चाँद के चेहरे के ऊपर अचानक एक छोटा सा काला बादल छा गया । एक मिनट के लिये, अचानक सागर ठंडा और उसका किनारा अंधकार से भरा हुआ और बेरुखा सा लगा । उस बादल के छँटने के बाद लहरों पर फिर से चाँदनी थिरकने लगी और बीच पर फिर से रोशनी छा गई ।
रिया मारलौक्स मेरी तरफ देख रही थी ।
“इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करने का दूसरा कोई तरीका नहीं है ।” उसने कहा, “यह किडनैपिंग से ही होगा ।
मेरे पति से पैसा झटकने का यही एक तरीका है । यह बहुत आसान है । बस इस मामले में तफसील से काम करने की जरूरत है ।”
“किडनैपिंग की सजा मौत है ।” मैंने कहा, “क्या तुमने यह सोचा है ?”
“लेकिन कोई किडनैप नहीं हो रहा है ।” अपनी सुडौल टांगों को उसने फैलाते हुए कहा । “मान लो, अगर कुछ गलत हो जाता है, तब मैं अपने पति को सच्चाई बता दूँगी । बस इतनी सी ही तो बात है ।”
मुझे वह औरत ऐसे लगी जैसे कोई कालीन बेचने वाला मुझे नकली ईरानी कालीन बेच रहा हो ।
लेकिन मेरे दिमाग में कहीं न कहीं पचास हजार डॉलर्स का विचार घूम रहा था । मैंने अपने आप से कहा, ‘अगर मैं पूरे मामले को ढंग से संभाल लेता हूँ, खुद सारी डिटेल्स तैयार कर लेता हूँ तो शायद मैं वो रकम झटकने में कामयाब हो सकता हूँ ।’
“तुम्हारा मतलब है कि तुम्हारा पति इसे सिर्फ हँसी में टाल देगा और तुम्हें कहेगा कि तुम और तुम्हारी सौतेली बेटी बड़ी शरारती हो और वह इससे ज्यादा कुछ नहीं करेगा ? यह बात कि मैंने उसे टेलीफोन किया है, उसे धमकी दी है कि उसकी बेटी का अपहरण हो गया है और फिरौती की मांग की है, उसके लिये कोई मायने नहीं रखेगी – वह सारी बातों को मज़ाक में लेगा । तुम सोचती हो कि वह पुलिस को बताएगा कि यह एक किस्म का खेल था जो उसकी बीवी ने उससे पाँच लाख डॉलर्स ठगने के लिये रचा था ?”
वहाँ एक लंबी खामोशी छा गई, फिर वह बोली, “मुझे तुम्हारे बोलने का तरीका पसंद नहीं आया, मिस्टर बार्बर । तुम अपने आपे से बाहर हो रहे हो ।”
“मुझे खेद है लेकिन मैं कभी अखबार में काम करता था ।” मैंने कहा, “मैं जानता हूँ, और शायद तुमसे बहुत बेहतर ढंग से जानता हूँ कि अगर फेलिक्स मारलौक्स की बेटी किडनैप होती है तो यह खबर पूरी दुनिया में सुर्खियों में होगी ।”
उसने बेचैनी से कुर्सी में अपना पहलू बदला और मैंने उसके हाथों की मुट्ठियाँ भिंचते हुए देखीं ।
“तुम बात को बढ़ा चढ़ा कर कह रहे हो । मैं अपने पति को पुलिस नहीं बुलाने दूँगी ।” उसकी आवाज में तेजी और बेचैनी थी । “हालात इस तरह से सामने आएंगे: ओडेट गायब हो जाएगी । तुम मेरे पति को फोन करोगे और उसे बताओगे कि उसका अपहरण हो गया है । अगर मेरा पति पाँच लाख डॉलर दे देगा तो वह लौट आएगी । मेरा पति पैसा दे देगा । तुम उस पैसे को कलेक्ट करोगे और ओडेट वापस आ जाएगी । इस मामले में बस इतना ही है ।”
“तुम्हारा मतलब है कि तुम्हें बस इतना कुछ होने की ही उम्मीद है ।”
उसने बेचैनी से फिर पहलू बदला ।
“मैं जानती हूँ कि इस मामले में बस इतनी ही बात है, मिस्टर बार्बर । तुम मुझे बताओ कि अगर तुम्हें अच्छा खासा पैसा मिले तो क्या तुम ये रिस्क लेने को तैयार हो ? मैं तुम्हें पचास हजार डॉलर्स का ऑफर देती हूँ । अगर यह रकम काफी नहीं है तो तुम बोलो । फिर मैं किसी दूसरे आदमी को ढूंढ लूँगी ।”
“तुम ऐसा करोगी ?” मैंने कहा, “बचपना मत करो । तुम्हारे पास पूरा वक्त है ऐसे आदमी को ढूँढने के लिये जो ये काम कर सके । मुझे इस प्लान में कुछ भी सही नहीं लगा । इसमें दुनिया भर की कमियाँ है । इसके बावजूद जो तुम कह रही हो अगर वैसा न हो तो! मान लो, तुम्हारा पति पुलिस को बुला ले तो ? अगर एक बार पुलिस तुम तक पहुँच जाती है तो वो वहाँ तब तक रहेगी जब तक कोई गिरफ्तार नहीं हो जाता और वह कोई, मैं हो सकता हूँ ।”
“पुलिस इस मामले में दाखिल नहीं होगी । मैंने तुम्हें बता दिया है, मैं अपने पति को हैंडल कर सकती हूँ ।”
मैंने कैंसर से धीमी मौत मर रहे एक बुढ़ाते हुए करोड़पति के बारे में सोचा । शायद जिंदगी पर उसकी पकड़ कमजोर हो चुकी थी । शायद वह औरत सही थी । शायद उसके अंदर हिम्मत थी कि वह अपने पति को बिना संघर्ष किए पाँच लाख डॉलर देने पर मजबूर कर सकती थी । शायद...
अंतरात्मा के इस प्रलाप के बीच यह विचार मेरे मन में कौंधा कि अगर यह किस्सा काम कर गया तो मैं पचास हजार डॉलर्स का मालिक बन जाऊंगा ।
“क्या तुम्हारी सौतेली बेटी इस विचार से सहमत है ?”
“बिल्कुल । उसे भी पैसे की उतनी ही जरूरत है, जितनी मुझे ।”
मैंने अपनी सिगरेट के बचे हुए टुकड़े को अंधेरे में उछाल दिया ।
“मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूँ,” मैंने कहा, “अगर इसमें पुलिस का दखल बना तो हम सब मुसीबत में पड़ जाएँगे ।”
“मुझे लग रहा है कि तुम वो आदमी नहीं हो जिसे मैं ढूंढ रही हूँ,” उसने कहा, “मेरे ख्याल से हम दोनों एक दूसरे का समय बर्बाद कर रहे हैं ।”
मुझे उससे सहमत हो जाना चाहिए था और उसे उस अंधेरे में वैसे ही चुपचाप चले जाने देना चाहिए था जैसे वह आई थी । लेकिन मेरे दिमाग में पचास हजार डॉलर्स का ख्याल अटका रहा, जो वह मुझे ऑफर कर रही थी । उस रकम के ख्याल ने मुझे अपने सम्मोहन में जकड़ लिया था । मैंने महसूस किया कि जैसे मैं चाँदनी रात में बैठा हुआ था और पुलिस कमिश्नर ने पचास हजार के नए कड़क नोट अपनी मेज पर रख दिये हों और मैं अब की बार उस रिश्वत के लिये तैयार हो गया । मैंने एक सदमे के साथ महसूस किया कि मेरा जमीर दस हजार की रिश्वत के सामने अडिग रहा लेकिन पचास हजार की पेशकश के सामने टिक न सका ।
“मैं तुम्हें सिर्फ चेतावनी दे रहा हूँ ।” मैंने कहा, “तुम, तुम्हारी बेटी और मैं बेहाल हो जाएँगे अगर हम लोग सलाखों के पीछे पहुँच गए ।”
“मुझे कितनी बार तुम्हें बताना पड़ेगा ? इस बात का सवाल ही नहीं उठता ।” उसकी आवाज से एक खीज भरी परेशानी झलक रही थी । “क्या मैं तुम पर भरोसा कर सकती हूँ या नहीं कर सकती ?”
“तुमने अपनी योजना के बारे में मुझे सिर्फ मोटे तौर पर बताया है । अगर तुम मुझे सही ढंग से यह बता सको कि तुम मुझसे क्या करवाना चाहती हो,” मैंने कहा, “तभी मैं कोई फैसला कर पाऊँगा ।”
“ओडेट कहीं पर गायब हो जाएगी, फिर तुम मेरे पति को फोन करोगे ।” उसकी आवाज में हताशा थी, “तुम उसे बताओगे कि उसका अपहरण हो गया है और वह पाँच लाख डॉलर्स की रकम देने पर वापस आ जाएगी । तुम मेरे पति को यह यकीन करने पर मजबूर करोगे कि अगर उसने फिरौती की रकम अदा नहीं की तो ओडेट कभी वापस नहीं आएगी । तुम्हें इस बात के लिये खुद पर विश्वास रखना होगा । मैं इसी बात के लिये तुम पर भरोसा कर रही हूँ ।”
“क्या तुम्हारे पति आसानी से डर जाते हैं ?” मैंने पूछा ।
“वह अपनी बेटी को बहुत प्यार करता है ।” उसने धीरे से कहा । “ऐसी परिस्थिति में वह आसानी से डर जाएगा ।”
“फिर मुझे क्या करना होगा ?”
“तुम्हें यह इंतजाम करना होगा कि वह हमें पैसा कैसे देगा । तुम उसे कलेक्ट करोगे, अपना हिस्सा निकालकर बाकी का पैसा मुझे दे दोगे ।”
“और तुम्हारी बेटी का भी ।”
वो एक पल के लिये रुकी और फिर बोली, “हाँ, बिल्कुल ।”
“यह सब सुनने में कितना आसान सुनाई देता है ।” मैंने कहा, “इसमें एक कमी है कि तुम्हें यह पता नहीं है कि तुम्हारा पति इस मामले में क्या प्रतिक्रिया करेगा और इस बात का तुम्हें अंदाजा भी नहीं है । हो सकता है, वह आसानी से न डरे । वह पुलिस को बुला सकता है । जिस आदमी ने इतनी शानदार किस्मत पाई है, जब उसे इसकी जरूरत होगी तो वह उसका साथ भी दे सकती है । क्या तुमने इस बारे में सोचा है ?”
“मैं तुम्हें बता चुकी हूँ । मैं उसे हैंडल कर लूँगी ।” उसने अपनी सिगरेट से कश खींचा, जिससे उसका गुलाबी चेहरा दमक उठा । “वह बहुत बीमार है । दो या तीन साल पहले यह काम संभव नहीं था मिस्टर बार्बर । एक बीमार और कमजोर आदमी ज्यादा प्रतिरोध नहीं कर सकता, अगर उसका कोई अपना खतरे में हो जिससे वह बहुत प्यार करता है ।”
मुझे यह सोच कर बहुत बुरा लगा, लेकिन भगवान का शुक्र है कि वह औरत मेरी बीवी नहीं थी ।
“शायद तुम इस बारे में मुझसे बेहतर जानती हो ।” मैंने कहा ।
दोबारा फिर चुप्पी छा गई । मैं उसके तीखे तेवर महसूस कर सकता था, जब उसने अंधेरे में मुझे घूर कर देखा ।
“ठीक है! तुम यह काम कर रहे हो या नहीं ?”
मैंने एक बार फिर पचास हजार डॉलर्स के बारे में सोचा । यह काम मुझे ऐसा नहीं लगा था जिसे दौड़ कर लपक लिया जाए । लेकिन सोच विचारकर और योजना बनाकर काम करने से बात बन सकती थी ।
“मैं इसके बारे में सोचना चाहता हूँ ।” मैंने कहा, “मैं कल तुम्हें अपने निर्णय के बारे में बता दूँगा । उम्मीद है कल तुम मुझे ग्यारह बजे यहाँ पर फोन करोगी ?”
“क्या तुम अभी हाँ या ना नहीं कर सकते ?”
“मैं इसके बारे में सोचना चाहता हूँ । मैं कल तुम्हें अपना अंतिम फैसला बता दूँगा ।”
वो उठ खड़ी हुई । अपना बैग खोलते हुए उसने नोटों की एक छोटी गड्डी बाहर निकाली और उसे हमारे बीच पड़ी मेज के ऊपर रख दिया ।
“इससे तुम्हारे इस कैबिन के किराये और दूसरे खर्चे पूरे हो जाने चाहिए । मैं कल फोन करूंगी ।”
वह उतनी ही खामोशी से वापस लौट गई, जितनी खामोशी से आई थी और किसी प्रेत की तरह अंधेरे में विलीन हो गई ।
मैंने उन नोटों को उठाया जो वह टेबल पर छोड़ गई थी । वो दस डॉलर के दस नोट थे । मैंने उन्हें मन ही मन पाँच सौ से गुणा करते हुए अपने हाथों से फिसल जाने दिया ।
अब दस बजकर दस मिनट का समय हुआ था । मेरे पास घर लौटने से पहले कुछ घंटों का समय था । मैं वहाँ चाँदनी में समुद्र को देखते हुए बैठा रहा और उसके प्रस्ताव पर विचार करता रहा । मैंने इसके बारे में हर कोण से विचार किया : खास तौर पर उसमें छुपे हुए खतरे के बारे में ।
आधी रात के कुछ पल गुजर जाने के बाद, मैंने निश्चय कर लिया । यह निर्णय लेना आसान नहीं था लेकिन मैं उस पैसे के प्रलोभन में आ गया जो वह मुझे ऑफर करने जा रही थी । उस पैसे से मैं और नीना एक नयी जिंदगी की शुरुआत कर सकते थे ।
अपनी शर्तों पर, सिर्फ अपनी शर्तों पर, मैंने वह काम करने का निश्चय किया जो वह औरत मुझसे करवाना चाहती थी ।
अगली सुबह मैं कैबिन में जल्दी चला गया । मैंने बिल होल्डेन को बताया कि मैं कैबिन को कम से कम एक दिन के लिये या उससे ज्यादा समय के लिये रखना चाहता था और मैंने उसे दो दिन का किराया दे दिया ।
मैं कैबिन के बाहर धूप में ग्यारह बजने में कुछ मिनट पहले तक बैठा रहा, उसके बाद मैं अंदर गया और टेलीफोन के पास जाकर बैठ गया ।
ठीक ग्यारह बजे टेलीफोन की घंटी बजी । मैंने रिसीवर उठाया ।
“बार्बर हियर ।” मैंने कहा ।
“हाँ है या ना ?”
“हाँ है ।” मैंने कहा, “लेकिन मेरी कुछ शर्तें हैं । मैं तुमसे और दूसरी पार्टी से बात करना चाहता हूँ । आज रात नौ बजे तुम उसके साथ यहाँ आ जाओ ।”
मैंने उसे बहस करने का मौका नहीं दिया । मैंने फोन रख दिया । मैं उसे एहसास करवाना चाहता था कि अब बागडोर उसके हाथ से निकलकर मेरे हाथों में आ गई थी और अब आगे यही सिलसिला चलना था ।
टेलीफोन की घंटी फिर बजी लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया । मैं कैबिन से बाहर निकल गया और दरवाजा बंद करके ताला लगा दिया ।
टेलीफोन की घंटी तब भी बज रही थी जबकि मैं उस तरफ चल दिया जहाँ मैंने अपनी पैकर्ड कार पार्क कर रखी थी ।
मैं कैबिन में छह बजे के बाद वापस लौटा । मैं अपने घर ही था और मैंने इस दौरान कुछ सामान इकट्ठा किया । नीना बाहर गई हुई थी जो मेरे लिये फायदेमंद था, नहीं तो वो जानना चाहती कि मुझे एक लंबी तार, मेरी टूल किट और टेप रिकॉर्डर की जरूरत क्यों थी, जिसे मैं जब हेराल्ड में काम करता था, तब खरीद कर लाया था और जिसको उसने मेरे लिये इतने समय तक सहेज कर रखा ।
दो घंटे, जो मैंने पिछली रात रिया मारलौक्स के प्लान के बारे में विचार करते हुए बिताए थे, वो व्यर्थ नहीं गए थे । मुझे जल्दी ही यह एहसास हो गया कि खुद की सुरक्षा के लिये यह सुनिश्चित करना जरूरी था कि अगर कहीं कुछ गड़बड़ हो जाती है तो, न तो रिया और न ही उसकी सौतेली बेटी, मुझे बीच मझदार में छोड़ कर न जा सके । मैंने हमारी आज रात की बातचीत को रिकॉर्ड कर लेने का निश्चय किया । उन दोनों में से किसी को इस रिकॉर्डिंग का पता नहीं चलेगा । लेकिन अगर मारलौक्स पुलिस को बुला लेता है और इस बात का खतरा हमेशा रहेगा, उस वक्त ये दोनों न तो इस प्लान की जानकारी से मुकर नहीं सकेंगी और न ही इसका इल्जाम मुझ अकेले पर थोप सकेंगी ।
जब मैं कैबिन में पहुंचा, मैं रिकॉर्डर को बेडरूम में ले गया और उसे अलमारी में रख दिया । यह बड़े चुपचाप ढंग से चला, लेकिन कोई एक मौका हो सकता था कि उन दोनों में से कोई अगर चौकन्ना हो तो उसके चलने की आवाज सुन सकता था अगर यह सिटिंग रूम में रखा हो । मैंने अलमारी के पीछे एक सुराख कर दिया जिससे मैंने मेन लीड गुजार दी । इस तार को मैं सिटिंग रूम में ले गया और इसे टू-वे अडेप्टर से जोड़ दिया, जो दरवाजे के पास लगे स्विच से नियंत्रित होता था । मैंने अपने आप को संतुष्ट किया कि जब मैं कैबिन में आऊँ और लाइट को ऑन करूँ तो टेप रिकॉर्डर और सिटिंग रूम की लाइट का स्विच एक साथ ऑन हो ।
मैंने कुछ मिनट यह निश्चय करने में लगाए कि माइक्रोफोन को कहाँ छुपाना चाहिए । आखिरकार मैंने इसे कोने में पड़ी एक मेज के नीचे छुपाने का निश्चय किया, जो अलग-थलग पड़ी थी लेकिन वहाँ आवाज में कोई रुकावट नहीं आनी थी ।
इस सब में मुझे समय लगा । सात बजने तक मैं एक बार प्रैक्टिस कर चुका था और पूरी तरह से संतुष्ट था । रिकॉर्डर ने बिलकुल उसी तरह से काम किया जैसा मैं चाहता था और माइक्रोफोन ने कमरे के हर हिस्से से मेरी आवाज को पकड़ा ।
सिर्फ दो तरह की दिक्कतें हो सकती थीं, जो मेरे दिमाग में आई कि वे दोनों औरतें अगर कैबिन में ही न आयें और अगर दोनों लाइट ही ऑन न करें । मैंने सोचा कि मैं उन्हें कैबिन में आने के लिये राजी कर ही लूँगा । मैं उन्हें समझा सकता था कि कोई आदमी शाम को घूमने के लिये निकला हो सकता है और अगर हम अंदर चल कर सभी की नजरों से दूर न हुए तो वह हमें देख सकता है । अगर वे लाइट बंद करना चाहेंगी तो दरवाजे के पास के स्विच को ऑफ करने की बजाय मैं लैम्प का स्विच बंद कर सकता था ।
बीच पर अभी भी काफी लोग मौजूद थे लेकिन भीड़ धीरे-धीरे कम हो रही थी । एक घंटे तक बीच पूरी तरह से सुनसान हो जाने वाला था ।
मैं अभी अपना समान इकट्ठा कर ही रहा था कि दरवाजे पर दस्तक हुई । मैं जो काम कर रहा था उसमें इतना मगन हो गया था कि दरवाजा खटखटाने की तेज आवाज ने मुझे चौंका दिया । एक पल के लिये मैं दरवाजे को घूरता हुआ खड़ा रहा । फिर मैंने अपनी किट को गद्दे के नीचे छुपा दिया और दरवाजे की तरफ गया । मैंने उसे खोल दिया ।
दरवाजे पर बिल होल्डन खड़ा था ।
“सॉरी, मैंने आपको डिस्टर्ब किया, मिस्टर बार्बर ।” उसने कहा, मैं यह जानना चाहता था कि क्या तुम इस कैबिन को कल भी रखना चाहोगे ? इसके लिये मेरे पास एक फोन आया है ।”
“मैं इसे एक हफ्ते के लिये किराये पर रखना चाहूँगा ।” मैंने कहा, “मैं कुछ आर्टिकल लिख रहा हूँ और इस काम के लिये यह एक अच्छी जगह है । अगर तुम ठीक समझो तो हफ्ते के आखिर में इस कैबिन का किराया तुम्हें दे दूँगा ।”
“श्योर, मिस्टर बार्बर । पूरे हफ्ते के लिये यह कैबिन तुम्हारा हुआ ।”
जब वह चला गया तो मैंने अपनी टूलकिट उठाई, उसे ताले में रखा और अपनी कार की तरफ चल पड़ा । मेरा घर जाने का मन नहीं था इसलिए मैं वहाँ से कोई आधा मील दूर एक सी-फूड रेस्टोरेन्ट में चला गया । जब तक मैंने खाना खत्म किया, मेरी घड़ी में नौ बजने में बीस मिनट का वक्त हुआ था ।
बाहर अँधियारा छाने लगा था ।
मैं वापस अपनी कार चलाता हुआ कैबिन तक पहुँचा । बीच अब पूरी तरह से सुनसान था । मैंने लाइट जलाने की कोई कोशिश नहीं की । मैं एयर कंडीशनर तक पहुंचा और उसे ऑन कर दिया । मैं चाहता था कि जब तक वे दोनों पहुँचे, कैबिन अच्छी तरह से ठंडा हो जाए । बाहर बरामदे में बड़ी गर्मी थी । मैंने अपनी टाइ को कुछ ढीला किया और वहीं आराम कुर्सी पर पसर गया ।
मैं बहुत तनाव में था । मैंने सोचा कि क्या रिया दोबारा लेट हो जाएगी ? उसकी सौतेली बेटी कैसी होगी ?
मैं यह भी सोच रहा था कि जो मैं उन्हें कहने जा रहा था, उसे सुनने के बाद भी क्या उन दोनों में इस खतरनाक प्लान पर आगे बढ़ने की हिम्मत होगी ।
नौ बजने के कुछ मिनट बाद, मुझे एक आवाज सुनाई दी और अपनी बाई तरफ देखने पर मैंने पाया कि रिया मारलौक्स बरामदे की सीढ़ियाँ चढ़ रही थी । वह अकेली थी ।
मैं खड़ा हो गया ।
“गुड ईवनिंग, मिस्टर बार्बर ।” वह वहाँ पड़ी कुर्सियों की तरफ बढ़ते हुए बोली ।
“चलो, अंदर चलते हैं ।” मैंने कहा । “यहाँ से अभी कोई निकला है । हमें एक साथ नहीं दिखना चाहिए ।” मैंने कैबिन का दरवाजा खोला और लाइट ऑन कर दी । “तुम्हारी सौतेली बेटी कहाँ है ?”
वह कैबिन में मेरे पीछे आई और मैंने दरवाजा बंद कर दिया ।
“मेरे ख्याल से, वह जल्दी ही हमारे साथ होगी ।” उसने लापरवाही से कहा । वह एक आराम कुर्सी पर बैठ गई । उसने नीले रंग की स्लीवलेस ड्रेस पहनी हुई थी ।
उसने अपना स्कार्फ उतार दिया, जिससे उसका सिर ढका हुआ था और अपने सिर को झटक कर गहरे भूरे रंग से डाई किए हुए अपने बालों को हिलाया । उसने अब भी हरे रंग के गॉगल्स लगाए हुए थे और उसने उन्हें उतारा नहीं ।
“जब तक मैं उससे बात नहीं कर लेता, मैं इस काम को हाथ नहीं लगाऊँगा ।” मैंने कहा, “मिसेज मरलौक्स, मैं यह सुनिश्चित कर लेना चाहता हूँ कि उसे इस किडनैपिंग के आइडिया के बारे में पता है और वह इससे सहमत है ।”
रिया ने मुझे बड़ी तीखी नजरों से देखा ।
“बेशक, वह इसके लिये राजी है ।” उसने रुखाई से कहा, “तुम्हारा मतलब क्या है ?”
“मैं खुद उसके मुँह से सुनना चाहता हूँ ।” मैंने कहा और बैठ गया । फिर टेप रिकॉर्डर को ध्यान में रखते हुए, मैं बोलता गया, “यह कोई अनुचित मांग नहीं है । तुमने मुझे बताया है कि तुमने और तुम्हारी सौतेली बेटी ने एक प्लान बनाया है, जिसमें तुम्हारी बेटी अगुवा होने का ढोंग करेगी । तुम दोनों को साढ़े चार लाख डॉलर्स की तुरंत जरूरत है । तुम्हारे पति से इस रकम को हासिल करने का इकलौता तरीका नकली किडनैपिंग ही है । अगर मैं तुम्हारी मदद करता हूँ तो तुम मुझे पचास हजार डॉलर्स दोगी ।” मैं कुछ देर के लिये रुका और फिर मैंने बोलना जारी रखा, “किडनैपिंग एक संगीन जुर्म है । मैं इस बात की तसल्ली कर लेना चाहता हूँ कि तुम्हारी बेटी जानती है कि वह क्या करने जा रही है ।”
रिया ने बेसब्री से कहा, “अरे! वह जानती है कि वह क्या कर रही है । वह कोई बच्ची नहीं है ।”
“क्या तुम्हें पूरी तसल्ली है कि तुम्हारा पति पुलिस को नहीं बुलाएगा ?” मैंने पूछा ।
उसने अपनी कुर्सी की बाजुओं को ठकठकाना शुरू कर दिया ।
“लगता है समय बर्बाद करने का तुममें जन्मजात गुण है ।” उसने कहा, “हम इस बारे में पहले भी बात कर चुके हैं, क्या ये सारी बातें पहले नहीं हुई हैं ?”
मुझे अब संतुष्टि हो गई थी । इस छोटी सी बातचीत के रिकॉर्ड होने के बाद, वह इस गुनाह की ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकती थी, अगर हम किसी मुसीबत में पड़जाते ।
मैंने अपनी घड़ी की तरफ देखा : साढ़े नौ बजे का समय था ।
रिया ने एक सिगरेट सुलगा ली ।
“मैंने उसे यहाँ आने के लिये बोला था ।” उसने कहा, “लेकिन वह शायद ही वो सब करती है जो उसे करने को कहा जाए । तुम मुझसे उसे यहाँ घसीट कर लाने की उम्मीद तो नहीं कर रहे थे ?”
मुझे बाहर किसी के आने की आहट सुनाई दी ।
“शायद अब वही है ।” मैंने कहा, “मैं देखता हूँ ।”
मैं दरवाजे तक गया और उसे खोल दिया । एक लड़की सीढ़ियों के नीचे खड़ी हुई मुझे देख रही थी । काफी देर तक हमने एक दूसरे को देखा ।
“हैलो!” उसने कहा और मुझे देख कर मुस्कुराई ।
ओडेट मरलौक्स छोटे कद की और बढ़िया बनी हुई थी । उसने सफ़ेद रंग का कश्मीरी स्वेटर और चीते के खाल की डिज़ाइन की जीन्स पहन रखी थी । उसका चेहरा दिल के आकार का और पीलापन लिये हुए था । वह सोलह से पच्चीस साल तक के बीच की किसी भी उम्र की हो सकती थी । उसकी आँखें स्लेटी रंग की थी । उसकी नाक पतली और छोटी थी । उसके मुँह पर लाल रंग की लिपस्टिक लापरवाही से पुती हुई थी । वह आज के भटके हुए युवा वर्ग की जीती जागती तस्वीर पेश कर रही थी । ऐसी लड़कियाँ जुवेनाइल कोर्ट में आम दिखाई दे जाती हैं : जिद्दी, बागी, हताश, शारीरिक रूप से पीड़ित, भटकी हुई : वह ऐसी ही युवा भीड़ में से एक थी ।
“मिस मरलौक्स ?”
वह खिलखिलाई और फिर धीरे से सीढ़ियों से ऊपर आ गई ।
“तुम जरूर अलीबाबा हो! तुम्हारे बाकी के सब चोर कैसे हैं ?”
“ओह! तुम अंदर आ जाओ, ओडेट ।” रिया ने बेसब्री से कहा, “अपना ये मज़ाक अपने बेवकूफ दोस्तों के लिये बचा कर रखो ।”
उस लड़की ने अपनी नाक सिकोड़ी, मुँह बिचकाया और फिर मेरी तरफ आँख दबाई । वह मेरे पास से निकल कर कैबिन में चली गई । उसकी चाल किसी लहराती हुई नदी की तरह थी, जिसमें उसकी जवानी किसी लहर की तरह हिलोरे ले रही थी ।
मैंने दरवाजा बंद कर लिया ।
मैं टेप रिकॉर्डर के बारे में सोच रहा था । टेप रिकॉर्डर सिर्फ पैंतालीस मिनट तक चल सकता था । मुझे यह सब जल्दी खत्म करना था, जिससे हमारी सारी बातचीत रिकॉर्ड हो जाती ।
“हैलो, रिया डार्लिंग!” जिस कुर्सी पर मैं बैठा हुआ था, उसके पास वाली कुर्सी पर पसरते हुए ओडेट बोली ।
“क्या यह शानदार आदमी नहीं है ?”
“ओह! तुम अपना मुँह बंद रखो!” रिया ने उसे झिड़का, “चुप रहो और सुनो । मिस्टर बार्बर तुमसे बात करना चाहते हैं ।”
उस लड़की ने मेरी तरफ देखा और अपनी पलकों को झपकाया । उसने अपनी टांगों को नीचे कर लिया और एक हाथ अपने कूल्हे पर रखकर और दूसरे से अपनी ठुड्डी को सहारा देकर, गंभीर होने का दिखावा करने लगी ।
“मिस्टर अलीबाबा, अब तुम मुझसे बात कर सकते हो ।”
मैंने उसकी स्लेटी रंग की आँखों में देखा । उसकी इस हरकत से मुझे एक बार भी अच्छा नहीं लगा । उन आँखों में सूनापन था, जिसे वह छुपा नहीं पा रही थी । उसकी आँखों में ऐसी लड़की की दुख और दुविधा थी, जिसे अपने आप पर यकीन नहीं था । वह जानती थी कि वह गलत रास्ते पर जा रही थी, लेकिन उसमें इतना साहस नहीं था कि वह इस बारे में कुछ कर सकती ।
“मैं इसे तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता हूँ ।” मैंने कहा, “क्या तुम इस किडनैपिंग की योजना का हिस्सा हो ?”
उस लड़की ने एक बार रिया की तरफ और फिर मेरी तरफ देखा ।
“इसका हिस्सा ?” वह खिलखिलाई, “रिया डार्लिंग, क्या यह आदमी मजेदार नहीं है ? हाँ, बेशक, मैं इसका हिस्सा हूँ । रिया और मैंने मिलकर यह सोचा है । यह एक शानदार प्लान है, है ना ?”
“क्या सच में ऐसा है ?” मैंने उसे घूरते हुए कहा, “तुम्हारे पिता शायद इस ढंग से न सोचें ।”
“उससे तुम्हारा कोई मतलब नहीं होना चाहिए ।” रिया ने बीच में टोका, “अब अगर तुम इस बारे में संतुष्ट हो तो हम इस विषय में आगे बात कर सकते हैं ।”
“हम इस बारे में बात कर सकते हैं ।” मैंने कहा, “यह सब कब होने वाला है ?”
“जितना जल्दी इसका इंतजाम हो सके, शायद कल के बाद ।” रिया ने कहा ।
“मिस मरलौक्स गायब हो जाएगी ! वह कहाँ गायब हो जाने वाली है ?”
“मुझे ओडेट कह कर बुलाओ ।” लड़की ने अपना सीना मेरी तरफ तानते हुए कहा, “मेरे सभी दोस्त ऐसे ही बुलाते हैं ।”
उसे नजरंदाज करते हुए रिया ने कहा, “कारमेल में एक छोटा सा होटल है । वह वहाँ जा सकती है । यह सिलसिला तीन-चार दिनों के लिये होगा ।”
“वह वहाँ पहुंचेगी कैसे ?”
रिया ने बेचैनी से करवट बदली ।
“उसके पास कार है ।”
“यह बड़ी कमाल की कार है ।” ओडेट ने मुझे बताया, “टी. आर. थ्री । यह हवा की तरह चलती है ।”
“तुम बिना पहचान में आए ऐसी कार नहीं चला सकती हो ।” मैंने कहा, “तुम यहाँ के लोगों के लिये तो एक जानी पहचानी शख्सियत होगी ।”
उसने थोड़ा शर्माते हुए कहा, “मेरे ख्याल से वो तो मैं हूँ ।”
मैंने रिया की तरफ देखा ।
“शायद तुम्हारा ख्याल यह है कि सिर्फ तुम्हें, तुम्हारी बेटी को और तुम्हारे पति को ही इस किडनैपिंग का पता होगा ?”
वह मेरी तरफ त्योरियाँ चढ़ा कर बोली ।
“बेशक ।”
“क्या तुम्हारे लिये कहीं गायब होना इतना आसान है ?” मैंने ओडेट से कहा,“क्या तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है ? तुम्हारे नौकरों के बारे में क्या ख्याल है ?”
उसने अपने नाजुक से कंधे उचकाए ।
“मैं तो हमेशा बाहर जाती रही हूँ ।”
मैंने रिया की तरफ देखा ।
“अगर मैं तुम्हारे पति की जगह होता और अगर किसी ने मुझे टेलीफोन किया होता कि मेरी बेटी का अपहरण हो गया है और मुझे पाँच लाख डॉलर्स देने पड़ेंगे, मैं यह कीमत अदा करने की जल्दबाजी नहीं करता । जिस तरह से तुमने प्लान बनाया है, इसमें कोई दम नहीं है । अगर मैं तुम्हारा पति होता तो मैं यह भी सोच सकता था कि यह एक धोखा था ।” मैं अपनी सिगरेट के टुकड़े को रगड़ता हुआ बोला, “और मैं पुलिस को बुला लेता ।”
“बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि जब तुम उसे फोन करोगे तो तुम कितना डरा सकोगे ?” रिया ने कहा, “इसी बात के मैं तुम्हें पैसे दे रही हूँ ।”
“मैं इस मामले पूरी तरह से आश्वस्त रहूँगा ।” मैंने कहा, “लेकिन मान लो अगर वह पुलिस बुला लेता है ? तुम क्या करोगी ? क्या उसे बताओगी कि यह एक मज़ाक था ? क्या तुम उसे यह बताओगी कि तुम दोनों थोड़ा मौजमस्ती कर रही थी या तुम कुछ नहीं कहोगी और ये उम्मीद रखोगी कि मैं पैसा बरामद कर लूँ और पुलिस को सच्चाई का पता न चले ?”
“मैं तुम्हें बार-बार कह रही हूँ...” उसने गुस्से में बोलना शुरू किया ।
“मुझे पता है, तुमने मुझे क्या कहा है ।” मैंने कहा, “लेकिन मुझे तुम पर भरोसा करने की कोई वजह नहीं है । अगर इस मामले में पुलिस का दखल बनता है, तुम इस प्लान को छोड़ दोगी या फिर भी आगे बढ़ोगी ?”
“हम आगे बढ़ेंगे ।” ओडेट ने कहा, “हमारे पास यह पैसा होना चाहिए!”
उसकी आवाज में एक प्रकार की दृढ़ता थी, जिसने मुझे उसकी तरफ ध्यान से देखने पर मजबूर कर दिया । उसका चेहरा भावशून्य था और वह मेरी तरफ नहीं देख रही थी । वह रिया के तरफ देख रही थी ।
“हाँ, हमें वह पैसा चाहिए और मैं बार-बार कह रही हूँ कि इस मामले में पुलिस नहीं आएगी ।” रिया बोली ।
“यह मान लेना सुरक्षित रहेगा कि ऐसा हो सकता है ।” मैंने कहा, “ठीक है, ऐसा हो सकता है कि तुम्हारा पति पहले फिरौती दे दे लेकिन जब उसकी बेटी वापस लौट आए तो वह स्वाभाविक तौर पर पुलिस को बता दे और वे लोग तहकीकात करें । तुम्हारे पति जैसा आदमी, जिसने इतनी दौलत कमा ली हो, मूर्ख तो नहीं होगा । तुम कैसे जानती हो कि वह नोटों पर निशानदेही का बंदोबस्त नहीं करेगा ? उस पैसे का तुम्हारे लिये क्या फायदा होगा अगर तुम उसे खर्च करने की हिम्मत ही न कर सको ?”
“मैं देखूँगी कि वह ऐसा न कर पाये ।” रिया ने कहा, “इस बात के लिये हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है ।”
“क्या ऐसा संभव है ? फिर तो मैं तुम्हारी हिम्मत की दाद देना चाहूँगा!”
“मेरा पति बहुत बीमार है ।” रिया ने भावहीन और सख्त लहजे में कहा, “ वह वही करेगा जैसा मैं उसे करने के लिये कहूँगी ।”
मुझे अपनी रीढ़ की हड्डी में ठंडक दौड़ती महसूस हुई, जब मैंने उसकी और ओडेट की तरफ देखा । वे दोनों मुझे घूर रही थीं । उस लड़की ने अब ‘नन्ही सी लड़की’ वाला चोला उतार फेंका था । वह रिया की तरह क्रूर और सख्त मिजाज लग रही थी ।
“मैं यह मान लेता हूँ कि तुम्हारा पति पुलिस से सम्पर्क नहीं करेगा ।” मैंने कहा, “जैसी योजना मैंने बनाई है अगर तुम उसे पसंद नहीं करती हो तो मुझे बता दो, मैं इस काम से बाहर हो जाऊंगा ।”
रिया के हाथ उसकी गोदी में, मुट्ठियों में भिंच गए । ओडेट अपने अंगूठे का नाखून चबा रही थी । उसकी आँखें उत्सुकता से भरी हुई थीं ।
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