हेराल्ड के सेक्रेटरी ने उसे दोपहर की चाय लाकर दी।
‘शुक्रिया, मिस एलिस, आज मैं जल्दी घर जाऊँगा।’
‘मेरे ख़्याल से आपको आना ही नहीं चाहिए था, मिस्टर क्राइकेनथोर्प,’ मिस एलिस ने कहा। ‘आप अभी भी कमज़ोर लग रहे हैं।’
‘मैं ठीक हूँ,’ हेराल्ड क्राइकेनथोर्प ने कहा। लेकिन वे सचमुच कमज़ोर महसूस कर थे। बहुत बुरा हुआ था। ख़ैर, यह सब अब पूरा हो चुका था।
अजीब बात है, उसने उदासी के साथ सोचा, अल्फ्रेड को बच जाना चाहिए था, और उस बूढ़े को मर जाना चाहिए था। आख़िरकार, वह 73-74 साल का है। बरसों से बिस्तर पर पड़ा हुआ है। अगर किसी को मरना चाहिए था तो वह यह बूढ़ा आदमी ही था। लेकिन नहीं, गया अल्फ्रेड। जहाँ तक हेराल्ड की जानकारी थी, अल्फ्रेड तन्दुरुस्त आदमी था। उसको किसी तरह की समस्या नहीं थी।
वह अपनी कुर्सी पर टिककर साँसें लेने लगा। लड़की सही कह रही थी। उसे अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन वह, ऑफिस आना चाहता था, यह देखने के लिए कि कामकाज किस तरह चल रहा था। आना और जाना। उसने हर चीज़ देखी, ख़ूब बढ़िया सजा हुआ ऑफिस, कुर्सियाँ, सब कुछ बहुत महँगा लग रहा था। इसी मामले में अल्फ्रेड हमेशा ग़लत साबित हुआ। अगर आप अमीर दिखते हैं, तो लोग समझते हैं कि आप अमीर हैं। उसकी माली हालात के बारे में अभी तक किसी तरह की अफवाह नहीं उड़ी थी। लेकिन उसको ढहने से बहुत दिन तक रोका भी नहीं जा सकता था। अगर अल्फ्रेड की जगह उसके पिता की मौत हो जाती तो इसको टाला जा सकता था। अगर उसके पिता गुज़र गये होते तो फिर चिन्ता की कोई बात नहीं रहती।
फिर भी, दुखी नहीं दिखना ज़रूरी लग रहा था। अमीरों जैसा पहनावा। अल्फ्रेड जैसा नहीं जो हमेशा अभाव में घिरा दिखाई देता था, जो जैसा था वैसा ही दिखाई देता था। छोटा मोटा कमाऊ आदमी, जिसने साहस के साथ कभी भी बड़े पैसे बनाने के बारे में सोचा ही नहीं। थोड़ा बहुत पैसा कमा लेता था, कुछ दिन ऐश करता और फिर वही गरीबी। अल्फ्रेड को देखकर भी कुछ ख़ास नहीं लगता था। कुल मिलाकर आप यह नहीं कह सकते कि अल्फ्रेड की मौत कोई बड़ा नुकसान नहीं है। उसे अल्फ्रेड से कोई ख़ास लगाव नहीं था, और चूँकि अब अल्फ्रेड रास्ते से हट गया है तो उसके दादा की सम्पत्ति में एक दावेदार और कम हो गया है, अब पाँच की जगह वह सम्पत्ति चार भागों में बँटेगी। बहुत अच्छी बात है।
हेराल्ड का चेहरा थोड़ा-सा चमक गया। वह उठा, उसने अपना हैट और कोट उठाया और वहाँ से निकल पड़ा। बेहतर है कि एक या दो दिनों तक आराम कर ले। वह अभी भी उतना मज़बूत महसूस नहीं कर रहा था। उसकी कार नीचे इन्तज़ार कर रही थी और वह जल्दी ही लन्दन के ट्रैफिक को चीरता हुआ अपने घर पहुँचने वाला था।
उसके नौकर डार्विन ने दरवाज़ा खोला।
‘मालकिन अभी आयी हैं, सर,’ उसने कहा।
कुछ देर तक हेराल्ड ने उसको घूरा। एलिस! हे भगवान, आज ही एलिस को घर आना था? वह सब कुछ भूल चुका था। अच्छा किया डार्विन ने उसको सावधान कर दिया। यह अच्छा नहीं लगता कि वह ऊपर जाता और उसको देख कर हैरत में पड़ जाता। इससे फ़र्क नहीं पड़ता। न उसको न ही एलिस को इस बात को लेकर किसी तरह की ग़लतफहमी है कि वे दोनों एक-दूसरे के लिए किस तरह की भावनाएँ रखते हैं। शायद एलिस उसको पसन्द करती हो—उसे पता नहीं था।
कुल मिलाकर, एलिस उसके लिए बड़े दुख का कारण थी। उसे उससे कभी प्यार नहीं हुआ, हालाँकि एक तरह से वह अच्छी थी। और उसके परिवार के सम्बन्ध उसके लिए काम के थे। वे वैसे उतने उपयोगी नहीं रह गये थे, जितने कि उनको होने चाहिए थे, क्योंकि एलिस से शादी करके वह होने वाले बच्चों के हालत के बारे सोचते हुए। उसके बच्चों के लिए अच्छा सम्बन्ध होता। लेकिन न तो कोई लड़का हुआ न ही लड़की, और जो बच गया वह वह था। एलिस और वह साथ साथ बूढ़े हो रहे थे बिना एक-दूसरे को बिना अधिक कुछ कहे और एक-दूसरे के साथ ज़्यादा सुख उठाये।
वह आम तौर पर इस रिश्ते से दूर ही रहती आयी और जाड़े में आम तौर पर रिवेरा जाया करती थी। यह उसको अच्छा लगता था और हेराल्ड को इसका मलाल भी नहीं होता था।
वह ऊपर गया और उसने उसका स्वागत किया।
‘तो तुम आ गयीं, डीयर। माफ़ करना मैं तुमसे मिल नहीं पाया, क्योंकि मैं शहर में फँस गया था। जितनी जल्दी हो सकता था मैं आ गया। सैन राफेल कैसा है?’
एलिस ने उसे बताया कि सैन राफेल कैसा था। वह एक दुबली औरत थी जिसके बाल रेत के रंग के थे, लम्बी नाक थी और बादामी आँखें। वह अच्छी तरह बात करती थी। नहर के रास्ते वापसी का सफ़र थकाने वाला था, डोवर में कस्टम हमेशा की तरह सख़्त था।
‘तुमको हवाई जहाज़ से आना चाहिए था,’ हेराल्ड ने कहा, जो कि वह हमेशा कहा करता था। ‘उससे सहूलियत हो जाती।’
‘मुझे हवाई जहाज़ में चलना पसन्द नहीं है। मैं कभी उसमें चढ़ी ही नहीं। उससे मुझे घबराहट हो जाती है।’
‘समय की बहुत बचत हो जाती है,’ हेराल्ड ने कहा।
लेडी एलिस क्राइकेनथोर्प ने जवाब नहीं दिया। यह सम्भव था कि उसके जीवन की मुश्किल यह नहीं थी कि समय कैसे बचाया जाये बल्कि यह था कि समय को कैसे बिताया जाये। उसने बड़ी विनम्रता से अपने पति के स्वास्थ्य के बारे में पूछा।
‘एम्मा के टेलीग्राम से मुझे बड़ी फ़िक्र हो रही थी,’ उसने कहा। ‘तुम सभी बीमार पड़ गये थे, मेरे ख़याल से।’
‘हाँ, हाँ,’ हेराल्ड ने कहा।
‘मैंने बाद में अख़बार में पढ़ा था,’ एलिस ने कहा, ‘उसी दौरान एक होटल में 40 लोग ख़राब खाना खाने से बीमार पड़ गये थे। रेफ्रीजेटर में खाना रखना ख़तरनाक है, मेरे ख़याल से। लोग काफ़ी काफ़ी दिनों तक उसमें खाने का सामान रखते हैं।’
‘शायद,’ हेराल्ड ने कहा। उसे ज़हर के बारे में बताना चाहिए या नहीं? ख़ैर, एलिस को देखते हुए उसने यह महसूस किया कि उसे नहीं कहना चाहिए। एलिस के शब्दों में, उसे महसूस हुआ कि ज़हर देना सम्भव नहीं है। इस तरह की बातें अख़बार में पढ़ने के लिए मिलती हैं। इस तरह की बातें न तो आपके साथ होती हैं न ही आपके परिवार के साथ।
वह अपने कमरे में गये और दो-एक घण्टे तक सो गये और फिर डिनर के लिए तैयार हुए। डिनर के दौरान पत्नी के साथ उसकी बातचीत उसी तरह चलती रही। जान-पहचान वालों के बारे में और सैन राफेल के दोस्तों के बारे में।
‘तुम्हारे लिए हॉल में टेबल पर एक छोटा-सा पार्सल पड़ा हुआ है,’ एलिस ने कहा।
‘अच्छा? मैंने ध्यान नहीं दिया।’
‘अजीब बात है लेकिन कोई बता रहा था कि जिस औरत का ख़ून हुआ उसकी लाश बाड़े में या वैसी ही किसी जगह पर मिली थी। उसने बताया कि यह रदरफोर्ड हॉल में था। मुझे लगता है कि वह कोई और रदरफोर्ड हॉल रहा होगा।’
‘नहीं,’ हेराल्ड ने कहा, ‘ऐसा नहीं है। वह हमारे ही बाड़े में मिला था।’
‘सही में, हेराल्ड! रदरफोर्ड हॉल के बाड़े में एक औरत की लाश मिली और तुमने मुझे बताया तक नहीं।’
‘हाँ, असल में सच में अधिक समय था नहीं,’ हेराल्ड ने कहा। ‘और यह सब दुखी करने वाला था। ज़ाहिर है कि इसका कोई सम्बन्ध हमसे नहीं है। प्रेस में इसको लेकर ख़ूब चर्चा हुई। और फिर हम लोगों को पुलिस वगैरह से भी तो निपटना था।’
‘बड़े दुख की बात है,’ एलिस ने कहा। ‘क्या उनको इस बात का पता चला कि किसने यह सब किया था?’ उसने थोड़ी रुचि दिखाते हुए कहा।
‘अभी नहीं,’ हेराल्ड ने कहा।
‘वह किस तरह की औरत थी?’
‘कोई नहीं जानता। शायद फ्रेंच थी।’
‘ओह फ्रेंच,’ एलिस ने कहा। वे डाइनिंग रूम से निकल कर एक छोटे-से कमरे में गये जहाँ वे अक्सर तब बैठा करते थे जब वे अकेले होते थे। हेराल्ड अब तक बहुत थक चुका था। ‘मैं जल्दी सोने चला जाऊँगा,’ उसने सोचा।
उसने हॉल में जाकर छोटा पार्सल उठा लिया, जिसके बारे में उसकी पत्नी ने बताया था। पार्सल बहुत अच्छी तरह से तैयार किया गया था। हेराल्ड ने आग के सामने अपनी पसन्दीदा की जगह पर बैठकर उस पार्सल को खोला।
उसके अन्दर टैबलेट का एक बक्सा था जिसके ऊपर लिखा हुआ था ‘दो गोली रात में लेनी है’। उसके साथ एक छोटा-सा काग़ज़ का टुकड़ा था जिसके ऊपर ब्रैखेम्पटन की एक दवाई की दुकान का पता था। लिखा था डॉ. क्विम्पर के अनुरोध पर भेजा गया। हेराल्ड क्राइकेनथोर्प की भौंहें चढ़ गयीं। उन्होंने बक्से को खोला और उसके अन्दर के टैबलेट्स को देखा। हाँ, देखकर लगा कि वह वही गोलियाँ थी जिनको वे ले रहे थे। लेकिन निश्चित रूप से क्विम्पर ने कहा था कि उसको और गोलियाँ खाने की ज़रूरत नहीं थी? ‘तुमको इसकी ज़रूरत नहीं है,’ डॉ. क्विम्पर ने कहा था।
‘इसमें क्या है?’ एलिस ने कहा। ‘तुम कुछ परेशान लग रहे हो।’
‘ओह, नहीं कुछ नहीं। इसमें कुछ गोलियाँ हैं। मैं रात को लेता हूँ। लेकिन मुझे लगता है डॉक्टर ने कहा था कि मुझे और गोलियाँ खाने की ज़रूरत नहीं है।’
उसकी बीवी ने कहा, ‘हो सकता है उसने यह कहा हो कि इनको लेना मत भूलना।’
‘हो सकता है उसने ऐसा ही कहा हो,’ हेराल्ड ने सन्देह के साथ कहा।
उसने उसकी तरफ़ देखा। ऐलिस उसकी ओर देख रही थी। कुछ देर के लिए उसने सोचा—वह एलिस के बारे में अक्सर सोचता नहीं था—कि वह क्या सोच रही थी। लेकिन उसकी निगाहों ने उसे कुछ भी नहीं कहा। उसकी आँखें ऐसी थी जैसे खाली घर की खिड़कियाँ। एलिस उसके बारे में क्या सोचती थी, क्या महसूस करती थी? क्या उसने कभी उससे प्यार किया था? उसे लगता था कि हाँ। या उसने उससे इसलिए शादी की थी क्योंकि उसे लगता था कि वह शहर में अच्छा कर रहा था, और वह अपने वजूद से बोर नहीं हुई थी? ख़ैर, कुल मिलाकर, उसने काफ़ी अच्छा किया था। उसे लन्दन में घर और कार मिल गया था, वह जब चाहे विदेश जा सकती थी, अपने लिए महँगे कपड़े खरीद सकती थी, हालाँकि वे उसके ऊपर कभी फबते नहीं थे। ख़ैर, उसने काफ़ी अच्छा किया था। उसने सोचा कि क्या वह ऐसा सोचती होगी? वह उसे पसन्द नहीं करती थी, न ही वह उसे पसन्द करता था। उनके बीच कुछ भी आम नहीं था, बात करने के लिए कुछ भी नहीं था, साझा करने के लिए यादें नहीं थीं। अगर बच्चे होते—अजीब बात यह थी कि परिवार में कोई बच्चा नहीं था सिवाय एडी के बेटे के। बेचारी एडी, उसने लड़ाई के समय में जल्दबाज़ी में शादी की थी। उसने उसे सही सलाह दी थी।
उसने कहा था, ‘यह सब अच्छा लगता है, जोश से भरा नौजवान पायलट, शोहरत, साहस, लेकिन शान्ति के दिनों में ये किसी काम नहीं आते। वह शायद ही तब तुम्हारा खर्च उठा पाये।’
और एडी ने कहा था, इससे क्या फ़र्क पड़ता है? वह ब्रायन को प्यार करती थी, और ब्रायन उसे, और हो सकता है वह बहुत जल्दी ही मारा जाये। तो क्यों न थोड़ी बहुत खुशी बाँट ली जाये? भविष्य की तरफ़ देखने का क्या फ़ायदा है जबकि उनके ऊपर किसी भी समय बम गिराया जा सकता था।
और आख़िरकार, एडी ने कहा था, भविष्य से कोई फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकि एक दिन दादा जी का पैसा आ ही जायेगा।
हेराल्ड कुर्सी में असहज हो गया। सच में, उसके दादा जी की वसीयत सवालिया थी! सबको एक धागे के सहारे भुला देने वाली। उस वसीयत से कोई भी खुश नहीं था। इसने उनके पोते पोतियों को भी खुश नहीं किया और उनके पिता को बेचैन कर दिया। वह बूढ़ा मुतमइन था कि मरना नहीं था। इसलिए वह अपना इतना अधिक ध्यान रखता था। लेकिन उसे जल्दी ही मरना था। पक्के तौर पर उसे जल्दी ही मरना था। नहीं तो—हेराल्ड की चिन्ता और बढ़ गयी और वह बीमार महसूस करने लगा।
एलिस अभी भी उसे देख रही थी, उसने महसूस किया। वे पीली, सोचती हुई आँखें, उनसे कई बार वह असहज हो जाता था।
‘मुझे लगता है मुझे सोने जाना चाहिए,’ उसने कहा। ‘यह शहर में मेरा पहला दिन है।’
‘हाँ,’ एलिस ने कहा, ‘मुझे लगता है यह अच्छा ख़याल है। मुझे लगता है डॉक्टर ने तुमसे कहा होगा कि पहले चीज़ों को आसानी से लेना शुरू कर दो।’
‘डॉक्टर तो हमेशा यही कहते हैं,’ हेराल्ड ने कहा।
‘और अपनी गोलियाँ लेना मत भूलना,’ एलिस ने कहा। उसने डिब्बा उठाया और उसकी तरफ़ बढ़ा दिया।
उसने शुभ रात्रि कहा और ऊपर चला गया। हाँ, उसे दवाओं की ज़रूरत थी। दवाओं को इतनी जल्दी छोडना ग़लती होती। उसने दो गोलियाँ ली और उनको पानी के साथ निगल लिया।
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