515 नंबर फ्लैट के भीतर।

एक आदमी कुर्सी पर बैठा सामने नजर आ रही स्क्रीन पर नजरें टिकाए हुए था। स्क्रीन पर R.D.X. नजर आ रहे थे जो कि फ्लैट के दरवाजे के बाहर सतर्कता बरतते खड़े दिखाई दे रहे थे।

एकाएक उस व्यक्ति के चेहरे पर जहरीली मुस्कान नाच उठी। तभी एक आदमी ने उस कमरे में प्रवेश करते हुए कहा।

"क्या रहा रॉबर्ट?"

"वे तीनों फ्लैट के दरवाजे के बाहर खड़े हैं मैक, ये F.I.A. के एजेंट ही हैं। तुली को मारने आए हैं।" रॉबर्ट ने कहा।

"चीफ को खबर करो।" मैक बोला।

"जल्दी क्या है।" रॉबर्ट ने कुर्सी के पीछे की ओर खड़े होते हुए रिवाल्वर निकाल ली--- "पहले निबट लेते हैं इनसे।"

दोनों उस कमरे से निकलकर दूसरे कमरे में पहुंचे।

वहां दो व्यक्ति बैठे बियर पी रहे थे।

"तैयार हो जाओ। F.I.A. के एजेंट आ पहुंचे हैं।"

तभी कॉलबेल बजी।

"कितने हैं?" एक ने फौरन उठते हुए कहा।

"तीन और हम चार हैं। वे हथियार नहीं गिराएंगे। उन्हें शूट ही करना पड़ेगा मैक!"

"करो। F.I.A. एजेंटों के लिए हमारे पास कोई छूट नहीं है।" रॉबर्ट ने कहा।

वे दोनों अपनी बोलतें छोड़कर खड़े हो गए। रिवाल्वरें निकाल लीं।

"तुम दोनों यहीं रहो, पोजीशन ले लो।" रॉबर्ट ने कहा और मैक साथ कमरे से निकला और मुख्य द्वार की तरफ बढ़ा।

■■■

दरवाजा खुला। रॉबर्ट का चेहरा R.D.X. को दिखा। रॉबर्ट का रिवाल्वर वाला हाथ उन्हें नजर नहीं आया।

"यस!" रॉबर्ट ने तीनों को देखा।

उसी पल राघव ने फुर्ती से रिवाल्वर निकाली और ट्रिगर दबा दिया।

तब तक धर्मा और एक्स्ट्रा के हाथ में भी रिवाल्वर दिखाई देने लगी थीं।

नालों पर साइलेंसर चढ़ा था।

फायर की बेहद मद्धिम-सी आवाज हुई और गोली राबर्ट की छाती पर जा लगी।

वो कराह के साथ नीचे गिरता चला गया।

उसके साथ खड़े मैक ने उसी पल खुले दरवाजे से बाहर गोली चला दी। गोली धर्मा और राघव के सिरों के बीच में से होती वहां से दूर चली गई। इसके साथ ही गोली चलने की तेज आवाज गूंजी।

मैक को दूसरा मौका नहीं मिला गोली चलाने का।

उसी पल धर्मा ने छलांग लगाई और खुले दरवाजे से भीतर कमरे में जा पहुंचा। उसके चेहरे पर मौत के भाव बरस रहे थे। अगले ही क्षण मैक की नजरों से उसकी नजरें मिलीं। मैक गोली चलाने जा रहा था उस पर।

परंतु तभी धर्मा ने एक के बाद एक, दो फायर उस पर कर दिए।

एक गोली दीवार में जा लगी।

दूसरी मैक के कंधे पर जा लगी।

मैक चीखा। रिवाल्वर हाथ से छूट गया और कंधा थामें बैठता चला गया।

धर्मा ने उसकी तरफ रिवाल्वर की।

राघव और एक्स्ट्रा भी भीतर आ गए।

"गोली मत चलाना।" मैक चीखा।

"कितने आदमी हैं भीतर?" धर्मा गुर्राया।

राघव और एक्स्ट्रा सामने दिखाई दे रहे कमरों के दरवाजों की तरफ बढ़ गए।

"दो...दो।" मैक कराहते हुए बोला।

तभी राघव को एक कमरे से सिर झांकता दिखा।

राघव ने दांत भींच कर ट्रेगर दबा दिया।

गोली उस झांकते व्यक्ति के सिर से जा लगी। अगले ही पल झांकने वाला व्यक्ति दरवाजे के बीचोबीच आ गिरा।

खामोशी आ ठहरी वहां।

"इस कमरे में कोई नहीं है।" एक्स्ट्रा की आवाज आई।

"ये कहता है दो आदमी हैं भीतर।" धर्मा बोला।

"एक को शूट कर दिया।"

"एक और होगा, देखो उसे।" धर्मा ने ऊंचे स्वर में कहा। नजरें नीचे पड़े मैक पर थीं--- "हिलना मत।"

"मेरा बुरा हाल है।" मैक पीड़ा भरे स्वर में कह उठा।

राघव रिवाल्वर थामे दरवाजे के समीप दीवार से सटकर खड़ा हो चुका था। खुले दरवाजे के बीच एक व्यक्ति मरा पड़ा था। उसने भीतर से आहट लेने की कोशिश की तो उसे सांस लेने की मद्धिम-सी आवाज सुनाई दी। इसका मतलब कमरे के भीतर दीवार के उस पार कोई उसकी ही तरह टेक लगाए खड़ा था।

"तुम जो भी हो, हथियार डाल दो।" राघव ने कठोर स्वर में कहा--- "हालात हमारे काबू में हैं। तुम बच नहीं सकते।"

जवाब में कोई आवाज नहीं आई।

"हथियार डाल कर बाहर आ जाओ। तुम अकेले हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।" राघव पुनः बोला।

कुछ चुप्पी के बाद भीतर से आवाज आई।

"मैं आ रहा हूं गोली मत चलाना।"

"हथियार फेंको।" राघव तेज स्वर में बोला।

उसने खुले दरवाजे से बाहर रिवाल्वर फेंक दी।

"बाहर आओ।"

वो हाथ उठाए बाहर आ गया। उसने राघव को देखा।

"भीतर कितने हैं?" राघव ने पूछा।

"एक भी नहीं।" उसके होंठों से निकला।

तभी एक्स्ट्रा पास आया उसके पास से निकलकर रिवाल्वर थामें सावधानी से कमरे में प्रवेश कर गया। राघव ने उस आदमी पर रिवाल्वर ताने रखी थी। वो हाथ उपर किये खड़ा था।

एक्स्ट्रा बाहर निकला।

"सब ठीक है।"

राघव उस आदमी को रिवॉल्वर के साए में घायल मैक के पास ले गया।

"इसके पास बैठ जाओ।"

वो फौरन मैक के पास बैठ गया।

"तुली मिला?" धर्मा ने पूछा।

"नहीं।" एक्स्ट्रा पलटते हुए बोला--- "उसे तो देखना ही याद नहीं रहा। वो कहीं दिखा भी नहीं।"

राघव और धर्मा की निगाह उन दोनों पर जा टिकी।

"तुम लोग C.I.A. के एजेंट हो?" राघव ने पूछा।

"हां।" उस व्यक्ति ने फौरन कहा।

"तुली कहां है?"

"वो यहां नहीं है।" मैक ने कराहते हुए कहा।

"बकवास मत करो। हमारे पास पक्की खबर है कि उसे यहां पर रखा गया...।"

"वो खबर गलत थी।" वो आदमी कह उठा--- "हमें पहले ही खबर कर दी गई थी कि यहां पर तुली की तलाश में F.I.A. के एजेंट आ सकते हैं।"

राघव और धर्मा के माथे पर बल पड़े।

दांत भिंच गए।

तभी एक्स्ट्रा उनके पास आ पहुंचा।

"तुली तो यहां नहीं है।" वो बोला।

"किसने की तुम लोगों को खबर की F.I.A. के एजेंट तुली के लिए आ सकते हैं?" धर्मा बोला।

"चीफ ने।"

"इसका क्या मतलब हुआ?" एक्सट्रा की आंखें सिकुड़ी--- "हमें बताओ।"

"चीफ को अपने किसी आदमी पर शक हो गया है कि वो डबल एजेंट है और F.I.A. को खबरें दे रहा है। ऐसे में उस तक ये खबर पहुंचाई गई कि तुली को इस फ्लैट में रखा गया है। अब तुम लोग तुली को ढूंढते यहां आ पहुंचे। इससे चीफ समझ जाएगा कि उसका शक सही है। अब उस एजेंट की खैर नहीं, जो F.I.A. को C.I.A. की भीतरी खबरें दे रहा है।" उस व्यक्ति ने कहा।

R.D.X. की नजरें मिलीं।

"तो यहां पर हमारे लिए जाल बिछा था।" राघव बोला--- "निकलो यहां से।" इसके साथ वो आगे बढ़ा और उस व्यक्ति की कनपटी पर रिवाल्वर की नाल से चोट की। वो बेहोश होकर नीचे लुढ़कता चला गया।

मैक कंधा थामें कराहता हुआ R.D.X. को देख रहा था।

R.D.X. वहां से बाहर निकल गए।

■■■

एक्स्ट्रा सैवन इलैवन से फोन पर बात कर रहा था।

"तुमने तो हमें फंसा ही दिया था। जो पता तुमने हमें दिया, वहां हमारे लिए पहले से ही जाल बिछा था।"

"क्या मतलब?" सैवन इलैवन की आवाज कानों में पड़ी।

एक्स्ट्रा ने सारी बात बताई।

"ओह, मुझे नहीं पता था कि ये चाल थी C.I.A. की।" सैवन इलैवन ने पूरी बात सुन कर कहा।

"अगर ऐसी ही गड़बड़ होती रही तो हम अपनी जान गंवा बैठेंग।"

" जो हुआ, उसका अफसोस है मुझे। अब तुम तीनों कहां हो?"

"वहीं।"

"ठीक है। तुमसे फिर बात करूंगा।" कहने के साथ ही उधर से सैवन इलैवन ने फोन बंद कर दिया था।

■■■

सैवन इलैवन ने फोन पर बात की।

"तुम्हें ये खबर किसने दी थी कि तुली उस पते पर है?" सैवन इलैवन ने पूछा।

"776 ने।" दीवान की आवाज सैवन इलैवन को सुनाई दी।

"वो कहां पर है अब?"

"न्यूयॉर्क, C.I.A. के ऑफिस में।"

"उसका नंबर अपनी लिस्ट में से काट दो। ये अब तक पकड़ा जा चुका होगा। उसके डबल एजेंट होने का राज खुल गया है। जो पता तुम्हें 776 ने बताया, वो गलत था। C.I.A. की चाल थी।  776 को भी इसकी खबर नहीं थी कि C.I.A. उस पर शक कर रही है।"

"समझ गया। मुझे पता चला कि तुमने माईक के बेटे को पकड़ रखा है।" उस तरफ से दीवान की आवाज कानों में पड़ी।

"तुम्हें बहुत जल्दी पता चलेगा कि तुली मारा गया है।" सैवन इलैवन ने कहा और फोन बंद कर दिया।

■■■

चीफ टॉम लैरी ने रिसीवर रखा और इंटरकॉम पर माईक से बात की। वो गुस्से में था।

"तुम्हारा शक ठीक था कि विक्टर F.I.A. को खबरें दे रहा है।"

"जो पता मैंने विक्टर को बताया। वहां क्या हुआ?" माईक का तेज स्वर कानों में पड़ा।

"तीन लोगों ने हमला किया था। चार आदमी वहां पहुंचे थे। दो को मार दिया गया। एक बच गया। एक घायल है। हमला करने वालों को तुली की तलाश थी।" चीफ टॉम लैरी क्रोध भरे स्वर में कह रहा था--- "ये खबर विक्टर को लग गई तो वो भाग जाएगा। मैं वहां पहुंच रहा हूं। तुम पकड़ो उसे।"

"ठीक है चीफ!"

चीफ टॉम लैरी ने रिसीव रखा और कुर्सी से उठता हुआ तेज-तेज कदमों से अपने कमरे से निकला और गैलरी में आगे बढ़ता चला गया। गुस्से से भरे अंदाज में उसके पांव नीचे पड़ रहे थे। गैलरी पार करके जब वो हॉल में पहुंचा तो, माईक को विक्टर की तरफ बढ़ते पाया। उसके साथ में दो और लोग थे।

विक्टर इन सब बातों से बे-खबर किसी से फोन पर बात कर रहा था। कि माईक को पास आया पाकर वो ठिठका। माईक के चेहरे पर खतरनाक भाव देखकर उसे गड़बड़ का एहसास हुआ। उसने फौरन रिसीवर रखकर कहा।

"क्या बात है माईक?"

तभी माईक का जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर जा पड़ा। वहां मौजूद कई एजेंटों का ध्यान इस तरफ आकर्षित हुआ। चीफ टॉम लैरी भी दो कदमों के फासले पर आ ठिठका था। माईक के साथ आये दोनों एजेंटों ने विक्टर को थामा और खड़ा कर दिया।

विक्टर का हाथ अपने चेहरे पर था और जान चुका था कि गड़बड़ हो चुकी है।

"आखिर बात क्या है माईक?" विक्टर कह उठा।

"F.I.A. को खबरें देने के जुर्म में तुम्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। कुछ कहना चाहते हो?"

विक्टर का चेहरा सफेद पड़ गया।

"ले आओ इसे।" माईक ने उन दोनों से कहा।

■■■

एक खाली कमरे में कुर्सी पर बैठा था विक्टर।

वहां माईक चीफ टॉम लैरी ही मौजूद थे।

विक्टर के चेहरे पर डर नाच रहा था। बार-बार वो सूखे होंठों पर जीभ फेर रहा था।

"विक्टर!" माईक गंभीर स्वर में बोला--- "बाकी सब बातें बाद में, मुझे अपने बेटे टेम्स की चिंता है। तुम बता सकते हो कि सैवन इलैवन ने उसे कहां पर रखा हुआ है। तुमने सही जवाब दिया तो तुम्हारे साथ नरमी बरती जाएगी।"

"मैं नहीं जानता।" विक्टर ने हारे स्वर में कहा।

"तुम्हें पता है, तुम F.I.A. के लिए काम कर रहे...।"

"मेरे जैसे जाने कितने F.I.A. को खबरें देते होंगे।" विक्टर ने गंभीर स्वर में कहा--- "F.I.A. हमसे खबरें लेती है, वो लोग मुझे ये क्यों बताने लगे कि उन्होंने तुम्हारे बेटे को कहां पर रखा है?"

"सैवन इलैवन को जानते हो?"

"नहीं, मैं इंडिया में, मुंबई स्थित F.I.A. के लोगों को खबरें देता था। वो नंबर चाहो तो मैं दे सकता हूं।"

"विक्टर!" चीफ टॉम लैरी ने होंठ भींचकर गंभीर स्वर में कहा--- "तुम फंस चुके हो। अब हमसे कुछ भी छुपाने का फायदा नहीं। जो भी सच है, वो बाहर निकाल दो। हम तुम्हारा ध्यान रखेंगे।"

"मुझे अफसोस है चीफ मैं इस मामले में आप लोगों को कोई जानकारी नहीं दे सकता। मैं कुछ भी नहीं जानता।"

"न्यूयॉर्क स्थिति F.I.A. एजेंटों को जानते होगे?"

"नहीं, मैं सिर्फ फोन करके इंडिया खबरें दिया करता था और वो वहां मेरे बैंक अकाउंट में पैसे जमा करा देते थे।" विक्टर ने गहरी सांस लेकर कहा--- "मेरा विश्वास करो। मैं फंस चुका हूं। अब झूठ क्यों बोलूंगा।"

"मेरे बेटे के बारे में नहीं जानते कि उसे कहां रखा गया है।"

"मेरा विश्वास करो मैं सच में कुछ नहीं जानता।" विक्टर ने फीके स्वर में कहा।

■■■

माईक अपने केबिन में पहुंचा। चेहरा गुस्से से भरा हुआ था कि विक्टर से उसे टेम्स के बारे में कोई खबर नहीं मिल सकी थी। अपने बेटे की उसे बहुत चिंता हो रही थी। सैवन इलैवन का कोई फोन भी नहीं आया था।

तभी फोन बजा। उसने रिसीवर उठाया तो सूजी की आवाज कानों में पड़ी।

"तुम्हारे लिए सैवन इलैवन  का फोन है। लाइन दूँ?"

"हां। बातें रिकॉर्ड कर लेना।" माईक ने अपनी बिगड़ी हालत पर काबू पाने की चेष्टा की।

दो पल बाद ही सैवन इलैवन की आवाज कानों में पड़ी।

"कैसे हो माईक?"

"टेम्स कैसा है?"

"बढ़िया। वो हिम्मतवाला है। तकलीफ को सह लेता है।"

"तुम क्या कर रहे हो उसके साथ?" माईक दांत भींचकर कह उठा।

"अब तुम्हारे बेटे पर मेरा हक है।" सैवन इलैवन के हंसने की आवाज आई--- "तुम चाहो तो उसे मैं छोड़ सकता हूं। तुली के बारे में बता दो कि उसे कहां रखा है। तुली को खत्म करने के बाद तुम्हारा बेटा तुम्हें वापस मिल जाएगा।"

माईक ने गहरी सांस ली।

"मैं तुमसे मिलना चाहता हूं।"

"तुली के बारे में बताओगे तो मिल भी लेते हैं।"

"तुम कहां मिलोगे?"

"मैं तुम्हें मिल लूंगा। अगर तुली को मेरे हवाले कर दो तो ये बहुत बढ़िया रहेगा।"

"तुमने मेरी बेटे को कोई तकलीफ तो नहीं पहुंचाई?"

"खास नहीं। वो जिंदा है, परंतु मुझे तुली न मिला तो वो मर भी सकता है। मैं किसी भी चीज का ज्यादा इंतजार नहीं करता। मैंने तो सोचा था कि अब तक तुमने हां या न का फैसला कर लिया होगा।"

"ये इतना आसान नहीं है सैवन इलैवन...।"

"मुझे लगता है कि तुम टेम्स को जिंदा वापस नहीं चाहते। तुम...।"

"सुनो सैवन इलैवन--- तुम मेरी बात को...।"

"माईक, तुम्हारी बातों से मेरा पेट नहीं भरेगा। मुझे तुली चाहिए, जल्दी फैसला करो। तुम्हें टाइम चाहिए कि नहीं?" इसके साथ ही उधर से फोन बंद कर दिया गया।

होंठ भींचे माईक ने रिसीवर रखा। कुछ पलों तक वो गुस्से से भरे अंदाज में टहलता रहा, फिर केबिन से निकला और चीफ के कमरे की तरफ बढ़ गया।

चीफ टॉम लैरी भीतर ही था और फोन, फाइलों में व्यस्त नजर आ रहा था।

"कहो माईक!" चीफ लैरी ने उसे देखा।

"चीफ!" माईक कुर्सी पर बैठता कह उठा--- "सैवन इलैवन का फोन आया था। वो टेम्स को मारने के लिए कह रहा है।"

"जाहिर है, वो तुम्हें ऐसी धमकियां देगा ही।" चीफ ने गंभीरता से कहा।

माईक ने चीफ को घूरा, फिर कहा।

"सैवन इलैवन के पास मेरा बेटा है। आपका नहीं, इसलिए मुझे चिंता हो रही है।"

"हमारे हाथ तीन F.I.A. एजेंट लगे हैं।उनसे पूछताछ हो रही है कि सैवन इलैवन ने टेम्स को कहां रखा है।"

"सैवन इलैवन बहुत चालाक है चीफ! उसने टेम्स के बारे में किसी को खबर नहीं दी होगी।"

"C.I.A. पूरी कोशिश कर रही है कि टेम्स के बारे में कोई खबर मिले। तुम जानते ही हो ये बात।"

"तब तक सैवन इलैवन ने टेम्स को कोई नुकसान पहुंचा दिया तो?"

"जब तक उसे तुली के मिलने की उम्मीद रहेगी, वो टेम्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।"

"सैवन इलैवन क्रूर आदतों का मालिक है--- वो...।"

"हर एजेंट ही ऐसा होता है। वक्त आने पर तुम कम क्रूर नहीं होते माईक।"

माईक चीफ को देखने लगा। उसके चेहरे पर सख्ती थी।

"तुम्हारे मन में क्या है?" चीफ ने कहा।

"मैं तुली को उसके हवाले करके अपना बेटा वापस पाना चाहता हूं।" माइक बोला।

"क्या तुम्हारी नजरों में ये ठीक है?"

"मैं टेम्स को वापस पाना चाहता हूं।"

"तुली हमारे हाथ से निकल गया तो ड्यूक हैरी की हत्या का राज कभी नहीं खुलेगा।"

"इस वक्त मैं अपने बेटे के बारे में चिंता कर रहा हूं। बाकी बातों के बारे में तो बाद में भी सोचा जा सकता है।"

"तुम जरूरत से ज्यादा चिंता कर रहे हो।"

माईक ने गहरी सांस ली।

"तुली से पूछताछ की?"

"अभी नहीं। वो यहां से दूर है वूस्टर में। उससे मैं ही पूछताछ करना चाहता था।"

"उससे हमारे दूसरे एजेंट बात कर रहे होते तो अब तक उसने  बहुत कुछ बता दिया होता।"

"वो इस तरह कुछ भी बताने वाला नहीं। मुंह खोलने से पहले वो वक्त लेगा।"

चीफ टॉम लैरी ने सिर हिलाकर गंभीर स्वर में कहा।

"कुछ वक्त और निकालो माईक! तब तक हो सकता है कि हमारे एजेंट तुम्हारे बेटे को ढूंढ निकालें।"

"ऐसा हुआ तो बहुत बढ़िया रहेगा।" माईक ने उठते हुए कहा।

"तुम जल्दबाजी में कोई गलत कदम मत उठा लेना।"

माईक अपने केबिन में पहुंचा। परेशान था वो।

तभी सूजी ने बताया कि घर से लोला का फोन है। उसने बात की।

"क्या हो रहा है माईक?" लोला का बेचैनी भरा स्वर कानों में पड़ा--- "टेम्स का कुछ पता चला?"

"नहीं, लेकिन कोशिश हो रही है।"

"जल्दी करो माईक! टेम्स खतरे में है। विक्रांत बहुत ही खतरनाक इंसान है।"

"हर तरफ से पूरी कोशिश हो रही है लोला।"

"विक्रांत का फोन आया?"

"हां, वो टेम्स को मारने को कह रहा था।" माईक ने होंठ भींचकर कहा।

"तुम कुछ करो। क्या सोचा तुमने?"

"मैं टेम्स को कुछ नहीं होने दूंगा। बेशक मुझे तुली को उसके हवाले ही क्यों न करना पड़े।"

"तुमने ठीक फैसला लिया है।"

माईक ने रिसीवर रखा। उखड़ा पड़ा था वो हर बात से।

■■■

उस समय रात के 11:30 हुए थे जब माईक C.I.A. की इमारत से निकला और पीछे मौजूद पार्किंग की तरफ बढ़ गया। वो बहुत थक चुका था। नाश्ते के बाद कुछ खाया भी नहीं था और भूख भी नहीं थी। उसे अपने बेटे की चिंता थी। सारा दिन वो एजेंटों को फोन-पर-फोन करता रहा कि शायद टेम्स की कोई खबर मिल सके। परंतु कहीं से कोई खबर नहीं मिली।

माईक की टाई की नॉट झूल रही थी। कमीज में सैकड़ों बल पड़े नजर आ रहे थे, जो कि पीछे की तरफ से बाहर झूल रही थी। लोला का बार-बार चिंता भरा फोन आ रहा था। अब रोला से मिलने वो घर जा रहा था। अपनी कार के पास पहुंचा और सेंट्रल लॉक ओपन करने के लिए रिमोट का स्विच दबाया तो गाड़ी बोल पड़ी। माईक के मस्तिष्क को झटका लगा। तो क्या गाड़ी खुली रह गई थी उससे? उसी पल उसकी निगाह भीतर पड़ी। वहां मौजूद रोशनी में सारी कारें स्पष्ट नजर आ रही थीं। माइक की आंखें सिकुड़ती चली गईं। पीछे वाली सीट पर कोई बैठा था।

माईक का हाथ फौरन रिवाल्वर पर पहुंचा। उसने पीछे का दरवाजा खोलकर कहा।

"बाहर निकलो।"

"दरवाजा बंद कर दो माईक और स्टेयरिंग पर बैठो। चलो यहां से।"

माईक के दांत भिंच गए।

ये सैवन इलैवन की आवाज थी। आसानी से उसने आवाज को पहचान लिया था।

"तुम... सैवन इलैवन?" माईक का स्वर कठोर हो गया।

"तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, क्योंकि तुम्हारा बेटा मेरे कब्जे में है। चलो यहां से।" सैवन इलैवन ने कहा।

माईक नीचे झुका और भीतर देखा। हाथ अभी तक रिवाल्वर पर था।

सैवन इलैवन की बिल्लौरी आंखों से उसकी नजरें मिलीं।

आज पहली बार माईक ने सैवन इलैवन का चेहरा देखा था।

सैवन इलैवन मुस्कुराया, जबकि उसकी मुस्कान पर माईक का खून खौल उठा। टेम्स की जिंदगी का सवाल न होता तो माईक ने अब तक उसे शूट कर दिया होता। अपने को शांत रखते हुए माईक ने स्टेयरिंग संभाली और कार को बैक करने के पश्चात बाहर लेता चला गया। कुछ ही देर में कार, सड़क पर दौड़ती कारों का हिस्सा बन चुकी थी।

"जहां भी जा रहे हो, चलते रहो। हमारी बातें रास्ते में हो जाएंगी। मैं कहीं भी उतर जाऊंगा।" सैवन इलैवन ने कहा।

माईक ने बैक मिरर में से उसका चेहरा देखा। तब सैवन इलैवन को कार से बाहर देखते पाया।

"तुम कब से कार में बैठे हो?" माईक ने पूछा।

"एक घंटे से।" सैवन इलैवन ने कहा--- "तो अपने डबल एजेंट को तुम लोगों ने ढूंढ ही लिया?"

"ऐसे एजेंट ज्यादा देर छिपे नहीं रहते। कोई न कोई गलती करते हैं और पकड़े जाते हैं। टेम्स कैसा है?"

सैवन इलैवन ने एक लिफाफा आगे वाली सीट पर रखते हुए कहा।

"ये तुम्हारे बेटे की तस्वीर है जिन्हें देखकर तुम अपने बेटे का हाल जान जाओगे।"

माईक ने तस्वीरों की तरफ हाथ बढ़ाया तो सैवन इलैवन कह उठा।

"मेरे जाने के बाद... अभी सिर्फ कार ड्राइव करो।"

दांत भींचे माईक का हाथ वापस स्टेयरिंग पर आ गया। वो  बोला।

"मेरे बेटे को छोड़ दो सैवन इलैवन।"

"तुम्हारे पास कल दिन का वक्त है माईक!" सैवन इलैवन ने शांत स्वर में कहा--- "परसों मैं तुम्हें उसकी लाश भेज दूंगा।"

"तुम ऐसा नहीं कर सकते।"

"मैं अपना मिशन पूरा करने के लिए सब कुछ कर सकता हूं। ये बात तुम्हें पता चल जाएगी। तुम तुली को मेरे हवाले नहीं करना चाहते तो मत करो परंतु तुली को अपने पास रखने की कीमत तो चुकानी होगी, अपने बेटे की जान गंवा कर।"

"तुम बच नहीं सकते सैवन इलैवन!" माईक गुर्रा उठा--- "मुझे थोड़ा-सा भी मौका मिला तो तुम्हें नहीं छोडूंगा।"

"अपने बेटे की चिंता करो।"

"टेम्स के बदले तुम्हें C.I.A.डॉलर दे सकती है।"

"F.I.A. मुझे बहुत दौलत देती है, इतनी कि तुम्हें C.I.A. भी नहीं देती होगी। पैसा मैंने बहुत देखा है।"

"तो तुम नहीं मानोगे?"

"कल का दिन है तुम्हारे पास, टेम्स को बचाने के लिए।" सैवन इलैवन बोला--- "कार यहीं रोक दो।"

माईक ने सड़क के किनारे कार रोक दी। उसके दांत भिंचे हुए थे। वो गुस्से में था।

"अपना फोन नंबर दे दो।" माईक बोला।

"क्यों?"

"मैंने तुमसे बात करनी हो तो कर सकूं।"

"मुझे सिर्फ ये बताने के लिए फोन करना कि तुली कहां है, वरना फोन मत करना।" इसके साथ ही सैवन इलैवन ने अपना फोन नंबर उसे दिया और कार से उतर कर आगे बढ़ गया।

माईक क्रोध भरी निगाहों से सैवन इलैवन को तब तक देखता रहा, जब तक वो नजर आता रहा। उसका बेटा बीच में न होता तो सैवन इलैवन को उसने नहीं छोड़ना था।

■■■

लोला बेहद परेशान थी।

जबसे सैवन इलैवन टेम्स को ले गया था, उसके बाद से तो उसमें से उसका चैन ही गुम हो गया था। खाने-पीने का जरा भी होश नहीं था। इस बीच वो माईक को बार-बार फोन करती रही और घर पर इस इंतजार में रही कि शायद सैवन इलैवन का फोन टेम्स के बारे में आ जाए, परंतु नहीं आया।

इस वक्त रात के बारह बज रहे थे।

बाहर कार रुकने की आवाज आई। वो जानती थी कि माईक आया होगा। क्योंकि ऑफिस से चलते वक्त उसने उसे फोन कर दिया था। लोला ने दरवाजा खोला और थके चेहरे से माईक को कार से निकलते देखने लगी। माईक, सैवन इलैवन का दिया तस्वीरों वाला लिफाफा थामे निकला और लोला के पास आ पहुंचा।

"माईक!" लोला की आंखों से आंसू बह निकले, वो माईक से जा लिपटी।

"सब ठीक हो जाएगा। तुम बहुत अच्छी हो, जो अपने पर काबू रखे हुए हो। थोड़ा और सब्र रखो।"

माईक उसे अपने साथ भीतर लेता गया। उसे सोफे पर बैठाया। लोला की आंखों से आंसू बह रहे थे।

माईक गुस्से में था। उससे कुछ कहते न बन पा रहा था।

"मैंने टेम्स को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन विक्रांत मेरे से ज्यादा तेज निकला। वो ले गया उसे।"

"मैं जानता हूं कि तुमने बहुत कोशिश की होगी।" माईक उसके बहते आंसू साफ करता कह उठा।

"तुम्हें टेम्स की कोई खबर मिली?"

"नहीं, लेकिन वापसी पर सैवन इलैवन मिला।"

"विक्रांत--- वो मिला?" लोला के बहते आंसू थम से गए--- "क्या बोला, क्या बात हुई?"

"उसने मुझे कल का दिन दिया है।"

"कल का दिन?"

"या तो मैं उसे तुली दे दूं या वो टेम्स को मार देगा। सिर्फ कल का दिन है हमारे पास।"

"माईक वो खतरनाक है।" लोला तड़प उठी--- "वो सच में टेम्स को मार देगा।"

माईक के होंठ भिंच गए।

"तुमने क्या सोचा?"

"कुछ नहीं।"

लोला माईक को देखने लगी। उसके गाल गीले थे।

"अब तो तुम्हें कुछ सोच लेना चाहिए माईक! हमने अपने बेटे को बचाना है।"

माईक कुछ नहीं बोला।

"ये तुम्हारे हाथ में क्या है?" लोला ने माईक के हाथ में थमे लिफाफे को देखा।

"ओह--- ये--- की तस्वीर है। सैवन इलैवन ने दी थी।" माईक ने लिफाफा खोलना चाहा।

लोला ने फौरन झपट्टा मारा और तस्वीर निकालकर देखने लगी। वो छः तस्वीरें थीं। तस्वीरों पर निगाह पड़ते ही लोला सन्न रह गई। तस्वीरों में टेम्स की टांगे बांधकर उसे उल्टा लटकाया हुआ था और शरीर जख्मी था।

"ये--- ये देखो माईक!" लोला का स्वर कांपा--- "टेम्स को देखो, क्या हाल कर दिया है विक्रांत ने उसका।"

माईक ने तस्वीरों को देखा तो उसका खून खौल उठा।

"सैवन इलैवन जल्लाद है। हमारे छः बरस के टेम्स के साथ उसने कैसा बुरा सलूक किया है।" लोला की आंखों से आंसू बह निकले।

"कमीना!" माईक दांत भींचे कह उठा।

"तुली को उसके हवाले कर दो माईक।" लोला कह उठी।

माईक ने कुछ नहीं कहा।

"तुमने इस बारे में सोचा कि तुम्हें तुली को विक्रांत को दे देना चाहिए।" लोला ने चीखने जैसे स्वर में कहा।

"हां, चीफ से बात की।" माईक सख्त स्वर में बोला।"

"क्या बोला चीफ?"

"उसने इंतजार करने को कहा।"

"इंतजार?" लोला गुस्से से कह उठी--- "उसे ये तस्वीरें दिखाई तुमने। टेम्स उसका बेटा होता तो वो क्या करता?"

माईक के होंठ भिंचे रहे।

"तुम--- तुमने अभी कहीं जाना तो नहीं है?" लोला कह उठी।

"नहीं।"

"ठीक है, हम आराम से इस मामले पर बात करेंगे। तुमने खाना नहीं खाया होगा, मैंने भी नहीं खाया।"

"लोला, चीफ नहीं मानेगा... तुली को सैवन इलैवन के हवाले करने के लिए।"

"नहीं मानेगा?"

"नहीं।" माईक ने इंकार में सिर हिलाया--- "उसकी बातों से मुझे यही महसूस हुआ।"

"परवाह मत करो चीफ की।" लोला ने कठोर स्वर में कहा--- "तुम टेम्स को बचाओ।"

माईक लोला को देखने लगा।

"तुली को तुमने रखा है?" लोला बोली।

"हाँ।"

"तो सोचते क्या हो। तुली को विक्रांत को दो और उससे टेम्स को ले लो। चीफ की परवाह मत करो। ज्यादा-से-ज्यादा वो नौकरी छीन लेगा। परवाह नहीं, नौकरी बहुत मिल जाएगी। मुझे टेम्स वापस चाहिए।"

माईक चुप रहा।

"सोच क्या रहे हो?"

"जल्दी मत करो लोला! मुझे सोचने दो। अभी हमारे पास कल का पूरा दिन पड़ा है। सैवन इलैवन से मैंने उसका फोन नंबर ले लिया है। मैं जब भी चाहूं उससे बात कर सकता हूं।" माईक ने गंभीर स्वर में कहा।

लोला माईक को देखने लगी।

"मैं एक बार फिर चीफ से बात...।"

"क्या जरूरत है?"

"जरूरत है।" माईक ने लोला के कंधे पर हाथ रखा--- "इस मामले में अगर मैं दोषी बना तो चीफ भी बनेगा। तुम मेरे लिए एक पैग तैयार करो। अपना भी बना लो और निश्चिंत रहो। टेम्स हमें वापस मिल जाएगा।" कहकर माईक फोन की तरफ बढ़ा। वो गुस्से में भी था और गंभीर भी था। माईक ने ऑफिस के नंबर मिलाए और बोला--- "किसी को मेरे घर भेजो। चीफ के लिए कुछ तस्वीरें देनी हैं।"

लोला अभी भी पास खड़ी माईक को देख रही थी।

माईक ने मुस्कुराने की चेष्टा की।

"मैं तुम्हारे लिए पैग बनाती हूं।" वो भीगे स्वर में बोली--- "टेम्स को कुछ नहीं होगा न?"

"नहीं, वो हमें मिल जाएगा।"

लोला भीतर की तरफ चली गई। माईक की निगाह वहां पड़ी टेम्स की तस्वीरों पर जा टिकी।

"जिंदगी में जब भी मौका मिला।" माईक बड़बड़ा उठा--- "मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं सैवन इलैवन।"

■■■

अगले दिन माईक सोकर उठा तो सुबह के आठ बज रहे थे।

लोला पहले से ही जगी हुई थी।

"गुड मॉर्निंग लोला।" माईक मुस्कुराकर कह उठा।

"मॉर्निंग।" लोला बेचैन थी--- "आज तुमने टेम्स को छुड़ाने के लिए कुछ करना है।"

"याद है मुझे। तुम कॉफी बनाओ।"

माईक जब नहा-धोकर हटा तो साढ़े नौ बज रहे थे। उसने चीफ के प्राइवेट नंबर पर फोन किया।

चीफ ने ही रिसीवर उठाया था।

"टेम्स की तस्वीरें देखीं चीफ?"

"हां।" चीफ का गंभीर स्वर उसके कानों में पड़ा--- "सैवन इलैवन बहुत बुरा कर रहा है उसके साथ।"

"रात वो मुझसे मिला।"

"कहां?" चीफ की तेज आवाज कानों में पड़ी।

"वो मेरी कार पर बैठा था, जब मैं घर जाने के लिए निकला। रात के साढ़े ग्यारह बजे।"

"ऑफिस के नीचे?"

"हां।"

"तुम्हारे पास बढ़िया मौका था उस पर हाथ डालने का।"

"उसके पास मेरा बेटा कैद है। ऐसी स्थिति में मैं उस पर हाथ नहीं डाल सकता। वो मेरे बेटे को यातना दे रहा है। उसके शरीर पर जख्मों के निशान स्पष्ट देखे जा सकते हैं। तुमने नहीं देखा चीफ?"

"सब देखा।" चीफ का स्वर व्याकुल था।

"सैवन इलैवन ने कहा है कि आज का दिन है, कल वो मेरे बेटे को मार देगा। वो सच में मार देगा। जल्लाद है वो कमीना।"

चीफ की तरफ से कोई आवाज नहीं आई।

"तुली को उसके हवाले कर देना चाहिए।" माईक पुनः बोला।

"तुम बहुत जल्दी कर रहे हो।"

"क्योंकि मेरे बेटे की जान खतरे में है। मैं उसे बचाना चाहता हूं।"

"आज का दिन तो उसने दिया है।"

"तो?"

"इंतजार करो। दिन बहुत लंबा होता है। हमें सैवन इलैवन या टेम्स की कोई खबर मिल सकती है वक्त रहते।"

"तुम मुझे टाल रहे हो चीफ।"

"नहीं, मैं तुम्हारे बेटे की बात को पूरी गंभीरता से ले रहा हूं। अभी आज का दिन देखो।"

"तो क्या उसके बाद तुम तुली को सैवन इलैवन के हवाले करने को तैयार हो?" माईक ने पूछा।

"अभी सोचा नहीं।"

"तुम्हें सोच लेना चाहिए चीफ कि अगर दिन में कुछ न हुआ तो तुम तुली को सैवन इलैवन के हवाले करने को तैयार हो।"

"अभी मैं कोई फैसला नहीं ले सकता, तुम ऑफिस आओ, फिर बात करते हैं।"

माईक ने रिसीवर रख दिया।

लोला पास ही खड़ी उसे देख रही थी।

दोनों की नजरें मिलीं तो माईक कठोर स्वर में बोला।

"चीफ हमारे बेटे को गंभीरता से नहीं ले रहा। उसे तुली की ज्यादा फिक्र है।"

"ये तो गलत बात है।"

"दिल तो करता है चीफ के सिर पर गोली मार दूं।" माईक ने गुस्से से कहा।

"इस वक्त अपने बेटे के बारे में सोचो माईक।" लोला ने गंभीर स्वर में कहा।

माईक खामोश रहा।

"मेरी राय में बिना किसी बात की परवाह किए तुम टेम्स को बचाओ। माईक! वो हमारा बेटा है। तुम्हारे कामों की वजह से उसकी जान खतरे में नहीं पड़नी चाहिए। मैंने टेम्स की देखभाल के लिए ही C.I.A. की नौकरी छोड़ दी थी।"

"मैं तुली को सैवन इलैवन के हवाले करने को तैयार हूं।" माईक गंभीर स्वर में बोला।

"तो विक्रांत को फोन करो। उससे बात करो कि तुम उसकी बात मान रहे हो।" लोला कह उठी।

■■■

माईक ने सैवन इलैवन से बात की।

"मेरा बेटा कैसा है?" माईक ने पूछा।

"जिंदा है।मैंने तुम्हें उसकी तस्वीरें दी थीं।" सैवन इलैवन की आवाज माईक के कानों में पड़ी।

"तुम निहायत ही गिरे हुए इंसान हो, जो एक मासूम बच्चे को तकलीफ दे रहे हो।"

"मेरे लिए वो दुश्मन का बेटा है। तुम अपनी बात कहो, तुम्हारे पास सिर्फ आज का दिन है कि अपने बेटे को बचा सको। अगर तुम्हें लगता है कि मैं गलत कह रहा हूं तो निश्चिंत होकर दिन बिताओ। कल सुबह तुम्हें लाश मिल जाएगी।"

"मैं जानता हूं कि तुम गिरे हुए इंसान हो।" माईक ने दांत भींचकर कहा--- "कुछ भी कर सकते हो।"

"अब तुमने मुझे सही पहचाना। मेरा मिशन ही महान होता है और किसी चीज की मैं परवाह नहीं करता।"

"मैं तुली को तुम्हें देने को तैयार हूं।" कहते हुए माईक ने पास खड़ी लोला को देखा।

लोला ने गहरी सांस ली।

"ये तुमने बढ़िया फैसला किया। कहां है तुली?"

"इस बात की क्या गारंटी है कि मुझे मेरा बेटा सही-सलामत मिलेगा?"

"गारंटी सिर्फ यही है कि मुझे तुम्हारे बेटे में कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे सिर्फ तुली चाहिए। उसके बाद तुम्हारा बेटा तुम तक पहुंच जाएगा। इतना भरोसा तो तुम मुझ पर कर ही सकते हो माईक।"

"टेम्स से से मेरी बात कराओ।"

"अभी नहीं। अभी तुम सिर्फ तुली के बारे में बात करो। कहां है वो?"

"वूस्टर में।"

"वूस्टर? बोस्टन से आगे।" सैवन इलैवन की आवाज कानों में पड़ी।

"हां, वहां उसे एक फ्लैट में रखा गया है।"

"और वहां तक पहुंचने के लिए पूरा दिन चाहिए। न्यूयॉर्क से बोस्टन प्लेन पर, फिर आगे बस पर।"

"हां।"

"वूस्टर में वो फ्लैट कहां है?"

माईक ने बताया।

"ठीक है।" सैवन इलैवन की आवाज कानों में पड़ी--- "तुम इस वक्त कहां हो?"

"घर पर।"

"वहीं रहो। बाहर मत निकलना।"

"तुम क्या करने जा रहे हो?"

"तुम्हारे ख्याल से मैं क्या करूंगा। तुम जानते ही हो कि तुली मरेगा।"

"हां, जानता हूं।" माईक ने गहरी सांस ली--- "उसके पास हैरिसन नाम का एजेंट भी है।"

"तुम अपने घर पर ही रहो।" इतना कहने के साथ ही उधर से सैवन इलैवन ने फोन बंद कर दिया था।

माईक ने रिसीवर रखा और लोला को देखकर गंभीर स्वर में कह उठा।

"मैंने अपना काम कर दिया लोला।"

"हमारा बेटा वो लौटा देगा?" लोला ने व्याकुल स्वर में कहा।

"लौटा तो देना चाहिए उसे। पहले वो तुली को मारेगा, फिर टेम्स को देगा।"

"अगर वो तुली को न मार सका तो?"

"मार देगा।"

■■■

शाम चार बजे!

चीफ टॉम लैरी ने इंटरकॉम पर बात की।

"माईक आया?" टॉम लैरी ने पूछा।

"नहीं सर।"

टॉम लैरी ने रिसीवर रख दिया। चेहरे पर चिंता के भाव थे, फिर उसने एजेंट जैकी को बुलाया। जैकी अच्छे एजेंटों में गिना जाता था और टॉम लैरी का खास था। टॉम लैरी जैकी को दो बार तरक्की दिला चुका था।

"कहिए चीफ?" जैकी बोला।

"मैं तुम्हें F.I.A. के एजेंट तुली के बारे में बताना चाहता हूं कि वो कहां है।"

"ये बात तो अब तक गुप्त रखी गई थी।" जैकी ने कहा।

"हां, लेकिन अब मुझे लगता है कि माईक गड़बड़ करने की सोच रहा है। उसके बेटे को F.I.A. एजेंट सैवन इलैवन उठा चुका है।"

"जानता हूं।"

"माईक सैवन इलैवन को तुली का वूस्टर का पता बता सकता है।"

"अपने बेटे को बचाने के लिए?"

टॉम लैरी ने सहमति से सिर हिलाया, फिर बोला।

"तुली के पास हैरिसन है। उन दोनों को मत छेड़ो। वूस्टर स्थित एजेंटों को कहो कि उस फ्लैट का घेरा डाल लें। खामोशी से सारा काम होना चाहिए। अगर वहां कोई गड़बड़ दिखे तो संभाल लें।"

"वूस्टर के उस फ्लैट का पता क्या है चीफ?"

टॉम लैरी ने जैकी को उस फ्लैट का पता बताया।

"कहो तो मैं वहां चला जाऊं चीफ?" जैकी बोला।

"ये तो और भी अच्छा होगा, लेकिन पहले वहां अपने एजेंटों का घेरा डलवा दो। तुम कब तक पहुंच जाओगे वहां?"

"आठ या नौ बजे तक।"

"जाओ, जो कहा है मैंने, वो फौरन करो और तुम भी वूस्टर जाने के लिए बोस्टन की फ्लाइट लो।"

जैकी बाहर निकल गया।

टॉम लैरी के होंठ सिकुड़े हुए थे। चेहरे पर गंभीरता थी, उसने रिसीवर उठाकर कहा।

"सूजी, माईक के घर का फोन मिलाओ।"

मिनट-भर बाद ही वो माईक से बात कर रहा था।

"तुम ऑफिस नहीं पहुंचे माईक?" टॉम लैरी ने पूछा।

"लोला की तबीयत ठीक नहीं। टेम्सकी चिंता में वो बीमार होती जा रही है। कोई सफलता मिली तुम्हें?"

"अभी नहीं।"

"टेम्स को बचाने के लिए कुछ करो।"

"C.I.A. पूरी कोशिश कर रही है, ये तुम भी जानते हो।" टॉम लैरी ने कहा।

"तुली को सैवन इलैवन को सौंप दो। तुम्हें मेरी बात मान...।"

"अभी दिन बाकी है, तुम फिक्र मत करो--- हम...।"

"जैसी तसल्लियां मै लोगों को देता हूं, कुछ वैसी ही बात तुम मुझसे कह रहे हो।"

"सब्र रखो माईक! C.I.A. इस बात की पूरी कोशिश कर रही है कि सैवन इलैवन या टेम्स के ठिकाने का पता चले कि वो कहां है।"

"वक्त बहुत कम है।"

"मैं समझता हूं। सैवन इलैवन से दोबारा बात हुई?"

"नहीं।"

"ठीक है, मैं तुम्हें फिर फोन करूंगा।" कहकर टॉम लैरी ने रिसीवर रख दिया। उसके होंठ भिंचे हुए थे। इस हालात में माईक घर नहीं बैठ सकता था, क्योंकि उसे अपने बेटे की फिक्र थी। उसकी तलाश में उसे भागदौड़ करनी चाहिए थी, परंतु वो घर में है, सुबह से। इसका मतलब माईक निश्चिंत हो चुका था टेम्स के बारे में। सैवन इलैवन को उसने तुली का ठिकाना बता दिया होगा।

टॉम लैरी ने जैकी से फोन पर बात की।

"चीफ! मैंने वूस्टर के एजेंटों को सब समझा दिया है। वे उस फ्लैट पर घेरा डालने जा रहे हैं और मैं वूस्टर के लिए फ्लाइट लेने जा रहा हूं।"

"मैंने तुम्हें ये कहने के लिए फोन किया है जैकी कि शायद हमारी आशंका सच है। वूस्टर में कुछ भी हो सकता है।"

"F.I.A. के एजेंट तुली को नहीं मार सकेंगे। मैं रोकूंगा उन्हें।"

"गुड! मौका मिलते ही तुली को वहां से निकल जाना। तुली C.I.A. को जिंदा चाहिए।

"ऐसा ही होगा चीफ!"

टॉम लहरी ने रिसीवर वापस रख दिया।

■■■

"मैंने अच्छा किया, जो सैवन इलैवन से बात कर ली।" माईक ने लोला को देखते हुए कठोर स्वर में कहा--- "टेम्स को बचाने में चीफ दिलचस्पी ले रहा। वो तुली के हाथ से नहीं जाने देना चाहता। उसने बता दिया कि वह कितना कमीना है।"

"चीफ अपनी ड्यूटी दे रहा हूं, तुम अपना फर्ज पूरा करो माईक!" लोला व्याकुल गंभीर स्वर में बोली--- "हमें टेम्स की फिक्र होनी चाहिए। वो हमें मिल जाना चाहिए। चीफ को थोड़ी देर के लिए भूल जाओ।"

"लेकिन मैंने कितनी बार चीफ के कहने पर अपनी जान खतरे में डाली और...।"

"वो तुम्हारा फर्ज था। ड्यूटी थी। तुम आज भी वहीं के वहीं हो, जबकि कई चीफ आए और चले गए। तुम तो...।"

तभी कॉलबेल बजी।

"मैं देखती हूं।" कहते हुए लोला दरवाजे की तरफ बढ़ गई।

लोला ने दरवाजा खोला तो अचकचा उठी।

सामने सैवन इलैवन खड़ा था।

"तुम?" लोला के होंठों से निकला।

"गुड इवनिंग मैसेज माईक!" सैवन इलैवन मुस्कुराया।

लोला ने गहरी सांस ली और पीछे हट गई।

"माईक भीतर है?" सैवन इलैवन ने भीतर प्रवेश करते हुए कह।

"हां।"

भीतर आते ही सैवन इलैवन की निगाह माईक पर पड़ी।

लोला ने दरवाजा बंद कर दिया था।

"मेरे बेटे को लाए हो?" उसे देखते ही माईक बोला।

"वो ठीक-ठाक है। जब मैं वहां से चला तो नूडल खा रहा था। अगर तुम मेरे से ईमानदारी से पेश आते हो तो वो तुम्हें मिल जाएगा।"

"उससे मेरी बात कराओ।"

अभी लो।" सैवन इलैवन सोफा चेयर पर बैठा हुआ बोला और फोन निकालकर नंबर मिलाए। बात हुई--- "टेम्स से बात कराओ।"

चंद पलों बाद ही टेम्स की आवाज कानों में पड़ी तो सैवन इलैवन बोला।

"अपने पापा से बात करो।"

उसी पर लोला ने आगे बढ़कर उससे फोन ले लिया।

"टेम्स!" लोला व्याकुलता से बोली--- "तुम कैसे हो बेटे?"

"मैं मजे में हूं मम्मा!" टेम्स की आवाज कानों में पड़ी।

"तुम कहां हो?"

उसी पल सैवन इलैवन ने लोला से फोन लेकर बंद कर दिया और कहा।

"मैंने इस बात की इजाजत नहीं दी थी कि तुम उससे पूछो कि वो कहां है।"

"मैंने तो यूं ही पूछा।" लोला ने जल्दी से कहा।

सैवन इलैवन फोन जेब में वापस रखता, माईक से कह उठा।

"तो अब हम काम की बात करें?"

"हां।" माइक ने सिर हिलाया।

"क्या तुम सच में अपने बेटे को बचाना चाहते हो?" सैवन इलैवन ने पूछा।

"बेवकूफों जैसा सवाल मत करो। टेम्स को बचाने के लिए मैं तुम्हें बता चुका हूं कि तुली किधर है।" माईक ने कहा।

"अभी ये मालूम नहीं हो सका कि तुम सच कह रहे हो या गलत क्योंकि मेरे एजेंट रास्ते में हैं।"

"वो ही तीन एजेंट तो नहीं, जो कल उस फ्लैट पर गए थे?"

"वो ही--- क्यों पूछा?"

"वे तीनों बहुत खतरनाक हैं।" माईक ने गहरी सांस ली--- "हमें उनके बारे में रिपोर्ट मिल चुकी है।"

"खतरनाक काम को, खतरनाक लोग ही करते हैं।" सैवन इलैवन बोला--- "तुली के पास तुम्हारा सिर्फ एक एजेंट है?"

"हां--- हैरिसन नाम है उसका।" माईक ने सैवन इलैवन को देखा।

"उसे तुली के पास से हटा दो, नहीं तो वो भी मारा जाएगा।" सैवन इलैवन ने कहा।

माईक ने सिर हिलाया और मोबाइल निकालकर नंबर मिलाने लगा। व्याकुल भाव से खड़ी लोला सैवन इलैवन को देख रही थी।

"तुम बैठ जाओ।" सैवन इलैवन ने लोला से कहा--- "थक जाओगी।"

"तुमने..." लोला बैठते हुए कह उठी--- "हमारे बेटे को उठाकर ठीक नहीं किया।"

सैवन इलैवन मुस्कुराया, कहा कुछ नहीं।

तब तक माईक की हैरिसन से बात हो गई।

"सब ठीक है हैरिसन?" माईक ने पूछा।

"हां।"

"तुली कैसा है?"

"ठीक है। वो धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है और F.I.A. का डर उसके सिर से हट रहा है।"

"ये तो अच्छी बात बताई तुमने।" माईक ने गहरी सांस ली--- "तुली से दूर होकर मेरे से बात करो।"

"एक मिनट...।" फिर कुछ पलों बाद हैरिसन की आवाज आई--- "कहो, अब मैं बालकनी में हूं।"

"वूस्टर में गिलोरिया नाइट क्लब है।"

"हां, बाहर से उसे देखा है मैंने।"

"तुम वहां पहुंचा। वहां तुमसे कोई मिलेगा। तुली को फ्लैट में कोई खतरा तो नहीं?"

"नहीं, वो पूरी तरह सुरक्षित है।"

"गुड! तुम गिलोरिया नाइटक्लब पहुंच जाओ। वहां से तब तक नहीं हिलोगे, जब कि मैं तुम्हें मिलने को न कहूं।"

"बात क्या है?" हैरिसन की आवाज कानों में पड़ी।

"कुछ है।"

"तुम मुझे तुली के पास से क्यों हटा रहे हो। यही करना चाह रहे हो न तुम?"

"हां, आगे सवाल न पूछो। वहां से गिलोरिया के लिए निकल जाओ। तुली को कोई बढ़िया-सा बहाना बना देना।"

"चीफ को पता है कि तुम...?"

"उसे कुछ नहीं पता। सैवन इलैवन ने मेरे बेटे को उठा लिया है। ये अदला-बदली है।"

"समझ गया। मैं अभी यहां से निकल जाता हूं।"

माईक ने फोन बंद करके सैवन इलैवन को देखा।

"तुमने उसे बता दिया कि, वो तुम्हारे चीफ को बता सकता...।"

"कभी नहीं सैवन इलैवन। वो मेरा वफादार है।"

"मैं अब यहीं रहूंगा।" सैवन इलैवन बोला।

"कब तक?" माईक ने माथे पर बल डालकर उसे देखा।

"जब तक ये काम न निबट जाए। मेरे ख्याल में कुछ ही घंटों की बात है।" सैवन इलैवन ने मुस्कुराकर कहा।

■■■

R.D.X. बोस्टन पहुंचे।

शाम पांच बजे उनकी फ्लाइट बोस्टन एयरपोर्ट पर लैंड हुई।

वहां से उन्होंने टैक्सी ली और आर्लिंगटन पहुंचे।

आर्लिंगटन से ग्रेहाउंड कंपनी की बस वूस्टर के लिए चलती थी। शाम के सात बजे वे वहां पहुंचे थे। बस स्टेशन से साढ़े बजे उन्हें बस मिली और करीब नौ बजे वूस्टर में थे।

"वुडलैंड रोड पर फ्लैट है वो। 42 नंबर फ्लैट।"

"टैक्सी लो और वुडलैंड रोड पर पहुंचो।"

■■■

शाम के पांच बजे!

वुडलैंड रोड के 42 नंबर फ्लैट में तब तुली और हैरिसन मौजूद थे। कुछ मिनट पहले ही हैरिसन और माईक की बात हुई थी। हैरिसन, बालकनी से भीतर कमरे में आ पहुंचा था। वो खुद को सामान्य दर्शा रहा था।

"किसका फोन था?" तुली ने उसे देखा।

"माईक का।" हैरिसन मुस्कुराकर बोला--- "एक काम आ गया है, यहीं वूस्टर का। माईक ने वो करने को कहा है। दो घंटे में लौट आऊंगा।"

तुली ने गहरी निगाहों से हैरिसन को देखा।

"मैं भी तुम्हारे साथ चलूं?"

"नहीं, मुझे अकेले ही जाना होगा। तुम्हें यहां कोई डर नहीं।  मैं दो घंटे में लौट आऊंगा।"

"वूस्टर में C.I.A. के और एजेंट नहीं क्या?"

"हां।"

"तो ये काम उन्हें सौंपा जा सकता है।"

"माईक ये काम मुझसे कराना चाहता है।"

तुली मुस्कुराया।

"क्या हुआ?"

"कोई बात तो है ही।"

"क्या मतलब?"

"माईक मुझे अकेला छोड़ना नहीं चाहेगा और तुम कह रहे हो कि माईक ने तुम्हें कोई काम करने को कहा है।"

"गलत मत सोचो। मैं तुम्हारे साथ हूं। दो घंटे में आ जाऊंगा।" हैरिसन ने कहा।

"मैं नहीं मानता। मुझे सच बताओ।"

"यही सच है। कहो तो माईक से बात कराऊं?"

"कोई जरूरत नहीं।"

"तुली!" हैरिसन कपड़े पहनता सहज स्वर में कह उठा--- "तुम जानते हो कि तुम हमारे लिए कीमती हो। तभी तो मैं तुम्हारे साथ हूं... हर पल C.I.A. हर हाल में तुम्हारा भला चाहती है। तुम खुश हो तो C.I.A. भी खुश है।"

तुली सिर हिलाते हुए मुस्कुराकर कह उठा।

"लेकिन C.I.A. कभी भी मुझे अकेला नहीं छोड़ना चाहेगी, खासतौर तब तक, जब तक कि मैं 'ऑपरेशन टू किल' के बारे में सब कुछ न बता दूं।"

"तुम्हें अकेला नहीं छोड़ा जा रहा। बस, मैं दो घंटे में वापस आता हूं।"

हैरिसन चला गया।

तुली ने एक तरफ रखी अपनी रिवाल्वर उठाई जो कि बोस्टन पहुंचते ही राह चलते एक आदमी ने उसे थमा दी थी। यकीनन वो C.I.A. का ही आदमी रहा होगा। उसमें मैगजीन फुल थी।

हैरिसन का इस तरह का एक चले जाना उसे अजीब लगा था। तुली ने फ्लैट की खिड़की खोलकर बाहर झांका।

फ्लैट वाली कालोनी की सड़क दूर तक नजर आ रही थी। वो खाली थी। दो-चार लोग आ-जा रहे थे। सब ठीक ही लगा उसे। उसने खिड़की बंद की और रिवाल्वर जेब में रखकर कॉफी बनाने के लिए किचन में आ पहुंचा। चेहरे पर सोच के भाव थे और मस्तिष्क में उथल-पुथल मची हुई थी। रह-रहकर F.I.A. का ख्याल उसकी सोचो में आ जाता था कि वे उसकी तलाश में होंगे।

■■■

R.D.X. वुडलैंड रोड पर आ पहुंचे।

टैक्सी वाला उन्हें वहां छोड़ गया था।

वे तीनों इस वक्त बाहरी सड़क पर खड़े थे। सामने ही वुडलैंड रोड नजर आ रही थी। स्ट्रीट लाइटें रोशन थीं। रात के 9:50 हो रहे थे।

लोगों का आना-जाना जारी था। सड़कों के दोनों तरफ फ्लैट बने नजर आ रहे थे।

"तुम दोनों यहीं रुको।" एक्स्ट्रा बोला--- "मैं एक चक्कर लगा के आता हूँ।"

एक्स्ट्रा आगे बढ़ गया।

■■■

पांच बजे हैरिसन गया था।

परंतु 10 बजने तक भी नहीं लौटा था, जबकि वो दो घण्टे में आने को कहकर गया था। उसे इतनी देर अकेला नहीं छोड़ सकता थी C.I.A.। मन में दबी शंकाएं अब जोर मारने लगी थीं। तुली आगे बढ़ा और खिड़की खोलकर बाहर देखने लगा था। सड़क पर ही वो फ्लैट होने की वजह से दूर तक साफ नजर आता था।

उसके पास हैरिसन का फोन नम्बर भी नहीं था कि उससे बात कर पाता। माईक का नम्बर भी नहीं था। यहां तक कि उसके पास फोन भी नहीं था। एकाएक जैसे वो सबसे कट-सा गया था।

तभी तुली सतर्क हुआ।

दो लोगों को उसने देखा।

उनमें से एक सामने सड़क पार के नीचे अंधेरे में खड़ा था।

दूसरा कुछ दूर स्ट्रीट लाइट के नीचे टहलता दिखा। इस तरह कि जैसे वो किसी का इंतजार कर रहा हो, परन्तु यदा-कदा उसकी निगाह इस फ्लैट की तरफ उठ जाती थी।

तो क्या उस पर नजर रखी जा रही है?

C.I.A. के लोग हैं वो?

या फिर F.I.A. के?

कोई भी हो सकता है।

हैरिसन भी इस मौके पर जाने कहां चला गया? तुली को लगा जैसे कि उसके आसपास कुछ हो रहा है, परन्तु उसे खबर नहीं थी कि क्या हो रहा है। जाने क्यों उसे खतरे का एहसास होने लगा।

वो खिड़की से पीछे हटा कि उसी पल ठिठक गया।

मुख्य सड़क पर से कोई इस तरफ आ रहा था और उसके चलने का ढंग उसे जाना-पहचाना लगा।

तुली उसे देखता रहा।

अगले ही पल उसके शरीर में तेज सिहरन दौड़ती चली गई।

एक्स्ट्रा!

उसे पहचानने में तुली गलती नहीं कर सकता था।

वो R.D.X. का एक हिस्सा एक्स्ट्रा था।

एक्स्ट्रा और यहां?

तुली के मस्तिष्क में धमाके होने लगे। वो फौरन खिड़की से पीछे हटा और खिड़की बंद कर दी। तुली के होंठ भिंच चुके थे। आंखें सिकुड़ी हुई थीं। दिल जोरों से बज रहा था।

एक्स्ट्रा वूस्टर में? उस फ्लैट के बाहर, जहां के बारे में सिर्फ C.I.A. जानती थी।

उसे यकीन नहीं आ रहा था।

एक्स्ट्रा को इस फ्लैट का पता कैसे चला?

वो इस इलाके में है तो यकीनन उसके लिए है, वो अकेला नहीं होगा पूरी तिगड़ी R.D.X. होंगे?

R.D.X. उसे खत्म करने के लिए ही यहां तक आ पहुंचे हैं, लेकिन वो क्यों उसे मारना चाहेंगे। उनके पास से तो वो दोस्तों की तरह अलग हुआ था। सारे गिले-शिकवे खत्म हो गए थे।

हैरिसन एकाएक उसे छोड़कर क्यों चला गया? क्या माईक ने उसे बता दिया था कि वहां कोई खतरा आने वाला है, ऐसा है तो हैरिसन उसे भी साथ क्यों न ले गया? वो C.I.A. के लिए कीमती है अभी।

परन्तु तुली के पास किसी सवाल का जवाब नहीं था। उसने रिवाल्वर निकालकर हाथ में ले ली और लाइट बंद करके आगे बढ़कर खिड़की को इंच-भर खोला और बाहर देखने लगा। वो दोनों आदमी वहीं थे, एक पेड़ के नीचे, एक स्ट्रीट लाइट के नीचे। स्ट्रीट लाइट के नीचे एक कार भी आ खड़ी हुई थी। तुली समझ नहीं पाया कि क्या हो रहा है। इतना महसूस कर चुका था वो।

■■■

एक्स्ट्रा गली के बाहर मुख्य सड़क पर, राघव और धर्मा के पहुंचा।

"वहां गड़बड़ है।" एक्स्ट्रा बोला--- "मैंने तीन आदमियों को वहां अलग-अलग बिखरे देखा है। उसी फ्लैट के अगल-बगल में।"

"तुम्हारा मतलब कि फ्लैट पर नजर रखी जा रही है?" धर्मा ने उसे देखा।

"हां।"

"लेकिन हमें तो सैवन इलैवन ने कहा है कि तुली के पास सिर्फ एक ही व्यक्ति होगा।"

"ये भी C.I.A. की कोई चाल न हो। सैवन इलैवन को फोन करो।"

"मैंने तीन को देखा है।" एक्स्ट्रा फोन निकालते हुए बोला--- "वहां और भी हो सकते हैं।"

एक्स्ट्रा ने सैवन इलैवन का नम्बर मिलाया। बात हो गई।

"हम वूस्टर में पहुंच गए हैं।" एक्स्ट्रा ने फोन पर कहा--- "यहां उस फ्लैट पर नजर रखी जा रही है, नजर रखने वाले कौन हैं?"

"पक्का है कि वहां नजर रखी जा रही है?" सैवन इलैवन की आवाज कानों में पड़ी।

"हां, कहीं ये सब C.I.A. की, पहले की तरह चाल न हो। तुम्हें कैसे पता चला कि तुली यहां है।"

"मैं तुम्हें कुछ ही देर में फोन करता हूं।"

"इस स्थिति में हमने तुली को खत्म करना चाहा तो नजर रखने वाले लोगों से टकराना पड़ सकता है।"

"अभी कुछ नहीं करोगे। मेरे फोन का इंतजार करो।"

■■■

न्यूयॉर्क।

माईक का घर।

सैवन इलैवन ने फोन बंद करते हुए माईक से पूछा।

"तुमने चाल चल ही दी।"

"क्या मतलब?" माईक के माथे पर बल पड़े।

"वूस्टर का जो फ्लैट तुमने बताया है, वहां कुछ लोग उस फ्लैट पर नजर रख रहे हैं।"

"ये नहीं हो सकता।" माईक के होंठों से निकला।

"वहां, यही हो रहा है। तुमने कहा था कि तुली के पास सिर्फ एक आदमी है, जिसे वहां से हटा लिया है।"

"हैरिसन को जाने के लिए बोल दिया था मैंने। वो पक्का चला गया होगा।"

"तो वो लोग कौन हैं जो फ्लैट के बाहर मंडरा रहे हैं। हैरिसन को तुमने असल बात बता दी थी।"

"हैरिसन ने ये बात किसी को नहीं बताई होगी।"

तभी लोला बोली।

"माईक! तुम हैरिसन से बात करो।"

माईक ने तुरंत अपना मोबाइल फोन उठाया और नम्बर मिलाने लगा।

"अगर तुमने मेरे साथ खेल खेला तो तुम्हारे बेटे की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी माईक!" सैवन इलैवन शांत स्वर में कहा।

"हम तुम्हारे साथ कोई खेल नहीं खेल रहे विक्रांत।" लोला ने व्याकुल स्वर में कहा--- "हम पर विश्वास करो।"

माईक की हैरिसन से बात हो गई।

"तुम कहां हो?" माईक ने पूछा।

"जहां रुकने को तुमने कहा था।"

"मतलब कि तुली फ्लैट में अकेला है?" माईक ने भिंचे होंठों से पूछा।

"हां।"

"तुमने किससे बात की अदला-बदली की?"

"मैं--- मैंने तो किसी से बात नहीं की।" हैरिसन की आवाज कानों में पड़ी--- "मैं क्यों करूंगा बात। तुमने मना कर दिया था।"

"तो उस फ्लैट के बाहर, नजर रखने वाले लोग कौन हैं?"

"शाम तक तो ऐसा कुछ नहीं था वहां।"

"अब है।" माईक ने गुस्से से कहा।

"मैं उनके बारे में कुछ नहीं जानता।" हैरिसन का गंभीर स्वर कानों में पड़ा।

माईक ने फोन बंद कर दिया। चेहरे पर गुस्सा उभरा पड़ा था।

"क्या हुआ?" लोला ने बेचैनी से पूछा।

"हैरिसन कहता है कि मेरी बात मानकर, तुली को फ्लैट में छोड़कर निकल आया था। अब वहां क्या हो रहा है, उसे नहीं पता।"

"उस फ्लैट पर नजर रखने वाले कौन हो सकते हैं?" लोला कह उठी।

"वो C.I.A. के आदमी ही हो सकते हैं, परंतु ऐसा क्यों किया जा रहा है?" माईक के होंठ भिंचे थे।

सैवन इलैवन की शांत निगाह दोनों पर थी।

"चीफ ने ये सब किया होगा?" लोला बोली।

माईक लोला को देखने लगा। उसकी आंखें सिकुड़ गईं।

"तुमने ठीक कहा लोला! चीफ ने ही वहां अपने आदमी लगाए हैं। क्योंकि मैंने चीफ से तुली को सैवन इलैवन के हवाले करने को कहा था। वो नहीं माना, परंतु उसने सोचा होगा कि कहीं मैं ऐसा न कर दूं, बहुत कमीना है चीफ।" माईक ने दांत पीसते हुए कहा और रिसीवर उठाकर नंबर मिलाने लगा।

"गुस्सा मत करो।" लोला बोली--- "चीफ से आराम से बात करना।"

"मैं उसकी परवाह नहीं करता।"

"प्लीज माईक! चीफ से आराम से बात करना। हम अभी मुसीबत में हैं।" लोला कह उठी।

"वो मेरी बात नहीं मानेगा। उन्हें नहीं हटाएगा वहां से।"

तभी चीफ टॉम लैरी की आवाज माईक के कानों में पड़ी।

"हैलो।"

"चीफ!" माईक अपने पर काबू पाते कह उठा--- "तुमने मेरी बेटे के बारे में क्या सोचा?"

"ओह माईक, मैं तुम्हें फोन करने ही वाला था। आज बहुत काम था। दिन-भर में बहुत थक गया। जैक्सन को चार्ज देकर मैंने अभी-अभी छुट्टी ली है। मैं तुम्हारी बेटे के बारे में ही सोच रहा था। हमारे एजेंटों को इस मामले में कोई सफलता नहीं मिली।"

"आज का दिन खत्म हो गया है चीफ, कल वो टेम्स को मार देगा।" माईक ने सब्र के साथ कहा।

"वो यूं ही धमकी दे रहा है, ऐसा नहीं करेगा माईक!"

"तुम्हें पक्का पता है चीफ!" माईक का स्वर कठोर हो गया।

टॉम लैरी की आवाज कानों में नहीं पड़ी।

"जवाब दो। मैं जानता हूं तुम्हें मेरी बेटे की जरा भी परवाह नहीं है। तुम टाल रहे हो।"

"माईक तुम...।"

"तुली को सैवन इलैवन के हवाले करके उससे टेम्स को ले लेना बेहतर होगा।"

"ये करना ठीक नहीं होगा।" चीफ टॉम लैरी की आवाज कानों में पड़ी--- "अभी मुझे दो दिन का वक्त दो।"

"दो दिन--- तब तक वो मेरे बेटे को मार...।"

"नहीं मारेगा। तुम मेरी बात मानो।"

"ठीक है। मैं समझ चुका हूं कि तुम किस रास्ते पर जा रहे हो। हमें साफ-साफ बात करनी चाहिए।"

"क्या?"

"वूस्टर में तुली को जिस फ्लैट में रखा गया है, उसके बाहर तुम्हें अपने एजेंट फैलाने की क्या जरूरत थी?"

"तुम्हें किसने बताया?"

"हैरिसन ने  उसने एजेंटों को वहां देखा।"

"वहम में मत पड़ो। तुली की सुरक्षा के लिए मैंने ये सब इंतजाम किए हैं।" टॉम लैरी की आवाज कानों में पड़ी।

"मैं सब समझ रहा हूं चीफ कि तुमने ये काम क्यों किया है।" माईक ने गुस्से से कहा और रिसीवर रख दिया।

सैवन इलैवन की निगाह माईक पर थी।

माईक ने गुस्से से लोला से कहा।

"चीफ मेरा साथ नहीं दे रहा। वे एजेंट वूस्टर में उसने ही लगाए हैं। उसे शक हो गया था कि मैं ऐसा कुछ कर सकता हूं।"

लोला का चेहरा कठोर हो गया। उसने सैवन इलैवन से कहा।

"हम जो कर सकते थे, कर दिया। क्या तुम्हारे आदमी बाहर फैले एजेंटों से नहीं निपट सकते।"

"वे कितने हैं?"

"हमें नहीं पता।"

सैवन इलैवन ने फोन निकाला और एक्स्ट्रा के नंबर मिलाने लगा।

"ये ज्यादा हो जाएगा लोला! वे सब एजेंट मर भी सकते हैं।" माईक बोला।

"मुझे टेम्स वापस चाहिए।" लोला ने सख्त स्वर में कहा।

बात हो गई सैवन इलैवन की, एक्स्ट्रा से।

"बाहर फैले वे C.I.A. के एजेंट हैं।" सैवन इलैवन ने कहा।

"ये बात तुमने पहले नहीं बताई?" एक्स्ट्रा की आवाज कानों में पड़ी।

"मुझे अब पता चली, फ्लैट के भीतर तुली अकेला है। बाहर के एजेंटों से भी तुम लोगों को निपटना होगा।"

"बात बढ़ जाएगी। गोलियां चलेंगी।"

"किसी बात की परवाह मत करो, तुम लोगों ने तुली को खत्म करना है।" सैवन इलैवन कठोर स्वर में बोला।

"तुली वहां है भी?"

"है। काम करके मुझे खबर दो।" सैवन इलैवन ने कहकर फोन बंद किया।

माईक खा जाने वाली निगाहों से सैवन इलैवन को देखता कह उठा।

"मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा।"

जवाब में सैवन इलैवन मुस्कुरा पड़ा।

■■■

वुडलैंड स्ट्रीट में रुकने वाली कार में जैकी वहां पहुंचा था। उसने भीतर बैठे-बैठे फोन पर एक से बात की।

"क्या पोजीशन है?"

"हमने यहां घेरा डाल रखा है--- छः हैं हम।"

"शक वाली कोई बात?"

"एक आदमी को हमने टहलते देखा था सड़क पर। वो उस फ्लैट को भी देख रहा था और मुझे भी देखा, क्योंकि मैं स्ट्रीट लाइट के नीचे खड़ा था। उसके बाद वो वापस चला गया। मेरे ख्याल में वो टोह लेने आया था।"

"वो फिर आएगा अपने बाकी साथियों के साथ।"

"हां, लगता तो है।"

"उन्हें खत्म कर देना। उनमें से कोई भी तुली तक न पहुंचे।"

"ऐसा ही होगा।"

"मैं भी यहां हूं। कार को आगे कहीं खड़ा करके आता हूं। सतर्क रहना, F.I.A. एजेंटों को कामयाबी नहीं मिलनी चाहिए।"

"वे मारे जाएंगे और तुली को नहीं मार सकेंगे।"

"गुड! फ्लैट पर क्या पोजीशन है?"

"वहां शांति है। उन लोगों को नहीं पता कि बाहर क्या हो रहा है। जब से हम यहां आए हैं, किसी को बाहर जाते नहीं देखा। तुली को एक बार कुछ देर के लिए खिड़की पर खड़े देखा था, बाद में उसने खिड़की बंद कर ली।"

"वो हैरिसन तुली के साथ भीतर ही है?"

"हां।"

"ठीक है। मैं कार को आगे पार्क करके आता हूं। तुम सबको खबर कर दो कि मैं आ गया हूं।"

■■■

तुली फ्लैट में ही था। एक कमरे की लाइट बंद थी, एक कमरे की लाइट जली हुई थी। वो मन-ही-मन इस बात से बेचैन था कि हैरिसन उसे अकेला छोड़ गया है और बाहर कोई अनजाने से लोग फैले हुए थे। हैरिसन को गए पांच घंटे हो चुके थे। अब तक उसे इस बात का विश्वास हो गया था कि हैरिसन उसे जान-बूझकर अकेला छोड़ गया है। यकीनन कोई बात है।

तुली ने जेब में पड़ी रिवाल्वर पर हाथ फेरा और सोचों में डूबे उसने टेबल पर रखे लिफाफे से बर्गर निकाला और उस कमरे में पहुंचा, जिसकी लाइट बंद कर रखी थी।

जरा-सी खुली खिड़की में उसने आंख लगाकर बाहर देखा।

अब दो की जगह तीन नजर आ रहे थे।

दो की नजरें इस फ्लैट पर थीं।

"कुछ होगा जरूर।" तुली बर्गर खाते-खाते बड़बड़ाया और वहां से पीछे हट गया

R.D.X. से भी मौजूद हैं।

तुली ने फ्लैट से निकल जाने की सोची, परंतु बाहर का दरवाजा खोलना भी खतरे से खाली नहीं था। तीन तो उसे नजर आ रहे थे और भी जरूर होंगे।

यहां से निकलने के फेर में वो ज्यादा खतरे में नहीं पड़ना चाहता था।

परंतु ये तो स्पष्ट था कि उसकी जान खतरे में है।

तुली खुद F.I.A. का पेशेवर हत्यारा रहा था। इन बातों से वो डर नहीं रहा था। उसे विश्वास था कि हालात बिगड़े तो सब संभाल लेगा। बस एक ही बात उसके सिर पर सवार थी कि F.I.A. उसे मारे बिना नहीं मानेगी।

■■■

एक्स्ट्रा ने फोन बंद करके राघव और धर्मा से कहा।

"सैवन इलैवन कहता है कि उसे काम पूरा चाहिए। तुली को मारने तक रास्ते में जो आए, उसे भी खत्म कर दें।"

"ये तो लंबा मामला हो गया।" धर्मा बोला--- "जब तक हम बाहर वालों का मुकाबला करेंगे, तब तक तुली फ्लैट से गायब भी हो सकता है। हमारे पास रिवाल्वरें भी नहीं हैं, हम प्लेन से सफर करते बोस्टन तक आए हैं।"

"सैवन इलैवन को फोन करो। उसे बताओ कि हम किधर खड़े हैं, हमें साइलेंसर लगी रिवाल्वर चाहिए।"

एक्स्ट्रा ने इस बारे में फोन पर बात की।

सैवन इलैवन ने उन्हें कुछ देर वहीं इंतजार करने को कहा। करीब चालीस मिनट बाद कार पर वहां से हैरिसन निकला। पल भर के लिए उसने उनके पास ब्रेक लगाई। कार की ओर एक लिफाफा उनकी तरफ फेंकता हुआ आगे बढ़ता चला गया।

धर्मा ने आगे बढ़कर लिफाफा उठाया और उसे खोलकर देखा। भीतर तीन रिवाल्वरें थीं, लोडिंग थी और उनकी नालों पर साइलेंसर चढ़े हुए थे। वो गहरी सांस लेकर कह उठा।

"सैवन इलैवन भी कमाल का है। तुली की जान के लिए बिना मानेगा नहीं। आनन-फानन रिवाल्वरें भी भेज दीं।

तीनों ने एक-एक रिवाल्वर अपने कपड़ों में घुसेड़ ली।

"मेरी सुनो।" धर्मा बोला--- "ये बात हो सकती है कि हम बाहर वालों का मुकाबला करें और तुली को तब तक भागने का मौका मिल जाए।"

"तो?"

"इसका इलाज यही है कि हममें से एक तुली की तरफ ध्यान दे और बाकी दो बाहर फैले आदमियों पर।"

"ये भी ठीक है।" एक्स्ट्रा ने कहा।

"मैं तुली को संभालूंगा।" राघव कह उठा। चेहरा कठोर हो गया--- "उसे मैं शूट करूंगा।"

धर्मा और एक्स्ट्रा की नजरें मिलीं।

"तो हम दोनों बाहर वालों को देखें?" एक्स्ट्रा का लहजा खतरनाक हो गया।

धर्मा ने सिर हिलाया।

"ये खतरनाक लड़ाई होगी। क्योंकि हमारे सामने C.I.A. के एजेंट हैं जो कि कम नहीं हैं। उनके निशाने भी सच्चे होंगे।" एक्स्ट्रा ने कहा।

"हम लोगों के पास एक एक रिवाल्वर, अट्ठारह-अट्ठारह गोलियां हैं। इसी बीच हमें काम पूरा करना है।"

"हम काम को निबटा लेंगे।" राघव बोला--- "दो-तीन नजर आए हैं। इसने ही और छिपे हो सकते हैं। हम भी तीन हैं।"

"चल धर्मा!"

एक्स्ट्रा और धर्मा गली में प्रवेश कर गए।

राघव रिवाल्वर संभाले अंधेरे में एक तरफ खिसक गया।

■■■

धर्मा और एक्स्ट्रा मुख्य सड़क से वुडलैंड स्ट्रीट में प्रवेश कर चुके थे।

सड़क पर स्ट्रीट लाइटों की रोशनी फैली थी। कभी-कभार कोई कार भी वहां से निकल जाती थी।

"एक आदमी तीन कदम आगे उस घने पेड़ के नीचे खड़ा है।" एक्स्ट्रा ने चलते हुए धीमे स्वर में कहा।

"दूसरा?"

"पेड़ से आगे तीसरी स्ट्रीट लाइट के नीचे।"

"दाईं तरफ भी नजर डालो। एक मुझे वहां खड़ा दिख रहा है।" धर्मा ने कहा।

"तो तीन दिखे हमें।" एक्स्ट्रा बोला--- "काम कठिन नहीं है।"

"और भी छिपे हो सकते हैं।"

"तब तक ये तीनों तो खत्म हो चुके होंगे।" एक्स्ट्रा ने कहा--- "परंतु छिपे हुओं से हमें सावधान रहना होगा। सड़क पर थोड़े-बहुत लोग भी आ-जा रहे हैं। मामला ज्यादा लंबा नहीं चल सकता। हमें जल्दी काम करना होगा।"

"मैं आगे निकल रहा हूं। तुम पेड़ वाले को संभालो।" कहने के साथ ही धर्मा आगे बढ़ता चला गया।

एक्स्ट्रा उसी पल नीचे झुका जूते का फीता खोलकर दोबारा बांधने लगा।

वो चाहता था कि धर्मा अपने शिकार तक पहुंच जाए।

जब धर्मा काफी आगे निकल गया तो एक्स्ट्रा फीता बांधकर सीधा हुआ। आगे बढ़ने लगा।

अब दस कदम आगे वो पेड़ था, जिसके नीचे वो आदमी खड़ा था। वो स्पष्ट दिख रहा था।

एक्स्ट्रा जब ठीक उसके सामने से निकल रहा था तो पलक झपकते ही फुर्ती से उसने रिवाल्वर निकाली और उस व्यक्ति पर गोली चला दी।

एक्स्ट्रा ने तेज कराह के साथ उसे पीछे पेड़ से टकराते देखा।

एक्स्ट्रा फौरन उसके पास पहुंचा। और नीचे गिरा तड़प रहा था।

एक्स्ट्रा ने उसके सिर में गोली मारी तो वो शांत पड़ गया। उसकी जगह पर एक्स्ट्रा खड़ा हो गया कि दूर से कोई देखे तो उसे अपना साथी समझे। उसने धर्मा की तरफ निगाह डाली।

■■■

धर्मा आगे बढ़ा जा रहा था। काफी आगे आ गया था वो। पंद्रह कदम आगे स्ट्रीट लाइट के नीचे एक शिकार खड़ा था और दूसरा थोड़ा पहले सड़क पार कुछ अंधेरे में खड़ा था। धर्मा ने तुरंत हिसाब लगा लिया कि उसे दोनों के लिए एक साथ हरकत में आना होगा।

इस वक्त दोनों की नजरें उस पर ही होंगी। उसने एक पर गोली चलाई तो दूसरा उस पर गोली चला देगा।

सतर्कता और तेजी की जरूरत थी उसे।

और उसी पल धर्मा ने फुर्ती दिखा दी।

पलक झपकते ही रिवाल्वर निकाली। पहले सड़क पार खड़े हुए को निशाना बनाया, फिर स्ट्रीट लाइट के नीचे खड़े व्यक्ति को निशाना बनाने की चेष्टा की, परंतु तब तक वो धर्मा को दूसरी तरफ गोली चलाते देख चुका था। जब तक धर्मा ने उसकी तरफ रिवाल्वर की, तभी उसने धर्मा पर गोली चला दी। फायर का तेज धमाका गूंजा था वहां।

जल्दी में चलाई गई गोली, धर्मा के चेहरे को हवा देती निकल गई। धर्मा कांप उठा। उसी पल उसने एक के बाद एक दो गोलियां उस पर चला दीं। शायद दोनों गोलियां उसे लगी थीं। वो स्ट्रीट पोल से टकराया और नीचे जा गिरा था।

उसी क्षण उसकी रिवाल्वर वाली उठी बांह के साथ रगड़ खाती गोली निकली। तेज धमाका पुनः गूंजा।

धर्मा का पूरा शरीर पुनः कांपा।

सड़क पार उसने जिस पर पहले फायर किया था, ये गोली उसने चलाई थी। वो जिंदा था। उसकी चलाई गोली घातक जगह नहीं लगी थी। धर्मा ने एक साथ दो-तीन गोलियां उस पर चला दीं।

उधर से तब तक एक्स्ट्रा भी उस व्यक्ति के पास आ पहुंचा और करीब से उसने उस पर गोली चलाई जो कि यकीनन घातक रही होगी। धर्मा ने ये सब देखा।

गोलियों की आवाजें गूंज चुकी थीं।

अब वक्त कम था।

"तुम ठीक हो?"

"हां।"

"फायर की आवाज यहां से लोगों ने सुनी है। पुलिस आती ही...।"

तभी एक गोली पास ही अंधेरे से निकलकर तेज आवाज के साथ एक्स्ट्रा की तरफ बढ़ी।

उसी पल एक्स्ट्रा ने अपनी जगह छोड़ी थी।

गोली उसकी छाती पर लगने की अपेक्षा कंधे को छीलती निकल गई।

सड़क के दूसरी तरफ खड़े धर्मा ने देख लिया था कि एक्स्ट्रा पर कहां से गोली चलाई गई। धर्मा ने उसी पल उस तरफ रिवाल्वर करके तीन-चार बार ट्रिगर दबा दिया।

वहां फूलों की गहरी झाड़ियां थीं दीवार के पास।

तभी वहां से तेज चीख उभरी और कोई फूलों की बेलों से बाहर आ गिरा।

"चार गए।" धर्मा चीखा--- "अब एक या दो ही और होंगे।"

गली में आते-जाते लोग गोलियां चलने की आवाजों से चौंके, फिर चीखते हुए भाग खड़े हुए।

"मैं राघव को देखता हूं।" एक्स्ट्रा ने ऊंचे स्वर में कहा और एक तरफ भागता चला गया।

धर्मा ने आसपास देखा और फुर्ती से एक तरफ अंधेरे में जा दुबका। रिवाल्वर हाथ में था और नजरें किसी शिकार को ढूंढ रही थीं। इस तरफ से कोई खतरा आया तो वो संभाल सकता था। उसने आसपास के फ्लैटों पर निगाह डाली। जिन फ्लैटों में रोशनी नहीं हो रही थी, गोलियों की आवाजें सुनकर वहां भी लाइटें जलने लगी थीं।

■■■

जैकी ने अपना ठिकाना उस फ्लैट के दरवाजे से बीस कदम दूर अंधेरे में रखे गमलों में बनाया था। वो अंधेरे में रिवाल्वर थामे गमलों में दुबक गया था। वे बड़े गमले थे इसलिए उसकी मौजूदगी को समझ पाना एकाएक आसान नहीं था। ऊपर से गहरा अंधेरा छाया हुआ था। ठीक सामने फ्लैट का दरवाजा नजर आ रहा था।

ये अंधेरा किसी का सहायक हो रहा था इस समय और किसी का दुश्मन बन रहा था।

तभी उसे बाहर सड़क की तरफ गोलियां चलने की आवाजें सुनाई दीं।

जैकी सतर्क हो गया। दांत भिंच गए उसके। वो समझ गया कि वक्त आ गया है।

फिर उसे राघव दिखा। हालांकि अंधेरे में वो पूरी तरह स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था, लेकिन जैकी ने उसे देख लिया कि वो एकाएक अंधेरे से निकला था और अब सतर्कता से दबे पांव फ्लैट के दरवाजे की तरफ बढ़ रहा था। जैकी के चेहरे पर खतरनाक मुस्कान नाच उठी।

वो समझ गया कि उसका दुश्मन जो भी है, वो पहले अंधेरे में छिपा आस-पास के हालात को समझने की चेष्टा करता रहा होगा। देर तक जब उसे कोई न दिखा तो वो अपनी जगह से बाहर निकला है।

खूंखार शेर की भांति जैकी राघव के अंधेरे से भरे शरीर पर नजरें टिकाए रहा।

रिवाल्वर हाथ में दबी थी।

राघव रिवाल्वर थामे सतर्कता से आसपास देखता, फ्लैट के दरवाजे की तरफ बढ़ रहा था।

जैकी की रिवाल्वर की हद में था राघव।

जैकी चाहता तो राघव को आसानी से गोली से उड़ा सकता था, परंतु एकाएक उसका प्लान बदल गया। उसने तय किया कि इसे जिंदा पकड़कर चीफ के सामने पेश करेगा। इससे उसका रौब बढ़ेगा डिपार्टमेंट में और इस आदमी से F.I.A. के बारे में कई नई बातें भी पता चलेंगी।

राघव तब दरवाजे से चार कदमों की दूरी पर था, जब जैकी चिल्लाकर बोला।

"वहीं रुक जाओ, वरना गोली मार दूंगा।"

राघव ठिठका।

"हिलना मत।" जैकी पुनः ऊंचे स्वर में गुर्राया।

राघव अपनी जगह पर खड़ा रहा, क्योंकि उसे दुश्मन की गिनती और स्थिति का पता नहीं था। चंद पलों के लिए उसे लगा कि जैसे उसका खेल खत्म होता जा रहा हो।

जैकी अपनी जगह से निकला और राघव के पीछे आ पहुंचा। राघव की कमर से रिवाल्वर लगा दी।

"रिवॉल्वर फेंको।" जैकी गुर्राया।

राघव ने अपने पांवों के पास रिवाल्वर फेंक दी। बोला।

"कौन हो तुम?"

"C.I.A.।"

"तुम C.I.A. नहीं हो सकते।"

"बकवास मत करो। उस तरफ तुम्हारे आदमी गोलियां चला रहे हैं। कितने हो तुम?"

"वे तुम्हारे आदमी गोलियां चला रही है, क्योंकि मेरे आदमियों की रिवाल्वर पर साइलेंसर लगा है।" राघव ने कहा।

जैकी ने सतर्क राघव की कमर में रिवाल्वर लगा रखी थी।

"कितने हो तुम?" जैकी ने पूछा।

"दस।"

"क्या दस?"

"हां। मेरे आदमियों की संख्या तुम्हारे आदमियों से ज्यादा।"

"बकवास मत करो।" जैकी गुर्राया और आसपास नजर घुमाई, परंतु उसे कोई न दिखा--- "तुम दस नहीं हो सकते।"

उसी पल राघव ने पलटते हुए उसके रिवॉल्वर वाले हाथ पर बाज की तरह झपट्टा मारा और उसका हाथ दबाते हुए नीचे की तरफ लेता चला गया। इस क्रम में हड़बड़ाया-सा जैकी भी थोड़ा झुका तो राघव ने सिर की जबरदस्त चोट उसके चेहरे पर की, जो कि नाक पर लगी। जैकी के होंठों से चीख निकल गई। रिवाल्वर पर उसकी पकड़ जरा-सी ढीली पड़ी तो राघव ने तीव्र झटके के साथ उसके हाथ से रिवाल्वर झटकी और उसके पेट से नाल सटा दी।

"हिलना मत।" राघव गुर्राया।

उसने अपना नाक थाम रखा था। सिर की चोट के कारण वहां से खून निकलने लगा था।

तभी राघव को पास ही कुछ आहट मिली।

उसने फौरन गर्दन घुमाई तो एक आदमी को अपने पर गोली चलाते देखा।

वो मात्र छह कदमों की दूरी पर था। बचने का कोई मौका न था। राघव ने जैकी को बांह से थामा और फुर्ती से अपने सामने खींच लिया। उसी पल तेज आवाज के साथ गोली चली, जो कि जैकी को जा लगी।

राघव ने हाथ में दबी रिवाल्वर से उस व्यक्ति पर गोली चला दी।

फायर की तेज आवाज के साथ गोली उस व्यक्ति के सिर में जा लगी। वो पीछे को छिटककर जा गिरा।

जैकी भी तब तक नीचे गिरकर शांत पड़ चुका था।

राघव ने फुर्ती से रिवाल्वर थामी और हर तरफ नजर घुमाई। गहरे अंधेरे के बीच कोई न दिखा  राघव ने नीचे पड़ी अपनी रिवॉल्वर तलाशी, जो कि उसे फौरन ही मिल गई। उसी पल एक्स्ट्रा की आवाज कानों में पड़ी।

"राघव!"

"हां।"

"यहां बहुत गोलियां चल चुकी हैं। पुलिस आती ही होगी।" एक्स्ट्रा बोला--- "तुली से जल्दी मिलो।"

"तुम यहां मोर्चा संभालो।" कहने के साथ ही राघव दरवाजे की तरफ बढ़ गया। पास पहुंचकर उसने वहां लगी कॉलबेल का स्विच दबाया। भीतर बेल बजने की आवाज सुनाई दी।

राघव रिवाल्वर थामे बेचैनी से खड़ा रहा।

परंतु दरवाजे के पार से किसी तरह की आहट नहीं मिली।

राघव ने पुनः बेल बजाई, फिर दरवाजा थपथपाकर ऊंचे स्वर में बोला।

"तुली दरवाजा खोलो, मैं हूं राघव।"

तभी भीतर से सिटकनी हटाए जाने का स्वर, सरसराहट के रूप में मिला।

चंद पल बीते कि दरवाजा खुला।

राघव और तुली की नजरें मिलीं। भीतर कमरे में रोशनी थी।

"मुझे भीतर आने दो।"

तुली पीछे हटता चला गया।

राघव भीतर आया और दरवाजा बंद कर लिया। रिवॉल्वर अभी भी उसके हाथ में थी।

दोनों ने एक-दूसरे को भरपूर नजरों से देखा।

राघव ने गहरी सांस लेकर यूं ही सिर हिलाया।

तुली ने दोनों हाथ अपनी कमर पर रखे हुए थे। पीठ की तरफ पैंट के भीतर रिवाल्वर फंसा रखी थी। कमर पर रखे दाएं हाथ की उंगली रिवाल्वर को छू रही थी।

जरूरत पड़ने पर एक पल में उसके हाथ में रिवाल्वर आ जाती।

"तुम्हें यहां देख कर मुझे हैरानी हुई।" तुली शांत स्वर में बोला।

"जरूर होनी चाहिए।" राघव ने मुस्कुराकर कहा।

"बाहर किन लोगों पर गोलियां चला रहे थे?"

"C.I.A. के एजेंट बाहर थे। वे हमें तुम तक नहीं पहुंचने देना चाहते थे।"

"तो वे जानते थे कि तुम लोग यहां आ रहे हो?"

"C.I.A. इतना जानती थी कि तुम्हें मारने के लिए F.I.A. के भेजे कुछ एजेंट आ रहे हैं।"

"और तुम लोग F.I.A. से नहीं हो। मैं जानता था कि F.I.A. मुझे ढूंढ लेगी।" तुली ने गंभीर स्वर में कहा--- "एक-डेढ़ घंटा पहले एक्स्ट्रा को सड़क पर से जाते देखा था, तभी मैं समझ गया कि तुम लोग मेरे पास आना चाहते हो।"

दोनों की निगाह पुनः मिली।

"तुम यानी कि R.D.X. क्यों मेरी तलाश में यहां तक पहुंचे?"

"तुम्हारे लिए बुरी खबर है तुली।"

"कह दो।"

"पहले F.I.A. तुम्हारे हाथों मुझे मरवाना चाहती थी अब हमारे हाथों तुम्हें मरवाना चाहती है।"

"तो तुम मुझे मारने आई हो?" तुली का चेहरा सपाट था।

"हां।"

"हैरानी है। मैं तो F.I.A. का एजेंट था, इसलिए तुम्हें मारना चाहता था, परंतु तुम लोग क्यों F.I.A. के लिए...।"

"तुली!" राघव गहरी सांस लेकर बोला--- "तुम जानते हो कि F.I.A. मेरे साथ-साथ अब एक्स्ट्रा और धर्मा के भी पीछे है F.I.A. से हम ज्यादा देर खुद को बचा नहीं सकते। तभी F.I.A. को पता चला कि तुम C.I.A. से जा मिले हो तो F.I.A. के लिए तुम्हें खत्म करना बहुत जरूरी हो गया। तब सैवन इलैवन ने हमारे सामने ये शर्त रखी कि अगर हम तुम्हें खत्म कर दें तो F.I.A. हमारा पीछा छोड़ देगी।"

तुली मुस्कुरा पड़ा। अजीब-सी मुस्कान थी।

"लेकिन मैं जानता हूं कि तुम बेकसूर हो। C.I.A. से मिलना तुम्हारी मजबूरी बन गई थी क्योंकि F.I.A. तुम्हें मार देना चाहती है।"

दोनों एक-दूसरे को देखते रहे।

कमर पर रखा तुली का हाथ पीठ की तरफ पैंट में फंसी रिवाल्वर के दस्ते पर जा टिका था। मात्र डेढ़ सेकंड में वो राघव को गोली मार सकता था। उसके चेहरे पर किसी तरह का भाव नहीं था।

"सैवन इलैवन भी अमेरिका में है। उसी ने हमें बताया कि तुम यहां हो।"

"F.I.A. वास्तव में तेज रफ्तार से काम करती है, वरना इस ठिकाने के बारे में जान लेना आसान नहीं था।" तुली बोला--- "लेकिन ये सब बातें तुम मुझे क्यों बता रहे हो? तुम्हें तो यहां आते ही मुझे गोली मार देनी चाहिए थी।"

"हां, मुझे ऐसा ही करना चाहिए था।" राघव गंभीर स्वर में बोला--- "लेकिन तुम्हें मारने का मन नहीं कर रहा। क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम बेकसूर हो, जैसे कि मैं बेकसूर था और तुम मुझे मारने पर आमादा थे, परंतु तुम्हें न मारा तो F.I.A. हमें मार देगी।"

दोनों ने एक-दूसरे की आंखों में झांका।

मौत का सन्नाटा बिखरा रहा, दोनों के बीच।

"अब क्या इरादा है?" उस खामोशी को तोड़ते हुए तुली बोला।

तभी बाहर से दरवाजा खटखटाया गया और एक्स्ट्रा की आवाज आई।

"राघव!"

"हां।" राघव भीतर से बोला।

"इतनी देर क्यों लग रही है, जल्दी करो।"

"अच्छा!" फिर राघव ने तुली को देखा--- "मैं तुम्हें मारना नहीं चाहता।"

तुली शांत भाव से मुस्कुरा पड़ा। राघव को देखता रहा।

"लेकिन तुम्हें जिंदा छोड़ा तो F.I.A. हमें जिंदा नहीं छोड़ेगी।" राघव बोला।

"स्पष्ट कहो।"

"तुम कहीं गुम हो जाओ दुनिया की भीड़ में और दोबारा कभी किसी को नजर न आओ।"

तुली चुप रहा।

"F.I.A. या C.I.A. कोई भी तुम्हारी सगी नहीं है। सब तुमसे अपना मतलब निकाल रहे हैं।"

"जानता हूं।"

"अगर तुम किसी को नजर आए और F.I.A. को पता लगा कि तुम जिंदा हो तो हमारे लिए मुसीबत बढ़ जाएगी।"

"लेकिन तुम्हारे कह देने भर से F.I.A. नहीं मानेगी कि मैं मर गया। अपनी तसल्ली के लिए वो किसी तरह मेरी लाश देखेगी।"

राघव ने मात्र क्षण भर के लिए सोचा, फिर कह उठा।

"उसका इंतजाम मैं अभी कर देता हूं। तुम अपने कपड़े उतारो। बाहर लाश पड़ी है, उसे पहनाने हैं। उसके तुम पहन लेना। गोलियों से उस लाश की ऐसी हालत कर दी जाएगी कि सबको मानना पड़ेगा कि वो लाश तुली की है।" कहने के साथ ही राघव ने रिवाल्वर जेब में रखी और पलट कर दरवाजा खोला और एक्स्ट्रा को आवाज लगाई--- एक्स्ट्रा!"

"हां।" अंधेरे से निकलकर एक्स्ट्रा सामने पहुंचा--- "मार दिया उसे?"

"वो सामने लाश पड़ी है। उसे घसीटकर यहां लाओ।"

"क्या मतलब?"

"जो कहा है, वो करो।"

एक्स्ट्रा ने वही किया। जो राघव ने कहा।

लाश जब पास आई तो राघव ने पुनः दरवाजा खोलकर उसे अंदर ले लिया।

"तुम कर क्या रहे हो?" एक्स्ट्रा ने उलझन-भरे स्वर में कहा।

"मैं तुली को नहीं मारना चाहता। वो बेकसूर है।"

"क्या कह रहे हो राघव! हमने उसे मारने के लिए ही तो यहां लाशें बिछाईं। उसे न मारा तो F.I.A. हमें...।"

"F.I.A. का ही इंतजाम कर रहा हूं। तुम बाहर का ध्यान रखो।" राघव ने कहा और दरवाजा बंद कर लिया।

■■■

पांच मिनट लगे कपड़ों की अदला-बदली में।

जैकी की लाश के कपड़े तुली पहन चुका था और तुली के कपड़े जैकी की लाश को पहना दिए थे।

उसके बाद राघव ने अपना रिवाल्वर निकाला और जैकी की लाश के चेहरे पर गोलियां चलाने लगा। साइलेंसर लगा होने की वजह से वहां पिट-पिट की आवाजें गूंज रही थीं। बारूद की स्मैल कमरे में फैल गई थी।

रिवाल्वर की सारी गोलियां लाश के चेहरे पर दाग दी गई थीं। चेहरा इस कदर बुरी तरह खराब हो गया था कि अभी ये पहचान पाना कि लाश किसकी है और किसकी नहीं, संभव नहीं था। सिर्फ कपड़ों से ही अनुमान लगाया जा सकता था कि ये तुली की लाश होगी। तुली ने अपना पर्स, कलाई पर बांधने वाली घड़ी, गले में पड़ी सोने की चेन, सब कुछ उस लाश को पहना दिया था।

सब काम निपटा दिया उन्होंने।

"काम खत्म तुली। अब हमें चलना चाहिए।" राघव बोला।

तुली ने मुस्कुराकर राघव को देखा फिर रिवाल्वर भी लाश के पास गिरा दी।

"ये क्यों--- तुम्हें रिवाल्वर की जरूरत पड़ सकती है।" राघव ने कहा।

"ये रिवाल्वर मुझे C.I.A. ने दी थी तो इसका मेरी लाश के पास मिलना ही ठीक रहेगा।" तुली बोला।

"ओह!" राघव ने खाली रिवाल्वर जेब में रखते हुए कहा--- "चलो।"

दोनों दरवाजा खोलकर बाहर निकले।

पास ही एक्स्ट्रा मौजूद था। उस अंधेरे में उसने तुली को देखा। कमरे के भीतर से रोशनी बाहर तक आ रही थी।

"तुम किस्मत वाले रहे तुली! जो राघव ने तुम्हें शूट नहीं किया।" एक्स्ट्रा कह उठा।

"ये तो भगवान ही जानता है कि कौन किस्मत वाला निकला है।" तुली मुस्कुराकर बोला--- "मैं तो इतना जानता हूं कि सब ठीक रहा।"

"तुमने इसे समझा दिया है कि अब किसी को ये नजर न आए, वरना F.I.A. हमें नहीं छोड़ेगी।" एक्स्ट्रा ने कहा।

"सब बातें हो चुकी हैं।" राघव आस-पास देखता कह उठा--- "हमें यहां से निकल जाना चाहिए।"

"चलो।"

और वे तीनों सावधानी से वहां से निकलते चले गए।

परंतु पंद्रह कदमों की दूरी पर कूड़े में ड्रम के पीछे छिपा एकमात्र वहां जिंदा बचा C.I.A. का एजेंट उन्हें देख रहा था। रिवाल्वर उसके हाथ में थी, लेकिन अपने साथियों की लाशें देखकर वो हौसला छोड़ बैठा था मुकाबला करने का।  कमरे से बाहर आती रोशनी में उसने राघव, एक्स्ट्रा और तुली को वहां से जाते स्पष्ट देखा था।

अब ये राज राज न रहा था कि तुली जिंदा है।

कुछ ही मिनटों बाद वातावरण में पुलिस सायरन की आवाजें गूंजने लगीं।

अब उस एजेंट ने वहां रुकना ठीक न समझा। अब तक F.I.A. एजेंट भी तुली को लेकर वहां से निकल चुके होंगे। वो उठा अपनी जगह से और तेजी से एक तरफ बढ़ता चला गया।

■■■

रात का 1:30 बज रहा था।

सैवन इलैवन, माईक के घर पर, माईक और लोला के सामने बैठा था, तभी उसका फोन बजा।

"कहो।" सैवन इलैवन ने बात की।

"काम हो गया है।" दूसरी तरफ एक्स्ट्रा था।

"क्या काम?"

"तुली को मार दिया गया है।"

"पक्का?" सैवन इलैवन बोला--- "सोच लो, उसकी मौत में तुम  तीनों की जिंदगी है। अगर वो नहीं मरा तो...।"

"तुली मर चुका है।" एक्स्ट्रा का उखड़ा स्वर उसके कानों में पड़ा--- "ये बात कितनी बार दोहराऊं कि तुम्हें यकीन आ जाए?"

"तुम कह रहे हो तो यकीन न करने का कोई मतलब ही नहीं।" सैवन इलैवन बोला--- "वापस पहुंचो।"

"न्यूयॉर्क?"

"हां।" कहने के साथ ही सैवन इलैवन ने फोन बंद किया और माईक और लोला को देखा।

"क्या हुआ?" लोला ने बेचैनी से पूछा।

"मैं जा रहा हूं और तुम्हारे बेटे टेम्स को यहां पर भेज रहा हूं।" सैवन इलैवन बोला।

"अभी।" लोला का स्वर कांपा।

"हां, अभी।" सैवन इलैवन उठ खड़ा हुआ।

"तो।" माईक बोला--- "तुली को मार दिया गया?"

"ये तो होना ही था।"

"मुझे जब भी मौका मिला, तो मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा सैवन इलैवन।"

सैवन इलैवन मुस्कुराया।

"चुप रहो।" लोला माईक से तेज स्वर में बोली--- "ये हमें अपने बेटे को लौटाने वाला है।"

सैवन इलैवन दरवाजे की तरफ बढ़ गया।

"मेरे बेटे को जल्दी भेजना।" पीछे से माईक ने कहा--- "तुमने जो कहा, मैंने किया। अब तुम्हें अपना वादा निभाना है।"

"तुम्हारे बेटे में F.I.A. को कोई दिलचस्पी नहीं है। अगले डेढ़ घंटे में वो यहां पहुंच जाएगा।" कहने के साथ ही सैवन इलैवन बाहर निकलता चला गया।

घबराहट में लोला को अपनी टांगें कांपती महसूस हो रही थीं।

वो बैठते हुए बोली।

"वो--- वो टेम्स को वापस दे देगा न?"

"हां, वो जरूर देगा। क्योंकि टेम्स की अब उसे जरूरत नहीं रही।" माईक ने विश्वास-भरे स्वर में कहा।

■■■

माईक अगले दिन ठीक वक्त पर C.I.A. के हेडक्वार्टर पहुंचा। रात ठीक से नींद पूरी न होने के कारण आंखें भारी हो रही थी, परंतु उसकी फुर्ती में कोई कमी न नजर आ रही थी। पता चला कि चीफ उसका इंतजार कर रहे हैं।

माईक चीफ लैरी के कमरे में पहुंचा।

टॉम लैरी ने क्रोध-भरी निगाहों से माईक को देखा। जबड़े भिंच गए।

"गुड मॉर्निंग चीफ!" माईक ने मुस्कुराकर कहा और कुर्सी पर बैठता हुआ कह उठा--- "मेरे लिए कोई नया केस आया है क्या?"

"तुमने अपनी कर ली माईक।"

"क्या मतलब?" माईक ने अजीब-सी नजरों से चीफ को देखा, जबकि वो सब समझ रहा था।

"तुमने सैवन इलैवन को बता दिया कि तुली वूस्टर में कहां है और...।"

"तुम्हें लगता है कि मैं ऐसी बेवकूफी करूंगा?"

टॉम लैरी ने माईक को घूरा।

"कल रात वहां हमारे छः एजेंटों को मार दिया गया। जैकी भी वहां था, वो भी मर गया।"

"ओह, छः एजेंट मारे गए।" माईक कुछ बेचैन हुआ।

"टेम्स कैसा है?"

"बढ़िया! वो रात को लौट आया था। बच्चा है, थोड़ा घबराया हुआ है। वैसे ठीक है वो।"

"तुमने तुली की कीमत पर टेम्स को वापस पाया है।"

"तुम साबित नहीं कर सकते चीफ।"

"मैं साबित करना भी नहीं चाहता।" टॉम लैरी ने गहरी सांस ली--- "साबित करके मैं तुम जैसा एजेंट खोना नहीं चाहता, लेकिन तुमने गलत किया।"

"जब तुम्हारा बेटा इस तरह कहीं फंसेगा तो तुम्हें पता चलेगा कि मैंने ठीक किया है। अभी तुम इस बात को महसूस नहीं कर सकते।"

टॉम लैरी माईक को देखता रहा।

"तुम्हें भी मेरा साथ देना चाहिए था। टेम्स को बचाने में, परंतु तुमने तो वहां एजेंटों का घेरा डलवा दिया। इस काम को रोकने की तुमने कोई कसर नहीं छोड़ी परंतु F.I.A. एजेंट काम कर गए।" माईक ने गंभीर स्वर में कहा।

"वे तीन थे। तीनों ही जबरदस्त एजेंट थे। उन्होंने बहुत तेजी से काम किया।" टॉम लैरी ने गहरी सांस ली।

माईक के चेहरे पर अजीब-से भाव उभरे।

"ये बात तुम्हें कैसे पता चली चीफ कि...?"

"एक एजेंट जिंदा बच गया है। उसने सारी बात बताई।"

"ओह!"

"लेकिन तुम्हारे लिए अच्छी खबर है।"

"क्या?"

"तुली जिंदा है।"

"नहीं।" माईक के होंठों से अजीब-सा स्वर निकला।

"वो सच में जिंदा है।" चीफ टॉम लैरी ने गंभीर स्वर में कहा--- "ये सोचा जा सकता है कि जो एजेंट तुली को मारने वहां पहुंचे, वे तुली से सहानुभूति रखते होंगे। क्योंकि तुली भी F.I.A. का हत्यारा रहा है। उन्होंने तुली को नहीं मारा। तुली के कपड़े जैकी को पहनाकर जैकी का चेहरा गोलियों से पूरी तरह बिगाड़ दिया कि वो पहचाना न जा सके और वो तुली की लाश लगे, परंतु हमारे एजेंट ने तुली को उन F.I.A. के एजेंटों के साथ जाते देखा। वे हिन्दी में बातें कर रहे थे। हमारे एजेंट को ज्यादा हिन्दी तो समझ में नहीं आई, परंतु वो उनकी बातों से इतना समझा कि वो तुली को कहीं दूर ले जाने को कह रहे थे या ऐसा ही कुछ।

माईक अभी तक हैरान था।

"पुलिस उस लाश को तुली की ही समझ रही है, जो मिली।"

"मुझे विश्वास नहीं हो रहा।" माईक आखिरकार गहरी सांस लेकर कह उठा।

चीफ लैरी खामोश रहा।

"हैरिसन से बात हुई है?"

"वो कहता है कि वो डिनर लेने गया और पीछे से ये सब हो गया।" चीफ ने कड़वे स्वर में कहा।

"वो कहता है।"

टॉम लैरी ने माईक को घूरा।

"C.I.A. ने इस बारे में पुलिस को कुछ कहा?" माईक ने पूछा।

"नहीं, हम पुलिस को वो लाश तुली की ही समझने दे रहे हैं। हम चाहते हैं कि सब यही सोचें कि तुली ही मरा है। F.I.A. भी यही सोचेगी। इससे तुली निश्चिंत हो जाएगा कि दुनिया की नजरों में वो मर चुका है, परंतु तुम उसे तलाश करोगे माईक।"

"इस तरह मैं तुली को कैसे तलाश कर सकता हूं।"

"जैसे भी करो। तुली को तलाश करो।" टॉम लैरी ने सख्त स्वर में कहा--- "ये काम तुमने ही बिगाड़ा है, तुम ही संवारो। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हर जगह C.I.A. के एजेंट तुली की तलाश में फैल चुके हैं। अब मैं ये काम तुम्हारे हवाले कर रहा हूं कि तुली हमारे देश से बाहर न निकले और उसे ढूंढ निकालो।"

"बहुत मुश्किल काम है, तुली को पूरे अमेरिका में ढूंढना।" माईक सोच-भरे स्वर में कह उठा।

"उठो और अपने काम पर लग जाओ। C.I.A. को तुली हर हाल में चाहिए।" चीफ ने आदेश भरे स्वर में कहा।

"ओके चीफ! देखता हूं कि तुली मिल पाता है या नहीं।" कहकर माईक उठा और बाहर निकल गया।

चीफ टॉम लैरी देर तक खुले दरवाजे को क्रोध से भरी नजरों से देखता रहा।

■■■

R.D.X. सैवन इलैवन के साथ ही एक ही प्लेन में मुंबई पहुंचे चार दिन बाद, परंतु सैवन इलैवन उनसे अलग बैठा था। उनकी रास्ते में कोई बात नहीं हुई थी।

एयरपोर्ट पर सैवन इलैवन ने उनसे बात की।

"तुली को मारकर तुम तीनों ने अपने को बचा लिया।" सैवन इलैवन बोला।

"तीरथ की भी बात हुई थी।" धर्मा बोला।

"वो भी। उसे समझा देना कि 'ऑपरेशन टू किल' को भूल जाए और C.I.A. के सामने उसका कोई जिक्र न करे।"

"समझा देंगे उसे।" धर्मा बोला।

"अब हमारी मुलाकात नहीं होगी।" सैवन इलैवन बोला--- "तुम तीनों का शुक्रिया, जो काम किया उसके लिए।"

"क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुली बिना वजह मारा गया?" राघव बोला।

"वो C.I.A. के साथ मिल गया था। F.I.A. के राज उन्हें दे सकता था।" सैवन इलैवन ने कहा।

"C.I.A. से तो वो बाद में मिला, F.I.A. तो उसके पीछे पहले ही पड़ गई थी।"

"F.I.A. के सामने और कोई रास्ता नहीं था कि तुली को भी खत्म कर दिया जाए। ये जरूरी हो गया था।"

"तो अब मुझे और तीरथ को क्यों जिंदा छोड़ा जा सकता है?"

"क्योंकि ये मामला मेरे हवाले कर दिया गया है और मुझे पूरी छूट है कि इस मामले को मैं किस तरह खत्म करता हूं। तुम्हें और तीरथ को F.I.A. ने नहीं, मैंने जिंदा छोड़ा है ये वार्निंग देकर कि C.I.A. के सामने अपना मुंह बंद रखना, वरना इस बार सैवन इलैवन तुम लोगों को जिंदा नहीं छोड़ेगा।"

"ठीक है।" राघव मुस्कुराया--- "हम तुम्हारी बात मानेंगे, बल्कि मान रहे हैं।"

"आखिरी सवाल।" एक्स्ट्रा बोला--- "सैवन इलैवन तो तुम्हारा नंबर है। तुम्हारा नाम क्या है?"

"क्यों जानना चाहते हो?"

"यूं ही, नहीं मन तो मत बताओ।"

"विक्रांत नाम है मेरा।"

"विक्रांत।"

सैवन इलैवन ने बारी-बारी तीनों को देखा, फिर कदम उठाता वहां से दूर होता चला गया।

"मुसीबत टली।" राघव गहरी सांस लेकर कह उठा।

"विक्रांत नहीं जानता कि तुली अभी जिंदा है, वरना अभी वो अपना रूप दिखा देता।" एक्स्ट्रा ने कहा।

राघव और धर्मा ने एक्स्ट्रा को घूरा।

"क्या हुआ?"

"तुली का नाम आज के बाद जुबान पर भी मत लाना।" धर्मा कह उठा--- "वो मर चुका है। उसे भूल जाओ।"

"ठीक है, ठीक है, मर गया है वो।" एक्स्ट्रा ने सिर हिलाकर कहा--- "अब जाना कहां है?"

"एक बार तीरथ से मिल लें। वो F.I.A. से डरकर अभी तक वहीं छिपा है। उसने कहा था कि हमारे वापस आने तक बाहर नहीं निकलेगा।"

"और हम वापस आ ही न पाते तो?"

"अब वो वाली बात नहीं रही। हम आ गए हैं, तीरथ को बता देना चाहिए कि अब उसे कोई खतरा नहीं है।"

■■■

तीरथ वहीं मिला।

R.D.X. को देखते ही वो खुश हो गया।

"तुली को मार दिया?" सबसे पहले उसके होंठों से यही निकला।

"हां।" धर्मा मुस्कुराया।

"तो अब हमारा क्या होगा?"

"सैवन इलैवन के वादे के मुताबिक हम आजाद हैं, अब F.I.A.   हमारे पीछे नहीं है।"

"ओह, मैं कितनी बढ़िया खबर सुन रहा हूं। तुम लोगों ने मुझे बचा लिया।" तीरथ की खुशी का ठिकाना नहीं था।

"हमने अपने को बचाया है, बात सिर्फ तुम्हारी नहीं थी।"

"जो भी हो, मैं बच गया।"

"तुम पहले से कमजोर हो गए लगते हो।"एक्स्ट्रा ने कहा।

"क्या करूं, मुझे अपनी जान की चिंता खाए जा रही थी कि मैं बच पाऊंगा या नहीं। हर समय तुम लोगों के बारे में ही सोचता रहता था कि तुम लोग सफल होकर लौट आओगे या नहीं। इन्हीं बातों ने मुझे पागल कर रखा था।"

"मौज करो। अब सब ठीक है।"

"ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है। मैं तुम तीनों का एहसान कभी नहीं भूल पाऊंगा।" तीरथ की आंखें भर आईं।

R.D.X. मुस्कुराते हुए उसे देखते रहे।

"चलो, आज रात मैं तुम लोगों को शानदार डिनर दूंगा। यादगार होगा डिनर। अब मैं बाहर जा सकता...।"

"तुम पहले अपनी हालत ठीक करो।" धर्मा बोला--- "डिनर फिर लेंगे।"

"मेरे पास तो तुममें से किसी का फोन नंबर भी नहीं है जो...।"

"कुछ दिन बाद फोन हम कर लेंगे।"

"टरका तो नहीं रहे?"

"नहीं, हम तुम्हें फोन करेंगे डिनर के लिए।"

R.D.X. वहां से बाहर आ गए।

सब ठीक हो गया था। जिंदगी अब उन्हें फिर पहले जैसी लगी थी।

F.I.A. नाम की तलवार उनके सिरों से हट चुकी थी, ऐसा वे तीनों सोच रहे थे।

काश, वे जानते होते कि तुली नाम की मुसीबत पुनः पलटकर तूफान की गति से उनकी तरफ बढ़ने वाली है।

सैवन इलैवन का शिकंजे जैसा पंजा उनकी गर्दनों की तरफ बढ़ने वाला है।

माईक अपने एजेंटों के साथ खतरनाक इरादे लिए इंडिया में आने वाला है।

परंतु R.D.X. इन बातों से अंजान अपने कामों में व्यस्त हो गए थे।

■■■

तीन महीने बाद।

तुली अमेरिका के शानदार शहर फ्लोरिडा में नजर आया। उसके सिर के बाल छोटे-छोटे थे। काफी हद तक उसका हुलिया बदला-बदला सा था। वो फ्लोरिडा के एक रेस्टोरेंट में वेटर का काम करके अपनी जिंदगी बिता रहा था। दोपहर दो बजे वो ड्यूटी पर आता और रात के बारह बजे तक काम में व्यस्त रहता। तुली निश्चिंत था कि C.I.A. या  F.I.A.उसे नहीं तलाश कर सकती।

F.I.A. का हत्यारा वेटर बनकर अपनी जिंदगी गुजार रहा था। वो सोच रहा था कि सब ठीक हो गया है। परंतु तुली जैसे पेशेवर लोग कहीं भी चैन से नहीं रह सकते। ऐसे एजेंटों का अतीत उनका पीछा नहीं छोड़ता। ऐसे में तुली कैसे शांति से जिंदगी बिता सकता था, परंतु उसे लगता था कि मुसीबतें अब उसकी जिंदगी से दूर हो गई हैं।

तुली को अक्सर मुंबई में रह रहा अपना परिवार याद आ जाता था। वो हर समय सोचता कि कोई जुगाड़ बनाकर अपने परिवार को भी यहां बुला लेगा। कई बार वह इंडिया में अपने घर फोन करने की सोचता, परंतु ये सोच कर रह जाता कि अभी कुछ वक्त और बीत जाए।

F.I.A. का उसके परिवार की तरफ ध्यान नहीं रहेगा तो तब उसका फोन करना ज्यादा ठीक रहेगा, लेकिन एक बात तुली नहीं जानता था।

वो यह कि उसका मुंबई फोन करना बारूद को चिंगारी दिखाने जैसा था।

जब भी उसने अपने परिवार को फोन किया तो उसकी जिंदगी बारूद की तरह फट जानी थी। एक बार फिर उसने मौत की राह पर चलने को मजबूर हो जाना था और उसे अपना मिशन 'ऑपरेशन 24 कैरेट' शुरू करना पड़ेगा। उसकी मौत की दौड़ एक बार फिर शुरू होने वाली थी क्योंकि कुछ दिन पहले कुछ लोगों ने उसके परिवार को खत्म कर दिया था। पूरी तरह अनजान था इस बात से तुली।

और मन-ही-मन तुली ने फैसला किया कि एक महीना और बीत जाए, तब इंडिया, मुंबई में अपने परिवार को फोन करेगा।

समाप्त