रात के नौ बज चुके थे।
इंटरनेशनल पुलिस विभाग के बॉस हरमन अपने दफ्तर में बैठे काम कर रहे थे। सारे कमरे में खामोशी थी। शीशे की खिड़कियों से रोशनी छनकर बाहर आ रही थी।
डैलेस ने दरवाजा खोला और अंदर झांका।
हरमन अपनी कुर्सी पर बैठा था। कागज उसके सामने की टेबल पर बिखरे पड़े थे। उसने पेंसिल का एक सिरा दांतों के बीच दबा रखा था। वह किसी गहरी सोच में खोया था। उसने डैलेस को अंदर झांकते देखा।
‘आओ-आओ।’ हरमन बोला, ‘मेरा ख्याल था कि तुम जरूर आओगे। सो मैं अब तक बैठा हूं।’
डैलेस कुर्सी पर बैठ गया।
हरमन ने पूछा - ‘क्या बात है?’
‘मैं कुछ जानना चाहता हूं।’
‘किसके बारे में?’
‘प्रिस्टन काईल के बारे में। आपको क्या जानकारी है?’
एक पल को हरमन ने सोचकर कहा- ‘वह सेन फ्रांसिसको से सट्टा बाजार का एक पुराना खिलाड़ी है।’
‘और इसके अलावा ?’
‘दो साल पहले उसने मार्केट में कुछ हेराफेरी की थी। वहां के एजेंटों ने कुछ ले-देकर उसको वहां से चलता किया। काफी चलता-पुर्जा है। परिस्थितियों ने उसे सेन फ्रांसिसको छोड़ने के लिए मजबूर किया और वह यहां आ गया।’
‘यह सब जानकारी तो मैं फेवल से हासिल कर चुका हूं सर।’
‘फेवल! वह बड़ा शैतान है। तुमने यह जानकारी हासिल करने के लिए उसे क्या दिया?’
‘इसके बिना वह क्या कभी किसी को कुछ बताता है? सौ का एक पत्ता भेंट करना पड़ा है।’
‘शैतान! मेरा पैसा हड़प रहा है।’
हरमन ने मुस्कराकर आंखें झपकीं।
‘इसके अलावा वह जो लड़की है- क्या नाम है उसका? मैं भूल ही गया।’
‘ईव गिलिस।’
‘यस! उसके बारे में कुछ बताइए।’
‘कई साल पहले उसने मिस सिटी (नगर सुन्दरी) की प्रतियोगिता में चालीस हजार का पहला इनाम जीता था। उसका एक भाई भी है, जो पिछले तीन साल से भारत में है। बड़ी तेज है। कुछ महीनों से काईल के साथ उसका प्रेम संबंध चल रहा है। न जाने वह उसके पीछे क्यों पड़ी है! काईल तो खुद आर्थिक उलझनों का शिकार है। वह उसके लिए क्या कर सकता है? इसका पता जल्दी ही चल जाएगा।
‘क्या पहले वह कहीं काम भी करती थी?’
‘हां, फोनीज की फर्म से उसका नाता था। पैसा भी उसे वहां से अच्छा मिलता था।’
‘छोड़ क्यों दिया?’
‘कुछ पता नहीं चला। एक दिन उसे पछताना पड़ेगा।’
अब की बार गंभीर स्वर में डैलेस ने कहा- ‘जब आप उन लोगों के बारे में इतना कुछ जानते हैं तो फिर मुझे आपने किसलिए इस काम पर नियुक्त किया है?’
हरमन चुप रहा।
‘जो आप जानते हैं, उतनी जानकारी हासिल करने के लिए तो मेरी टांगें टूट गई हैं।’
हरमन ने डैलेस को एक बच्चे की तरह देखा, जो एक नौसिखिए की तरह बात कर रहा था। वह कुर्सी पर पहलू बदलकर बोला- ‘मैंने तुम्हें उसके गुजरे जीवन के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि उसकी आज की गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल करने और उस पर कड़ी नजर रखने के लिए नियुक्त किया है।’
डैलेस चुप रहा।
‘हां, तो दोनों राजा से मिले थे?’
‘हां।’
‘कितनी देर तक उसके साथ रहे ?’
‘आधा घंटा तक।’
हरमन अपनी उंगलियां चटखाने लगा। डैलेस को उसकी यह हरकत पसंद नहीं आई, मगर हरमन उसका बॉस था, सो वह चुप रहा।
हरमन कुछ देर तक सोचता रहा। उसका दिमाग बड़ी तेजी से काम कर रहा था। वह गुप्तचर विभाग का एक निपुण, तेज और पहुंचा हुआ अफसर था। उसने खिड़की की तरफ देखा और एक सिगरेट जलाकर बोला- ‘मुझे लगता है कि...।
‘क्या लगता है आपको?’
‘कि अब हम हीरों के नजदीक पहुंच रहे हैं।’
‘मतलब?’
‘हमें खुली आंख से काम करना चाहिए। हीरे हमारी पकड़ से अब दूर नहीं हैं।’
‘यह बात है।’
‘हां, मैं शुरू से इस ख्याल का रहा हूं कि हमें सबसे जल्दी उन हीरों को अगर कोई तलाश करवा सकता है तो राजा ही वह आदमी है। हैरत तो यही है कि आज से पहले उसने इसके लिए कोशिश क्यों नहीं की?’
डैलेस ने पूछा- ‘आपके पास क्या प्रमाण है कि वह हीरों की तलाश में यहां आया है? चूंकि बीमा कम्पनी ऐसा समझती है और महाराजा को शक की दृष्टि से देखती है, क्या हमारे लिए भी यह मुनासिब होगा कि हम भी उसी ढंग से सोचें और महाराजा को शक की दृष्टि से देखे?’
‘महाराजा को शक की दृष्टि से देखने के लिए तो बीमा कम्पनी वालों से मैंने कहा है, चूंकि महाराजा पैसा पानी की तरह बहाता है। उधर हीरों की कीमत पन्द्रह सालों में बहुत बढ़ गई है। फिर अब इन हीरों पर राजा का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ये हीरे बीमा कम्पनी वालों के हैं। वे बीमा का सारा रुपया राजा को दे चुके हैं, इसलिए अब उन्हीं हीरों की कीमत लगभग दस करोड़ हैं। अगर ये हीरे मिल जाते है तो राजा इनको भारत में ले जाकर कहीं भी बड़ी आसानी से बेच सकता है। इसके अलावा मैंने यह भी सुना है कि राजाओं की हालात भारत में रियासतें खत्म होने के बाद खराब हो रही है। इस राजा की यही स्थिति है। वह इसलिए भी चाहता है कि हीरे उसे मिल जाएं तो भी कई करोड़ का फायदा हो जाये।’
डैलेस ने उसकी बात को गैर से सुना और कहा- ‘बात में तो आपकी दम है। अब आगे क्या किया जाये।’
‘अगर हम इस केस को ठीक ढंग से हैंडिल करें, तो हमें लाखों का लाभ हो सकता है। एक-न-एक दिन हम राजा के माध्यम से हीरो तक जरूर पहुंच जाएंगे। मैंने मैकादम और ऐसबर्थ को भी राजा के पीछे लगा दिया है। वे दोनों रात की ड्यूटी पर हैं। बर्नज दिन की ड्यूटी पर लगा है। तुम काईल पर नजर रखो। राजा खुद हीरों की तलाश में नहीं जाएगा। वह किसी-न-किसी को पकड़ेगा, ताकि यह काम पूरा किया जा सके। हो सकता है कि वह यह काम काईल के जरिये ही करवाना चाहें। एक हफ्ता काईल को और देख लो। अगर समझो कि उसकी इस मामले में दिलचस्पी नहीं है, तो काईल का पीछा करना छोड़ दो, मगर जरा ध्यान से उसका पीछा करना। उसे बिल्कुल पता न चले कि तुम उसकी निगरानी कर रहे हो।’
‘जी समझा।’ मगर डैलेस के चेहरे पर उत्साह का भाव नहीं था। वह धीमी आवाज में बोला’
‘कहीं हम गलत आदमी का पीछा करके अपना समय न बरबाद कर रहे हों। मुनासिब यही है कि हमें कुछ दिन और इंतजार करना चाहिए।’
‘किसका?’
‘हेटर का।’
‘क्यों ?’
‘वह जेल में है।’
‘तब ?’
‘वह एक आदमी है, जो जानता है कि हीरे कहां हैं। उसे बाहर आने दो।’
‘तब ?’
‘जेल से बाहर आते ही वह वहां जाएगा, जहां हीरे रखे हुए हैं, तब हम उसको पकड़ लेंगे।
हरमन ने आंखें झपककर कहा- ‘उसकी सजा के अभी दो साल बाकी हैं।’
‘हां।’
‘मगर मैं इतने लम्बे अर्से तक इंतजार नहीं कर सकता। मैं फौरन चाहता हूं।’
‘जल्दी क्या है, बॉस। हम पन्द्रह साल से इंतजार करते चले आ रहे हैं। दो साल और सही, तब तक हम दूसरे कामों की तरफ अपना ध्यान लगा सकते हैं।
हरमन ने कहा- ‘तुम्हें मालूम है कि अगर हम अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं तो लाखों....।’
डैलेस बीच में ही बोल पड़ा- ‘मैं सुन चुका हूं सर।’
‘अगर हमने तीन महीने तक कुछ न कर दिखाया तो हो सकता है बीमा कम्पनी वाले हमारी जगह यह केस किसी और को दे दें, इसलिए हमें कुछ-न-कुछ कर दिखाना चाहिए।’
‘आप तो मुझे डरा रहे हैं।’
‘नहीं, मैं तुम्हें सतर्क कर रहा हूं। काम मन लगाकर करो। इसी में सबकी भलाई है। हमारे पास अब दो साल नहीं, सिर्फ तीन महीने बाकी हैं।’
‘जो हुक्म।’
‘काईल पर नजर रखो और ईव की गतिविधियों को वॉच करो।’
‘यस सर।’
‘वह बड़ी चालाक लड़की है। हो सकता है कि वह हीरों के बारे में कुछ जानती हो।’
‘उसका पीछा करना कोई मुश्किल नहीं है।’ डैलस ने दरवाजे की तरफ बढ़ते हुए कहा- ‘उसका पीछा करना तो मुझे कॉलेज के दिनों की याद दिला देता है।’
हरमन ने उसे घूरा, मगर तब तक डैलेस कमरे से बाहर जा चुका था।
* * *
रात के साढ़े दस बजे रिको अपने कमरे से बाहर निकला। वह रेस्तरां से होता हुआ बॉर में पहुंचा। रेस्तरां में ज्यादा भीड़ नहीं थी। मुश्किल से बीस जोड़े बैठे वहां खाना खा रहे थे। उसने एक सरसरी नजर चारों तरफ डाली। अक्सर ग्यारह बजे के बाद ही लोग रेस्तरां में ज्यादा आतेे थे।
रिको ने देखा कि कुछेक ग्राहकों ने उसके चेहरे पर पड़ी खरोंचों को बड़े गौर से देखा। इससे उसके मन में कुछ परेशानी सी पैदा हुई। यों भी आज उसका मूड ठीक नहीं था।
थोड़ी देर पहले बेयर्ड का फोन आया था जिसे उसने बीच में ही काट दिया था, मगर उससे वह परेशान तो जरूर हुआ था। टेलीफोन पर बात करना उसे सीधा जेल की कोठरी में पहुंचा सकता था। वह मन-ही-मन बेयर्ड की मूर्खता पर बल खा रहा था।
उत्तेजना से भरा वह बॉर में पहुंचा था। वहां हल्का अंधेरा फैला था। पन्द्रह-बीस के करीब लोग बैठे वहां शराब पी रहे थे।
उसने ‘बॉरमैन’ को व्हिस्की के एक बड़े पैग का ऑर्डर दिया। बॉरमैन ने उसके चेहरे को गैर से देखा और फिर गिलास टेबल पर रखकर चला गया। रिको व्हिस्की पीने लगा।
एक साल पहले ही फरु-फरु क्लब को उसने खोला था, मगर इतने थोड़े समय में ही उसका बिजनेस चमक उठा था। सारे नामी लोग उसके स्थाई ग्राहक बन चुके थे। वे जानते थे कि बिना अपने-आपको जोखिम में डाले वे अपनी मनपसंद लड़की को रात के लिए वहां से हासिल कर सकते थे। कुछ काला धंधा करने वाले भी वहां आने लगे थे। इनकी देखा-देखी कुछ लोगों ने अपनी लड़कियों को वहां लाना शुरू कर दिया था। उन्हें शराब ग्राहकों से मुफ्त पीने को मिलती थी और जाती बार लड़की का पर्स नोटों से भरा होता था।
रिको ने कोने में बैठे एक आदमी को घूरा। उसका कद लम्बा था और जिस्म भरा हुआ। उसकी आंखों के नीचे काले गड्ढे पड़ गये थे। उसके चेहरे पर गंभीरता छाई थी। वह पिछले महीने से बराबर वहां आ रहा था। उस आदमी का नाम एडम गिलिस था। वह जब भी आता, उसके साथ कोई-न-कोई लड़की होती थी।
रिको मन-ही-मन सोचता था कि एडम गिलिस कैसे उन लड़कियों को फांस लेता था। उनकी उम्र कम होती थी और वे बड़ी खूबसूरत होती थीं। एडम की आर्थिक हालत का अनुमान लगाया जा सकता है कि वह हमेशा इस ताक में रहता था कि कोई लड़की उसे शराब पिलाये या खाना खिलाये।
रिको के पास से एक ग्राहक गुजरा और उसने कहा- ‘हैलो, गुड ईवनिंग।’
‘गुड ईवनिंग सर!’
उसके जाते ही रिको ने नफरत भरी दृष्टि से दोबारा एडम गिलिस को देखा। वहां से उसकी नजर हटकर सीधे कोने में गई।
वहां एक आदमी बैठा था। वह एक अखबार पढ़ रहा था।
रिको ने इस आदमी को पहले कभी यहां नहीं देखा था। वह मन-ही-मन चौंक पड़। वह सूरत से ऐसा नजर नहीं आता था, जो नाइट क्लब जाने वाला हो। उसका कद लम्बा, शरीर पतला और रंग भूरा था। उसकी आंखें चमकदार थीं। वह शक्ल से कोई टेनिस का खिलाड़ी नजर आता था।
रिको अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और सक्मिड के पास पहुंचा, जो दरवाजे के पास बैठा था। उसके पास ही एक रजिस्टर पड़ा था। अंदर आने वाले हर आदमी को उसमें नाम लिखना पड़ता था। रिको ने पूछा- ‘वह आदमी कौन है?’
‘कौन ?’
‘वह जो कोने में बैठा है।’
‘वही जो अखबार पढ़ रहा है?’
‘हां।’
‘उसका नाम डैलेस है।’
‘लेकिन वह तो यहां पहली बार आया लगता है। तुमने उसे अंदर क्यों आने दिया?’
‘उसके नाम की सिफारिश मिस्टर राइन हार्ट ने की थी, इसलिए मैंने उसको अंदर आने दिया।’
‘तब ठीक है।’ रिका ने सिर हिलाया।
सक्मिड ने पूछा- ‘क्या कोई खतरे की बात है?’
‘शक्ल से तो वह खतरनाक आदमी नहीं लगाता।’
‘मेरा भी यही ख्याल है, मगर शक्ल से कोई मालदार आदमी नहीं नजर आता। खैर, मैं जानता हूं। जब मिस्टर काईल आएं तो मुझे बता देना। मैं आज रात उनसे मिलना चाहता हूं। रिको ने वहां से हटते हुए कहा।
वह वापस बॉर में आ गया। डैलेस एक लड़की से बात कर रहा था। जिसने हरे रंग का लिबास पहन रखा था। उसका नाम जूई नरैटन था। रिको के क्लब की वह खास लड़की थी। उसने रिको की तरफ घूरकर देखा। आंख के इशारे से रिको ने उसे डैलेस के साथ बैठने की इजाजत दे दी। डैलेस और जूई आमने-सामने टेबल पर बैठकर शराब पीने लगे।
उधर एडम गिलिस ने रिको के चेहरे पर देखा जिस पर खरोंचें पड़ी हुई थीं। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि किसने रिको की यह हालत बनाई? एक बात तो उसे मालूम थी कि रिको बड़ी तेजी से अमीर बनता जा रहा था, मगर इसके पीछे क्या रहस्य था, एडम नहीं जानता था।
जब रिको चला गया तो गिलिस ने अपनी घड़ी देखी। दस कभी के बज चुके थे, मगर ईव अभी तक नहीं आई थी। उसने कहा था कि वह काईल को लेकर दस बजे तक वहां पहुंच जायेगी, मगर अब तो ग्यारह बजने वाले थे। वह मन-ही-मन उबलने लगा।
एक बार एडम ने सोचा भी कि वह ईव को टेलीफोन करके पूछे कि क्या बात है, मगर फिर यह समझकर इरादा बदल दिया कि हो सकता है कि उधर से काईल ही टेलीफोन न उठा ले, वह नहीं चाहता था कि काईल को किसी बात का उस पर शक हो।
गिलिस शराब पीना चाहता था, मगर उसकी जेब खाली थी। उसने सामने बॉर में सजी शराब की बोतलों को ललचाई दृष्टि से देखा। उसकी जेब में सिर्फ बीस रुपये थे। वह इनको शराब पर खर्च नहीं करना चाहता था। उसने मन-ही-मन ईव को कोसा, फिर समय गुजारने के लिए वह उंगली से मेज को थपथपाने लगा।
थोड़ी देर बाद गिलिस उठकर बाहर आ गया। अब वह क्लब की लॉबी में खड़ा था। ईव और काईल की आने की अब कोई आशा नजर नहीं आती थी।
वहां से हटकर यह टॉयलेट में घुस गया कि शीशे में देखकर अपने बाल ठीक कर सके। अंदर आकर उसने बाल ठीक किये और अपने हाथ धोने लगा। तभी अंदर डैलेस दाखिल हुआ। उसने मुस्कराकर गिलिस को देखा। गिलिस भी मुस्कराया और बोला, ‘मैंने आपको जूई के साथ बॉर में देखा था।’
‘हां, आप ठीक कहते हैं। कैसी लड़की है?’
‘ओह! बहुत अच्छी है।’
तभी डैलेस ने जेब में से सिगरेट केस निकाला और गिलिस को एक सिगरेट पेश किया।
‘थैंक्यू। क्या आप यहां नये आए हैं?’
‘हां।’
‘कब तक रहने का इरादा है?’
‘मैं एक बिजनेसमैन हूं। कुछ हफ्ते यहां रहना चाहता हूं। मन बहलाने के लिए आज यहां चला आया हूं।’
‘यह तो अच्छी बात है।’
‘मगर मैं गलत चक्कर में नहीं पड़ना चाहता हूं।’
‘आप ठीक कहते हैं। आप अगर थोड़ा अच्छा समय गुजारना चाहते हैं तो यह नाइट क्लब बुरा नहीं है। यों जूई एक रात के लिए अच्छी लड़की साबित हो सकती है।’
‘हूं।’ डैलेस ने कहा- ‘मेरा नाम एड डैलेस है।’
‘मुझे एडम गिलिस कहते हैं।’
दोनों ने हाथ मिलाया
डैलेस बोला- ‘मैं यहां हफ्ते में तीन-चार बार आया करूँगा। आपसे तो मुलाकात होती ही रहेगी?’
‘हां-हां, क्यों नहीं। मैं तो यहां अक्सर आता हूं।’
‘हम किसी दिन एक साथ बैठेंगे और शराब पियेंगे।’
‘यह तो मेरे लिये इज्जत की बात होगी।’ गिलिस ने कहा।
डैलेस जाने लगा तो गिलिस बोला-
‘आप इस क्लब के मेम्बर होते तो मैं यह बात कभी न कहता, पर आपस क्या पर्दा।’
‘बोलिए।’
‘मैं गलती से अपना बटुआ घर भूल आया हूं। मेरे दोस्त अभी तक आये नहीं। क्या आप एक घंटे के लिए मुझे एक सौ का नोट उधार दे सकते हैं। मैं अपने दोस्तों के आते ही आपको लौटा दूंगा। आपकी मेहरबानी होगी।’
‘अजी इसमें मेहरबानी की क्या बात हैं! यह तो मामूली बात है। आप सौ रुपया खुशी से लीजिए।’ कहकर डैलेस ने अपनी जेब से बटुआ निकाला और सौ का नोट निकालकर गिलिस को देते हुए बोला- ‘जल्दी की कोई बात नहीं। जब हम दोबारा मिलेंगे तो आप मुझे वापस कर दीजियेगा।
गिलिस ने झपटकर नोट पकड़ा और अपनी पॉकेट में रख लिया और बोला - ‘मैं किस मुंह से आपका शुक्रिया अदा करूं। आप बहुत अच्छे हैं। मैं अपने दोस्तों के आते ही ये रुपये वापस कर दूंगा। थैंक्यू।’
‘अरे साहब! इसकी क्या जरूरत है।’ कहकर डैलेस दरवाजे की तरफ बढ़ गया। मैं खुद कई बार बटुआ घर भूल आने की गलती कर चुका हूं। ऐसी मुश्किल हालत को मैं समझ सकता हूं।’
दोनों बॉर में आ गये।
गिलिस ने कहा- ‘आप जूई के साथ बैठें। मैं काउंटर से जाकर अपना ड्रिंक खुद ले आता हूं। मैं नहीं चाहता कि आप लोगों के साथ बैठकर आपका मजा किरकिरा करूं।’
‘ओ० के०।’
तभी डैलेस ने ईव को काईल के साथ बॉर में एक तरफ खड़े देखा। उसने काले रंग की खूबसूरत मैक्सी पहनी हुई थी। उसकी छातियों का उभार बेहद जानलेवा था।
डैलेस ने गिलिस का ध्यान उस ओर आकर्षित किया- ‘लो, एक और खूबसूरत चेहरा।’
‘यह क्लब औरतों के लिए प्रसिद्ध है।’ कहकर गिलिस ने ईव की तरफ देखा। दोनों की नजरें मिलीं, मगर किसी ने भी एक दूसरे का अभिवादन नहीं किया। दोनों ने यों जाहिर किया मानो वे एक दूसरे को जानते भी न हों।
गिलिस ने दोस्ताना अंदाज में डैलेस के कंधे को थपथपाकर कहा- ‘जूई भी अच्छी लड़की है। यों अंधेरे में हर औरत एक सी होती है।’
कहकर वह काउंटर पर ड्रिंक लेने चला गया।
उसके जाते ही डैलेस ने भी उधर का रुख किया, जिधर जूई बैठी थी। टेबल पर पहुंचकर वह बोला-
‘सॉरी, तुम्हें बहुत इंतजार करना पड़ा, मगर मैं एक खूबसूरत आदमी के चक्कर में फंस गया था।’
‘एडम गिलिस?’
‘हां।’
‘उसने तुम्हें जरूर चूना लगाया होगा।’
‘जरूरत से ज्यादा नहीं।’
‘कितना ?’
‘सिर्फ सौ रुपये।’
‘वो शैतान अपनी खूबसूरती का फायदा उठा रहा है? पर कब तक? हर लड़की के पास सोने को तैयार हो जाता है, अगर उसे शराब और अच्छा खाना मिल जाए।’
‘तुम्हें मेरा उसको रुपये देना अच्छा नहीं लगा?’
‘देखो, तुम्हारे पैसों से वह व्हिस्की खरीद रहा है। तुम्हें उसको रुपये नहीं देने चाहिए थे। तुम्हारा उससे कोई मतलब सिद्ध होने वाला नहीं है।’
‘मुझे उस पर रहम आ गया था। उसे शराब की सख्त जरूरत थी। बस, मैं इंकार नहीं कर सका।’ डैलेस ने एक पल रुककर कहा- ‘जानती हो, उसने तुम्हारी भी तारीफ की थी।’
‘क्या वाकई? एक बार उसने मुझे चार सौ रुपये का चूना लगा दिया था।’
डैलेस ईव की तरफ देखने लगा और फिर बोला, ‘क्या खूबसूरत चेहरा है। मैक्सी भी खूब पहनी हुई है।’
जूई ने ईव की तरफ ईर्ष्या से देखा। उसके होंठों पर व्यंग्य भरी मुस्कान थी। वह बोली- ‘जानते हो, वह कौन है?’
‘नहीं।’
‘वह गिलिस की बहन है।’
‘ओह!’
‘दोनों परले दर्जे के मक्कार हैं। पहले वह फोलीज के साथ थी। अब उसने महसूस किया है कि वह अपनी खूबसूरती का सौदा महंगे दामों में करके जिन्दगी गुजार सकती है तो वहां से चली आई।’
‘तुमने क्या कहा, उसकी बहन?’
‘हां।’
‘मगर उन दोनों ने एक दूसरे को देखा और अजनबियों की तरह व्यवहार किया।’
‘हो सकता है कि वह अपने भाई को काईल से मिलवाना चाहती हो। वह काईल की रखैल है। खैर, क्या एक बोतल शैम्पेयन और मंगवाए? मेरी प्यास तो अभी बुझी नहीं है।’
‘हां-हां क्यों नहीं। जरूर मंगवाओ।’ उसने कह तो दिया और फिर सोचा कि जब इन सारे खर्चों का बिल हरमन के सामने आयेगा तो वह जल-भुन जाएगा, मगर उसने ऊपरी मन से कहा, ‘जो मेरे पास इस वक्त जेब में है, उसे तुम जैसे चाहो, खर्च करो।’
जूई ने उसे संदिग्ध दृष्टि से देखा, उसे लगा डैलेस के पास रकम नहीं है, फिर भी उसने पूछा- ‘क्या शैम्पेन के साथ डिनर भी चल सकता है? देखूं, तुम्हारी दरियादिली?’
‘डिनर? आज नहीं, कल। वायदा रहा।’
‘मगर मुझे भूख लगी है।’
‘कुछ और खाने को मंगवा लो।’
‘ठीक है।’
फिर जूई ने पूछा- ‘क्या आज की रात तुम मेरे साथ गुजारना चाहते हो?’
जूई की बात को स्वीकारने का मतलब था, कई सौ का और खर्चा। उसकी कल्पना में हरमन का चेहरा उभरा। उसने अपनी इच्छा को दबाकर कहा- ‘नहीं, फिर किसी दिन सही। उसके लिए मुझे बैंक का एक चक्कर लगाना पड़ेगा।’
जूई हंसी।
‘तुम जान गये होंगे कि मैं तुम्हें पसन्द करती हूं।’ उसने टेबल के नीचे से हाथ डालकर डैलेस ही टांग को दबाया, ‘तुम्हें आज की रात किसी बैंक का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।’
डैलेस उसकी बातें सुन नहीं रहा था। वह दूसरी तरफ देख रहा था। वहां पर अचानक उसने रिको को बॉर में दाखिल होते देखा। वह चलता हुआ वहां गया, जहां पर ईव और काईल खड़े थे। वहां पहुंचकर रिको ने धीरे से काईल से कुछ कहा।
उसकी बात सुनकर काईल का चेहरा गुलाबी हो गया। उसने तब घूमकर ईव से कुछ कहा। उसने सिर हिला दिया। तब ईव को अकेला छोड़कर काईल और रिको बॉर से बाहर चले गये। डैलेस ने देखा। ईव को अकेला पाकर गिलिस ने सिर के इशारे से उसे दरवाजे के पास चलने को कहा।
उसे ऐसा करते देखकर डैलेस अपनी जगह से उठा और जूई से बोला, ‘भई, मैं तो चला। मुझे एक जरूरी काम याद आ गया है।’
‘क्या? क्या कहते हो?’
मगर डैलेस ने अनसुना कर दिया। उसने सौ-सौ के दो नोट निकालकर जूई की गोद में डाले और बोला।
‘अचानक कोई बहुत जरूरी काम याद आ गया है। कल मुलाकात होगी। बॉय।’
‘तुमने तो मेरा बीच में ही कबाड़ा कर डाला।’
‘सॉरी! मुझे एक जरूरी काम से जाना पड़ रहा है। बॉय! आज रात को सपनों में मुलाकात होगी।’
कहकर वह बॉर से निकल आया।
चंद मिनट के बाद ईव भी लॉबी में नजर आई। उसने अपना कोट रिसेप्शन पर से उठाया और बाहर निकल गई। बाहर आकर वह एक कार में बैठ गई, जो वहां खड़ी थी।
डैलेस दूसरी ओर पार्क की गई कारों की आड़ में छिप गया था। वह सांस रोके आने वाली घटना का इंतजार करने लगा।
पांच मिनट के बाद अंदर बैठे-बैठे ईव ने सिगरेट सुलगाया। लाइटर की रोशनी में डैलेस ने देखा मानो वह संसार की सबसे सुन्दर औरत है। उसने अपने आपसे मुस्कराकर कहा, ‘डैलेस, ऐसी कल्पनाएं मत करो। अगर यही सब कुछ चाहते हो तो जूई ही ठीक है। ईव को पाना तुम्हारे बस की बात नहीं है।’
तभी उसने दूर से गिलिस को आते देखा। वह इधर-उधर देख रहा था, तब अचानक उसने ईव को कार में बैठे देखा। वह उधर को बढ़ा। पास आया और कार का दरवाजा खोलकर भीतर चला गया।
अब डैलेस भी अपनी जगह से खिसका और छिपकर उनकी कार के पास आ गया, ताकि दोनों की बातें सुन सके।
* * *
दो साल में पहली बार प्रिस्टन काईल का आत्मविश्वास जागा और उसको अपना भविष्य उज्वल नजर आया। ईव ने उसे विश्वास दिला दिया था कि महाराजा के हीरों को ढूूंढ निकालने की उनकी योजना बेमिसाल है और वे निश्चित रूप से कामयाब होंगे। काईल को भी उसकी योजना सार्थक लगी।
उसकी योजना काफी समझदारी से भरी थी। खतरनाक जरूर थी मगर ऐसी नहीं कि वे उस पर अमल ही न करते। अगर दस साल पहले यही योजना उसके सामने होती तो वह खुशी से कूद पड़ता, तब जमाना कुछ और ही था। योजना मुश्किल थी, खतरों से भी भरी थी, पर कामयाबी की शक्ल में पैसा भी बेशुमार था।
‘वाह! इस ईव का जवाब नहीं है? काईल ने यह वाक्य अपने मन में तब दोहराया था, जब ईव हीरों तक पहुंचने की योजना उसे बता रही थी। काईल को लगने लगा था मानो राजा का चालीस लाख रुपया उसकी जेब की तरफ बढ़ा आ रहा है। उसे यकीन होने लगा कि व्यापार की दुनिया में वह एक बार फिर चमक सकता है और अपने विरोधियों का माल लेकर, अपनी खोई हुई साख पुनः प्राप्त कर सकता है।
योजना का सारा आधार उसको ठीक से संचालन करने में था। एक सही आदमी की तलाश थी, जो उसके कहने के अनुसार चल सकता और काम कर सकने की हिम्मत रखता होता। उसने जो जाल फैलाया था, रिको भी उसमें सहायक सिद्ध हो सकता था। रिको को साथ मिलाकर चलना आसान बात नहीं थी, मगर उसका साथ बेहद जरूरी था।
यही नहीं, जो भी खर्चा होना था, वह काफी था। उसको तो महाराजा ने ही बर्दाश्त करना था। उससे मिलने वाली बड़ी रकम को भी काईल रिको से छिपाये रखना चाहता था।
जब दोनों बॉर से बाहर निकले तो काईल ने रिको के चेहरे की खरोंचों की ओर देखकर कहा- ‘आपका चेहरा तो खरोंचों से भरा पड़ा है, कैसे लगी?’
‘एक्सीडेंट हो गया था। मामूली बात है। ये इतनी दर्द नहीं करतीं जितनी बुरी नजर आती हैं। खैर आपको आज रात जल्दी तो नहीं है? मैं आपसे काफी समय से मिलना चाहता था।’
‘ऐसी क्या चीज है?’
‘बड़ी जबर्दस्त है। आजकल उसको लेकर मामला कुछ गर्म है, मगर एक-आध साल ठहरकर यही चीज आपको अच्छा मुनाफा देकर जायेगी।’
काईल का इशारा चेन की तरफ था।
‘जरा देखने तो दो।’
रिको उसे लेकर अपने दफ्तरनुमा कमरे में चला गया। उसने दीवार में बनी सेफ को खोला और सेफ से चेन बाहर निकाली। चेन को उसने काईल के सामने मेज पर रख दिया।
काईल ने उसे छुआ नहीं। दूर से ही देखकर पूछा, ‘कितनी खतरनाक है यह?’
‘जिसकी थी, उसका कत्ल हो चुका है।’
‘तुम्हारा मतलब जीन ब्रूस से है?’
‘यस।’
‘मुझे बड़ी हैरत हो रही है। यह आप तक कैसे पहुंची?’
रिको ने अपने चेहरे की खरोंचों पर उंगली फेरते हुए कहा- ‘अचानक आ ही गई। इत्तफाक कहिये। बाद में पता चला कि जिसकी थी, उसकी हत्या कर दी गई है।’
‘कैसे पता चला?’
‘शाम के अखबार से।’
‘अगर पकड़े गये तो क्या पुलिस आपकी बात का विश्वास कर लेगी?’
‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह खतरनाक है, तभी तो आपको बुलाया है। मैंने सोचा कि हो सकता है कि आपके किसी अमीर दोस्त को पसंद आ जाए। शक नहीं कि इसे दिखाने से पहले इसकी सैटिंग को थोड़ा बदलना पड़ेगा, मगर एक बात तो आप भी मानेंगे कि चीज बड़ी जोरदार है।’
काईल ने चेन को हाथों में उठाकर उल्टा-पल्टा तथा बोला, ‘हां, चीज तो जोरदार है। आप क्या चाहते हैं?’
‘पच्चीस हजार।’
‘क्या?’
‘आप हैरत में पड गये। जानते हैं, इसकी कीमत क्या होगी।’
‘कितनी।’
‘कम-से-कम पचास-साठ हजार भी हो सकती है।’
‘जब होगी, तब देखा जाएगा। इस वक्त तो इसकी कीमत एक पैसा भी नहीं है। इस वक्त तो इसे पास रखना भी खतरे से खाली नहीं है। खैर, मैं इसके ज्यादा-से-ज्यादा दस हजार दे सकता हूं।
‘बस?’
‘बस! एक नया पैसा भी ज्यादा नहीं।’
रिको ने बेयर्ड को पांच हजार दिये थे। वह सौदेबाजी करता हुआ बोला- ‘चलिए, बीस दे दीजिए।’
‘नहीं।’
उसने चेन को वापस देना चाहा तो रिको जल्दी से बोला- ‘रखिये-रखिये, वापस मत कीजिए। मैं इस सौदे में नुकसान ही उठा लूंगा, पर इसे अपने से दूर ही रखना चाहता हूं। चलिये, दस ही मंजूर है।’
काईल ने हाथ वापस खींच लिया।
कुछ पल बाद बोला- ‘रुपयों के लिए कुछ दिन ठहरना पड़ेगा। शायद एक हफ्ते तक।’
‘ओ० के०। मुझे आप पर विश्वास है। आप दो हफ्ते के बाद दे दीजिएगा।’
काईल ने सिर हिलाया और चेन को अपने कोट की जेब में डाल लिया।
इसके बाद काईल सोचने लगा कि वह अपनी योजना के बारे में कितना रिको को बताए, तब तक दफ्तर में वेटर ड्रिंक ले आया था। काईल ने शराब का गिलास उठाकर कहा- ‘हो सकता है कि जल्दी ही हमें एक बड़ा काम करना पड़े। काफी फायदा होगा।
‘अच्छा!’
‘हां।’
‘मुझे क्या मिलेगा ?’
‘एक लाख ।’
‘सच।’
रिको खुशी से उछल पड़ा।
‘मगर दो-तीन आदमियों की सहायता चाहिए होगी।’
‘कैसे आदमी?’
‘निडर और साहसी।’
‘हूं। मैं आपके साथ हूं, मिस्टर काईल।’
‘थैक्यू।’
‘बताइए मुझे क्या करना होगा?’
‘अभी तक तो मैंने पूरी तरह योजना पर गौर नहीं किया है। मुझे सारे मामले पर अच्छी तरह सोच-विचार कर काम करना चाहिए।’ फिर एक पल रुककर बोला- ‘मैं आप पर किस हद तक यकीन कर सकता हूं?’
रिको भी बड़ा घाघ था। बिना जाने वायदा करना उसकी आदत नहीं थी, सो उसने पूछा, ‘कुछ तो पता चले कि योजना क्या है?’
‘....।’
‘क्या यह खतरनाक है?’
‘हो भी सकती है, मगर शुरू से आखिर तक आपको कहीं आंच नहीं आयेगी।’
‘मगर योजना का तो पता चले। मैं कोई ऐसा काम नहीं करना चाहता कि सीधा दस-पन्द्रह साल के लिए जेल चला जाऊं।’
‘बिना खतरे के पैसा कहां मिलता है।’
‘यह तो आप ठीक कहते हैं।’
काईल ने कहा- ‘उस योजना की सफलता का दारोमदार उस आदमी पर है, जो बाहर रहकर काम करेगा। अगर वह समझदार और चालक है तो कामयाबी निश्चित है अगर वह जरा-सा भी डगमगाया तो हम सब भी डूब जाएंगे।
रिको ने उसकी बात का समर्थन किया।
फिर पूछा- ‘मिस्टर काईल, पार्टी कौन सी है?’
‘आपको वह भी पता चल जाएगा, पर क्या कोई ऐसा आदमी है, जो इस कसौटी पर पूरा उतरे और जिसे मैं जानता भी हूं।’
रिको चुप रहा।
‘काम सख्त और खतरनाक है। मैंने सोचा शायद आप किसी ऐसे आदमी को जानते हो?’
‘हूं।’
‘समझदार, चालाक और अगर खूनी हो तो बात ही क्या है।’
काईल ने देखा कि जब उसने ‘खूनी’ शब्द का प्रयोग किया तो रिको चौंका।
काईल ने कहा- ‘आप मुझे गलत मत समझे। मैं खुद मारकाट, खून-खराबे से आपकी ही तरह नफरत करता हूं, पर अगर जरूरत पड़े तो उससे पीछे भी नहीं हटना चाहिए।’
रिको की जान-में-जान आई। वह बोला- ‘मैं एक आदमी को जानता हूं।’
‘कौन है?’
‘बड़ा खतरनाक है।’
‘क्या नाम है उसका?’
‘बेयर्ड। कुछ महीनों से इस शहर में आया हुआ है।’
‘कभी परखा है उसे?’
‘हां, मैं उसके साथ धंधा कर चुका हूं। वह आपकी धारणा पर पूरा उतरता है। विश्वसनीय और समझदार भी है।’
‘ऐसा ही आदमी चाहिए मुझे।’
‘मैं यकीन से तो नहीं कह सकता, पर मेरा ख्याल है कि जीन ब्रूस को भी उसी ने ठिकाने लगाया है।’
काईल ने अपने होंठों पर हाथ फेरा।
‘आपको उस पर भरोसा है?’
‘पूरा-पूरा भरोसा है।’
‘मिस्टर रिको, मैं पहले कह चुका हूं कि अगर आदमी ढंग का न हुआ तो हमें भी जेल की हवा खानी पड़ेगी। समझे आप?’
‘समझ गया। मेरा विश्वास है कि वह आपका काम कर देगा, पर उसे करना क्या होगा?’
‘यह मैं बाद में बताऊंगा। पहले मैं उससे मिलना चाहता हूं। क्या कल रात को आप उस यहां बुला सकते हैं?’
रिको ने इंकार में सिर हिलाया।
‘मगर क्यों?’ काईल ने पूछा।
‘पुलिस उसकी तलाश में है। मेरा ख्याल है कि वह शहर छोड़ चुका है।’
‘कुछ पता है कि वह कहां होगा?’
‘अभी तो नहीं, मगर एक-दो दिन में वह मुझसे सम्पर्क करेगा’
‘कैसे मालूम हुआ?’
‘उसने कहा था।’
‘....।’
‘मिस्टर काईल, जैसे ही बेयर्ड से मेरा सम्पर्क हुआ, मैं आपको बात दूंगा और मुलाकात का इंतजाम भी कर दूंगा।’
‘मगर जल्दी ही।’
‘आप बेफिक्र रहें।’
‘आदमी भरोसे का है न?’
‘मैं आदमी को देखते ही पहचान जाता हूं। दुनिया में कोई ऐसा नहीं, जो उसका मुकाबला कर सके।’
‘गुड! मैं अब अपनी योजना को आखिरी शक्ल देने में लग सकता हूं। जितनी जल्दी बेयर्ड से मुलाकात हो जाए, उतना ही अच्छा है।’
‘आप फिक्र न करें। यह काम मुझ पर छोड़ दें। मैं जल्दी-से-जल्दी उसको आपसे मिलवाने का इंतजाम करूँगा।’
फिर एक पल रुककर पूछा- ‘अगर उसने पूछा कि काम क्या है? कुछ तो उसे बताना होगा।’ रिको ने घूरकर उसे देखा।
काईल ने सिगरेट की राख को ऐश-ट्रे में झाड़ा और बोला- ‘अगर उसने काम कर दिया तो मैं एक लाख दूंगा।’
‘अगर न कर सका तो?’
‘तो सौ का एक पत्ता- जहर खाने के लिए।’
रिको ने उसको चकित दृष्टि से देखा।
काईल ने कहा- ‘एक लाख क्या कम है?’
‘नहीं, मिस्टर काईल।’
और वह दरवाजे की तरफ देखने लगा।
* * *
जैसे ही एडम गिलिस कार में बैठा, उसने ईव से गुस्से भरी आवाज में कहा- ‘जानती हो, मुझे कितना इंतजार करना पड़ा? पूरा एक घंटा। कभी तो वक्त की पाबंदी का ख्याल करो।’
‘सॉरी गिलिस।’ उसने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और बोली- मैं मजबूर थी। काईल का मूड कुछ बिगड़ा हुआ था। मुझे तो यकीन ही नहीं था कि वह आज आने के लिए राजी भी होगा। मैं तो अब इस खेल से तंग आ चुकी हूं। पता नहीं यह सिलसिला कब तक चलेगा? तुम अनुमान नहीं लगा सकते कि काईल के साथ रहना कितना मुश्किल है। काश! मैंने कभी वायदा न किया होता?’
‘किस बात का?’
‘तुम्हारी मदद करने का।’
गिलिस ने चौंककर उसकी तरफ देखा। वह संयत स्वर में बोला- ‘इतनी कठोर मत बनो। मैं जानता हूं कि तुम्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, पर उसको पूरा करने के लिए काईल का हमारे साथ होना बेहद जरूरी है।’
‘मगर मुझे तो सारी योजना ही खतरनाक और मूर्खता से भरी नजर आती है। मुझे सफलता की कोई उम्मीद नजर नहीं आती।’
‘मुझे आती है।’
‘तुम्हें विश्वास है?’
‘हां, यह मामला साहस और हिम्मत का है। मेरी समझ में नहीं आता कि तुम क्यों परेशान हो? सारी जिम्मेदारी मेरी है। मैं रातों को जागकर सारी योजना बनाऊंगा। तुम्हें सिर्फ वही करना है, जो मैं कहूं।’
‘तुम्हारा मतलब क्या है?’ क्या तुम समझते हो कि उस बूढ़े काईल की रखैल बनकर रहना मुझे सुख देता है?’ ईव न गुस्से से कहा।
‘ईव!’ गिलिस बोला-‘छोटी-छोटी बातों को भूल जाना ही अच्छा रहता है। अपने को बड़े कामों के लिए तैयार करो। यह चालीस लाख का मामला है। इतने पैसों के लिए कोई भी लड़की काईल के साथ सो सकती है- उसकी रखैल बन सकती है।’
‘मैं नहीं मानती।’
‘क्यों?’
‘क्या हमने कभी पैसा देखा ही नहीं है? मुझे यकीन है कि यह चालीस लाख मात्र एक सपना है। यह कभी हमारे पास नहीं आयेगा।’
‘डोंट बी सिली।’
‘मैं ठीक कहती हूं। तुम सिर्फ सपना देख रहे हो।’
‘हर छोटा आदमी बड़ा बनने के सपने देखता है। क्या मैं मूर्ख हूं?’
‘यह मैंने कब कहा?’
गिलिस ने कुढ़कर कहा, ‘ठीक है। अगर तुम्हारा यही सलूक है तो ठीक है, फिर एक साथ काम करने में क्या रखा है, दुनिया में क्या लड़कियों की कमी है? बहुत सी लड़कियां मेरी मदद करने को तैयार हो जाएंगी। अब तुम चाहो तो काईल से कह दो।’
‘क्या?’
‘कि तुम उसके साथ नहीं रहना चाहती।’
अचानक ईव के सारे शरीर में झुरझुरी सी व्याप्त हो गई। वह जल्दी से बोली, ‘अरे, तुम तो नाराज हो गये।’
‘तुम बात ही ऐसी करती हो?’
‘सॉरी।’
‘देखो मैं फिर कहे देता हूं, अगर तुम साथ नहीं देना चाहती हो तो अभी से इंकार करके पीछे हट जाओ।’
‘एक बात बताओ?’
‘क्या है?’
‘अगर मैं फोलीज थियेटर वापस चली जाऊं तो क्या तुम मेरे साथ जाओगे?’
‘....।’
‘बोलो, क्या मेरे साथ रहोगे?’
गिलिस ने गुस्से से कहा- ‘अगर तुम वापस फोलीज थियेटर गई तो मैं जिन्दगी भर तुम्हारी शक्ल नहीं देखूंगा।’
‘क्या?’
‘मैं सच कहता हूं। तुम अगर मुझे बीच में छोड़कर चली गई तो मैं जिन्दगी भर तुम्हारी शक्ल नहीं देखूंगा।’
उसने देखा कि ईव की आंखों में भय उभर आया था। एक लम्बे अनुभव ने उसे सिखा दिया था कि ईव से झगड़ा करके, धमकी देकर, झूठ का नाटक रचकर वह उसे दबा सकता है। दोनों में एक गहरा रिश्ता था, जो मां के पेट से चला आ रहा था। कहने को दोनों सगे भाई-बहन थे, मगर जिन्दगी दोस्तों की तरह जीते थे।
‘प्लीज एडम! ऐसी बातें मत करो।’
‘क्यों न करूं? तुम्हारा रवैया ही ऐसा है?’
‘अच्छा, मैं वायदा करती हूं अब पूरे मन से तुम्हारा साथ दूंगी। जो कुछ मैंने कहा है, उसे तुम भूल जाओ। मैं आज रात कुछ निराश सी हूं।’
अबकी बार गिलिस हमदर्दी से बोला, ‘मैं तुम्हारी परेशानी को समझता हूं। बस, एक महीने की तो बात है। उसके बाद तुम्हें परेशानी नहीं होगी, तब तुम काईल को ठोकर मारकर वापस आ सकती हो।’
ईव ने अपनी पराजय स्वीकारते हुए कहा- ‘तुम जैसा चाहो करो, मैं तुम्हारे साथ हूं।’
गिलिस उत्साह से बोला- ‘सब काम ठीक से हो रहा है। वह दिन दूर नहीं, जब हमारे पास लाखों होंगे। कल्पना करो, तब हमारी स्थिति क्या होगी? मैं तुम्हारे लिए ढेर सारी चीजें खरीदकर लाया करूँगा।’
ईव जानती थी कि जब से उसने होश संभाला था गिलिस यों ही उसे धोखा देता आया था। वह जानती-बूझती भी धोखा खा जाती थी। वह जो कहता, थोड़े बहुत तर्क और झगड़े के बाद ईव उसे मना लेती थी। वह चाहकर भी उसके मोहपाश से मुक्त नहीं हो सकती थी।
गिलिस ने उसका हाथ अपने हाथ में लेकर पूछा, ‘तुमने काईल से बात की?’
‘हां।’
‘उसकी प्रतिक्रिया क्या थी?’
‘काफी अच्छी।’
‘मतलब ?’
‘उसने योजना में बड़ा उत्साह दिखाया।’
तभी ईव ने देखा कि गिलिस ने पुराना सूट पहना हुआ है। उसने स्नेह से पूछा- ‘तुमने नया सूट खरीदा था। उसे क्यों नहीं पहना?’
‘मैं आने की जल्दी में था, सो बदल नहीं सका।’
ईव तुरन्त समझ गई कि गिलिस झूठ बोल रहा है। उसने जो रुपये सूूट खरीदने के लिए दिये थे, गिलिस ने सूट पर खर्च नहीं किए थे। पुराने अनुभव के आधार पर वह समझ गई कि गिलिस ने वे रुपये जरूर किसी औरत पर खर्च कर दिए होंगे।’
गिलिस ने बात पलटकर कहा- ‘तुम सूट का चक्कर छोड़ो। क्या काईल रिको से बात करेगा, आज ही?’
‘हां, मैंने उससे कह दिया था कि इस बारे में रिको से जरूर मशवरा करे। तुम यही तो चाहते थे।
‘हां, रिको बेयर्ड को जानता है। इस योजना को अगर कोई सफल बना सकता है तो वही एक आदमी है। मैं उसके अमल को कई हफ्तों से देख रहा हूं। कमाल का आदमी है। जिस बात को करने की सोच लेता है, करके रहता है। काश! यही बात मैं रिको को बता सकता। पता नहीं काईल उसे सब कुछ बता भी पायेगा या नहीं।
काईल तो उससे सिर्फ यह पूछेगा कि क्या वह बेयर्ड को जानता है। बाकी बातें बाद में होंगी।’
‘काईल को जब तुमने सुनहरी बाग दिखाया तो क्या उसने कुछ कहा था?’
‘मतलब ?’
‘तुम्हारा क्या हिस्सा होगा, अगर योजना सफल रही।’ ईव हंस पड़ी।
‘यह बात उसके दिमाग में आ ही नहीं सकती थी। वह सारे रुपयों को खुद ही हड़प करना चाहता है।’
गिलिस ने दांत पीसते हुए कहा- ‘घबराओ नहीं, वक्त आने पर उसका सारा नशा उतर जाएगा।’
‘ऐसी बात है?’
‘हां खैर, अब तुम वापस जाओ। कभी काईल को मेरे बारे में कुछ बताने की जरूरत नहीं है। मैं रात को तुम्हें मिलूंगा।’
‘कितने बजे?
‘साढ़े बारह।’
‘आना जरूर।’
‘अगर वह वहां हुआ?’
‘वह वहां नहीं होगा। वह कल कहीं डिनर पर जाएगा। क्या तुम थोड़ा जल्दी नहीं आ सकते ?’
‘क्यों?’
‘मैं आठ बजे के बाद अकेली होऊंगी।’
‘कह नहीं सकता, फिर भी जल्दी आने की कोशिश करूँगा।’
‘कितनी जल्दी।’
‘नौ बजे तक।’
ईव समझ गई कि गिलिस झूठ बोल रहा है। जब वह झूठ बोलता था तो साफ पता चल जाता था। उसके झूठ में एक गंध थी जिसे सूंघकर वह तुरन्त गिलिस को पकड़ लेती थी। वह चाहकर भी उसे अपने साथ धोखा-फरेब करने से रोक नहीं सकी थी, शायद वह उसकी आदत का एक हिस्सा बन चुका था।
‘अच्छा।’ ईव ने धीमे से मुस्कराकर कहा- ‘अगर नौ बजे न आओ तो साढ़े बारह बजे जरूर आना समझे?’
देख लेना, मैं ठीक नौ बजे पहुंच जाऊंगा।’
मगर वह भी समझता था कि अगर वह जल्दी चला गया तो ईव बिना वजह बातें करके उकताहट पैदा करेगी। इस वक्त वह कोई झंझट नहीं खड़ा करना चाहता था, इसलिए उसने स्वीकृति में सिर हिला दिया।
वह जाने के लिए उठा।
उसने दरवाजा खोल दिया।
‘ओह, ईव ...।’
वह समझ गई कि गिलिस अब कोई-न-कोई बहाना बनाकर उससे पैसे मांगेगा। यह उसकी पुरानी आदत थी। इससे पहले कि वह कुछ कहता, ईव ने पूछा- ‘कितने चाहिए?’
‘तुम्हें तकलीफ दे रहा हूं। अगले महीने तुम्हारे सारे रुपये वापस कर दूंगा। मैंने एक-एक पैसा अपनी नोटबुक में लिखा हुआ है।’
‘तुम्हें कितने चाहिए?’
‘मैंने तीन सौ एक आदमी से उधार ले रखे हैं, आज उसे वापस करने होंगे।
‘तुम ...।’
‘क्या तुम्हारे पास पांच सौ होंगे।’
ईव ने अपना पर्स खोलकर नोट गिने और बोली मेरे पास तो इस वक्त सिर्फ चार सौ हैं।’
‘काम चल जाएगा। मैं कल नौ बजे आऊंगा।’ फिर एक पल रुककर बोला- ‘तुम काईल से दो-चार हजार एक साथ हथिया लो। मेरे सारे महीने की परेशानी दूर हो जाएगी। तुम उसके पास रहती हो। क्या वह इतना भी तुम्हारे लिए नहीं कर सकता?’
‘अब मैं ज्यादा गिरने के लिए तैयार नहीं हूं। जो मिलता है, मैं तुम्हें दे देती हूं।’
‘मैं गिरने की बात नहीं करता। तुम आने निजी खर्चे के लिए तो उससे पैसे मांग सकती हो।’
‘क्या तुम्हें मालूम नहीं कि वह खुद की दिवालिया हो चुका है। यह बात तुम्हीं ने बताई थी कि उसने लोगों का हजारों रुपया कर्ज देना है।’
‘मगर काईल जैसे असरी-रसूख वाले आदमी के लिए वक्त पड़ने पर रुपया इकट्ठा करना मुश्किल नहीं है। लोग अब भी उसका विश्वास करते हैं, इसीलिए मैंने उसे चुना है। क्या उसने राजा से रुपया नहीं ऐंठ लिया है? उसकी शक्लो-सूरत को देखकर कोई मना नहीं कर सकता।’
ईव चुप रही।
उसने चार सौ रुपये उसके हवाले कर दिए। वह बोली, ‘तुम इसमें गुजर करो। मैं जल्दी ही उसे पैसों के लिए नहीं कह पाऊंगी। मैं खुद नहीं जानती कि अब क्या करूंगी। मेरी जेब भी तो खाली हो गई है।’
उसने ईव की कलाई पर बंधी सोने की चेन को छुआ तथा बोला- ‘मैं एक गिरवीघर को जानता हूं। कुछ चीजें वहां गिरवी रख देते हैं। पैसा आते ही वापस छुड़ा लेंगे।’
‘मैं तुम्हें सोचकर बताऊंगी।’ उसके स्वर में यातना का भाव था। वह दर्द भरे स्वर में बोली- ‘तुम्हें नहीं मालूम कि यह मम्मी की आखिरी निशानी है?’
‘इस हालत में अगर मैं मम्मी से कहता तो वह भी इंकार न करती। खैर, मैं चलता हूं।’
‘गुड नाइट, एडम।’
‘मैं कल रात को तुम्हें मिलूंगा। जो भी आलतू-फालतू चीजें हों, उन्हें इकट्ठा कर लेना। जैसे फर का बना वो कोट, जो उसने तुम्हें दिया...।’
ईव ने दोबारा अपना वाक्य दोहराया, ‘गुड नाइट, एडम।’
दोनों बाहर निकलकर आमने-सामने खड़े हो गए। गिलिस ने आंखें झुका रखी थीं। उसने स्नेह से ईव के गाल को चूमा।
ईव बोली, ‘जल्दी आने की कोशिश करना। मुझे तुमसे बातें करनी हैं।’
‘नौ बजे आऊंगा।’
ईव को वह क्लब की तरफ जाते देखता रहा। उसकी जेब में चार सौ रुपये थे। आज की रात उसके लिए रंगीन बन चुकी थी। उसकी कल्पना में लुइस का सुन्दर चेहरा उभरा। पिछली बार जब वह लुइस से मिला था तो उसने रात गुजारने के चार सौ मांगे थे।
उसने सोचा, अगर आज लुइस दो सौ में मान जाये तो वह उसे अपने कमरे में ले जाएगा। लुइस शराब पीने के बाद जो नाच करती थी, वह बड़ा ही मनमोहक होता था।
ईव क्लब में दाखिल होकर नजरों से गायब हो चुकी थी। यह भी अजीब लड़की है। वह उससे एक भाई का नहीं, बल्कि ऐसा व्यवहार करती थी, जैसे कोई प्रेमिका अपने प्रेमी को चाहती हो।
थोड़ी देर बाद गिलिस वहां से चला गया। उसके जाते ही डैलेस भी अपनी जगह से निकलकर बाहर आ गया। रात काफी भीग चुकी थी और क्लब में लोगों को आना-जाना जारी था।
कुछ पल तक वह खड़ा रहा और सोचता रहा कि उसका आज वहां आना काफी लाभदायक साबित हुआ था। उसने कुछ पैसे खर्च किये थे, मगर उसका फल भी निकट भविष्य में मिलने वाला था।
वह एक तरफ को चल दिया।
* * *
हरमन का बंगला बुलवर्ड में बना था। लॉन में सुन्दर आंखों को लुभाने वाले फूल लगे थे। इस वक्त वहां गहरी खामोशी थी।
रात का वक्त था।
ऊपर के कमरे में रोशनी थी। उसमें से हल्के संगीत का स्वर फूटकर बाहर आ रहा था। फिजां में संगीत रच-बस गया था।
अचानक एक कार बंगले के सामने आकर रुकी। उसमें से डैलेस उतरा। उसने कार का दरवाजा बंद किया और गेट की तरफ बढ़ गया। उसने फाटक खोला और सीधा अंदर चला गया। रात खामोशी और कुछ गर्म थी। चारों तरफ फूलों की खुशबू थी।
उसने कॉलबैल का बटन दबाया।
हरमन ने दरवाजा खोला। उसने गाउन पहना हुआ था। उसने डैलेस को तीखी नजर से घूरकर कहा- ‘तुमने बहुत देर कर दी। मैं सोने जा रहा था।
‘आप खुशकिस्मत हैं कि आपको सोने का समय तो मिल जाता है।’
कहकर वह अंदर दाखिल हो गया। बड़ा कमरा पुस्तकों से भरा पड़ा था। हरमन ने शादी नहीं की थी। घर का काम करने के लिए उसने एक नौकर रखा हुआ था। डैलेस ने कहा, ‘हमें तो आराम का एक पल भी नसीब नहीं है।’
हरमन ने उसकी बात की तरफ ध्यान न देकर कहा- ‘रेेडियोग्राम सुनो। कितना अच्छा संगीत है।’
‘मुझे इस वक्त संगीत के बजाय व्हिस्की के एक पैग की सख्त जरूरत है।’
‘घर में तो एक बूंद भी नहीं है। तुम जानते हो कि मैं तो शराब को छूता भी नहीं हूं। यह अक्ल को भ्रष्ट करती है और जिगर को तबाह।’
डैलेस ने एक लम्बी सांस ली। उसने एक सिगरेट जलाया। हरमन ने उसे घूरा और पूछा।
‘तुम आज फरु-फरु क्लब गये थे?’
‘वहीं से आ रहा हूं।’
‘क्या देखा? तुम्हारी रिपोर्ट?
‘काईल ने चोरी के हीरों को हासिल करने के लिए कमर कस ली है।’
‘यह राय तुम्हारी कैसे बनी?’
‘आज रात को काईल क्लब में रिको से मिला और उसके बाद....।’
‘शुरू से सविस्तार सुनाओ।’
डैलेस ने उत्साह में भरकर उसे सब बताया- ‘गिलिस की भेंट, काईल और ईव का आना, दोनों बहन-भाई की बातें। सुनकर हरमन का चेहरा खुशी से खिल उठा।
‘बहुत खूब!’ हरमन बोला।
‘इसे कहते हैं सुनहरी मौका।’
‘हां, अब खुद चिड़िया जाल की तरफ बढ़ रही है। अब बच नहीं सकती।’
‘जाल हमने फैला दिया है, बचना अब चिड़िया का काम है।’
‘क्या बात है? जो काम मैं पन्द्रह वर्षों में न कर सका, वह अचानक हो गया। जो गुत्थी मैं आज तक न सुलझा सका, उसका हल घर बैठे मिल गया।’
‘अब आपका क्या ख्याल है?’
‘राजा बीमा कम्पनी वालों को धोखा देना चाहता है, काईला राजा को उल्लू बनाकर सारे हीरे ले उड़ना चाहता है और गिलिस इन सबकी आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करेगा।’
‘मतलब?’
‘बदमाश लड़ेंगे और शरीफ आदमियों की चांदी होगी। मतलब यह यह कि हम जीतेंगे।
कुछ पल रुककर वह बोला, ‘सारी योजना गिलिस की है। काईल को वह मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है, मगर काईल कैसे हीरो को हासिल करेगा? क्या उसे मालूम है कि हीरे कहां है?’
‘मैं क्या जानूं? उसको कुछ तो पता होगा, वरना वह राजा से क्यों मिलता?’
‘एक बात बताओ।
‘पूछो।’
‘यह बेयर्ड कौन है? काईल उससे क्यों मिलना चाहता है?’
‘जीन ब्रूस का हत्यारा। एक नम्बर का बदमाश और खतरनाक आदमी है।’
‘क्या वह वही बेयर्ड है जिसकी जॉर्ज ओलिन को तलाश है?’
हरमन ने स्वीकृति में सिर हिलाया।
‘जॉर्ज के कहने के मुताबिक तो बेयर्ड बेहद चालाक और खतरनाक आदमी है। मैं जॉर्ज से आती बार मिला था। उसका आज रात को एक ड्रग स्टोर के पास बेयर्ड से भयंकर टकराव हुआ। सुना जाता है कि उसे गोली भी लगी, मगर वह बच निकला।’
‘बच निकला?’ हरमन ने चकित होकर पूछा।
‘पुलिस ने सारे इलाके को घेर लिया है। वह हर एक घर की तलाशी ले रही है, मगर अभी तक बेयर्ड का कुछ पता नहीं चला। न जाने गोली लगते ही कहां चला गया। जमीन खा गई या आसमान निगल गया। कुछ पता नहीं चला।’
‘क्या वह सचमुच बेयर्ड ही था?’
‘जॉर्ज का तो यही कहना है।’
‘क्या किसी ने उसे देखा था?’
‘जिस सिपाही ने उसे गोली मारी थी, उसका तो शक बेयर्ड पर ही जाता है, उसकी शक्ल उससे मिलती-जुलती थी। जॉर्ज का कहना है कि वह बेयर्ड ही था। जब उसने देखा कि सेल्जगर्ल ने उसको देख लिया है तो शिनाख्त के डर से उसे भी मार डाला। सिपाही पर गोली चलाई। ऐसी हिम्मत का काम सिर्फ बेयर्ड ही कर सकता है। मैं इस बारे में खुद भी जॉर्ज से सहमत हूं। इतना संगदिल बेयर्ड के अलावा और कौन हो सकता है?’
‘हूं, अगर वह वाकई बेयर्ड है तो उसकी गिरफ्तारी से गिलिस की सारी योजना खाक में मिल जाएगी।’
हरमन चुप रहा। वह सोच में डूबा था। एक हाथ से उसने अपना चेहरा छिपा रखा था। एक लम्बी खामोशी के बाद वह बोला। ‘मेरे पास जो आदमी है, उसे मैं इस केस में लगाने जा रहा हूं। वक्ती तौर पर हमें राजा का ख्याल ज्यादा नहीं करना है। अब इस नाटक के मुख्य पात्र काईल, ईव, गिलिस, रिको और बेयर्ड होंगे।
‘मतलब?’
‘यही लोग हैं, जो हमें हीरों तक ले जाएंगे।’
‘इनमें सबसे महत्वपूर्ण कौन है?’
‘जिसको भी समझो, उसी पर नजर रखो। आज से यही तुम्हारी जिम्मेदारी है।’
‘मेरी नजर में तो गिलिस है।’
‘मैं तुमसे सहमत हूं। उस पर नजर रखो और उसे अपना दोस्त बनाओ।’
‘हूं।’
‘उसको नजर से ओझल मत होने दो। अगर हो सके तो उसका विश्वासपात्र बनने की कोशिश करो।’
‘गिलिस बड़ा तेज-तर्रार है। पैसे के मामले में एक जोक है, जिस तरह उसने अपनी बहन से बात की, उससे तो मुझे उसके नाम से ही घिन आने लगी है। खैर, देखेंगे उसे भी।’
हरमन ने पूछा, ‘रिको पर नजर रखने के लिए किसको नियुक्त किया जाए? बर्नज तो काईल पर नजर रखेगा। ऐंसवर्थ को बेयर्ड के पीछे लगा देते हैं, मगर रिको का क्या करें?’
‘क्लब में एक लड़की है। उसका नाम जूई नरैटन है। न जाने किस कारण से वह मेरे प्रति आकर्षित है। मेरा ख्याल है कि मैं उसे राजी कर सकता हूं कि वह हमारे लिए काम करे। उससे अच्छी तो मुझे कोई नजर नहीं आती, जो रिको पर नजर रख सकें। इस मौके पर हमें एक ऐसे ही व्यक्ति की जरूरत है, जो रिको के नजदीक हो और उसके भेद हम तक पहुंचाता रहे। क्या ख्याल है आपका?’
‘तुम ठीक कहते हो।’ उसने फिर पूछा।’ ‘मगर तुम उसे मनोआगे कैसे?’
‘अपनी बात करने की कला और आपका पैसा... दोनों से उसको कब्जे में लाऊगा।’
‘मेरा पैसा ?’
‘मुश्किल से तीन-चार हजार की बात है। मैं उसको शीशे में उतार लूंगा।’
‘अगर इतना ही गरुर है तो अपनी कला का ज्यादा इस्तेमाल करो और मेरे पैसे का कम। रुपया लुटाने के लिए मेरे पास नहीं है।’
‘तीन हजार से कम में बात नहीं बनेगी।’
‘ओ० के०, तुम उससे बात कर सकते हो। कम-से-कम पैसे पर सौदा करना।
डैलेस ने स्वीकृति में सिर हिलाया और बोला, ‘मैं पूरी कोशिश करूँगा।
वह जाने लगा तो हरमन बोला, ‘हमें अब थोड़ा सतर्कता से काम लेना चाहिए। जो भी रहस्य हाथ लगे, उसे अपने आदमियों तक ही सीमित रखो। पुलिस विभाग को मत बताओ। यों पुलिस से सहयोग हमारे गुप्तचर को करना चाहिए, मगर इस मामले में थोड़ी चालाकी की जरूरत है।’
‘मतलब?’
‘अगर तुम बेयर्ड को कहीं देखो तो जॉर्ज को सूचित मत करना। अगर वह जेल की कोठरी में बंद हो गया तो हमको हीरो तक कौन ले जाएगा?’
‘बात तो आपकी ठीक है।’
‘हमें जो लाखों मिलेगा, उसका कुछ भाग मैं स्टाफ में बांट दूंगा।’
‘हूं।’
‘पचास हजार सबसे पहले मैं उसे दूंगा, जो सबसे पहले मुझे यह आकर बताएगा कि हीरे कहां छिपे हैं।’
‘बहुत खूब! इससे काम करने का उत्साह लोगों में बढ़ेगा, यह आपने ठीक फैसला किया है। अब हर आदमी कुछ अपनी हिम्मत और अक्ल से बढ़कर ही काम करने का प्रयास करेगा।’
कहकर डैलेस उठ खड़ा हुआ और जाते हुए बोला-
‘गुड नाइट।’
‘गुड नाइट।’
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