बच्चे क्रैडोक को पिछले दरवाज़े से अन्दर लेकर गये। यह, लगता था, अन्दर आने का आम रास्ता था। रसोई में ख़ूब रोशनी थी और वह खुशनुमा लग रहा था। बड़ा-सा सफ़ेद एप्रन पहने लूसी पेस्ट्री बना रही थी, उससे कुछ दूर बैठा ब्रायन ईस्टरली उसे देख रहा था। एक हाथ से उसने अपनी लम्बी मूछों को उमेठ लगाई।
‘हेलो डैड,’ अलेक्ज़ेंडर ने बड़े प्यार से कहा। ‘आप फिर से यहाँ?’
‘ओह, मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता,’ लूसी ने कहा। ‘गुड इवनिंग, इंस्पेक्टर क्रैडोक।’
‘यहाँ रसोई में जासूसी करने आये हैं?’ ब्रायन ने पूछा।
‘नहीं ऐसा कुछ नहीं है। मिस्टर सेडरिक क्राइकेनथोर्प अभी भी यहीं हैं न?’
‘अरे हाँ। सेडरिक अभी भी यहीं है। आप उससे मिलना चाहते हैं?’
‘हाँ, मुझे उससे कुछ बात करनी है।’
‘मैं जाकर देखता हूँ कि वह भीतर है या नहीं,’ ब्रायन ने कहा। ‘हो सकता है आसपास कहीं घूमने गया हो।’
वह उठकर खड़ा हो गया।
‘बहुत शुक्रिया,’ लूसी ने उससे कहा। ‘मेरे हाथ में हर कहीं मैदा लगा हुआ है नहीं तो मैं चली जाती।’
‘आप बना क्या रही हैं वैसे?’ वेस्ट ने कुछ उत्सुकता से पूछा।
‘पीच फ्लाइन।’
‘वाह,’ वेस्ट ने कहा।
‘रात के खाने का समय क़रीब-क़रीब हो ही चुका है।’ अलेक्ज़ेंडर ने कहा।
‘नहीं।’
‘मुझे बड़ी भूख लगी हुई है।’
‘बाहर जिन्जर केक पड़ा हुआ है।’
सुनकर लड़के तेज़ी से दौड़े और बाहर दरवाज़े से टकरा गये।
‘ये टिड्डों की तरह है,’ लूसी ने कहा।
‘आपको मेरी शुभकामनायें,’ क्रैडोक ने कहा।
‘वैसे किस बात पर?’
‘आपकी इस होशियारी के ऊपर!’
क्रैडोक ने उस लिफ़ाफ़े की तरफ़ दिखा कर कहा।
‘बहुत अच्छे,’ उसने कहा।
‘आप किस बारे में बात कर रहे हैं?’
‘मेरी प्यारी लड़की—यह!’ उसने उसको आधा बाहर निकाला।
वह ऐसे देखती रही जैसे कुछ भी न समझ पा रही हो।
क्रैडोक को अचानक लगा जैसे चक्कर आ रहे हों।
‘तुमने यह झूठा सुराग वहाँ नहीं रखा था? मुझे जल्दी से बताओ।’
‘मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि तुम क्या कह रहे हो,’ लूसी ने कहा। ‘क्या तुम यह कहना चाहते हो कि—’
क्रैडोक ने जैसे ही ब्रायन को आते देखा तो उस लिफ़ाफ़े को अपनी जेब में वापस सरका लिया।
‘सेडरिक लाइब्रेरी में है,’ उसने कहा। ‘आप वहीं चले जाइये।’
वह वापस अपनी जगह पर आकर बैठ गया। इंस्पेक्टर क्रैडोक लाइब्रेरी में चला गया।
II
इंस्पेक्टर को देखकर सेडरिक क्राइकेनथोर्प खुश हो गया।
‘यहाँ ख़ूब जासूसी हो रही है?’ उसने पूछा। ‘कुछ पता चला?’
‘मुझे लगता है कि हम कुछ आगे बढ़े हैं मिस्टर क्राइकेनथोर्प।’
‘पता चल गया कि लाश किसकी है?’
‘उसकी पहचान तो नहीं हो पायी है मगर हमें इस बात का कुछ-कुछ अन्दाज़ा हो गया है कि वह किसकी लाश हो सकती है।’
‘आपके लिए अच्छा है।’
‘ताजा सूचनाओं को देखते हुए हम कुछ पूछताछ करना चाहते हैं। शुरुआत मैं आपसे कर रहा हूँ, मिस्टर क्राइकेनथोर्प, क्योंकि आप यहाँ मौजूद हैं।’
‘मैं ज़्यादा दिन यहाँ रहूँगा नहीं। दो एक दिन में मैं इबिज़ा वापस चला जाऊँगा।’
‘फिर तो मुझे लगता है मैं सही समय पर आया हूँ।’
‘हाँ आप पूछिए।’
‘मैं इस बारे में विस्तार से जानना चाहता हूँ कि 20 दिसम्बर शुक्रवार के दिन आप कहाँ थे और क्या कर रहे थे?’
सेडरिक ने उसे एक नज़र देखा और फिर अपनी कुर्सी पर सिर टिकाते हुए ऐसे सोचने लगा जैसे कुछ याद कर रहा हो।
‘जैसा कि मैं आपको पहले ही बता चुका हूँ कि मैं इबिज़ा में था। मुश्किल यह है कि हर दिन वहाँ मेरे लिए एक जैसा ही होता है, सुबह में पेंटिंग करना, दोपहर 3 से 5 बजे तक नींद, फिर शाम को कभी मेयर के साथ या कभी डॉक्टर के साथ कैफ़े में बैठना। उसके बाद शाम में कुछ खाना पीना, अपने कुछ निचले तबके के दोस्तों के साथ। इससे काम चल जायेगा?’
‘मैं सच जानना चाहूँगा, मिस्टर क्राइकेनथोर्प।’
सेडरिक सीधा हो गया।
‘यह बहुत ख़राब बात है इंस्पेक्टर।’
‘आपको लगता है? आपने मुझे बताया कि आप 21 दिसम्बर को इबिज़ा से चल पड़े थे और उसी दिन आप लन्दन में आ गये थे?’
‘हाँ, मैंने वही किया था।’
एम्मा क्राइकेनथोर्प बगल के कमरे से आकर सेडरिक और इंस्पेक्टर को सवालिया नज़रों से देखने लगी।
‘एम्मा तुम बताओ मैं यहाँ क्रिसमस से पहले शनिवार को यहाँ आया था या नहीं? एयरपोर्ट से सीधा आया था न?’
‘हाँ,’ एम्मा ने आश्चर्य के साथ कहा। ‘तुम यहाँ दोपहर के भोजन के समय तक आ गये थे।’
‘सुन लीजिये,’ सेडरिक ने इंस्पेक्टर से कहा।
‘आपको लगता है कि हम लोग बेवकूफ़ हैं, मिस्टर क्राइकेनथोर्प,’ क्रैडोक ने कहा। ‘इन बातों की तो हम जाँच कर सकते हैं। मुझे लगता है कि आपको मुझे अपना पासपोर्ट दिखा देना चाहिए।’
वह कुछ देर चुप रहा।
‘वह मुझे मिल नहीं रहा,’ सेडरिक ने कहा। ‘सुबह मैं उसे ढूँढ रहा था। उसे कुक के पास भेजना चाहता था।’
‘मुझे लगता है आपको खोज लेना चाहिए, मिस्टर क्राइकेनथोर्प। लेकिन यह कोई ज़रूरी नहीं है। रेकॉर्ड देखने से यह पता चलता है कि आप इस देश में 19 दिसम्बर की शाम आ गये थे। शायद आप उस दिन से लेकर 21 दिसम्बर को यहाँ आने के दौरान की अपनी गतिविधियों के बारे में मुझे बता सकें।’
सेडरिक को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
‘आजकल ज़िन्दगी ऐसी ही हो गयी है,’ उसने ग़ुस्से में कहा।
‘लालफीताशाही और फॉर्म भरना। अफ़सरशाही के राज्य में यही होता है। आप जहाँ चाहें वहाँ नहीं जा सकते और अपनी ख़ुशी का काम नहीं कर सकते! हमेशा कोई-न-कोई सवाल पूछता रहता है। वैसे 20 तारीख़ को लेकर ऐसी क्या ख़ास बात है?’
‘20 तारीख़ वह दिन है जिस दिन हमारे ख़याल से हत्या हुई थी। आप जवाब देने से इंकार कर सकते हैं, लेकिन—’
‘किसने कहा कि मैं जवाब देने से इंकार कर रहा हूँ? थोड़ा समय दीजिये। पूछताछ के शुरुआत में आप लोग हत्या की तारीख़ को लेकर असमंजस में थे। उसके बाद से नया क्या हो गया?’
क्रैडोक ने कोई जवाब नहीं दिया।
सेडरिक ने तिरछी नजरों से एम्मा की तरफ़ देखा : ‘क्या हम किसी और कमरे में चलें?’
एम्मा ने तुरन्त जवाब दिया : ‘मैं यहाँ से जा रही हूँ।’ दरवाज़े पर पहुँचकर वह मुड़ी और मुड़ते हुए उसने कहा।
‘यह गम्भीर बात है, सेडरिक। अगर 20 तारीख़ हत्या की तारीख़ है तो तुमको इंस्पेक्टर क्रैडोक को ठीक-ठीक बता देना चाहिए कि तुम उस दिन क्या कर रहे थे।’
वह बगल के कमरे में चली गयी और जाते हुए उसने दरवाज़ा बन्द कर दिया।
‘प्यारी एम्मा—,’ सेडरिक ने कहा। ‘हाँ, ये बात ठीक है कि मैं इबिज़ा से 19 तारीख़ को निकला। मैंने योजना बनाई थी कि पेरिस में रुकूँगा, और वहाँ दो एक दिन रहकर अपने कुछ पुराने दोस्तों से मिलूँगा। लेकिन सच्चाई यह है कि हवाई जहाज़ में एक बेहद ख़ूबसूरत औरत थी—बहुत सुन्दर। साफ़ कहूँ तो हम दोनों साथ-साथ उतरे। वह अमेरिका जाने के रास्ते में थी, उसे इस दौरान लन्दन में दो तीन रातें बितानी थीं और वहाँ कुछ कामकाज देखना था।
हम लन्दन में 19 को उतरे। हम किंग्स्वे पैलेस में ठहरे थे, अगर आपके जासूसों को इसका पता न चल पाया हो तो बता रहा हूँ। वहाँ मैं जॉन ब्राउन के नाम से ठहरा था—ऐसे मौकों पर मैं कभी भी अपना नाम इस्तेमाल नहीं करता हूँ।’
‘और 20 को?’
सेडरिक ने मुँह बनाया।
‘सुबह को ज़बर्दस्त हैंगओवर था।’
‘और दोपहर में तीन बजे से आधी रात तक?’
‘मैं देखता हूँ। हम लोग घूमते रहे। नेशनल गैलरी गये, एक फिल्म देखी रोवेन्ना ऑफ द रेंज। मुझे हमेशा से वेस्टर्नर्स फिल्में पसन्द रही हैं। फिर मैंने बार में दो-एक पेग लगाये और अपने कमरे में सोने चला गया, और क़रीब 10 बजे अपनी प्रेमिका के साथ बाहर निकलकर कई जगहों पर घूमने गया—मुझे तो सभी जगहों के नाम भी अब याद नहीं हैं—उनमें से एक जम्पिंग फ्रॉग था, शायद। वह सभी जगहों को जानती थी। उसके बाद से ठीक-ठीक कहूँ की अगली सुबह उठने तक क्या हुआ तो मुझे कुछ भी याद नहीं है—उस दिन का हैंगओवर तो और भी बुरा था। मेरी प्रेमिका जहाज़ पकड़ने के लिए भागी और मैंने सिर पर ठण्डा पानी डाला, दवाई की दुकान में जाकर दवाई ली, फिर यहाँ के लिए ऐसे चल पड़ा जैसे मैं उसी समय हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरा होऊँ। मुझे लगा कि एम्मा को परेशान नहीं करना चाहिए। आपको पता है कि अगर आप सीधे घर न आयें तो औरतें दुखी हो जाती हैं। मुझे उससे पैसे लेने पड़े टैक्सी वाले को देने के लिए। मेरे पैसे पूरी तरह से ख़त्म हो चुके थे। उस बूढ़े आदमी से पूछने का कोई मतलब नहीं था, वह कभी पैसे नहीं देता। अच्छा इंस्पेक्टर, अब तो यकीन हो गया?’
‘क्या इनमें से किसी की भी पुष्टि हो सकती है मिस्टर क्राइकेनथोर्प? 3 बजे से लेकर 7 बजे के बीच आप कहाँ थे।’
‘इसकी कोई सम्भावना नहीं है, मुझे लगता है,’ सेडरिक ने खुश होकर कहा। ‘नेशनल गैलरी में आपको अटेंडेंट्स भूखी निगाहों से देखते हैं। इसकी कोई सम्भावना नहीं है।’
एम्मा फिर से आयी। उसने अपने हाथ में अपनी मिलने-जुलने वाली डायरी पकड़ रखी थी।
‘आप यही जानना चाहते हैं न इंस्पेक्टर क्रैडोक कि 20 तारीख़ को हर कोई क्या कर रहा था?’
‘जी मिस क्राइकेनथोर्प।’
‘मैं अभी अपनी डायरी में देख रही थी। 20 तारीख़ को मैं ब्रैखेम्पटन गयी थी, चर्च की तरफ़ से एक बैठक थी। वह बैठक क़रीब पौने एक बजे ख़त्म हुई और उसके बाद मैंने लेडी एडिंगटन और मिस बरलेट के साथ दिन का खाना खाया, कदेना कैफे में। लंच के बाद मैंने कुछ ख़रीदारी की, क्रिसमस के लिए और क्रिसमस पर तोहफ़े देने के लिए। मैं कुछ दुकानों में गयी जिनके नाम इसमें दर्ज हैं। पौने पाँच बजे के क़रीब मैंने शेमरॉक टी रूम्स में चाय पी और फिर स्टेशन पर ब्रायन से मिलने चली गयी जो कि ट्रेन से आ रहा था। मैं क़रीब छह बजे घर आयी तो देखा कि मेरे पिताजी बड़े ग़ुस्से में थे। मैंने उनके लिए दिन का खाना बना दिया था लेकिन उनको चाय देने के लिए मिसेज़ हार्ट नहीं आयी थी। वह इतने ग़ुस्से में थे कि उन्होंने खुद को कमरे में बन्द कर लिया और मुझे न तो अन्दर आने दिया न ही मुझसे किसी तरह की बातचीत की। उनको दोपहर में मेरा बाहर जाना पसन्द नहीं है, लेकिन मैं कभी-कभार ज़रूर जाती हूँ।’
‘आप होशियार हैं, शुक्रिया मिस क्राइकेनथोर्प।’
वह उसको कह सकते थे कि वह एक औरत थी, पाँच फुट सात इंच की, उस दोपहर वह क्या कर रही थी यह ख़ास माने नहीं रखती थी। बल्कि उसने कहा :
‘आपके बाकी दोनों भाई मेरे ख़याल से बाद में आये?’
‘अल्फ्रेड शनिवार की शाम देर से आया। उसने मुझे कहा कि वह दोपहर को मुझे फ़ोन करने की कोशिश कर रहा था लेकिन मैं बाहर गयी थी—लेकिन अगर मेरे पिता नाराज़ होते हैं तो कभी भी फ़ोन का जवाब नहीं देते हैं। मेरा भाई हेराल्ड क्रिसमस की शाम से पहले नहीं आया था।’
‘शुक्रिया मिस क्राइकेनथोर्प।’
‘मुझे पूछना तो नहीं चाहिए लेकिन फिर भी मैं इसलिए जानना चाहती हूँ कि ऐसा क्या हो गया जो इस तरह की पूछताछ आप कर रहे हैं?’
क्रैडोक ने अपनी जेब से वह लिफ़ाफ़ा निकाला।
‘आप इसको छू नहीं सकतीं, लेकिन क्या आप इसे पहचान सकती हैं?’
‘लेकिन यह तो मेरी लिखावट है,’ एम्मा ने हैरत के साथ पूछा। ‘यह चिट्ठी तो मैंने मार्टिन को लिखी थी।’
‘मुझे लगता है कि यह वही है।’
‘लेकिन यह आपको किस तरह मिली? क्या वह—? क्या आपने उसको ढूँढ लिया?’
‘ऐसा लगता है कि अब हम उसको ढूँढ लेंगे। यह खाली लिफ़ाफ़ा यहाँ मिला।’
‘इस घर में?’
‘मैदान में।’
‘इसका मतलब है कि वह यहाँ आयी थी! इसका मतलब है कि ताबूत में मार्टिन थी?’
‘इस बात की बड़ी सम्भावना लगती है, मिस क्राइकेनथोर्प,’ क्रैडोक ने बड़ी शालीनता के साथ कहा।
इस बात की भी सम्भावना अधिक लग रही थी। जब वह शहर में लौटा तो उसके लिए आर्मन्द डेसिन का सन्देश था।
‘अन्ना स्ट्राविंसका की तरफ़ से उसकी एक सहेली के लिए पोस्टकार्ड आया है। लगता है क्रूज़ वाली कहानी सही थी! वह जमैका पहुँच चुकी है और तुम्हारे शब्दों में वह अच्छा समय बिता रही है!’
क्रैडोक ने उस सन्देश को मुचड़ कर डस्टबिन में फेंक दिया।
III
मेरे ख़याल से आज का दिन सबसे जानदार रहा। आज हमने सुराग खोज लिया,’ अलेक्ज़ेंडर ने चॉकलेट बार खाते हुए यह बात कही।
उसकी आवाज़ में आश्चर्य था।
‘असल में पूरी छुट्टियाँ जानदार रहीं,’ उसने फिर से कहा। ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसा फिर कभी होगा।’
‘मैं उम्मीद करती हूँ कि ऐसा मेरे साथ फिर न हो,’ लूसी ने अलेक्ज़ेंडर के कपड़े सूटकेस में रखते हुए कहा।
‘इतना सामान लेकर जाने में तुम लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी?’
‘नहीं इससे फ़र्क नहीं पड़ता। उनके पास रोल्स है। वे हमारे लिए रोल्स भेज देते हैं। उनके पास तो एक मर्सिडीज बेंज भी है।’
‘फिर तो वे बहुत अमीर हैं।’
‘हाँ सो तो है। लेकिन मैं सोच रहा हूँ कि काश यहाँ से जाना न पड़ा होता। हो सकता है कोई और लाश मिल जाये।’
‘मैं यही उम्मीद करती हूँ कि ऐसा न हो।’
‘हाँ, वैसे किताबों में ऐसा ही होता है। मेरा मतलब है जिस आदमी को बहुत कुछ पता होता है उसका भी ख़ून हो जाता है। हो सकता है इस बार तुम्हारा हो जाये,’ उसने एक और चॉकलेट खाते हुए कहा।
‘शुक्रिया।’
‘मैं यह नहीं चाहता कि ऐसा हो,’ अलेक्ज़ेंडर ने उसे तसल्ली देते हुए कहा। ‘हम दोनों आपको बहुत पसन्द करते हैं। हमें तो ऐसा लगता है कि इस दुनिया में आपके जैसा खाना पकाने वाला कोई है ही नहीं। आप बहुत होशियार भी हैं।’
लूसी ने कहा, ‘शुक्रिया, लेकिन मैं तुम दोनों को खुश करने के लिए नहीं मरना चाहती।’
‘फिर आपको सावधान रहने की ज़रूरत है,’ अलेक्ज़ेंडर ने कहा।
वह थोड़ी देर चॉकलेट खाने के लिए रुका और फिर उसने कहा :
‘अगर बीच-बीच में डैड आ जायें तो आप उनका ध्यान रखेंगी?’
‘हाँ हाँ क्यों नहीं,’ लूसी ने थोड़ी हैरत के साथ कहा।
‘डैड की मुश्किल यह है कि उनको लन्दन का जीवन पसन्द नहीं आता। वे वहाँ ग़लत तरह की औरतों के चक्कर में पड़ जाते हैं,’ उसने कुछ दुख के साथ अपना सिर हिलाया।
‘मुझे वे बहुत पसन्द हैं,’ उसने कहा, ‘लेकिन उनको कोई चाहिए जो उनकी देखभाल कर सके। जो उनको ग़लत लोगों की संगत में जाने से रोक सके। दुख की बात यह है कि मम्मी तभी मर गयी जब वह देखभाल कर रही थी। ब्रायन को घरेलू जीवन की ज़रूरत है।’
उसने लूसी की तरफ़ देखा और एक और चॉकलेट लेने के लिए उठा।
‘अब चौथा चॉकलेट नहीं अलेक्ज़ेंडर,’ लूसी ने मना करते हुए कहा। ‘तुम बीमार पड़ जाओगे।’
‘अरे मुझे नहीं लगता है ऐसा। एक बार में एक साथ छह खा गया था और फिर भी मैं बीमार नहीं पड़ा था। मैं जल्दी बीमार पड़ने वालों में नहीं हूँ। रुककर उसने कहा :
‘ब्रायन तुमको पसन्द करता है, पता है।’
‘यह उनका बड़प्पन है।’
‘कई मामलों में वे पूरी तरह से गधे हैं,’ ब्रायन के बेटे ने कहा, ‘लेकिन वे बड़े अच्छे स्वभाव के लड़ाकू हवाई-जहाज़ उड़ाने वाले पाइलट थे। बहुत बहादुर। और उनका स्वभाव भी बहुत अच्छा है।’
वह थोड़ी देर के लिए रुका। फिर छत की तरफ़ देखते हुए उसने कुछ सजग होते हुए कहा :
‘मुझे सच में यह लगता है कि अगर वे फिर से शादी कर लें तो यह बहुत अच्छा रहेगा—किसी अच्छी औरत से—मुझे यह उतना बुरा भी नहीं लगेगा कि मेरी कोई सौतेली माँ हो—नहीं, मेरा मतलब है कि वह कुछ अच्छे स्वभाव की हो—’
कुछ अचरज के साथ लूसी ने यह पाया कि अलेक्ज़ेंडर की बातों का कुछ मतलब था।
‘यह सौतेली माँ की बातें,’ अलेक्ज़ेंडर छत की तरफ़ देखते हुए बोले जा रहा था—‘अब पुराने ज़माने की बातें हो चुकी हैं। हम दोनों ऐसे कई लड़कों को जानते हैं जिनकी सौतेली माँ हैं—उनके तलाक वगैरह भी हो चुके हैं—और तो भी वे सब एक साथ काफ़ी अच्छी तरह से रहते हैं। ज़ाहिर है, यह उस सौतेली माँ के ऊपर निर्भर करता है। और हाँ, इससे बड़ी उलझन तब होती है जब बाहर जाना होता है या स्कूल में स्पोर्ट्स डे पर जाना होता है। मेरा मतलब है कि अगर दो माँ-पापा हैं। फिर भी इससे तब भी मदद मिलती है अगर आप उसको भुनाना चाहते हैं!’ वह कुछ देर चुप रहा। ‘सबसे अच्छा तो यह होता है कि आपका अपना घर हो और अपने माँ-पापा—लेकिन अगर आपकी माँ की मौत हो चुकी हो—तुम समझ रही हो न कि मैं क्या कह रहा हूँ? अगर कोई अच्छी हो,’ अलेक्ज़ेंडर ने तीसरी बार कहा।
लूसी का मन भाव से भर गया।
‘मुझे लगता है कि तुम बहुत होशियार हो अलेक्ज़ेंडर,’ उसने कहा। ‘हम लोगों को मिलकर तुम्हारे पापा के लिए एक अच्छी बीवी की तलाश करनी चाहिए।’
‘हाँ,’ अलेक्ज़ेंडर ने ज़्यादा उत्साह दिखाये बिना कहा।
उसने फिर बातों-बातों में यह कह दिया :
‘मुझे लगा कि मैंने अभी आपको ये बात बताई थी कि ब्रायन आपको बहुत पसन्द करता है। उसने मुझे खुद बताया था—’
‘सच में,’ लूसी ने अपने आप में सोचा। ‘यहाँ जोड़े बनाने के खेल ख़ूब चल रहा है। पहले मिस मार्पल और अब अलेक्ज़ेंडर।’
कई कारणों से सूअरबाड़ा उसके दिमाग़ में आ जा रहा था।
वह उठ खड़ी हुई।
‘गुड नाइट, अलेक्ज़ेंडर। बाहर अब सिर्फ़ तुम्हारे नहाने का सामान और पाजामा बच गये हैं, सुबह में तुम्हारे पहनने के लिए। गुड नाइट।’
‘गुड नाइट,’ अलेक्ज़ेंडर ने कहा, वह अपने बिस्तर में घुसा, अपना सिर तकिये में घुसाया, अपनी आँखें बन्द की, बिलकुल सोते हुए बच्चे की तस्वीर की तरह और जल्दी ही उसको नींद आ गयी।
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