‘क्या इसे आप फ़ैसलाकुन नहीं कहेंगे,’ सार्जेंट वेदरऑल ने हमेशा की तरह उदासी से कहा।
क्रैडोक 20 दिसम्बर को हेराल्ड क्राइकेनथोर्प की कारगुजारियों के बारे में रपट पर ध्यान दे रहे थे।
साढ़े तीन बजे के आसपास उसे सोथेबी के पास देखा गया था, लेकिन शायद वह उसके बाद जल्दी ही निकल गया था। रसेल टी शॉप में उसकी तस्वीर को किसी ने नहीं पहचाना, लेकिन ज़्यादा भीड़भाड़ में उनका काम इसी तरह से चलता है, और चूँकि वह वहाँ आमतौर पर आने वालों में था, और इसमें कोई हैरत की बात भी नहीं थी। उनके नौकर ने यह कहा कि डिनर पार्टी के लिए तैयार होने के लिए वे पौने सात बजे लौटकर आ गये थे—लेकिन बाद में चूँकि डिनर साढ़े सात बजे था, और मिस्टर क्राइकेनथोर्प के उसके बाद के काम के बारे में उसे पता नहीं था। उसने उनको रात में आते हुए नहीं सुना था, लेकिन चूँकि यह कुछ अरसा पहले की बात थी, इसलिए उसके बारे में कुछ भी ठीक-ठीक तरीके से याद नहीं था, और वैसे भी वह क्राइकेनथोर्प के आने की आवाज़ को नहीं सुन पाता था। वह और उसकी पत्नी जल्दी से जल्दी सोने में यकीन रहते थे। हेराल्ड ने जहाँ किराए पर गैराज़ ले रखा था और वहाँ वे अपना ताला लगाते थे, इसलिए किसी को याद नहीं था कि कौन आया और कौन गया। वैसे भी किसी एक शाम को आने वाले लोगों के बारे में याद रखने का कोई ख़ास कारण नहीं था।
‘सब नकारात्मक,’ क्रैडोक ने आहें भरते हुए कहा।
‘वह कैटेरर्स के डिनर में गया तो था मगर वहाँ से जल्दी निकल गया।
रेलवे स्टेशन के बारे में क्या पता चला?’
लेकिन वहाँ कुछ भी नहीं था, न तो ब्रैखेम्पटन में न पैडिंगटन में। इस बात के चार हफ़्ते बीत चुके थे और इस बात की सम्भावना नहीं थी कि कुछ भी याद रह सके।
क्रैडोक ने साँस भरी, और सेडरिक पर आंकड़े जुटाने के लिए उसने अपने हाथ फैलाये। वह भी नकारात्मक था, हालाँकि एक टैक्सी ड्राइवर ने इस बात की पहचान की थी कि वह एक सवारी को पैडिंगटन लेकर गया था जिसका चेहरा उस औरत से मिलता-जुलता था। वह उस दिन दोपहर की बात थी। उसे उस दिन की इसलिए ख़ास याद थी क्योंकि उस दिन उसने एक ऐसे घोड़े पर दाँव लगाया था जो जीत गया था। उसने ढाई बजे यह ख़बर रेडियो पर सुनी। सवारी को छोड़कर वह जल्दी से घर गया था और उसने वहाँ उसका जश्न मनाया।
‘इस रेसिंग का शुक्रिया,’ कहते हुए क्रैडोक ने रपट को परे खिसका दिया।
‘और यह रहा अल्फ्रेड,’ सार्जेंट वेदरऑल ने कहा।
उसकी आवाज़ में कुछ पाकर क्रैडोक ने जल्दी से ऊपर की ओर देखा। वेदरऑल उस आदमी की तरह लग रहा था जो चटपटी ख़बर को आखिर तक बचा कर रखता है।
पहले जाँच का नतीजा सन्तोषजनक नहीं रहा था। अल्फ्रेड अपने फ़्लैट में अकेला रहता था और उसके आने और जाने का कोई ख़ास समय नहीं था। उसके पड़ोसी ऐसे नहीं थे जो ताक-झाँक करने वाले हों और वैसे भी वे सभी कामकाजी लोग थे इसलिए वे दिन भर बाहर रहते थे। लेकिन रिपोर्ट के आखिर में, वेदरऑल की बड़ी उँगलियों ने आखिरी पैरे की तरफ़ इशारा किया।
सार्जेंट लिकी को लौरी से चोरी के मामले को सुलझाने का काम सौंपा गया था, और वह लॉर्ड ऑफ ब्रीक्स में वाइडिंगटन-ब्रैखेम्पटन रोड पर था, जहाँ उसने कुछ ख़ास लौरी ड्राइवरों के ऊपर नज़र बनाई हुई थी। उसने पाया कि पास की मेज़ पर डिकी रोज़र्स के समूह का चिक एवान्स बैठा हुआ था। उसके साथ अल्फ्रेड क्राइकेनथोर्प बैठा हुआ था जिसको वह पहचानता था, डिकी रोज़र्स मामले में उसने गवाही दी थी। उसे बड़ी हैरत हुई कि दोनों वहाँ बैठकर क्या कर रहे थे। रात के 9:30 बजे थे, दिन था शुक्रवार 20 दिसम्बर। कुछ मिनट के बाद अल्फ्रेड क्राइकेनथोर्प एक बस में चढ़ गया, जो ब्रैखेम्पटन की तरफ़ जा रही थी। टिकट कलक्टर विलियम बेकार ने उसका टिकट काटा था, जो ब्रैखेम्पटन स्टेशन पर काम करता था। वह उसको मिस क्राइकेनथोर्प के भाई के रूप में जानता था। यह ब्रेखेम्पटन के लिए 11:55 की ट्रेन के छूटने से ठीक पहले की बात थी। उस दिन को याद करते हुए उसने कहा कि उस दिन एक सनकी बुढ़िया थी जो यह कह रही थी कि उसने उस दोपहर ट्रेन में किसी का ख़ून होते देखा था।
‘अल्फ्रेड?’ क्रैडोक ने रिपोर्ट को नीचे रखते हुए कहा। ‘अल्फ्रेड? मुझे हैरत हो रही है।’
‘इसके मुताबिक तो वह ऐन मौके पर मौजूद था,’ वेदरऑल ने इस ओर ध्यान दिलाया।
क्रैडोक ने सिर हिलाया। हाँ, अल्फ्रेड 4:33 की ट्रेन से ब्रैखेम्पटन जाते हुए रास्ते में ख़ून कर सकता था, फिर वह वहाँ से बस पकड़ कर लॉर्ड ऑफ ब्रीक्स जा सकता था। वह वहाँ 9:30 तक पहुँच सकता था और उसके बाद उसके पास काफ़ी समय होता रदरफोर्ड हॉल जाने के लिए वहाँ से लाश को बाँध के नीचे से हटाकर ताबूत में रखने के लिए और ब्रैखेम्पटन जाकर 11:55 की ट्रेन पकड़ कर वापस लन्दन जाने के लिए। हो सकता है कि डिकी रोज़र्स गिरोह के किसी आदमी ने लाश को हटाने में उसकी मदद भी की हो, हालाँकि क्रैडोक को इसमें शुबहा था। वे अच्छे नहीं हैं लेकिन हत्यारे बिलकुल नहीं।
‘अल्फ्रेड,’ उसने अनुमान से कहा।
II
रदरफोर्ड हॉल में परिवार वाले जुटे थे। हेराल्ड और अल्फ्रेड लन्दन से आये थे और जल्दी ही ऊँची आवाज़ में बहस चलने लगी।
अपनी पहल पर लूसी ने एक जग में कॉकटेल बनाया और बर्फ के साथ उसे लेकर लाइब्रेरी की तरफ़ बढ़ी। हाल में आवाज़ साफ़ आ रही थी, और उससे संकेत मिल रहा था कि एम्मा को काफ़ी बुरा-भला कहा जा रहा था।
‘यह पूरी तरह से तुम्हारी ग़लती है एम्मा,’ हेराल्ड की कड़क आवाज़ सुनाई दी। ‘तुम इतनी कम अक्ल कैसे हो सकती हो। अगर तुम उस चिट्ठी को लेकर स्कॉटलैंड यार्ड में न गयी होतीं तो यह सब हुआ ही नहीं होता—’
अल्फ्रेड ने ऊँची आवाज़ में कहा, ‘तुम ज़रूर पागल हो गयी हो!’
‘अब उसे इस तरह से मत डाँटो,’ सेडरिक ने कहा। ‘जो होना था हो चुका। यह और भी बुरा होता अगर उन्होंने उस औरत की पहचान मार्टिन के रूप में कर ली होती और हम सब उसकी पहचान को लेकर चुप रहे होते।’
‘यह सब तुम्हारे लिए बहुत अच्छा है सेडरिक,’ हेराल्ड ने ग़ुस्से में कहा। ‘तुम 20 तारीख़ को देश से बाहर थे जिस दिन के बारे में वे पूछताछ कर रहे थे। लेकिन यह मेरे और अल्फ्रेड के लिए बहुत शर्मनाक है। सौभाग्य से, मुझे याद है कि मैं उस दिन दोपहर को क्या कर रहा था।’
‘मैं शर्त लगाता हूँ कि तुम याद कर सकते हो,’ अल्फ्रेड ने कहा। ‘अगर तुम किसी की हत्या करवाओ हेराल्ड तो तुमको अपने बहाने भी बहुत अच्छी तरह से याद हो जायेंगे, मैं पक्के तौर पर कह सकता हूँ।’
‘मुझे लगता है कि तुम उतने भाग्यशाली नहीं निकले,’ अल्फ्रेड ने ठण्डेपन के साथ कहा।
‘यह निर्भर करता है,’ अल्फ्रेड ने कहा। ‘पुलिस को कच्चा लोहा पकड़ाने से अच्छा है कि कुछ बता दिया जाये अगर वह सच में कच्चा लोहा नहीं है तो। वे इन चीज़ों को तोड़ने के मामले में बड़े चालाक होते हैं।’
‘कहीं तुम यह तो नहीं कहना चाह रहे कि उस औरत का ख़ून मैंने किया—’
‘ओहो, तुम सब चुप हो जाओ,’ एम्मा ने चीख़ते हुए कहा। ‘ज़ाहिर है तुम लोगों में से किसी ने भी उस औरत का ख़ून नहीं किया।’
‘और तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूँ कि मैं 20 तारीख़ को इंग्लैंड से बाहर नहीं गया था,’ सेडरिक ने कहा। ‘और पुलिस को इसके बारे में पता है। इसलिए हम सभी सन्देह के घेरे में हैं।’
‘अगर एम्मा ने यह सब नहीं किया होता तो—’
‘ओह, फिर से शुरू मत करो, हेराल्ड,’ एम्मा ने कहा।
डॉ. क्विम्पर स्टडी से बाहर आये जहाँ वह बुजुर्ग क्राइकेनथोर्प के साथ बन्द था। उसकी आँखें लूसी के हाथ के जग पर ठहर गयी।
‘यह क्या है? क्या कोई जश्न मनाया जा रहा है?’
‘सब लोगों में कहा-सुनी चल रही है।’
‘आरोप-प्रत्यारोप?’
‘अधिकतर वे एम्मा को गरियाने में लगे हुए थे।’
डॉ. क्विम्पर की भौंहें तन गयीं।
‘अच्छा,’ उसने लूसी के हाथ से जग लिया, लाइब्रेरी का दरवाज़ा खोला और अन्दर चला गया।
‘गुड इवनिंग!’
‘डॉ. क्विम्पर, मैं आपसे कुछ बातें करना चाहता हूँ,’ यह हेराल्ड की आवाज़ थी, तेज़ और चिड़चिड़ी। ‘मैं यह जानना चाहता हूँ कि परिवार के मामले में दखल देने के पीछे आपकी क्या मंशा थी, जो आपने मेरी बहन को स्कॉटलैंड यार्ड जाने की सलाह दी।’
डॉ. क्विम्पर ने बड़ी शान्ति से कहा :
‘मिस क्राइकेनथोर्प ने मुझसे सलाह माँगी और जो मैंने उनको दे दिया। मेरे ख़याल से उन्होंने बिलकुल सही काम किया।’
‘आप ये क्या कह रहे हैं—’
‘लड़की!’
यह बूढ़े मिस्टर क्राइकेनथोर्प की जानी पहचानी आवाज़ थी। वे लूसी के पीछे-पीछे स्टडी से बाहर निकल रहे थे।
लूसी कुछ झिझकते हुए पीछे मुड़ी।
‘जी मिस्टर क्राइकेनथोर्प?’
‘तुम आज रात में हमें खाने में क्या खिला रही हो? मुझे करी चाहिए। जमाना हो गया है हम लोगों को करी खाये। तुम बहुत अच्छा बनाती हो।’
‘लड़कों को करी कुछ ख़ास पसन्द नहीं था।’
‘लड़के लड़के। बच्चों से क्या फ़र्क पड़ता है? केवल मैं हूँ जिसका कोई मतलब है। और वैसे भी लड़के जा चुके हैं। मुझे गरमागरम करी चाहिए। समझी?’
‘जी मिस्टर क्राइकेनथोर्प। आपको मिल जायेगी।’
‘यह ठीक है। तुम अच्छी लड़की हो। तुम मेरा ध्यान रखो और मैं तुम्हारा रखूँगा।’
लूसी किचन में वापस गयी। वह चिकेन बनाना छोडकर करी बनाने में लग गयी। सामने के दरवाज़े पर धड़ाम की आवाज़ आयी और उसने खिड़की से देखा कि क्विम्पर ग़ुस्से में घर से निकले और अपनी कार में बैठकर वहाँ से रवाना हो गये।
लूसी ने उबासी ली। उसे उन लड़कों की याद आ रही थी। और एक तरह से वह ब्रायन को भी याद कर रही थी।
ओह, बैठकर वह मशरूम को कुचलने लगी।
किसी तरह से उसे उस परिवार को गरमागरम बढ़िया खाना परोसना था।
ब्रूटस को भरपेट खिलाना।
III
सुबह के तीन बजे थे जब डॉ. क्विम्पर अपनी कार को लेकर गैराज़ में आये, उन्होंने पीछे दरवाज़ा बन्द किया और अपने पीछे मुख्य दरवाज़ा बड़ी उदासी के साथ खोला। मिसेज़ जोश सिंपकिंस को जुड़वां बच्चा हुआ था और जो आठ लोगों के उनके परिवार में जुड़ गया था। मिस्टर सिंपकिंस ने उन बच्चों के आने पर किसी तरह की खुशी नहीं दिखाई। ‘जुड़वां,’ उन्होंने उदासी एक साथ कहा। जुड़वां का मतलब होता है खिलाने के लिए दो मुँह? हमारे परिवार में कभी किसी को जुड़वां नहीं हुआ था। यह कुछ अच्छा नहीं हुआ लगता है।’
डॉ. क्विम्पर ऊपर अपने सोने के कमरे में गये और वहाँ उन्होंने अपने कपड़े खोलने शुरू कर दिये। उनकी नज़र अपनी घड़ी के ऊपर गयी। तीन बजकर पाँच मिनट हुए थे। उन जुड़वां बच्चों को बाहर करना काफ़ी होशियारी का काम था। लेकिन सब कुछ ठीक-ठाक हो गया था। उसने उबासी ली। वह थक चुका था—बहुत थक चुका था। उसने अपने बिस्तर की तरफ़ बड़े प्यार से देखा।
तभी टेलीफ़ोन की घण्टी बजी।
डॉ. क्विम्पर ने उठकर फ़ोन उठाया।
‘डॉ. क्विम्पर?’
‘हाँ बोल रहा हूँ।’
‘मैं रदरफोर्ड हॉल से लूसी आईलेसबरो बोल रही हूँ। मेरे ख़याल से आपको आ जाना चाहिए। यहाँ हर आदमी बीमार हो गया है।’
‘बीमार पड़ गये? कैसे हुआ? लक्षण क्या हैं?’
लूसी ने विस्तार से समझाया।
‘मैं तुरन्त आता हूँ। इस बीच—’ उसने कुछ निर्देश दिये।
फिर उसने जल्दी से कपड़े पहने, अपने इमरजेंसी बैग में कुछ सामान रखे और अपनी कार की तरफ़ दौड़ पड़े।
IV
क़रीब तीन घण्टे के बाद डॉक्टर और लूसी दोनों ही कुछ थके-थके से रसोई के टेबल पर बैठकर बड़े कप में काली कॉफी पी रहे थे।
डॉ. क्विम्पर ने अपना कप खाली करके प्लेट में रख दिया। ‘मुझे वह चाहिए था। अब, मिस आईलेसबरो, चलिये नीचे चलते हैं।’
लूसी ने उसकी तरफ़ देखा उसके चेहरे पर थकान की रेखाएँ साफ़ दिखाई दे रही थीं जिससे वह अपनी 44 साल की उम्र से अधिक का दिख रहा था, उसके माथे पर बाल सफ़ेद दिखाई दे रहे थे और आँखों के नीचे रेखाएँ दिखाई दे रही थीं।
‘जहाँ तक मुझे लग रहा है वे अब ठीक हो जायेंगे। लेकिन यह हुआ कैसे? मैं यह जानना चाहता हूँ। खाना बनाया किसने था?’
‘मैंने,’ लूसी ने कहा।
‘और वह क्या था? अच्छे से समझाओ।’
‘मशरूम सूप, चिकेन करी और चावल।’
‘अच्छा—आओ अब एक-एक करके इनके बारे में बातें करते हैं। मशरूम सूप—टीन से निकाला था क्या?’
‘बिलकुल नहीं। मैंने बनाया था।’
‘तुमने बनाया था। किस चीज़ से?’
‘आधा पाउण्ड मशरूम, चिकेन के टुकड़े, दूध, मक्खन, आटा और नींबू का रस।’
‘आह, तब तो लगता है कि यह मशरूम के कारण ही हुआ होगा।’
‘यह मशरूम की वजह से नहीं था। थोड़ा-सा सूप मैंने खुद भी पिया था और मैं एकदम ठीक-ठाक हूँ।’
‘हाँ, तुम बिलकुल ठीक हो। मैं इस बात को भूला नहीं हूँ।’
लूसी शर्मा गयी।
‘आपका मतलब—’
‘मेरा कोई मतलब नहीं है। तुम बहुत तेज़ लड़की हो। तुम ऊपर भी आहें भर रही थीं। अगर मेरा मतलब वह होता तो मैंने कहा होता। ख़ैर, मैं तुम्हारे बारे में हर बात जानता हूँ। मैंने पता लगा लिया था।’
‘आपने ऐसा क्यों किया?’
डॉ. क्विम्पर के होंठों पर मुस्कान आ गयी।
‘क्योंकि यह मेरा काम है कि जो भी यहाँ रहने के लिए आता है उसके बारे में पता करूँ। तुम एक अच्छी लड़की हो जो गुज़ारा चलाने के लिए इस काम को करती हो और ऐसा लगता है कि यहाँ आने से पहले क्राइकेनथोर्प परिवार से तुम्हारा किसी तरह का ताल्लुक नहीं था। इस तरह तुम सेडरिक, हेराल्ड और अल्फ्रेड में से किसी की भी प्रेमिका नहीं हो—जो उनके ग़लत कामों में मदद करने के ख़याल से यहाँ आओ।’
‘क्या आपको सच में लगता है—?’
‘मैं काफी सारी बातों के बारे में सोचता हूँ,’ क्विम्पर ने कहा। ‘लेकिन मुझे ध्यान से रहना है। डॉक्टर होने की सबसे बड़ी मुश्किल यही है। अब आगे बात करते हैं। चिकेन करी। क्या तुमने भी थोड़ा बहुत खाया था?’
‘नहीं। जब आप करी बनाते हैं तो खुशबू से ही आपका पेट भर जाता है। मैंने थोड़ा-सा सूप पिया था और थोड़ा-सा सिलबब लिया था।’
‘सिलबब तुमने कैसे परोसा था?’
‘अलग-अलग गिलास में।’
‘अब इनमें से कितना साफ़ हुआ?’
‘आपका मतलब सफ़ाई से है तो सब कुछ साफ़ करके रख दिया गया था।’
डॉ. क्विम्पर ने आह भरी।
‘एक चीज़ होती है बहुत अधिक ईर्ष्यालु होना,’ उसने कहा।
‘हाँ, मुझे वह दिखाई दे रहा है, जिस तरह से सब हुआ, लेकिन क्या यही एक कारण है?’
‘तुम्हारे पास अभी क्या बचा है?’
‘एक कटोरी में थोड़ी-सी करी बची है। मैं आज शाम में सूप बनाने में उसका इस्तेमाल करना चाहती हूँ। थोड़ा-सा मशरूम सूप भी बचा हुआ है। बाकी कुछ भी नहीं बचा हुआ है।’
'मैं करी और सूप ले जाऊँगा। चटनी के बारे में क्या है? क्या उन्होंने इसके साथ चटनी खायी थी?’
‘हाँ। उस पत्थर के मर्तबान में है।’
‘मैं थोड़ा-सा वह भी लेकर जाऊँगा।’
वह उठा। ‘मैं ऊपर जाकर उन सबको एक नज़र देखता हूँ। उसके बाद तुम सुबह तक उनका ध्यान रखना। उनके ऊपर नज़र रखना? आठ बजे तक नर्स आ जायेगी।’
‘काश आप मुझे बताते। आपको क्या लगता है यह खाने से हुआ है या ज़हर दिया गया है।’
‘मैंने तुमको पहले ही कहा है। डॉक्टर सोचते नहीं हैं—उनको पक्का होना चाहिए। अगर खाने के इन नमूनों से कुछ सकारात्मक नतीजा निकला तो मैं कह सकता हूँ। नहीं तो—’
‘नहीं तो?’ लूसी ने दोहराया।
डॉ. क्विम्पर ने उसके कंधे पर हाथ रखा।
‘दो लोगों का ख़ास तौर पर ध्यान रखना,’ उसने कहा। ‘एम्मा का ध्यान रखना। मैं एम्मा को कुछ भी नहीं होने दे सकता—’
उसकी आवाज़ में जो भावना थी उसको छिपाया नहीं जा सकता था। ‘उसने अभी अपना जीवन जीना शुरू भी नहीं किया है,’ उसने कहा। ‘और तुमको बताऊँ, एम्मा क्राइकेनथोर्प इस धरती पर नमक की तरह हैं—एम्मा का मेरे लिए बहुत अधिक मतलब है। मैंने उसको कभी कहा नहीं है, लेकिन मैं एम्मा की देखभाल करूँगा।’
‘शर्तिया मैं ध्यान रखूँगी,’ लूसी ने कहा।
‘और उस बूढ़े आदमी को देखो। मैं यह नहीं कह सकता कि वह मेरा सबसे पसन्दीदा मरीज है, लेकिन वह मेरा मरीज है, और मैं उनको इस दुनिया से इसलिए नहीं जाने दूँगा क्योंकि उनके बेटे ऐसा चाहते हों कि उनके जाने के बाद उनका पैसों पर अधिकार हो जायेगा।’
उसने अचानक एक सवालिया निगाह डाली।
‘लगता है मैंने अपना मुँह थोड़ा ज़्यादा खोल दिया है। लेकिन अपनी आँखें खोल के रखो, लेकिन अपना मुँह बन्द रखो।’
V
इंस्पेक्टर बेकन दुखी लग रहे थे।
‘ज़हर?’ उन्होंने कहा। ‘ज़हर।’
‘हाँ वह करी में था। यहाँ बाकी करी है—तुम भी देख लो। मैंने बहुत चलताऊ ढंग से जाँच किया है, लेकिन इसका जो नतीजा आया है वह पक्का है।’
‘तो कोई है जो ज़हर मिलाने का काम कर रहा है?’
‘ऐसा लगता है,’ डॉ. क्विम्पर ने रुखाई से कहा।
‘और उन सबके ऊपर उसका असर हुआ सिवाय मिस आईलेसबरो के।’
‘सिवाय मिस आईलेसबरो के।’
‘कुछ सन्देहास्पद लग रहा है—’
‘उसका क्या मकसद हो सकता है?’
‘हो सकता है पागल हो,’ बेकन ने कहा। ‘वे जो करती हैं वह ठीक ही लगता है, लेकिन कभी-कभी वे अपने काबू से बाहर हो जाती हैं।’
‘मिस आईलेसबरो एकदम ठीक हैं, एक डॉक्टर की तरह कहूँ तो उसका दिमाग़ वैसे ही सही है जैसे हम लोगों का है। अगर मिस आईलेसबरो पूरे परिवार के खाने में ज़हर मिला रही हैं तो उसका कोई कारण होना चाहिए। उससे भी बढ़कर, वह बहुत होशियार लड़की है, वह इतनी सावधानी ज़रूर रखती कि सिर्फ़ वही उसके प्रभाव में आने से नहीं रह जाये, ज़हर देने वाला कोई भी होशियार आदमी यह करता कि थोड़ा-सा ज़हर खा लेता और उसके लक्षण को बढ़ा-चढ़ा कर बताता।’
‘वो फिर आप बताने के हालत में नहीं हैं?’
‘कि उसने बाकी लोगों से कम लिया हो? शायद लिया ही नहीं। ज़हर के प्रति हर आदमी की प्रतिक्रिया एक जैसी नहीं होती—एक समान ज़हर कुछ लोगों को बाकी लोगों से अधिक परेशान करता है।’ डॉ. क्विम्पर ने खुश होकर कहा, ‘एक बार जब मरीज मर जाता है तब आप इसका आकलन कर सकते हैं कि कितना ज़हर दिया गया था।’
‘फिर ऐसा हो सकता है कि परिवार में कोई ऐसा आदमी है जो गड़बड़ी फैला रहा है—कोई ऐसा है जो दूसरों के साथ खेल रहा है ताकि सन्देह उसके ऊपर न जाये?’ इंस्पेक्टर बेकन ने कहा।
‘ज़हर देने वाले ने एक ग़लती की?’
‘नहीं। मुझे लगता है कि इसके पीछे यह विचार था कि इतना ज़हर डाला जाये जिससे लगे कि खाने में गड़बड़ी लगे—जिसके लिए मशरूम को ज़िम्मेदार ठहराया जा सके। लोगों को हमेशा मशरूम के ज़हरीले होने की बात भली लगती है। फिर एक आदमी की हालत ख़राब हो जानी चाहिए और उसे मर जाना चाहिए।’
‘क्योंकि उसे दूसरी बार ज़हर दिया गया हो?’
डॉक्टर ने सिर हिलाया।
‘मैंने इसलिए आपसे तुरन्त सम्पर्क किया, और इस काम के लिए एक ख़ास नर्स को भी वहाँ भेज दिया।’
‘उसे ज़हर के बारे में जानकारी है।’
‘बिलकुल है। वह जानती है और मिस आईलेसबरो को भी उसके बारे में जानकारी है। आप अपना काम बेहतर तरीके से जानते हैं, लेकिन अगर मैं आपकी जगह होता तो जाकर उनको साफ़-साफ़ कह देता कि उन लोगों को ज़हर दिया गया है। इससे होता यह कि जो हत्यारा है वह डर जाता और अपनी योजना को अंजाम नहीं दे पाता। वह शायद खाने के ख़राब होने के सिद्धान्त पर काम कर रहा है।’
इंस्पेक्टर की मेज़ पर फ़ोन की घण्टी बाजी। उसने फ़ोन उठाया और कहा :
‘ठीक है उसे दे दो,’ उसने क्विम्पर से कहा, ‘आपकी नर्स फ़ोन पर है। हाँ हेलो—बोल रहा हूँ—क्या हुआ? फिर से बीमारी का असर हो गया है—अच्छा—डॉ. क्विम्पर मेरे ही साथ हैं—अगर आप उनसे बात करना चाहती हों—’
उसने फ़ोन का रिसीवर डॉक्टर को दे दिया।
‘हाँ, क्विम्पर बोल रहा हूँ—अच्छा—हाँ—ठीक है—वही चलाते रहो। हम आ रहे हैं।’
उसने रिसीवर नीचे रखा और बेकन की तरफ़ घूम गया।
‘यह कौन है?’
‘यह अल्फ्रेड था,’ डॉ. क्विम्पर ने कहा। ‘और उसकी मौत हो गयी है।’
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