जॉर्ज ओलिन किसी से ब्टेलीफोन पर बात करने में व्यस्त था, जब डैलेस ने कमरे में झांका।

वह बोला, ‘मैं तो काम में लगा हूं। किसी और को जाकर परेशान करो।’
मगर डैलेस कमरे में आ गया और एक कुर्सी खींच उसके पास बैठ गया। कमरे की चमचमाती रोशनी में वह थका हुआ नजर आ रहा था, उसने एक सिगरेट डिब्बी में से निकाला और सुलगाया।
जॉर्ज ने टेलीफोन पर कहा-‘ओ. के.! उंगलियों के निशान मिलाकर मुझे फोन करो।’
कहकर उसने डैलेस की तरफ देखा और गुर्राया-‘मैं बेहद व्यस्त हूं। तुम क्या चाहते हो?’
‘हेटर मिला?’
‘मैं तो उसके बारे में सोच भी नहीं रहा। तुम क्या समझते हो कि मैं उसे कहीं तलाश कर सकता हूं?’
‘मैं शर्त लगा सकता हूं।’
‘किस बात की?’
‘बेयर्ड ने उसको भगाने की योजना बनाई थी हेटर को उसी ने भगाया।’
‘क्या? बेयर्ड!’ जॉर्ज ने सिगरेट सुलगाया। उसका चेहरा हैरत से भर उठा था, ‘यह तुम्हारा अनुमान है या तुम्हारे पास कोई सबूत भी है।’
‘मैं इस बारे में कुछ जानता हूं।’ उसने सिगरेट का धुआं फिजां में उड़ाकर कहा-‘काइल ने बेयर्ड को फांसा था, ताकि वह हेटर को छुड़ा सके। हेटर से काइल जानना चाहता था कि चोरी के हीरे कहां छिपे हैं। इन हीरों के बारे में काइल को उकसाने वाला एक ही आदमी था।’
‘कौन? क्या नाम है उसका?
‘एडम गिलिस। वे दोनों हीरों को हासिल करके महाराजा चित्तौड़ को देना चाहते थे।’
‘वह क्यों?’
‘ताकि चालीस लाख रुपया हासिल कर सकें।’
‘कितनी देर से तुम यह रहस्य जानते हो?’ जॉर्ज की आंखें आश्चर्य से चमक उठी थीं।
‘यह हरमन की राय है। उसका ख्याल है कि यह योजना हफ्तों पहले बन चुकी थी। अब से पहले उसके पास कोई प्रमाण नहीं था, पर जब उसको प्रमाण मिल गया तो उसने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें बता दूं।’
‘मतलब यह कि तुम्हारे पास इस बात का सबूत है कि हेटर को जेल से छुड़ाने वाला बेयर्ड ही है? तुम यही कहना चाहते हो न?’
‘यस।’
‘क्या सबूत है?’
‘गिलिस को पुलिस ने थोड़ी देर पहले कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया है। वह सब कुछ बता देगा।’
‘यह क्या बात हुई? तुम्हें कैसे मालूम कि गिलिस को पकड़ लिया गया है? पुलिस फोर्स को तुम चलाते हो या मैं?’
‘तैश में क्यों आते हो?’
‘तुम्हें पता कैसे चला?’
‘जब गिलिस अपनी बहन से मिलने गया तो मैं उसका पीछा कर रहा था। अगर मैंने कमरे में पहुंचकर उसको बचाया न होता तो वह अपनी बहन ईव को खत्म कर देता। उसने शराब की बोतल से ईव का सिर फाड़ डाला है। शायद वह अपनी एक आंख से भी हाथ धो बैठे।’
जॉर्ज ने एक लम्बा सांस लिया।
’मैं इस वक्त बेहद उलझा हूं। एक कांस्टेबल की हत्या हो गई है। तुम्हें कुछ देर तक इंतजार करना पड़ेगा। क्या वाकई गिलिस पकड़ा गया है?’
डैलेस ने स्वीकृति में सिर हिलाया। फिर डैलेस बोला- ‘गिलिस मेरे साथ भी हाथापाई पर उतर आया था, मगर मैंने उसको वहीं पर दुरुस्त कर दिया।’
जॉर्ज बोला- ‘तुम्हें मालूम है कि हमने काइल को गिरफ्तार कर लिया है?’
‘हां, मैंने तुम्हें उसे गिरफ्तार करते देखा था। गिलिस ने ही तुम्हें फोन किया था।’
‘तुम्हें कैसे मालूम?’
‘जब वह तुम्हें फोन कर रहा था-मैं उसके पीछे खड़ा था।’
‘तुम कब से उसके पीछे लगे थे?’
‘शाम से। उसकी बहन के लिए अच्छा हुआ, वरना गिलिस तो उसको खत्म कर देता।’
टेलीफोन की घंटी बजी।
जॉर्ज ने रिसीवर उठाया।
‘क्या-क्या कहते हो? क्या तुम्हें यकीन है? पैकार्ड? ओ. के.? मैं अभी चलता हूं। थैंक्यू, बिल!’ कहकर उसने रिसीवर पटक दिया।
‘क्या हुआ?’ डैलेस ने पूछा।
‘जहां कांस्टेबल की हत्या हुई है, वहां पर एक पिस्तौल पड़ा मिला है। उस पर बेयर्ड की उंगलियों के निशान हैं। एक राहगीर ने पैकार्ड कार को वहां से गुजरते देखा था, जो अब शहर में दाखिल हो चुकी है।’
‘हो सकता है कि हेटर भी उसके साथ हो।’ कहकर डैलेस उठ खड़ा हुआ।
जॉर्ज बाहर गया और ऊंची आवाज में आदेश देने लगा। डैलेस ने उसे सुन लिया था। वह वापस आकर बोला-
‘अब हम सबको मिलकर काम करना चाहिए।’
‘मैं तो कब से यह कह रहा हूं।’
‘पैकार्ड को तो मेरे आदमी नहीं जाने देंगे। मैं जरा गिलिस से मिलना चाहता हूं।’
‘सोच लो।’
‘क्या?’
‘जब तुम गिलिस के मिलोगे तो वह तुम्हें तो देगा कि हेटर को जेल से बाहर निकालने की जो योजना बनी थी, उस पर अमल करने के लिए रुपया महाराज ने दिया था। राजा को शायद गिरफ्तार करना इतना आसान नहीं होगा। वह अपने देश में एक प्रभावशाली व्यक्ति है।’
जॉर्ज ने दांत भींचकर कहा- ‘हूं, राजा की तो बात ही क्या है। अगर गांधीजी भी होते तो मैं अपने फर्ज से पीछे न हटता।’
‘नहीं, राजा को तुम गिरफ्तार नहीं कर सकते। स्टेट डिपार्टमेंट से उसके लिए तुम्हें इजाजत लेनी होगी।’
‘..............।’
‘अगर राजा को फौरन पता चल गया तो वह अपने देश भाग जाएगा, तब तुम्हारे लिए बड़ी मुश्किल पैदा जाएगी।’
‘क्या तुम राजा के लिए काम कर रहे हो?’ डैलेस से जॉर्ज ने व्यंग्य भरे स्वर में पूछा।
‘नहीं। मगर मैं नहीं चाहता कि तुम स्टेट डिपार्टमेंट के मामले में दखल दो।’
जॉर्ज कुछ हिचकिचाया और बोला- ‘कुछ भी हो, मैं हर हालत में गिलिस से मिलना चाहता हूं।’
‘क्या मैंने तुम्हें बताया नहीं?’
‘क्या?’
‘कि मैंने घूंसा मारकर उसका जबड़ा तोड़ डाला था। उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। वह इस हालत में नहीं कि आज रात तुमसे बात कर सके। तुम्हें थोड़ा इंजतार करना पड़ेगा।’
जॉर्ज ने डैलेस को घूरकर देखा और दांत भींचकर बोला-‘मैं एक मिनट के लिए बाहर जा रहा हूं। शायद इस बीच तुम अपने दोस्त राजा से बात करना चाहोगे?’
‘यस! शायद मुझे करनी ही चाहिए।’ कहकर डैलेस टेलीफोन की तरफ बढ़ा।
जॉर्ज बाहर निकलकर कंट्रोल रूम की तरफ चला गया। वहां पहुंचते ही एक सिपाही ने जॉर्ज को देखकर कहा-
‘सर! अभी-अभी सूचना मिली है कि पैकार्ड को एक जगह खड़ा देखा गया। उसको फौरन कब्जे में ले लिया गया। उसमें से किसी की लाश मिली है।’
पैकार्ड मिली कहां से है?’
‘खूनी स्ट्रीट में।’
जॉर्ज की आंखें चमक उठीं। उसने पूछा- ‘उसे किसने तलाश किया?’
‘ओ. बेरन ने।’
‘फोन कितनी देर पहले आया था?’
‘कुछ मिनट पहले। वह गश्त पर था।’
‘मैं वहां जाता हूं। मौरिस से कहना कि पुलिए स्क्वॉयड लेकर मेरे पीछे आये। दस बारह वर्दी सिपाहियों की जरूरत होगी। उनको फौरन तैयार रहने के लिए कहो और मौरिस के साथ भेज दो। सब काम एक मिनट में ही हो जाना चाहिए।’
कहकर जॉर्ज सीढ़ियां उतरा, जीप में बैठा और चल दिया। पुलिस सायरन जीप में लगा था। जैसे ही जीप चली, वह फिजां में गूंज उठा।
तीस मिनट के बाद एक दूसरी पुलिस कार चली। इसमें मौरिस था और उसके पीछे इमरजेंसी स्क्वॉयड का ट्रक चल रहा था।
जॉर्ज जल्दी ही खूनी स्ट्रीट पहुंच गया, जो बेहद गंदी-सी थी। आपसास लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। उनकी आंखों में आश्चर्य था। पुलिस के आते ही उनमें हलचल मच गई।
वहीं पर तीन पुलिस की गश्ती कारें पहले ही खड़ी थी। पुलिस के सिपाही पैकार्ड से भीड़ को दूर रखने का प्रयास कर रहे थे। लैम्प पोस्ट के नीचे पैकार्ड कार खड़ी थी जिसका अगला दरवाजा खुला था।
भीड़ को एक तरफ हटाकर जॉर्ज वहां पहुंचा, जहां पैकार्ड कार खड़ी थी।
एक मोटे-ताजे आदमी ने जॉर्ज को सैल्यूट किया। उसका नाम ओ. बेरन था।,
जॉर्ज ने पूछा-‘टिम! तुम्हें कार में क्या मिला?’
‘अंदर एक आदमी की लाश पड़ी है।’
‘कुछ पहचाना, किसकी हो सकती है?’
‘मेरा अंदाजा है कि यह हेटर की है।’
‘हेटर!’ जॉर्ज ने आगे बढ़कर कार के अंदर झांका।
ओ. बेरन बोला- ‘उसकी लाश पिछली सीट पर कम्बल में लिपटी पड़ी है।’
जॉर्ज ने कार का पिछला दरवाजा खोला। इसी के साथ फिजां में पुलिस सायरन की कई आवाजें गूंज उठीं। जॉर्ज ने हेटर के ऊपर से कम्बल उठाया। उसी के साथ ओ. बेरन ने टॅार्च की रोशनी हेटर के मुंह पर डाली।
हेटर का रंग धूप की लगातार जलन से तंबें की तरह भूरा, बाल रूखे और जिस्म मिट्टी से भरा था। उसके मुंह को टेप लगाकर बंद कर दिया गया था, जो सूज गया था। वह बड़ा ही भयानक लग रहा था।
जॉर्ज ने एक कदम पीछे हटकर पूछा-‘तुम कैसे कहते हो कि यह हेटर की लाश है, ओ. बेरन?’
‘मैं कुछ समय के लिए बेलमोर जेल के फार्म पर काम कर चुका हूं। यह जो कपड़े इसने पहन रखे हैं, यही बेलमोर जेल के कैदियों की यूनिफॉर्म है।’
‘हां।’
उसने पूछा- ‘क्या तुमने कभी पहले हेटर को देखा था?’
‘नहीं, मगर मैंने उसकी फोटा देखी थी। लगता तो वही है।’
जॉर्ज पीछे हट गया। बड़ी तीखी बदबू कार में से आ रही थी।
तभी मौरिस भागता हुआ आया।
‘यह हेटर है।’ जॉर्ज बोला।
‘तुम्हें कैसे पता चला?’ कहकर उसने कार में झांका, ‘इसके तो हाथ बंधे हैं।’
‘हां और यह मर भी चुका है।’
‘ओह!’
‘एम्बुलेंस कार अभी तक नहीं आई?’
‘यहां पहुंचने वाली ही होगी।’ मौरिस बोला।
इसके बाद जॉर्ज ने इधर-उधर देखकर पूछा-‘क्या यह वही जगह तो नहीं है, जहां पिछली बार हमारी बेयर्ड से टक्कर हुई थी?’
‘यह, यह वही जगह है।’
‘हो सकता है कि बेयर्ड आसपास कहीं छिपा हो।’ जॉर्ज छतों को घूरने लगा।
‘चार आदमियों को वहां ऊपर ले जाओ। उसके बाद घर-घर जाकर पता करो कि किसी ने बेयर्ड को देखा तो नहीं।’
मौरिस आगे बढ़कर सिपाहियों को आदेश देने लगा, तभी सायरन की आवाज करती एक एम्बुलैंस वहां आ गई। हेटर की लाश को कार में से निकालकर फुटपाथ पर रखे स्ट्रेचर पर लिटा दिया गया। एक पुलिसमैन ने आगे बढ़कर उसके मुंह पर लगे टेप को उतार दिया।
पास खड़े डॉक्टर की तरफ देखकर जॉर्ज ने पूछा-‘आप बता सकते हैं कि इसकी मौत कैसे हुई होगी?’
‘मेरा ख्याल है कि हार्ट फेल होने से।’
‘आपने कैसे जाना?’
‘इसकी शक्ल देखकर। मेरा ख्याल है कि इसे मरे हुए भी दो-तीन घंटे हो चुके हैं।’
जॉर्ज ने पूछा-‘यह कार से बदबू कैसी आ रहा है?’
‘यह गैंग्रीन बीमारी की है।’
‘क्या इस लाश से है?’
‘नहीं।’
जॉर्ज ने नाक पर हाथ रखकर कहा-‘बहुत बुरी सड़ांध है?’
‘हां, जिसे भी यह है उसकी मौत नजदीक है।’
तभी एक सिपाही भागता हुआ आया और जॉर्ज से बोला-‘कोई साहब आपसे बात करना चाहते हैं।’
‘क्या नाम है उनका?’
‘डैलेस।’
‘कहां है वो?’
‘भीड़ के पीछे।’
‘उसे आने दो।’
डैलेस भीड़ को चीरता हुआ आया।
उसने आते ही पूछा-‘कौन मिला?’ और उसने स्ट्रेचर पर पड़ी हेटर की लाश को घूरा।
‘हेटर।’
‘सच?’
‘हां, इसमें कोई शक नहीं। ओ. बेरन ने भी उसे पहचान लिया है। वह बेलमोर जेल में काम कर चुका है।’
डैलेस ने कहा-‘वही सारी दुनिया में अकेला आदमी था, जो जानता था हीरे कहां छिपे हैं। वही अब खत्म हो चुका है। जॉर्ज, तुम्हारा क्या ख्याल है कि इसने बता दिया होगा कि हीरे कहां छिपे हैं?’
जॉर्ज ने इंकार में कंधे हिलाए। वह बोला- ‘लगता है कि बेयर्ड बुरी तरह जख्मी हो चुका है। जो आदमी इस कार में था, उसे ग्रैंगीन हो चुकी है। वह कहीं ज्यादा दूर नहीं गया होगा। यही आसपास होगा। उसे तलाश करना चाहिए।’
डैलेस ने गली में खड़े लोगों को देखा। कुछ पल तक चुप रहकर उसने जॉर्ज का हाथ पकड़कर कहा-‘मुझे मालूम है कि बेयर्ड कहां हो सकता है।’
‘कहां?’ उसने चकित होकर पूछा।
‘उस लड़की को देख रहे हो, जो सामने खड़ी है?’
‘कौन? वह जिसने स्कार्फ बांध रखा है?’
‘हां, वही बेयर्ड की फ्रेंड है।’
‘अच्छा।’
‘हां, वह सामने वाली गली में रहती है। उस बिल्डिंग में।
उसके कमरे का नम्बर तीस है। वह चौथे फ्लोर पर रहती है। मेरा अनुमान है कि बेयर्ड इस वक्त उसके कमरे में है।’
‘सत्यानाश हो तुम्हारा। जब तुम इतनी बातें जानते हो तो मुझसे आज तक क्यों छिपाकर रखी?’
‘मुझे कल ही बर्नज ने बताया था।’ डैलेस ने कहा-‘मुझे भी कल रात पता चला, मैं तब नहीं जानता था।’
जॉर्ज ने चिढ़कर कहा-‘बहुत-सी बातें तुम कल रात तक नहीं जानते थे। खैर, तुम यकीन से कह सकते हो कि वह बेयर्ड की प्रेमिका है?’
‘यस।’
जॉर्ज ने ओ. बेरन की तरफ मुड़कर कहा-‘वह लड़की जो स्कार्फ बांधे खड़ी है, उसे यहां ले आओ।’
‘मिस जैक्सन!’ बेरन ने कहा, वह चकित था, ‘माफ करना, क्या वाकई मैं उसे लाऊं पकड़कर?’
‘हां, मगर तुम क्यों घबरा रहे हो? क्या खतरा है?’
ओ. बेरन ने कहा, ‘मैं इस इलाके में सबको जानता हूं। वह एक भली और ईमानदार लड़की है और मेहनत करके अपना पेट पालती है। वह कभी भी किसी झगड़े-झंझट में नहीं पड़ी।’
‘मगर अब वह पड़ चुकी है। तुम उसे यहां ले आओ, समझे?’
हिचकिचाता हुआ ओ. बेरन अनिता के पास पहुंचा और उसे कुहनी से पकड़कर ले आया।
अनिता की काली आंखों में डर की छाया थी, मगर उसने अपने संतुलन को बनाये रखा। जॉर्ज ने उसे घूरकर पूछा- ‘तुम बेयर्ड को जनती हो?
‘हां, मैं उसे मिली थी।’
‘ओह! तुमने क्या उसे एक महीने पहले अपने कमरे में पनाह दी थी? मेरे से झूठ बोलने की कोशिश मत करना। मेरे पास सबूत मौजूद है।’
अचानक उसकी नजरें स्ट्रेचर पर पड़ी। वह कांप उठी। उसकी आंखों में यातना की छाया थी। उसने अपने दोनों हाथ छाती पर रख लिए। उसका चेहरा पीला पड़ गया। उसने ओ. बेरन की तरफ देखकर कांपते हुए स्वर में कहा- ‘यह कौन है?’
जॉर्ज चीखा-‘तुमने सुना नहीं, मैंने क्या पूछा था?’
मगर उसकी बात को अनसुना करके वह ओ. बेरन की तरफ देखकर गिड़गिड़ाई, ‘प्लीज, मुझे बताइए यह कौन है?’
‘इसका नाम हेटर है, मगर मुनासिब है कि तुम जॉर्ज के प्रश्न का उत्तर दो।’
वह चीखी- ‘हेटर! क्या यह मर चुका?’
‘हां।’ बेरन ने कहा, ‘यह मर चुका। तुम्हें उसके बारे में चिन्ता करने की जरूरत नहीं। तुम जॉर्ज के सवाल का जवाब दो। क्या तुम बेयर्ड को जानती हो?’
वह खोयी-खोयी-सी स्ट्रेचर के पास पहुंची। उस वक्त तक हेटर के शव को कम्बल से ढक दिया गया था। वह स्ट्रेचर के पास पहुंचकर डॉक्टर से बोली-‘क्या मैं एक बार इसका चेहरा देख सकती हूं?’
चकित होकर डॉक्टर ने जॉर्ज की तरफ देखा। उसने उंगली के इशारे से इजाजत दे दी। डॉक्टर ने हेटर के मुंह पर से कपड़ा उठा दिया।
अनिता ने दर्द भरी और फटी-फटी नजरों से हेटर को देखा। उसने सूजे चेहरे और धूल तथा मिट्टी से सने शरीर को निहारा। तब तक बेरन वहां पहुंच चुका था। वह सिर को झुकाये घुटनों के बल हेटर के शव के पास बैठी थी।
ओ. बेरन ने उसका हाथ पकड़ा और उठाना चाहा तो वह बोली-‘इसे क्या हुआ था? सिर्फ दो साल ही तो बाकी रह गये थे इसके छूटने में।’
‘यह क्या तमाशा है?’ जॉर्ज ने कड़ककर कहा।
मगर तभी डैलेस जॉर्ज को एक तरफ करके अनिता से बोला- ‘इसका जेल से अपहरण कर लिया गया था। वे चाहते थे कि मालूम कर सकें कि इसने चित्तौड़ के हीरे कहां छिपा रखे हैं। इसके लिए उन्होंने बेयर्ड को बेलमोर भेजा ताकि वे इसका अपहरण करके लाये। बेयर्ड ने ही इसे मार डाला है।’
‘ओह! क्या बेयर्ड ने यह सब कुछ किया?’ उसने सिर को झटका दिया और नफरत भरी नजरों से डैलेस की तरफ देखकर बोली- ‘हां, यह मेरे पिता हैं।’
इससे पहले कि इस रहस्योद्घाटन के सदमे को डैलेस सहन कर सके, एक सिपाही एक औरत के साथ आकर बोला- ‘सर! यह औरत कहती है कि इसने बेयर्ड को देखा है।’
‘कहां?’
‘टॉप फ्लोर पर मैंने उसको जाते देखा था।’
‘कैसा था वो?’
‘काफी लम्बा, मगर बीमार नजर आ रहा था। उसके पास एक गन भी थी।’
‘तुम कहां रहती हो?’
‘थर्ड फ्लोर पर।’
‘उसके पास कैसी गन थी?’
‘पता नहीं-शायद मशीनगन।’
जॉर्ज ने सिपाहियों को आवाज दी- ‘आओ, सभी आओ। बेयर्ड को पकड़ो।’
‘एक मिनट ठहरो।’ पीछे से डैलेस ने उसे पुकारा।
‘क्या है?’
डैलेस ने कहा-‘तुम बेयर्ड को जिन्दा नहीं पकड़ सकते।’
‘जिन्दा या मुर्दा-मुझे इसकी परवाह नहीं।’
‘हो सकता है कि उसे पता चल गया हो कि हीरे कहां छिपा रखे हैं, इसलिए उसे जिन्दा ही पकड़ने की कोशिश करो।’
‘जहन्नुम में जाएं हीरे-वीरे। जिन्दा या मुर्दा-मैं अब बेयर्ड को बचकर निकलने नहीं दूंगा।’
‘ठहरो।’
‘क्या है?’
‘मैं ऊपर जाता हूं।’
‘क्यों?’
‘मैं उससे गन लेने की कोशिश करूँगा। बाद में तुम पकड़ लेना।’ डैलेस ने कहा।
वह जाने लगा तो अनिता बोली- ‘मुझे जाने दो। वह मुझे कुछ नहीं कहेगा। मैं उसकी गन ले लूंगी। बाद में आप आ जाना।’
‘तुम्हें कुछ पता भी है कि तुम क्या कह रही हो? वह बड़ा खतरनाक आदमी है।’
डैलेस बोला- ‘जॉर्ज, अनिता को जाने दो।’
‘तुम दोनों मेरे रास्ते से हट जाओ।’
‘जॉर्ज, जिद मत करो। पहले अनिता को जाने दो। उसके पीछे-पीछे तुम रहना। भूलो मत, अगर उसने मशीनगन चलाना शुरू कर दिया तो वह तुम्हारे आधे से ज्यादा आदमियों को खत्म कर देगा।’
जॉर्ज ने शंकित स्वर में कहा- ‘मैं तुम्हें बता दूं कि वह इसलिए तो ऊपर नहीं जाना चाहती कि...।’
अनिता अचानक मुड़ी और तेजी से भाग निकली।
जॉर्ज चिल्लाना ही चाहता था कि डैलेस उससे जा टकराया। वह अपना संतुलन खो बैठा। जब तक जमीन से उठकर वह खड़ा होता, तब तक अनिता नजरों से ओझल हो चुकी थी।
‘क्या तमाशा है! कुछ होश भी है कि तुम क्या कर रहे हो?’
जॉर्ज डैलेस पर चीखा और फिर सिपाहियों से बोला-‘जल्दी आओ, उस लड़की को पकड़ो।’
* * *
दीवार का सहारा लेकर बेयर्ड टेढ़ा लेटा था। अचानक पुलिस के सायरन की आवाज सुनकर उसकी बेहोशी कुछ टूटी उसने अपना सिर उठाया और सुना। सायरन की आवाज उसके कानों में यों आ रही थी मानो मौत का फरिश्ता अपने आने की सूचना दे रहा हो।
बड़ी मुश्किल से वह बैठा और दीवार के साथ उसने टेक लगा दी। अपना दायां हाथ आगे बढ़ाकर उसने थामसन गन को अपनी तरफ खींच लिया। उसने गन के मुट्ठे को अपनी छाती से लगाया। उसका रुख सीढ़ियों की तरफ था।
पुलिस यहां तक कैसे पहुंची? उसे आश्चर्य हुआ। धुंधला-सा उसे सिर्फ इतना याद था कि वह कार में आया है, मगर उसको यह याद नहीं आ रहा था कि उसने कार को कहां खड़ा किया था या उसका क्या हुआ? उसने सोचा-क्या वह पागल है कि उसने कार को बाहर की सड़क पर कहीं छोड़ दिया था?
उसने देखा, आकाश में चांद निकल आया था। उसकी हल्की रोशनी करीडोर में पड़ रही थी। उसे लगा कि वे चांद की रोशनी में उतरकर आ जाएंगे और उसे घेर लेंगे।
वह घिसटता हुआ अनिता के दरवाजे के पास पहुंचा। उसने कमरे का हैंडिल घुमाया, मगर ताला लगा था। वह खुला नहीं। वह दरवाजे का सहारा लेकर बैठ गया। हर पल बेहोशी बढ़ने लगी थी और वह समझ गया कि उसका अंत आ पहुंचा है।
तभी पुलिस का सायरन फिर बज उठा। उसकी बेहोशी फिर टूटी। उसने दरवाजा खोलने की दोबारा कोशिश की, मगर लुढ़ककर नीचे जा गिरा।
उसे याद आया कि पांच सप्ताह पहले भी उसने इस कमरे में पनाह ली थी, तब भी वह मौत के मुंह में फंसा था, तब भी उसने उसे बचा लिया था, पर तब दरवाजा खुल गया था। आज यह क्यों बंद है? अगर यह दरवाजा खुल जाए तो वह आज भी उसे बचा लेगी।
वह एक जंगली जानवर की तरह बेबस हो चुका था, जो जख्मों से निढाल हो जाता है। वह कभी छाती के बल होता और कभी करवट ले लेता था। अब प्रत्येक पल बेचैनी बढ़ने लगी थी।
काफी देर के बाद उसने किसी के कदमों की आवाज सुनी। उसने थामसन को संभाला।
सहसा उसने अनिता को देखा। उसका मैला-सा कोट बारिश में भीग गया था। उसने सिर पर लाल-नीला स्कार्फ बांध रखा था। उसकी आंखों में भय और आश्चर्य था।
‘हैलो!’’ उसने खोई हुई आवाज में कहा-‘देखो, हम फिर वहीं मिल रहे हैं। क्या तुम्हें कुछ याद है?’
उसने कुछ नहीं कहा। वह खामोश रही। उसकी नजरें थामसन पर जमी थीं। बेयर्ड ने उसको एक तरफ कर दिया।
अनिता ने पूछा-‘तुम यहां बैठे क्या कर रहे हो?’
‘मेरा बाजू नाकाम हो चुका है।’ अनिता को देखकर उसमें एक नया उत्साह आ गया था। उसने पूछा-‘क्या पुलिस के सिपाही बाहर मौजूद हैं?’
‘बाहर एक एक्सीडेंट हो गया है। एक आदमी मर गया है।’
‘क्या वह मेरी तलाश कर रहे हैं?’
‘वे तो एक्सीडेंट की वजह से आये हैं। क्या मैं तुम्हारा हाथ देखूं?’
‘अब कुछ नहीं हो सकता। इसे तो जड़ से ही काटना पड़ेगा।’
‘हो सकता है, मैं कुछ कर सकूं।’ कहकर वह आगे बढ़ी। उसकी आंखें गन पर जमी थीं।
वह बोला-‘तुम्हारा दरवाजा बंद है। मैंने खोलने की कोशिश की थी, ताकि अंदर जा सकूं।’
‘मैं हमेशा बाहर जाते वक्त इसे बंद कर जाती हूं। क्या तुम अंदर बिस्तर पर लेटना चाहते हो?’
‘नहीं, मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम पर कोई मुसीबत आए। मैं सिर्फ तुम्हारे सामने मरना चाहता हूं।’
बेयर्ड ने आंखें बंद कर लीं। उसने वैसे ही पड़े-पड़े पूछा-‘तुम्हें यकीन है कि पुलिस मेरी तलाश नहीं कर रही है?’
‘सड़क पर एक एक्सीडेंट हो गया है।’
‘क्या हुआ?’
‘सड़क के किनारे एक कार खड़ी है। उसमें से एक आदमी की लाश निकली थी।’
‘लाश! तुम्हें यकीन है कि वह मर चुका है?’
‘यस।’
‘वह हेटर है। अब मुझे याद आया। मैं उसी कार में आया था। क्या वह मर चुका?’
अनिता इस बार चुप रही।
‘ओह, हां! अब याद...याद आया।’ बेयर्ड का दिमाग अतीत में रेंगने लगा-‘मैं तो उसे भूल ही गया था। हमने उसको बांधकर एक कम्बल उसके ऊपर डाल दिया था। मैं तुम्हारे अलावा सबको भूल गया। मैं पांच सौ मील का कार से सफर तय करके तुमसे मिलने आया हूं।’
इस पर भी अनिता चुप रही।
‘हेटर बहुत अच्छा आदमी था।’ बेयर्ड ने कहना शुरू किया-‘उसने करोड़ों के हीरे कहीं छिपा रखे थे। जरा इतने रुपयों के बारे में सोचो। अब वह मर चुका है। अब उन हीरों तक कोई नहीं पहुंच पाएगा।’
अनिता ने थरथरराते स्वर में कहा, ‘तुमने उसे मार डाला?’
‘नहीं, वह उसके पास जा रहा था, इसलिए मर गया। मैं उसको कार में रखकर भूल गया। यही मेरी भूल है। तुम चाहो तो इसे मारना कह सकती हो।’ उसने दरवाजे के हैंडिल पर हाथ रखकर कहा-‘अनिता, क्या तुम इसे नहीं खोलोगी।’
‘क्यों नहीं? जरूर खोलूंगी।’ कहकर वह उसके नजदीक खिसक आई। वह बोली-‘क्या मैं यह गन उठा लूं? तुम्हें तो अब चाहिए नहीं होगी।’
बेयर्ड की उंगलियां थामसन पर कसने लगीं। वह बोला- ‘शायद मुझे इसकी जरूरत पड़े। मैं अब भी इसे चला सकता हूं। क्या तुम दरवाजा नहीं खोलोगी?’
चाबी सुराख में डालकर उसने दरवाजा खोला।
‘तुम्हें याद है, मैं पहली बार तुमसे मिला था?’ उसने अंधेरे कमरे में झांका जिसमें चांदनी का हल्का प्रकाश फैला था, हों खुली खिड़की से अंदर आ रहा था।
‘यह लो।’ कहकर बेयर्ड ने थामसन को अनिता के हाथों में थमा दिया।
वह बोला-‘पिछली बार जब मैं नींद से जागा था तो तुमने मेरी मशीनगन को मेरे सिरहाने रख दिया था। तुम दुनिया में अकेली एक ऐसी लड़की हो जिस पर मुझे भरोसा है।’
अनिता चुप रही।
बेयर्ड ने लड़खड़ाती आवाज में कहा- ‘जो कुछ तुमने मेरे लिए किया, उसका बदला न मैं चुका सका और न कभी चुका पाऊंगा। तुमने ठीक ही कहा था-दया को खरीदा नहीं जा सकता। तुम्हारा कहना कितना सच था।’
अनिता ने गन को मजबूती से पकड़कर उसकी नाल को फर्श से लगा दिया। वह बोली-‘पाल हेटर मेरा बाप था।’
बेयर्ड ने दोनों हाथों को झटका दिया। उसने एक हाथ से चेहरे को मसला। वह चौंककर बोला-‘क्या कहा तुमने?’
‘मैंने कहा कि पाल हेटर मेरा बाप था।’
उसने मशीनगन पर नजर डालकर कहा-‘अगर मैंने तुम्हें यह न दी होती, तब क्या तुम मुझसे यह कहने की हिम्मत कर सकती थीं?’
उसने सिर हिलाकर कहा-‘नहीं।’
बेयर्ड ने कहा- ‘लेकिन तुम्हें हेटर से क्या लगाव हो सकता है? तुमने तो उसे पिछले पन्द्रह साल से देखा तक नहीं। तुम तो मुश्किल से पांच वर्ष की रही होगी, जब वे उसे पकड़कर ले गये थे।’
‘मेरी मां ने मुझे सब कुछ बताया था।’ उसने शांत स्वर में कहा-‘मां ने बताया था कि उसको कैसी-कैसी भयानक यातनाएं दी गई थीं। वह अगर आज तक जिन्दा था तो सिर्फ इस उम्मीद पर कि मैं उसका इंतजार कर रही थी।’
‘नहीं।’ बेयर्ड ने कहा-‘उसे सिर्फ हीरों ने जिन्दा रखा था। वह जानता था कि वे कहां छिपे हैं। वह बाहर निकलते ही उन्हें निकाल लेता।’
‘नहीं।’ अनिता ने कहना शुरू किया, ‘उन हीरों के बारे में यह गलतफहमी बनी रही है। जब उसको पकड़ लिया गया तो मेरी मां के पास वे हीरे थे। कोई नहीं जानता था कि उसकी शादी हो चुकी थी। मां के लिए देश से बाहर जाना आसान था। जब वह शिप में जा रही थी तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मां और सिर्फ पांच दूसरे मुसाफिर बच सके थे। जहाज के साथ हीरे भी डूब गये थे। पन्द्रह साल तक मेरा बाप दुख-तकलीफें काटता रहा। इस बीच मेरी मां को किसी और आदमी से लगाव हो गया। वह उसके साथ चली गई, मगर मैंने कभी यह बात अपने बाप को नहीं बताई। जब उसकी तकलीफों का समय खत्म होने वाला था कि तुमने उसे मार डाला।’
‘मैंने उसे नहीं मारा।’ बेयर्ड के स्वर में कठोरता थी।
‘अगर तुम उसको जबरदस्ती छुड़ाने की कोशिश न करते तो वह इस वक्त जिन्दा होता।’
‘अनिता, लगता है कि उसकी मौत ने तुम्हें बेहद दुख पहुंचाया है। मुझे हेटर की मौत का बेहद अफसोस है। अगर मैं उसे जानता होता तो कभी उसे छुड़ाने की कोशिश न करता।’
‘काश! मैंने पहली बार तुम्हारी मदद न की होती। मुझे अहसास था कि पुलिस वालों ने जिस तरह मेरे बाप को सताया था, वही व्यवहार वे तुमसे करेंगे। अगर मैंने उस वक्त तुम्हें पनाह देने की भूल न की होती तो आज मेरा बाप जिन्दा होता।’
‘तुम ठीक कहती हो।’ बेयर्ड बोला-‘अब मैं सिर्फ कुछ पल का मेहमान हूं। मैं जिस भी हालत में हूं, वे आकर अपना बदला चुका सकते हैं। तुम बाहर जाओ और उन्हें बुला लाओ।’ उसने तकिये पर अपना सिर रख दिया।
‘वे बाहर खड़े इंतजार कर रहे हैं।’
‘अगर मैं जानता कि हेटर तुम्हारा बाप है तो मैं कभी बेलमोर न जाता। क्या आखिरी वक्त में मेरा विश्वास करोगी अनिता?’
‘इससे फर्क क्या पड़ेगा! वह अब मर चुका है। उसकी मौत के लिए तुम नहीं, मैं जिम्मेदार हूं।’
बेयर्ड का दर्द दोहरा होकर सारे जिस्म में सुइयां-सी चुभोने लगा। अनिता बिना उसकी तरफ देखे कमरे से निकल गई। जिन्दगी में पहली बार उसे डर लगा। मौत को सामने देखकर वह भयभीत हो उठा था।
जॉर्ज ओलिन और दो कांस्टेबल कमरे में आये उनके हाथों में बंदूकें थीं। उनके पीछे डैलेस खड़ा था।
बेयर्ड कमर के बल लेटा था। उसकी आंखें बंद थीं। उसकी सांसें भारी होने लगी थीं। उसका सारा शरीर पसीने से भीग गया था। माथे से पसीना चूकर तकिये को भिगोने लगा था।
डैलेस आगे बढ़ा।
उसने बेयर्ड को कंधे से हिलाया-‘अरे, तुम उठो। जागो।’
बेयर्ड ने अपनी आंखें खोलीं। डैलेस ने पूछा-‘क्या हेटर ने तुम्हें बताया कि हीरे कहां हैं?’
बेयर्ड ने कुछ नहीं कहा।
डैलेस दोबारा बोला-‘तुम चुप क्यों हो? बताओ-बताओ, हीरे कहां हैं? तुम जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहे हो। अब वे हीरे तुम्हारे किसी काम नहीं आएंगे।’
बेयर्ड ने सिर को इंकार में हिलाया-‘मैं हेटर से पूछना ही भूल गया।’ उसकी आवाज धीमी थी-‘बहुत बुरा हुआ है ना?’
बेयर्ड ने डैलेस से दृष्टि हटाकर जॉर्ज को देखा और बोला-
‘अनिता बेकसूर है। पहली बार मैं यहां आकर छिपा था तो मैंने अनिता को डराया था कि अगर उसने मुझे पनाह न दी तो उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। मुझसे डरकर उसने मुझे यहां छिपाया था। वह निर्दोष है।’
जॉर्ज ने व्यंग्य से कहा-‘अनिता पर तुम्हें बड़ा रहम आ रहा है? तुम भी जानते हो कि उसने तुम्हें जान-बूझकर यहां पनाह दी थी। एक कातिल की मदद करना कानूनी जुर्म है।’
‘यह बात नहीं। वह जानती थी कि अगर उसने मुझे न छिपाया तो रिको उसे खत्म करवा देगा।’
कहकर बेयर्ड ने उठने की कोशिश की, मगर असफल रहा।
जॉर्ज ने कहा- ‘झूठ बोलना बंद करो। तुम उसको बचाना क्यों चाहते हो? वह चालाकी से तुम्हारी मशीनगन ले उड़ी। वह न चाहती तो हम तुम तक कभी नहीं पहुंच पाते-समझे।’
बेयर्ड ने डैलेस की तरफ देखा- ‘तुम यकीन मानो। उसने जो कुछ किया, दबाव के तहत किया। वह एक अच्छी लड़की है। मैंने जो कुछ कहा है, उसे मेरा हलफिया बयान माना जाए। आप उसे लिख लीजिए। मैं उस पर दस्तख्त करने को तैयार हूं।’
डैलेस ने जॉर्ज से कहा-‘सुनो जॉर्ज, उसने बेयर्ड से गन न ले ली होती तो तुम बेयर्ड को गिरफ्तार नहीं कर सकते थे। मेरी समझ में नहीं आता कि तुम अनिता के पीछे क्यों पड़े हो? क्यों उसको खून के मामले में उलझाना चाहते हो?’
जॉर्ज ने तुनककर कहा-‘अजी जहन्नुम में जाये वो। मुझे क्या उसका आचार डालना है।’
बेयर्ड ने चैन की सांस ली और आंखें बंद कर लीं।
डैलेस ने कहा-‘क्या मैं तुम्हारे कांस्टेबल से कह दूं कि वह अनिता को छोड़ दे?’
‘यस, कह दो।’
जैसे ही डैलेस बाहर निकला, जॉर्ज ने डॉक्टर को बुलाया।
‘डॉक्टर!’
‘यस प्लीज!’
‘बेयर्ड को कोई इंजेक्शन दो-मैं इसका हलफिया बयान नोट करना चाहता हूं।’
‘ओ. के.!’ कहकर वह सिरिंज तैयार करने लगा।
डैलेस भागता हुआ सीढ़ियां उतरा। अनिता और एक सिपाही लॉबी में खड़े इंतजार कर रहे थे। डैलेस तेजी से चलता हुआ उनके पास से गुजर गया।
बाहर आकर वह एक पब्लिक टेलीफोन बूथ पर गया। उसने हरमन का नम्बर मिलाकर कहा-‘मैं डैलेस बोल रहा हूं।’
‘मैं हरमन हूं-बोलो।’
सारी घटनाओं का संक्षेप में ब्यौरा देने के बाद वह बोला-‘लगता है कि हमारी सारी मेहनत बेकार गई। हेटर मर चुका है और बेयर्ड मरने वाला है। लगता है कि उसकी मौत के साथ ही हीरों का रहस्य भी हमेशा के लिए रहस्य बनकर रह जाएगा।’
‘अनिता के बारे में क्या राय है? हो सकता है कि उसे हीरों के रहस्य की जानकारी हो।’
‘आप क्या चाहते हैं कि अनिता से बात करूं?’
‘जरूर!’ हरमन बोला-‘उसे कहो मेरी तरफ से।’
‘क्या!’
‘कि अगर वह हमें बता दे कि हीरे कहां छिपे हैं तो मैं उसे पचास हजार डॉलर दूंगा।’
‘पचास हजार।’
‘वक्त मत गंवाओ। जल्दी से जाकर बात करो।’
डैलेस ने पूछा-‘मान लो कि उसे पता हो और वह बताने को तैयार हो जाए तो जॉर्ज क्या उसको कानूनी शिंकजे में नहीं कस लेगा? उससे अनिता को कैसे बचाया जाएगा?’
‘यह हमारा सिरदर्द नहीं है। हमारा काम बन जाए तो वह चाहे जहन्नुम में जाए। पचास हजार डॉलर क्या कम होते हैं?’
‘......।’
‘और सुनो।’
‘कहिये?’
‘यह बात अनिता के दिमाग में मत डाल देना कि उसको जॉर्ज बाद में परेशान भी कर सकता है।’
‘ओ. के! आप एक मिनट इंतजार करें। अभी अनिता से पूछकर बताता हूं।’
कहकर वह अनिता के पास गया और बोला-‘सार्जेंट, जॉर्ज तुम्हें ऊपर बुला रहा है।’
‘और यह लड़की?’
‘जॉर्ज का कहना है कि इसे छोड़ दो।’
‘ओ. के.।’ कहकर सार्जेंट ने अनिता से कहा-‘तुम जहां चाहो जा सकती हो, मगर ऊपर नहीं।’
‘क्यों?’
‘वे बेयर्ड को लेकर चले जाएं तो तुम चली जाना।’
अनिता ने स्वीकृति में सिर हिलाया। सार्जेंट चला गया। डैलेस उसके पास पहुंचा और बोला-
‘मिस जैक्सन! एक मिनट ठहरिये।’ वह उसके पास पहुंचकर बोला। ‘मैं इंटरनेशनल डिटेक्टिव एजेंसी के लिए काम करता हूं। मेरा नाम डैलेस है। जब से चित्तौड़गढ़ के हीरों की चोरी हुई है, हम उनको ढूंढ रहे हैं। मुझसे कहा गया है कि मैं आपको पचास हजार डॉलर देने की पेशकस करूं।’
‘क्यों?’
‘अगर आप यह बता सकें कि हीरे कहां छिपे हैं?’
अनिता ने भावहीन चेहरे से उसकी तरफ देखा।
डैलेस बोला-‘मैं एक चेतावनी आपको और देना चाहता हूं।’
‘कौन-सी?’
‘अगर आपने यह रहस्य पुलिस को बता दिया तो पुलिस आपको भी अपराधियों की सहायता करने के इल्जाम में पकड़ सकती है।’
‘आप मुझे यह क्यों बता रहे हैं? यह बात तो आपके खिलाफ जाती है।’
‘मैं नहीं चाहता कि आपको धोखे में रखूं। अगर आप पचास हजार डॉलर लेकर कानूनी कार्यवाही का खतरा मोल लेना चाहती हैं-तो जो कुछ आपको मालूम है, बता दीजिये।’
अनिता ने इंकार में सिर हिलाया- ‘सॉरी, मैं उन हीरों के बारे में कुछ नहीं जानती हूं।’
‘सच।’
‘हां, मैं अपने बाप की लाश को सामने पड़ी देखकर झूठ नहीं बोलूंगी।’
‘खैर, क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूं?’
अनिता का चेहरा सख्त हो गया, वह बोली, ‘नहीं शुक्रिया।’
डैलेस ने अपना नेम कार्ड निकालकर अनिता के हाथों में थमा दिया। वह बोला-‘यह मेरा कार्ड है। हो सकता है कि आपकी राय बाद में बदल जाए तो आप मुझसे मिल सकती हैं। हो सकता है कि आपको मेरी कभी जरूरत पड़े।’
‘थैक्यू! मैं हर हाल में जीना चाहती हूं।’
अनिता वहां से चली गई और थोड़े फासले पर जाकर खड़ी हो गई। डैलेस उसको तब तक देखता रहा, जब तक वह बिल्डिंग के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ खड़ी भीड़ में गुम न हो गई। वह टेलीफोन बूथ पर आया और उसने फोन पर हरमन से कहा-‘मैं डैलेस हूं।’
‘उसने क्या कहा?’
‘उसे तो हीरों के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है। हेटर ने उसे कभी कुछ बताया ही नहीं था।’
‘तुम कैसे यह कह सकते हो?’
‘अनिता की उम्र पांच वर्ष की थी, जब पुलिस ने हेटर को पकड़ा था, तब उसे बताने का सवाल ही पैदा नहीं होता था।’
‘कहीं वह झूठ तो नहीं बोल रही है?’
‘कोई लड़की झूठ बोलती है तो मैं फौरन ताड़ जाता हूं।’
‘हूं-तुम्हारी हीरों के रहस्य के बारे में क्या राय है?’
‘मेरा ख्याल है कि हीरे कभी नहीं मिल सकेंगे।’
‘खैर, तुम वापस दफ्तर आ जाओ। यहीं पर बैठकर अंतिम फैसला करेंगे।’
तभी डैलेस ने देखा कि दो आदमी बेयर्ड के शव को स्ट्रेचर पर ला रहे हैं। उन्होंने बेयर्ड का मुंह कम्बल से ढक रखा था।
डैलेस के हाथ में रिसीवर अभी तक था। वह बोला-
‘मैं यहां से देख सकता हूं कि वे बेयर्ड के शव को स्ट्रेचर पर लेकर जा रहे हैं।’
‘क्या वह मर गया है?’
‘यस। चारों तरफ भारी भीड़ है। हर आदमी उसकी शक्ल देखना चाहता है। मुझे हैरत है कि लाश के प्रति लोगों में इतनी उत्सुकता और आश्चर्य क्यों है?’
‘.....।’
‘मुझे यकीन है कि बेयर्ड अनिता को मन से प्यार करता था।’
‘अब तुम बक-बक करना बंद भी करोगे?’ हरमन ने गुस्से से कहा-‘तुम फौरन यहां आओ। मेरा ख्याल है कि मैं अंतिम फैसले पर पहुंच चुका हूं।’
‘बॉस, आप मजाक अच्छा कर लेते हैं।’ कहकर डैलेस ने फोन बंद कर दिया।
बेयर्ड और हेटर की लाशों के आसपास हर पल भीड़ बढ़ती जा रही थी, मगर अनिता का कहीं पता नहीं था।
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