दोस्ती की कसम
वीर और अजय, दोनों नारनौल से अम्बाला जाने वाली बस में बैठे थे। दोनों अम्बाला जा रहे थे। जाने का कारण यह था कि कुछ महीने पहले दोनों ने एयरफोर्स में नौकरी के लिए आवेदन किया था। अब दोनों का परीक्षा केन्द्र अम्बाला आया था, इसलिए दोनों ने रात को नारनौल से अम्बाला के लिए बस पकड़ी, जो उन्हे सुबह 06:00 बजे तक अम्बाला पहुँचाएगी। सुबह 09:00 बजे एयरफोर्स स्टेशन, अम्बाला में उनकी परीक्षा होनी थी।
सुबह 08:30 बजे वीर और अजय, दोनों परीक्षा केन्द्र पहुँच चुके थे। वहाँ हज़ारों की संख्या में अभ्यार्थी आए हुए थे। दोनों ने एक घंटे की परीक्षा दी और परिणाम का इन्तज़ार करने लगे। लगभग 11:00 बजे परीक्षा के परिणाम की घोषणा की गई। दोनों परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए थे। उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को शारिरिक दक्षता के लिए मैदान में ले जाया गया। उसमें भी वीर और अजय दौड़, ऊँची कूद, लम्बी कूद आदि सभी गतिविधियों में उत्तीर्ण हो गए थे।
शारिरिक दक्षता के बाद उन्हें एक घंटे का ब्रेक दिया गया और कहा गया कि ब्रेक के बाद इंटरव्यू होना है। वीर ने बैग से मोबाइल निकालकर देखा तो माया की सात कॉल आ चुकी थी, लेकिन वहाँ मोबाइल इस्तेमाल करना वर्जित था, इसलिए वीर ने माया को वापिस फ़ोन नहीं किया।
शाम को इंटरव्यू शुरू हुए, जिसका परिणाम रात 10:00 बजे घोषित किया गया। अजय इंटरव्यू में फेल कर गया था और वीर उत्तीर्ण हो गया था। अगले दिन वीर को सुबह 09:00 बजे वापिस एयरफोर्स स्टेशन मेडिकल के लिए जाना था। रात को दोनों ने एक होटल में कमरा लिया तथा खाना खाने के बाद वीर ने टाइम देखा तो रात के 12:00 बज रहे थे। वीर माया से बात करना चाहता था, लेकिन उसने सोचा कि काफ़ी लेट हो गया है तो माया सो गई होगी। इसलिए वीर ने माया को फ़ोन नहीं किया।
सुबह ज़ल्दी ही वीर मेडिकल के लिए वापिस एयरफोर्स स्टेशन पहुँच चुका था। अजय वहीं होटल में ही था। उसे वीर के वापिस आने तक वहीं रुकना था ताकि फिर दोनों साथ वापिस जा सकें। पूरा दिन बीतने के बाद वीर शाम को होटल वापिस आया। उसने अजय को बताया कि उसका मेडिकल भी क्लीयर हो गया है। उसे एक महीने के बाद एयरफोर्स ज्वाइन करनी है। अजय ने वीर को बधाई दी और फिर दोनों ने अम्बाला बस स्टैंड से वापिस नारनौल के लिए बस पकड़ ली थी।
दोनों बस में बैठे हुए थे। अजय इयर फ़ोन लगाकर गाने सुन रहा था और वीर खिड़की से बाहर की तरफ़ देखते हुए कुछ सोचे जा रहा था। काफ़ी देर सोचने के बाद वीर ने अजय से कहा कि वह एयरफोर्स ज्वाइन नहीं करेगा। आज दो दिन से माया से बात नहीं हुई है तो देखो, मुझे कितना खालीपन महसूस हो रहा है? और अगर एयरफोर्स ज्वाइन कर ली तो फिर माया से बहुत कम बात हो पाएगी। शायद हो सकता है कि फिर हमारे बीच की दूरी के चलते ब्रेक-अप ही हो जाए। अजय ने वीर को काफ़ी समझाने की कोशिश की कि उसे इस नौकरी को ज्वाइन करना चाहिए। अजय ने वीर से कहा कि ये गर्लफ्रेंड वग़ैरह तो आती-जाती रहेंगी और अगर तू उससे इतना ही प्यार करता है तो एयरफोर्स कौन-सी तेरी गर्लफ्रेंड छीन रही है तुझसे?
“यार माया आती-जाती टाइप की गर्लफ्रेंड नहीं है और ना ही हमारा प्यार ऐसा है। मैं माया से बिल्कुल भी जुदाई बर्दाश्त नहीं कर सकता । और वैसे भी अभी तो मेरी Graduation भी पूरी नहीं हुई है। बाद में नौकरी तो और भी लग जाएगी। मैंने तो पक्का सोच लिया है कि मैं यह नौकरी ज्वाइन नहीं करूँगा। बस, तुझसे एक request है कि घर पर यह मत बताना कि मेरा selection हो गया है और न ही माधवी को बताना। नहीं तो वो तो पक्का ही मेरे घर पर बता देगी। क़सम है तुझे अपनी दोस्ती की।” वीर ने कहा।
“मेरी एक बात याद रखना कि यह तू बहुत बड़ी ग़लती कर रहा है। अब तो नहीं, लेकिन हाँ, बाद में तुझे इसका बहुत पछतावा होगा। जिस प्यार-प्यार की रट लगाए रहता है न तू, उसमें तेरा ऐसा चूतिया कटेगा न कि फिर तू ख़ुद भी नहीं सँभल पाएगा। साला, यह प्यार ऐसा ही होता है जब कोई उसमें पड़ता है तो प्यार उसका गणित, विज्ञान, भूगोल सब बिगाड़ देता है, याद रखना। और ये कसम क्या दे रहा है? मुझे क्या? कुछ भी कर, तेरी अपनी लाइफ़ है।” अजय ने वीर पर गुस्सा होते हुए कहा।
अजय की बातें सुनकर वीर काफ़ी देर तक ख़ामोश रहा। फिर वीर ने अजय से कहा कि भाई, मैंने सुना है कि सच्चा प्यार एक दिन मिल ही जाता है। माया मुझसे कभी भी अलग नहीं होगी, तू देखना।
“मैं तो अब भी देख ही रहा हूँ और बाद में भी देखूँगा, लेकिन तब तू इस सच्चाई को accept करेगा कि तूने ग़लती की है और रही बात सच्चे प्यार की, तो लानत है यह कहने वाले पर कि सच्चा प्यार एक दिन मिल ही जाता है। ये सच्चा प्यार टाइप की कोई चीज़ नहीं होती है, सब भ्रम है।” अजय ने अपने शोल्डर बैग से पानी की बोतल निकालते हुए कहा।
काफ़ी देर बहस करने के बाद बात इस निष्कर्ष पर पहुंची कि नौकरी की बात अजय वीर के घर पर नहीं बताएगा। दोनों सुबह तक़रीबन पांच बजे नारनौल बस स्टैंड पर उतरे और वहाँ से अपने-अपने घर के लिए ऑटो में निकल गए।
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