‘मैं तुमको समझ नहीं पाता,’ सेडरिक क्राइकेनथोर्प ने कहा।

वह एक टूटती दीवार से सटकर खड़ा था और लूसी आईलेसबरो को देख रहा था।

‘आप क्या नहीं समझ पाये?’

‘तुम यहाँ कर क्या रही हो?’

‘मैं रोज़ी रोटी कमा रही हूँ।’

‘नौकरानी बनकर?’ उसने पूछा।

‘आपके ख़याल पुराने हैं,’ लूसी ने कहा। ‘नौकरानी हूँ ज़रूर! लेकिन मैं घर के कामकाज में मदद करती हूँ, घर के कामकाज में पक्की उस्ताद।’

‘आप उन कामों को पसन्द नहीं कर सकते जो आपको करने पड़ते हैं—खाना बनाने से लेकर तमाम तरह के काम।’

लूसी हँसने लगी।

‘ज़्यादा तो नहीं, शायद, लेकिन मुझे खाना पकाने में मज़ा आता है, वह काम मुझे रचनात्मक लगता है, और मुझे साफ़ सफाई करना भी बहुत पसन्द है।’

‘मुझे तो हमेशा इसी तरह बिखरे-बिखरे रहना पसन्द है,’ सेडरिक ने कहा।

‘आप वैसे ही लगते भी हैं।’

‘इबिज़ा में मेरा जो घर है उसमें बहुत कम सामान है। तीन प्लेट, दो कप, एक बिस्तर, एक मेज़ और दो कुर्सियाँ। हर तरफ़ धूल है, और पेंट तथा पत्थर के टुकड़े—मैं पेंट करने के अलावा मूर्तियाँ भी बनाता हूँ—और किसी को भी कुछ छूने की अनुमति नहीं है। मैं अपने घर के पास किसी औरत को आने की अनुमति नहीं देता।’

‘किसी हैसियत से नहीं?’

‘इससे तुम्हारा क्या मतलब है?’

‘मुझे यह लगता है कि एक कलाकार की कोई प्रेमिका भी होनी चाहिए।’

‘तुम कह सकती हो कि मेरा प्रेम अपने काम से ही है,’ सेडरिक ने बड़ी गरिमा से कहा। ‘जो मैं नहीं चाहूँगा वह यह कि कोई औरत मेरे काम में दखल दे।’

‘मुझे आपके घर जाकर अच्छा लगेगा। यह एक तरह की चुनौती जैसी होगी,’ लूसी ने कहा।

‘तुमको इसका मौका नहीं मिल पायेगा।’

‘मुझे भी लगता है।’

बाड़े से कुछ ईंटें गिर पड़ीं। सेडरिक ने पीछे मुड़कर उस गड्ढे में झाँका।

‘प्यारी बुजुर्ग मेज,’ उसने कहा। ‘मुझे वो अच्छी तरह याद है। एक प्यारी माँ। मुझे याद है कि हम यहाँ दोपहर के वक़्त आते थे और मेज के पीठ को लकड़ी से खुजलाते थे। उनको यह पसन्द था।’

‘इस जगह की ऐसी हालत कैसे हो गयी? यह सिर्फ़ युद्ध के कारण नहीं हुआ होगा?’

‘तुम इस जगह को भी ठीक करना चाहती हो? कितनी हस्तक्षेप करने वाली औरत हो तुम! अब मुझे समझ में आया कि तुमको लाश क्यों मिली! तुम तो ऐसी हो जो ग्रीको-रोमन ताबूत को भी अकेला नहीं छोड़ सकती हो।’ कुछ देर रुककर उसने आगे कहा। ‘नहीं, यह केवल युद्ध के कारण नहीं है। या मेरे पिता के कारण है। वैसे तुम उनके बारे में क्या सोचती हो?’

‘मुझे सोचने का ज़्यादा मौका नहीं मिला।’

‘बात को भटकाओ मत। वे बड़े कंजूस हैं, और मुझे लगता है कि थोड़े पागल भी हैं। वे हम सब लोगों से नफ़रत करते हैं, सिवाय एम्मा के। यह शायद मेरे दादा जी की वसीयत के कारण है।’

लूसी ने सवालिया निगाहों से घूरा।

मेरे दादा जी खाने-पीने का सामान बनाते थे। नई-नई तरह की चीज़ों को बनाने में उनका कोई सानी नहीं था। मेरे पिताजी इटली, ग्रीस, बालकन देशों में घूम-घूम कर कला की दुनिया में हाथ आजमाते थे। मेरे दादाजी को इससे चिढ़ थी। उन्होंने यह फ़ैसला किया कि मेरे पिताजी को न तो काम धंधे की समझ है और वे कला की भी कोई ख़ास समझ नहीं रखते, इसलिए उन्होंने ट्रस्ट बनाकर अपना सारा धन उसमें रख दिया, वह भी अपने पोते पोतियों के लिए। पिता को उससे कमाई तो है, लेकिन वे सम्पत्ति को छू नहीं सकते। तुमको पता है उन्होंने क्या किया? उन्होंने पैसे खर्च करना ही छोड़ दिये। वे यहाँ आये और उन्होंने पैसे बचाने शुरू कर दिये। अब मैं यह कह सकता हूँ कि उन्होंने उतने पैसे जमा कर लिए हैं जितने मेरे दादाजी ने कमाये थे। और इस बीच हम भाई-बहनों को एक भी पैसा नहीं मिला। मैं फक्कड़ पेंटर हूँ। हेराल्ड ने व्यवसाय शुरू किया और वह शहर का प्रमुख व्यक्ति है—उसमें पैसे कमाने का हुनर है, हालाँकि मैंने सुना है कि वह ग़लत काम भी करता है। अल्फ्रेड को परिवार में हरफ़नमौला के नाम से जाना जाता है—’

‘क्यों?’

‘तुम कितना कुछ जानना चाहती हो। इसका जवाब यह है कि वह परिवार का काला भेड़ है। वह अभी तक जेल गया नहीं है, लेकिन वह उसके बहुत क़रीब तक जा चुका है। वह आपूर्ति मंत्रालय में था लड़ाई के दिनों में, लेकिन उसने जल्दबाज़ी में उसे तब छोड़ा था जब सवाल उठाये गये थे। उसके बाद उसने टीनबन्द फलों और अण्डों की खरीद-फरोख़्त में गड़बड़ की थी। कुछ भी बड़े स्तर पर नहीं—महज़ कुछ संदिग्ध खरीद-फरोख़्त बस।’

‘क्या अंजान लोगों से ऐसा कहना अनुचित नहीं है?’

‘क्यों? क्या तुम पुलिस की जासूस हो?’

‘हो सकता है।’

‘मुझे नहीं लगता। तुम यहाँ तब से काम कर रही हो जब से पुलिस ने हममें दिलचस्पी लेनी शुरू की है। मेरा यही कहना है—’

वह चला गया जब उसने देखा कि उसकी बहन एम्मा रसोई के दरवाज़े से अन्‍दर आ रही है।

‘हैलो, तुम किसी बात से परेशान लग रही हो?’

‘मैं हूँ, मैं तुमसे बात करना चाहती हूँ सेडरिक।’

‘मैं घर में जा रही हूँ,’ लूसी ने बड़ी चतुराई से कहा।

‘मत जाओ,’ सेडरिक ने कहा। ‘इस हत्या ने तुमको परिवार से जोड़ दिया है।’

‘मुझे बहुत सारे काम करने हैं,’ लूसी ने कहा। ‘मैं तो यह अजवाइन लेने आयी थी।’

वह तेज़ी से किचन गार्डेन की तरफ़ चली गयी। सेडरिक की आँखें उसका पीछा करती रहीं।

‘सुन्दर लड़की है। कौन है यह?’ सेडरिक ने कहा।

‘ओह, यह काफ़ी जानी मानी है,’ एम्मा ने कहा। ‘यह इस तरह के कामों में उस्ताद है। लेकिन लूसी आईलेसबरो को छोड़ो, मैं बहुत परेशान हूँ। पुलिस को लगता है कि वह औरत जिसकी मौत हुई थी वह फ्रांस की थी। सेडरिक, क्या तुमको ऐसा नहीं लगता है कि वह औरत मार्टिन हो सकती है?’


II

एकाध पल तक सेडरिक उसे ऐसे घूरता रहा जैसे वह समझने की कोशिश कर रहा हो।

‘मार्टिन? ये मार्टिन कौन है—अच्छा मार्टिन?’

‘हाँ, तुमको ये लगता है—’

‘मार्टिन ही क्यों?’

‘अच्छा, उसे टेलीग्राम भेजना अजीब था। यह उसी समय की बात है—तुमको यह लगता है कि वह आखिर यहाँ आयी होगी और—’

‘बकवास। मार्टिन यहाँ क्यों आयेगी और वह उस लम्बे बाड़े में जायेगी? क्यों? यह मुझे लगता नहीं है।’

‘तुमको ऐसा नहीं लगता कि मुझे इंस्पेक्टर बेकन को बता देना चाहिए?’

‘उनको क्या बताना है?’

‘मार्टिन के बारे में, उसकी चिट्ठी के बारे में।’

‘इससे तो तुम मामले को और उलझा ही दोगी बहन, एक असंगत बात को उठाकर जिसका इस मामले से कोई लेना-देना भी नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि वह पत्र मार्टिन का था भी।’

‘मुझे लगता है।’

‘मेरी प्यारी बहन, तुम हमेशा नाश्ते से पहले ऐसी असम्भव चीज़ों को सोचती रही हो। तुम्हारे लिए मेरी सलाह यह है कि तुम अपना मुँह बन्द रखो। यह पुलिस का काम है कि वह उस लाश की पहचान करे। और मैं शर्त लगा सकता हूँ कि हेराल्ड भी ऐसा ही कहेगा।’

‘मुझे पता है कि हेराल्ड यही कहेगा। और अल्फ्रेड भी। लेकिन मुझे दुख है, सेडरिक। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करना चाहिए।’

‘कुछ भी मत करो। अपना मुँह बन्द रखो एम्मा। परेशानी को अपनी तरफ़ दावत मत दो, मेरा तो यही रवैया है,’ सेडरिक ने तुरन्त कहा।

एम्मा क्राइकेनथोर्प ने गहरी साँस ली। वह धीरे-धीरे चलती हुई घर के अन्‍दर चली गयी।

जब वह पार्किंग में आयी तो उसने देखा कि डॉ. क्विम्‍पर घर से निकले और उन्होंने अपनी टूटी हुई कार का दरवाज़ा खोल लिया। उसे देखकर वे रुके और चलकर उसकी तरफ़ आये।

‘अच्छा एम्मा,’ उन्होंने कहा। ‘तुम्हारे पापा बहुत अच्छी हालत में हैं। इस हत्या की वजह से ज़ि‍न्‍दगी में उनकी दिलचस्पी बढ़ गयी है। मैं अपने बाकी मरीजों के लिए भी यही सलाह दूँगा।’

एम्मा ने झूठी हँसी बिखेर दी। डॉ. क्विम्‍पर इस तरह की प्रतिक्रिया को तुरन्त भाँप लेते थे।

‘कुछ ख़ास बात’। उन्होंने पूछा।

एम्मा ने उनकी तरफ़ देखा। वे डॉक्टर की सहानुभूति की भावना की कद्र करते थे। वे एक तरह से दोस्त बन चुके थे, जिनके ऊपर भरोसा किया जा सके।

‘मैं थोड़ी-सी परेशान हूँ,’ उसने स्वीकार किया।

‘तुम अगर बताना चाहती हो तो मुझे बता सकती हो।’

‘मैं आपको बताना चाहती हूँ। कुछ तो आप पहले से ही जानते हैं। बात यह है कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किया क्या जाये।’

‘मेरा तो यह कहना है कि तुम्हारा फ़ैसला हमेशा सही होता है। मुश्किल क्या है?’

‘आपको याद हो शायद—मैंने एक बार आपको अपने भाई के बारे में कहा था—जिसकी विश्वयुद्ध के दौरान मौत हो गयी थी?’

‘तुम्हारा मतलब यह है कि वह शादीशुदा था—या उसकी शादी होने वाली थी—एक फ्रेंच लड़की से? कुछ इस तरह की बात?’

‘हाँ। जैसे ही मुझे उसका ख़त मिला उसके तुरन्त बाद उसकी हत्या हो गयी। हमने कभी उस लड़की के बारे में नहीं सुना था। हमने उसके बारे में कुछ भी नहीं सुना था—सिर्फ़ एक महीने पहले क्रिसमस के पहले तक।’

‘मुझे याद है। तुमको एक चिट्ठी मिली थी। नहीं?’

‘हाँ। उसने लिखा था कि वह इंग्लैंड में थी और वह हमसे मिलना चाहती थी। सब कुछ तैयारी हो चुकी थी, आखिर में उसका एक तार मिला कि उसे अचानक फ्रांस जाना पड़ गया।’

‘अच्छा?’

‘पुलिस को लगता है कि जिस औरत की हत्या हुई है वह फ्रेंच है।’

‘मुझे तो वह देखने में अंग्रेज़ जैसी ही लग रही थी, लेकिन पता नहीं चलता है न। फिर इसमें परेशानी की बात क्या है, तुमको यह लग रहा है कि वह मरी हुई औरत तुम्हारे भाई की पत्नी, या प्रेमिका है?’

‘हाँ।’

‘मुझे ऐसा नहीं लगता,’ डॉ. क्विम्‍पर ने कहा। ‘लेकिन मैं समझ सकता हूँ कि तुमको कैसा लग रहा होगा।’

‘मैं सोच रही हूँ कि पुलिस को इसके बारे में बता दूँ। जबकि सेडरिक और बाकी लोग यह कह रहे हैं कि इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। आपको क्या लगता है?’

‘हम्‍म’ डॉ. क्विम्‍पर ने अपने होंठों से बस इतना कहा। वह कुछ देर ख़ामोशी से कुछ सोचते रहे। फिर उन्होंने कहा, ‘अगर तुम कुछ भी नहीं कहोगी तो यह आसान रहेगा। मैं समझ सकता हूँ कि तुम्हारे भाई इसके बारे में क्या सोच रहे होंगे।’

‘हाँ।’

क्विम्‍पर ने उसकी तरफ़ हमदर्दी से देखा।

‘मैं जाकर उनको यह कह दूँगा,’ उसने कहा। ‘जब तक तुम बता नहीं दोगी तब तक तुम परेशान रहोगी। मैं तुमको जानता हूँ।’

एम्मा कुछ झेंप गयी।

‘शायद मैं बेवकूफ़ हूँ।’

‘तुमको जो कहना है कहो—और अपने परिवार की परवाह मत करो! मैं तुम्हारे इस फ़ैसले में तुम्हारा साथ दूँगा।’