यॉर्क शहर

कल्प कुछ गाँवों को पार करके एक कच्ची सड़क पर चल रहा है। रात्री होते-होते वह एक बड़े गाँव मे पहुँच जाता है, जिसका नाम कॉर्नवॉल है। वह बाजार की सड़कों पर चल रहा है। सड़क के किनारे, कई दुकानें हैं। सड़कें और दुकानें प्रकाशमय पत्थर के पत्थरों से जग मगा रही हैं। इस गाँव में ज्यादातर लोग मक्के की खेती करते हैं, जिसकी वजह से गाँव मकई की फ़सलों से ढँका हुआ है। यह गाँव राक्षसी जानवरों के जंगल की सीमा के पास है।

बाज़ार की सड़कों पर, मक्का बहुत सामान्य है। दीवारों पर बहुत सारे वांछित विज्ञापन लगे हुए हैं। यहाँ कई हथियारों की दुकानें, फल और सब्जी की दुकानें, माँस की दुकानें और कई अन्य छोटी दुकानें हैं। यहाँ एक छोटा सा संघ है, जहाँ लोगों को खोज प्राप्त होती है। पहली मंजिल पर कुछ छोटे कमरे हैं और भू-तल पर कुछ सस्ते बार हैं। कल्प पोर्की बार में प्रवेश करता है, यहाँ बहुत भीड़ है। फिर वो वहाँ के मालिक से मिलता है, जो रिसेप्शन पर बैठे हैं। मालिक मोटा और कद में छोटा है, उसका नाम पोर्की है।

'मुझे एक कमरा चाहिए।' -कल्प ने कहा।

'जी सर, कब तक के लिए चाहिए?' -पॉर्की ने नकली मुस्कान के साथ पूछा।

'सिर्फ एक रात के लिए।' -कल्प ने जवाब दिया।

'ओह, बिना भोजन के लिए 1 चाँदी का सिक्का और भोजन के साथ 1 चाँदी के और 40 ताँबे के सिक्के लगेंगे।' -पोर्की ने कहा। पोर्की की नकली मुस्कान एक सख्त नज़र के साथ गायब हो जाती है।

'अरे यार, अचानक से इनका व्यवहार बदल गया।' -कल्प ने सोचा।

'मुझे खाने की जरूरत नहीं है।' -कल्प ने कहा और उसे 1 चाँदी का सिक्का दिया।

पोर्की कल्प को एक चाबी देता है।

'पहली मंजिल पर कमरा नं. 4 आपका है।' -पोर्की ने कहा।

'ठीक है।' -कल्प ने कहा और वह पहली मंजिल पर जाता है। दरवाजा खोलने पर उसे दिखाई देता है, कि कमरा छोटा है, कमरे में एक सिंगल बेड और एक जादुई पत्थर लाइट है। कल्प के कमरे में प्रवेश करने पर स्टोन लाइट्स जलती हैं। कल्प अपना बैग बिस्तर पर रखता है और खिड़की खोलता है। फिर वो वह खाना खाता है जो आंटी लिली ने उसे दिया था और खाने के बाद वह बिस्तर पर लेट जाता है।

'मुझे आशा है कि, कल मुझे यॉर्क शहर की सवारी मिल जाएगी। यॉर्क शहर के बारे में सोचकर मुझे आश्चर्य होता है कि एक लाइटनिंग ट्रेन कैसी दिखती होगी।' -कल्प ने सोचा। 'खैर, अगर मुझे सवारी मिल गई तो मैं इसे कल जरूर देखूँगा।'

अगले दिन, कल्प एक गाड़ी स्टैंड पर पहुँचता है। यहाँ कुछ गाड़ियाँ ऐसी हैं, जिन्हें दो घोड़ों द्वारा खींचा जाता है। यहाँ दो प्रकार की गाड़ियाँ हैं- निजी और सार्वजनिक। सार्वजनिक गाड़ीयों में दस सीट और निजी गाड़ीयों में छ: सीटें होती हैं। तांगे वाले अपने मंज़िल का नाम चिल्ला रहे हैं।

'यॉर्क शहर, काल्डेकोट गाँव, निजी गाड़ी।' -सभी तांगे वाले चिल्ला रहे हैं।

कल्प, यॉर्क शहर कह रहे एक तांगे वाले की ओर जाता है। तांगे वाला पैंतालीस साल का आदमी है, जो पतला और छोटा है, सफेद और काली दाढ़ी है और बिखरे सफेद और काले बाल हैं। उसकी त्वचा काली है जिसमे कई ओपन पोर्स है। उसका नाम कॉलम है।

'जरा सुनो, यॉर्क शहर जाने के लिए कितना लेते हो?' -कल्प ने पूछा।

'30 ताँबे के सिक्के लगेंगे।' -कॉलम ने जवाब दिया।

'ठीक है, तुम कब जाओगे?' -कल्प ने पूछा।

'5 मिनट के भीतर चलते हैं।' -कॉलम ने कहा।

कुछ मिनटों के बाद, वे निकलते हैं। गाड़ी में दस लोग हैं। दो महिलाएँ हैं, एक तीस साल की और दूसरी चौबीस साल की। दोनों अपने पति के साथ हैं, एक बत्तीस साल के हैं और दूसरे पच्चीस साल के हैं। दोनो युवा जोड़े शिकारी हैं, जिनका नाम जेम्स और लुसी है। अन्य लोग सामान्य परिवार से हैं, जिसमें एक पाँच साल का लड़का है। यहाँ तीन आदमी हैं, एक ने हाथ में तलवार पकड़ी है, इनका शरीर भारी है, त्वचा का रंग काला है, छोटे बाल हैं और इनकी उम्र सत्ताईस वर्ष है। इनके भारी शरीर की वजह से लोगों को बैठने में दिक्कत हो रही है। वह बहुत बड़ी जगह को घेर रहे हैं और इनका नाम फूटर है। अन्य दो लोग, गोरी त्वचा और सुनहरे बालों वाले सामान्य व्यापारी हैं, जिनकी उम्र चौबीस से अट्ठाईस वर्ष के बीच है। एक एशियाई सफेद लड़की है, जो कल्प के समान उम्र की है, इसके काले लंबे बाल हैं और इसका नाम एलिस है।

'माँ, हम शहर कब पहुँचेंगे?' -एक लड़के ने पूछा।

'बेटा, हम रात को पहुँचेंगे।' -लड़के की माँ ने जवाब दिया।

'माँ, बहुत देर हो चुकी है। मुझे वॉशरूम जाना है।’ -लड़के ने कहा।

'बेटा, थोड़ी देर और रुक जाओ, फिर हम एक ब्रेक के लिए रुकेंगे। -लड़के की माँ ने कहा।

तभी अचानक से गाड़ी रुक जाती है।

'क्या हुआ?' -लड़के के पिता ने पूछा।

'सामने की गाड़ी में पिशाचों ने हमला किया है।' -कॉलम ने कहा।

'क्या?' -लड़के के पिता ने डरते हुए कहा।

'डरो मत। ये तो बस कुछ ही पिशाच हैं, मैं इन्हें संभाल लूँगा।' -फुटर ने कहा।

कल्प, ऐलिस, फुटर और दोनों युवा जोड़े गाड़ी से उतरते हैं। फूटर दूसरी गाड़ी मे सवार लोगों की मदद करने के लिए उनकी ओर दौड़ते हैं, लेकिन तभी अचानक, और भी पिशाच बाहर आते हैं और वे कल्प की गाड़ी पर हमला करते हैं।

पिशाच हरे रंग के हैं और इनकी लंबाई 100 सेमी से 120 सेमी तक है। इनके लंबे नुकीले कान, हाथों और पैरों में लंबी उंगलियाँ, लंबी नाक और नुकीले बड़े दाँत हैं। लेकिन इनके दो दाँत, अन्य दाँतों की तुलना में दोगुने आकार के हैं और निचले जबड़े के नुकीले दाँत (केनाइन दाँत) उनके मुँह से लेकर नाक की ओर निकल रहे हैं। वे अपने कंधे पर एक जानवर के सिर की हड्डी और निचले शरीर पर कपड़े का एक टुकड़ा पहने हूए हैं। हाथों में तलवार लिए हुए हैं।

'आप सभी सावधान रहना, बहुत सारे पिशाच इस तरफ आ रहे हैं।' -ऐलिस ने कहा और वह पिशाचों की ओर आग का एक जादू चलाती है।

कल्प अपने थैले से अपनी तलवार निकालता है।

'तुम गाड़ी के अंदर जाओ।' -जेम्स ने कॉलम से कहा।

जेम्स, लुसी और ऐलिस जादुई शक्तियों से लड़ रहे हैं और कल्प तलवार से लड़ रहा है। कल्प शुरुआत में संघर्ष करता है, क्योंकि उसने पहले कभी किसी को नहीं मारा था। जब कल्प एक पिशाच को मारने की कोशिश करता है, तो वह मारने से हिचकिचाता है और उसका मारने का मौका चूक जाता है, जिससे पिशाचों को कल्प पर हमला करने का मौका मिल जाता है। लेकिन पिशाचों के उस पर हमला करने से पहले ही एलिस पिशाचों को मारकर उसे बचा लेती है।

'तुम क्या कर रहे हो? क्या तुम खुद को मारना चाहते हो?' -ऐलिस ने गुस्से से कहा।

'मुझे माफ करना।' -कल्प ने कहा और फिर वह पिशाचों पर हमला करता है। वह उन्हें अपनी आँखे बँद करके मारता है।

बोहोत सारे पिशाचों को मारने के बाद, बाकी सभी पिशाच वहाँ से भाग जाते हैं।

'मेरी जान बचाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।' -कल्प ने ऐलिस से कहा, लेकिन वह कल्प को अनसुना कर देती है और गाड़ी में जाकर बैठ जाती है।

‘बच्चे, लगता है आज पहली बार तुमने किसी को मारा है।’ -जेम्स ने कहा।

'जी हाँ।' -कल्प ने कहा।

'कोई बात नहीं बच्चे। तुम्हें भी इसकी आदत हो जाएगी।' -जेम्स ने कहा।

फूटर गाड़ी में वापस आता है और फिर सभी चलना शुरू करते हैं।

'मैं जेम्स हूँ और यह मेरी पत्नी लूसी है।' -जेम्स ने कल्प से कहा।

'मेरा नाम कल्प है।' -कल्प ने कहा।

'अच्छा नाम है।' -जेम्स ने कहा।

'क्या आप दोनों शिकारी हैं?' -कल्प ने पूछा।

'हाँ, दरअसल हम पहले शिकारी थे, लेकिन अब हम एक नया जीवन शुरू करने के लिए यॉर्क शहर जा रहे हैं।' -जेम्स ने कहा।

'ठीक है।' -कल्प ने कहा।

'तुम कहाँ जा रहे हो?' -जेम्स ने पूछा।

'मैं योद्धा और जादूगरी विश्व विध्यालय के प्रवेश परीक्षा के लिए राजधानी जा रहा हूँ।' -कल्प ने कहा और यह सुन कर एलिस उसकी तरफ देखती है और तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लेती है।

'ये बहुत अच्छी बात है, इसके लिए तुम्हें ढेर सारी शुभकामनाएँ हैं।' -जेम्स ने कहा।

‘धन्यवाद।’ -कल्प ने कहा।

एलिस उसे देखती है, लेकिन जैसे ही कल्प उसकी ओर देखता है, वह तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लेती है।

कुछ घंटों की यात्रा के बाद, वे सभी यॉर्क शहर पहुँच जाते हैं। जब गाड़ी रुकती है तो सभी लोग गाड़ी से बाहर निकलते हैं और देखते हैं, कि यहाँ एक बड़ी सी दीवार और एक प्रवेश द्वार है। यहाँ दो लाइनें हैं, एक गाड़ीयों के लिए और दूसरी लोगों के लिए।

'यह तुम्हारी मंजिल है और यहाँ से तुम्हें खुद जाना होगा।' -कॉलम ने कहा।

यॉर्क शहर बहुत बड़ी दीवारों के बीच निर्माणित है, जो लगभग 100 मीटर ऊँची हैं। इसके उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में चार प्रवेश द्वार हैं। यहाँ के द्वार बहुत बड़े-बड़े हैं। प्रवेश द्वार पर कुछ पहरेदार हैं, जो गहरे नीले रंग की वर्दी और टोपी पहने हुए हैं। उनकी कमर में एक तलवार लटकी हुई है।

कल्प और बाकी लोग जाकर लाइन में खड़े हो जाते हैं। कुछ समय बाद, कल्प चेक्पॉइन्ट पर पहुँचता है। यहाँ दो पहरेदार गाड़ियों वाली लाइन की जाँच कर रहे हैं और दो पहरेदार लोगों के लाइन की जाँच कर रहे हैं। कुर्सी पर बैठा हुआ एक व्यक्ति पता लिख रहा है और प्रवेश शुल्क जमा कर रहा है।

अब कल्प की बारी आती है।

'अपना पहचान प्रमाण पत्र दिखाओ।' -पहले पहरेदार ने कहा।

कल्प अपने बैग से पहचान पत्र निकालता है और पहरेदार को देता है। पहरेदार इसे दूसरे पहरेदार को देते हैं और वह कल्प की जानकारी अपने रजिस्टर में लिखते हैं।

'आपके आने का उद्देश्य क्या है?' -पहले पहरेदार ने पूछा।

'मैं लाइटनिंग ट्रेन से राजधानी जा रहा हूँ।' -कल्प ने कहा।

'ठीक है, अब अगला व्यक्ति आए, अपना पहचान प्रमाण पत्र दिखाओ।' -पहले पहरेदार ने अगले व्यक्ति से कहा। कल्प अपना पहचान प्रमाण पत्र लेकर चला जाता है।

कल्प ने यॉर्क शहर में प्रवेश किया और देखा कि यहाँ की सड़कें भीड़ से भरी हुई हैं और बाज़ार सड़क पर सजा हुआ है। प्रत्येक इमारत कम से कम दो मंजिलों वाली है और सभी इमारतें गैबल छत(त्रिकोण के आकार की छत) की तरह दिख रही हैं। सभी इमारतें रंगहीन हैं। सड़क पर छोटी-छोटी दुकानें लगी हुई हैं। सड़क पर गाड़ियाँ, घोड़े और कुछ उड़ने वाली मोटर साइकिल भी है। कल्प एक पहरेदार की ओर जाता है।

‘क्षमा करें, क्या आप मुझे रेलवे स्टेशन का रास्ता बता सकते हैं?' -कल्प ने पूछा।

‘ये पश्चिमी द्वार है और रेलवे स्टेशन पूर्वी द्वार पर है। आपको इस मार्ग पर सीधे जाना है। जहाँ सामान्य लोगों का क्षेत्र समाप्त होगा, वहाँ से तुम दाहिने मुड़ जाना और कुलीन वर्ग क्षेत्र की सीमा पर स्थित सामान्य वर्ग के लोगों के क्षेत्र की सड़क पर चलना, फिर तुम कुलीन वर्ग  क्षेत्र के पूर्वी द्वार पर पहुँच जाओगे। यहाँ से दाहिने मुड़कर सीधे चलना, फिर तुम रेलवे स्टेशन पहुँच जाओगे।’ -पहरेदार ने कहा।

'बहुत-बहुत धन्यवाद।' -कल्प ने कहा और वहाँ से चला जाता है।

कल्प पूर्व द्वार की ओर चलने लगता है।

'फल, सब्जियाँ, राक्षस का माँस, कपड़ा, हथियार।' -सभी दुकानदार अपने सामानों के नाम चिल्ला रहे हैं।

कुछ पलों के बाद, कल्प कुलीन वर्ग  क्षेत्र के द्वार पर पहुँच जाता है। कुलीन वर्ग और सामान्य वर्ग दोनों क्षेत्रों को एक पैदल मार्ग द्वारा विभाजित किया गया है। द्वार के माध्यम से कल्प को यह दिखाई देता है कि कुलीन वर्ग  क्षेत्र बहुत साफ है। यहाँ ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं है, कुलीन वर्ग  क्षेत्र की इमारतें भी कम से कम दो मंजिलों की हैं, जो अच्छी तरह से संभाली गई हैं और सफेद और नीले रंग से पेंट की गई हैं। दीवारें सफेद रंग की हैं और गैबल छतें नीले रंग की हैं।

'सामान्य वर्ग और कुलीन वर्ग क्षेत्रों के बीच बहुत भेदभाव है।' -कल्प ने सोचा।

कल्प पैदल मार्ग के किनारे सड़क पर चलना शुरू करता है। एक घंटे बाद, वह पूर्वी द्वार पर पहुँचता है। सड़क पर, पत्थर लाइट्स हर जगह चमकने लगती है और दाँई ओर, वह यॉर्क सिटी लाइटनिंग ट्रेन को देखता है।

वहाँ एक मंजिल की एक छोटी इमारत है, जिसकी गेबल छत पर सफेद और पीले रंग का पेंट की किया गया है। इमारत के भू-तल पर दो काउंटर है, एक सामान्य वर्ग के लोगों के लिए और दूसरा कुलीन वर्ग के लोगों के लिए। कल्प काउंटर की ओर जाता है, वहाँ उसे एक बूढ़ा मोटा आदमी बैठा हुआ दिखाई देता है, जिसने सफेद कमीज और काली पैंट पहनी हुई है। काउंटर के पीछे, एक प्लेटफ़ॉर्म है। काउंटर और स्तंभों की दीवार पर वांछित-पोस्टर लगे हुए हैं।

'सर, राजधानी जाने वाली ट्रेन की समय सारणी क्या है?' -कल्प ने पूछा।

'यहाँ हर दिन केवल एक या दो ट्रेन ही चलती है, एक सुबह 7 बजे चलती है और दूसरी शाम 6 बजे चलती है।' -क्लर्क ने कहा।

'ठीक है, मुझे राजधानी के लिए सुबह वाली ट्रेन की एक टिकट चाहिए।' -कल्प ने कहा।

'किस क्लास (श्रेणी) में? जैसे- चेयर क्लास में या स्लीपर क्लास में?' -क्लार्क ने पूछा।

'दोनों की कीमत में क्या अंतर है?' -कल्प ने पूछा।

'चेयर क्लास का 10 चाँदी के सिक्के और स्लीपर क्लास का 15 चाँदी के सिक्के है।' -क्लार्क ने कहा।

'ठीक है, चेयर क्लास में बुक कर दीजिए।' -कल्प ने कहा।

'ठीक है, मुझे अपना पहचान प्रमाण पत्र दो।' -क्लार्क ने कहा।

कल्प उसे अपना पहचान प्रमाण पत्र देता है।

कुछ पलों के बाद, क्लर्क उसे एक टिकट और उसका प्रमाण पत्र देता है, जो भूरे रंग का है और उस टिकट पर लिखा है ‘मानव साम्राज्य लाइटनिंग ट्रेन, यॉर्क शहर, नाम- कल्प फील्ड, समय- सुबह 7 बजे, मंज़िल- राजधानी, डिब्बा नं.- 9, कुर्सी नं.- 18.'

'धन्यवाद।' -कल्प ने कहा और वहाँ से चला जाता है।

कल्प पास की एक होटल में जाता है, जिसका नाम 'ईट एंड लिव इन' है। यह एक मंजिल की इमारत है, जिसमें नीचे खाने की जगह है और पहली मंजिल पर रहने के लिए निजी कमरे हैं। यहाँ लकड़ी की बहुत सारी कुर्सियाँ और मेजें हैं। जहाँ पर लोग बैठे हैं और खाने-पीने का आनंद ले रहे हैं। यहाँ दो लड़कियाँ हैं, जो सभी को खाना परोस रही हैं और एक लड़की रिसेप्शन पर बैठी है। सभी लड़कियों ने काले रंग की फ्रॉक और सफेद एप्रन पहनी है और सभी लड़कियों की उम्र पंद्रह से बीस वर्ष के बीच है। कल्प रिसेप्शन पर जाता है।

'जरा सुनिये। मुझे एक रात के लिए एक कमरा चाहिए?' -कल्प ने पूछा।

'इसके लिए 10 चाँदी के सिक्के लगेंगे सर।' -रिसेप्शनिस्ट ने मुसकुराते हुए कहा।

'ठीक है। मैं अपने कमरे में भरपेट मांसाहारी भोजन भी चाहता हूँ।' -कल्प ने कहा।

कल्प ऊपर अपने कमरे में चला जाता है। कमरा बहुत बेहतर और साफ है। कल्प अपना बैग टेबल पर रखता है और बैड पर लेट जाता है।

'सिर्फ कुछ पिशाचों को मारने से मैं थक गया हूँ। मजबूत बनने के लिए मुझे बहुत लंबा रास्ता तय करना होगा। ' -कल्प ने सोचा।

कोई दरवाजे पर दस्तक देता है। कल्प दरवाजा खोलता है और सामने एक वेट्रेस को भोजन की थाली के साथ खड़ा देखता है। कल्प थाली ले लेता है।

'धन्यवाद।' -कल्प ने कहा।

'आपका स्वागत है सर।' -वेट्रेस ने मुस्कराते हुए कहा।

थाली में मांस, चपाती, सलाद और पानी की बोतल है।

रात को खाना खाने के बाद वह सो जाता है।

अगली सुबह वह अपना चेहरा धोता है, और अपना बैग उठाकर स्टेशन के लिए निकल जाता है।

स्टेशन और सड़कों पर इतनी भीड़ है कि चलना मुश्किल हो रहा है। स्टेशन के रास्ते में, कल्प एक कार को आते हुए देखता है, जो काले रंग की है और एक सेडान जैसी दिख रही है। उस कार में कुलीन वर्ग के लोग बैठे हुए हैं और एक सामान्य वर्ग का आदमी गाड़ी चला रहा है। कार, लाइटनिंग ट्रेन स्टेशन की ओर जा रही है। कुलीन वर्ग का आदमी मोटा है, वह बैंगनी और सफेद रंग के कपड़ों में है और वह पच्चीस साल का है। सामान्य वर्ग का आदमी सफेद पोशाक में है और वह चालीस साल का है।

'कार? मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस दुनिया में कार देखूँगा। वाकई में, इसके बारे में किसने सोचा होगा। उसके विचार मुझसे बहुत मिलते-जुलते होंगे। खैर, मुझे देर हो रही है, मुझे जाना होगा।' -कल्प ने सोचा।

कल्प स्टेशन पहुँचता है और वह प्लेटफॉर्म पर एक ट्रेन खड़ी देखता है, जो बुलेट ट्रेन की तरह दिख रही है। यह सफेद रंग की है और इसमें दस डिब्बे हैं। बीच के चार डिब्बे कुलीन वर्ग के लिए है, पहला और आखरी डिब्बा माल, जानवरों और दासों के लिए है और अन्य डिब्बे सामान्य वर्ग के लोगों के लिए है।

'बुलेट ट्रेन, जिसने भी इसे बनाया है, वह मेरी दुनिया से आया होगा। पहले कार और अब ये ट्रेन।' -कल्प ने कहा।

कल्प ट्रेन में जाता है। यहाँ एक लाइन में छ: सीटें हैं, हर तरफ तीन-तीन सीटें हैं। उनके बीच में पैदल चलने की जगह है। यहाँ दो प्रकार की खिड़कियाँ हैं, एक काँच की खिड़की है, जिसे खोला और बंद किया जा सकता है और दूसरी प्लास्टिक की खिड़की है जो सफेद रंग की है और इसे भी खोला और बंद किया जा सकता है। ट्रेन में सीट के ऊपर सामान रखने के लिए जगह है।

कल्प अपना टिकट चेक करता है और फिर सीट नं. 18 की तलाश करता है। ट्रेन में बहुत भीड़ है। हर कोई एक लाइन में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। कल्प अपनी सीट पर पहुँचता है, यह खिड़की वाली सीट है और वह जाकर बैठ जाता है।

कुछ मिनट के बाद, एक बूढ़ा जोड़ा आता है और कल्प के बगल में बैठ जाते हैं। दोनों की त्वचा गोरी है और बाल सफेद हैं। वे साठ से पैंसठ साल के हैं और उन्होनें सामान्य से बेहतर कपड़े पहने हुए हैं। उनके नाम कैस्पर और एस्मे है।

'माफ कीजिएगा, राजधानी पहुँचने में कितना समय लगेगा?' -कल्प ने कैस्पर से पूछा।

'बेटा, हम शाम को पहुँच जाएँगे।' -कैस्पर ने कहा।

'ठीक है दादाजी।' -कल्प ने कहा।

'बेटा, तुम्हारा नाम क्या है?' -कैस्पर ने पूछा।

‘कल्प।’ -कल्प ने उत्तर दिया।

'तुम राजधानी क्यों जा रहे हो?' -कैस्पर ने पूछा।

'दादाजी, कॉसब्रीड्स विश्व विध्यालय में प्रवेश की परीक्षा के लिए जा रहा हूँ।' -कल्प ने कहा।

'ठीक है, मेरा पोता भी इस साल प्रवेश की परीक्षा देने जा रहा है।' -कैस्पर ने कहा।

'वह जादूगर के लिए परीक्षा देने जा रहा है या योद्धा के लिए?' -कल्प ने पूछा।

मुझे लगता है वह जादूगर की परीक्षा के लिए जा रहा है और तुम? -कैस्पर ने पूछा।

'मैं योद्धा की परीक्षा के लिए जा रहा हूँ।' -कल्प ने कहा।

‘अच्छा है।’ -कैस्पर ने कहा।

कुछ मिनटों के बाद, ट्रेन चलने लगती है। लगभग 90% सीटें भरी हुई है और उनमें से अधिकांश लोग सोलह से बीस वर्ष के यात्री हैं। कुछ सेकंड के बाद, ट्रेन शहर से बाहर निकाल जाती है।

शहर के बाहर, वह लोगों और गाड़ीयों की लाइन देखता है, बच्चे ट्रेन की ओर हाथ हिला रहे हैं। यहाँ हरे-भरे मैदान हैं और गाँव गुजर रहे हैं। डेढ़ घंटे के बाद एक आदमी डिब्बे में दाखिल होता है। जो कि पतला है और उसकी ऊँचाई 190 सेमी है। उसने काला कोट, सफेद शर्ट, लाल टाई और काला पैंट पहना हुआ है।

‘गुड मॉर्निंग, सभी को नमस्ते, मैं आपका टिकट कलेक्टर हूँ। अपने टिकट निकालो, मैं एक-एक करके सभी के टिकट चेक करने के लिए आऊँगा।' -टिकट कलेक्टर ने जोर से कहा।

इसके बाद वह एक-एक कर हर सीट पर जाकर टिकट चेक करता है। कल्प का नम्बर आता है और कल्प बिना कुछ कहे अपना टिकट दिखाता है। वह चेक करता है और कल्प को उसका टिकट वापस दे देता है।

थोड़ी देर बाद एक बूढ़ा आदमी खाना बेचने आता है। उसकी उम्र करीब साठ साल है। वह डिब्बे के अंदर आकर घंटी बजाता है। वह खाने और पीने की ट्रॉली लिये हुए है। ट्रॉली बहुत बड़ी और पतली है। यह आसानी से मार्ग के बीच में चल सकती है और इसकी ऊँचाई लगभग छत को छू रही है।

'चलती ट्रेन में पता नहीं ट्रॉली से चीजें कैसे नहीं गिर रही है।' -कल्प ने सोचा।

घंटी बजने के बाद ज्यादातर लोग सामान खरीदते हैं। जब वो कल्प की सीट के पास आया, तब कल्प ने कहा- ‘जरा सुनिये, मुझे दो सैंडविच, जूस और एक पानी की बोतल चाहिए।'

वह कल्प को वो सब कुछ देता है जो उसने मांगा।

'इसके कुल 2 चाँदी के सिक्के लगेंगे।' -बूढ़े सेल्समैन ने कहा।

कल्प उन्हें पैसे देता है।

'दादाजी और दादीजी, क्या आपको इनमें से कुछ चाहिए?' -कल्प ने पूछा।

'नहीं बेटे, हमारे पास अपना खाना है।' -कैस्पर ने कहा।

'ठीक है दादाजी।' -कल्प ने कहा।

कल्प खाना खाने के बाद सो जाता है।

वह चार घंटे के बाद उठता है। वह देखता है कि कुछ लोग सो रहे हैं और अधिकांश लोग खाना खा रहे हैं।

'अरे, तुम उठ गए, क्या तुम कुछ खाना चाहते हो?' -एस्मे ने पूछा।

'नहीं, धन्यवाद दादीजी, मुझे भूख नहीं लग रही है।' -कल्प ने जवाब दिया।

कैस्पर और एस्मे से बात करते हुए और खिड़की से बाहर देखते-देखते समय बीत जाता है। कुछ घंटों के बाद, सूरज अस्त हो जाता है और कल्प बाहर ज्यादा कुछ देख नहीं पाता है। डिब्बे की लाइटें चालू हो जाती हैं।

कुछ मिनटों के बाद कल्प को एक रोशनी चमकती हुई दिखाई देती है।

'ऐसा लगता है कि हम राजधानी तक पहुँच गए हैं।' -कैस्पर ने कहा।

राजधानी रोशनी से जगमगा रही है। शहर की दीवारों पर लाइट्स जल रही है।

राजधानी की दीवारें कितनी चौड़ी है। हम इसके आखिरी छोर की ओर देख भी नहीं सकते। राजधानी की दीवारों के सामने एक नदी है। दीवारों के बीच ट्रेन के लिए एक खाली जगह है और उस खाली जगह से हम बहुत सारी लाइट्स देख सकते हैं। यहाँ अन्य दिशाओं से आने और जाने वाली अन्य ट्रेनें भी हैं और यहाँ रेल की पटरीयाँ मकड़ी के जाल की तरह फैली हुई है।

राजधानी के पास पहुँचने के बाद, ट्रेन नदी पर बने पुल के ऊपर से जाती है और राजधानी में प्रवेश करती है।