ख़ौफ़ डरावना
शाम ढल रही थी. आसमान काला पड़ गया था मानो किसी ने काली शीशी डाली हो. शायद बारिश हो रही है.
बंद आसमान और शांत हवा चाँदनी इसे प्यार करता था. बारिश ने चांदनी के शरीर में एक अजीब सी सिहरन पैदा कर दी.
चांदनी पिछले आधे घंटे से आईने के सामने थी. यह क्या है? सजाने के लिए रिहर्सल कर रही थी. तीन बार साड़ी बदल चुकी थी. चांदनी को संवारने का बहुत शौक था, आज उसे मिसिस कपूर की बेटी की शादी में जाना था. चांदनी एक कॉलेज शिक्षक थी लेकिन कॉलेज की छात्रा की तरह दिखती थी! वह हमेशा खूबसूरत दिखना और खूबसूरत दिखना चाहती थी.
चांदनी अब तैयार हो रही थी और अपनी आँखें अखबार पर छोड़ दी. इसमें भैरव चौक की खबर थी.
यह लिखा गया था कि भैरव चौक नामक एक छोटे से क्षेत्र में बहुत सारी अजीब घटनाएं हुई हैं. लूट, हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसी तमाम घटनाएं एक ही घटना में हुई हैं. इसलिए लोगों ने दिन के उजाले में भी वहां जाने की हिम्मत नहीं की.
इस समाचार को पढ़ने से कुछ ही समय पहले, चाँदनी का चमकता चेहरा कुछ समय पहले फीका पड़ गया था, मानो उसके चेहरे पर एक हल्का सा डर था!
थोड़ी देर बाद, वह चुप खड़ी रही जैसे कि यह खबर उसके दिमाग में घर कर गई हो! चांदनी की चुप्पी ने मिसिस कपूर का फोन तोड़ दिया.
चांदनी ने फोन उठाया और बात करते हुए कार से बाहर निकल गई. चांदनी को शादी तक पहुंचने में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. कार से बाहर निकलने से पहले चांदनी ने एक बार फिर अपना चेहरा निखारा. हंसते हुए चेरो ने चांदनी का स्वागत किया.
लेकिन कुछ चेहरे ऐसे थे जिन्होंने बुरे इरादों के साथ चांदनी को देखा. वह कॉलेज के बदमाश का चेहरा था और कॉलेज के ट्रस्टी के बिगड़ैल लड़के!
कॉलेज के ऊन लड़कों को पांच पापी कहा जाता था. लड़कियों को छेड़ो, लड़कियों के खिलाफ लड़ो, लड़ो और लड़ो
वे सभी पाँच काम कर रहे थे, इसलिए कॉलेज उन्हें पाँच पापी कहते थे. कुंआ! चांदनी भी उसकी हरकतें अच्छी तरह जानती थी. तो उसने उसे अनदेखा कर दिया और शादी में शामिल हो गई. हमें नहीं पता था कि हम नाच रहे थे, गा रहे थे, खा रहे थे, गुदगुदा रहे थे और बिदाई कर रहे थे ……
रात के 11 बजे हैं. उसे घर पहुंचने के लिए 2 घंटे की दूरी तय करनी थी. चांदनी का पति जतिन फोन करता था.
Light हैलो मूनलाइट? आप कहाँ हैं? ”- जतिन ने कहा. 'मैंने शादी कर ली है लेकिन बहुत देर हो चुकी है
मैं सिर्फ मिस माथुर के साथ बाहर निकल रहा हूं '- चांदनी ने बातचीत खत्म की और फोन रख दिया.
चांदनी ने मिसिस कपूर को छेड़ा और मिसीस मैथुर मिला, लेकिन पता चला कि मिसिस मैथुर घर के लिए रवाना हो गया है.
चांदनी सोचने लगती है कि अब वह अकेले घर कैसे जाएगी? तभी अचानक बिजली गिरती है ... कहते हैं कि थोड़े समय के बाद बारिश होने वाली है
वह बिना किसी परवाह के अकेला रह गया, लेकिन वे पांच पापी चांदनी की हर हरकत को देख रहे थे.
चाँदनी ने थोड़ा सा ही तय किया था कि बारिश की रिमझिम बारिश शुरू हो गई.
चांदनी सोच रही थी कि उसे रुकने के लिए बारिश का इंतजार करना चाहिए? या मुझे आगे बढ़ना चाहिए?
चांदनी को जल्द ही फैसला करना था कि क्या करना है? उसने आगे बढ़ने का फैसला किया.
मूनलाइट की कार थोड़ी आगे बढ़ी थी कि तेज बारिश शुरू हो गई. हमेशा चांदनी चमकाने वाली बारिश की रिमझिम बारिश आज एक बाधा बन रही थी.
रेनबो में बारिश की बूंदें आगे बढ़ रही थीं. चांदनी के आगे बढ़ने का फैसला सही था क्योंकि बारिश रुक गई थी.
चांदनी हल्के दिल से गाड़ी चला रही थी, लेकिन ... ऐसा लगता है कि जैसे चाँदनी के लिए दिन बहुत भारी था.
वाहनों की लंबी कतार थी. जब किसी ने पूछा, तो पता चला कि भारी बारिश के कारण आगे का रास्ता अवरुद्ध हो गया है.
जब तक रास्ता साफ नहीं होगा, तब तक ट्रैफिक जाम रहेगा और रास्ता साफ होने में सुबह हो सकती है. फिर मूनलाइट देखता है कि कुछ वाहन किसी न किसी सड़क की ओर जा रहे हैं.
'भाई, इसे ही उबड़-खाबड़ सड़क कहा जाता है?' - चांदनी ने किसी से पूछा. 'यह उबड़-खाबड़ सड़क शहर तक जाती है, बहन'
चांदनी फिर सोचने लगी कि क्या उसे कच्चे रास्ते के खुलने या जाने के रास्ते का इंतजार करना चाहिए?
उसने सोचा कि अकेला रास्ता साफ करने के लिए वह कब तक इंतजार करेगी? कच्ची सड़क की ओर जाने वाले वाहनों के साथ वह शहर की सड़क पर भी जा सकता है,
इसलिए उन्होंने उस उबड़-खाबड़ सड़क से घर जाने का फैसला किया. चांदनी आगे बढ़ रही थी, लेकिन डर अभी भी उसके सिर पर था
क्योंकि वह चलती वाहनों की मदद से जा रही थी जैसे कि कोई दीपक की रोशनी के साथ अंधेरे से गुजर रहा हो.
आगे बढ़ते हुए, वाहनों की गति बढ़ जाती है, वे सभी चांदनी कार से आगे बढ़ते हैं.
यह इतना बढ़ जाता है कि इन सभी कारों को हेडलाइट की मदद से देखा जा सकता है. चांदनी भी उन तक पहुंचने के लिए अपनी कार की गति बढ़ाती है लेकिन ... वाहन अचानक रुक जाता है.
जब कार बंद हो जाती है, तो चांदनी खराब हो जाती है. वह वहाँ अकेली थी, कोई आगे-पीछे नहीं था.
आगे जाने वाली ट्रेनें आंखों से ओझल हो रही थीं. चांदनी बेचैन होने लगी थी. धड़कन तेज चल रही थी.
उसके माथे का डर एक के बाद एक टपक रहा था, उसकी आँखों में डर साफ दिख रहा था. वह जोर-जोर से सांस ले रही थी.
उसने अपने पर्स से फोन निकाला और जतिन का नंबर डायल करना शुरू किया लेकिन मोबाइल कनेक्शन के नाम पर कुछ नहीं था.
वह इतना डर गई थी कि वह कार से बाहर निकलना भी नहीं चाहती थी. वह इस बात से अनजान था कि कार बस स्टार्ट कर रही थी
वह बार-बार चाबी को दाएं-बाएं घुमा रही थी, लेकिन नतिजा उसी वाहन को शुरू नहीं कर रही थी. अचानक चाँदनी की दृष्टि उसके पर्स में चली जाती है
और इसमें एक ताबीज है जिसे चांदनी की माँ ने अपनी अंतिम सांस लेते हुए दिया और कहा कि 'यह तावीज़ बुरे समय में आपकी रक्षा करेगा'.
चांदनी ने तुरंत एक नोट लिया और आँखें बंद करके फिर से वाहन चलाने की कोशिश की.
माँ का चिराग काम कर रहा था, एक झटके में गाड़ी चल पड़ी. आपने चांदनी के बारे में जाना और राहत की सांस ली.
तवीज की ताकत से चांदनी का दिल दहल गया. वह बिना समय बर्बाद किए वहां से चली गई.
चांदनी एकदा किलोमीटर सड़क काट दी गई थी, वह एक बोर्ड देखता है, यह बोर्ड पर लिखा था. भैरव चौक.!
भैरव चौक का नाम पढ़कर बदमाशों के रोंगटे खड़े हो गए और उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं और उनकी सांसें फिर से तेजी से बढ़ने लगीं.
वही भैरव चौक जो चांदनी ने पढ़ा था, जहां हत्याएं और बलात्कार जैसी घटनाएं हुईं.
उसने फिर से तावीज़ को अपने हाथ में पकड़ लिया और एक पल के लिए अपनी आँखें बंद कर ली जैसे वह भगवान से प्रार्थना कर रही हो कि इस बार वाहन बंद न हो!
परंतु . यह क्या है ? चांदनी की कार भैरव चौक नाम के बोर्ड के सामने रुकी.
जब चांदनी ने बाहर देखा, तो यह बहुत अंधेरा और डरावना था. आग की लपटों के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था.
चांदनी ने फिर ताबीज उठाया और आंखें बंद कर लीं और भगवान का नाम लेते हुए कार स्टार्ट करने लगीं.
कार की चाबी घुमाते-घुमाते भी वह थक गया था, लेकिन इस बार कार स्टार्ट होने का नाम नहीं ले रही थी.
उन्होंने एक दो बार फोन भी किया, लेकिन वहां उन्हें असफलता मिली, वह इतना डर गए थे कि कार से बाहर निकलने में भी उनके पैर कांप रहे थे. .. फिर उसने सामने कुछ देखा सफेद रंग का कुछ धुंधला धुंधला था,
चांदनी उसे देखकर कांप गई और उसके शरीर में सिहरन सी दौड़ गई. जैसे-जैसे आकृति आगे आ रही थी, उसी तरह एक आकार से तीन आकृतियाँ बनाई गईं.
गहरे काले रंग में सफेद रंग साफ दिखाई दे रहा था. चांदनी उसे देख रही थी, बस सोच रही थी कि क्या आ रहा है? कोई भी आदमी सफेद चादर पहने?
या कोई भी ..? चांदनी के पसीने छूटने लगे थे. चाँदनी ने जल्दी से वाहन का शीशा बंद कर दिया या नहीं, यह आश्वस्त था और वहाँ बैठे तावीज़ को आँखें बंद करके भगवान के नाम का जाप करने लगा.
अब वो आंकड़े चांदनी की कार के सामने मंडरा रहे थे. प्रकाश कनकियों को देखते हुए, चांदनी को जोर से दबाओ.
तभी किसी ने कार के शीशे पर जोरदार प्रहार किया. जब उसने उस तरफ चांदनी देखी, तो वह वाहन का शीशा तोड़ने की कोशिश कर रहा था.
चाँदनी जोर से चिल्लाई - "बचाओ, बचाओ!" चांदनी चिल्लाती रही और उसने दर्पण पर हमला किया और एक गिलास तोड़ दिया.
जैसे ही शीशा टूटा, चांदनी को कहीं से मदद मिली, तो वह जोर से चिल्लाई - 'बचाओ, कोई मुझे बचाओ !!'
किसी ने कार का दरवाजा खोल दिया और कार की चाँदनी को एक झटके में बाहर फेंक दिया.
चांदनी गाड़ी से बाहर गिर गई और एक पत्थर मारा. मानो चाँदनी आधी मर चुकी थी
उसने साहस किया और वहाँ से उठ गया, तब उसने देखा कि वहाँ तीन आदमी तीन सफेद चादर ओढ़े हुए थे.
तीनों के चेहरे काले, भयावह और भयानक थे और सभी उनके हाथों में अंगुलियाँ लेकर खड़े थे.
चांदनी समझ गई कि वे सभी लुटेरे हैं और बिना कुछ कहे ही चांदनी ने सोने और चांदी के गहने निकालने शुरू कर दिए.
'यह सब ले लो लेकिन मुझे जाने दो' - उन लुटेरों से कहा जो चांदनी से चमक रहे थे.
एक लुटेरे ने तुरंत चांदनी के हाथों से सारे गहने छीन लिए. चांदनी अभी भी बेची और रो रही थी.
'हम यह सब ले लेंगे, लेकिन हमारे लिए इस लूट के लिए पर्याप्त नहीं है' - एक लुटेरा ने चांदनी के ऊपर वासना भरी दृष्टि से कहा.
चांदनी लुटेरो की मंशा समझ गई और एक सांस ली और भाग गई. चांदनी के बाद तीनों भी भागे.
लेकिन चाँदनी कितनी बच पाएगी? उन तीन भाइयों ने आखिरकार चांदनी को पकड़ लिया.
'मदद . बचाओ ”- चाँदनी पूरी ताकत से चिल्लाई. 'तुम्हें बचाने कोई भी यहाँ नहीं आएगा!
चिल्लाना, जीतना, चिल्लाना, यातना देना '- एक डाकू ने हंसते हुए कहा. तभी पीछे से एक लुटेरे ने हमला कर दिया. उस अपहरणकर्ता को वही ढेर मिलता है.
चांदनी में आशा की किरण दिखाई देती है. उन दो लुटेरों ने पीछे मुड़कर देखा कि किसने हमला किया.
चांदनी ने उस जगह को भी देखा जहां से हमला हुआ था. कॉलेज में पाँच छात्र हैं, जिन्हें कॉलेज पाँच पापी कहता था.
उन पांच छात्रों ने शेष दो लुटेरों पर हमला किया और उन्हें बेहोश कर दिया. उसकी आँखों में आँसू के साथ चाँदनी बस को घूर रही थी.
और यह सोचकर कि वही पांच पापी, जो बुरे और गलत सोच रहे थे, आज चंद्रमा को एक बुरी दुर्घटना से बचा रहे थे.
'मैडम, हम बुरे हैं, लेकिन हम सभी का सम्मान करते हैं, आप लापरवाह हुए बिना छोड़ देते हैं.
यह बंडी आपको एक सुरक्षित घर में छोड़ देगी और हम इन लुटेरों को पुलिस को सौंप देंगे. के नाम पर इन लोगों ने खूब लूटपाट की
अब पुलिस उनका आनंद लेगी - एक छात्र ने कहा. 'कृपया मुझे माफ़ करें ! मैंने आपको गलत नहीं समझा लेकिन आप ... '
उसके सामने चाँदनी के मुँह से एक शब्द भी नहीं निकल सका, वहाँ चाँदनी के आँसू थे जो सारी बातें बता रहे थे.
चांदनी वहां से एक सुरक्षित घर में चली गई.
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