मैंने ऐलिसन से कहा, “तुम अपना ध्यान रखना‒कहीं यह न हो कि लंदन में कोई तुम्हारा पीछा कर रहा हो।”

“अभी तक तो किसी ने मेरा पीछा किया नहीं, और अगर किसी ने किया भी, तो मैं उसके पीछे-पीछे चलने लगूंगी। अलबत्ता एक आदमी जरूर मेरे पीछे आया था।”
“वह कौन था?”
“डैडी का हाल जानने के लिये प्रधानमंत्री ने अपने सेक्रेटरी को अस्पताल भेजा था। वह कह रहा था कि प्रधानमंत्री डैडी के विषय में बहुत चिंतित हैं।”
अनायास ही मुझे ख्याल आया कि मैकिनटॉश जब व्हीलर से भेंट करके लौट रहा था तो एक कार ने जान बूझकर उसे अपनी जद में लेकर उसकी हत्या करने की कोशिश की थी।”
“तुम एक काम करो, ऐलिसन‒तुरन्त प्रधानमंत्री के सेक्रेटरी को फोन करके उससे यह अनुरोध करो कि वह यह खबर फैला दे कि मैकिनटॉश बहुत बुरी हालत में है और अपनी अंतिम घड़ियां गिन रहा हैं।”
ऐलिसन तुरन्त मेरा इशारा समझ गई।
“तुम्हारे कहने का मतलब है कि यह पता चलने पर कि डैडी अब खतरे से बाहर हैं वे लोग कहीं अस्पताल पहुंचकर डैडी पर हमला न कर दें?”
“यदि उन लोगों को यह पता चल गया कि तुम्हारे डैडी की हालत सुधर रही है, तो वह निश्चित रूप से ऐसा ही करेंगे। तुम प्रधानमंत्री के सेक्रेटरी से कहो कि व्हीलर के किसी साथी से चुपके से यह कह दे कि मैकिनटॉश की हालत बहुत खराब है। जब व्हीलर अपने किसी साथी से फोन पर तुम्हारे डैडी का हाल चाल पूछेगा, और उसे यह पता चलेगा कि मैकिनटॉश गंभीर हालत में है, तो वह तुम्हारे डैडी की ओर कोई ध्यान ही नहीं देगा, और उसकी ओर से लापरवाह हो जायेगा। इस तरह से तुम्हारे डैडी उसके दूसरे हमले से बच जायेंगे।”
“मैं अभी प्रधानमंत्री के सेक्रेटरी से बात करती हूं।”
“व्हीलर के बारे में और कुछ पता चला?”
“मैंने यहां पहुंचते ही अपने तीन चार आदमी उसकी पिछली जिन्दगी की जांच पड़ताल के लिये लगा दिये थे। मैं जब वापस लौटूंगी, तो व्हीलर से संबंधित एक फाइल लेकर आऊंगी।”
दो दिन पश्चात जब ऐलिसन वापस पहुंची तो काफी थकी हुई थी। मीव ने उसे चाय नाश्ता कराया, और हम दोनों को अकेला छोड़कर अपने कमरे में चली गई।
“व्हीलर के बारे में और कुछ मालूम हुआ?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“उसके बारे में तो कोई विशेष पता नहीं चला, अलबत्ता उसके स्टाफ के विषय में बहुत दिलचस्प जानकारी हाथ लगी हैं।”
“वह क्या?”
“उसके ड्राइवर के अतिरिक्त उनका समूचा स्टाफ ब्रिटिश है।”
“और ड्राईवर किस देश का है?” मैंने अधीरता से पूछा।
“वह आयरिश हैं।”
“ऐसा उसने जान बूझकर किया होगा‒वह ड्राईवर वास्तव में व्हीलर का आयरिश संपर्क होगा।”
“वह तो है ही, पर तुमने पूरी बात सुनी नहीं‒उसका स्टाफ भी ब्रिटिश जन्म-जात नहीं है‒वे सबके सब नागरिकता प्राप्त ब्रिटिशर्ज हैं। और उन सबने अपने-अपने नाम बदले हुये हैं।”
“तो वह सब अलबानिया के होंगे?”
“एक को छोड़कर।”
“वह कौन है?”
“उसका रसोइया‒वह चीनी है, तथा उसका नाम चांग पी ल्यू है।”
“यह रसोइया कहां का रहने वाला है?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“वह हांग-कांग का रहने वाला है, यानी वह हांग-कांगी चीनी है। और मजे की बात यह है कि उसके नौकर उसके पास दो तीन साल से ज्यादा नहीं टिकते। यह मेरी महत्त्वपूर्ण जानकारी है।”
“तुम क्या उल्टी सीधी बातें कर रही हो। इसमें महत्त्व की क्या बात है। आजकल के घरेलू नौकर तो किसी के पास भी नहीं टिकते।”
“तुम अक्ल से काम लो, तो तुम्हें समझ आये।” ऐलिसन ने अपनी नोट बुक खोलते हुए कहा, “व्हीलर के घरेलू नौकरों का ब्यौरा इस प्रकार है‒तीन माली, चार बटलर, तीन गृह प्रबंधक, और तीन नौकरानियां‒ये सबके सब अलबानियन हैं, और दो तीन वर्ष के पश्चात नौकरी छोड़कर कहीं और चले जाते हैं। उनकी जगह जो नौकर रखे जाते हैं वे भी अलबानिया से मंगवाये जाते हैं, और फिर उनके लिये ब्रिटिश नागरिकता का प्रबंध किया जाता है। दो तीन वर्ष बाद वे भी नौकरी छोड़कर कहीं और चले जाते हैं, और फिर उनकी जगह पर काम करने के लिये अलबालिया से नौकर मंगवाये जाते हैं। यह एक चक्र है इस तरह से व्हीलर अब तक पचास से अधिक अलबानियों को यहां इंग्लैंड बुला चुका है।”
“व्हीलर के पास से नौकरी छोड़ने के पश्चात ये नौकर कहां जाते हैं?”
“उनमें से अधिकांश दूसरे सांसदों के घरों में नौकरी करने लगते हैं।”
“इससे क्या परिणाम निकलता है?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“इससे दो परिणाम निकलते हैं‒एक तो यह कि व्हीलर का अलबानिया में कोई ऐसा आदमी है जो व्हीलर को वहां से नियमित रूप से आदमी सप्लाई करता है। दूसरा यह कि व्हीलर अलबानिया से आये इन लोगों के लिये पहले यहां पर उनके लिये ब्रिटिश नागरिकता के प्रबंध करता है। तत्पश्चात उनको दो तीन वर्ष किसी प्रकार प्रशिक्षण देकर अपने सांसद साथियों के यहां नौकर रखवा देता है‒घरेलू नौकर मिलते नहीं‒सो कोई भी न नहीं करता होगा‒और उसके बाद व्हीलर इन्हीं नौकरों द्वारा उन सांसदों की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करता रहता होगा। इस तरीके से व्हीलर शनैः शनैः अपना जाल फैलाता जा रहा है।”
“यह साम्यवादी बहुत ही धैर्यवान हैं‒और इनकी घुसपैठ का पता ही नहीं चलता। अब तुम उस स्लेड का ही उदाहरण लो‒वह बीस वर्ष तक ब्रिटिश सरकार के गुप्तचर विभाग में काम करता रहा, और किसी को शुबहा तक नहीं हुआ। खैर, अब तुम यह बताओ कि जिबरालटर कब चलना है?”
“कल सुबह।”
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अगले दिन जब मैं और ऐलिसन स्टेट आफ जिबराटलर पहुंचे, तो उस समय दोपहर के दो बजा चाहते थे। ऐलिसन ने बड़ी कुशलता से विमान नीचे उतारकर एयरपोर्ट के एक कोने पर खड़ा कर दिया था, और विमान का इन्जन बन्द करके नीचे उतरने की तैयारियों में लगी हुई थी।
“तुम यों बुत बने क्यों बैठे हो? अब चलो।”
“मैं बाहर निकलते ही पहचान लिया जाऊंगा‒यहां पर भी मेरी तसवीरें पहुंच चुकी होंगी।”
ऐलिसन ने अपने पर्स से एक पासपोर्ट निकालते हुये कहा, “यह रहा तुम्हारा डिपलोमेटिक पासपोर्ट।” यह पासपोर्ट मेरे असली नाम यानी ओवन स्टेनर्ड के नाम पर था‒उसके अन्दर मेरी तसवीर चिपकी हुई थी। तसवीर के नीचे मेरे हस्ताक्षर थे, जो हूबहू मेरे हस्ताक्षरों से मिलते थे, पर वास्तव में मेरे नहीं थे।
“यह तुमने कैसे किया?” मैंने एलिसन से पूछा।
“इससे तुम्हारा कोई संबंध नहीं। यह एक डिपलोमेटिक पासपोर्ट है‒और तुमसे कोई सवाल तक नहीं करेगा। तुम अब विमान से नीचे उतरो।”
“मैं संकोच से विमान से नीचे उतर आया, और ऐलिसन के पीछे-पीछे चलने लगा। टर्मिनल पर पहुंचकर मेरा हृदय धकधक करने लगा। किन्तु ज्यों ही मैंने वह पासपोर्ट दिखाया‒उस पर डिपलोमेटिक का शब्द अंकित देखकर ही वह पासपोर्ट मुझे लौटा दिया गया, और मैं ऐलिसन के पीछे-पीछे एयरपोर्ट टर्मिनल से बाहर निकल आया।”
“मैंने यहां रॉक होटल में दो कमरे बुक करवा रखे हैं। तुम टैक्सी वाले को बुलाओ।” ऐलिसन ने मुझसे कहा।
मैंने एक टैक्सी को इशारे से अपनी ओर बुलाया, और हम दोनों उसमें सवार होकर रॉक होटल पहुंच गये। होटल पहुंचने के पश्चात ऐलिसन अपने कमरे में चली गई, और मैं अपने में हम दोनों के कमरे में बराबर-बराबर थे। मैं नहा-धोकर नीचे बार में चला आया, और ऐलिसन की प्रतीक्षा करने लगा। थोड़ी देर बाद वह भी वहां पहुंच गई। तत्पश्चात हम दोनों बियर पीने लगे।
“व्हीलर के यहां पहुंचने के पश्चात तुम्हारा क्या प्रोग्राम है?” ऐलिसन ने मुझसे पूछा।
“मुझे किसी तरह याट के अन्दर घुसकर यह पता चलाना होगा कि स्लेड उस याट में है या नहीं।”
“स्लेड यदि याट में हुआ, तो?”
“तो मैं उसको याट से अगवा करने की कोशिश करूंगा।”
“और यदि ऐसा करना संभव न हुआ, तो?”
“तो फिर मुझे उसे याट के अन्दर ही ठिकाने लगाना पड़ेगा।”
ऐलिसन ने कहा, “जहां तक मेरा अनुमान है व्हीलर का याट यहां के याट क्लब में लंगर डालेगा। वह यहां जिबरालटर आता रहता है।”
“यहां का याट क्लब कहां पर है?”
“यहां से कोई आधा एक मील होगा।”
“तो चलो एक नजर याट क्लब पर डाल आये।”
हम दोनों ने अपनी बियर खत्म की, और टहलते-टहलते याट क्लब पहुंच गये। वहां पर नाना प्रकार की किश्तियां लंगर डाले खड़ी हुई थीं। लोग रेते पर लेटे हुये धूप में सेंकने में व्यस्त थे।
“वह सामने छोटा सा टैरेस है।” ऐलिसन ने मुझसे कहा, “वहां पर वे कोल्ड ड्रिंक्स आदि सर्व करते हैं। तुम वहां पर मेरी प्रतीक्षा करो‒मैं फोन करके अभी आई।”
तनिक देर पश्चात जब ऐलिसन वापस आई, तो मुझसे कहने लगी, “व्हीलर का याट कल सुबह ग्यारह बजे यहां पहुंचेगा।”
“अब क्या प्रोग्राम है?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“अब थोड़ी देर तैरने का आनन्द उठाते हैं।”
“मेरे पास तो बेदिंग सूट ही नहीं है।”
“तो यहां की दुकान से खरीद लो।” कहकर ऐलिसन मुझे दुकान की ओर ले आई। वहां से मैंने तैराकी का एक सूट खरीदा। तब हम दोनों ने अपने कपड़े बदले और तैराकी करने के लिये समुद्र उतर गये।
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सुबह के दस बजे का समय था। मैं और ऐलिसन दो आराम कुर्सियों पर याट क्लब के टैरेस में बैठे हुए थे, और व्हीलर के याट के पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इस समय हम दोनों कोल्ड ड्रिंक्स पी रहे थे। ऐलिसन की गोद में एक दूरबीन पड़ी थी। वह थोड़ी-थोड़ी देर बाद दूरबीन आंखों से लगाकर दूर समुद्र की ओर देखने लगती थी, जब ग्यारह बजने को कुछ ही मिनट बाकी थे, तो ऐलिसन दूरबीन से काफी समय तक समुद्र की ओर देखती रही।
“ओवन तुमने तो उस याट की पूरी तसवीरें देख रखी हैं।”
ऐलिसन ने दूरबीन आंखों के साथ लगाये-लगाये मुझसे कहा, “यह देखो तो कहीं यह व्हीलर का याट ही तो नहीं आ रहा?” कहकर ऐलिसन ने दूरबीन मेरे हाथ में थमा दी।
मैं दूरबीन लगाकर समुद्र की ओर देखने लगा, और काफी समय तक देखता रहा। वह व्हीलर ही का याट था।
“हां, यह उसका ही याट है।” मैंने ऐलिसन से कहा।
थोड़ी देर पश्चात वह याट क्लब के निकट पहुंच गया। व्हीलर एक अन्य व्यक्ति के साथ याट के डेक पर खड़ा था।
“वह आदमी जो व्हीलर के पास खड़ा है,” ऐलिसन ने मुझसे कहा, “वह तो याट का कप्तान है, और वह दूसरा आदमी जो पीछे की ओर नीचे झुका हुआ है, वह एक नाविक प्रतीत होता है।”
तभी हमें एक छोटा-सा तेल टेंकर दिखाई दिया, जो याट की ओर आगे बढ़ रहा था।
“यह तेल टेंकर याट के पास क्या करने गया है।” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“इसका मतलब है कि याट में तेल भरवाते ही, व्हीलर यहां से तुरन्त रवाना हो जायेगा‒यानी उसके यहां रुकने का कोई प्रोग्राम नहीं है।”
“यह तो बहुत बुरा हुआ,” मैंने ऐलिसन से कहा, “मैंने तो यह योजना बनाई थी कि रात के समय आंख बचाकर याट के भीतर घुस जाऊंगा, और स्लेड को बाहर निकाल लाऊंगा, पर अब तो यह नहीं हो पायेगा।”
“हमारे लिये यह बहुत अच्छा संकेत हैं।” ऐलिसन ने शांत स्वर में कहा, “व्हीलर की इस जल्दी से इस बात की पुष्टि होती है कि स्लेड उसके याट के अन्दर ही है।”
“तेल भरने में कितनी देर लगेगी?”
“अधिक से अधिक एक घंटा।”
“तो चलो फिर ऐसा करते हैं कि किशती किराये पर लेकर याट के पास चलते हैं। शायद वहां नजदीक से कुछ और पता चल जाये।”
तत्पश्चात हमने एक मोटर वोट किराये पर ली, और याट के पास पहुंचकर इस तरह इधर-उधर देखने लगे, मानो हम कोई पर्यटक हों। तभी हमें याट पर एक और आदमी दिखाई दिया। वह एक चीनी था।
“मेरे विचार में यह व्हीलर का चीनी रसोइया वांग पी वू होगा।” मैंने ऐलिसन से कहा, “इसका मतलब है कि व्हीलर को चीनी खाना बहुत ही अच्छा लगता है।”
“इसके कई मतलब हो सकते हैं, ओवन।” ऐलिसन ने शांत स्वर में कहा।
“और क्या मतलब हो सकता है?”
“ओवन, अलबानिया और रूस की आपस में बिलकुल नहीं बनती। अलबानिया की कम्युनिस्ट केन्द्रीय समिति का अध्यक्ष चीनी भक्त है। उसका झुकाव चीन की ओर है। तुम कहते हो कि व्हीलर रास्ते में स्लेड को किसी रूसी जहाज पर बिठाकर रूस वापस भेज देगा‒और मेरा यह अनुमान है कि वह स्लेड को अलबानिया ले जाकर चीनियों के हवाले कर देगा। चीनियों को और क्या चाहिये‒उनको स्लेड में एक साथ दो गुप्तचर मिलेंगे‒एक तो रूसी क्योंकि वह रूस की ओर से ब्रिटेन में गुप्तचरी करता रहा था‒और दूसरा ब्रिटिश क्योंकि वह बीस वर्ष तक ब्रिटिश गुप्तचर विभाग में काम करता रहा था। और स्लेड बेचारा यह सोच रहा होगा कि वह अपने वतन वापस लौट रहा है।”
“ऐलिसन, अब तुम मुझे यह बताओ कि व्हीलर यहां से कहां के लिये रवाना होगा।”
“मालटा के लिये।”
“वहां पहुंचने में इसे कितना समय लगेगा?”
“चार दिन। तुम चिंता मत करो, ओवन, रास्ते में व्हीलर को एक और जगह भी रुकना पड़ेगा।”
“वह कहां?”
“वलेटा।”
“तो अब क्या प्रोग्राम है?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“यह होटल चलकर तय करेंगे।”
उसके बाद हम दोनों वापिस अपने होटल में लौट आये।
नौ
होटल पहुंचने पर हम दोनों में यह तय हो पाया कि जिबरालटर में रुकने की बजाए वलेटा में व्हीलर के याट की पहुंच का इंतजार किया जाये। तत्पश्चात हमने होटल का भुगतान किया और ऐलिसन के विमान से बलेटा के लिये रवाना हो गये। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट पास होने के कारण मुझे वलेटा एयरपोर्ट पर भी किसी कठिनता का सामना नहीं करना पड़ा था।
व्हीलर के याट को वहां पहुंचाने में अभी चूंकि चार दिन और बाकी थे, तथा हमारे पास और कोई काम नहीं था हम दोनों पर छुट्टियों का सा मूड व्याप्त हो गया। वलेटा में न अधिक सर्दी थी, न अधिक गर्मी। आसमान साफ था। जगह-जगह पर रंग-बिरंगे छोटे-छोटे रेस्तरां थे वहां पक रहे अनेक प्रकार के भोजनों की गंध हमारे नथूनों में भर रही थी। हर रेस्तरां के अन्दर पीने के लिये गर्म-गर्म कॉफी और ठण्डी-ठण्डी बर्फ में लगी बाईन उपलब्ध थी। इन चीजों ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी थी। हम एक रेस्तरां में चले गये और वहां के सुखद वातावरण में भोजन करके गर्म काफी पीने लगे। मुझे ऐसा आनन्द आ रहा था कि जैसा जीवन में कभी नहीं आया था। खाना खाने के पश्चात मैं एवं ऐलिसन काफी समय तक समुद्र में तैराकी करते रहे थे। संध्या होने पर डिनर के पश्चात हम दोनों रात गये तक डांस करते रहे थे। तीन दिन और तीन रातें हमने यों ही बिताई थीं‒सुबह नहा-धोकर होटल से निकल जाते और रात गये थके मांदे वापस आकर सो जाते। तीसरी रात जब हम वापस होटल पहुंचे तो ऐलिसन बहुत ही प्रसन्न मूड में थी। उसका यह मूड देखकर मैं उसके मिसेज स्मिथ होने के भेद को कुरेदने लगा।
“आखिर तुम्हें इतनी दिलचस्पी क्यों है?” ऐलिसन ने मुस्कराते हुये मुझसे पूछा।
“बस यों ही। यदि तुम बताना नहीं चाहती, तो मैं तुम्हें बिलकुल मजबूर नहीं करूंगा।”
“तुम पूछना क्या चाहते हो?”
“मैं यह जानना चाहता हूं कि स्मिथ से अब भी तुम्हारा संबंध है?”
“न! अब मेरा उससे कोई संबंध नहीं।” यह कहते-कहते ऐलिसन का चेहरा मलीन सा हो गया।
मैंने सिगरेट सुलगाते हुये कहा, “तुम दोनों का तलाक हो चुका है?”
ऐलिसन जोर से अपना सिर हिलाते हुये बोली, “ऐसा कुछ नहीं हुआ था। लाओ मुझे सिगरेट सुलगाकर दो।”
मैंने एक सिगरेट सुलगाकर ऐलिसन के हाथ में दे दी।
“उसका यानी मेरे पति का नाम जॉहन स्मिथ था और वह मुझे बहुत ही अच्छा लगता था।”
“वह भी गुप्तचरी के धंधे में था?”
“न तो वह गुप्तचरी के धंधे में था और न ही पुलिस का कोई अधिकारी था। वह एक अकाऊंटेन्ट था और जब मैंने उससे विवाह किया था तो डैडी को अचरज भी हुआ था और क्रोध भी। क्रोध तो शायद डैडी को इस बात पर था कि उनके हाथ से मुफ्त की सेक्रेटरी निकल गई थी‒और अचरज संभवतः इस बात पर था कि मैंने एक अकाऊंटेन्ट से विवाह किया है‒क्योंकि डैडी को गुप्तचरी के अलावा और कुछ सूझता ही नहीं था। यह पेशा डैडी की नस-नस में भरा हुआ है। बहरहाल मैं जॉहन के साथ बहुत ही खुश थी। वह मर्द होने के साथ-साथ बहुत ही दयालु और सौम्य था। जॉहन मुझे इतना अधिक प्यार करता था कि मैं बयान नहीं कर सकती।” यह कहते-कहते एलिसन के नेत्र सजल हो गये।
“फिर क्या हुआ?”
“फिर क्या होना था। मैं हूं ही हतभागी‒एक दुर्घटना में जॉहन की मृत्यु हो गई, और मेरी खुशियों का संसार लुट गया। डैडी ने मुझे बहुत सहारा दिया था, मैं अपना ध्यान बटाने के लिये फिर से डैडी की सेक्रेटरी के रूप में काम करने लगी।”
“इसका आशय है कि तुम्हारे डैडी को तुम्हारे साथ बहुत स्नेह हैं?”
“डैडी भी यही कहते हैं‒किन्तु यह उनका भ्रम है‒डैडी को गुप्तचरी पेशे के अलावा और किसी चीज के साथ स्नेह हो ही नहीं सकता। उनको अपनी पत्नी यानी मेरी मां से भी स्नेह नहीं था। मुझे अपनी मम्मी की अच्छी तरह से याद है। वह बहुत ही स्नेही और सीधी-सादी थी। डैडी को यदि मम्मी से लेशमात्र भी स्नेह होता तो वह कभी भी उनसे अलग न होतीं। मैं अपनी मम्मी और डैडी के तलाक के बाद पैदा हुई थी।”
जब मेरी मम्मी का देहान्त हुआ था तो उस समय मैं दस वर्ष की थी। तब मैंने पहली बार डैडी को देखा था। और जब मैं उनके साथ रहने आई थी, तो अनुमान लगा सकते हो उन्होंने मुझे किन चीजों का प्रशिक्षण दिया था? मैं जब स्कूल से वापस लौटकर स्कूल के काम से निवृत्त होती तो डैडी मुझे पिस्तौल, रिवाल्वर, स्टेनगन आदि चलाना सिखाया करते थे। जब मैं बारह वर्ष की थी तो हाथ की किसी एक उंगली का निशाना बांध सकती थी। अगर अंगूठे का निशाना बांधा तो अंगूठे पर ही गोली लगती थी और यदि छोटी उंगली का निशाना बांधा तो तर्जनी उंगली को ही गोली छेदती हुई पार होती थी‒क्या मजाल जो मेरा निशाना जरा इधर से उधर हो जाये।”
“मेरे किशोरकाल के दिन जब मेरी आयु की लड़कियां गुड्डे-गुड्डियों का ब्याह रचाया करती थीं, तो मैं उन दिनों गोली चलाना सीखा करती थी। जब मैं बड़ी हुई तो डैडी ने मुझे कार चलानी सिखाई, फिर मुझे ट्रक चलाना सिखाया। जब मैं और बड़ी हुई तो मुझे विमान चलाने का प्रशिक्षण दिलवाया। तत्पश्चात मुझे जेट विमान उड़ाने की ट्रेनिंग दिलवाई। मैं ब्रिटिन की पहली और एकमात्र महिला हूं जिसके पास जेट विमान उड़ाने के लाइसेंस है। सारांश में डैडी ने मुझे गुप्तचरी ही विरासत में दी है।”
“क्या मैकिनटॉश यानी तुम्हारे डैडी ने तुम्हें कभी कोई फील्ड जॉब भी दिया था?”
“मैं अब तक तीन फील्ड जॉब कर चुकी हूं और तीनों में सफल रही हूं। मैं जितना इस धंधे की गहराई में जाती गई, उतनी ही मुझे इससे घृणा होती गई। गुप्तचरी के धंधे को दो शब्दों में आरंभ और समाप्त किया जा सकता है‒मरो या मार दो।”
“जब कोई फील्ड जॉब तुम्हारे जिम्मे नहीं होता, तब तुम क्या करती हो?”
“तब मैं योजनायें तैयार करती हूं। तत्पश्चात उनको अंतिम रूप देकर फील्ड एजेन्टों की मिसलें पढ़ती हूं कि कौन एजेन्ट उस योजना को कार्यान्वित करने के योग्य है। उसके बाद डैडी वह योजना उस फील्ड एजेन्ट को सौंप देते हैं। तुम्हारे वाली योजना भी मैंने ही तैयार की थी।”
“इस बारे में तो मैकिनटॉश ने मुझे बताया था कि डाकिये से हीरे छीनने वाली योजना तुमने तैयार की थी। तुम मुझे एक बात सच-सच बताओ-तुम्हारे डैडी की तुम्हारे बारे में और तुम्हारे अपने डैडी के बारे में क्या राय है।”
“मेरे डैडी को मुझ पर अंधविश्वास है‒इससे तुम मेरे बारे में उनकी राय का अनुमान लगा सकते हो‒और जहां तक मेरा संबंध है मुझे अपने डैडी से बहुत ही स्नेह है क्योंकि वह मुझे बहुत अच्छे लगते हैं साथ ही मुझे उनसे घृणा भी है क्योंकि उनके भीतर की मानवता मर चुकी है। यदि ऐसा न होता तो उन्होंने इस धंधे को कब का त्याग दिया होता।”
“तुम भी तो इसी धंधे में हो?” मैंने ऐलिसन पर चोट करते हुये कहा।
“मैं इस धंधे में कितनी हूं और कितनी नहीं, यह तो मैं जानती हूं। खैर अब छोड़ो इन बातों को‒व्हिस्की और बाईन की बोतल लाओ‒मैं नशे में चूर होना चाहती हूं।”
“नशे में चूर क्यों होना चाहती हो?”
“बस यों ही।” यह कहते-कहते ऐलिसन की आंखे फिर सजल हो गई।”
मैं अपनी जगह से उठा और स्काच एवं बाईन की एक-एक बोतल लाकर मेज पर रख दीं और हम दोनों चुसकियां भरने लगे।
ऐलिसन के शराब पीने का ढंग भी ऐसा था मानो उसने शराब पीने की भी ट्रेनिंग हासिल की हो।
“ओवन अब तुम मुझे एक बात सच-सच बताओ‒तुम्हें मेरे विषय में इतनी जिज्ञासा क्यों थी?”
“क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो।”
ऐलिसन ने कोई उत्तर नहीं दिया और व्हिस्की एवं वाईन की चुस्कियां लेती रही। चार-पांच पैग पीने पर भी वह एकदम स्थिर थी। उसकी जुबान में जरा भी लड़खड़ाहट नहीं आई थी। अकस्मात वह मेरे सामने से उठी और मेरे पास चली आई।
“आओ ओवन डांस करें।”
हमने डांस का एक आधा राऊंड ही लिया होगा कि ऐलिसन मेरे होंठों को अपने गर्म होंठों का स्पर्श देते हुये बोली, “देखने में तो तुम वाकई एक मर्द प्रतीत होते हो‒देखू तो तुम एक अशांत अतृप्त स्त्री को तृप्त भी कर सकते हो या नहीं।” कहकर वह मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने बिस्तर पर ले आई और अपना गाऊन एवं मेरे कपड़े उतारकर मुझे बिस्तरे पर धक्का दे दिया।
वह वाकई अतृप्त थी। कोई एक घंटे पश्चात जब हम दोनों चरम आनंद के बाद शिथिलता की अवस्था में एक-दूसरे की बगल में लेटे हुये थे तो ऐलिसन ने स्नेहमयी दृष्टि से मेरी आंखों में देखते हुये कहा, “तुम जैसे दिखाई देते हो, वैसे ही मर्द हो।” कहकर उसने अपनी करवट बदली और सो गई। मैंने चादर उसके शरीर पर ओढ़ा दी और धीरे से उसके बिस्तरे से उठकर अपने कमरे में चला आया।
अगले दिन व्हीलर का याट वहां पहुंचने वाला था। मैं सुबह उठा और नहा-धोकर नाश्ते के लिये नीचे डाईनिंग हाल में पहुंच गया। तनिक देर पश्चात ऐलिसन भी मेरे पास आकर बैठ गई। उसके रवैये से ऐसा प्रतीत होता था, मानो वह गत रात की घटना को बिलकुल भूल चुकी हो। उसने कोई भी उल्लेख नहीं किया और नाश्ता करने लगी।
“मैं अभी हारबर मास्टर को फोन करके मालूम करती हूं कि व्हीलर का याट कब तक यहां पहुंचेगा?”
मैंने ऐलिसन पर अपनी शंका प्रकट करते हुये कहा, “मान लो कि वह दिन के समय यहां पहुंचा और थोड़ी देर रुकने के बाद यहां से रवाना हो गया तो उस सूरत में मैं क्या करूंगा। दिन दहाड़े तो मैं आंख बचाकर याट के अन्दर घुस नहीं सकता।”
“इस बारे में मैं क्या कह सकती हूं? तुम ही कोई उपाय सोचो।”
“यही तो समझ नहीं पड़ रही।” मैंने ऐलिसन से कहा।
“यदि वह विमान से आ रहा होता तो मैं विमान में कोई गड़बड़ करके उसे रोक लेती, पर याटों का तो मुझे जरा भी अनुभव नहीं।”
“मुझे है। मुझे कोई ऐसा प्रबंध करना पड़ेगा कि व्हीलर के याट को रात भर यहां रुकना पड़े।”
“कैसे प्रबंध करोगे?” ऐलिसन ने मुझसे पूछा।
“नाश्ते के पश्चात बाजार से कुछ समान खरीदने चलेंगे‒फिर तुम्हें अपने आप समझ आ जायेगी।”
तत्पश्चात हमने जी भर कर नाश्ता किया नाश्ते के पश्चात ऐलिसन हारबर मास्टर को फोन करने चली गई।
“ओवन, हारबर मास्टर ने मुझे यह बताया है कि व्हीलर का याट दोपही को यहां पहुंचेगा और तेल भरवाने के पश्चात तुरन्त यहां से रवाना हो जायेगा।”
“मुझे पहले ही यही शंका थी,” मैंने ऐलिसन से कहा, “चलो अब बाजार चलें।” बाजार से मैंने नाईलॉन की डोरियां कुछ विस्फोटक पदार्थ और स्कयूबा गेयर खरीदे और वापस चले आये।
“यह स्कयूबा गेयर तुमने किसके लिये खरीदा है?”
“इसकी सहायता से पानी के अन्दर तैरा जा सकता है।”
“और यह नाईलोन की डोरियां किस काम आयेंगी?”
“डोरियों को याट के पंखे के प्रंपेलर ब्लेड्ज के इर्द-गिर्द बांध दिया जाये तो पंखा चलेगा ही नहीं और जब तक किसी इंजन का पंखा न चले, वह इंजन स्टार्ट ही नहीं हो सकता।”
“और यदि किसी ने तुम्हें यह डोरियां बांधते देख लिया तो?”
“किसी के देखने का प्रश्न ही नहीं होता।”
“वह किस तरह?”
“क्योंकि हर याट, जहाज या पानी में चलने वाली हर यंत्रचलित नाव के इंजन और उसका पंखा नीचे पानी में डूबे होते हैं।”
तत्पश्चात हम वहां वलेटा की बंदरगाह पर पहुंच गये और एक रेस्तरां में बैठकर व्हीलर के याट की प्रतीक्षा करने लगे।
व्हीलर का याट कोई ढाई बजे के करीब वहां पहुंचा और उसने तट से थोड़ी दूरी पर लंगर डाल दिया।
हम कुछ समय तक वहीं बैठे हुये याट की ओर देखते रहे। याट के डैक पर केवल एक आदमी खड़ा था, जिसने अपने हाथ से बन्दरगाह की तरफ इशारा किया था। उसका इशारा पाते ही एक छोटा सा तेल टेंकर याट की ओर बढ़ने लगा था।
मैं एवं ऐलिसन अपनी जगह से उठे और रेस्तरां में कपड़े बदलने वाली केबिन के अन्दर चले आये। वहां पर हम दोनों ने अपने कपड़े उतारकर तैराकी सूट पहने और अपने आपको स्कयूबा गेयर (पानी के अन्दर तैरने वाला उपकरण) में फिट करके केबिन का पिछला दरवाजा खोलकर समुद्र में उतर आये और पानी के अन्दर तैरने लगे। मैं आगे-आगे था और ऐलिसन मेरे पीछे-पीछे। हम दोनों पानी के अन्दर तैरते-तैरते याट के पास चले आये और उसके इर्द-गिर्द चक्कर काटकर उसका निरीक्षण करने लगे। फिर हम खोज लगाकर याट के उस हिस्से के पास पहुंच गये जहां पर याट के इंजन के पंखे के ब्लेड पानी में डूबे हुये थे। इंजन के पंखे का व्यास कोई चार फुट के करीब था। इंजन की शाफ्ट जिस पर पंखा फिट था, उसकी मोटाई दो इंच से कुछ ऊपर थी। मैंने अपने पास से नाईलोन की मोटी डोरी निकाली और याट के इंतन की शाफ्ट के इर्द-गिर्द बांध दी। तत्पश्चात मैं नाईलोन की मोटी डोरी क सिरा चार पतली डोरियों से बांधकर उन चारों डोरियों को पंखें के परों के इर्द-गिर्द लपेटने लगा। ऐलिसन उलझी हुई डोरियों के सिरों को संभाले हुये थी ताकि कहीं हमारे हाथ पैर उन डोरियों की लपेट में न उलझ जायें। शाफ्ट एवं पंखे के गिर्द डोरियां बांधने में हमें कोई दो घंटे के करीब लग गये थे। हर पंखें के पर दक्षिणावर्त्त दिशा में घूमते हैं, जबकि मैंने डोरियों को परों के गिर्द वामावर्त्त दिशा में बांधा था ताकि जब वे इंजन को स्टार्ट करें तो पंखों की विपरीत दिशाओं की खींच से पर वहीं के वहीं जकड़े रहें।
यह सब व्यवस्था करने के पश्चात हम पानी के अन्दर तैरते हुये तट पर लौट आये। जब हम दोनों केबिन में अपने कपड़े पहन कर वापस रेस्तरां के टेरेस पर पहुंचे तो याट के डैकर पर अब भी वही आदमी खड़ा था, जो जहाज के स्थिर होने पर बैक पर चला आया था। वह कभी रेस्तरां की ओर देखता और कभी याट के आसपास देखने लगता था। बहरहाल उसने हमें टैरेस में आते और वापस आते दोनों बार देखा था। हम इतनी देर में अपनी-अपनी जगह पर आकर बैठ गये थे और अपने लिये कॉफी मंगवा ली थी।
मैं एवं ऐलिसन कॉफी पीने के साथ-साथ याट की ओर देखे जा रहे थे। थोड़ी देर पश्चात जब वह तेल टेंकर जो याट में तेल भरने के लिये गया था, वहां से वापस लौटने की तैयारी पर दिखाई दिये। कप्तान अपने हाथ इधर-उधर करके नाविकों की आदेश दे रहा था। तनिक देर बाद वे नाविक डेक से नीचे उतरकर याट के अन्दर गायब हो गये। थोड़ी देर बाद हमें इंजन की घड़घड़ाहट सुनाई दी। उसी समय तट पर बंदरगाह के कुछ कर्मचारियों ने याट के लंगर खोल दिये और याट एक झटके के साथ समुद्र में आगे बढ़ने बढ़ने लगा। थोड़ी दूर जाकर याट ने गति पकड़ ली और मेरी उम्मीदों पर पानी फिर गया। मुझे निश्चय था कि याट पानी में एक फुट भी आगे नहीं बढ़ पायेगा। मैं मन ही मन में सोचने लगा कि अलबानिया यहां से केवल 250 मील दूर है और याट यह फासला दो दिन के भीतर तय कर लेगा और उसके बाद स्लेड सदा के लिये मेरे हाथों से निकल जायेगा। ऐलिसन दूरबीन द्वारा ध्यान से याट की ओर देखे जा रही थी।
“वह देखो, ओवन।” ऐलिसन ने दूरबीन मेरे हाथ में देते हुये कहा।
मैं दूरबीन अपनी आंखों से लगाकर याट की ओर देखने लगा। याट अचानक अपने मार्ग से घूम गया था और एक अन्य जहाज से टकराते-टकराते बचा था।
अकस्मात अपने मार्ग से घूम जाने के कारण याट जहाज के किनारे से जा टकराया था।
जहाज का कप्तान मंच पर पहुंचकर यूं अपने अंग झटक रहा था, मानो याट के कप्तान की गालियां दे रहा हो। तभी दूसरा जहाज तनिक सा मुड़कर अपने मार्ग पर आगे बढ़ने लगा और वह याट वहां समुद्र की लहरों में झूलने लगा। याट का कप्तान मंच पर पहुंचकर बंदरगाह की ओर इशारे कर रहा था मानो कोई चीज भेजने के लिये, कह रहा था। कुछ क्षणों के पश्चात हमें एक रिकवरी वोट दिखाई बी, जो याट की दिशा में आगे बढ़ रही थी। याट के बिलकुल पास पहुंचकर रिकवरी वोट ने लोहे के रस्से वाट के रस्से के आगे लगे अंकुड़ों के सांप अटकाये और याट को खींचकर बंदरगाह पर ले आई। मैंने मुस्कराते हुये कहा, “अब मजा आयेगा। घंटा दो घंटे तो इन्हें पता ही नहीं चलेगा कि नुक्स कहां पर है।”
“और जब पता चल जायेगा तो वह उन डोरियों की काटकर फिर रवाना हो जायेंगे।” ऐलिसन ने मुझसे कहा।
“वे डोरियां मैंने इस भांति उलझाकर बांधी है कि उनकी खोलने में उन्हें कम से कम पांच छः घंटे लग जायेगे, और तब तक संध्या हो जायेगी।”
“और अब क्या प्रोग्राम है?” ऐलिसन ने अपनी जगह से उठते हुये कहा।
“अब हम संध्या ढलने की इंतजार करेंगे और संध्या होते ही मैं छिपकर याट के अंदर प्रवेश कर जाऊंगा।”
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आधी रात बीत चुकी थी। दो बजा चाहते थे। व्हीलर का याट अभी भी बंदरगाह के उस भाग में स्थिर था, जहां पर जहाज याट आदि मरम्मत के लिये लाये जाते थे।
मैं एवं ऐलिसन ने दूर हट पर से एक नाव किराये पर ली और हम दोनों उसमें सवार हो गये। मेरे पास कुछ सामान था सो मैं एक ओर को होकर बैठ गया। ऐलिसन ने नाव के चप्पू संभाले और नाव को याट की तरफ आगे बढ़ाने लगी। कुछ देर पश्चात जब हम याट के निकट पहुंचे तो याट के मंच पर कोई आदमी नहीं था। हम काफी देर तक नाव में बैठे याट के पोत मंच का अवलोकन करने रहे थे पर वहां हमें कोई दिखाई नहीं दिया। संभवतः सब अपने-अपने केबिनों में सो रहे थे।
तत्पश्चात मैंने नाव से एक लंबा सा कांटा लंगर उठाया और जहाज की रेलिंग की ओर फेंक दिया। ऊपर पहुंचते ही वह कांटा लंगर रेलिंग के साथ अटक गया। मैंने दो तीन बार कांटे लंगर को नीचे की तरफ खींचा, पर वह अपनी जगह से जरा भी नहीं हिला। तब मैं कांटे लंगर को पकड़कर शनैः शनैः ऊपर की ओर चढ़ने लगा। कोई पांच मिनट पश्चात् मैं याट के पोतमंच पर था।वहां पर चारों ओर सन्नाटा था। मैंने वहीं रेलिंग के पास खड़े-खड़े चारों ओर निगाह दौड़ाई किन्तु वहां पर कोई भी नहीं था। मैंने अपनी जेब से पेन टार्च निकाली और उसकी रोशनी से चलता हुआ पोतमंच से नीचे याट के उस भाग में चला आया जहां पर कैबिन थे। वहां कैबिनों के सामने वाले गलियारे में हल्का-सा बल्ब जल रहा था। तकरीबन हर केबिन का दरवाजा बन्द था, पर किसी पर ताला नहीं लगा हुआ था। मुझे यकीन था कि जिस केबिन में स्लेड होगा, उस केबिन के बाहर निश्चित रूप से ताला लगा हुआ होगा।
मैं दबे कदमों से गलियारे में आगे बढ़ने लगा। अंतिम केबिन से पहले वाले केबिन के बाहर ताला लगा हुआ था। मैं वहीं रुक गया और गलियारे में इधर-उधर देखने के पश्चात मैंने अपनी जेब से मास्टर चाबी निकाली और धीरे से केबिन का ताला खोलकर केबिन के भीतर प्रविष्ट हो गया। अन्दर पलंग पर कोई मुंह पर चादर ढांपे सो रहा था। मैंने उसके चेहरे से चादर हटाई और पेन टार्च की रोशनी में उसका चेहरा देखने लगा‒वह स्लेड था।
तत्पश्चात मैंने अपनी पतलून के अंदर छिपा हुआ रिवाल्वर निकाला और स्लेड की खोपड़ी को ओर लक्ष्य कर दिया। तब मैंने अपना दूसरा हाथ उसके मुंह पर रखा और उसको जोर-जोर से हिलाने लगा।
स्लेड अर्धनिद्रा की अवस्था में मुझे पहचानने की कोशिश करते हुये बोला, “तुम‒तुम कौन हो?”
“मैं तुम्हारा पुराना मित्र रिअरडन हूं, जिसे तुम अकेला छोड़ आये थे। अब मैं तुम्हें यहां से लेने आया हूं।”
अब स्लेड की पूरी नींद खुल चुकी थी और उसने मेरे हाथ में रिवाल्वर को देख लिया था।
“तुम्हारी तो बुद्धि मारी गई है। तुम मुझे यहां से बिलकुल नहीं ले जा सकते।”
“तुम्हें ज्ञात है कि इस समय तुम कहां पर हो?” मैंने स्लेड से पूछा।
“मुझे भलीभांति ज्ञात है कि मैं कहां पर हूं। मैं इस समय जहाज पर सवार हूं। तुम बताओ कि तुम यहां पर कैसे पहुंचे?”
“मैं वहीं से तुम्हारा पीछा कर रहा हूं जहां पर दोनों एक ही कमरे में इन लोगों के नजरबंद थे।”
“तुम कौन हो और तुम काम क्या करते हो?” स्लेड ने मुझसे पूछा।
“मैं कौन हूं यह तो तुम मुझे पहचानते ही हो। जहां तक मेरे काम का संबंध है‒हम दोनों एक ही पेशे में है। अंतर केवल इतना है कि तुम गुप्तचरी करते हो और मैं प्रति गुप्तचरी।”
स्लेड ने एक दीर्घ श्वास छोड़ते हुये कहा, “इसका मतलब है कि तुम जासूस का पता चलते ही उसे किसी न किसी तरह मौत के घाट उतार देते हो। यहां पर तो तुम मुझ पर गोली चला ही नहीं सकते क्योंकि तुम्हारा रिवाल्वर साईलेंसर रहित है।”
“मैंने तुम्हारी हत्या करनी होती तो मैं तुम्हारा गला काट देता‒तुम्हारी आवाज तक न निकल पाती। मैं तो तुम्हें जिंदा हालत में अपने साथ ले जाने के लिये यहां आया हूं।”
“यहां से तो मुझे ले जाना बिलकुल असंभव है।”
“उस हालत में मैं तुम्हारा घोंटकर तुम्हारी हत्या कर दूंगा।” तुम किसी प्रकार के भ्रम में मत रहो। बहरहाल तुम्हें कुछ पता है कि ये लोग तुम्हें कहां ले जा रहे हैं?
“ये मुझे रूस में ले जा रहे हैं।”
“यह भी तुम्हारा भ्रम है।”
“वह कैसे?”
“पहले तुम मुझे यह बताओ कि तुम्हें कुछ मालूम है कि जिस याट में तुम सफर कर रहे हो, वह किसका है, और वह कौन है?”
“इस बारे में तो मुझे कोई ज्ञान नहीं।” स्लेड ने उत्तर देते हुये कहा।
“यह याट ब्रिटेन के एक सांसद का है‒उसका नाम व्हीलर है।”
“व्हीलर से तो मैं कई बार मिल चुका हूं‒उसे तो मैं भलीभांति पहचानता हूं।”
“फिर तो तुम्हें यह समझने में कोई कठिनता नहीं होनी चाहिये कि तुम्हें कहां ले जाया जा रहा है और यदि उन्होंने तुम्हें रूस ही रूस ही पहुंचाना होता तो वे तुम्हें यहां क्यों लाते। वे तुम्हें अटलांटिक सागर में ले जाते। अटलान्टिक सागर में रूसियों के जहाज मक्खियों की तरह भनभनते रहते है। यदि इन लोगों ने वाकई तुम्हें रूस पहुंचाना होता तो तुम्हें अटलान्टिक सागर ले जाकर किसी रूसी जहाज में सवार कर देते। अब तो तुम्हें समझ लग गई होगी।”
“नहीं‒मैं अब भी कुछ नहीं समझा।”
“तो ध्यान से सुनो‒व्हीलर, जिसका यह याट है, एक अलबानिया निवासी है। अलबानिया के चीन के साथ बहुत ही मैत्रीपूर्ण संबंध है, जबकि रूस के साथ अलबानिया की बिलकुल नहीं बनती। यह व्हीलर तुम्हें अलबानिया में ले जाकर चीनी रसोइये द्वारा चीनियों के हवाले करके पीकिंग भिजवा देगा। और चीनी एक रूसी जासूस के साथ किस तरह पेश आते हैं, इसके विषय में तुम मुझसे बेहतर जानते होओगे।”
स्लेड ने कोई उत्तर नहीं दिया और गहरी सोच में पड़ गया। मैंने उसे सोचने दिया। काफी समय बीत जाने पर मैंने उससे कहा, “तुम्हारे लिये दो विकल्प है‒एक चीनियो को उत्पीड़न या ब्रिटेन की जेल। तुम्हारे लिये उचित यही है कि चुपचाप मेरे साथ चले चलो।”
तनिक संकोच पश्चात स्लेड बिस्तरे से उठ खड़ा हुआ और कपड़े पहनने लगा। जब वह कपड़े पहन रहा था तो मैं एकटक उसकी ओर देखे जा रहा था कि कहीं वह कोई हथियार अपने लिबास में न छिपा ले। जब वह कपड़े पहन चुका तो मैंने धीरे केबिन का दरवाजा बोला और उसे साथ लेकर पोतमंच पर चला आया। तत्पश्चात मैं स्लेड को याट के पोतमंच के उस कोने की ओर लाया जहां डेलिंग पर मैंने कांटा लंगर अटकाया था।
वह कांटा लंगर वहां से गायब था।
मैं रेलिंग के पास पहुंचना ही चाहता था कि याट का सारा पोतमंच तेज प्रकाश में नहा उठा। कुछ क्षणोपरांत ही मैं आदमियों के एक समुद्र में घिरा हुआ था। कोई मेरे बाजू मरोड रहा था तो कोई मेरे पेट में घूंसे मार रहा था और कोई मेरी अण्ड ग्रंथियों में घुटने मार रहा था। मैं मन ही मन में प्रार्थना करने लगा कि ऐलिन कहीं याट के नीचे न खड़ी हो।
उन्होंने मुझे इस कदर पीटा कि मैं फर्श पर गिर गया। तभी वे मुझे पैरों से घसीटकर पोतमंच के मध्य में ले आये। तब किसी ने कसकर मेरे बाल पकड़े और मुझे सीधा खड़ा कर दिया।
मुझे बालों से पकड़कर खड़ा करने वाला सीमांस लिंच था।
“अरे यह तो रिअरडन है।” सीमांस लिच ने कहा।
उसी समय याट के कप्तान ने अपने रिवाल्वर की नाल मेरे एक गाल के साथ लगाते हुये कहा, “हमें तुमसे बहुत दिलचस्पी है, रिअरडन।”
“यह रिअरडन नहीं है।” किसी ने शांत स्वर में कहा।
याट के कप्तान ने जो पीछे मुड़कर देखा तो मुझे वह चीनी रसोईया चांग पी यू दिखाई दिया, जो भावशून्य दृष्टि से मेरी ओर देखे जा रहा था। उसकी बगल में एक आदमी खड़ा था। उसका कद लंबा था और उसने सिगरेट केस से एक सिगरेट निकालकर अपने होंठों के बीच अटकाई थी। फिर उसने अपना दाहिना हाथ अपने गाऊन की जेब में डालकर लाईटर निकाला और उसको रोशन करके अपनी सिगरेट को सुलगाते हुये बोला, “इसका नाम स्टैनर्ड है‒ओवन स्टैनर्ड।”
“आपने खुद यहां पहुंचकर मुझ पर बहुत उपकार किया है, अन्यथा मुझे आपकी तलाश करनी पड़ती। मैं आपका बहुत आभारी हूं।” उस आदमी ने मुझसे कहा और सिगरेट के कश लेने लगा।
वह सांसद व्हीलर था।
दस
“यह आदमी तुम्हारे हाथ कैसे लगा?” व्हीलर ने याट के कप्तान से पूछा।
“हमारा एक नाविक यूं ही पोतमंच पर चक्कर काटने गया था। वहां पर उसे रेलिंग के साथ अटका हुआ एक कांटा लंगर दिखाई पड़ गया। यह कांट अगर नीचे की तरफ लटका हुआ था। वह उसे उठाकर मेरे पास ले आया, और फिर मैंने पोतमंच पर गुप्त पहरा बिठा दिया।” याट कप्तान ने व्हीलर को स्पष्टीकरण देते हुये कहा।
“यह स्लेड अपनी केबिन से बाहर कैसे निकल आया?” व्हीलर ने कप्तान से कहा, “उसकी केबिन के बाहर तो चौबीस घंटे ताला लगा रहता था।”
“यह तो सीमांस ही बता सकता है।”
व्हीलर सीमांस लिच की ओर देखने लगा।
“मुझे अच्छी तरह से याद है कि मैं इसके केबिन के बाहर ताला लगाकर आया था। मैंने एक घंटा पहले चैक किया था। इसके केबिन के बाहर ताला लगा हुआ था।”
“तुम यहां से दफा हो जाओ‒मैं तुमसे बाद में बात करूंगा।” व्हीलर ने लिच से कहा, और गहरी नजरों से मेरे चेहरे की ओर देखने लगा।
“मिस्टर स्टैनर्ड, आप यहां से स्लेड की तट पर किस तरह से ले जाते? यहां से तट तक पहुंचने का एक मात्र साधन किस्ती ही हो सकता है। वह किश्ती कहां है?”
“मैं तैरकर याट के पास आया था।” मैंने व्हीलर को उत्तर देते हुए कहा।
“और तुम स्लेड जैसे अपंग को भी शायद तैराकर ही तट पर ले जाते? क्यों?” व्हीलर व्यंग भरे लहजे में बोला।
फिर व्हीलर ने याट के कप्तान को संबोधित करते हुये कहा, “तुम उस किश्ती को तलाश करो।”
“उसकी तलाश की जा रही है।”
व्हीलर अपनी जगह से उठकर स्लेड के पास पहुंचा।
“तुम्हें इस आदमी के साथ जाने की क्या धुन सवार हुई थी? तुम जानते हो यह कौन है? यदि तुम याट से फरार होकर इसके साथ गये होते, तो इसने तुम्हें पुलिस के हवाले कर दिया होता और इसका मतलब तुम समझते ही हो‒तुम्हें चालीस वर्ष तक इंग्लैंड की जेलों में सड़ना पड़ता। इसने तुम पर क्या मंत्र पढ़ा था जबकि तुम इसे बिल्कुल नहीं जानते।”
“मैं तुम्हें बहुत अच्छी तरह से जानता हूं।” स्लेड ने चकित स्वर में व्हीलर को उत्तर देते हुये कहा।
“मुझे भली भांति स्मरण है कि हम पहले भी दो तीन बार डिनर पार्टियों आदि पर मिल चुके है; पर यह और समय था।” व्हीलर ने मेरी ओर देखते हुए कहा।
“तुम मुझे एक बात बताओ,” स्लेड ने व्हीलर से कहा, “तुम्हारा नाम व्हीलर है और तुम ब्रिटिश लोक सेवा के सांसद हो जबकि मैं एक रूसी जासूस हूं, और मैं रंगे हाथों पकड़ा गया था‒तुम इंग्लैंड से भागने में मेरी सहायता क्यों कर रहे हो? इसमें तुम्हारा क्या स्वार्थ है?”
“बहुत खूब! यह एक बहुत ही अच्छा प्रश्न है,” मैंने व्हीलर को संबोधित करते हुये कहा, “तुम स्लेड के प्रश्न का उत्तर दो कि तुम अपने देश के साथ विश्वासघात क्यों कर रहे हो‒यह जानते हुये कि जासूस की सहायता करना घोर देशद्रोह के समान है‒और देशद्रोह का अपराध संसद के उस अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता जिसके द्वारा मृत्युदण्ड समाप्त कर दिया गया हे। देशद्रोह करने वाले को आज भी मृत्युदण्ड दिया जाता है।”
व्हीलर मेरे इस प्रश्न से जरा भी उत्तेजित नहीं हुआ। बल्कि वह मुस्कराने लगा, और शांत स्वर में स्लेड को संबोधित करते हुये बोला, “मैं तुम्हारी सहायता इसलिये कर रहा हूं क्योंकि मैं ब्रिटिश कानून को कोई महत्व नहीं देता, क्योंकि तुम्हारी भांति मैं भी आने वाले कल को बेहतर बनाने के यत्न कर रहा हूं।” फिर व्हीलर ने अपना हाथ स्लेड के कंधे पर रखते हुए शांत स्वर में कहा, “तुम्हारी भांति मैं भी अच्छा कम्युनिष्ट हूं।”
“यदि तुम वाकई कम्युनिष्ट हो, तो मुझे मालूम होना चाहिये था‒पर मुझसे तो किसी ने जिक्र तक नहीं किया था।” स्लेड ने व्हीलर से कहा।
“तुम्हें यह बताने की आवश्यकता ही नहीं थी। इसमें कोई संदेश नहीं कि इंग्लैंड के कम्युनिस्ट समुदाय में तुम एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, पर मेरा महत्व तुम्हारी अपेक्षा कहीं अधिक है। सो इस बारे में तुम्हें बताये जाने की कोई जरूरत ही नहीं थी।”
मैंने बीच में बोलते हुये व्हीलर से कहा, “इंग्लैंड के लिये तुम दोनों का महत्व एक बराबर है। स्लेड के साथ-साथ तुम भी अपने अन्त को पहुंच चुके हो।”
मेरे इस कथन पर व्हीलर ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की, और अपनी आंखें स्लेड के चेहरे पर केन्द्रित करते हुये बोला, “यह स्टैनर्ड तुम्हारे दिमाग में क्या ऊट-पटांग बातें भरता रहा है। वह तुम्हारा दुश्मन है‒दुश्मन की बातों में आना आत्महत्या के समान होता है।”
“तुम मुझे यहां मालटा क्यों लाये हो?” स्लेड ने व्हीलर से पूछा।
“ओह! अब मैं समझा।” व्हीलर ने हंसते हुये कहा, “इसने तुम्हारे दिमाग में यह सनक भरी है कि मैं तुम्हें घर नहीं भिजवा रहा हूं। मैं अपनी वार्षिक छुट्टियां हमेशा भूमध्य सागर में व्यतीत करता हूं। इस वर्ष यदि मैं अटलांटिक सागर में छुट्टियां व्यतीत करने जाता, तो लोगों को व्यर्थ में संदेह होने लगता। मैं तुम्हारी खातिर भी ऐसा जोखिम मोल न लेता।”
“तुम एक अलबनियत हो” स्लेड ने भावशून्य स्वर में कहा, “मुझे तुम पर रत्तीभर भी विश्वास नहीं रहा।”
“मेरे अलबानियन होने से क्या अन्तर पड़ता है?”
स्लेड ने व्हीलर के पास खड़े हुये चीनी की ओर इशारा करते हुये कहा, “इससे बहुत अन्तर पड़ता है।”
मैंने बीच में बोलते हुये स्लेड से कहा‒“व्हीलर कहता है कि तुम्हें घर भिजवा रहा है‒तुम इससे पूछो कि यह तुम्हें किसके घर भिजवा रहा है‒तुम्हारे घर भिजवा रहा है या अपने घर‒इसका घर तो अलबानिया में है, और यह चीनियों के टुकड़ों पर पलता है।”
यह सुनकर व्हीलर तैश में आ गया ओर मेरी ओर घूरते हुये विषाक्त स्वर में बोला, “तुम्हारी जबान बन्द करनी पड़ेगी।”
तब उसने स्लेड को संबोधित करते हुये कहा, “जब तक तुम अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच नहीं जाते, तब तक हमें तुम्हारी भी कड़ी निगरानी करनी पड़ेगी।”
“और मेरा क्या होगा?” मैंने व्हीलर से पूछा।
मुझे कोई उत्तर देने की बजाये व्हीलर अपने चीनी रसोइये की ओर देखने लगा।
“इसकी हत्या कर दो।” चीनी ने भावहीन स्वर में व्हीलर से कहा।
मैंने चीनी भाषा में उस चीनी से कुछ कहा, और वह हक्का-बक्का सा मेरी ओर देखने लगा।
“यह तो बहुत खतरनाक आदमी है।” चीनी ने व्हीलर से कहा।
“हमें तुम्हारी हत्या करनी ही पड़ेगी।” व्हीलर ने विचारमग्न भाव से कहा, “पर किस तरह? हम यह बहाना बना सकते है कि तुम छिपकर यात्रा करने के मकसद से आंख बचाकर हमारे याट पर चले आये थे। फिर तुम पकड़े गये। तुम्हारे पास एक बन्दूक थी‒हमारे आदमियों ने तुम्हें पकड़ लिया। तुमने याट से भागना चाहा, और तुम उनके साथ हाथापाई करने लगे। इस हाथापाई में तुम्हें गोली लग गई, और तुम मारे गये। फिर जब हम तुम्हारी लाश पुलिस के हवाले करेंगे, तो वे तुम्हारी लाश पहचान लेंगे कि तुम रिअरडन हों हमसे कुछ पूछने की बजाय वे हमारे आभारी होंगे कि हमने जेल से फरार एक डकैत की लाश उनके हवाले कर दी। हम पर आंच तक नहीं आयेगी और हमारा मतलब भी हल हो जायेगा।”
“तुम पर पूरी आंच आयेगी।” मैंने शांत स्वर में कहा, “जेल से मैं अकेला फरार नहीं हुआ था‒स्लेड के साथ फरार हुआ था। पुलिस को मुझसे अधिक स्लेड की तलाश है। जब तुम मेरी लाश उनके हवाले करोगे, तो वे तुमसे स्लेड के बारे में पूछेंगे, और अपनी कागजी कार्यवाही पूरी करने के लिये निश्चित रूप से वे तुम्हारे याट की पूरी तलाश लेंगे। तब तुम स्लेड को कहां छिपाओगे?”
व्हीलर मेरी तर्कसंगत बात सुनकर खामोश हो गया।
कुछ क्षण के बाद मैंने उससे पूछा, “तुम्हें मेरे बारे में यह किसने बताया था कि मेरा असली नाम ओवन स्टैनर्ड है?”
“मैकिनटॉश ने।” व्हीलर ने मेरे प्रश्न का उत्तर देते हुये कहा, “उसने मुझे पूरी बात बता दी थी कि तुम दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले हो, और तुम्हें कोई योजना कार्यान्वित करने के लिये इंग्लैंड बुलाया गया था। वह योजना क्या थी‒उसके विषय में तुम जानते ही हो।”
मुझे आश्चर्य होने लगा कि मैकिनटॉश ने मेरा रहस्योद्घाटन क्यों किया। पहले तो मुझे व्हीलर की बात पर विश्वास नहीं हुआ। फिर मुझे ख्याल आया कि अगर मैकिनटॉश ने व्हीलर को न बताया होता, तो उसे यह क्यों कर ज्ञात होता कि मेरा वास्तविक नाम ओबन स्टैनर्ड है और मैं दक्षिण अफ्रीका का रहने वाला हूं मेरे मस्तिष्क में रह-रह कर यह विचार उठ रहा था कि मैकिनटॉश ने मेरे साथ विश्वासघात क्यों किया। और हो सकता है कि अब ऐलिसन भी मुझे बेवकूफ बना रही हों मुझे कुछ समझ नहीं पड़ रही थी। बहरहाल अब मुझे ऐलिसन पर भी पूरा शक होने लगा था।
तभी मुझे उस चीनी की आवाज सुनाई दी। वह व्हीलर से बात कर रहा था।
“मेरे विचार में उचित यह होगा,” चीनी ने व्हीलर से कहा, “कि स्लेड को बेड़ियों में जकड़ कर केबिन में बन्द कर दिया जाये, और अलबानिया पहुंचने तक उस पर चौबीस घंटे निगरानी रखी जाये। और इस ओवन को एक वाटर टाईट कंपार्टमेंट में बन्द कर दिया जाये। इसके अलावा और कोई चारा नहीं है।”
व्हीलर ने चीनी के साथ सहमति प्रकट करते हुये मुझे यहां से जाने को कहा।
व्हीलर का इशारा पाते ही एक आदमी ने जकड़ कर मेरे बाजू को पकड़ लिया और मुझे धकेल कर याट के पोतमंच से नीचे ले जाने लगा। मेरे पीछे-पीछे एक और आदमी था। उसने मेरी वाली बन्दूक मेरी पीठ पर लक्ष्य कर रखी थी, और साथ-साथ ही मेरे पीछे चला आ रहा था। मैंने अपनी परिस्थिति की कई बार समीक्षा की, पर उनकी गिरफ्त से बच निकलने का कोई रास्ता नहीं था। लाचारीवश उनके साथ आगे बढ़ता रहा।
मैं और मेरे दो बन्दीकर्ता, हम तीनों पोतमंच के मध्य में पहुंचे ही थे कि मुझे एक पटाखा चलने की आवाज सुनाई दी। साथ ही मुझे उस आदमी के चीखने की आवाज सुनाई दी जो मेरे पीछे चल रहा था। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो उसके हाथ में सुराख हो चुका था, और खून की तेज धारा बह रही थी। तभी मुझे एक और पटाखा चलने की आवाज सुनाई दी। यह छर्रा उस आदमी के माथे में लगा था, जिसने मेरा बाजू जकड़ा हुआ था। उसने मेरा बाजू छोड़ दिया, और वही जमीन पर गिरकर चीखने चिल्लाने लगा। यह सब इतनी जल्दी हुआ था कि मुझे कुछ समझ ही नहीं आ सका।
“ओ बेवकूफ तू अब यहां क्यों खड़ा है‒नीचे पानी में छलांग लगा।” यह ऐलिसन की आवाज थी। मैंने यह देखने का प्रयास ही नहीं किया कि उसकी आवाज किस दिशा से आयी है। मैंने उसी क्षण ‘रेलिंग फलांगी और नीचे पानी में छलांग लगा दी। उसी क्षण मुझे पानी में किसी और के छलांग लगाने की आवाज सुनाई दी। यह ऐलिसन थी। उसने पानी में ही मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने साथ याट के नीचे ले आई। ऊपर याट पर लोगों के दौड़ने की आवाज सुनाई दे रही थी। तभी मैंने चांस लेने के लिये अपना सर पानी से बाहर निकाला। ऐलिसन मुझसे कुछ ही फासले पर तैर रही थी।
“तुम पानी के अंदर तैरते-तैरते तट पर पहुंचो। मैं विपरीत दिशा से तट पर पहुंचूंगी। कहने के साथ ऐलिसन पानी में डुबकी लगाकर न जाने कहां गायब हो गई।”
मैं किसी न किसी भांति पानी के अन्दर तैरता हुआ तट पर पहुंच गया। अब मेरे मन में यह प्रश्न हो रहा था कि यदि ऐलिसन भी अपने पिता की भांति मुझे बेवकूफ बना रही है, तो उसने मेरी जान क्यों बचाई। मेरे इस प्रश्न का मेरे पास कोई उत्तर नहीं था। बहरहाल मैंने निर्णय कर लिया कि आइन्दां मैं ऐलिसन से भी चौकस रहूंगा। इतनी देर में मैं तट पर पहुंच गया और रेत पर लेटकर ऐलिसन की प्रतीक्षा करने लगा।
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कोई पन्द्रह मिनट पश्चात ऐलिसन मुझे दिखाई दी। वह हाफ-हांफ कर तैर रही थी। मुझे देखते ही उसने हाथ पैर छोड़ दिये। मैं उसकी यह हालत देखकर पानी में उतर आया और उसे खींचकर तट पर ले आया। वह इतनी थकी हुई थी कि उसे सांस लेना दूभर हो रहा था। मैंने उसे रेत पर लिटा दिया और उसके हाथ पांव दबाने लगा। कुछ देर पश्चात जब उसकी सांसें बराबर हुई, तो उसने मुझसे कहा, “मैं दो बार मोटर बोट के नीचे आती-आती बची हूं। पानी के अन्दर होने के कारण मुझे पता नहीं चला कि कोई मोटर बोट मेरी ओर ही आ रही है।”
“तुम वहां याट के ऊपर कैसे पहुंच गई?” मैने ऐलिसन से पूछा।
“तुम्हारे याट के ऊपर चढ़ने के कुछ देर बाद मुझे वहां रेलिंग पर एक आदमी दिखाई दिया था। वह कांटा लंगर को ऊपर खींच रहा था। मैं तुरन्त समझ गई कि वह कप्तान को यह सब बता देगा, और तुम पकड़े जाओगे। अतः मैं अपनी नाव याट के अग्रभाग के पास ले आई। वहां पर लंगर डालने वाले लोहे के रस्से लटके हुये थे। मैं एक रस्से के सहारे याट के पोत मंच पर चढ़ गई, और वहां एक जगह पर अपने आपको छिपा लिया।”
“यह तो मेरी खुशकिस्मती है कि तुम वहां पहुंच गई, अन्यथा मैं तो बिलकुल फंस गया था। तुमने निशाना खूब बांधा था।”
“मैं वहां से थी ही कितनी दूर? छः गज‒इतनी दूरी से तो कोई भी निशाना बांध सकता है।”
“तुमने मेरी जान बचा दी।”
ऐलिसन ने इधर-उधर निगाहें दौड़ते हुये कहा, “अब यहां से चलने की करो। कहीं ऐसा न हो कि व्हीलर के आदमी हमें खोजते-खोजते यहां पहुंच जाये।”
“यहां कोई नहीं पहुंचेगा। खैर, चलो वापस होटल चलते है। तुम पैदल चल पाओगी?”
“बिलकुल चल पाऊंगी।” कहकर ऐलिसन अपनी जगह से उठ खड़ी हुई।
पैदल वहां से होटल एक घंटे का रास्ता था। हम दोनों चुपचाप होटल की तरफ चल पड़े ऐलिसन न जाने किस सोच में थी, अलबत्ता मैं यह सोच रहा था कि मुझे अब क्या करना चाहिये।
आखिर मैंने मौन तोड़ते हुये कहा, “मुझे यह आदेश दिये गये थे कि स्लेड को या तो वापस अपने साथ ले आऊं, या उसको वहीं खत्म कर दूं और मैं इन दोनों में से कुछ भी नहीं कर पाया।”
“इन हालात में तुम कुछ और कर भी नहीं सकते थे।” ऐलिसन ने कहा।
“नहीं ऐसी बात तो नहीं‒मैं यहां याट को केबिन में स्लेड की हत्या कर सकता था, किन्तु मेरी कोशिश यह थी कि मैं उसकी हत्या करने की बजाये उसको जीवित अपने साथ ले आऊं।”
“किसी की हत्या करना इतना आसान नहीं होता।” ऐलिसन कांपते हुये बोली, “किसी को हत्या करना पाप होता है।”
मैं तिरछी निगाहों से ऐलिसन की ओर देखने लगा‒और मन ही मन में सोचने लगा कि जासूसी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात एक जासूस के लिये अपने किसी दुश्मन की हत्या करना एक साधारण सी बात होती है‒और फिर जिसने मैकिनटॉश जैसे कठोर पेशेवर जासूस से गुप्तचरी की ट्रेनिंग ली हो उसके लिये तो एक बंधक की जिंदगी का कोई महत्व ही नहीं होना चाहिये‒उसके लिये किसी मनुष्य की हत्या और पाप के बीच कोई संबंध ही नहीं होना चाहिये।
और वह मैकिनटॉश की बेटी ऐलिसन हत्या को पाप समझती है!
“तुमने आज तक कितनी हत्या की है?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“केवल एक‒और वह भी आज रात‒जब मैंने उस आदमी के माथे में गोली मारी थी, जिसने तुम्हारा बाजू जकड़ा हुआ था।” यह कहने के साथ ऐलिसन कांपने लगी, मानो उसे शीतलहर हो गया हो।
मैंने अपना हाथ ऐलिसन के कंधे पर रखते हुये उससे पूछा, “तुमने मेरी जान बचाने के लिये उसकी हत्या की थी?”
“हां।”
“क्यों?”
ऐलिसन ने कोई उत्तर नहीं दिया, और एकटक मेरी ओर देखने लगी।
मैंने विषांतर करते हुये कहा, “मेरे ख्याल में हमें वह होटल फौरन छोड़ देना चाहिये।”
ऐलिसन सहमति प्रकट करती हुई बोली, “वह तो छोड़ ही देना चाहिये, पर अब क्या प्रोग्राम है?”
“आइंदा का प्रोग्राम तो याट पर निर्भर करता है कि वह किस कदर क्षतिग्रस्त है। अगर याट में कोई नुक्स नहीं, या मामूली सा नुक्स है, और व्हीलर उस नुक्स को दूर करवा के यहां से रवाना हो जाता है तो उस सूरत में हम कुछ भी नहीं कर सकते। और यदि याट काफी खराब है, और आज यहां से रवाना नहीं हो सकता, तो हमारे पास एक और चांस है। मैं आज रात फिर चोरी छिपे उसके अन्दर घुसने की कोशिश करूंगा।”
“दोबारा याट में घुसना तो बहुत मुश्किल होगा।” ऐलिसन ने कहा।
“वह तो है ही, किन्तु कोई न कोई रास्ता तो ढूंढना ही पड़ेगा।”
हम यही बातें करते करते होटल तक पहुंच गये। सुबह हो चुकी थी। लोग घरों से बाहर आना शुरू हो गये थे। हर एक के हाथ में सजावट का सामान था।
मैंने ऐलिसन से पूछा, “यह सजावट का समान काहे के लिये है?”
“आज के दिन यहां के लोग एक त्यौहार मनाते है। सारा दिन अपने घरों को बाहर से रोशनी आदि से सजाते हैं‒और संध्या होते ही आतिशबाजी छोड़नी शुरू कर देते हैं, और रात गये तक आतिशबाजी के साथ धूम-धाम से यह त्यौहार मनाते है।”
यह सुनते ही मेरे दिमाग में एक अजीब सा विचार कौंध गया।
“तुम ऐसा करो, ऐलिसन कि तैयार होकर मेरे कमरे में चली आओ। इतनी देर में मैं भी तैयार हो जाता हूं, और फिर हम यह होटल छोड़ देंगे। कहीं ऐसा न हो कि व्हीलर के आदमी हमें ढूंढते हुये यहां तक पहुंच जाये।”
थोड़ी देर बाद जब ऐलिसन मेरे कमरे में पहुंची तो कहने लगी‒“तुम यहां से कहां जाना चाहते हो‒तुम्हें तो इस इलाके की जरा भी वाकफियत नहीं।”
“हम यहीं अंडरग्राउंड होने जा रहे है। तुम मुझे यह बताओ कि तुम्हारे पास पैसे कितने है?”
“लगभग तीन हजार पाऊंड।”
काफी है‒इससे आधे में ही हमारा काम हो जायेगा,
“पर वह काम है क्या?”
“वह बाद में बताऊंगा। अब तो तुम यहां से चलने की करो। सूर्योदय हो चुका है‒ऐसा न हो कि व्हीलर के आदमी यहां पहुंच जायें।” कहकर मैंने ऐलिसन का हाथ पकड़ा और होटल के पिछले दरवाजे से बाहर निकल आये।
तत्पश्चात हम एक बस में सवार हुये, और पास के एक कसबे की तरफ रवाना हो गये। उस कसबे में पहुंचने के पश्चात हुए एक भीड भरे रेस्तरां में जा पहुंचे। कसबे के लोग भी सजावट एवं आतिशबाजी आदि खरीदने में व्यस्त थे। जब हम रेस्तरां के एक कोने में आराम से बैठ गये, तो ऐलिसन ने मुझसे पूछा, “अब मुझे बताओ कि हम यहां क्या करने आये है।”
“देखो ऐलिसन, मैं यहां की स्थानीय भाषा से परिचित नहीं हूं। तुम ऐसा करो कि एक छोटी सी मोटर नाव और ढेर सारी विस्फोटक सामग्री खरीद लाओ। आज चूंकि आतिशबाजी का त्योहार है, अतः विस्फोटक सामग्री मिलने में कोई मुश्किल नहीं होगी, और न ही किसी को कोई संदेह होगा।”
“तुम उस नाव और विस्फोटक सामग्री का करोगे क्या?” ऐलिसन ने मुझसे पूछा।
“मैं उस विस्फोटक सामग्री से बम तैयार करूंगा।”
“और नाव का क्या करोगे?”
“तुम समझने की कोशिश करो‒मैं उनसे टाईम बम बनाकर उनको निष्क्रिय रखूंगा तब हम उस नाव और टाइम बमों को एक ट्रक द्वारा यहां से उस जगह के पास ले जायेंगे, जहां पर व्हीलर का याट खड़ा है। तत्पश्चात मैं इन टाइम बमों को नाव के अंदर फिट कर दूंगा। फिर जब संध्या हो जायेगी, तो मैं इस नाव को पानी में उतारकर याट के नीचे ले जाऊंगा। वहां पर मैं इस नाव के साथ लगी मोटी मोटी डोरियों को याट के पंखे की शाफ्ट के गिर्द बांधकर नाव को वहीं पंखे के पास स्थिर कर दूंगा। फिर मैं टाइम बमों को क्रियाशील बनाने के पश्चात पानी के अन्दर तैरता हुआ तट पर पहुंच जाऊंगा।”
“उधर जब भी वे लोग याट का इंजन स्टार्ट करेंगे, नाव के अन्दर लगे टाईम बम फटने शुरू हो जायेंगे, और क्षण मात्र में समूचा याट आग की लपेट में आकर टुकड़े-टुकड़े हो जायेगा। और दूर से ऐसा प्रतीत होगा; मानो याट वाले भी आतिशबाजी का आनन्द ले रहे हो। इस भांति व्हीलर और स्लेड दोनों का खात्मा हो जायेगा।”
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ऐलिसन इस साजोसामान का प्रबंध करने वहां कस्बे के बाजार चली गई, और मैं याट का नक्शा खोलकर फिर से याट के निचले भाग का अध्ययन करने लगा।
लगभग दो घंटे पश्चात ऐलिसन यह सब प्रबंध करके वापस पहुंची। हमने वहीं तट पर एक छोटा सा शेड किराये पर लिया, और हम दोनों अपने इस काम में लग गये। बम बनाते-बनाते मुझे दोपहर हो गई। हम दोनों ने वही शेड में ही खाना खाया, और थोड़ी देर सुस्ताने के पश्चात फिर से काम में जुट गये। अब नाव की बारी थी। सबसे पहले मैंने नाव के अन्दर बड़े-बड़े खांचे से बनाये, और उनके अन्दर बम रख दिये। यह काम समाप्त होते-होते हमें शाम हो गई।
जब हमारा यहां का कार्य पूरा हो गया, तो हमने नाव को पानी में उतारा, और उसको टेस्ट करने के पश्चात, उसे पानी से बाहर निकाल लिया, और एक ट्रक से उतार लिया, और उसे पानी में उतारकर, उसके छोटे से इंजन को स्टार्ट करके उस बन्दरगाह की तरफ रवाना हो गये। व्हीलर का याट अभी वहां पर खड़ा था। हम अपनी नाव को उससे काफी फासले पर स्थिर करके नाव से नीचे उतर आये।
“ओवर, यदि हमें काफी समय तक पानी के अन्दर तैरना पड़ेगा, तो उचित यह होगा कि स्कयूबा ऐयरज का प्रबंध कर ले।”
तत्पश्चात मैं एवं ऐलिसन स्क यूबा गेयरज खरीदने रवाना हो गये। सूर्यास्त होने में अभी एक घंटा बाकी था।
मैंने ऐलिसन से कहा, “सूर्यास्त होते ही मैं अपनी नाव से याट की ओर रवाना हो जाऊंगा।”
“और मैं?”
“तुम यही पानी के अन्दर ठहरना, ताकि यदि किसी ने हमें देखा भी हो, तो किसी को यह संदेह न हो कि यह नाव हम यहां लाये थे।”
“मैं तुम्हारे साथ ही जाऊंगी।”
“वह क्यों?”
“क्योंकि यह काम अकेले का नहीं हैं”
“तुम्हारा यहीं पानी के अन्दर रहना ही हमारे हित में है।”
“वह कैसे।”
“मान लो कि, याट में आग लगने के पश्चात व्हीलर ने किसी तरह स्लेड को वहां से निकालकर तट पर भेजने की कोशिश की, तो हमारी सारी मेहनत व्यर्थ हो जायेगी। अतः अगर तुम मेरे साथ होने की बजाये याट से कुछ फांसले पर होगी, तो तुम बार-बार अपना सर पानी से बाहर निकालकर देख लोगी कि याट से स्लेड फरार तो नहीं हो रहा। यदि वह फरार हो रहा हो, तो तुम उसे देखते ही गोली मार देना।”
मेरी बात ऐलिसन की समझ में आ गई।
और हम सूर्यास्त होने की प्रतीक्षा करने लगे।
ग्यारह
सूर्यास्त होते ही वहां आतिशबाजी छूटने लगी और ऐलिसन मुझे गुड लक कहकर वहां से चली गई। मैं रात और अंधेरी होने की प्रतीक्षा करने लगा। थोड़ी देर बाद जब अंधेरा गहरा हो गया, तो मैंने वह नाव समुद्र में उतारी और वहीं उसमें बैठकर चारों ओर की समीक्षा करने लगा। नाव की बत्तियां मैंने जला दी थी कि किसी को यह संदेह न हो कि मैंने नाव में अंधेरा क्यों कर रखा है। मेरी नाव से काफी फासले पर वह याट खड़ा था। उस पर तमाम बत्तियां रोशन थीं। और साथ ही फ्लैश लाईट चारों ओर घूम रही थी, जिसने विदित होता था कि वह पूरी चौकसी बरत रहे हैं। फ्लैश लाईट, की रोशनी एक दो बार मेरी नाव पर भी पड़ी थी, किन्तु उन्होंने अपनी फ्लैश लाईट को मेरी नाव पर फोकस नहीं किया था। इससे मुझे सांत्वना सी हो गई कि उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं हुआ है कि नाव में कौन बैठा है। थोड़ी देर पश्चात जब उनकी फ्लैश लाईट एक बार फिर मेरी नाव पर पड़ी, तो में नाव को उसी समय स्टार्ट करके याट से दूसरी दिशा में ले जाने लगा।
“इस दिशा में नहीं‒आगे पानी के अन्दर एक चट्टान है।”
मैं यह सुनकर चकित रह गया। यह ऐलिसन की आवाज थी। मैंने चालक सीट के पीछे मुड़कर चारों ओर निगाह दौड़ाई‒वहां पर कोई भी नहीं था। मैंने सोचा शायद मुझे भ्रम हुआ होगा, सो मैंने नाव की गति बढ़ा दी, तथा उसी दिशा में आगे बढ़ने लगा।
“तुम बहरे हो‒तुम्हें सुनाई नहीं दिया‒आगे चट्टान है।”
मैं बिलकुल विस्मित रह गया। यह ऐलिसन ही की आवाज थी, और ऐलिसन कहीं दिखाई नहीं दे रही थी। उसके आसपास होने का प्रश्न ही नहीं होता था। क्योंकि मेरी नाव पर मोटर लगी हुई थी। अतः ऐलिसन या किसी अन्य का मोटर वोट की रफ्तार के साथ-साथ तैरने का कोई सवाल ही नहीं था। मैंने मोटर वोट की गति धीमी कर दी, किन्तु मोटर वोट को उस मार्ग से नहीं घुमाया।
“तुम्हारी मोटर बोट चट्टान से टकरा जायेगी‒तुम सुनते क्यों नहीं।”
“मैंने दाहिनी ओर घूमकर नीचे पानी की तरफ देखा‒वहां पर ऐलिसन मेरी मोटर बोट के बराबर तैर रही थी। मैं आश्चर्य चकित सा ऐलिसन को देखने लगा।”
“तुम यूं घूमकर मेरी ओर मत देखो‒याट वालों को शक पड़ जायेगा‒तुम नाव घुमाओ।”
मैंने तुरन्त नाव का रुख बदल दिया।
“तुम नाव की गति के बराबर कैसे तैर रही हो?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“यह तुम बाद में भी पूछ सकते हो।”
“नहीं, तुम मुझे अभी बताओ।”
“मैंने अपने शरीर के साथ ऐसा चल-यंत्र बांध रखा है कि मैं पचास मील की दूरी तक किसी भी तेज से तेज जहाज या मोटर बोट के बराबर-बराबर तैर सकती हूं।”
“तुमने मुझे पहले तो कभी बताया नहीं?”
“यह बात फिर भी हो सकती है। तुम उधर याट की ओर देखो‒व्हीलर रेलिंग के पास से वापस जा रहा है।”
मैंने याट की ओर देखा, तो रेलिंग के पास मुझे व्हीलर की पीठ दिखाई दी। वह वाकई रेलिंग से मुड़कर वापस जा रहा था, किन्तु एक आदमी ऐन रेलिंग के पास खड़ा था, और चारों ओर निगाहें दौड़ा दौड़ाकर देख रहा था। उस आदमी को देखकर मैंने नाव का रुख मोड़ दिया, और नाव को याट की परली तरफ ले आया‒यहां पर भी एक आदमी रेलिंग पर झुका खड़ा था, और चारों ओर देख रहा था।
“अब क्या किया जाये?” मैंने ऐलिसन से पूछा, पर मुझे कोई उत्तर नहीं मिला।
मैंने दाहिनी ओर झुककर पानी में देखा, तो वह नदारद थी‒न आये वह पानी के अन्दर कहां गायब हो गई थी।
तत्पश्चात मैं अपनी नाव को याट के अग्रभाग के पास ले आया। यहां याट की रेलिंग के पास कोई नहीं खड़ा था। याट के इसी हिस्से में इंजन का पंखा लगा हुआ था। मैं स्कयूबा गेयर पहनकर नाव से नीचे पानी में उतर आया, तथा नाव को तनिक टेड़ा करके उसे याट के नीचे धकेल दिया। अब मेरी मोटर बोट ऐन इन्जन के पंखे के पास थी।
तत्पश्चात मैं पानी के अन्दर तैरता हुआ अपनी मोटर बोट के पिछले हिस्से की तरफ चला आया, और पेट के बल अपनी मोटर के अंदर सवार हो गया। तब मैंने मोटर बोट के नाईलान के रस्सों को कसकर पंखे की शाफ्ट के गिर्द बांधने के बाद मोटर को वही स्थिर कर दिया। इसके बाद मैंने मोटर बोट के खांचों में रखे बमों को सक्रिय किया और मोटर बोट से नीचे पानी में उतरकर पानी के तल पर तैरता हुआ याट के नीचे से बाहर निकल आया। इसी क्षण मेरे चेहरे पर फ्लैश लाईट पड़ी, और एक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। मैं तुरन्त पानी के अन्दर डुबकी लगाकर पानी के अन्दर तैरने लगा। तभी मुझे ऐसा अनुभव हुआ, मानो मेरा दाहिना हाथ काम न कर रहा हो। मैं आगे बढ़ने के लिये अपना दाहिना हाथ चलना चाहता था, पर मेरा दाहिना हाथ ही नहीं दे रहा था। उसी समय मुझे एक टक्कर की सी आवाज सुनाई दी। मैंने पानी के अन्दर से सिर बाहर निकाल कर देखा तो चकित रह गया‒ऐलिसन न जाने कहां से एक और नाव ले आई थी, और याट के अग्रभाग के पास खड़ी एक स्टेनगन से याट के ऊपर रेलिंग के पास खड़े आदमियों पर गोलियां बरसा रही थी। याट के ऊपर पोतमंच पर भगदड़ मच गई थी, और नीचे तक आवाज आ रही थी। इस दौरान में किसी न किसी तरह तैरता हुआ वहां से कुछ आगे पहुंच गया। उस जगह पर पानी कुछ कम गहरा था। मेरे पांव रेत को छूने लगे थे। उधर समुद्र भी शांत था । मैं पैरों के सहारे वहीं पानी में खड़ा हो गया । मेरा दाहिना बाजू झूल सा रहा था। तट पर पहुंचने के लिये मुझमें तनिक भी शक्ति नहीं थी। मैं लगातार ऐलिसन की ओर देखता जा रहा था। मुझे यह चिंता हो रही थी कि कहीं उसे भी कोई गोली न लग जाये। उसी क्षण ऐलिसन ने अपनी नाव से पानी में छलांग लगाई, और पानी के अन्दर तैरती हुई मेरे पास आ पहुंची।
“तुम यहां क्यों खड़े हो, ओवन?”
ऐलिसन को देखकर मेरे हाथ पांव बिलकुल ढीले पड़ गये थे।
“मुझसे एक कदम भी आगे नहीं उठाया जा रहा।”
ऐलिसन मुझे खींच कर पानी से बाहर तट पर ले आई।
“यह तुम्हारे दाहिने बाजू से खून क्यों रिस रहा है?”
“मुझे ऐसा लगता है कि मुझे गोली लगी है।”
ऐलिसन ने तुरन्त अपनी कमीज से एक लंबा सा टुकड़ा फाड़कर मेरे जख्म के गिर्द बांध दिया। कुछ क्षण पश्चात जब मेरा खून रिसना बन्द हुआ, तो मैंने धीमी से आवाज में ऐलिसन से पूछा, याट का क्या हुआ?
“तुम खुद ही पीछे मुड़कर देख लो।”
मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो सारे समुद्र में आग लग गई हो। समुचा याट आग की लपेट में घिर चुका था‒साथ ही याट आगे की ओर बढ़ने लगा था। गाड़ी देर पश्चात एक जोर का धमका हुआ‒शायद याट की तेल की टंकी आग लगने के कारण फट गई थी। उसी क्षण याट के टुकड़े-टुकड़े हो गये।
व्हीलर का याट बिलकुल तबाह हो गया था।
“तुम्हारा चेहरा पीला पड़ रहा है, ओवन‒तुम कुछ दूर तक पैदल चल पाओगे?” ऐलिसन ने मुझसे पूछा।
“है कोशिश कर देखता हूं।”
“तुम्हें मरहम पट्टी के लिये अस्पताल चलाना होगा।”
मैंने कोई आपत्ति नहीं की और ऐलिसन के सहारे सहारे उसके साथ चलने लगा।
मैं किसी की गोली लगने के कारण घायल हुआ था‒अर्थात मेरा केस एक मेडिको लीगल केस था। अतः पुलिस का मुझसे पूछताछ किया जाना एक निश्चित बात थी।
मैंने मन ही मन में तै कर लिया कि यदि स्थानीय पुलिस मुझसे पूछताछ करने आई, तो मैं उनको पूरी बात सच-सच बता दूंगा कि उस याट के अन्दर एक रूसी जासूस था, जो मेरे साथ जेल से फरार हुआ था, और उस जासूस को ब्रिटेन की संसद का एक व्हीलर नामी सांसद अपने याट में शरण देकर देश से बाहर भगाकर ले जा रहा था। और इसीलिये मैंने उस याट को बमों से तबाह किया है। फिर जो मेरे साथ घटेगी, वह देखी जायेगी।
यह निर्णय करने के पश्चात मेरा मन शांत सा हो गया।
मैं लड़खड़ाता हुआ ऐलिसन के साथ-साथ चल रहा था। हम दोनों बन्दरगाह के ऑफिस के पास पहुंचे ही थे कि वहां पर मुझे डिटेक्टिव इंस्पेक्टर जोहन स्केट और सार्जेन्ट, जरविस दिखाई दिये। वे दोनों एकटक भरी ओर देखे जा रहे थे। ये वही पुलिस अधिकारी थे‒जिन्होंने मुझे उस डाकिये से हीरों का पार्सल छीनने के पश्चात मेरे होटल के कमरे में आकर गिरफ्तार किया था। फोरबिस भी उनके पीछे खड़ा था‒फोरबिस वही डिटेक्टिव था, जो मुझसे जेल में भेंट करने आया करता था, जो मुझसे जेल में भेंट करने आया करता था और मुझे सब्ज बाग दिखाया करता था कि यदि मैं उसे यह बता दूं कि वह हीरे कहां है, तो वह मेरा नाम हाई रिस्क कैदियों को सूची से हटवा देगा।
मैंने उन तीनों को अपनी ओर घूरते देखकर अपना चेहरा उनकी तरफ से मोड़ लिया।
“अब मैं नहीं बच सकता।” मैंने ऐलिसन से कहा।
“तुम्हारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।” ऐलिसन ने मुझे आश्वासन दिया।
तभी वे तीनों लंबे-लंबे डग भरते हुये मेरी ओर आ पहुंचे डिटेक्टिव इंस्पेक्टर जोहन स्केट मेरे सामने खड़ा होकर भावशून्य दृष्टि से मेरे चेहरे की ओर देखने लगा। फिर स्केट ने एक निगाह ऐलिसन पर डाली, और जलते हुये याट की ओर इशारा करते हुये बोला, “यह तुमने किया है?”
“मैंने? मुझे क्या पड़ी थी?”‒ऐलिसन ने उत्तर दिया।
“तो फिर इसमें आग कैसे लग गई?”
“आतिशबाजी की कोई चिंगारी तेल ठंकी पर जा पड़ी होगी।”
स्केट ने मुझसे कहा, “मैं तुम्हें सावधान कर देना चाहता हूं कि हम तुम्हारे हर बयान को कचहरी, में गवाही के रूप में इस्तेमाल करेंगे। और यदि तुम्हारा बयान गलत पाया गया, तो तुम्हें झूठी गवाही देने के जुर्म में अभियुक्त करार दिया जाएगा। अतः तुम मेरे हर प्रश्न का उत्तर सोच समझकर देना।” तब वह ऐलिसन को संबोधित करते हुये बोला, “यही तुम पर लागू होता है।”
“मैं मालटा में हूं‒और मालटा इंग्लैंड के अधिकार क्षेत्र से बाहर है‒अतः आपको मुझसे किसी प्रकार का प्रश्न करने का अधिकार ही नहीं है।” ऐलिसन ने शांत स्वर में स्केट को उत्तर दिया।
“मैं यहां की स्थानीय पुलिस की सहायता से ले लूंगा।”
“तुम्हें रोका किसने है?” ऐलिसन ने अविचलित स्वर में कहा।
जोहन स्केट ने ऐलिसन से तो कुछ नहीं कहा, और मेरे चेहरे की ओर देखने लगा।
“तुम यहां क्या करने आये थे?” स्केट ने मुझसे पूछा।
अधिक खून बहने के कारण मुझे इतनी कमजोरी हो गई थी, कि मेरा सिर चकराने लगा था।
“यह मैं तुम्हें अपनी मरहम पट्टी के पश्चात बताऊंगा।” यह कहने के साथ ही मुझे मूर्छा आ गई और मैं वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा।
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जब मुझे होश आया, तो मैं एक अस्पताल में था। मुझे जनरल बोर्ड में रखने की बजाए एक अलग कमरे में रखा गया था।
कुछ देर के पश्चात एक डाक्टर मेरे कमरे में आया, और मुझसे कोई बात किये बिना अपने काम में लग गया। उसने मेरे बाजू को सुन्न किया, और बाजू के अन्दर से गोली निकालने के पश्चात चुपचाप कमरे से बाहर निकल गया।
मुझे यकीन था कि थोड़ी देर पश्चात डिटेक्टिव इंस्पेक्टर जोहन स्केट और उसका यूनियर सार्जेन्ट जरविस मुझसे पूछताछ करने के लिये आते ही होंगे‒मैं उनको शब्दों के जाल में फांसने के लिये तरकीबें सोचने लगा।
मेरे अनुमानानुसार थोड़ी ही देर पश्चात मेरे कमरे का दरवाजा खुला, और एक आदमी अन्दर दाखिल हो गया। वह न तो जोहन स्केट था और न ही जर्विस।
वह एक लम्बे कद का प्रौढ़ था। उसका चेहरा बहुत ही प्रभावशाली एवं रौबदार था।उसने एक पत्र और अपना पहचान पत्र मेरे हाथ में थमा दिया।
इस नवागंतुक का नाम आर्मिटेज था, और वह ब्रिटिश प्रधान मंत्री का विशेष सेक्रेटरी था। उसने जो पत्र मुझे दिया था, वह प्रधानमंत्री की ओर से था।
एक कुर्सी पर मेरी शय्या के निकट सरकाते हुये उसने मुझसे कहा, “अब आपका स्वास्थ्य कैसा है, मिस्टर स्टैनर्ड?”
“यदि आप मेरे असली नोम से परिचित है, तो इसका मतलब है कि आपको समूचा वृतांत ज्ञात होगा ? क्या मैकिनटॉश ने आपको मेरे पास भेजा है?”
“मुझे खेद है, मिस्टर स्टैनर्ड कि मैकिनटॉश का तो निधन हो चुका है।”
“तो इसका मतलब है कि मैकिनटॉश अस्पताल से वापस ही नहीं आया?”
“नहीं‒वह एक बार बेहोश होने के पश्चात होश ही में नहीं आया‒उसका अस्पताल से वापस आने का प्रश्न ही नहीं होता था।”
“आपने मिसेज स्मिथ को बता दिया है कि मैकिनटॉश का देहान्त हो चुका है।”
“हां।”
“उसने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की?”
“उसने बड़े धैर्य से यह समाचार सुना था।”
तब आर्मिटेज ने अपने असली मुद्दे पर आते हुये कहा, “आप तो जानते ही है कि इंग्लैंड एवं आयरलैंड के संबंधों में सदा से तनाव रहा है‒और अब आयरलैंड में आपकी हाल की गतिविधियों ने तो ब्रिटिश सरकार को और ही कष्टकर स्थिति में डाल दिया है।”
“और ब्रिटिश सरकार ने जो अपने स्वार्थ के लिये मुझे कष्टकर स्थिति में डाल रखा है, उसके विषय में आपकी क्या राय है?”
आम्रिटेज ने मेरे प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया और हम दोनों काफी समय तक एक-दूसरे की ओर देखते रहे।
“मुझे यह बताइये,” मैंने आम्रिटेज से पूछा, “मेरे वाली योजना बिलकुल गुप्त थी उसका अन्य लोगों को कैसे पता चल गया?”
“चूंकि इस योजना को जरूरत से अधिक खुफिया रखा गया था, इसका प्रकट हो जाना स्वाभाविक था,” आम्रिटेज ने उत्तर देते हुये कहा, “जहां तक आप वाली योजना का संबंध है मैकिनटॉश को किसी पर‒यहां तक कि प्रधानमंत्री पर तक विश्वास नहीं था। उसने इस योजना में इस कदर असाधारण चौकसी बरती थी कि प्रभावशाली लोगों को ये जिज्ञासा होने लगी कि आखिर मामला क्या है‒हर एक को यह भय होने लगा था कि मैकिनटॉश कहीं उनके गड़े मुर्दे न उखाड़ रहा हो‒वे सबके सब खोज में लग गये‒और इस तरह से बात रिसनी शुरू हो गई।”
“मेरा जीवन दांव पर लगा हुआ है। आप मुझे ठीक-ठीक बताओ कि दरअसल यह किस्सा क्या है?”
“किस्सा यह है कि हम तेलों से आये दिन कैदियों के फरार होने की घटनायें घट रही थी। सरकार ने बहुतेरे उपाय किये किन्तु इन घटनाओं में कोई कमी नहीं हुई। उधर समाचार पत्रों ने इन घटनाओं को बड़-चढ़ाकर छापना शुरू कर दिया। कोई दिन ऐसा नहीं होता था, जिस दिन जेल से फरार होने की घटना न घटती हो। सरकार ने इन घटनाओं की जांच करने के लिये माउंटबैटन आयोग नियुक्त कर दिया। इस आयोग ने इन घटनाओं की रोकथाम करने के लिये जो भी सुझाव दिये, सरकार ने वह सारे के सारे कार्यान्वित किये, किन्तु जेल से पलायन की घटनाओं में कोई कमी नहीं हुई।”
अब तो आप जनता में भी हाहाकार मचने लगा था। थक हारकर प्रधानमंत्री ने यह मामला मैकिनटॉश के सुपुर्द कर दिया। मैकिनटॉश के बारे में तो आपको मालूम ही होगा। औपचारिक रूप से तो उसका कोई ओहदा नहीं था, लेकिन वास्तव में वह इंग्लैंड की सुरक्षा विभाग का अध्यक्ष था। इसके अतिरिक्त वह प्रधानमंत्री का अंतरंग मित्र था। प्रधानमंत्री ने उसे खुली छूट दे दी कि मेरे नाम बीच में लाये बिना तुम जो जी में आये करो पर किसी भांति इस स्थिति को नियंत्रण में करो।
जब यह मामला मैकिनटॉश को सौंपा गया, तो सबसे पहले उसने इन कैदियों की सूची मंगवाई जो जेल से फरार हुये थे। वे सब के सब रूसी जासूस थे, या रूस के साथ उनके संपर्क थे। तत्पश्चात मैकिनटॉश ने यह मामला अपनी सेक्रेटरी मिसेज स्मिथ के हवाले कर दिया । मिसेज स्मिथ ने इस मामले पर अनुसंधान किया था। उसने मैकिनटॉश को यह रिपोर्ट प्रस्तुत की कि पलायन की इन घटनाओं के पीछे एक संगठित संस्था का हाथ है।
इस संस्था का नाम स्कारपिर है और इसे ब्रिटेन की संसद के एक वामपंथी सांसद की पुश्त पनाह हासिल है। तत्पश्चात मैकिनटॉश ने हर सांसद की मिसिल तैयार करनी आरंभ कर दी, और इस परिणाम पर पहुंचा कि स्कारपरि संस्था को प्रायोजक व्हीलर के अलावा और कोई नहीं हो सकता।
“उधर प्रधानमंत्री को यह यकीन था कि पलायन की इन घटनाओं के पीछे किसी आदिवादी कम्युनिस्ट ग्रुप का हाथ है। मैकिनटॉश ने जब प्रधानमंत्री पर अपने संदेह प्रकट किये कि उसे शत प्रतिशत व्हीलर पर शक है तो प्रधानमंत्री ने मैकिनटॉश की एक नहीं सुनी।”
“उन दिनों प्रधानमंत्री व्हीलर को राज्य मंत्री बनाकर अपने मंत्रिमंडल में सम्मिलित करने की सोच रहा था। तब मैकिनटॉश ने व्हीलर के विरुद्ध अकाट्य प्रमाण एकत्र करने शुरू कर दिये‒उससे यह साबित हुआ कि व्हीलर एक साधारण कम्युनिस्ट ही नहीं बल्कि एक कट्टर माओवादी है। मैकिनटॉश ने जब यह प्रमाण प्रधानमंत्री के सामने पेश किये, तो प्रधानमंत्री ने उन्हें भी ठुकरा दिया। मैर्किनटॉश जब भी इस विषय में व्हीलर का नाम लेता, तो प्रधानमंत्री उसे झिड़कने लगता कि तुम्हारा दिमाग चल गया है‒व्हीलर एक पूंजीपति है‒और एक पूंजीपति भला क्यों कर माओवादी हो सकता है।”
सारांश में प्रधानमंत्री ने व्हीलर के विरुद्ध मैकिनटॉश की एक नहीं सुनी। उधर मैकिनटाश को शत-प्रतिशत विश्वास हो चुका था कि व्हीलर एक देशद्रोही है। वह व्हीलर को बेनकाब करने के लिये मंसूबे बनाने लगा। उन्हीं दिनों स्लेड का केस चल रहा था। मैकिनटॉश की विश्वास था कि स्लेड को जासूसी के अपराध में लंबी अवधि का कारावास होगा‒और व्हीलर अपनी स्कारपिर संस्था द्वारा उसे जेल से भगाने के लिये हर संभव प्रयास करेगा। इस समय मैकिनटॉश ने यह योजना बनाई कि तुमसे कोई ऐसा अपराध कराया जाये कि तुम्हें भी लंबी अवधि की सजा मिले तथा तुम्हें एवं स्लेड को एक ही जेल में रखा जाये।
“तुम्हें जेल होने के पश्चात मैकिनटॉश से स्कारपिर संस्था के लोगों में यह अफवाह फैला दी कि तुम वास्तव में एक अज्ञात रूसी एजेण्ट हो। उसका मकसद यह था कि स्कारपिर संस्था वाले तुमसे संपर्क स्थापित करके तुम्हें जेल से भागने में मदद दें और तुम उनकी संस्था में घुसकर उनका पूरा हाल जान सको। और ऐसा ही हुआ। जेल के पलायन करने के पश्चात तुम्हारे साथ क्या घटनायें घटी, वह तुम जानते ही हो।”
“यह तो मैं मान लेता हूं कि मेरे बारे में स्कारपिर संस्था को गुमराह करने की कोशिश की गई, किन्तु प्रश्न यह होता है कि स्कारपिर संस्था वाले इतने भोले नहीं कि अफवाहों के आधार पर गुमराह हो जायें। उनको जरूर किसी ना किसी ने विश्वास दिलाया होगा कि मैं एक रूसी एजेन्ट हूं। यही मैं आपसे जानना चाहता हूं कि उनको किस व्यक्ति ने विश्वस्त किया था।”
“मैकिनटॉश ने अपने विश्वस्त सूत्रों द्वारा उनको ये विश्वास दिलाया था।”
“तो फिर बाद में उनको यह कैसे पता चल गया कि उनके साथ धोखा किया गया है।”
“यह अंतिम चाल मैकिनटॉश से चली थी। वह खुद व्हीलर से भेंट करने लगा था, और उसी ने व्हीलर पर यह प्रकट किया था कि तुमने उसको बेवकूफ बनाया है, तथा तुम कोई रूसी एजेन्ट नहीं हो बल्कि दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले हो। मैकिनटॉश ने ही तुम्हारी असलियत व्हीलर पर प्रकट की थी।”
“मैकिनटॉश ने मेरे साथ ऐसा विश्वासघात क्यों किया?” मैंने आर्मिटेज से पूछा।
“क्योंकि वह व्हीलर को रंगे हाथों पकड़ना चाहता था। उसे विश्वास था कि यह समाचार पाते ही व्हीलर तुम्हें खत्म करवाने की कोशिश करेगा। और उस समय यानी तुम्हारी हत्या के समय ब्रिटिश गुप्तचर विभाग का पूरा अमला घटनास्थल पर मौजूद होगा। यह मैकिनटॉश की ही योजना थी। वह व्हीलर द्वारा तुम्हारी हत्या करवा के यह बात साबित करना चाहता था कि जब व्हीलर को यह पता चला कि तुम एक अज्ञात रूसी एजेन्ट हो, तो उनकी संस्था ने तुम्हें जेल से भागने में पूरी सहायता दी, किन्तु बाद में जब उसे यह पता चला कि तुम रूसी एजेन्ट नहीं हो, तो उसने तुम्हारी हत्या करवा दी।”
“यह एक तीर से दो निशाने बांधना चाहता था‒एक तो यह कि व्हीलर ही अपनी संस्था द्वारा जेल से कैदियों को फरार करवाता रहा है, और दूसरा यह कि वह केवल उन कैदियों को जेल से फरार करवाता है जो रूसी जासूस हों। सारांश ये कि मैकिनटॉश यह सिद्ध करना चाहता था कि व्हीलर एक देशद्रोही है और वह इसमें सफल भी रहा।”
“वह इसमें सफल कैसे रहा?” मैंने आर्मिटेज ने पूछा।
“खुद अपनी जान गंवा कर।”
“मैं समझा नहीं।”
“क्योंकि जिस कार के साथ मैकिनटॉश का ऐक्सीडेन्ट हुआ था, वह व्हीलर ही की कार थी। यह साबित हो चुका है।”
“जब मैकिनटॉश कार के कार के नीचे आया था, तो उस समय कार को चला कौन रहा था?”
“व्हीलर का चीनी रसोइया। दुर्घटना के समय मैकिनटॉश व्हीलर से भेंट करने के पश्चात ऑफिस लौट रहा था, जहां पर मिसेज स्मिथ उसका इंतजार कर रही थी। इस बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि मैकिनटॉश व्हीलर के साथ हुई बातचीत के बारे में मिसेज स्मिथ को बताता था अपने तक ही सीमित रखता बहरहाल इतना बड़ा भेद खुलने के बावजूद इस समय तक प्रधानमंत्री के अलावा वह कोई नहीं जानता कि व्हीलर वास्तव में कौन था। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह प्रोजेक्ट किस कदर खुफिया रखा गया है।”
आर्मिटेज की इन बातों से मेरे मस्तिष्क में एक नई शंका उत्पन्न होने लगी‒कि पहले तो मैकिनटॉश ने मुझे कुरबानी का बकरा बनाना चाहा, और अब कहीं उसकी बेटी ऐलिसन भी मेरे जीवन के साथ कोई खिलवाड़ न कर रही हो।
काफी समय तक सोचने के पश्चात मैंने आर्मिटेज से पूछा, “आप जो मेरा पीछा करते हुये सीधे अस्पताल में आ पहुंचे हो‒आपको यह सूचना किसने दी कि इस समय मैं यहां अस्पताल में हूं?”
“हमें यह सूचना किसी ने नहीं दी थी। हम लोग व्हीलर का पीछा करते हुये यहां तक आये थे कि उससे अब किस तरह से निपटा जाये। यहां पहुंचने के पश्चात हमें यह पता चला कि आप पहले से ही उसके पीछे पड़े हुये हैं। मैं आपको पहचानता नहीं था कि आपसे संपर्क स्थापित कर सकता। सो मैंने आपकी शिनाख्त के लिये पुलिस के उन अधिकारियों को यहां बुलाया जिन्होंने आपको गिरफ्तार किया था।”
“तो इसका आशय है कि व्हीलर अब आपके हाथ में है?” मैंने प्रश्नसूचक स्वर में आर्मिटेज से पूछा।
“व्हीलर का हमारे हाथ में होने का प्रश्न ही नहीं होता‒उसे तो आपने पहले ही ऊपर वाले के हाथ में पहुंचा दिया है‒वह मर चुका है और स्लेड भी। इस समय तो हमारी सबसे बड़ी मुश्किल आप है कि आपके बारे में क्या किया जाये।”
“इसका निर्णय तो वही कर सकते है, जिन्होंने मेरे लिये यह मुश्किल उत्पन्न की थी।”
आम्रिटेज ने विचारमग्न भाव से कहा, “इसी का तो कोई समाधान नहीं निकल रहा। समाचारपत्रों को पहले ही आयरलैंड में आपकी गतिविधियों की भनक मिल चुकी है। जहां तक सरकार का संबंध है, वह इसकी और कोई ध्यान नहीं देगी क्योंकि आप द्वारा घटाई गई ये घटनायें इंग्लैंड से बाहर घटी थीं। सरकार के लिये सबसे बड़ी मुश्किल तो हीरों की वह डकैती है, जो मैकिनटॉश ने सरकार की जानकारी में आपसे डलवाई थी‒उस पर कैसे पर्दा डाला जाए?”
“उसमें क्या मुश्किल है? जिसका वह पार्सल था, उसे तो बीमा कंपनी ने पैसा दिया होगा। अतएव अब उसके कोई आपत्ति करने का प्रश्न ही नहीं, होता। सरकार चाहे, तो इस मामले को आसानी से दबा सकती है।”
आर्मिटेश ने कहा, “यदि सरकार ने इस मामले को दबाने की कोई कोशिश की, तो बीमा कंपनी वाले शोर मचाने लगेंगे कि सरकार ने डकैत को खुलेआम छोड़ दिया है, जबकि हमें उनके कारण लाखों का हरजाना भरना पड़ा है। तुम बताओ‒यदि सरकार की जगह तुम होते, तो क्या करते?”
“इस मामले की बहुत आसानी से ठप किया जा सकता है। वह इस तरह से कि असली रिअरडन के बारे में आप जानते ही हैं कि उसकी मृत्यु हुये मुद्त हो चुकी है। और इस बारे में कोई भी नहीं जानता कि मैंने रिअरडन का स्वांग भरके यह डाका डाला था। लोगों की दृष्टियों में तो मैं अभी तक रिअरडन ही हूं। अतः अब आप यह मशहूर कर दीजिये कि रिअरडन जो डकैती के केस में जेल भुगत रहा था, और तत्पश्चात जेल से फिर भाग निकला था, वह पुलिस के साथ एक भिड़ंत में मारा गया है।”
आर्मिटेज ने कुछ देर सोचने के पश्चात कहा, “यह तो किया जा सकता है, किन्तु व्हीलर की मृत्यु का क्या स्पष्टीकरण दिया जाए?”
“उसमें भी कोई मुश्किल नहीं‒आप यह समाचार फैला दीजिये कि व्हीलर अपने याट द्वारा यहां मालटा आया हुआ था। जिस दिन उसका याट यहां पहुंचा था, उस दिन यहां आतिशबाजी का त्योहार था। यह सभी जानते ही है कि मालटा के लोग आतिशबाजी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते है। उस संध्या जब व्हीलर का याट यहां से रवाना होने वाला था‒उस समय आतिशबाजी जोरों पर थी। दुर्भाग्यवश तीन चार राकेट एक साथ याट पर जा गिरे‒देखते-देखते सारे याट में आग लग गई तथा याट में सवार कोई आदमी नहीं बच सका। दुर्घटना के समय हीलर भी याट पर था।”
आर्मिटेज प्रशंसात्मक दृष्टि से मेरी ओर देखने लगा।
“यह आपने वाकई बहुत अच्छा सुझाव दिया है। याट दुर्घटना में व्हीलर की मृत्यु को एक प्रकार की साधारण मृत्यु समझा जाएगा। खैर यह समस्या तो हल हो गई। मुझे अब आपको दो और संदेश देने हैं‒एक तो यह कि एक ल्यूसी नाम की स्त्री शीघ्र ही आपसे संपर्क स्थापित करेगी। दूसरा यह कि व्हीलर की स्कारपिर संस्था का खात्मा करने में जो भूमिका आपने निभाई है, उसके लिये प्रधानमंत्री आपके बहुत कृतज्ञ है। लेकिन यह तो आप समझते ही होंगे सार्वजनिक रूप से वह आपकी कोई प्रशंसा नहीं कर सकते।”
“मुझे प्रशंसा आदि की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि प्रधानमंत्री वाकई मेरे एहसानमन्द है, तो आप मेरी ओर से उनसे यह अनुरोध कीजिये कि मेरे खिलाफ वह डकैती का केस खत्म कर दें।”
“इसकी आप कोई चिंता मत कीजिये।”
“मिस्टर आर्मिटेज, आप चिंता की बात कर रहे है, और मुझे अपनी जान के लाले पड़ रहे हैं। पुलिस को मेरी शक्ल दिखी नहीं, और उन्होंने मुझे हवालात में बन्द किया नहीं। पहले मुझ पर केवल डकैती का अपराध था, और अब मुझ पर जेल से पलायन करने का अपराध भी है‒तथा आप फरमा रहे है कि चिंता मत कीजिये!!”
“ओह मिस्टर स्टैनर्ड, अब आप नासमझी की बातें कर रहे हैं यदि पुलिस ने आपको गिरफ्तार करना होता, तो कब का हिरासत में ले लिया होता। ब्रिटिश पुलिस तीन दिल से यहां पर है। उनको आपकी हरेक गतिविधि का ज्ञान है। उनको आपके यहां मालटा पहुंचने से लेकर व्हीलर के याट के दुर्घटनाग्रस्त होने तक का पूरा ब्यौरा ज्ञात है। आप व्यर्थ में बच्चों जैसी बातें कर रहे हैं। पुलिस आपको कुछ नहीं कहेगी।”
“तो इसका आशय है कि मेरे विरुद्ध जुर्म वापस ले लिये गये हैं?”
“मिस्टर स्टैनर्ड, इन बातों से आपका कोई संबंध नहीं।”
“मेरा संबंध नहीं, तो किसका संबंध है?” मैंने तनिक रुष्ट भाव से पूछा।
आर्मिटेज शांत स्वर में उत्तर देते हुये बोला, “मास्टर स्टैनर्ड आप इसी क्षण से बिलकुल स्वतंत्र है।”
“पर कैसे?”
“मिस्टर स्टैनर्ड, आपको आम खाने से मतलब है, या पेड़ गिनने से। आप जहां जो चाहे जा सकते है। यदि आप इंग्लैंड में रहना चाहे, तो आप इंग्लैंड में रहना चाहें, तो आप इंग्लैंड में भी रह सकते है।”
“मिस्टर आर्मिटेज, आप मुझे आश्वासन दिये जा रहे हैं कि मैं स्वतंत्र हूं, पुलिस मुझे कुछ नहीं कहेगी, पर आप मेरी शंकाये दूर नहीं कर सके। मैं कैसे मान लूं कि पुलिस मेरे खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेगी। मेरे खिलाफ दो अपराध है, और आप कहते है कि मैं स्वतंत्र हूं!!!”
“मिस्टर स्टैनर्ड, मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि बुद्धि वाम की चीज से आपका कोसों तक का कोई वास्ता नहीं। आप अक्ल से काम लेते, या तनिक होश से सोचने की चेष्टा करते तो आप मेरी बात को कब का समझ गये होते। खैर अब मैं आपको समझाये देता हूं‒इस संसार में कौन-सा ऐसा देश हैं जिसका शासनाध्यक्ष, चाहे वह प्रधानमंत्री हो, या राष्ट्रपति हो, जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिये अपने खास आदमियों द्वारा डकैतियां नहीं डलवाता, कत्ल नहीं करवाता, अपने विरोधियों की मिट्टी पलीद करने के लिये उनको खूबसूरत औरतों के जान में फंसाकर उनको ब्लैकमेल नहीं करता। हर सरकार ऐसे काम करवाने पर मजबूर होती है, नहीं तो किसी देश का शासन ही न चले। इसी का नाम राजनीति होता है। आपने जो जुर्म किये थे, वह सरकार ने करवाए थे, और जो जुर्म सरकार करवाये, वह कोई जुर्म नहीं होता। अब तो आप समझ गये?”
“ऐलिसन कहां है?” मैंने आर्मिटेज से पूछा।
“वह इस समय इंग्लैंड में है।”
“वह तो मेरे साथ थी, वह इंग्लैंड कैसे पहुंच गई?”
“उसे अपने पिता की अंत्येष्टि के लिये वहां जाना पड़ा है।” वह कल परसों तक आपके पास पहुंच जाएगी। यह कहने के साथ आर्मिटेज मेरे कमरे से बाहर चला गया।
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मैं फिनिक्स होटल के लाउंज में ऐलिसन की प्रतीक्षा कर रहा था। मेरे सामने कई समाचार पत्र पड़े थे। हर समाचार पत्र ने व्हीलर की तारीफों के पुल बांधे थे। कि वह एक बहुत ही लायक और काबिल सांसद था। प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुये व्हीलर को ब्रिटिन का एक यशस्वी सुपुत्र, असाधारण राजनेता, शांति और जनगण की सुरक्षा का दुर्लभ योद्धा, तथा कम्युनिस्टों का कट्टर विरोधी बताया था। अभी मैं व्हीलर के संवेदना संदेश पढ़ ही रहा था, कि ऐलिसन मेरे पास आकर बैठ गई। उसका चेहरा बहुत ही थका-सा प्रतीत हो रहा था।
“तुम इतनी ढीली-ढीली क्यों हो?” मैंने ऐलिसन से पूछा।
“मेरी बात छोड़ो‒अपने बाजू का हाल बताओ। अब कैसा है तुम्हारा बाजू?” “ऐलिसन से पूछा।”
“पहले से तो काफी बेहतर है।”
“तुम यह समाचारपत्र बड़े ध्यान से पढ़ रहे थे?” ऐलिसन ने पूछा।
“हां, मैं व्हीलर की मृत्यु के संवेदना संदेश पढ़ रहा था। प्रधानमंत्री ने तो उसकी बात प्रशंसा की है।”
“यह सब दिखावा है। प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से व्हीलर की प्रशंसा की है, किन्तु गुप्त रूप से उसके मकान और ऑफिस दोनों जगहों पर करोड़ों येन (चीनी मुद्रा) बरामद हुये हैं।”
“तुम्हारे डैडी को तो शुरू से ही उस पर संदेह था।”
“हां ओवन‒न डैडी को व्हीलर पर संदेह होता, न वह उसकी कार के नीचे आते।”
“मुझे तुम्हारे डैडी की मृत्यु का बहुत ही दुःख है, ऐलिसन।”
“तुम्हें तो तनिक भी दुख नहीं होना चाहिये, ओवन। मेरे डैडी ने तो व्हीलर को रंगे हाथों पकड़ने के लिये तुम्हारी जिन्दगी ही दांव पर लगा दी थी। यह तो तुम्हारा सौभाग्य ही था, जो तुम बच गये।
“इस गुप्तचरी के धंधे में तो ऐसा होता ही है, ऐलिसन।”
“जो भी होता हो, ओवन, वह दीगर बात है। मैं तो केवल इतना जानती हूं कि हालांकि मुझे अपने डैडी से बहुत ही स्नेह था, किन्तु मुझे यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं मेरे डैडी एक नंबर के दोगले थे‒एकदम विश्वासघाती। और अकेले डैडी ही क्यों स्वयं ब्रिटिश सरकार का भी यही हाल है।”
“मुझे अपने दिल की कुछ भी बात नहीं कहनी।” ऐलिसन ने मेरी आंखों में झांकते हुये सपाट लहजे में कहा।
“तो फिर मेरे दिल की ही सुन लो।”
“सुनाओ।”
“तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो‒मैं तुमसे विवाह करना चाहता हूं।”
“अच्छे तो तुम भी मुझे बहुत लगते हो, पर मैं तुम या तुम्हारे जैसे व्यक्ति के साथ हरगिज भी शादी नहीं करूंगी।”
“वह क्यों भला?”
“क्योंकि तुम भी मेरे डैडी की भांति अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिये अपने मित्र तक से विश्वासघात करने में संकोच नहीं करोगे। तुम हो ही ऐसे धंधे में जिसकी बुनियाद ही विश्वासघात पर है।”
“यदि मैं यह धंधा छोड़ दूं तो?”
“तो मैं सोचूंगी, पर तुम यह धंधा छोड़ ही नहीं सकते।”
“चलो ऐसा करते है कि महीना दो महीने के लिये यहां से इकट्ठे कहीं और चलते हैं। इस दौरान तुम मेरे प्रस्ताव पर गौर करना।”
“मैं तुम्हारे साथ कहीं भी नहीं जाऊंगी।”
“क्यों?”
“क्योंकि तुम मुझे अच्छे लगते हो, और मुझे डर है कि तुम मुझे फुसला लोगे। मैं तुम्हारे साथ बिलकुल नहीं जाऊंगी।”
“और यदि मैं अपनी नौकरी यानी ब्रिटिश गुप्तचर विभाग से इस्तीफा दे दूं तो?”
“तो फिर मुझे फंसाने के लिये यहां से बाहर ले जाने की क्या जरूरत है। मैं यहीं पर ही फंस जाऊगी।” कहने के साथ ऐलिसन खिलखिलाकर हंस पड़ी। और हम दोनों बांहों में बांहें डाले होटल लाउंज से बाहर निकल आये।
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