‘ तुम तो कहे थे कि सब कॉलेज का लड़का लोग होगा यह सब तो हमको प्रोफेशनल खिलाड़ी लग रहा है बे' संजय ने दाढ़ी खुजाते हुए चिंता जाहिर की।
' तो हमको तो लगा कि कॉलेज वाला लड़का ही आएगा हमको क्या पता था इसकी क्रिकेटरों के साथ भी दोस्ती है' राहुल ने बेट से हवा में शॉट मारते हुए कहा।
कल -
दरअसल हुआ यह कि हमारे राहुल भैया कॉलेज ग्राउंड से गुजर रहे थे। और उन्होंने देखा कि उनकी क्लास और b3 के बीच मैच हो रहा है तो रुक गए वो भी,क्योंकि भाई इस देश में हर घर में कोई नशे का मरीज मिले ना मिले पर क्रिकेट का मरीज जरूर मिल जाएगा, और मरीज जब राहुल भैया जेसे हो तो कहना ही क्या। तो वो भी रुक गये देखने की क्या होता है ?और एक ही मिनट में समझ भी गए कि उनकी क्लास की टीम हार रही है टीम ने 20 ओवरों में सिर्फ 142 रन बनाए थे जो इस ग्राउंड पर इतना बुरा भी नहीं है पर समस्या यह थी कि वह उसे डिफेंड नहीं कर पा रहे थे टीम के कप्तान थे ' आदित्य भैया ' शायद उन्होंने बैटिंग अच्छी की थी पर वह फील्डिंग सही से सेट नहीं कर पा रहा थे। तो जब राहुल भैया ने अपनी क्लास को हारते देखा तो 2, 3 लड़कों को अपने पास बुलाया ,पर आदित्य और उसके दोस्तों नहीं गए।राहुल ने उन्हें फील्डिंग पोजिशन बताइ और वापस भेज दिया।फिर उन सब ने अपनी फील्डिंग पोजिशन चेंज कर ली। आदित्य ने उन्हें वापस उसी जगह जाने को कहा पर उसकी किसी ने नहीं सुनी। फील्डिंग इतनी सही जची की थोड़ी देर में मैच खत्म हुआ और राहुल की क्लास जीत गई क्योंकि लास्ट के 4 ओवरो में 2 मिडन ,1में 12 रन और 1 में 4 रन 2 विकेट आए। सभी लड़कों ने राहुल को घेर लिया और धन्यवाद देने लगे । पर आदित्य को यह अपनी बेइज्जती महसूस हुई क्योंकि पूरा मैच तो उसने खुद संभाला और लास्ट में राहुल ने आकर सारा क्रेडिट ले लिया।
' तुम बीच में काहे आए बे ,हम जीत रहे थे मैच... हमको तुम्हारी मदद की जरूरत नहीं थी ' आदित्य ने राहुल से कहा।
' हां देख रहे थे हम, क्या घंटा जीत रहे थे। और वैसे भी क्लास की इज्जत का सवाल था इसलिए बीच में आए नहीं हमको कोई शौक नहीं है...हमारे भले से तुम हारो या जीतो हमको क्या?.. और जब तुमको क्रिकेट खेलना आता ही नहीं तो तुमको कप्तान कौन बनाएं बे ' राहुल ने वापस ताव से कहा।
' तुम बहुत ज्ञानी बन रहे हो हम बताएं तुमको कैसे खेलते हैं क्रिकेट 'आदित्य ने कंधे पर बेट को रखते हुए राहुल के पास आकर कहा
'तुम हमको क्या बताओगे बे , हम तब से क्रिकेट खेल रहा है जब तुम अपने मां की नहीं बाप के अंदर थे।' राहुल ने ऐसे बोला कि शांत माहौल में भी एक दो लड़कों की हंसी छूट गई।
' तो आओ फिर मैदान में बताते हम तुमको,की कौन खेल रहा है और कौन कोरी बकैती पेल रहा है 'आदित्य ने चुनौती दी।
' रहने दो बे नहीं खेलना तुम्हारे साथ... वैसे भी संजय ने मना किया है तुम्हारे मुंह लगने से...' यह कहकर राहुल जाने लगा।
' क्यों बे ...फट गई...जाओ जाओ संजय की गोदी में बैठो...उसकी सहलाओ…पिछवाड़े में दम नहीं और हमको सीखा रहा है कैसे खेलना है ।' आदित्य ने पीछे से कहा तो सब लड़के हंसने लगे। यह सुनकर राहुल रुक गया और वापस उसकी तरफ आया।
' चलो ठीक है ... हो जाए फिर मैच...पर गुरु अगर हार गए ना तो छमिया बनाकर नचवाएंगे तुम्हे ,याद रखना। ' राहुल ने भी चुनौती स्वीकार कर ली।
आज -
' गुरु चुनौती स्वीकार करके अच्छा तो किया पर कम से कम देख तो लेते उनके पास खिलाड़ी कौन-कौन है?' संजय ने कहा
' वहां इज्जत का सवाल था भाई ,गणित लगाते घूमते क्या, और उनके पास अच्छे खिलाड़ी है तो क्या हुआ हमारी टीम भी कम मजबूत नहीं है'राहुल का इशारा अंकुश रोहित और 7,8 लड़कों पर था जो सब बैठकर रोहित के फोन में नोरा फतेही का नया डांस वीडियो देख रहे थे।
' दिख रहा गुरु , बहुत ही पावरफुल टीम हैं।' संजय ने उपहास करते हुए कहा' यह सब नमूने तुम्हें मिल कहां से गए बे '
' किसी को कैंटीन से उठाए, किसी को लाइब्रेरी से ,ओर उ साला को तो संडास से उठाकर लाए हैं, तभी पेट पकड़े हुए बैठा है 'राहुल बात खत्म करते करते हैं हंस पड़ा। और संजय भी उसके साथ हंसने लगा।
' पर कुछ रणनीति बनाए हो कि नहीं..... ऐसे तो जीत गए हम ' संजय ने शक की निगाह से पूछा।
' अरे तुम हम पर विश्वास रखो हम खुद चलता फिरता रवि शास्त्री हूं बे ' राहुल ने कॉन्फिडेंस से कहा।
' विश्वास है तभी तो यहां मरवाने आए है बे ' संजय ने राहुल से बेट छीनते हुए कहा।
अच्छा रुकिए रुकिए…. शायद हम बताना भूल गए , लडकियो के आलावा हमारे राहुल भैया में एक और खूबी भी है, और वो है क्रिकेट। अब दरअसल क्रिकेट और राहुल भैया के प्यार में भी लड़की का ही एंगल है, वो हुआ यूं कि राहुल भैया कम उम्र से ही लडकिया देखने के बहाने ipl देखने लगे क्योंकि आप तो जानते ही हैं कि ये ipl वाले खिलाड़ियों को कम लड़कियों को ही ज्यादा दिखाते है, तो लड़कियां देखते देखते उन्होंने थोड़ा बहुत क्रिकेट भी देख लिया और कब उनका ध्यान लडकियो से हटकर क्रिकेट पर आ गया ये तो आज तक उनको भी पता नहीं चला।फिर तो हमारे राहुल भैया ने क्रिकेट को घोटकर पी लिया, इसीलिए उनके दोस्तो को उनपर और किसी चीज का विश्वास हो ना हो क्रिकेट का जरूर हैं।
' सुनो तुम हमारे नंबर 1 बैट्समैन हो तो तुमको ओपनिंग में भेजेंगे, रोहित बॉलिंग सम्भाल लेगा , हम दोनों कर देंगे ,और अंकुश....अंकुश को जाने दो वो बॉल पकड़कर ले आएगा ' राहुल ने प्लान बताया।इतने में दीपक सर ने सिटी बजाकर सबको बुला लिया।
दीपक सर ग्राउंड में आए 2महीने से वो छुट्टियों पर थे । अभी 2 दिन पहले से ही कॉलेजों वापस join किया है और आज इनकी ड्यूटी (अंपायर +कमेंट्री) करने की है। आदित्य की टीम में ज्यादातर बड़े बड़े खिलाड़ी थे। और संजय की टीम में,खेर उनको जाने दीजिए...अब क्या कहें? संजय की टीम ,टीम नहीं सलाद लग रही थी,
तरह तरह की फल - सब्जियां थी।कोई 7 फिट की ,कोई मोटी,कोई चस्मिस ,औेर एक ने तो पेट पकड़ रखा था।
' इसको क्या हुआ बे ,ऐसे काहे बैठा है' अंकुश ने संजय से पूछा।
' बताएंगे गुरु सब बताएंगे तुमको ,अभी मैच पर ध्यान दो' संजय को उस लड़के की तरफ देखकर ही हंसी आ रही थी।
' अच्छा ये रखो हमारा लकी सिक्का है इसपर हमेशा टेल आता है ...जाओ टॉस जीतकर आओ ' अंकुश ने जेब से सिक्का निकालकर राहुल को दिया , राहुल सिक्का लेकर आगे गया।
दोनों टीमों के कप्तान आमने सामने आएऔर toss हुआ। राहुल ने वापस आकर बताया कि वो टॉस जीत गए और उन्होंने फील्डिंग चूज करली हैं। इसपर संजय और अंकुश ने माथा पकड़ लिया।
' अबे साले किस चूतिये को कप्तान बना दिए हो तुम … टॉस जीतकर भी फील्डिंग ले आया ' अंकुश ने संजय से शिकायत की।
' तुम समझते नहीं हो बे.. पिच पर अभी नमी है तो बॉलिंग में हेल्प मिलेगी और अगली इनिंग में अपन बढ़िया खेल पाएंगे ' राहुल ने चाणक्य बनते हुए कहा।
' काहे की नमी बे ऊ रमेश गुटका थूक के गया है यहां...साले यह वानखेड़े थोड़ी है, हॉस्टल का ग्राउंड है...चार कदम की तो बाउंड्री है कम से कम उनको पहली पारी में थकाते तो फिर दूसरी पारी में कुछ मदद मिलती ' अंकुश ने विरोध किया।
' चुप हो जाओ बे तुम दोनों कते ही कोहली और गंभीर बने हुए हो। अब जो चूज किए हो उस पर ध्यान दो ! ' संजय ने फिल्डिंग सेट करते हुए कहा।
आदित्य की टीम से ओपनिंग करने के लिए ' आयुष चौधरी ' औेर 'विशाल भैया'आए ।
' सुनो संजय ,आयुष और विशाल दोनों ही स्टेट खेल चुके हैं, अगर इन्होंने ओपनिंग में ज्यादा रन बना लिए तो हम स्कोर केच नहीं कर पाएंगे ' राहुल ने अपना अनुभव साझा किया।' हमको अपना बेस्ट बॉलर भेजना पड़ेगा ताकि शुरुआती ओवरों में रन कम बने '
' नवीन इधर आओ बे ' संजय ने नवीन को बुलाया जो क्लास का एकमात्र खिलाड़ी था जिसने संजय की टीम के साथ खेलने का निश्चय किया और क्लास की टीम का सबसे बेस्ट बॉलर भी वहीं था।
' क्या हुआ भैया बोलो ,फर्स्ट ओवर हमें करना है क्या?' नवीन ने पूछा।
' हां तुमको ही करना है और ध्यान रहे इस ओवर मैं कम से कम रन आने चाहिए ताकि इनका शुरू से ही मोटिवेशन कम हो जाए' संजय ने धोनी बनकर अपना गुरु मंत्र दिया।
' ठीक है भैया ' नवीन बॉल लिया और पिच पर चला गया। जितने में राहुल ने चस्मा लगा लिया और पोजिशन में गया। उसने चस्मा इस उम्मीद में लगाया कि अगर प्रतिभा उसका मैच देखने आ गई तो वो अच्छा दिखे।दीपक सर ने सिटी बजाकर मैच प्रारंभ किया।
नवीन ने रन - अप लिया और पूरी गति के साथ बॉल फेंकी आयुष थोड़ा सा पीछे हुआ और बेट घुमाकर मारा- और ........... सिक्स।
'साले तुमको कहे थे कि इस ओवर मैं कम से कम रन देना और तुमने पहली बॉल पर छक्का खा लिया'संजय ने पीछे से चिल्लाते हुए कहा।
' अरे लग जाता है कभी-कभी ,बच्चे को डराओ मत बे। कोई बात नहीं नवीन ...कोई बात नही 'राहुल ने ताली बजाकर नवीन का उत्साह बढ़ाया।
और यह फिर से आ रही है बोल और आयुष में घुमा के मारा और फिर से - छक्का
' कोई ना ,कोई ना गुड जॉब,गुड जॉब ' राहुल ने उत्साह बढ़ाना जारी रखा।
' काहे का गुड जॉब साला ऐसे रन खाता रहा तो हमें 'ब्लोजॉब' देने की नौबत आ जाएगी' संजय ने गुस्से में धीरे से कहा जिस पर अंकुश को हंसी आ गई।
' भैया ई 'ब्लो जॉब' क्या होता है क्रिकेट में कोई नया सोट आया है क्या' पास खड़े चस्मिस लड़के ने अंकुश से पूछा।
' हां भाई एक नई तरह का शॉट है, हम तुमको सिखाएंगे कभी अकेले में मिलना हमें' अंकुश ने हंसते हुए अपना ध्यान वापस मैच पर लगाया।
नवीन का ओवर पूरा हुआ और उसने पहले ही ओवर में उसने 28 रन दिए। संजय एक बार तो उसे मारने के लिए भागा फिर राहुल और अंकुश ने उसे पकड़ कर शांत किया।
' साला पहले ओवर में 28 रन कौन देता है बे! ऐसे ही रन बनता रहा तो हम कही मुंह दिखाने के नहीं रहेंगे' संजय बोला।
' रोओ मत बे, अब हम जाते हैं,' राहुल ने बोल ली और बॉलिंग करने चला गया, सामने विशाल भैया थे।
और ये राहुल तेजी से आ रहे हैं और यह फेंकी बोल और ये - फोर'
'साला ये भी रन देकर आएगा 'संजय ने माथा पकड़ लिया। राहुल का ओवर पूरा हुआ और राहुल ने 20 रन देकर बोल संजय को थमा दी।
दो ओवर में हो चुके है 48 रन , बहुत ही शानदार प्रदर्शन करते हुए आदित्य की टीम।
' 2 ओवर में 48 रन ,फिर 20 ओवर में ये तो साला हजार पार कर देंगे' संजय अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन से निराश था।
' देखो भाई अगर हम को जीतना है तो उंगली टेढ़ा करना ही पड़ेगा' अंकुश ने अपनी राय दी।
' का बात कर रहे हो, हम चीटिंग नहीं करेगा ....हम इसकी तरह नहीं खेलेंगे' संजय ने साफ इंकार कर दिया।
' तो क्या नर्तकी बनकर नाच लोगे,करवा लोगे अपनी बेइज्जती और हम कौन सा मैच के अंदर चैटिंग करने को कह रहे है ,हम जो भी करेंगे मैच के बाहर ही करेंगे' अंकुश ने कहा।इतने में एक और चौका गया।
' देखलो गुरु तुम्हे जो करना है, हमे तो जितना हैं बस 'अब राहुल ने भी हामी भारी।
' सबसे पहले इस आयुष को निकालते हैं' अकुंश ने बोलना शुरू किया ' इसकी कमजोरी क्या है वो पता लगाओ पहले'
' नेहा ' राहुल जोर से बोला।
' कौन नेहा बे , इस साले की girlfriend बन गई फिर भी दूसरी लड़कियों के बारे में सोच रहा है ...हम कह रहे थे ना कुछ नहीं हो सकता इस ठरकी का' अंकुश ने गुस्से में कहा। संजय ने भी हामी भरी।
' अरे ! नेहा आयुष की गर्लफ्रेंड का नाम है वह उसके पीछे बावरा है ,उससे पूछे बिना कुछ भी नहीं करता और अगर वो आधी रात को भी कॉल करें ना तो साला भागा भागा जाता है।' राहुल ने कहा
' तो उसका हम क्या करे? हमारे काम कि बात बताओ ' अंकुश ने कहा।
' अरे अगर नेहा आयुष की बुलाएगी तो आयुष जाएगा ही ना, और जायेगा कैसे ? हम जाने थोड़ी देंगे ,तो फिर उसे out होना पड़ेगा ना। दिमाग लगाओ बे 'राहुल ने जबरदस्त प्लान बताया।
' पर वो उसको क्यों बुलाएगी ? ' संजय ने वाजिब सवाल पूछा।
' बुलाएगी गुरु ,जरूर बुलाएगी पहले तुम बताओ चंदन विहार की सब्जी मण्डी के आस -पास अपना कोई लड़का लोग है क्या' राहुल ने संजय से पूछा।
'हां अपना गज्जू है ना,अरे तुम क्या खिचड़ी पका रहे हो हमें साफ साफ बताओ' संजय ने पूछा।
'बताते हैं, बताते हैं पहले तुम गज्जू को फोन लगाओ'राहुल ने संजय को कहा।
' अब सुनो उसकी गर्लफ्रेंड नेहा रोज सुबह 9 बजे जाती हैं ,नारियल लेने चंदन विहार अपनी स्कूटी पर जो उसके घर से 5 km दूर है,' राहुल अपना प्लान बता रहा था।
' रोज काहे जाती हैं बे,एक साथ भी तो ला सकती हैं' अंकुश ने एक अलग ही प्रश्न पूछा।
' अरे भाई उ बहुत ही हेल्थ कॉन्शियस है, रोज ताजा नारियल पानी ही चाहिए उसको,ओर तुमको क्या करना है बे ,बीच में मत टोको हमें' राहुल ने अंकुश को डांटा।
' हां समझ गया कि वह रोज सुबह चंदन विहार जाती है फिर क्या ?' संजय ने मुद्दे की बात पर आते हैं हुए कहा ।
' तो अगर उसकी स्कूटी का टायर पंचर हुआ, तो घर नहीं जा सकती, फिर वो धूप में खड़ी परेशान होगी तो फिर वह किसको बुलाएगी ?' राहुल ने शरारती चेहरा बनाते हुए पूछा।
' आयुष को ' संजय ने प्लान समझते हुए बोला।
' बिल्कुल सही गुरु, लाओ गज्जू से बात कराओ' राहुल ने कहा।
' हेल्लो,गज्जू , कहा हो बे ' संजय ने फोन पर पूछा।
' नमस्ते... भ्या....... हम ..उ....' उधर से गज्जू की आवाज आई जिसने अभी अभी विमल खाई थी।
' साला पहले गुटका थूको,कुछ भी समझ में नहीं आ रहा क्या आ .. ऊ कर रहे हो'संजय ने गुस्से में कहा।
' नमस्ते भैया ,हम यही है चंदन विहार में , बोलिए क्या काम हमारे लिए' गज्जू ने गुटका थुक्कर कहा।
'लो राहुल से बात करो यही बताएगा तुम्हे क्या करना है' कहकर संजय ने फोन राहुल को थमा दिया।
' नमस्ते राहुल भैया बोलिए क्या काम है ?' फोन पर गज्जू बोला।
' सुनो गज्जू बहुत ही जरूरी काम है, तुम्हें आसपास वह नेहा दिखाई दे रही है वह आयुष क्रिकेटर की गर्लफ्रेंड'राहुल ने पूछा।
' हां ...... दिख रही है ना भैया हमारे सामने खड़ी है उ... नारियल ले रही है' गज्जू ने लाइव टेलीकास्ट दिया।
' हां तो एक काम करो पास में ही उसकी स्कूटी खड़ी होगी रेड कलर की, उसका पिछले टायर पंचर कर दो'राहुल ने आदेश दिया।
' क्यों भैया ?...क्या हुआ?..' गज्जू ने हैरानी से पूछा।
' हम बोल रहे हैं ना बस उतना करो, ज़्यादा दिमाग मत चलाओ ' राहुल ने कड़क आवाज में कहा।
' ठीक है भैया ' गज्जू ने कहा और फोन काट दिया।
थोड़ी देर में आयुष का फोन बजा उसने थोड़ी देर फोन पर बात की और फोन काट दिया फिर अगली बॉल पर हिट विकेट हो गया। उसने आदित्य को कुछ कहा और वहां से चला गया। आयुष के जाने के बाद अगला खिलाड़ी बैटिंग करने आया उसको ओवर संजय डाल रहा था उसने दो बोले तो खेली पर तीसरी बॉल पर आउट हो गया। ओवर की लास्ट 2 बॉल पर विशाल ने दो चौके जड़ दिए।
अगला ओवर राहुल ने डाला जिसमें उसने एक विकेट लिया और उसमें भी विशाल ने तीन चौके जड़ दिए।
' इ विशाल का तो कुछ करना पड़ेगा,नहीं तो ये ऐसे ही पेलता रहेगा ' राहुल ने बोलिंग से वापस आते हुए कहा।
' रुको बे , इसका इंतजाम हम करते हैं' संजय बोला और फोन निकालकर भवानी को कॉल किया ' कहा हो बे? '
' कॉलेज के बाहर, भैया' भवानी ने उधर से जवाब दिया।
' देखो जरा वो आदित्य का पोस्टर लग गया क्या?' संजय ने सर खुजाते हुए पूछा।
' हां भैया लग गया ,आज सुबह ही लगवाए है उ' भवानी ने पोस्टर देखते हुए कहा।
' अच्छा तुम्हारे साथ में कौन-कौन है ? ' संजय ने पूछा
' इ मनोजवा और रमेश है, क्या बात है भैया कौनो प्रॉब्लम है का?' भवानी ने चिंतित भाव से पूछा।
' एक काम करो तुम तीनों, मुंह पर काला कपड़ा बांधो और उस आदित्य के सारे पोस्टर फाड़ दो' संजय ने भवानी को आर्डर दिया।
' ठीक है भैया,...चलो बे सब ' भवानी ने कहा और फोन काट दिया।
थोड़ी देर में अर्पित भागते हुए आदित्य के पास आया।' सुनो आदित्य भैया ! उ कुछ लोग ,मुंह पर काला कपड़ा बांधे काॅलज के बाहर आपके पोस्टर फाड़ रहे है।'
' क्या ? हमारा पोस्टर फाड़ रहे हैं साला इतना दम किसके पिछवाड़े में आ गया चलो बे देखते है हम उसको ' आदित्य जाने के लिए मुड़ा
' भैया आप रहने दो आप मेंच से बाहर जाओगे तो ये कहेंगे कि आदित्य डर कर भाग गया ,इससे अच्छा विशाल भैया को भेज दो वो सीनियर है यहां का, वह सब संभाल लेगा' अर्पित ने राय दी।
' पर विशाल तो बैटिंग कर रहा है , एक काम करो तुम हिमांशु को ले जाओ' आदित्य ने चिंता से कहा।
'भैया वह हिमांशु से संभालने वाला मैटर नहीं है या तो आप को जाना पड़ेगा या विशाल भैया को' अर्पित ने कहा।
आदित्य ने कुछ सोचा फिर विशाल के पास जाकर उसके कान में कुछ कहा और अगली बॉल में विशाल रन आउट हो गया।
' अरे वाह गुरु सीख गए तुम भी' राहुल ने संजय को ताली देते हुए कहा।
' अरे पोस्टर तो हमको फाड़ने ही थे बढ़िया है आज ही फाड़ दिया' संजय ने हसकर कहा । अब कोई बड़ा खिलाड़ी न देखकर आदित्य खुद बैटिंग करने आ गया। अगले दो-तीन ओवरों में आदित्य ने हल्के-फुल्के रन बनाए और 8 ओवरों में स्कोर 104 पर पहुंचा दिए। तभी राहुल बॉलिंग करने आया और आदित्य के साथ वाला लड़का क्लीन बोल्ड हो गया। अब आदित्य का साथ देने' सुनील लोटया ' आया। जिसको देखकर सभी फिल्डर्स सतर्क हो गए क्योंकि अब हमला कहीं भी हो सकता था।
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