ की कोठी का हॉल।
विकास और मोन्टो ने मिलकर उस हॉल का दृश्य बड़ा ही अजीब बना दिया था—हॉल की दीवारों के सहारे चारों तरफ वे सभी मोटी-मोटी रस्सियों में कैद थे।
विजय, रघुनाथ, रैना, अजय, गुलफाम, अशरफ, विक्रम, नाहर, परवेज, आशा और ठाकुर साहब भी।
हॉल के बीचोबीच छत में दो कुन्दो से होकर रस्सियों लटक रही थीं—रस्सियों के निचले सिरो पर लटके हुए थे जैकी और जूलिया—सिर से ऊपर दोनों हाथ रस्सियों में बंधे—हवा में झूल रहे थे वे।
पैर फर्श से पांच फुट ऊपर थे।
उन सभी की जेबों से निकला सामान एक कोने में पड़ा था।
यह सब कुछ करने में विकास और मोन्टो को पूरा एक घंटा लग गया—इस बीच हर व्यक्ति चाहकर भी कुछ नहीं कर सका था—क्योंकि विकास का रिवॉल्वर प्रत्येक पल जूलिया की कनपटी से सटा रहा था।
विकास को सभी ने समझाने की कोशिश की।
मगर वह तो जिद्दी था न!
पक्का जिद्दी।
किसी की एक न सुनी उसने।
हाथों में रिवॉल्वर लिए इस वक्त विकास और मोन्टो सारे हॉल में घूमते फिर रहे थे—विकास का अंदाज ऐसा था, जैसे हरेक के बंधन चैक कर रहा हो—आश्वस्त होने पर उसने पुकारा—"मोन्टो।"
नन्हें मोन्टो ने उसे एकदम सैल्यूट-सा दिया।
"तुम उस रोशनदान पर बैठ जाओ—रिवॉल्वर हर क्षण तुम्हारे हाथ में रहेगा—यदि इनमें से जब भी कोई किसी किस्म की चालाकी दिखाने की कोशिश करे तो तुम बेहिचक जैकी और जूलिया को गोली मार दोगे।"
स्वीकृति में गर्दन हिलाने के बाद मोन्टो उछला और रोशनदान पर जा जमा—जिस वक्त वहां बैठा मोन्टो जेब से एक सिगार निकालकर सुलगा रहा था, उस वक्त विकास ठाकुर साहब के नजदीक पहुंचकर बोला—"सिर्फ आप इस हॉल बल्कि इस कोठी से बाहर जाएंगे नानाजी।"
"क्या मतलब?"
"मैं आपको खोल रहा हूं—आप इस कोठी से बाहर जाएंगे—रेडियो पर यहां की स्थिति का हवाला देकर तुरंत ही एक स्पेशल बुलेटिन के जरिए यह ऐलान कराएंगे कि कल सुबह दस बजे तक हैरी खुद यहां पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दे—वरना साढ़े दस बजे उसके मां-बाप लाश में बदल चुके होंगे।"
"ओह!" ठाकुर साहब के मुंह से निकला।
उन्हें घूरते हुए विकास ने कहा—"एक बार यहां से निकलने के बाद आप खुद भी लौटकर यहां नहीं आएंगे—हैरी के अलावा कोठी की चारदीवारी में कोई नहीं घुसेगा ग्रांडफादर—यदि ऐसा हुआ तो सिर्फ जैकी और जूलिया को ही नहीं, बल्कि खुद सहित मैं इस हॉल में मौजूद एक-एक व्यक्ति को गोली मार दूंगा—आप हैरी को गिरफ्तार नहीं करेंगे—उसे यहां आने देंगे, क्योंकि यदि वह सुबह दस बजे तक यहां नहीं आया तो।"
"हम समझ गए बेटे।"
अन्य बहुत-सी चेतावनी देते हुए उसने ठाकुर साहब के बंधन खोल दिए—रिवॉल्वर से खुद ही कवर करके उन्हें कोठी की बाउन्ड्री से बाहर छोड़कर आया।
¶¶
अचानक रेडियो पर प्रसारित हो रहा एक मधुर गीत बीच में ही रुक गया—फिर एक गम्भीर आवाज गूंजी—"अब आप एक विशेष सूचना सुनिए।"
एक मिनट के लिए खामोशी।
इस बीच श्रोताओं के दिल धड़क उठे—ऐसी क्या सूचना थी, जिसके लिए गीत को बीच में रोक दिया गया, फिर वह आवाज ठाकुर साहब की थी, जो रेडियो पर गूंजी—"हालांकि हम नहीं मानते कि अमेरिकी जासूस मिस्टर हैरी—आर्मस्ट्रांग अभी तक राजनगर से भी बाहर निकल चुका होगा—फिर भी हम दावे के साथ कह सकते हैं कि वह कम-से-कम हिन्दुस्तान की सरहदों से बाहर नहीं गया होगा। जो सूचना इस वक्त प्रसारित की जा रही है—सूचना सिर्फ हैरी के लिए है—यह कि उसके माता-पिता को विकास ने कैद कर लिया है—यदि हैरी इस सूचना को सुन रहा है—तो वह हिन्दुस्तानी सरहदों से बाहर निकलने की कोशिश न करे—कल सुबह दस बजे तक सुपर रघुनाथ की कोठी पर पहुंच जाए—विकास का कहना है कि यदि वह निर्धारित समय तक वहां नहीं पहुंचा तो विकास उसके माता-पिता की हत्या कर देगा।"
बस—यही सूचना एक बार फिर दोहराई गई।
गीत शुरू।
कमरे में चल रहे रेडियो का स्विच ऑफ करके जब सात फुट लम्बा घूमा तो उसकी नीली आंखों में जैसे खून उतर आया था—चेहरा सख्त—जबड़े कस गए—दाएं हाथ की मुट्ठी भींचकर वह बहुत जोर से बाएं हाथ की हथेली पर मारता हुआ बोला—"मुझे इसी बात का डर था।"
"अब क्या होगा?" सोफे से उठकर खड़ा होता हुआ एक युवक कह उठा।
"होगा क्या ब्रेकर—मुझे वहां जाना पड़ेगा।"
"म...मगर—अभी तो आप हिन्दुस्तान की सरहदों से बाहर निकलने की बात कर रहे थे?"
"सब कुछ तबाह होने के बाद मैं सीधा यहां आ गया—इसलिए क्योंकि अभी तक किसी को तुम्हारे अमेरिकी एजेण्ट होने की जानकारी नहीं है—चाहता तो मैं अभी तक दस बार राजनगर की सीमा से निकल सकता था, लेकिन नहीं निकला—तुम्हारे पास समय गुजारता रहा—सिर्फ विकास के होश में आने के बाद की प्रतिक्रिया जानने के लिए और वही हुआ—मैं जानता हूं कि यदि मैं निर्धारित समय तक वहां नहीं पहुंचा तो विकास सचमुच मम्मी-डैडी को मार डालेगा।"
ब्रेकर कह उठा—"ल...लेकिन—यदि आप वहां गए तो?"
"मेरी जान को खतरा है—यही न?"
"जी हां।"
"यह खतरा तो अब उठाना ही होगा, ब्रेकर।"
"क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूं, सर।"
एक पल सोचने के बाद हैरी ने कहा—"नहीं—अब मुझे वहां अकेले ही जाना होगा—मुझे अफसोस है ब्रेकर कि मैं अपने लक्ष्य में कामयाब न हो सका—विजय अंकल अन्तिम क्षणों में वहां पहुंच गए—मेरी कोशिश यह थी कि मैं सब कुछ कर भी जाऊं और कोई यह भी न जान सके कि हैरी यहां आया था—मगर सब चौपट हो गया—उल्टे मम्मी-डैडी ही उनके चंगुल में फंस गए, लेकिन...।"
"लेकिन क्या, सर?"
"मम्मी-डैडी को तो उसके चंगुल से निकालने मुझे जाना ही होगा—साथ ही अपना मकसद पूरा करना भी मेरे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है—सुनो ब्रेकर—क्या तुम एक काम कर सकते हो?"
"आप हुक्म तो कीजिए, सर।"
"मुझे एक ऐसा बम चाहिए, जिसके फटने से कम-से-कम बीस गज के हिस्से में मौजूद हर वस्तु तबाह हो जाए।"
"मिल जाएगा सर।"
¶¶
सारा राजनगर मानो सिर्फ सुपर रघुनाथ की कोठी के चारों तरफ ही एकत्रित हो गया—दूर-दूर तक हुजूम-शोर-शराबा और आपाधापी-सी मची हुई थी—मेला-सा लग गया था वहां।
हालांकि ठाकुर साहब ने रेडियो पर सूचना प्रसारित करने से पहले ही अपने नेतृत्व में ढेर सारी फोर्स के साथ कोठी को चारों तरफ से घेर लिया था—मगर उमड़ती भीड़ को काबू में रखने के लिए अतिरिक्त फोर्स भी लगानी पड़ी थी—ठाकुर साहब ने एक बार भी न स्वयं ही कोठी की चारदीवारी के अन्दर प्रविष्ट होने की कोशिश की, न ही किसी को इसकी इजाजत दी।
रात के ग्यारह बज रहे थे।
कोठी की सभी लाइटें ऑन हो चुकी थीं।
हॉल में भरपूर प्रकाश था—मोन्टो अपने स्थान पर तैनात—अन्य सभी अपने-अपने स्थानों पर बंधे थे—विकास तभी से निरन्तर सारे हॉल में चहलकदमी कर रहा था—एक मिनट के लिए भी वह कहीं नहीं बैठा था—हां, बीच-बीच में ठिठककर वह सभी के बन्धन अवश्य चैक कर लेता था।
विकास को समझाने की कोशिश करके सभी हार गए थे।
हवा में लटके जैकी और जूलिया को अब काफी कष्ट होने लगा था।
सवा ग्यारह बजे—आकाश में हल्की-सी गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दी—सभी के कान खड़े हो गए—गड़गड़ाहट की आवाज प्रतिपल-नजदीक आती जा रही थी—एकाएक गम्भीर स्वर में विकास ने कहा—"वह शायद हैलीकॉप्टर से आ रहा है, मोन्टो—छत पर जाओ—वह वहां लैंड करेगा—तुम्हारा काम सिर्फ उसे कवर करके इस हॉल तक पहुंचा देना है।
मोन्टो ने फर्श पर जम्प लगा दी।
उधर हैलीकॉप्टर की आवाज सुनकर भीड़ में खलबली मच गई—ठाकुर साहब सहित सभी की नजरें आकाश की तरफ उठ गईं, सभी को एक साथ जलती तीन लाइटें नजर आईं—एक ही हैलीकॉप्टर की तीन लाइटें—शोर-शराबा तेज हो गया।
ठाकुर साहब ने भीड़ को नियंत्रित करने के आदेश दिए।
तीव्र गड़गड़ाहट के साथ हैलीकॉप्टर कोठी की छत पर लैण्ड कर गया—यही वह समय था, जबकि छत के एक अंधेरे कोने से एक शक्तिशाली टॉर्च भक्क्-से रोशन हुई—प्रकाश का तेज झमाका हैलीकॉप्टर के अंदर धंसा—चालक सीट पर बैठे व्यक्ति का चेहरा नहा उठा—वह हैरी ही था—अकेला।
¶¶
उस वक्त हैरी के होंठों पर हल्की-सी मुस्कान थी, जब उसने हॉल में पहला कदम रखा, किन्तु दूसरा कदम आगे बढ़ाते-बढ़ाते ही वह ठिठक गया—होंठों से मुस्कान एकदम लुप्त हो गई—जबड़े कस गए—चेहरे पर कठोरता उभर आई—हवा में लटके जैकी और जूलिया को देखते ही उसकी आंखें सुर्ख होती चली गईं—जबकि अपने स्थान पर खड़ा विकास उसे कठोर दृष्टि से घूर रहा था।
सभी के दिल धड़क उठे।
हैरी के पीछे हॉल में दाखिल होकर मोन्टो ने दरवाजा बन्द करके अन्दर बोल्ट कर दिया—हैरी ने नजरें हटाकर विकास को घूरा, गम्भीर स्वर—"सबसे पहले उन्हें मुक्त करो, विकास।"
"तेरी मौत से पहले नहीं होंगे।" विकास का सपाट स्वर।
एकाएक ही चहलकदमी करते हुए हैरी ने कहा—"मेरी मौत भी नहीं होगी और वे आजाद भी होंगे।"
"बिना मेरी जानकारी के हिन्दुस्तान में कदम रखने की तेरी हिम्मत कैसी हुई?"
हैरी का वैसा ही जवाब—"जिस तरह तरह अमेरिका में कदम रखने की तेरी हिम्मत होती है।"
"विकास बुजदिलों की तरह छुपकर काम नहीं करता—खुलकर मैदान में आता है—किसी का बदला किसी दूसरे से लेने की कोशिश नहीं करता और नाकाम होने पर कायरों की तरह भागने की कोशिश भी नहीं करता है।"
"जरूरी नहीं कि दो व्यक्तियों के काम करने का तरीका एक ही हो।"
"अपने तरीके का अंजाम तो तू देख ही रहा है।"
"मुझे अपनी नाकामी का अफसोस नहीं।" हैरी का लहजा कठोर होता चला गया—"डैडी के कटे हुए हाथ का बदला लिया जाएगा विकास—हर हालत में लिया जाएगा।"
विकास का थोड़ा भावुक स्वर—"ऐसा नहीं कि जैकी गुरू का हाथ काटकर मुझे दुख न हुआ हो—या मैं फूट-फूटकर रोया न होऊं—तू जैकी गुरू से पूछ सकता है कि जब यह दुर्घटना घटी थी, तब क्या हुआ था—खुद पर शायद तुझसे भी ज्यादा गुस्सा आया था मुझे—तुझे उस हाथ के बदले में मेरा हाथ लेने का पूरा हक था, हैरी—लेकिन यूं नहीं—मेरे पास आता कमीने—कहता कि इंसाफ तब होगा जब विकास के पास भी सिर्फ एक ही हाथ रहेगा—तू कहकर तो देखता—विकास एक ही झटके में अपना हाथ काटकर....।"
"हैरी भीख नहीं मांगा करता, कुत्ते—छीन लेता है।"
"अब तो मुझे भीख भी नहीं मिलेगी, हरामजादे।" विकास गुर्रा उठा—"क्योंकि तूने रास्ता ही गलत चुना—मैं दोषी था, तेरी हर सजा कुबूल कर सकता था, किन्तु यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि हिन्दुस्तान में घुसकर तू...।"
"तो बर्दाश्त करने के लिए किसने कहा है—मत कर—जो बिगाड़ सकता है, बिगाड़ मेरा।"
"हरामखोर—कुत्ते।" दांत भींचकर कहने के साथ ही विकास ने उस पर जम्प लगानी चाही, परन्तु हैरी एकदम कह उठा—"रुको विकास—यदि इस हॉल को और यहां मौजूद एक-एक व्यक्ति को बचाना चाहते तो रुको।"
विकास ठिठका।
हैरी के होंठों पर बड़ी ही खतरनाक, जहरीली और व्यंग्यात्मक मुस्कान उभरी—अचानक ही उसने अपना कोट उतारा—एक तरफ उछाला—पेट पर एक बैल्ट बंधी हुई थी—बैल्ट में एक बम जैसी वस्तु फिक्स थी—हैरी ने कहा—"ये बैल्ट देख रहे हो और ये बैल्ट में फिक्स एक बम-इस से सेफ्टीपिन निकली हुई है बेटे और मेरे जमीन पर गिरते ही यह बम फट जाएगा—तेरी जानकारी के लिए यह भी बता दूं कि इस बम से सिर्फ मैं ही नहीं मरूंगा, बल्कि इसके फटते ही सारे हॉल के परखच्चे उड़ जाएंगे—यहां मौजूद एक भी व्यक्ति जिन्दा नहीं बचेगा।
विकास की आंखें सिकुड़ती चली गईं।
जबकि उसी मुस्कान के साथ उसी तरह चहलकदमी करता हुआ हैरी बोला—"यदि तुमने और तुम्हारे उस चमचे मोन्टो ने मुझ पर किसी भी किस्म का हमला करने की कोशिश की तो मैं बेहिचक फर्श पर गिर पडूंगा—मेरे तो परखच्चे उड़ेंगे ही, मम्मी-डैडी को तो मरना ही है, लेकिन बचोगे तुम भी नहीं—विजय अंकल-उनके दोस्त—रघुनाथ अंकल-रैना आंटी और गुलफाम में से कोई भी नहीं बचेगा—यह हॉल सबकी कब्रगाह बन जाएगा बेटे—मुझे तो तुमने यहां मारने के लिए बुलाया ही है—मैं भी मरने के लिए तैयार होकर आया हूं—मगर मैं अकेला नहीं मरूंगा।"
"वाह प्यारे—वाह—मान गए—क्या कौड़ी लाए हो।" विजय कह उठा।
सचमुच—सभी भौंचक्के रह गए—रैना और रघुनाथ के चेहरे तो पीले ही पड़ गए—सीक्रेट सर्विस की टीम और गुलफाम की आंखें आश्चर्य से फैल गईं—जैकी और जूलिया की आंखें चमक उठीं—मोन्टो बौखला गया, जबकि विकास का सारा जिस्म मारे उत्तेजना के थरथरा उठा, जबकि उसी मुस्कान के साथ हैरी ने उससे कहा—"अगर ताकत है तो मुझ पर हमला करो, विकास—चाहे जिस हथियार से—यदि तुमने बैल्ट में गोली भी मारी तो बैल्ट के जमीन पर गिरते ही बम फट जाएगा।"
विकास की जुबान तालू में चिपक गई—कसमसाकर रह गया वह।
मुस्कराते हुए हैरी ने कहा—"मम्मी-डैडी को इन रस्सियों से उतारो।"
विकास अपने स्थान पर खड़ा कांपता रहा।
"सुना नहीं तुमने।" हैरी गुर्राया।
विकास और मोन्टो की नजरें मिलीं—आंखों में अजीब-सी विवशता थी—यह कल्पना तो शायद किसी ने भी नहीं की थी कि यहां आकर हैरी अपना हुक्म चलाएगा—उसका आदेश मानने के अलावा और कोई चारा नहीं था—जाने क्या संकेत करके विकास हॉल के एक कोने में गड़ी उस कील की तरफ बढ़ गया, जिसमें उन दोनों रस्सियों के दूसरे सिरे बंधे हुए थे—रस्सियां खूंटी से छत के कुन्दों के अन्दर से गुजरकर उनके हाथों में बंधी हुई थीं।
हैरी की मुस्कान गहरी हो गई।
विवश विकास को खूंटी से जैकी वाली रस्सी का सिरा खोलना ही पड़ा—सिरा खोलकर उसने रस्सी को ढील दी—कुन्दे में रस्सी सरकी—जैकी का जिस्म नीचे आने लगा—पैर फर्श से टिक गए, विकास बोला—"खोल लो अपने बाप को।"
हैरी ने उसी मुस्कान के साथ कहा—"यह काम मोन्टो करेगा।"
मोन्टो ने हैरी की तरफ देखकर दांत किटकिटाए—किन्तु विकास के आदेश पर उसे जैकी के नजदीक पहुंचना ही पड़ा—विकास ने और ढील दी।
मोन्टो अपने दोनों पैरों पर खड़ा होकर बंधन खोलने लगा—हैरी दिलचस्प निगाह से मोन्टो को हो देख रहा था—अभी मोन्टो शायद पहली गांठ भी नहीं खोल पाया था कि विकास ने बिजली की सी तेजी से अपने हाथ वाले सिरे का फंदा हैरी की तरफ उछाला।
फंदा हैरी के गले में जा गिरा।
हैरी बौखलाया—उससे पहले कि वह कुछ समझ पाता, अपने हाथ में दबी रस्सी को पकड़े मोन्टो पूरी ताकत से हॉल के एक कोने की तरफ भाग पड़ा—कुन्दे के अंदर से रस्सी खिंचती ही चली गई।
एक झटका-सा लगा और हैरी का जिस्म हवा में लहराता हुआ तेजी से छत की तरफ बढ़ा—गर्दन पर फंदे के कसाव के कारण हैरी के कंठ से घुटी-घुटी चीखें निकल गईं, जबकि—।
"हा—हा—हा।" विकास पागलों के समान कहकहा लगा उठा।
दृश्य ही बदल गया था।
हैरी हवा में झूल रहा था—गले में फन्दा—गर्दन घुटने के कारण चेहरा लाल होता जा रहा था—वह अपने दोनों हाथों से गले से फन्दा निकालने की असफल कोशिश करने लगा—हाथ बंधा जैकी हॉल के फर्श पर पड़ा था—रस्सी को मजबूती के साथ पकड़े मोन्टो एक कोने में।
"अब जरा हॉल के फर्श पर गिरकर दिखाओ, बेटे।" पागलों की तरह हंसता हुआ विकास कह रहा था—"बम बांधकर लाए थे—यदि हम कुछ करेंगे तो फर्श पर गिरने की धमकी...।"
"फैंटास्टिक।" विजय कह उठा—"जियो प्यारे दिलजले—क्या इलाज निकाला है।"
हैरी अब फंदे से ध्यान हटाकर बैल्ट खोलने की कोशिश करने लगा था।
फर्श पर पड़ा जैकी चीखा—"उसे रोको, विकास—यदि उसने बैल्ट खोल ली तो...।"
खतरा विकास भी भांप चुका था—भांपते ही उसने हवा में लटके हैरी पर जम्प लगा दी—हवा में झूलते हुए हैरी को पकड़ लिया उसने—एक तेज झटका लगा—मोन्टो के लिए भार सम्भालना मुश्किल हो गया—वह रस्सी के खिंचाव के साथ घिसटा।
हैरी और विकास तेजी से फर्श की तरफ आए।
जैकी चीख पड़ा—"सम्भालो मोन्टो—यदि ये फर्श से टकरा गए तो बम...।"
मोन्टो ने पूरी ताकत से खुद को रोका—रस्सी खींची—फर्श पर टकराने से पहले ही वे ऊपर खिंचते चले गए—हैरी फंदे में और विकास हैरी को पकड़े लटक रहा था—वे झूल गए।
रस्सी के उस सिरे पर दोनों की लड़ाई जारी हो गई—वे झूल रहे थे—लड़ रहे थे—रस्सी को तेज झटके लग रहे थे—हर झटके के साथ जमीन से उसके नन्हें पैर उखड़ जाते—हैरी और विकास का वजन उसे खदेड़ देता—जितना वह खिदड़ता, उसी अनुपात में गुंथे हुए हैरी और विकास फर्श की तरफ आते।
अजीब दृश्य था—अजीब सनसनीखेज।
देखने वालों के प्राण खुश्क हो गए—चेहरे पीले—दिल बुरी तह धक्-धक् करने लगे—बड़ी ही विचित्र स्थिति थी—मौत सिर्फ एक पल दूर थी—फर्श की तरफ बढ़ती—मोन्टो अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करके फिर कुन्दे की तरफ खींच लेता।
सारा खेल-सबकी जिंदगी मोन्टो के हाथ में थी—उसकी ताकत पर निर्भर थी—उधर हैरी लगातार अपनी बैल्ट को खोलने का प्रयास कर रहा था—विकास की कोशिश उस बैल्ट को खुद कब्जाने की थी—उसे छोड़कर विकास के फर्श पर कूद जाने का अर्थ था—हैरी का बैल्ट खोल लेना और फिर हॉल के फर्श या किसी दीवार पर दे मारना—दोनों का वजन मोन्टो पर सम्भल नहीं रहा था—उसके हाथ से रस्सी निकल जाने का अर्थ था—हैरी और विकाश का फर्श पर गिर पड़ना।
ऐसा होते ही हॉल के परखच्चे उड़ जाने थे।
जैकी, विजय, रघुनाथ, रैना, जूलिया आदि सभी चीख रहे थे—मोन्टो का हौसला बढ़ा रहे थे—उसे जोश दिला रहे थे—उन सबकी जिन्दगी को मौत में तब्दील कर देने वाला बम उसके हाथों में झूल रहा था—मोन्टो के कमजोर पड़ते या हिम्मत हारते ही सबकी मौत निश्चित थी।
फंदे में लटका हैरी पागलों की तरह अपने दोनों हाथों के दुहत्थड़ विकास के सिर में मार रहा था—विकास के दोनों हाथ उसकी कमर में बंधी बैल्ट में घुसे हुए थे। मोन्टो के कमजोर पड़ने पर जब वे फर्श की तरफ आते तो देखने वालों की चीखें निकल जातीं। यही दृश्य करीब पांच मिनट तक रहा।
फिर—जब विकास ने एक तेज झटका दिया तो बैल्ट टूट गई—बैल्ट टूटते ही वह तेजी से फर्श की तरफ गिरा—एक साथ सभी चीख पड़े—"सम्भालो विकास।"
विकास फर्श पर गिरा—चीखें निकल गईं।
दूर तक लुढ़कता चला गया, किंतु दाएं हाथ में दबी बैल्ट को लड़के ने फर्श से न टकराने दिया—वह हाथ उसने हवा में ही लहराए रखा—रुका—बैल्ट सम्भाले खड़ा हुआ। सबने राहत की सांस ली। हैरी अब भी फंदे में कैद हवा में झूल रहा था।
खतरा टलता देखते ही जैसे मोन्टो पागल हो गया—उसने एकदम रस्सी ढीली छोड़ दी—फंदे के साथ ही हैरी 'फड़ाक' से फर्श से आ टकराया—मोन्टो ने रस्सी खींची—फिर छोड़ दी—हवा में उठने के बाद हैरी का जिस्म फिर फर्श से टकराया।
झुंझलाए से मोन्टो ने बार-बार यही किया दोहरानी शुरू कर दी—ठीक इस तरह, जैसे कुएं से पानी भरता कोई व्यक्ति बार-बार बाल्टी को पानी की सतह से टकराता है।
विकास बैल्ट को हॉल के साथ ही अटैच्ड स्टोर रूम में ले गया—बैल्ट को स्टोर रूम में रखकर वह शीघ्र ही वापस आया—स्टोर रूम के बाहर का ताला लगाकर उसने चाबी रोशनदान के जरिए हॉल से बाहर फेंक दी—तब बोला—"रुक जाओ मोन्टो।"
मोन्टो रुक गया।
उस वक्त हैरी छत के समीप हवा में झूल रहा था।
उसकी तरफ देखते हुए विकास ने कहा—"इसे नीचे उतारो।"
मोन्टो ने एकदम रस्सी छोड़ दी।
हैरी तेजी के साथ गिरा और भड़ाक्-से फर्श से टकराया।
"तुम बीच में नहीं बोलोगे, मोन्टो—फैसला सिर्फ हम दोनों के बीच होगा।" हैरी के गले में पड़े फंदे को ढीला करके विकास ने निकालते हुए कहा—"तुम जैकी गुरू को उसी तरह लटकाकर रस्सी खूंटी में बांधो।"
आजाद होते ही हैरी ने दोनों जूतों का प्रहार विकास की छाती पर किया।
एक चीख के साथ विकास हवा में उछलकर दूर जा गिरा—मगर गिरते ही जबरदस्त फुर्ती के साथ उछलकर खड़ा भी हो गया—इधर हैरी भी गुर्राकर खड़ा हो चुका था। वे आमने-सामने थे—हैरी और विकास। दो बराबर की लम्बाइयां।
दोनों के चेहरे पर वहशियाना भाव—आंखों में खून—गुस्से में जले-भुने—विकास गुर्राया—"बम बांधकर आया था कुत्ते—सोचा तो ये होगा कि विकास के सामने इस हॉल से निकल आएगा?"
"रोक तो तू मुझे अब भी नहीं सकेगा, हरामी।"
विकास ने उछलकर फ्लाइंग किक मारी—हैरी फर्श पर गिरा—विकास की ठोकर उसके चेहरे पर पड़ी—फिर उठा—ठोकर फिर चेहरे पर—फिर उठा—इस बार हैरी ने उसका जूता पकड़कर टांग मरोड़ी—चकरघिन्नी की तरह घूमकर विकास फर्श से जा टकराया। वे भिड़ चुके थे।
जंगली शेरों की तरह—एक-दूसरे के खून के प्यासे होकर।
रैना और जूलिया चीख रही थी—रैना विकास से इस खूनी लड़ाई को बंद करने के लिए कह रही थी तो जूलिया हैरी से—विजय और जैकी चीख-चीखकर दोनों से ही कह रहे थे।
मगर एक भी तो न माना—एक ने भी तो न सुनी।
मोन्टो ने अपना काम कर दिया था।
दोनों ही लड़ते रहे—दरिन्दों की तरह।
पांच मिनट—दस मिनट—पन्द्रह, बीस, पच्चीस और तीस मिनट बाद वे दोनों ही पगले खून से लथपथ हो गए—हॉल के फर्श पर भी जैसे खून की पुताई हो गई—किसी को नहीं मालूम था कि खून का कौन-सा जर्रा हैरी का था और कौन-सा विकास का।
ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे वे अभी-अभी खून के किसी दरिया से निकलकर आए हों।
अपने जिगर के टुकड़ों को ऐसी अवस्था में देखकर तो रैना और जूलिया के कलेजे फट गए। बुरी तरह बिलखती हुई वे इस खूनी खेल की बन्द करने के लिए कहती रहीं।
विजय और जैकी जैसे जांबाजों के कलेजे थर्रा गए—गुलफाम जैसा दहाड़ें मार-मारकर रो पड़ा—अशरफ, विक्रम, नाहर, परवेज, आशा और अजय के तो होश ही फाख्ता हो गए।
मोन्टो तक के नन्हें से जिस्म का एक-एक रोयां खड़ा हो गया।
उन सबके मनोभावों से लापरवाह विकास ने हैरी के खून से लथपथ जिस्म को सिर से ऊपर उठाकर पूरी बेरहमी के साथ फर्श पर दे मारा—एक चीख के साथ हैरी लुढ़कता ही चला गया—अभी वह फर्श से उठ भी नहीं पाया था—ऊपर उठाया और सिर की भरपूर टक्कर उसके चेहरे पर मारी। खून ताजा हो उठा।
हैरी के हाथ-पांव ढीले पड़ने लगे—जबकि इस बात की परवाह किए बिना विकास उसे मारता ही चला गया—हैरी की गूंजती हुई चीखें भी धीमी पड़ती जा रही थीं।
हैरी में विरोध की ताकत न रही।
"मोन्टो।" विकास दहाड़ा—"चाकू ला।"
मोन्टो झिझका—आदेश का पालन नहीं किया उसने।
हैरी के बाल पकड़े ही विकास मोन्टो की तरफ घूमकर गरजा—"सुना नहीं तूने?"
मोन्टो सहम गया—हाथ जेब में पहुंचा—कांपते हुए मोन्टो ने चाकू विकास की तरफ उछाल दिया—एक हाथ से बाल पकड़े विकास ने, दूसरे हाथ से चाकू लपका—बटन दबाया।
क्लिक-चाकू खुल गया।
अभी उसने चाकू हैरी के सीने में घोंपने के लिए हवा में उठाया ही था कि रैना चीख पड़ी—"न-नहीं विकास—नहीं—तुझे मेरी कसम मेरे लाल-मेरे दूध की कसम तुझे।"
"मां—मां—।" दहाड़ता हुआ लड़का उसकी तरफ घूमा।
बुरी तरह बिलखती हुई रैना कह उठी—"यदि तूने जूलिया बहन के अरमानों का खून इस तरह बहाया तो मैं तुझे कभी दूध ना बख्शूंगी—मैं अपनी जान दे दूंगी, विकास—मेरे बेटे—जैसे तू मुझे प्यारा है, उसी तरह जूलिया बहन को हैरी प्यारा है। उसे छोड़ दे।"
"म...मां तुम पागल हो गई हो क्या?" हैरी के बाल छोड़कर विकास वहशियों के समान चीखा—पागलों की तरह दौड़कर रैना के नजदीक पहुंच—गुस्से की अधिकता में चाकू हवा में उठाकर चीख पड़ा—"म...मां...मैं तुम्हीं को...।"
"म...मार डाल-मुझे मार डाल, विकास—लेकिन हैरी को बख्श दे—मैं तेरे हाथ जोड़ती हूं—दूध का वास्ता देती हूं।"
"दूध...दूध...दूध—तुमने दूध पिलाया ही क्यों था मुझे—म..मां—यदि तेरा दूध पीकर आज इतना बड़ा न हुआ होता तो तेरी कसम-तेरी मांग में भरे सिन्दूर की कसम-इस कुत्ते की बोटी-बोटी करके इस मुल्क के खेतों में बिखेर देता मैं।"
"व...विकास—खुद को सम्भाल मेरे लाल-इतना जोश—इतनी देशभक्ति भी ठीक नहीं।"
चाकू हाथ में लिए वह घूमा—किसी पागल से कम नहीं लग रहा था लड़का—हैरी के सामने पहुंचा—चाकू अभी तक हाथ में था—एक हाथ से उसका गिरेबान पकड़ा—बुरी तरह झंझोड़ता हुआ चीखा।
"तू खून के बदले खून करता है न हैरी—तू जान के बदले जान और हाथ के बदले हाथ लेता है न कमीने—तेरा इंतकाम पूरा होगा—किसी और के हाथ लेने की कोशिश क्यों की तूने—ले—ये हाथ ले—जिसने तेरे बाप का हाथ काटा था—ये हाथ मैं खुद दूंगा तुझे।"
कहने के साथ ही गुस्से में उफनते हुए विकास ने अपना चाकू वाला हाथ दूसरे हाथ में मारने के लिए हवा में उठाया—तेजी से बाएं हाथ की तरफ बढ़ा।
"न...नहीं नहीं—।" हर एक कंठ से चीख निकल गई।
विकास का हाथ बीच ही में लहरा उठा—कलाई हैरी के मजबूत हाथ में थी और वह हैरी था—जो चीख-चीखकर कह रहा था—"ब...बस...विकास—मुझे और जलील न कर, दोस्त—गलत था मैं धर्मयुद्ध में कटे हाथ का बदला लेने नहीं निकलना चाहिए था मुझे।"
"यह हाथ कटना ही चाहिए—इसने गुरू का हाथ काटा है।" चीखने के साथ ही जब विकास ने एक झटके के साथ अपनी कलाई छुड़ा ली—तो हैरी ने अपनी पूरी ताकत से उसके जबड़े पर घूंसा मारा—एक चीख के साथ हवा में लहराकर विकास दूर जा गिरा—चाकू उसके हाथ से निकल गया—जब वह फर्श पर पड़ा था, तब हैरी चीख रहा था—"हरामजादे—कुत्ते—कमीने—जो खुद शर्मिन्दा है—उसे और ज्यादा जलील करके क्या तू खुदकुशी के लिए मजबूर करना चाहता है—मुझे माफ कर दे, यार—क्या तू ये चाहता है बेवफा कि दोस्त होकर तेरे कदमों में गिरूं—तेरे पैर पकड़कर माफी मांगूं तुझसे?"
"ह...हैरी।"
बुरी तरह बिलखता हैरी चीख पड़ा—"ये नहीं होगा, विकास—तेरा दोस्त हूं कुत्ते और दोस्त पैरों में गिरकर माफी नहीं मांगा करते—पैर नहीं पकडूंगा तेरे—तेरी मर्जी—माफ करके मेरे गले से आ लिपट या चाकू से अपना हाथ काटकर हैरी को खुदकुशी के लिए मजबूर कर दे।"
"ह...हैरी।"
"माफ कर दे, यार।"
"ह...हैरी...मेरी दोस्त।" विकास दौड़कर उससे लिपट गया—हैरी ने उसे बांहों में कस लिया—एक-दूसरे से लिपटे वे दोनों लम्बे लड़के बुरी तरह रो रहे थे—बिलख-बिलखकर।
जबकि शेष होंठों पर जीवन की मुस्कान दौड़ गई।
—समाप्त—
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