अध्याय २७
“सभी षड़यन्त्रों के साथ परेशानी ही यह है, कि वे अंदर से खोखले होते हैं।”
– रॉबर्ट ए हेनलिन
“हम सभी अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं।” एक आवाज़ आई।
एक हमउम्र सी दिख रही महिला ने डोलोरेस को पेरिस की भीड़-भाड़ वाली सड़क के फुटपाथ से आवाज़ लगाई। डोलोरेस ने रुककर उस पर एक नज़र डालते हुए कहा।
“माफ़ करना, तुमने मुझसे कुछ कहा?”
महिला के कपड़े मटमैले और त्वचा सूखी थी, लेकिन उसके बाल सलीके के साथ बांधे हुए थे। उसका उच्चारण अपरिचित और रहस्यमय था।
“यह मुश्किल होगा। मुझे तो ये दुनिया साँप-सीढ़ी के खेल सी नज़र आती है।”
डोलोरेस ने उस महिला को फिर से, उत्सुकता के साथ ध्यानपूर्वक देखा।
“मैं कुछ समझी नहीं।”
“जिनके मन मैं ईर्ष्या होती है, उनके मन में षड़यन्त्र भी होते हैं।”
डोलोरेस ने बिना कुछ कहे, उसे सर से लेकर पाँव तक गौर से देखा और अचंभित होते हुए पूछा, “तुम मुझे यह सब क्यों बता रही हो?”
“तुम्हारी परेशानियों के लिए।”
हेदर व्यस्त सड़क पर से लम्बे-लम्बे डग भरते हुए उसके पीछे आकर खड़ी हो गयी और बोली, “मैडम आप विश्वास नहीं करोगी…” फिर डोलोरेस के सामने बैठी महिला को देखते हुए, उसने बीच में ही बात छोड़ दी।
कुछ अजीब और रहस्यमयी क्षणों के बाद, डोलोरेस को एहसास हुआ कि उसे देर हो गई थी।
“अरे हाँ, हमे चलना चाहिए।”
उसने अपनी जेब से एक यूरो निकाला।
“तुम्हारी परेशानियों के लिए,” डोलोरेस ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा।
महिला ने ना कहने के लिए हाथ हिलाया और कहा।
“पैसा अपने आप में ही एक बड़ी परेशानी है।”
दोनों एक साथ मुस्कुराई फिर डोलोरेस अमेरिकन एम्बेसी की ओर चल पड़ी। हेदर के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते-चलते, वह बोली, “ओह, बड़ा अजीब वाकया था।”
मुझे लगता है कि मेरी मुलाकात एक दिव्यदृष्टि वाली महिला से हुई। डोलोरेस अभी भी आश्चर्यचकित थी।
डोलोरेस और हेदर ने काँच के दरवाज़े से गुज़रते हुए अमेरिकी दूतावास में प्रवेश किया। डोलोरेस की निगाहें नीचे थीं क्योंकि उसने देखा कि मैथ्यू एक लोहे की बेंच पर बैठा उसका इंतज़ार कर रहा है।
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”
“गुड आफ्टरनून माम्।” मैथ्यू ने चहकते हुए उसका स्वागत किया।
उसने प्रेस किया हुआ सूट पहना था और एक नीले रंग की अटैची को ऐसे कसकर पकड़ रखा था, जैसे कि उसका दिल उसके अंदर धड़क रहा था। उसने डोलोरेस को लॉबी के कोने पर आने के लिए कहा, ताकि कोई भी उनकी बात सुन ना सके। वे एक सोफे पर बैठ गए।
“तुम कॉल का जवाब क्यों नहीं दे रहे थे?” डोलोरेस ने शिकायत की।
“मामला बहुत संजीदा है, इसीलिए मुझे सावधानी बरतनी पड़ी। परदे के पीछे बहुत कुछ चल रहा है मैम।”
डोलोरेस का चेहरा कठोर हो गया, “आगे बोलो।”
मैथ्यू ने अपनी अटैची खोली और अपनी यात्रा का उद्देश्य समझाया। उसके द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के प्रत्येक विवरण के साथ, डोलोरेस हिलती रही। उनकी यह मीटिंग केवल दस मिनट तक चली। फिर मैथ्यू ने उसे अटैची सौंप दी, और कहा।
“जीत के आईएगा, मैम।”
“हाँ, तुम्हारा एहसान है इस बार मुझ पर।”
मैथ्यू मुस्कुराया। फिर डोलोरेस और हेदर लिफ्ट की ओर चल पड़े।
हेदर ने कहा, “तीसवीं मंज़िल।”
लिफ्ट आ गई, और वे अंदर चले गए।
“साँप और सीढ़ी, हेदर। मतलब, ‘कदम-कदम पर खतरा,’ हमें बहुत सावधानी से आगे बढ़ना है।” डोलोरेस ने कहा ओर सुनवाई के लिए आगे बढ़ गयी।
सुनवाई के लिए आवंटित पीले रंग का कक्ष, मामूली फेर-बदल के साथ एक आम बैठक कक्ष की तरह ही था। विशिष्ट फ्रांसीसी वास्तु-कला से अलग, आयताकार मेज़ को, केंद्र में एक छोटे रूप में बदल दिया गया था, जिस पर तीन फाइलें रखी गई थी। ज्यूरी सदस्यों के लिए तीन कुर्सियाँ लगाई गईं और उनके सामने डोलोरेस के बैठने की व्यवस्था थी। कमरा साउंड-प्रूफ था; कमरे के चारों कोनों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे।
भारी, हाइड्रोलिक दरवाज़ा खुला; ज्यूरी सदस्यों ने प्रवेश किया। फ़िरोज़ी-सूट में झालरदार-सुनहरे बालों वाली पचास साल की जेन पेन्न, एक गोरी महिला ने बीच में अपनी सीट ले ली। ग्रे सूट में सुसज्जित बिल मेसी, जिसके बाल नाखूनी छोटे थे, जेन की दाहिनी तरफ़ बैठ गया। बेथ शेर, एक और अमेरिकी महिला सदस्य, उम्र-बयालीस साल, छोटे बाल, गुलाबी सूट पहने, जेन के बाईं ओर पसर गई। बेथ मन ही मन डोलोरेस से घृणा करती थी और इस आपातकालीन मीटिंग की सूत्रधार भी वही थी।
यह उसकी परम इच्छा थी कि वह डोलोरेस को घुटनों के बल बैठने पर मजबूर कर दे। उसे इससे कुछ फ़र्क नहीं पड़ता था की डोलोरेस ने कोई गुनाह किया है या नहीं। डोलोरेस उसको फूटी आँख नहीं सुहाती थी। लेकिन, डोलोरेस उसकी इन भावनाओं से अनभिज्ञ थी। बनावटी मुस्कान और कोमल शब्द, उसकी इन घृणित भावनाओं को छुपाने के लिए एक आवरण भर थे। डोलोरेस और बेथ के काम करने का दृष्टीकोण पूरब-पश्चिम सा था। उसकी चालाकियाँ हमेशा डोलोरेस के आक्रामक तरीकों के आगे फ़ीकी पढ़ जाती थी। आज बेथ का दिन था; डोलोरेस की नौकरी के ताबूत में आख़री कील ठोंकने का सपना पूरा करने, वह यहाँ आई थी।
डोलोरेस, भारी कदमों से चेंबर के अंदर दाखिल हुई।
“अपना स्थान ग्रहण करो डोलोरेस, जेन ने स्वागती लहजे में कहा। डोलोरेस ने खुशी से सिर हिलाया और उंगलियों को आपस में गूँथ कर सलीके से बैठ गई।
बेथ ने डोलोरेस द्वारा कसकर पकड़े गए सूटकेस पर, उसमें क्या होगा इस बारे में विचार करते हुए, अपनी निगाहें गढ़ा दी।
“प्रमोशन मुबारक हो बेथ।” डोलोरेस ने बेथ को बधाई दी।
“बहुत-बहुत शुक्रिया” बेथ ने एक शालीन मुस्कुराहट के साथ स्वीकार किया।
जेन ने पहले बात की, “हम असुविधा के लिए माफ़ी माँगते हैं, लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं, बदले हुए हालात और इसमें दाव पर लगी संगठन की इज्ज़त के कारण, हमें फ़ौरन हालात पर काबू पाने की ज़रूरत है।”
“मैं समझती हूँ।” डोलोरेस ने उत्तर दिया।
“चलो शुरू करते हैं, हाँ?”
“बेशक।”
“तुम इस प्रक्रिया से तो वाकिफ़ हो ही, फिर भी बिल तुमको आरोप पढ़कर सुनाएगा और तुम्हें पूछताछ में घटनाओं के बारे में शुरुआती बयान देने और जवाब देने के लिए मुकम्मल वक़्त दिया जायेगा। और अगर जवाब माकूल नहीं हुए, तो तुमको इस मिशन से हटा दिया जाएगा और तुम्हारे ख़िलाफ़ जांच-पड़ताल होगी और दोषी पाए जाने पर तुम्हारी नौकरी भी जा सकती है।
“हम्म।”
बिल ने फ़ाइल खोली, उस पर गौर किया और थोड़ी देर के लिए रुका।
“डोलोरेस, मैं तुम्हारी इज्ज़त करता हूँ, मैं आरोप नहीं पढ़ना चाहता।”
बेथ ने हस्तक्षेप किया, “लेकिन यह तो प्रोटोकॉल के खिलाफ़ होगा।”
“मुझे पता है कि यह क्या होगा, बेथ। तुम्हारी जानकारी के लिए ये मेरी पहली पूछताछ नहीं।” बिल ने कठोर लहजे में कहा।
बेथ ने जैसे तैसे अपनी घृणा पर काबू पाया।
जेन ने बोलना शुरू किया, “शांत हो जाइए बिल और बेथ, हम सभी सहकर्मी हैं। अब जो होगा, वह होगा, अगर हम उसे कसूरवार पाते हैं, तो उसे, उसके नतीजे भुगतने होंगे।
बेथ चुप हो गई; उसके नथुने फूलने लगे जो गुस्से की एक अलहदा निशानी थी। डोलोरेस ने उसे बड़ी बारिकी से समझा और यह एहसास होते ही कि, बेथ उसके बारे में अच्छे ख़यालात नहीं रखती, उसने अपने आप को संयत रखते हुए चुप्पी साध ली।
जेन ने आरोपों को अच्छी तरह से पढ़ा। उसका चेहरा पीला पड़ गया। उसने जारी रखा।” वास्तव में वहाँ क्या हुआ?” उसने चिंतित स्वर में पूछा।
डोलोरेस ने अपना गला साफ़ किया और एक पल के लिए उन्हें घूरती निगाहों से देखा, जैसे वह अपने विचारों को क्रम से जमा रही हो।
“दुर्भाग्य … एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना और वे आग और धुएँ में खो गए।” वह भावुक हो गयी। तीनों ने उसे विचारविहीन दृष्टि से देखा। “इराक़, सीरिया, गाज़ा और भी कई देश हैं, जहाँ लगातार जंग जारी है, और यहाँ जाँच बैठाने से कुछ नहीं बदलेगा। एक ऐसा युगल, जो विश्वास करता है कि जो लोग अरसे से असहाय हो, नाना प्रकार के कष्ट झेल रहे थे, उनके भले के लिए अपना जीवन खतरे में डाला जा सकता है; उन्हें मरा हुआ समझ लिया गया है और संभवतः उनके वे साथी, जो इस मिशन में समान रूप से समर्पित थे, वे सब भी मर गए हों।
और यहाँ, मैं ईमानदारी से अपना काम करने के लिए अपमानजनक आरोपों का सामना कर रही हूँ और मुझे उस चीज़ के लिए कसूरवार ठहराया जा रहा है, जिस पर मेरा कोई वश नहीं है। यह बहुत शर्मनाक स्थिति है। क्या मैं, अपने लोगों या अपने देश के साथ विश्वासघात करने का काम कर रही हूँ?” उसने अपनी अटैची को खोलकर कागज़ों का एक बण्डल निकाला और जेन को सौंप दिया।
इस बंच में ड्रोन फुटेज से लाल सर्कल के साथ मार्क की गई संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्कूल कंपाउंड की तस्वीरें थीं।
डोलोरेस ने तफ़सील से समझाते हुए अपनी सफाई जारी रखी।
“देखिए, भारी वाहनों के पास ये जले हुए बॉक्स, ये हथियारों को ले जाने वाले बड़े बक्से हैं। संभवतः इनमें हथगोले भरे थे।”
“ओह,” तीनों एक साथ बोल पड़े।
“तुम सब इस बात पर गौर फरमाओ, कि अगर कंटेनर में मेडिकल सप्लाय के बक्से भरे हुए थे, तो जॉर्ज इतने बड़े आकार और इतनी बड़ी संख्या में ये क्रेट, ट्रक में रखकर कैसे ले जा सकता था?”
डोलोरेस ने देखा कि उसकी बात सुनकर, बिल और जेन की भोंहैं ऊपर हुई और आँखें चौड़ी हो गई और मुँह थोड़ा खुल गया था। लेकिन दूसरी ओर, बेथ ने ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसके होंठ का किनारा उभरकर थोड़ा कड़ा हो गया, यह असहमति की एक सूक्ष्म अभिव्यक्ति थी।
डोलोरेस ने कहा, “जैसा कि मेरा मानना है कि हमास, अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है और संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुविधा की आड़ में हथियारों को, उस स्कूल… में इकठ्ठा कर, छुपा रहा हो सकता है और वहाँ कुछ ऐसी अनहोनी, जिसे हम पक्के तौर पर नहीं जानते, हुई होगी जिससे वह हादसा हुआ।”
बेथ ने अपने छोटे बालों में अपने हाथ फिराए। जेन ने अपने हाथ आपस में जोड़ लिए। बिल पास आने के लिए झुक गया। डोलोरेस ने कुछ और पन्ने पलटे।
“ये हेनरी ब्लैंक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट हैं। कार्डियक अरेस्ट के कारण उसकी जान गई; उसके साथ किसी तरह के ‘फाउल-प्ले’ का संदेह नहीं है और उसके शरीर में किसी जहरीले पदार्थ की कोई मात्रा भी नहीं पाई गई।”
जेन को थोड़ी राहत महसूस हुई। “तुमने बड़ी तेज़ी से सारे सबूत इकट्ठा कर लिए!” जेन ने कहा
“हमारे पेशे में, समय अनमोल है।” डोलोरेस ने उत्तर दिया।
“तब तो यह सुनवाई बेबुनियाद लगती है।” बिल ने कहा।
“हाँ, मुझे कुछ नाज़ुक जानकारियाँ साझा करनी हैं।” डोलोरेस ने कहा।
“हाँ, बिल्कुल बताओ।” बेथ ने उत्सुकता से कहा।
“मिशन एक विफलता नहीं थी, न ही यह ख़त्म हो चुका है। मुझे लगता है कि इस मिशन में सीआईए के अंदर से, किसी ने भीतरघात किया है।”
जेन और बिल ने एक दूसरे को और फिर डोलोरेस को गौर से देखा। बेथ थोड़ा पीछे झुक गई।
“इसका तुम्हारे पास कोई सबूत है, क्या?” बेथ ने पूछा।
“मेरे पास कुछ है, सभी नहीं।”
“जैसे क्या?”
डोलोरेस थोड़ा आक्रामक हो गई, “यह मिशन बिलकुल गुप्त रखा गया था, तो सीआईए के किसी अनाधिकृत एजेंट को इस बारे में कैसे पता चला?”
बेथ का चेहरा कठोर हो गया, जिससे उसकी भौंहों के बीच एक शिकन बन गई।
“तुम किसके बारे मे बात कर रही हो?”
“एडम मान,” डोलोरेस ने सख्ती से उसका नाम लिया। डोलोरेस ने बिना रुके अपना पक्ष जारी रखा, “हम विषैले, बहुत विषैले-साँपों के बीच काम कर रहे हैं। हम एमा, डेविड और जॉर्ज की खोज के लिए कुछ भी नहीं कर पायें हैं। अभी उनके शव नहीं मिले हैं। मेरा मानना है कि वे जीवित हैं और उन्हें, वहाँ से निकालने के लिए, वे हमारा इंतज़ार कर रहे हैं। आज जैसी बैठकें, रेल की पटरियों पर लुढ़कने जैसा सरल काम नहीं है। आपने मुझे तैयारी के लिए मुक़म्मल वक़्त भी नहीं दिया। कोई चाहता है, कि मुझे इस मिशन से हटा दिया जाये। मिशन से बेहतर अवसर क्या हुआ? कोई है, जो जानबूझकर मुझे और मेरी टीम को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।”
जेन अपनी ओर से रक्षात्मक हो गई – “हमें केवल ये कार्य सौंपा गया था। सब कुछ इतनी जल्दी कैसे संभव हुआ, मुझे नहीं मालूम।”
डोलोरेस चुप थी, गहरी साँस ले रही थी।
“तुम कैसे साबित कर सकती हो कि एक अनाधिकृत एजेंट, गुप्त मिशन के बारे में जानकारी रखता था?” बिल ने पूछा।
“इसकी गवाही देने के लिए, मेरे साथ मैथ्यू यहाँ है।”
“उसे अंदर बुलाओ।” जेन ने कहा।
डोलोरेस ने मैथ्यू को अपने फोन से कॉल किया। वह चैम्बर की ओर दौड़ा।
बेथ को यह बिल्कुल पसंद नहीं था। डोलोरेस को अपने घुटनों पर लाने के लिए उसने खून-पसीना और यहाँ तक की आँसू भी एक कर दिए थे। फिर भी, उसने नफ़रत को चेहरे पर आने से रोका।
तीनों ने, डोलोरेस से मैथ्यू की गवाही समाप्त होने तक बाहर जाने की गुजारिश की। वह बाहर निकल गई। मैथ्यू की गवाही ख़त्म होने के बाद, उसे फिर अंदर बुलाया गया। उसने सावधानीपूर्वक उन सभी घटनाओं को तफसील से बयां किया, जिसके कारण इस सुनवाई की नौबत आन पड़ी थी।
“हम तुमको सभी आरोपों से मुक्त करते हैं,” जेन ने ख़ुशी से कहा।
“शुक्रिया,” डोलोरेस ने संगीन आवाज़ में कहा, “मिशन अभी ख़त्म नहीं हुआ है। मुझे अपने साथियों को ज़िन्दा वापस लाना है।
“हालाँकि इसकी अधिक संभावना नहीं है, कि तुम्हारे साथी ज़िंदा हैं, लेकिन हम तुमको संदेह का लाभ देते हैं। तुम्हारे पास खोज और बचाव मिशन को पूरा करने के लिए हमारी इजाज़त है, अगर वास्तव में, वे ज़िंदा हैं, तो।”
“तुम सब का बहुत शुक्रिया।” अब वह मुस्कुराई।
“एक और बात, डोलोरेस,” जेन ने कहा।
“हाँ।”
“हम इन तस्वीरों को तुम्हारी बेगुनाही के सबूत के तौर पर अपने पास जमा कर रहे हैं और जो भूल-चूक हुई है, के बारे में भी हम संयुक्त राष्ट्रसंघ को सूचित कर रहे हैं। तुमने और तुम्हारी टीम ने अच्छा काम किया, लेकिन मुझे डर है कि तस्वीरें अभी संघर्ष को ख़त्म करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।”
“उम्मीद करते हैं, कि हमें कुछ ठोस जानकारी या और सबूत मिल जाए।” डोलोरेस ने कहा।
उसने, उनके साथ हाथ मिलाते हुए, बाहर की ओर रुख किया।
बाहर, दालान में, मैथ्यू घबराया हुआ, इंतज़ार कर रहा था।
डोलोरेस उसके पास पहुँची और बोली, “तुम मेरे साथ काहिरा चल रहे हो।”
मैथ्यू ने राहत की साँस ली।
डोलोरेस फिर से सड़कों पर निकल गई। उसके सिर में, उस जगह की ओर बढ़ते हुए, जहाँ वह रहस्यमय महिला से मिली थी, लाखों सवाल उमड़-घुमड़ रहे थे। जब वह वहाँ पहुँची, तो वह जगह खाली थी; वह महिला वहाँ से जा चुकी थी।
“मैं उनका शुक्रिया अदा करना भूल गई।”
अध्याय २८
“युद्ध, ये किस काम के लिए अच्छे है? बिल्कुल, किसी काम के लिए भी नहीं।”
– एडविन स्टार
इज़राइल
मध्य इज़राइल के एक स्कूल के अंदर सायरन की आवाज़ गूंजती है। यह गाज़ा से दागे गए एक रॉकेट से भूमि पर हमले के एक मिनट पहले दी जाने वाली चेतावनी थी। युद्ध के जारी रहने के बावजूद, इज़राइल में जीवन अपनी गति से चल रहा था और बच्चे स्कूल आ रहे थे।
नर्सरी कक्षा के अंदर, दीवारों से सटाकर, बिना डेस्क के लकड़ी की छोटी कुर्सियाँ, लगाई गई थीं। एहतियात के तौर पर सीलिंग फैन को बंद कर दिया गया था।
सायरन सुनकर सभी बच्चों ने कुर्सियाँ छोड़ दीं। उनमें से कुछ ज़मीन पर झुके हुए थे, कुछ ने अपने सिर को बचाने के लिए हाथों से ढक लिया था। ऐसे लेटे रहने से बच्चों को घबराहट और तकलीफ़ हो रही थी। उनकी शिक्षक-वेलेरिया बर्गर, एक काले बालों वाली युवती यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसके सभी छात्र निर्देश के अनुसार प्रतिक्रिया कर रहे थे या नहीं, कक्षा में घूमते हुए; अपनी उंगलियों पर सेकंड गिन रही थी। जैसे ही उसकी गिनती पचास सेकंड पर पहुँची, वह भी ज़मीन पर झुक गई।
एक पल बाद, जब बम ज़मीन से टकराया, तो स्कूल की इमारत काँपने लगी। आतंकित बच्चे अपने सिर को झुकाए हुए, यह देखने की कोशिश में थे कि बम कहाँ गिरा और उससे किसे नुक्सान हुआ। अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वेलेरिया ने भी सिर उठाया। वे किस्मत वाले थे, बम स्कूल की ईमारत पर ना गिरकर, उनके खेल के मैदान पर गिरा था।
जैसे ही वह उठी, छत से लटके पंखे से आयी एक कर्कश आवाज़ ने उसका ध्यान खींचा। देखते-ही देखते, आवाज़ आनी बंद हुई और पंखा, छत से नीचे, छात्रों की ओर गिरने लगा। अपने बेकसूर छात्रों को बचाने की खातिर उसने कक्षा के बीच में छलांग लगाई और कुछ को इधर-उधर धकेलकर वहाँ से हटाया। इससे पहले कि वह भारी पंखा उस पर गिरता, सेकेण्ड के हज़ारवें हिस्से के अंतराल से उसका सर थोड़ा हिलकर पंखें की चपेट में आने से बचा, लेकिन, पंखा उसकी पीठ से टकराया और ब्लेड के वार से गर्दन सहित उसके बेदाग़ चेहरे पर एक कट भी लग गया।
उसके मुँह से एक कराह निकल गई। छात्र घबरा गए। वे खून के रंग से परिचित थे जो उसके चेहरे से टपक रहा था। वे चुभने वाले दर्द की पीड़ा से भी परिचित थे जो उस वक़्त उसको हो रही थी। वे युद्ध के हालातों के बीच पल-बड़ रहे, बच्चे थे। किंडर-गार्टन के छात्र इस तरह की दुर्घटनाओं को संभालने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार थे। हालाँकि डरते हुए, उनमें से तीन ने अपनी प्यारी टीचर की पीठ पर से पंखे को हटाया और मदद के लिए अपने नन्हें कदमों से बाहर की ओर तेज़ी से दौड़े।
वेलेरिया ने अपनी पीठ पर घबराते हुए हाथ फेरा, लेकिन मुड़ने पर जो दर्द हुआ, उससे उसे समझ आया कि चोट तो लगी थी, पर गंभीर नही थी। उसी समय, चिकित्सा कक्ष से दो नर्सों ने एक नारंगी स्ट्रेचर के साथ प्रवेश किया और बहादुर बच्चों की मदद से, वेलेरिया को तुरंत स्कूल के इमरजेंसी मेडिकल रूम में ले जाया गया।
एमा और सकीना को उजड़े हुए स्कूल का दौरा किए दो दिन हो चुके थे। ना तो वहाँ एमा का फोन ही मिला और ना ही उस स्कूल की देखभाल के लिए कोई मिला और ना उनकी खोज-ख़बर लेने वाला ही कोई मिला। सकीना ने दफ़्तर से बीमार होने का बहाना किया और आगे की रणनीति बनाने में जुट गयी। उसे ऐसा करने पर ग्लानि महसूस हुई, पर उसके मेहमानों की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली हुई होने से उसे भी तो निभाना था।
पिछले दो दिनों से किसी ने भी घर से बाहर कदम नहीं रखा था। वहाँ दिन में केवल दो घंटे बिजली की आपूर्ति होती थी। अब पानी की आख़री बाल्टी भी ख़त्म होने के कगार पर थी। खाने-पीने का सामान लगभग ख़त्म हो रहा था और ब्लैक मार्किट में सामानों की कीमत आसमान छू रही थी। बाहर बहुत मार-काट मची हुई थी। सभी के ऊपर दोनों ओर से गोलीबारी हो रही थी। सकीना अगले युद्ध-विराम तक किसी भी तरह, बेवजह का जोख़िम मोल लेने के हक़ में नहीं थी।
आफ़रीन सहित वे सभी निराशा को झेल रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे वक़्त थम गया हो। सभी बुरी तरह से थककर चिड़चिड़े हो रहे थे, आफ़रीन के मन में बेकरारी और असुरक्षा के भाव थे और वह भी बुरी तरह से बोर हो चुकी थी।
डेविड वाशरूम गया, वहाँ पानी की कमी के कारण मानव अपशिष्ट की बदबू फैल रही थी, जिससे वह बेहाल हो गया, लेकिन वह असहाय था; उसे उबकाई आ रही थी, वह बाहर भागा। सकीना का घर, उसके और आफ़रीन के लिए माकूल था, लेकिन उन तीनों के वहाँ आ जाने से सब हालात बिगड़ गए थे।
डेविड लिविंग रूम के अंदर अपनी पत्नी और अन्य लोगों के साथ शामिल हुआ। वह एमा के पास, गद्दे पर पसरा हुआ था। एमा ने अपना सिर डेविड के कंधों पर टिका दिया। गद्दों पर आराम करते हुए, वे अपने असफल समझे गए मिशन की गहराई के बारे में सोच रहे थे।
“मुझे महसूस हुआ कि स्कूल में हुई दुर्घटना के बाद हमारा उद्देश्य कैसे बदल गया। कहाँ तो हम यहाँ दूसरों के जीवन को बचाने के लिए आये थे, लेकिन अब हम अपनी खुद की जान बचाने के चक्कर में छिपते फिर रहे हैं।”
डेविड ने कहा, “एमा… दूसरों को बचाने के लिए, पहले खुद को बचाना पड़ता है।”
एमा ने डेविड के जवाब पर ध्यान दिया लेकिन वह दुखी होकर चुप रह गई। बाहर, सुबह से ही गोलियों और बमों की धीमी-धीमी आवाज़ गूँज रही थी। डेविड, एमा और जॉर्ज को अब इस तरह के शोर की आदत सी हो चुकी थी।
बिजली के आते ही, टीवी और घर के अन्य उपकरण चालू हो गए। घर में स्विच को कभी भी बंद नहीं किया जाता था। केवल दो घंटे की बिजली आपूर्ति में उन्हें बंद करने का कोई मतलब नहीं था। टीवी चालू हो गया और हमेशा की तरह युद्ध के मैदानों पर रिपोर्टों का प्रसारण हो रहा था।
समाचार ऐंकर, खान यूनुस से दागे गए रॉकेटों के बारे में रिपोर्ट कर रहा था और हरकत अल-जिहाद अल-इस्लामी फाई फिलस्तीन के बारे में उसने कुछ स्पेशल कहा था।
“वे कौन हैं?” एमा ने पूछा।
सकीना ने टीवी के सामने सीधा झुक कर कहा, “वे फ़िलिस्तीन में इस्लामिक जिहाद मूवमेंट के लोग हैं, जो हमास जैसा एक और संगठन है।”
“ओह, मुझे याद है। हम उन्हें पश्चिम में फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद कहते हैं।” एमा ने कहा।
“अरे हाँ। अमेरिकियों को नाम छोटे करने की आदत ही है।” सकीना ने उत्तर दिया।
एमा मुस्कुराई और सीधे बैठकर, बातचीत में शामिल होते हुए पूछा,
“क्या और भी संगठन गाज़ा में सक्रिय हैं?”
“हाँ, कई,” सकीना ने उसकी ओर देखते हुए कहा।
“हर गुट का अलग-अलग उद्देश्य है। वे यहाँ राजनीतिक दलों की तरह हैं।”
जॉर्ज अपनी आँखें बंद किए हुए, कमरे के दूर के छोर पर लेट गया। उसने मन ही मन कहा, हाँ, ऐसे राजनीतिक दल जिनके पास सशत्र सेनाए हैं।
एमा झुकते हुए सकीना की ओर सरक गई।
“अलग-अलग टारगेट? किस तरह?”
सकीना ने अपनी गर्दन ऊपर उठाई और कहा।
“उम्म, हम सिर्फ़ पीआईजे के बारे में बात करते हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य इज़राइल की पूरी बर्बादी और एक अलग, ‘इस्लामिक-फ़िलिस्तीनी’ स्टेट बनाना है।”
एमा उत्सुकता के कारण, अब अपने पेरों को मोड़कर उकडू बैठ गई और बोली, “ठीक है, वे तो कट्टरपंथी है।”
“सारा युद्ध ही कट्टरपंथियों के कारण हैं, एमा।” सकीना ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा।
“हमारे पास फ़िलिस्तीन की मुक्ति के लिए डेमोक्रेटिक फ्रंट जैसी उदारवादी पार्टियाँ भी हैं। भले ही वे स्वभाव से उग्रवादी हों, लेकिन साथ ही वे, धर्म-निरपेक्ष, मार्क्सवादी और लेनिनवादी भी हैं।”
“यह अजीब, धर्म-निरपेक्ष-उग्रवाद है।” एमा ने कहा।
“हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए, कोई भी पार्टी यहाँ बिना हथियार के ज़िन्दा नहीं रह सकती।” सकीना ने आगे कहा।
एमा ने धीरे से सिर हिलाया।
“तुम हमास के बारे में जानती हो। उनके अपोजिट ग्रुप, फतह भी हैं। वे हमारे बहु-पक्षीय फ़िलिस्तीनी मुक्ति संगठन या पीएलओ के सबसे बड़े समूहों में से एक हैं। पी.एल.ओ. फ़िलिस्तीनी लोगों का आधिकारिक प्रतिनिधि है।” सकीना ने उत्साह से कहा।
“और क्या?” एमा ने सवाल किया। उसका इरादा समय काटने का था।
“हमारे पास कुछ और समूह हैं। वे दूसरे देशों में भी काम करते हैं। फ़िलिस्तीन की मुक्ति के लिए लोकप्रिय मोर्चा, लोकप्रिय प्रतिरोध समितियाँ, अल-अक्सा मार्टियर्स ब्रिगेड, अब्दुल्ला अज्जम ब्रिगेड। ये सभी ग्रुप, यहूदियों से हमारे लोगों की रक्षा करने के लिए इस युद्ध में सक्रिय हैं।”
“तुम्हारे दिल में इज़राइल के लिए बहुत नफ़रत है, क्या इससे तुम्हारी सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता?” एमा ने बातचीत को जारी रखने के लिए ऐसे ही पूछा।
सकीना थोड़ा चिढ़ गई। उसके नथुने फूल गए, लेकिन उसका स्वर अभी भी नीचे था।
“सुनो, एमा, मैं तुम्हारी मदद केवल इसलिये कर रही हूँ क्योंकि मैं चाहती हूँ कि यह मार-काट ख़त्म हो जाए और तुम मेरे लोगों की इन कसाइयों से जान बचाने के लिए यहाँ आए थे; इसलिए नहीं कि मेरे दिल में यहूदियों के लिए कोई दया भाव है। उन्होंने मेरी मातृभूमि के ख़िलाफ़ जो गुनाह किया है, वह क़ाबिले-माफ़ी नहीं है।”
एमा ने भी उसी के लहजे में जवाब दिया,
“इसी तरह, छोटे-छोटे बच्चों को, बमों से भरी जैकेट पहनाकर, ख़ुदकुशी के लिए भेजना भी क़ाबिले – माफ़ी नही है।”
सकीना चुप हो गई। वह जानती थी कि एमा ने जो कहा, वह एक कड़वा सच था। हमास, कच्ची उम्र के बच्चों के दिलों में, इज़राइल के ख़िलाफ़ नफ़रत का ज़हर भरकर, उनके बचपन से जवानी की दहलीज पर कदम रखने से पहले ही; झूठी शान के लिए गुमराह कर, मरने के लिए तैयार कर रहा था।
डेविड फ़िक्रमंद था; हवा में अजीब सी तल्खी भर आई थी। तभी, पास में हुए एक ज़ोरदार विस्फोट ने पूरे घर को हिलाकर रख दिया। विस्फोट की भयानकता को महसूस करते हुए, एमा के मुँह से निकल गया, “हे ईश्वर…धमाका बहुत करीब हुआ।”
जॉर्ज ने अब अपनी आँखें खोलीं और रूखेपन से कहा।
“हम और तुम इस दुनिया में अलग-अलग नहीं हैं। क्योंकि हमारी परछाइयाँ और कहानियाँ एक जैसी ही हैं।”
उन सभी ने एक नए दृष्टिकोण के प्रति जागरूक होते हुए, जॉर्ज की ओर एक साथ देखा।
खून से लथपथ वेलेरिया, एक प्लास्टिक की कुर्सी पर झुककर बैठी थी। स्कूल का चिकित्सा-कक्ष, घायल हुए बच्चों से भर गया था। दोनों ओर एक ही सीध में लगे, प्रत्येक आयताकार बिस्तर पर, अलग-अलग उम्र के चार-चार बच्चों को लिटाया गया था।
वेलेरिया ने रूमाल से अपनी गर्दन के पिछले हिस्से को दबा कर रखा था। वह दर्द की अधिकता से एक झटके के साथ घबराकर, कराहती हुई उठी। पंखे की ब्लेड्स ने उसकी गर्दन पर घाव कर दिए थे, परन्तु किस्मत से कोई नस नहीं कटी। स्कूल का डॉक्टर उसके पास तत्काल जाँच के लिए आया। उसने मना करते हुए कहा,
“पहले बच्चों को देखिये, मैं ठीक हूँ।” डॉक्टर ने उसका एहसान जताया।
वेलेरिया ने एक किशोरी लड़की को देखा, जिसके सिर पर खून से भरा एक गंभीर घाव था। उसने सामने पड़ी एक ट्रे में एक साथ दवा के कैप्सूल के पाँच स्ट्रिप्स रखे थे। जब भी वहाँ से कोई गुज़रता और गलती से उसकी ठोकर से स्ट्रिप्स इधर-उधर हो जाती तो उसे मानसिक आघात लगता और वह फिर से उसे सही तरीके से जमा देती, यह क्रम चलता रहा। वेलेरिया समझ गई कि वह बच्ची ऑब्सेसिव-कम्पल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) से पीड़ित है। यह एक ऐसी मनोवैज्ञानिक स्थिति है जो इसके शिकार को जुनूनी रूप से सोचने और विशेष रूप से या हर समय अनिवार्य रूप से कार्य करने का कारण बनती है।
उसने एक रोने की आवाज़ सुनी और बिस्तर पर बच्चों में से एक को देखने के लिए मुड़ गई, ताकि डॉक्टर उसे जाँचने दें। वह बेहद डरा हुआ था। मनोविकृति होने के कारण, वह मानसिक आघात सह रहा था। डॉक्टरों के पास उसके साथ रहने का ज़्यादा समय नहीं था, और साथ ही रोगियों की संख्या भी बहुत अधिक थी। उन्होंने बच्चे को जितनी आसानी से संभव हो सकता था, धीरे से संभाला और उसे एक नींद का इंजेक्शन लगा दिया। वह बुरी तरह से चिल्लाया। वह एक खौफनाक मंज़र था, वेलेरिया ने नज़र दूसरी ओर फेर ली लेकिन उसकी चीखें अभी भी उसके कानों में गूँज रही थीं। वह इन घटनाओं से नज़र फेर सकती थीं लेकिन इनसे दूर भाग पाना नामुमकिन जैसा था।
युद्ध, बच्चों पर अपना बुरा, बहुत बुरा असर डाल रहा था।
सीमा के उस पार, बच्चे अपने पिता, माता, भाई और बहनों को खो रहे थे। कुछ मामलों में, उनके खुद के जीवन भी, और इज़राइल में, बच्चे अपनी मानसिक स्थिरता खो रहे थे।
सवाल यह है कि, क्या बच्चों के जीवन की तुलना में सीमाएँ अधिक कीमती थी? शायद युद्ध, हिंसक दुर्भाग्य, बुरे समय, और क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं के अनियंत्रित रूप से निंदक श्रृंखला के कठिन आघात थे, सर्वनाश की ओर एक अपरिवर्तनीय समय-यात्रा के जैसे।
अध्याय २९
“असली महिलाएँ किसी उद्देश्य के लिए लड़ती हैं, ना कि केवल अपने अंदर की भावनाओं की उथल-पुथल से।”
– शैनन एल एल्डर
डोलोरेस बेचैनी से टहल रही थी। मिशन उसी कमरे में फिर से शुरू होने वाला था, जहाँ हेनरी ब्लैंक गिर कर तत्काल चल बसा था। वहाँ खिड़की के पार से आ रही सूरज की किरणों के साथ धूल के कण भी तैरते नज़र आ रहे थे।
डोलोरेस असुरक्षित महसूस कर रही थी। मिशन में सबकुछ दाव पर लगा था। बीते दिनों की घटनाओं ने उसके अहंकार को ठेस पहुँचाई थी। वह इस बात से आहत थी कि उसे निकाला भी जा सकता है। अगर ‘टाईम ट्रेवल’ से अतीत में जाना संभव होता, और वह एमा को इस मिशन पर भेजने के फैसले को बदल सकती, तो एक पल में बदल देती।
अवचेतन मस्तिष्क के किसी कोने में छुपा उसका अहं, उसे दिलासा दे रहा था कि एमा, डेविड, और जॉर्ज ज़िन्दा हैं। वह अपने आप को ग़लत ठहराए जाने से नफ़रत करती थी और उसकी छवि निष्कलंक है, इस विचार को ठेस पहुँचने से परेशान थी। उसके मन के भीतर, स्वयं से जंग जारी थी, साथ ही, एक जूनून भी उसके दिमाग़ के किसी कोने में अंकुरित हो रहा था।
मैथ्यू, जो हाल ही में व्यक्तिगत रूप से डोलोरेस की टीम में शामिल हुआ था, ने मिशन के अगले चरण पर स्वतंत्र रूप से कब्ज़ा करने के लिए प्रयास तेज कर दिए थे। नई टीम में, वह अपने सहित छह सदस्यों को शामिल करने के लिए लाया था। कॉफी मग, लैपटॉप, फोन और कागज़ात स्क्रीन के सामने बड़ी आयताकार मेज़ पर फैले हुए थे। स्क्रीन जो अभी तक बंद थी, फिर से जीवंत हो उठी। डोलोरेस और हेदर ने लंबी और गहरी साँस ली।
मैथ्यू ने स्क्रीन के पास बैठकर उस पर अपनी नज़रें गड़ा दी। वह काम में इतना मशगूल था, कि वह भूल गया कि उसने घंटों से खाना नहीं खाया है।
मैथ्यू ने तनाव में बैठी अपनी बॉस को सूचना दी, “हम काम पर आगे बढ़ रहे हैं।”
“बहुत अच्छा,” उसने धीरे से कहा।
गाज़ा के दृश्यों को प्रसारित करने वाली स्क्रीन को देखने पर, डोलोरेस ने कुछ उत्तेजना महसूस की। हालाँकि हमेशा अधीनस्थों के सामने भावुक होना उसके विचार से अच्छा नहीं था इसलिये उसने अपने जज़्बातों पर काबू पाते हुए नई टीम को अपने साथ गहराई से जुड़ने के लिए संबोधित करने के बारे में सोचा और वह अपने टीम मेम्बर्स के सामने कमर पर हाथ रखकर खड़ी होकर बोली।
“क्या तुम सब मेरी ओर अपना ध्यान दे सकते हो? कमरे में सभी ने अपनी आँखें डोलोरेस पर टिका दी।
“हम सब एक बहुत गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं… हम क्यों इतने पीड़ित हैं… क्योंकि सच्चाई के रास्ते पर जो चलता है, उसे हमेशा सताया जाता है। हम सभी जानते हैं कि कुछ देशद्रोही बेवकूफ़, हमारे व्यवसाय में प्रतिस्पर्धी प्रकृति से प्रभावित हैं और ये लोग दिल की गहराइयों से चाहते हैं कि हम नाकामयाब हो जाएँ। लेकिन ईश्वर इस बात का साक्षी है कि कठिन से कठिन हालातों में, बिना रुके हमने मौत की दहलीजों को पार किया है। हमने नैतिक और विवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए अन्धकार से निकलकर प्रकाश की ओर वापस जाने का रास्ता बनाया है।”
उसने अपने बालों को ठीक किया और अपने आज्ञाकारी दर्शकों के लिए कहना जारी रखा।
“हम जिन लोगों को खोजने के लिए यहाँ हैं, ईश्वर जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं। डेविड और एमा खुशहाल जीवन जी रहे थे। वे धोखे और मौत के इस गन्दे व्यवसाय से बाहर निक चुके थे। फिर भी, मेरे अनुरोध पर, वे गाज़ा गए। शायद वे जीवित हैं या शायद, मैं खुद से झूठ बोल रही हूँ। लेकिन अब उन्हें वापस लाना मेरी ज़िम्मेदारी है, चाहे हालात कितने भी बद्तर क्यों ना हो। उनके और हमारे भाग्य में क्या है, वक़्त आने पर सबको इसका पता चल ही जायेगा। इस दौरान तुम्हारे शरीर, दिमाग़ और आत्मा को भावुक, सशक्त और इस मिशन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।”
सभी डेस्क के पास भागकर पहुँचे और उन्होंने डेस्क को थपथपाकर डोलोरेस के विचारों की सराहना की।
“ठीक है…चलो इस काम को पूरा करने की शुरुआत करते हैं।” डोलोरेस ने इस प्रकार कहा कि उसकी आवाज़ उनके दिमागों में गूंजती रहे।
सकीना ने थोड़े से उपलब्ध राशन में से जैसे-तैसे नाश्ता तैयार किया। टोमेटो-केचप के साथ वेजिटेबल पकौड़े आज के पकवान थे। लिविंग रूम नाश्ते की समृद्ध सुगंध से भरा था। इस जलते गर्म मौसम में भूख मिटाने के लिए थोड़ा ही बहुत था। ये लम्हें इस थका देने वाले तूफानी सफ़र में कुछ आनंद के क्षणों में से एक थे।
युद्ध के बीच में यह घर उनके लिए मौत के खुले रेगिस्तान के बीच, एक नख़लिस्तान की तरह, एक सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ था।
एक परिवार की तरह एक मंडली में इकट्ठा होकर, उन्होंने एक साथ नाश्ता किया। आफ़रीन, अपनी माँ की गोद में बैठी, छोटे-छोटे टुकड़े अपनी ठोड़ी पर गिराती हुई खा रही थी। जॉर्ज इनके साथ पूरी तरह से घुल-मिल गया था और अपनी प्लेट से लगातार खाये जा रहा था। उसके स्वभाव के विपरीत, वह सकीना से बातचीत कर, कुछ पूछना चाहता था।
उसने अपनी प्लेट खाली कर, सकीना की आँखों में झाँकते हुए कहा,
“गुस्ताख़ी के लिए माफ़ी चाहता हूँ, लेकिन एक बात है, जो मैं अभी भी समझ नहीं पा रहा हूँ।”
“क्या?” सकीना ने पूछा?
“इस पूरी यात्रा का सबसे आसान हिस्सा केवल तुम ही हो। अपने पूरे जीवन में, मैंने लोगों को बेचैनी के पहले संकेत मिलने पर भाग जाने का अनुभव किया है, और यहाँ तुम एक युद्ध की घेराबंदी के बीच में, हमें खिला रही हो, पनाह दे रही हो। तुम्हारे घर में राशन ख़त्म होने को है, तुम हमारे साथ पकड़ी जा सकती हो, और शायद मर भी सकती हो। आमतौर पर, मुझे इस सवाल का जवाब पता है, कि लोग ऐसे हालात में क्या करते होंगे। तुम्हारे अंदर हताशा का एक भी संकेत नहीं है। तुम हमारे हर काम में हमारे साथ हो, फिर भी शांत हो। मैं इस बारे में कुछ भी समझ नहीं पा रहा हूँ?”
जॉर्ज का यह सवाल उसके स्वाभाव से अलग था, डेविड और एमा चौंक गए। ऐसा मार्मिक सवाल सच में जवाब के क़ाबिल था।
सकीना ने आफ़रीन को अपनी गोद से उतारकर अपने मज़हब के प्रति निष्ठा व्यक्त करते हुए कहा।
“मैं हमेशा मुसलमान होने का फ़र्ज़ निभाने की कोशिश में रहती हूँ। हालाँकि उसमें हर वक़्त क़ामयाब नहीं होती लेकिन मैं फिर भी कोशिश करती रहती हूँ। कुरआन-ए-पाक, हिफ़ाज़त करने वालों की हिफ़ाज़त और मदद करने वालों की मदद करने का सन्देश देती है। मैं, अल्लाह की राह में उनके हुक्म के मुताबिक, अपना फ़र्ज अदा कर रही हूँ।”
एमा ने एक पल के लिए सकीना के हाथ को ज़ोर से छुआ और पकड़ लिया। “अल्लाह पर तुम्हारा अक़ीदा एकदम ख़ास है, सकीना। हमारे भले के बारे में सोचने के लिए तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया।”
जवाब में सकीना, मुस्कुरा दी।
जॉर्ज को खुशी हुई कि उसने यह सवाल पूछा; यह मिशन, उनका जोख़िम व्यर्थ नहीं गया था। सकीना जैसे लोग अमन के साथ रहना चाहते थे और वे नाकामयाब होने के बावजूद, गर्व से कह सकते थे, कि भले ही वे नाकामयाब रहे, लेकिन उन्होंने जो सही है, उसका साथ देने की कोशिश तो की।
डेविड मन ही मन उनकी प्रशंसा कर रहा था। फिर उसने अपनी अंतर्दृष्टि का परिचय देते हुए कहा,
“दुनिया के सभी धर्म, शांति का ही समर्थन करते हैं। लेकिन हम इन्सान, अपने निजी फायदे के लिए उसका प्रचार ग़लत तरीके से करते हैं।”
सकीना ने सहमति में उत्तर दिया, “अमन, पाकीज़गी, गुलामी और हुक्म-अदायगी। अगर लोग अल्लाह के इन शब्दों पर ध्यान देते, तो यह सरजमीं, खून-खराबे और मार-काट के लिए ना जानी जाती।”
उसी वक़्त, पास की एक मस्जिद की मीनारों पर लगे ट्रम्पेट आकार के स्पीकरों से अजान की आवाज़ गूँजी; यह इस बात का संकेत था कि इबादत का वक़्त हो चला था। सकीना और आफ़रीन ने अपने हाथ धोए और फर्श पर अपनी खूबसूरत प्रार्थना की चटाई बिछाई। माँ और बेटी ने अपने सिर को ढक लिया और चारो ओर गूँजती इबादत की आयतों की आवाज़ों के साथ उनकी सालाह शुरू हुई।
दूर बैठे, तीनों ने यह सब अदब से देखा। इबादत – उम्मीद, इबादत – आज़ादी और इबादत – अमन के लिए थी।
स्क्रीन पर नक़्शे, रेखा-चित्र और दिशात्मक तीरों द्वारा चिन्हित किए गए संकेत भरे पड़े थे। पाँच अलग-अलग स्क्रीनों पर केंद्रित पाँच लोगों की आँखें, सावधानी-पूर्वक आठ दिशाओं और उनके समापन बिंदुओं की मैंपिंग करते हुए दिखाई दी।
डोलोरेस ने गर्म कॉफी की चुस्की लेते हुए उसकी भाप हवा में उड़ाई तभी उसके फोन का बजर बजा; यह उसकी पत्नी का संदेश था।
“सब कुछ ठीक है?”
“हाँ।” उसने वापस मैसेज किया, लेकिन उसके इस विशिष्ट-शब्द का मतलब था कि वह उस वक़्त फोन पर, बातचीत करने की स्थिति में नहीं थी।
डोलोरेस माइकल और मेडो फोय की शादी को दस साल हो गए थे। अपने पूर्व पति के साथ, एक असफल विवाह के बाद, डोलोरेस ने उसके साथ रहना बंद कर दिया; और वह एक महिला के साथ रहना चाहती थी। वह एक स्वाभिमानी महिला थी, जो रूढ़िवादी समाज द्वारा निर्धारित क़ायदे-कानूनों के बजाय भावनाओं की शुद्धता में विश्वास करती थी। उभयलिंगीपन कभी भी, उसके व्यक्तित्व का एक छिपा हुआ हिस्सा नहीं था। लेकिन दुनिया में अपनी जगह खोजने की कठिन यात्रा में, डोलोरेस के लिए एक महिला के स्पर्श से महसूस की गई भावनाओं के तूफ़ान को समझना बहुत मुश्किल था। पहले तो उसके मन में इन सबके प्रति उत्सुकता थी, फिर उसे डर लगा लेकिन आख़िरकार उसने खुद के सच्चे स्वभाव को स्वीकार कर लिया।
उसकी नौकरी की गंभीर प्रकृति के कारण, उसे हमेशा सामान्य जीवन जीने में परेशानी महसूस हुई। एजेंसी के प्रति उनके समर्पण के कारण उसके सभी रिश्तों में एक उतार-चढ़ाव आया-गया। मेडो एक समझदार पत्नी थी; वह जानती थी कि डोलोरेस के लिए, देश हमेशा पहले स्थान पर रहेगा। लेकिन, साथी के बिना, हर रात उसे अकेलापन महसूस होता था, जिससे उसके व्यवहार में तल्खी आ गई थी। डोलोरेस के पास, आज प्यार को महसूस करने का समय नहीं है, यहाँ उसका जीवन दाव पर लगा था और जल्द ही इसमें बदलाव की कोई सम्भावना भी नहीं थी।
मैथ्यू ने अपनी आँखें लैपटॉप से हटाई और कहा, “मैम, हमने ढून्ढ लिया।”
डोलोरेस ने धीरे से अपना माथा रगड़ा और कहा, “मुझे दिखाओ।”
मैथ्यू ने की-पैड पर कुछ बटन दबाये और सभी स्क्रीन पर एक ही चित्र दिखाई दिया।
डोलोरेस ने टीम द्वारा “डेड रेकोनिंग” को निष्पादित करने का आदेश दिया। यह एक संभावित प्रक्षेप पथ, जहाजों की गति, और उनकी दूरी का अनुमान लगाने के लिए, नाविकों द्वारा उपयोग की जाने वाली एक विधि थी। इसे आज, इस बात का निर्धारण करने के लिए मैथ्यू द्वारा उपयोग किया जा रहा था कि क्या एमा, डेविड और जॉर्ज ज़िन्दा बच गए थे और अगर वे ज़िंदा बच भी गए थे, तो इस वक़्त कहाँ हो सकते हैं?
स्क्रीन आठ समापन बिंदुओं के साथ, आठ दिशाओं का अनुमान लगाती हुई दिख रही थी। डोलोरेस ने बताया कि इनमें से अधिकांश बिंदु अभेद्य लक्ष्य और भीड़-भाड़ वाले इलाके थे।
“हे भगवान।” वह बड़बड़ाई।
मैथ्यू व्याकुल हो गया और हकलाते हुए बोला, “म… म… मैम, हमारे सामने एक और समस्या है।”
डोलोरेस को कुछ शंका हुई, “क्या हुआ?”
बेचैनी से मैथ्यू का हलक सूख गया, वह बोला,
“इज़राइली एयर फोर्स ने अभी-अभी, लड़ाकू जेट रवाना किए हैं; हमारे ड्रोन कुछ ही मिनटों में पकड़ में आ सकते हैं।”
उसके हाथ सुन्न हो गए। वह गरजी। “उन्हें वहाँ से फ़ौरन हटाओ!”
जोनाथन, लगभग तीस-बत्तीस साल का एक गंजा एजेंट था, जो टेबल के सबसे अंत में बैठा सभी उड़ रहे ड्रोन को ऑपरेट कर रहा था। उसने कमान अपने हाथ में ली और फुटेज को बीच से काटने का आदेश दिया। स्क्रीन काली हो गई, और सफ़ेद अक्षरों में लिखा आया “नो-फीड।”
“हो गया।” जोनाथन ने बताया।
मैथ्यू ने उसे अंगूठा ऊपर कर, काम पूरा होने का संकेत दिया।
“बहुत अच्छा किया बच्चे,” उसने खुश होते हुए कहा।
“अब हम क्या करें?” मैथ्यू ने पूछा।
डोलोरेस ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, “चलो थोड़ी और कॉफी पीते हैं।”
और बस, तभी मेज़ पर रखा एक सफ़ेद रंग का लैंडलाइन फोन घनघनाया। हेदर ने इसे उठाया और चार सेकंड के लिए सुनने के बाद, उसने इसे मैथ्यू को सौंप दिया। मैथ्यू ने बिना कोई प्रतिक्रिया व्यक्त किए, रिसीवर थाम लिया।
“हेल्लो?”
उनका भ्रम सुखद आश्चर्य में बदल गया। “अरे, ब्रैंडन। कैसे हो भाई?”
ब्रैंडन ऑर्डर पर लैंग्ले में वापस आ गया था। उसे मिशन से हटा दिया गया था।
“वापस बोलो?” मैथ्यू ने कहा, ब्रैंडन की बातों पर अविश्वास करता रिसीवर कान से लगाये, वह स्तब्ध रह गया।
“क्या?” उसके ज़ोर से चिल्लाने से सबने चिढ़ते हुए उसे देखा। इसके बाद उसने शांति से ब्रैंडन की बात पर ध्यान दिया। जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ी, उसके चेहरे पर राहत और खुशी के मिले-जुले भाव आते गए।
मैथ्यू ने कहा, “शुक्रिया, मैं तुम्हारा एहसानमंद हूँ।” कॉल समाप्त हुआ।
वह कमर पर हाथ धरे खड़ा हुआ और डोलोरेस को गुस्से से देखा।
“आप इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकती हो?”
“क्या?” डोलोरेस उसके सवाल से पूरी तरह से अंजान थी।
“जिस दोपहर को हेनरी ब्लैंक की मौत हुई, उस वक़्त आपके फोन पर कई काल्स आए थे, जिनका जवाब नहीं दिया गया। वे कॉल्स गाज़ा सिटी से आये थे। इसने डोलोरेस को हक्का-बक्का कर दिया। उसने हाँफते हुए अपना मुँह ढक लिया। उसके मन में पछतावे और उत्साह, दोनों की लहर एक साथ उठी। वह झुक गई और कालीन बिछे फर्श पर घुटने टेक कर बैठ गई।
“वे ज़िंदा हैं!” मैथ्यू ने डोलोरेस की आँखों में देखते हुए, ये उम्मीद से भरे अलफ़ाज़ कहे।
एक शत्रुतापूर्ण विदेशी भूमि में मानसिक और शारीरिक कारावास, बीमारी को जन्म देता है। धीरे-धीरे दुःख आपको अकेला कर देता है और आपकी सकारात्मक सोच एक ऐसे कमरे में बंद हो जाती है, जिसकी चाबी खो गई है; जब तक कि आपको प्यार करने के लिए आपके जीवन में कोई बच्चा नहीं है। एक बच्चे के दिल के अंदर से, प्यार की शुरुआत होती है, प्यार की यात्रा परवान चढ़ती है, और प्यार की मंज़िल भी मिल जाती है।
लिविंग रूम में, डेविड झुका, उसने अपनी नाक घुमाकर अपनी जीभ बाहर निकाल दी। उसकी ये हरकत देखकर, आफ़रीन पेट पकड़ कर ज़ोर से खिलखिला उठी। डेविड ने अपनी पत्नी के निस्तेज चेहरे पर खुशी की एक चमक देखी।
अब आफ़रीन को खुश करने के लिए एमा की बारी थी। उसने झुक कर आफ़रीन को कमर से पकड़ लिया और उसे गुदगुदी की। संवेदनाओं से अभिभूत, आफ़रीन खुशी से झूम उठी और दिल खोलकर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। एमा ने उसे गोद में उठाया, आफ़रीन ने उसे गले लगा लिया और अपनी ठोड़ी को एमा के कंधे पर आराम से टिका दिया।
एमा ने डेविड पर निगाह टिकाते हुए अपनी निःसंतानता की याद दिलाते हुए कहा, “मुझे भी एक बच्चा चाहिए।”
“जब हम वापस जाएँगे तब हम कोशिश करेंगे।” डेविड ने एक मायूसी भरी मुस्कान के साथ उत्तर दिया। युद्ध ने उसे एक ऐसा व्यक्ति बना दिया था जैसा वह कभी बनना नहीं चाहता था। शादी के पाँच साल और एक भी बच्चा नहीं। वह बच्चे को इस निर्दयी और कठोर दुनिया में लाने से डरता था। लेकिन आफ़रीन से मिलने के बाद, उसका इरादा बदल गया था। बच्चों में अंधकार को दूर करने की यह अद्भुत चमत्कारिक क्षमता होती है।
कुछ ही क्षणों के भीतर, दरवाज़े पर एक ज़ोर की थाप पड़ी, साथ ही अंदर बहुत सा धुआँ भी भर आया। इससे पहले कि वे कोई प्रतिक्रिया दे पाते, उग्रवादियों के एक समूह ने घर में घुसपैठ कर ली, जिसका नेतृत्व सकीना के जेठ, सुल्तान हमाद ने किया। उनकी ऑटोमेटिक क्लास्निकोव गन की बैरल, सामने की ओर निशाना साधे हमला करने को तैयार थी।
सुल्तान सकीना की ओर बढ़ा, उसका मोटा, थुलथुला बदन काँप रहा था। उसका डरावना चेहरा गुस्से और अहंकार से भरा था।
“मरहबा काफिर (हेल्लो काफिर)” वह दहाड़ते हुए बोला।
अध्याय ३०
“तुम और किसकी सेना?”
– रेडियोहेड
“हे, हे, हे!” दहशत से भरे डेविड ने सरेंडर करने की मुद्रा में चिल्लाते हुए अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए, क्योंकि सुल्तान के आदमियों ने उसके आदेश पर इन्हें घेर लिया था।
हथियारबंद आदमियों के समूह ने घर में प्रवेश किया और लिविंग रूम के अंदर अरबी में चिल्लाते हुए, अपनी ए.के. ४७ की ओर इशारा करते हुए इधर-उधर बिख़र गए और उन्होंने पूरे घर में गुस्से से भरकर उथल-पुथल शुरू कर दी। एमा और सकीना के मन में डर था। आफ़रीन यह सोचकर कि उसके ताऊ उसे चोट पहुँचाएंगे, घबरा कर एमा के पैरों से लिपट गईं। जॉर्ज अपने घुटनों पर बैठ गया, उसके चेहरे पर अफ़सोस के भाव दिखाई दिए। ऐसा लग रहा था, जैसे यमदूत आ गए हों। गुस्से से भरा, सुल्तान एक नीरस अभिव्यक्ति के साथ सकीना की ओर बढ़ा। उसकी बहु पसीने में नहा गई थी, उसका ढका हुआ सिर नीचे झुक गया, उसने ज़ोर से साँस ली, और उसकी नज़र उसकी बेटी पर पड़ी। अपनी ग्रे दाढ़ी को सहलाते हुए सुल्तान ने सकीना के ढके हुए सर पर निगाह डाली।
“तुम्हारे एक पड़ोसी ने मुझे बताया कि उन्होंने रात में छत पर दो लोगों को देखा और मेरे साथ तुम्हारे अजीब व्यवहार ने मुझे यह मान लेने पर मजबूर कर दिया कि यहाँ कुछ गड़बड़ चल रहा था। ये लोग कौन हैं?”
सुल्तान के तने हुए जबड़े और फूले हुए नथुनों ने संकेत दिया कि वह सकीना के किसी भी जवाब से संतुष्ट नहीं होगा।
सकीना ने अपनी ठोढ़ी ऊपर उठाई, पर इतनी नहीं कि वह उसकी आँखों में देख सके। हथियारबंद उग्रवादियों को एमा, जॉर्ज, आफ़रीन और सकीना एकटक देख रहे थे। दूसरों के जीवन को बचाने वाले, अपने आप को कुछ ना कर पाने की स्थिति में पाकर, पूरी तरह बेबस से खड़े थे।
“वे… वे दोस्त हैं,” सकीना ने कहा।
“दोस्त?” उसकी आँखों में कुछ नरमी दिखी। उसने कहा, “क्या ये यहूदी हैं?”
आफ़रीन डर गई और ज़ोर से रोने लगी। एमा ने उसे उठाया, उसके आँसू पोंछकर उसके गाल पर एक चुंबन दिया।
सकीना ने बेहिचक कहा, “नहीं।”
सुल्तान ने अपना सिर घुमाया और डेविड की ओर लपका। उसने डेविड के जबड़े को अपनी उँगलियों से दबा दिया।
“तुम यहूदी हो? क्यों, हो ना तुम?”
डेविड ने उसकी आँखों में रोष के साथ देखा। स्वाभाविक प्रतिक्रिया में, वह अपनी पूरी ताकत के साथ सुल्तान को मारना चाहता था, लेकिन अपनी ओर तनी हुई बंदूकों की नाल को देखकर उसने अपना इरादा बदल दिया।
सकीना बोली, “ये यूनाइटेड नेशन्स से हैं।”
सुल्तान ने डेविड के जबड़े से अपनी पकड़ ढीली की। वह कुटिल मुस्कान के साथ सकीना की ओर बढ़ा और बोला।
“तुमने क्या कहा?”
“क्या आप अपने मिस्ड कॉल को चैक नहीं करती?” मैथ्यू ने ज़ोर-शोर से डोलोरेस से शिकायतपूर्ण लहजे में कहा।
“मैं उस वक़्त बहुत बड़ी समस्या से जूझ रही थी। एक तो सुनवाई का तनाव और दूसरे हेनरी की एकाएक मौत। हे भगवान! मुझसे ये कैसे हो गया? उसने खीजते हुए हवा में अपने हाथ तान दिए। मैथ्यू ने उसके स्वर में वास्तविक पश्चाताप को महसूस किया।
पूरी टीम को ये बात बड़ी अजीब लगी कि उनके मिशन की सबसे विश्वसनीय और काबिल ऑफिसर से अंजाने में ये गलती ना होती तो, इस पूरी बेकार की मशक्कत से बचा जा सकता था।
“ब्रैंडन ने फोन आने के स्थान का पता लगाया, फोन सकीना के घर से आया था।” मैथ्यू ने खुलासा किया।
डोलोरेस ने अपना माथा ठोक लिया। उसकी हथेलियाँ पसीने से तर थीं। “ओह, मेरे भगवान, क्या यह वास्तव में हो रहा है?” उसने भावनापूर्ण लहजे में कहा। “लेकिन ब्रैंडन को मेरी कॉल हिस्ट्री का पता कैसे चला?”
मैथ्यू ने अपने हाथ मोड़कर कहा, इन्क्वारी के लिए तुम्हारी कॉल डिटेल्स पर नज़र रखने को कहा गया था और किस्मत से ब्रैंडन उस टीम में था, इसलिये मुझे ये सब पता चला।”
डोलोरेस ने उपहास किया। वह अपनी सीट पर वापस चली गई।
“मैथ्यू, मुझे अब एक सुरक्षित लाइन दो!” उसने आदेशात्मक स्वर में कहा।
“अभी, अभी देता हूँ मैम।”
और कमरे में की-बोर्ड और क्लिक्स की आवाज़ें गूंजने लगीं। एक मिनट में, एक सुरक्षित लाइन तैयार थी। जो कुछ करना बाकी था, बस अब डायल करना था।
“हम तैयार हैं,” कहते हुए मैथ्यू ने, मेज़ के किनारे पर बैठी डोलोरेस की ओर, एक सफ़ेद लैंडलाइन फोन सरकाया।
उसके चेहरे पर एक कड़ी नज़र डाली और यह सोचते हुए कि उसकी मेहनत अब रंग लाने ही वाली थी।
“कॉल करो।”
मैथ्यू ने रिसीवर उठाया और नंबर डायल किया।
अपनी लंबी दाड़ी पर हाथ फेरते हुए सकीना की ओर देखकर सुल्तान बोला, “यूनाइटेड नेशंश? ये यू.एन. से हैं?”
सकीना ने अपना सर नीचे रखते हुए, चुपचाप हाँमी भरी।
सुल्तान ने अपने आदमियों को देखा, वे एकदम चाक-चौबंद खड़े थे। उसने अपना हाथ लंबवत लहराया और उन्हें हथियार नीचे करने का आदेश दिया। उसके आदमियों ने बंदूकों की नाल नीचे कर ली। डेविड, जॉर्ज और एमा ने थोड़ी राहत महसूस की।
सुल्तान ने अपना सिर हिलाया और अपने आदमियों को उन्हें घेरने का इशारा किया। वे सब अरबी में कुछ चिल्लाते हुए एक जगह इकठ्ठा हो गए। डर के मारे, एमा ने आफ़रीन के साथ अपने पति की ओर तेजी से कदम बढ़ाया। आफ़रीन ने एमा को कस के पकड़ लिया। जॉर्ज को सुल्तान के आदमियों ने धक्का देकर डेविड की बगल में खड़ा कर दिया।
“मेरी तरफ़ देखो।” सुल्तान ने सकीना को आदेश दिया। उसने धीरे से सिर उठाया।
“क्या ये अमेरिकी हैं?” उसने सकीना की आँखों में सच्चाई तलाशने की नीयत से घूरकर देखते हुए जेब से एक पिस्तौल निकाली और उसे सकीना की कनपटी की ओर इशारा करते हुए पूछा।
एमा आतंकित होकर चीखी – “नहीं! नहीं! नहीं!”
आफ़रीन उससे ज़्यादा ज़ोर से चिल्लाई।
“कनेडियन। ये कनेडियन हैं,” सकीना ने झूठ बोला।
सुल्तान उसपर विश्वास नहीं कर पा रहा था, लेकिन उसने अपनी पिस्तौल की नाल नीचे कर ली।
सकीना के पीछे की तरफ़ देखते हुए सुल्तान ने अपने आदमियों से कहा, “बायताका शक्सिया (पहचान।)”
सुल्तान के आदेश पर उसके पास खड़े एक आदमी ने जज़्बात से भरकर डेविड के पॉकेट की तलाशी ली। वह कुछ भी नहीं पाकर निराश था। उसने डेविड की ओर अपनी भौंहें तानी जैसे कह रहा हो, बेटा तुम्हारा जीवन मेरी दया पर निर्भर है।
अब जॉर्ज की बारी थी। जैसे ही एक आदमी जॉर्ज की पैंट पर हाथ मारने लगा, उसने विरोध किया। यह लगभग हाथापाई में बदल गया, लेकिन अंत में जॉर्ज ने हार मान ली। सामान का एक बण्डल उसकी जेब से गिरा – गम, माचिस, और सिगरेट का एक खाली पैक — लेकिन किसी भी तरह का कोई पहचान-चिन्ह नहीं मिल सका। जॉर्ज ने मिस्र से सारा सामान खरीदा था, इसलिए उनके ख़िलाफ़ उसकी जेब में कोई सबूत नहीं था।
उस आदमी ने अपना सिर हिलाया। सुल्तान ने सकीना की ओर गुस्से से देखा।
“धोखेबाजी के रास्ते का पहला कदम, भरोसा होता है,” सुल्तान ने व्यंग्य करते हुए कहा।
अचानक, एमा बीच में बोली, “स्कूल विस्फोट की भाग-दौड़ में हमारा सारा सामान गुम हो गया।”
सुल्तान ने एमा को देखने के लिए अपनी आँखें उठाईं।
“हम यहाँ केवल मदद करने के लिए हैं,” उसने कहा।
“ठीक है, मेरे पास एक बेहतर ख़याल है… इन्हें ले चलो!” पिस्तौल निकालकर सुल्तान ने आदेश दिया।
गुर्गे ने आगे बढ़ने के लिए तीनों को धक्का दिया। उन्होंने शारीरिक रूप से विरोध किया। सकीना के चेहरे पर डर के भाव आ गए। “उन्हें मत ले जाओ। नहीं, प्लीज, नहीं!” वह चीखती हुई एमा और आफ़रीन की तरफ़ भागी। सुल्तान ने अपना हाथ बढ़ाकर उसे पीछे से पकड़ा।
सुल्तान ने डरी हुई सकीना के मुँह पर फुफकारते हुए कहा, “यह तुम्हारी दग़ाबाज़ी की कीमत है, जो तुम्हें चुकानी है अब तुम और आफ़रीन मेरे घर पर रहोगे।”
सकीना ने खुद को सुल्तान की पकड़ से मुक्त करने के लिए अपने हाथ को झटका दिया। वह सफल हुई। आफ़रीन दौड़ती हुई आई और उचक कर अपनी माँ की गोद में चढ़ गई। वे दोनों सिसकने लगी। जैसे ही वे तीनों उसके पास से गुजरे, सकीना ने आफ़रीन को अपनी गोद से उतार दिया।
“मैं सब ठीक कर दूंगी एमा, मैं वादा करती हूँ, तुम्हें कुछ नहीं होगा।” सकीना ने उसकी आँखों में उत्साह से देखते हुए कहा। जवाब में, इस सच्चाई के क्षण में ये पक्का विश्वास करते हुए, कि अब उनका आख़री वक़्त आ गया है, आँसू भरी आँखों से देखते हुए, एमा ने एक उदासीन स्वर में कहा,
“इस सब के लिए शुक्रिया, सकीना। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे।” सभी आगे बढ़े, लेकिन तभी, वे सभी लिविंग रूम के अंदर से आती फोन की घनघनाहट सुनकर रुक गए।
एक संक्षिप्त क्षण के लिए, एमा यह भूल गई कि उसे बंधक बनाकर ले जाया जा रहा है, और एक पल में, उसने आशा की, कि यह डोलोरेस ही होगी जो उन्हें इस अचानक उत्पन्न पीड़ादायक स्थिति से मुक्त कराने के लिए और उन्हें जंजीरों आज़ाद कराने के लिए आ रही थी।
सुल्तान ने कोने में एक छोटे, गोल टेबल पर रखे फोन को गोली मारकर छोटे-छोटे टुकड़ों में उड़ा दिया।
एमा ने आशा की आख़री किरण को टूटते हुए देखा। डेविड ने उसका हाथ पकड़ कर कहा,
“मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, और मैं अपनी आख़री साँस तक तुम्हारे साथ हूँ।”
मैथ्यू ने भुनभुनाते हुए रिसीवर को वापस रख दिया।
डोलोरेस ने बुझे हुए चेहरे से मैथ्यू को देखते हुए अपनी भूल क़बूल करते हुए कहा “ओह, मुझे इस बारे में बहुत बुरा लग रहा है।”
“फोन बीच में ही कट गया,” मैथ्यू ने निराशा में कहा। उसने रिडायल किया।
एक लंबी बीप ने संकेत दिया कि कनेक्शन संभव नहीं होगा। डोलोरेस ने शांत कमरे के अंदर, आवाज़ को हल्के से गूंजते हुए सुना। उसने और मैथ्यू ने रिसीवर को बड़ी निराशा से देखा।
अध्याय ३१
“जब आप अपनी बचाव की रस्सी के अंतिम सिरे पर पहुंचें, तो उसमें एक गाँठ बाँधें और लटक जाएँ।”
– फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट
आप तूफ़ान से जो चाहे सब छुपा लें, लेकिन जब यह आपके घर पर हमला करता है, तो यह छत को उखाड़ कर मनमाने तरीके से फेंक देता है और आपको भी अपने बवंडर में लपेट लेता है। और जब आप जीवन की इच्छा त्याग देते हैं, तो भी ये तूफ़ान आपको जीवित और जागा हुआ रखेगा, ताकि आप दर्द, उलझन, और निराशा को अपनी आत्मा तक महसूस करें।
वे तीनों ऐसे चले जैसे उनके पैरों में ज़ंजीर बँधी हों। घर के बाहर, हथियार-बन्द लोगों द्वारा घिरा हुआ कारों का एक काफ़िला उनका इंतज़ार कर रहा था। प्रत्येक कार पर फैले गोलियों के निशान, उनके अनगिनत लड़ाइयों में शामिल होने के प्रतीक थे। पड़ौस के छज्जे, बालकनियाँ, और खिड़कियाँ, ताड़ने वाले लोगों से भरी हुई थीं, जो कुछ अजनबियों के नाटकीय अपमान और सकीना हमाद के परिचित चेहरे की गवाह थीं।
सुल्तान अपने वाहन की ओर रौबदार कदमों से बढ़ा। अपने हाथ में पिस्टल को पकड़ कर वह अपने आप को बहुत शक्तिशाली महसूस कर रहा था। वह असभ्य-जंगलियों की तरह कुटिल-मुस्कान लिए, अपनी शैतानी विजय का आनंद लेता हुआ भीड़ के बीच से गुज़रा।
बाहर, हथियार-बंद शैतानों की एक छोटी-सी टोली, इन बेबस बंदीयों के कत्ले-आम होने की उम्मीद में शोर मचाते हुए उछल-कूद कर रही थी।
सूरज की रोशनी से एमा के खुले घाव जलने जैसी पीड़ा दे रहे थे, लेकिन उसने उस पीड़ा को उजागर नहीं होने दिया। उसके दिल की धड़कन और साँसे तेजी से चल रही थी। कार तक की दूरी कम थी, पर उसके कदम मन-मन जितने भारी लग रहे थे।
उसने अपनी माँ, अपने पिता, एक अजन्मे बच्चे और अपने पति के बारे में विचार किया। उसने अपने जीवन की पिछली घटनाओं को आपस में जोड़ा, इसमें से अधिकांश सरल और शुद्ध पीड़ा थी।
मैं यहाँ के अलावा अपने जीवन का अंत कहीं ओर करने के लिए कुछ कर सकती थी? मेरे पास अपने परिवार को आख़री बार गले लगाने का मौका भी नहीं है। क्या मेरी सारी यादें ख़त्म होने का समय आ गया है? क्या मेरा अब और अस्तित्व नहीं होगा? करने के लिए बहुत कुछ बचा है, मेरे माता-पिता को एक नया घर खरीदना है, मुझे माँ भी बनना है। डेविड… डेविड, मुझे बहुत खेद है। मैंने तुम्हें इस नर्क में घसीटा।
अपने बीते हुए जीवन के बारे में डेविड की पूर्वधारणा उसके कर्मो और इच्छाओं पर केंद्रित थी। उसने कनखियों से अपनी पत्नी की ओर देखा और सोचा, एक बात जिससे मैं खुश हूँ, कि कम से कम, इन अंतिम क्षणों में, मैं उसके साथ तो हूँ। उसने अपनी माँ और पिता को मुस्कुराते हुए देखा। मम्मी, पापा काश मैं एक बेहतर बेटा होता। मेरा जीवन हमेशा एक यायावर जैसा रहा है। सबसे पहले, मैं आप दोनों से दूर मरीन कॉर्प्स में भाग गया, फिर मैं मरीन कॉर्प्स से दूर चला गया। अंत में, मेरे पास एक सुखी जीवन था। लेकिन मैं वहाँ से भी भाग आया… यहाँ तक। मुझे क्षमा करें। एमा, मैं एक पति के रूप में विफल रहा।
उन्होंने डेविड, एमा और जॉर्ज को एक पुरानी, सफ़ेद एसयूवी की पिछली सीट पर धकेल दिया। सकीना ने यह सोचते हुए कि आख़री बार वह उनके चेहरों को देख रही है, उनको उदास और चिंतित नज़रों से देखा। दूसरों की जान बचाने के लिए पहुँचे उन तीन लोगों का जीवन अब उस शैतान की दया पर निर्भर था। युद्ध की तो अब बात ही क्या थी, वे अपमानजनक और निर्दयता से मारे जाने के कगार पर थे।
सुल्तान ने गुस्से और तिरस्कार के साथ सकीना पर निगाह डाली। उसकी इच्छा के विरुद्ध, वह सुल्तान की गाड़ी में घुसी और अपनी बेटी को गोद में लेकर पिछली सीट पर बैठ गई। वह बच्ची आफ़रीन इतनी डरी हुई थी कि उसके मुँह से आवाज़ तक नहीं निकल पा रही थी। वह उन पर थोपे जा रहे कहर की एक मूक-दर्शक मात्र थी। सुल्तान सामने की सीट पर बैठ गया और एक घमंडी-मुस्कान के साथ, उसने अपने ड्राइवर को इंजन चालू करने के लिए कहा।
सेडान के इंजन की आवाज़ के बाद, पाँच कारों का काफ़िला एक साथ चलने के लिए तैयार हुआ।
जॉर्ज ने कार की खिड़की से सकीना के बंगले पर डरते हुए एक उड़ती सी नज़र डाली। उसने अपने आप को उदास और थका हुआ महसूस किया। उसने डेविड और एमा की ओर देखने के लिए अपनी गर्दन घुमाई। वे उसकी उन बेजान, गहरी आँखों को देख सकते थे, जैसे उनसे जीवन को जबरदस्ती छीन लिया गया था। वह अंदर से खोखला, शुद्ध, निराशाजनक और मरने का इंतज़ार करता हुआ प्रतीत हो रहा था। युधिष्ठिर जैसा परिपक्व मानव, आखिरकार अपने जीवन के अन्तिम पड़ाव पर पहुँचा जान पड़ता था।
दो हथियारबंद लोग एसयूवी के लंबे पायदान पर, दोनों तरफ़, बड़े दरवाजों के पास खड़े थे। दूर से आती गोलाबारी की धीमी आवाज़ों के बीच, अपने पीछे धूल का गुबार छोड़ते हुए, काफ़िला तेजी से आगे बढ़ा।
उबड़-खाबड़ डामर की रोड पर चलते हुए, एसयूवी के चालक ने अपने अनिच्छुक यात्रियों की एक झलक ली। उन्हें देखकर उसके दिल में कुछ उत्सुकता पैदा हुई।
भीषण गर्मी में चमड़े से बने कार के सीट कवर गर्म होने से से चमड़ा जलने जैसी बीमार करने वाली बदबू भी आ रही थी।
जॉर्ज तड़प उठा और तड़प कर बोला, “ओह, भगवान् के लिए गंदगी के इस बदबूदार ढेर पर बिठाने की जगह, अब मेरी जान ही ले लो!
डेविड ने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा, “ठहरो, जॉर्ज। हम इससे भी बदतर हालातों से कई बार गुज़र चुके हैं।”
उत्सुक ड्राइवर ने उनकी ओर गर्दन घुमाई और कहा “तुम जॉर्ज मार्टिंस हो?”
“तुम मेरा नाम कैसे जानते हो?” जॉर्ज से पूछा, और फिर उसने ड्राइवर के चेहरे को पहचान लिया। उसे सुखद आश्चर्य हुआ। उसने उत्तेजित होकर आगे की सीट के पीछे मुक्का मारकर, लगभग चिल्लाते हुए कहा, “जीत गए।”
मैथ्यू के कानों में धीमी, गूँजती फोन के बीप की आवाज़ चुभ रही थी। उसने कई बार फोन से री-डायल किया।
“हम बहुत करीब थे।” वह मन ही मन बोला।
सफ़ेद फोन रिसीवर पर उसकी पकड़ इतनी मज़बूत हो गई कि यह उसे किसी ज़ख़्म पर दर्द की तरह महसूस हुई।
“मैथ्यू” डोलोरेस ने कहा। वह चुपचाप वापस घूमा और उसे घूर कर देखा। आँखों में उम्मीद के भाव लिए उसने कहा, “हम जानते हैं कि वे जीवित हैं और हम लड़ाई जारी रखेंगे।”
“पर जंग के बीच में क्यों?”
“शायद बिजली चली गई, हो सकता है कि लाइनें बाधित हो गईं हों,” जो कुछ भी हुआ उसे समझाने की कोशिश करते हुए, डोलोरेस ने सुझाव दिया।
मैथ्यू ने उसे अपनी भावशून्य नज़रों से घूर कर देखा।
“उस क्षेत्र में कोई बिजली कटौती या लाइन व्यवधान नहीं है।” जोनाथन ने सकीना के निवास के १ किमी के दायरे के सभी पहलुओं की छानबीन करते हुए, लैपटॉप के ऊपर से अपना चेहरा उठाकर ज़ोर से घोषणा की।
“गोलीबारी?” मैथ्यू ने जोनाथन पर एक नज़र डालते हुए पूछा।
“यह एक गैर-उग्रवादी क्षेत्र है औरअपेक्षाकृत सुरक्षित भी है।” जोनाथन ने खुलासा किया।
“हम कब तक ड्रोन को फिर से तैनात कर सकते हैं?”
“थोड़ी ही देर में, मैम।”
डोलोरेस, उपहासपूर्ण मुद्रा बनाकर अपनी कमर पर हाथ रख खड़ी हो गई और पूछा,
“किसी के पास सिगरेट है?” हेदर ने उसे एक पैकेट सोंपा।
“पाँच मिनट का ब्रेक ले लो, कुछ खा लो तुम सब।”
उसने एक सिगरेट सुलगाई और एक लंबा कश लगाया। वह धूम्रपान लाउंज के सौंदर्य से रोमाँचित थी। यह एक कृत्रिम झरना और झाड़ियों के साथ एक खुला क्षेत्र था। उसने अपना फोन बाहर निकाला और उसके संदेशों को देखा। मेडो से कुछ भी नहीं। उसे एहसास हुआ कि वह अपनी पत्नी को याद कर रही है।
“हाय,” उसने मेडो को मैसेज किया और उत्तर की प्रतीक्षा की। सिगरेट ख़त्म हो गई; मेडो ने जवाब नहीं दिया। उसने अपनी कलाई घड़ी की जाँच की और सोचा, वह सो रही होगी। फोन की स्क्रीन ब्लैंक हो गई। अपनी सिगरेट को ज़मीन पर फेंकते हुए, वह इस छोटे से क्षेत्र की सुंदरता को देखकर चकित रह गई। उसने चारो ओर एक शांत दृष्टि डाली। उसकी हथेली में पकड़े फोन में कंपन हुआ। उसने उम्मीद से मैसेज बॉक्स खोला। वह मैथ्यू था।
“तत्काल अंदर आईये।”
उसकी अनुपस्थिति में क्या हुआ, यह जानने के लिए उत्सुकता से वह अंदर आयी।
जब डोलोरेस बाहर थी, तो वे सभी इंतज़ार के साथ काम भी कर रहे थे। पूरी टीम को ध्यान केंद्रित करने और उसे अंजाम तक पहुँचाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने केवल टॉयलेट का उपयोग करने के लिए अपनी सीटें छोडी; उनकी टेबल पर ही खाना परोसा गया। उन्होंने एक हाथ से खाना खाया और दूसरे से काम किया। जोनाथन ने पानी की बोतल को, अपनी आँखें स्क्रीन पर जमाते हुए ही खाली किया। कुछ अटपटी चीज़ ने उसका ध्यान आकर्षित किया।
जोनाथन ने ‘क्रॉलर’, एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन लिखा, जो सरल शब्दों में अनगिनत वेब-साईट्स के अंदर झांकेगा ताकि वे विशिष्ट शब्दों या कोड को देख सके और उन्हें डी-कोड कर सके। वह गाज़ा से हर एक अपलोड की निगरानी कर रहा था। ट्विटर, यू-ट्यूब, फेसबुक, या कोई और माध्यम, जिसके जरिये वह युद्ध की वास्तविक घटनाओं की झलक पा सकता था। जिस पोस्ट ने उनका ध्यान अपनी ओर खींचा, वह हाल ही में एक यू-ट्यूब अपलोड था, जिसका शीर्षक था “हमास ने मेरे पड़ोसी के घर पर छापा मारा।” इसका शीर्षक अरबी में था, लेकिन जोनाथन द्वारा किए गए एल्गोरिथ्म ने उस का अंग्रेजी में अनुवाद किया।
डोलोरेस वापस किसी सोच में पड़कर व्यग्र हो उठी। यू-ट्यूब स्क्रीन पर चमकते हुए शब्द, दस सेकेण्ड चलने के बाद स्थिर हो गए।
“क्या?” डोलोरेस ने अपनी बाहें बाहर की ओर बढ़ाते हुए पूछा।
जोनाथन ने प्ले पर क्लिक किया।
एक सड़क पर सशस्त्र गार्डों द्वारा खड़ी कारों के काफ़िले को देखने वाली भीड़ के कोलाहल से भरा कमरा। ख़राब क्वालिटी वाला वीडियो एक बालकनी से शूट किया गया था। दूसरे छोर पर, पूरी टीम का परिचित एक घर था।
सकीना के घर को देखने से डोलोरेस के शरीर में आतंक की एक धारा दौड़ गई। एक आदमी पिस्तौल पकड़ कर बाहर आया। वीडियो को रोक दिया गया।
मैथ्यू ने स्क्रीन पर उस आदमी की ओर इशारा किया, “वह सुल्तान हमाद है।” सकीना का जेठ। वह जानती थी कि वह कौन है। वीडियो फिर से शुरू हुआ। कुछ और लोग बाहर आए: एक घायल महिला – बिखरी हुई, लेकिन अभी भी खड़ी है – एक व्यथित आदमी उसके बहुत करीब चल रहा है, और एक बूढ़ा आदमी है। वीडियो फिर से रोका गया। डेविड, एमा, और जॉर्ज को विद्रोहियों से घिरे देखकर, डोलोरेस ने अपने मुँह पर हाथ रख लिया। उसका दिल मचलने लगा। मैथ्यू ने दांत पीसते हुए, अपने जबड़े भींच लिए। हेदर ने आशंका में अपनी बाँहें मोड़ ली। वीडियो फिर से शुरू हुआ।
एक और महिला, एक छोटी लड़की को अपनी बाहों में समेटे हुए दिखाई दी। डोलोरेस ने अपने दिल में भय और निराशा महसूस की। तीनों के एक कार के अंदर घुसने के बाद वीडियो समाप्त हो गया।
डोलोरेस ने तेजी से प्रतिक्रिया की। अब उसे मामले का केंद्रबिंदु पता था। अब कार्य करने का समय था।
“जोनाथन, किसी भी तरह से इंटरनेट से उस वीडियो को हटाओ! यह वीडियो कितना पुराना है?”
“पाँच मिनट।”
“हेदर, मुझे लैंग्ली से संपर्क कराओ।” डोलोरेस उत्तेजित नज़र आ रही थी।
अध्याय ३२
“शांत अतीत के पुराने सिद्धांत, तूफ़ानी वर्तमान के लिए अपर्याप्त हैं। इस अवसर पर बहुत सारी समस्याएँ एकत्रित हो गई हैं, और हमें अवसरों के साथ उन्नति करनी चाहिए, क्योंकि हमारा मसला नया है, इसलिए हमें नए सिरे से सोचना चाहिए और नए सिरे से काम करना चाहिए।”
– अब्राहम लिंकन
“ओमार… मुझे लगा कि तुम मर चुके थे,” जॉर्ज ने कार के दरवाजों से बाहर लटक रहे गार्डों का ध्यान उनकी ओर ना जाये ऐसे आश्चर्यचकित स्वर में, धीरे से कहा।
“तुम्हारी बस में तो आग लग गई थी?”
ओमार ने खुश होकर जवाब दिया। “हाँ, मैं ज़िन्दा तो बच गया, लेकिन बाहर निकलने में थोड़ी देर हो गई थी तो मैं थोड़ा सा जल भी गया था।” उसने भोलेपन से कहा। वह जॉर्ज से बात करने के लिए बार-बार पीछे मुड़कर देख रहा था। उसकी मोटी दाढ़ी और पगड़ी उसकी जली हुई त्वचा को छिपा रही थी।
“हमें यहाँ से निकालो,” जॉर्ज ने विनती की। डेविड और एमा ने उसे हैरानी से देखा।
ओमार ने कंधे उचकाते हुए कहा, “मैं ये नहीं कर सकता।”
“वे हमें मार देंगे,” जॉर्ज ओमार के ठंडे जवाब उदास हो गया।
“अगर मैं तुम्हें जाने देता हूँ, तो सरदार मुझे मार डालेगा।” सुल्तान का ज़िक्र करते हुए उसने अपना सीना पीटते हुए कहा।
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो? तुमने इन विदेशी अजनबियों के साथ मिलकर क्या कर दिया?”
एमा और डेविड ने बिना कोई गुनाह किए, लगाये गए आरोप का दर्द झेला।
“यह एक लंबी कहानी है… क्या मैं तुम पर भरोसा कर सकता हूँ?” जॉर्ज ने सवाल किया।
“क्या तुम्हारे पास इसके अलावा कोई और चारा है?” ओमार ने व्यंग्य करते हुए पूछा।
काफ़िला समुद्र के किनारे से गुज़र रहा था। कार के अंदर सकीना को मानसिक उन्माद सता रहा था। उसके और उन तीनों के साथ जो कुछ भी होने वाला था, उसकी कल्पना कई यातनापूर्ण आशंकाओं से जुड़ी हुई थी।
सुल्तान कई सुलगती हुई इमारतों से निकलने वाले धुएँ के बादलों को देखता जा रहा था। उसने सीधे अपनी बहु की आँखों में झाँककर देखा और बोला।
“तुम अपने चारों ओर देखो… तुम्हें अब भी लगता है कि यहाँ अमन के लिए कोई उम्मीद बची है? गोलियाँ, खून की नदियाँ और धुएँ के उठते हुए ये बादल – ये आज गाज़ा की हक़ीकत हैं। अमन उनमें से एक नहीं है। जो हमारा है, उसे हासिल करने के लिए हमें दुश्मनों को ख़त्म करना ही होगा। इसके अलावा यहूदियों को, कोई और भाषा समझ नहीं आती।”
सकीना ने गंभीरता से सोचते हुए बड़ी मुश्किल से उसकी बातों से अपना ध्यान हटाया।
सुल्तान चिल्लाया, “अपने कुनबे का साथ दो, काफ़िरों का नहीं। काफ़िरों की मदद करना तुमको दोजख़ की ओर ले जाएगा।” आफ़रीन घबरा गयी।
सकीना के दुःख को कम करने के लिए समुद्र के बीच से आने वाली आर्द्र हवा भी निष्प्रभावी थी।
“वे कनाडा से हैं, वे मेरे परिजन हैं।” सकीना ने कहा।
सुल्तान ने उसे तिरछी नज़र से देखा, “यूनाइटेड नेशंश… तौफीक, कैमरा तैयार रखो।” सुल्तान ने अपने ड्राइवर को आदेश दिया।
सकीना के बदन में डर की एक तरंग सी उठी। उसने तुरंत हस्तक्षेप किया।
“क्या तुम उनके सर कलम करोगे?”
सुल्तान ने सकीना को सर्द, गहरी निगाहों से देखा। उसने जवाब देने की कोई उदारता नहीं दिखाई। लेकिन उसकी आँखें कुछ और ही बयां कर रही थी। सकीना को लगा कि उसने शायद एक अलग योजना बनाई है, कुछ बहुत बुरी और आडंबरपूर्ण। जाहिर है, वह जानती थी कि सुल्तान को सबके सामने हीरो बनने की भूख थी।
“तुम मुझे क्यों नहीं मार रहे हो?”
सुल्तान ने आफ़रीन के गालों को सहलाया। वह सकीना की गोद में सिमट गई और अपनी माँ को पहले से कहीं अधिक कसकर पकड़ लिया।
“इस बच्ची के कारण। ये मेरे भाई का खून है। मेरा भाई इसे बड़ा होते हुए देखना चाहता था।”
डोलोरेस, स्क्रीन के पास कोने में खड़ी थी। उसने अपने उच्चाधिकारियों के सामने सफलतापूर्वक साबित कर दिया था कि एमा, डेविड और जॉर्ज जीवित थे, लेकिन गंभीर खतरे में थे। उसकी कार्रवाई में उन सभी संसाधनों को शामिल करना था जो वह कर सकती थी, जिसमें उसका जासूसी नेटवर्क भी शामिल था।
“हमारे पास वक़्त बहुत कम है। इससे पहले कि वे हमेशा के लिए गायब हो जाएँ, क्या हम काफ़िले को रोक सकते हैं?” वह फोन पर अनुचित रूप से सैन्य हस्तक्षेप के लिए गरजते हुए बोली।
“हम उनकी पहचान उजागर नहीं कर सकते हैं, और इसके अलावा, ऐसा प्रयास युद्ध के समतुल्य कार्य होगा,” दूसरे छोर पर गुस्से भरी, आदेशात्मक आवाज़ में जवाब दिया गया।
“तब हम क्या करने जा रहे हैं? जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं, वे हमारे नागरिक हैं, हमारे अपने लोग हैं।”
“मुझे पता है। लेकिन यह सब, तुम्हारी ही गलती है। मैं इसके दुष्परिणाम क्यों भुगतूं?”
“जेन… जेन… जेन… जेन… प्लीज… यह मेरे और तुम्हारे बारे में नहीं है,” डोलोरेस ने याचनापूर्ण लहजे में कहा। ऐसा अवसर, उसके जीवन में बहुत कम वाक़यों में से एक था।
“मैं तुम्हें सैन्य सहायता नहीं दे पाऊँगी कुछ और माँगो।”
“ठीक है, मैं तुम्हें एक मिनट में वापस कॉल करती हूँ।”
मैथ्यू जिज्ञासा से डोलोरेस की बातें सुन रहा था, पर उसे उम्मीद नहीं थी की उसकी माँगे पूरी होंगी।
“यह एक छलांग में चंद्रमा पर पहुँचने जैसी बात थी। कोई सैन्य अवरोधन नहीं। मेरे पास अभी भी एक उपाय है। हम उनका ‘यूएवी’ से पीछा करते हैं,” डोलोरेस ने सुझाव दिया। कम से कम उन तीनों पर नज़र रखने के लिए एक मानव-रहित ड्रोन को तैनात करना एक प्रशंसनीय विचार था।
“राडार के बारे में क्या?” मैथ्यू ने अपने हाथों को मोड़ते हुए और अपनी पीठ को खुजलाते हुए कहा।
“हम अदृष्य ड्रोन माँगते हैं।”
मैथ्यू के दिमाग़ में एक विचार आया, “सीरिया से, शायद एक रीकोन ड्रोन मिल सकता है।”
“मुझे ये ही तो चाहिए।” उसने उम्मीद से स्वीकार किया।
मैथ्यू ने अपना सिर हिलाया, “तुम जेन को फोन करो, और मैं ब्रैंडन को फोन करता हूँ।”
वह भूल गई कि कमरे में, उसके अलावा एक मेहनती टीम भी थी। जैसे ही मैथ्यू ने आगे का सास्ता बताया, पूरे समूह ध्यान उस पर गया। उनके चेहरे पर आश्चर्यमिश्रित ख़ुशी की अभिव्यक्ति थी।
“हम इसे जीतेंगे, हम उन्हें सुरक्षित रखेंगे और हम उन्हें वापस लाएँगे।” उसने जेन को डायल किया। टीम ने मिशन को सुरक्षित और अक्षुण्ण रखने की कामना करते हुए फिर से काम शुरू किया।
“हाय… आपने क्लिप देख ली है… अब अगले दस मिनट में, कारों को उनकी नंबर प्लेटों के जरिये खोजें और काफ़िले पर एकअदृष्य ड्रोन से नज़र रखें।” डोलोरेस ने कहा।
“हे भगवान्, इतनी जल्दी कैसे मैं, एक अदृष्य ड्रोन का इंतजाम कर पाऊँगी?” जेन ने जवाब दिया।
“सीरिया में ऐसे कुछ ड्रोन हैं। ब्रैंडन से संपर्क करिये, वह जानता है कि क्या करना है।”
“ठीक है, जैसे ही यह सब होता है, तुम्हें कॉल बैक करती हूँ।”
“शुक्रिया, मुझे विश्वास है कि तुम भेजी हुई सूचनाओं से हमें अवगत भी कराते रहोगी।”
जेन ने फोन रख दिया।
समुद्र तट राजमार्ग पर तेजी से चल रहे काफ़िले के सामने, लाइन से टूटी-फूटी इमारतों के नज़ारे और रास्ते पर बिखरे हुए पत्थर थे। उनके दाईं ओर एक समुद्र तट था, जो सड़क के किनारे लगी धातु की ग्रिल फेंसिंग से अलग किया गया था।
मानव मन को जीवित रहने के लिए बनाया गया है। युद्धों में, ज़रा सी भी चूक से कई जानें जा सकती है। आज, उनकी अस्तित्व-वृत्ति, पूरे मामले का सार थी। हर बोला गया शब्द गिना जाएगा, झूठ को सच से बेहतर ध्वनि चाहिए, और वे शायद एक और दिन जी जाएँ।
जॉर्ज ने ओमार को आधा सच बताया; संयुक्त राष्ट्रसंघ की सहायता लेना केवल एकमात्र तरीका था। इस भयानक संघर्ष में अपने धर्मयुद्ध के वास्तविक स्वरूप को छिपाने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण था। यदि वे भूल से भी सीआईए का जिक्र करते, तो उनकी मृत्यु निश्चित और दर्दनाक होती।
ओमार को पता था कि जॉर्ज एक शातिर व्यक्ति था। एक ऐसा करिश्माई किरदार, जो हमेशा अवांछित कठिनाइयों से निकलने का रास्ता जानता था। वह जानता था कि जॉर्ज ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के लिए काम किया था। लेकिन सुल्तान ने उन्हें, अपनी बहु के यहाँ छिपा होने के कारण पकड़ा। वे यहाँ क्यों थे? वे बस एक फोन कॉल के साथ वापस जा सकते थे। बिना ‘हिडन एजेंडे’ के वे क्यों छिपेंगे?
इन अस्थायी प्रश्नों के उत्तर सरल थे, पर थे तो छिपे हुए।
“मुझे तुम पर भरोसा नहीं है। यह बहुत जोख़िम भरा काम है। नहीं।” ओमार ने मना कर दिया। उसकी कार लेफ्ट टर्न ले रही थी, सूरज की किरण एक पल के लिए उसकी आँखों को छूती हुई गुजरी।
“मैं झूठ क्यों बोलूंगा, ओमार? हमारा जीवन दाव पर लगा है।” क्योंकि उन्होंने अपराध किया था, इसलिये उस ने चालाकी से कहा।
एमा रोष से भर गयी। उसने लोगों को सर्वनाश से बचाने के लिए अपनी और अपने पति की जान को जोख़िम में डाल दिया और उसके साथ युद्ध-बंदियों की तरह, महत्वहीन, अविश्वास और बिना सहानुभूति के व्यवहार किया जा रहा था।
“तुमने यहाँ आकर मूर्खता पूर्ण काम किया है।” ओमार ने सपाट लहजे में कहा।
यह एमा के लिए था। उसने कहा, “तुम सोचते हो कि बच्चों को बिना पिता के बड़े होने या माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को दफ़नाने से रोकने के लिए, या नागरिक जीवन को बचाने के लिए, युद्ध के बीच में दवाइयाँ लाने की कोशिश करना बेवकूफी है?” लेकिन तुम कट्टरपंथी क्या जानों कि जीवन की कीमत क्या है?”
ओमार घूम गया और एमा को उसने व्याकुलता से देखा। उसका चेहरा सुस्त और झुर्रीदार था।
डेविड ने हस्तक्षेप किया, “क्या तुम, भगवान की खातिर चुप रहोगे?”
एमा ने डेविड को ध्यान से देखते हुए कहा, “हम मरने वाले हैं। मैं इस दुनिया को बेहतर जगह बनाने के लिए लड़ती हुई, अपना सर ऊँचा करते हुए मरूंगी।” ओमार ने रिव्यू मिरर से उसके निस्तब्ध चेहरे पर निगाह डाली।
“ठीक है, अगर तुम ऐसे ही मर जाते हो, तो किसी को भी पता नहीं चलेगा कि तुम ये सब किसलिए कर रहे हो। इससे बेकार जीवन की बर्बादी और क्या होगी?” ओमार ने ठंडी आवाज़ में कहा।
समुद्र की ओर से आती, हल्की हवा में, अपने नोकीले अग्रभाग से हवा को चीरते हुए, एक मिसाइल तेजी से गुज़री।
एमा ने अपनी खिड़की से आसन्न हमले को देखा। वह चिल्लाई, “मिसाइल” और अपने बाजू में बैठे डेविड को पकडे हुए वह नीचे झुकी। जॉर्ज ने भी अपना सिर हाथों से ढक लिया और बचाव के लिए नीचे की ओर झुका। मिसाइल, काफ़िले की पहली कार से टकराई और उसमें विस्फोट हो गया।
वह सेडान, जो सकीना, आफ़रीन और सुल्तान को ले जा रही थी, मछली की पूँछ की तरह लहराकर बाईं ओर एक दुकान में घुस गई। हर दूसरी कार उनके ब्रेक लगते, लगते अगली कार से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
आग और चीख ने लोगों की मृत्यु की धारणा के सामने, उनकी शक्तिहीनता को दर्शाया।
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