' इ राहुल किधर रह गया ?, उसको पता है ना आज हमको नॉमिनेशन भरने जाना है। भाई 12:00 बजे तक नॉमिनेशन खत्म हो जाएगा 11:00 तो यही बज चुके है।'संजय ने कॉलेज के गेट पर खड़े खड़े चिंता जाहिर की।
'कह तो रहा था कि तुम्हारे लिए कोई सरप्राइस ला रहा है बस 5 मिनट में पहुंच जायेगा ' अंकुश ने भी नजर दौड़ आते हुए कहा।' रोहित भी तो गया था साथ में'
' तो कहां है फिर, अगर मैं चुनाव ही ना लड़ सकूंगा ये होगा मेरे लिए सरप्राइस तो' संजय गुस्से में बोल रहा था।
' आ गया ...भाई आ गया ...सॉरी सॉरी' राहुल भागते हुए आया जिसके हाथ में एक छोटा सा बैग भी था।
' कहां रह गए थे वे और इ थैले में का है?' संजय ने पूछा ।
' इ लाने गया था ' राहुल ने थेली में से रुपए निकाल कर दिखाएं।
' तो तुम्हारा बाप मान गया ' संजय ने आश्चर्य से पूछा। जिस पर राहुल ने सर हिला दिया।
' क्या बात किए थे उसके साथ हमको भी बताओ' अंकुश ने पूछा।
' कुछ खास नहीं पहले तो उनहाने मेरी आवाज पहचान ही नहीं फिर जब कहा कि मैं राहुल बोल रहा हूं तो जोर जोर से रोने लगे फिर उसका वही माफी मांगने का नाटक।पर मैंने बीच में काम की बात कह दी मैंने कहा कि मुझे कॉलेज की पढ़ाई के लिए ₹5 लाख की जरूरत है तो उन्होंने कल रात ही मेरे खाते में ₹8 लाख डाल दिए।' राहुल ने पूरी बात बताई।
' बस इतनी ही बात हुई? ' संजय ने शक करते हुए पूछा।
' ना... थोड़ी और होई...वो रो रहे थे , और बता रहे थे कि उन्हें कितना अफसोस है, और वो मुझे कितना याद करते है,फिर मुझे भी बुरा लगने लगा ...तो मैंने उनको माफ कर दिया । पता नहीं ...कॉलेज ख़तम होने के बाद में उनसे मिलने यूएस जाऊंगा ...शायद ' राहुल ने धीरे धीरे बताया।यह सुनकर संजय और अंकुश खुश थे।
' पर 8 लाख रुपए इतने पैसों का हम क्या करेंगे बे हमारे लिए तो 5 लाख ही बहुत है, और यह तो साला.. यह तो ...यह तो 6,50, 000 ही है इसमें डेढ़ लाख कम हैं' संजय ने पैसे को गीनकर चिंता से राहुल की तरफ देखा।
' वो तो गुरु तुम्हारे सरप्राइस लाने में लग गए'। राहुल ने हसकर कहा।
' इसके अलावा भी और सरप्राइस है, क्या है बे, हमें भी बताओ अब वेट नहीं हो रहा है' और अंकुश ने राहुल के कंधे पर हाथ रखा।
' उ देखो तुम्हारा सरप्राइस ' राहुल ने रोहित की तरफ इशारा किया, जो एक नई ROYAL Enfield ' बुलेट ' को चलाते हुए आ रहा था। जिसको देखकर अंकुश और संजय दोनों के मुंह खुले के खुले रह गए और राहुल गर्व से मुस्कुरा रहा था।
' इ सच में हमारे लिए ' संजय बुलेट को छूकर देख रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि वह अब भी कोई सपने में है।
' हां भाई और किसके लिए तुम्हारे लिए ही तो है, अब कॉलेज के होने वाले अध्यक्ष हो कितने दिन इस TVS SPORTS पर घूमोगे, बड़ा नेता लोग सारा ऐसी luxury चिजो पर ही सवारी करता है।' राहुल ने हाथ बांधकर कहा।
संजय ने राहुल को गले लगा दिया और बोला' साले आज तक तुम हमको कभी एक रुपए का टॉफी भी नही खिलाए , और आज सीधा बाइक गिफ्ट दे रहे हो सच में गज़्ब आदमी हो बे तुम '
' यह तुम हमारा तारीफ कर रहे हो ,या बेइज्जतती समझ में नहीं आ रहा है ,....पर जो भी है आज सब स्वीकार है गुरु....पर हां थोड़ा बहुत हम भी चलाएंगे। 'राहुल ने भी उसे गले लगा दिया।
' सुनो बे सबसे पहले हम ही चलाएंगे इसे'अंकुश ने बुलेट पर बैठते हुए कहा।
' उतरो बे भारी बाइक है तुम नहीं संभाल पाओगे कहीं गिर विर गए तो तुम्हारी मम्मी हमें कहेगी' संजय ने अंकुश को खींच कर नीचे उतारा।
' साला इस आदमी को बाइक क्या मिल गया इसमें तो घमंड आ गया' अंकुश ने नाराज होते हुए कहा।और राहुल हंसने लगा।
' भैया जरा पीछे तो देखो हमने क्या लिखवाया है'रोहित ने बाइक पर बैठे संजय से कहा।
' क्या लिखवा लीया बे ? कुछ उल्ट सल्ट तो नहीं लिखवा दिया ना' संजय ने पीछे आकर देखा तो बाइक पर बोल्ड अक्षरों में लिखा हुआ था' कॉलेज प्रेसीडेंट संजय भैया '
' अबे पहले चुनाव तो जीत जाने देते, यह तो बाद में भी लिखवा लेते' संजय ने हंसते हुए रोहित से कहा।
' चुनाव तो हम जीते हुए ही हैं अब बाइक पर भले ही पहले लिखावाओ या बाद में क्या फर्क पड़ता है' राहुल ने अपना कारण स्पष्ट किया।
'हां यह भी सही बात है ' संजय ने बाइक स्टार्ट की और राहुल उसके पीछे बैठ गया। रोहित और अंकुश दूसरी बाइक पर आने लगे। चुनाव कार्यालय खचाखच भरा हुआ था संजय और उसके दोस्त जैसे हीअंदर घुसे उन्होंने आदित्य को देखा जो अपना नॉमिनेशन भरा चुका था और 7-8 लड़कों से गिरा हुआ था। संजय ने अपना नॉमिनेशन फॉर्म भरा और वापस आने लगा
' ओहो संजय भैया... आप.. हमको तो लगा उस दिन के बाद दिखोगे ही नहीं पर आप तो आ गए , खैर अच्छा ही किया उस दिन अकेले में बेइज्जती होई थी अब सबके सामने करवाओगे ' आदित्य ने हंसते हुए कहा।
' अरे ! कैसे नहीं आते भई हमने कहा था ना कि तुम्हारी और तुम्हारे चाचा की मारेंगे ...तो वादा तो निभाना पड़ेगा ना , हम तुम्हारे जैसे थोड़ी है कि अपनी बात से मुकर जाएं ' संजय ने वापस हंसकर जवाब दिया। राहुल और अंकुश भी मुस्करा दिए।
' आे ...अच्छा .... चलिए वो भी देख लेंगे ...पर आपके समर्थक थोड़े कम नहीं हैं क्या... उ का है कि सिर्फ चार लोगो से राजनीति नहीं होती हैं.. बस मुजरा होता है' आदित्य ने पलटवार किया।राहुल और अंकुश की मुठिया तन गई।
' अरे!..गुरु तुमने सुना नहीं क्या की १०० हिजड़ों से 4 चूतियो की फौज भली...बस वही समझ लो और तुम्हारी लेने के लिए तो हम चार ही काफी हैं' संजय ने जवाब दिया।
' और गुरु तुम्हारा तो होगा गैंग बेंग..... झंडू बाम तैयार ही रखो पिछवाड़े पर मलने के लिए ' राहुल ने आगे आकर कहा। यह सुनकर आदित्य के सभी साथी हंस दिए।
' चलो बे .... ई रोने लगेगा ..फिर भागेगा अपने चचा कि गोदी में ....चलो ' संजय ने कहा और सब चल दिए।
# बाइक पर-
' ई आदित्य का कुछ करना पड़ेगा , मुझे इसके इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं....इसकी फिल्डिंग जमानी पड़ेगी ' संजय ने बाइक पर चलते हुए राहुल से कहा।
' हा जमा देंगे तो ...तुम जानते नहीं क्या हम..' राहुल कुछ बोल रहा था इतने में संजय के मोबाइल की घंटी बजी।संजय ने बाइक रोककर देखा तो प्रतिभा का कॉल आ रहा था।
' उ हमने आप की बात कर ली हैं, कल का प्रोग्राम बनाए है ...बस आप सम्भाल लेना ' प्रतिभा ने कहा।
' हां ठीक है' संजय ने कहा और फोन काट दिया और वापस बाइक चलाने लगा।
' किसका फोन था भाई' राहुल ने पीछे से पूछा।
' गुरु अब मिलने जाना होगा ' संजय ने कहा।
' अभी ....अभी तो मिलकर आए थे उससे वापस क्यों जाना है , अभी तो हम कुछ सोचे भी नहीं...' राहुल ने कहना जारी रखा।
' अरे! उससे नहीं बे ' संजय बोला
' तो किससे? '
' तुम्हारी भाभी से ' संजय ने जोर से हंसते हुए कहा।
' क्या........?' राहुल जोर से चिल्लाया।
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