अपनी माँ और नानी से सीखी मज़ाक करने की आदतों के अनुसार : एक सच्ची औरत न तो घबड़ाती है न ही आश्चर्यचकित होती है—मिस मार्पल ने अपनी भौंहें उठायीं और गर्दन हिलाते हुए यह कहा :
‘तुम्हारे लिए बहुत दुखद है एल्स्पेथ और बहुत अजीब भी। मुझे लगता है बेहतर यही है कि तुम मुझे अभी ही बता दो।’
मिसेज़ मैकगिलीकडी यही तो चाहती थी। उन्होंने अपनी परिचारिका को आग के और क़रीब ले जाने के लिए कहा, वहाँ बैठ गयीं, अपने दास्ताने उतारे, और विस्तार से सुनाने लगीं।
मिस मार्पल ने पूरे ध्यान से सुना। मिसेज़ मैकगिलीकडी जब साँस लेने के लिए रुकी तो मिस मार्पल ने फ़ैसलाकुन अन्दाज़ में कहना शुरू कर दिया।
‘सबसे अच्छी बात मुझे यह लगती है मेरी दोस्त कि तुम अपना टोप उतारकर ऊपर जाओ और अपना चेहरा धो लो। फिर हम सब रात का खाना खायेंगे—इस बीच हम इस बारे में बिलकुल चर्चा नहीं करेंगे। खाने के बाद हम इस मामले के बारे में विस्तार से बात करेंगे और इसके हर पहलू पर बात करेंगे।'
मिसेज़ मैकगिलीकडी को यह सुझाव पसन्द आया। दोनों औरतों ने सेंट मैरी मीड गाँव में रहने के दौरान हुए जीवन के अनुभवों के बारे में बातें करते हुए खाना खाया। मिस मार्पल ने केमिस्ट की पत्नी से जुड़े स्कैंडल की चर्चा की, स्कूल की शिक्षिका और गाँव वालों के बीच के तनाव के बारे में बताया। उसके बाद उन्होंने मिस मार्पल और मिसेज़ मैकगिलीकडी के बगानों के बारे में चर्चा की।
मिस मार्पल ने मेज़ से उठते हुए कहा, ‘पाओनी के पौधे सबसे गैरजि़म्मेदार होते हैं। या तो वे उगते हैं या नहीं उगते। लेकिन अगर वे एक बार जम जाते हैं तो फिर आजीवन आपके साथ रहते हैं, इसलिए आजकल उनकी बेहतरीन किस्में आयी हुई हैं।’
दोनों एक बार फिर से आग के सामने आकर बैठ गयीं और मिस मार्पल कपबोर्ड के एक कोने से वाटरफोर्ड के ग्लास ले आयीं और दूसरे कपबोर्ड से ग्लासेस निकालीं।
‘आज रात तुम्हारे लिए कॉफी नहीं है एल्स्पेथ,’ उन्होंने कहा। तुम पहले से ही बहुत जोश में हो और शायद सो नहीं पाओ।
पहले तुम्हारे लिए एक ग्लास वाइन और फिर उसके बाद हो सके तो कैमोमिल की चाय।'
मिसेज़ मैकगिलीकडी के लिए उन्होंने एक गिलास में वाइन ढाली।
‘जेन,’ मिसेज़ मैकगिलीकडी ने गिलास से एक घूँट लेते हुए, कहा ‘तुम्हें कहीं ऐसा तो नहीं लग रहा कि मैंने इसके बारे में कोई सपना देखा था या कल्पना की थी?’
‘बिलकुल नहीं,’ मिस मार्पल ने गर्मजोशी के साथ कहा।
मिसेज़ मैकगिलीकडी ने राहत की साँस ली।
‘वैसे तो वह टिकट कलक्टर काफ़ी विनम्र था लेकिन वह यही समझ रहा था,’ उन्होंने कहा।
‘मुझे लगता है एल्स्पेथ, इस तरह एक हालात में ऐसा लगना स्वाभाविक है। यह एक ऐसी कहानी लगती है—है भी—जिसके न होने की सम्भावना अधिक लगती है। और तुम उसके लिए एक अजनबी थीं। नहीं, मुझे इसमें कोई शक़ नहीं है कि जो कुछ तुमने देखा या जो तुमने बताया कि तुमने देखा। यह बहुत अस्वाभाविक-सी बात है—लेकिन असम्भव तो बिलकुल नहीं है। मैं समझ सकती हूँ कि जब कोई ट्रेन तुम्हारे ट्रेन के समानान्तर जा रही हो तो तुम यह देखने के लिए उसके एकाध कूपों में झाँक कर देखो कि उसमें क्या हो रहा है। मुझे याद है, एक बार मैंने देखा कि एक छोटी लड़की टेडी बीयर के साथ खेल रही थी, अचानक उसने उसे जान बूझकर एक मोटे आदमी की तरफ़ फेंक दिया जो एक कोने में सो रहा था और वह अचकचाकर उठ बैठा, और दूसरे मुसाफ़िर हैरत से उसे देखने लगे। मैंने यह सब एकदम साफ़-साफ़ देखा था। उसके बाद एक महिला ठीक-ठीक यह बता सकती थी कि वे कैसे लग रहे थे और वे क्या कर रहे थे।'
मिसेज़ मैकगिलीकडी ने ऐसे सिर हिलाया जैसे वह आभार जता रही हों।
‘एकदम ऐसा ही हुआ था।’
‘तुमने बताया कि उस आदमी की पीठ तुम्हारी तरफ़ थी। इसलिए तुमने उसका चेहरा नहीं देखा?’
‘नहीं।’
‘और वह औरत, क्या उसके बारे में तुम बता सकती हो? जवान या बूढ़ी?’
‘जवान थी। तीस से पैंतीस के बीच की, मैं इससे अधिक कुछ नहीं कह सकती।’
‘सुन्दर थी?’
‘मैं यह भी नहीं कह सकती। उसका चेहरा पूरी तरह से विकृत हो चुका था और—’
मिस मार्पल ने तुरन्त कहा :
‘हाँ, हाँ, मैं समझ सकती हूँ। उसने कपड़े किस तरह के पहन रखे थे?’
‘उसने रोयेंदार कोट पहन रखा था, कुछ पीले जैसे रंग का रोयेंदार। उसके सिर पर टोप नहीं था। उसके बाल सुनहरे थे।’
‘और उस आदमी में ऐसा कुछ ख़ास नहीं था जिसे तुम याद कर सको?’
मिसेज़ मैकगिलीकडी ने जवाब देने से पहले कुछ देर सोचा।
‘वह लम्बा था—और गहरे रंग का, मुझे लगता है। उसने एक भारी-सा कोट पहन रखा था इसलिए मैं उसके कद काठी के बारे में कुछ ख़ास नहीं कह सकती।’ उसने जवाब दिया, ‘यह कुछ ऐसा नहीं है जिसके बारे में कुछ ख़ास बता सकूँ।’
मिस मार्पल ने कुछ रुकते हुए कहा, ‘तुम बिलकुल पक्के तौर पर यह कह सकती हो कि वह औरत मर चुकी थी?’
‘वह मर चुकी थी, इसके बारे में मैं पक्के तौर पर कह सकती हूँ। उसकी जीभ बाहर निकल आयी थी—बल्कि मैं इसके बारे में बात भी नहीं कर सकती—’
‘ठीक है ठीक है,’ मिस मार्पल ने जल्दी से कहा। ‘मेरे ख़याल से इसके बारे में हम सुबह और बात करेंगे।’
‘सुबह में?’
‘मैं यह सोच रही हूँ कि सुबह के अख़बारों में इसके बारे में ख़बर होगी। जब उस आदमी ने उसके ऊपर हमला कर दिया और उसे मार दिया, उसके हाथ में लाश रही होगी। तो उसने क्या किया होगा? शायद वह पहले ही स्टेशन पर ट्रेन से उतर गया होगा—अच्छा यह बताओ—क्या तुमको यह याद है कि वह गलियारे वाला कूपा था?’
‘नहीं वह नहीं था।’
‘इससे यह समझ में आता है कि वह ट्रेन अधिक दूर नहीं जा रही थी। वह ज़रूर ब्रैखेम्प्टन में रुकती होगी। मान लो उसने ब्रैखेम्प्टन में ट्रेन छोड़ दी हो, शायद उसकी लाश को कोने वाली सीट पर टिका दिया हो, उसके रोयेंदार कोट के कॉलर से सिर छिपाकर, जिससे उसके बारे में लोगों को पता चलने में कुछ देर हो जाये। हाँ—मुझे लगता है उसने ऐसा ही किया होगा। लेकिन ज़ाहिर है, अधिक वक़्त नहीं बीता होगा जब उसके बारे में लोगों को पता चल गया होगा—और मुझे लगता है कि ट्रेन में एक औरत की लाश मिलने की खबर कल सुबह के अख़बार में होनी चाहिए—देखते हैं।’
II
लेकिन सुबह के अख़बार में ऐसा कुछ भी नहीं था।
मिस मार्पल और मिसेज़ मैकगिलीकडी को जब पूरी तरह यकीन हो गया कि इस बात की कोई ख़बर नहीं थी तो दोनों चुपचाप नाश्ता करने लगीं।
नाश्ते के बाद उन्होंने बगीचे का एक चक्कर लगाया। आम तौर पर इसमें बहुत मज़ा आता था, लेकिन आज उनको कुछ ख़ास मज़ा नहीं आया। मिस मार्पल ने कुछ नये और दुर्लभ पौधों के ऊपर ध्यान दिया लेकिन उनका ध्यान कहीं और ही था। और मिसेज़ मैकगिलीकडी ने हमेशा की तरह आज अपने दुर्लभ पौधों की चर्चा करके जवाबी हमला नहीं किया।
‘यह बगीचा वैसा नहीं लग रहा जैसा कि इसे लगना चाहिए,’ मिस मार्पल ने कहा, लेकिन यह बात भी उन्होंने बेख़्याली में कही। ‘डॉक्टर हेडौक ने मुझे झुकने और घुटनों के बल बैठने के लिए पूरी तरह से मना कर दिया है—और वैसे, अगर झुकें नहीं, घुटनों के बल नहीं बैठें तो आप कर ही क्या सकते हैं? पुराने एडवर्ड हैं, लेकिन इतने पूर्वाग्रह से भरे हुए। और इस तरह के सारे काम उन्हें कई तरह की बुरी आदतों का शिकार बना देते हैं, चाय के कई कप, मिट्टी का इतना सारा काम—कोई ख़ास कम नहीं।’
‘हाँ, मैं जानती हूँ,’ मिसेज़ मैकगिलीकडी ने कहा। ‘मेरे लिए ऐसी कोई बात नहीं है कि झुकने की मनाही है, लेकिन अब इतना वजन बढ़ गया है इसलिए खाने के बाद इससे दिल पर बोझ पड़ता है।’
कुछ देर चुप्पी रही और फिर मिसेज़ मैकगिलीकडी खड़े होकर अपने दोस्त की तरफ़ मुड़ गयीं।
‘अच्छा,’ उन्होंने कहा।
वैसे इस शब्द का कोई मतलब नहीं था, लेकिन मिसेज़ मैकगिलीकडी ने जिस अन्दाज़ से यह बात कही थी उससे इसमें भरपूर अर्थ आ गया था, और मिस मार्पल इस बात का मतलब अच्छी तरह से समझ गयीं।
‘मैं जानती हूँ,’ उन्होंने कहा।
दोनों औरतों ने एक दूसरे की ओर देखा।
‘मुझे लगता है हमें पुलिस स्टेशन जाकर सार्जेंट से बात करनी चाहिए। वे समझदार है, धीरज से बात सुनना जानते हैं, और मैं उनको बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ, और वे भी मुझे जानते हैं। मुझे लगता है वे हमारी बात ध्यान से सुनेंगे—और हमारी बात को सही जगह पर पहुँचा भी देंगे,’ मिस मार्पल ने कहा।
उसके क़रीब 45 मिनट के बाद वे दोनों एक महत्वपूर्ण आदमी से बात कर रही थीं, जिसकी उम्र 30 से 40 के बीच थी और जो बड़े ध्यान से उनकी बातों को सुन रहा था।
फ्रैंक कोरनीश ने उन दोनों महिलाओं को बड़े आदर से बुलाया। उन दोनों के लिए कुर्सी लगाकर उसने पूछा, ‘अब बताइये मिस मार्पल, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ?’
मिस मार्पल ने कहा, ‘मैं यह चाहती हूँ कि आप मेरी दोस्त मिसेज़ मैकगिलीकडी की बातों को सुनें।’
और सार्जेंट ने सुना। जब उनकी बात ख़त्म हो गयी तो वह एक या दो मिनट के लिए शान्त हो गया।
फिर उसने कहा :
‘यह तो एक असाधारण कहानी है’। उसकी आँखें बिना किसी इरादे के मिसेज़ मैकगिलीकडी को ऊपर से नीचे देख रही थीं।
कुल मिलाकर वह उनकी कहानी के प्रति सकारात्मक लगे। एक समझदार महिला कहानी सुना रही थी, देखने में वह न तो कल्पना करने वाली लग रही थी न ही किसी तरह की पागल। सबसे बढ़कर मिस मार्पल उनकी कहानी में पूरी तरह यकीन कर रही थी, और वह मिस मार्पल के बारे में अच्छी तरह जानते थे। सेंट मेरी में हर कोई मिस मार्पल को जानता था। गोल-मटोल, थोड़ी सशंकित-सी दिखने वाली, लेकिन अन्दर से बहुत तेज़-तर्रार।
उसने गला साफ़कर बोलना शुरू किया।
‘ज़ाहिर है’ उसने कहना शुरू किया, ‘हो सकता है आपको कुछ धोखा हुआ हो—नहीं मैं यह नहीं कह रहा कि आपको धोखा हुआ था—लेकिन आपको हो सकता है। बहुत तरह के खेल होते रहते हैं—हो सकता है वह उतना गम्भीर या जानलेवा न रहा हो।’
‘मैं जानती हूँ कि मैंने देखा था,’ मिसेज़ मैकगिलीकडी ने कुछ सख़्ती के साथ कहा।
‘और आप इससे डिगने वाली नहीं हैं,’ फ्रैंक कोर्निश ने सोचा, ‘मैं यही कह सकता हूँ कि हो सकता है कि आप सही ही हों।’
उसने ज़ोर से कहा, आपने इस बात को रेलवे के अधिकारियों से बता दिया था, और अब आप मुझे बताने आयी हैं। यह सही तरीका है और आपको मेरे ऊपर विश्वास रखना चाहिए कि हम उसके ऊपर जाँच बिठायेंगे।’
वह झुका। मिस मार्पल ने अपना सिर हल्के से हिलाया। मिसेज़ मैकगिलीकडी कुछ ख़ास सन्तुष्ट नहीं लग रही थीं। लेकिन उन्होंने कुछ कहा नहीं। सार्जेंट कोर्निश ने मिस मार्पल को सम्बोधित किया, इसलिए नहीं कि वह उनके विचार जानना चाहता था, बल्कि वह यह जानना चाहता था कि मिस मार्पल कहना क्या चाहती थी।
‘बताए गये तथ्यों के आधार पर आपको क्या लगता है कि लाश का क्या हुआ होगा?’
‘मुझे तो सिर्फ़ दो ही सम्भावनाएँ लगती हैं,’ मिस मार्पल ने बिना किसी झिझक के कहा। सबसे बड़ी तो यही सम्भावना लगती है कि वह लाश ट्रेन में ही छोड़ गया हो, लेकिन अब उस बात की सम्भावना नहीं लगती है क्योंकि ऐसी हालत में वह रात में किसी वक़्त मिल गयी होती, किसी और मुसाफ़िर को वह मिली होती, या फिर ट्रेन जब अपने आख़िरी स्टेशन पर पहुँची तो उसे रेलवे कर्मचारियों ने देख लिया होता।’
फ्रैंक कोर्निश ने सिर हिलाया।
‘हत्यारे के लिए एक और रास्ता यह बचा होगा कि उसने लाश को ट्रेन से बाहर लाइन पर फेंक दिया हो, हो सकता है वह अब भी कहीं रेल लाइन पर पड़ी हो और किसी की उसके ऊपर नज़र न पड़ी हो—इसकी सम्भावना अभी ख़त्म नहीं हुई है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि इससे निपटने का कोई और तरीका है।’
मिसेज़ मैकगिलीकडी ने कहा, ‘हम यह पढ़ते हैं कि बड़े बक्से में लाश रख दी गयी। लेकिन आजकल ट्रंक के साथ कोई सफ़र नहीं करता, आजकल लोग सूटकेस लेकर चलते हैं, और सूटकेस में लाश को नहीं रखा जा सकता है।’
‘हाँ, मैं आप लोगों की बात से सहमत हूँ, अगर कहीं कोई लाश है तो या तो अब तक वह मिल गयी होगी या जल्दी ही मिल जायेगी। अगर कुछ हुआ तो मैं आप लोगों को बताऊँगा—या आप लोग जल्दी ही उसके बारे में अख़बार में पढ़ लेंगे। इस बात की भी सम्भावना लगती है इतने बुरे हमले के बावजूद वह औरत असल में मरी न हो, और अपने पैरों पर चलकर ट्रेन से उतरकर चली गयी हो।’ कोर्निश ने कहा।
‘इसकी सम्भावना नहीं है कि वह बिना किसी मदद के निकल पायी हो,’ मिस मार्पल ने कहा। ‘और अगर ऐसा हुआ होगा तो किसी ने देखा होगा। एक आदमी किसी औरत को सहारा देकर ले जा रहा हो यह कहकर, कि वह बीमार है।’
‘हाँ उसके ऊपर लोगों का ध्यान गया होगा,’ कोर्निश ने कहा। ‘या अगर कोई औरत कूपे में बेहोश या बीमार मिली हो तो उसके बारे में भी दर्ज किया गया होगा। आप निश्चिन्त रहें। अगर ऐसा है तो आप लोगों को जल्दी ही इसके बारे में सुनने को मिलेगा।’
दो दिन गुज़र गये। उस शाम मिस मार्पल को सार्जेंट कोर्निश का एक नोट मिला।
‘आप लोगों ने जिस बारे में मुझे बताया था उसके बारे में पूरी जाँच हो गयी और उसका कोई नतीजा नहीं निकला। किसी औरत की लाश नहीं मिली। किसी अस्पताल में ऐसी किसी औरत का इलाज नहीं हुआ। न ही किसी ने किसी औरत को किसी मर्द का सहारा लेकर जाते हुए देखा। इस सम्बन्ध में पूरी जाँच हो गयी है। मुझे लगता है कि आपकी दोस्त ने जो देखा था वह उतना गम्भीर मामला नहीं था जैसा कि उन्होंने सोचा था।
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