जैसे ही मैंने सामने का दरवाजा बन्द करने के बाद हॉल में कदम रखे, नीना लाऊंज से बाहर निकली । वह जर्द पड़ी हुई और बेचैन दिखाई दे रही थी । वह मुझ तक दौड़ कर आई और मुझे चूम लिया । मैंने उसे अपने बाँहों में समेटते हुए उसे अपने पास कसकर थाम लिया ।

“हैरी!” वह फुसफुसाते हुए बोली । “वे लोग आज दोपहर को यहाँ पर आए थे, जब मैं बाहर थी, उन्होंने इस जगह की तलाशी ली है ।”

मेरी पकड़ उसके इर्द-गिर्द और ज्यादा सख्त हो गयी । मैंने उसे और कसकर पकड़ लिया ।

“तुम यह कैसे कह सकती हो ?”

“अपनी आवाज नीची रखो । क्या तुम्हें नहीं लगता कि उन्होंने कहीं पर माइक्रोफोन छुपा दिया होगा ?”

मैंने इस बात की संभावना पर गौर नहीं किया था । मुझे तुरंत खतरे का एहसास हुआ ।

“अगर यह कहीं छुपा हुआ तो लाउंज में ही होगा ।”

“मैंने सब जगह देख लिया है । मैं उसे ढूंढ नहीं सकी ।”

“तुम यहाँ पर मेरा इंतजार करो ।”

मैं लाऊंज में गया और रेडियो के पास जाकर उसे ऑन कर दिया और उसके वॉल्यूम को काफी बढ़ा दिया । एक सेकेंड में ही कमरा जैज़ संगीत के शोर की आवाज से भर गया ।

मैं खिड़की के पास गया और बाहर की तरफ देखा । बाहर पुलिस की कार का कोई नामोनिशान नहीं था लेकिन मुझे यकीन था वे लोग वहीं कहीं थे, पर निगाहों से दूर । लेकिन वे लोग यहाँ से मेरे सामने वाले गेट पर अपनी नजर रख सकते थे । फिर मैं किचन में गया और खिड़की से बाहर झाँका । सामने बगीचे से होती हुई एक गली निकल रही थी । दो लाइन-मैन किचन के दरवाजे के बिल्कुल सामने काम कर रहे थे । उनमें से एक टेलीफोन के पोल पर चढ़ा हुआ था और दूसरा नीचे खड़ा था । उन दोनों में से कोई भी अपने काम में व्यस्त नहीं था ।

मैंने माइक्रोफोन के लिये बड़ी बारीकी से छानबीन की, जबकि नीना ने लाऊंज के दरवाजे से बाहर की तरफ निगाह रखी । आखिरकार यह मुझे रेडियेटर में छुपा हुआ मिला । अगर मुझे पुलिस वालों के हथकण्डो का पहले से अनुमान नहीं होता तो मुझे यह कभी भी नहीं मिलता ।

मैंने रेडियो को उठाकर रेडियेटर से कुछ फीट की दूरी पर रख दिया और माइक्रोफोन में जैज़ संगीत का शोर गूंजने लगा ।

“वे अब हमें नहीं सुन पाएंगे ।” मैंने कहा । “तुम्हें इस बात का पता कैसे चला कि वे लोग यहाँ पर आए थे ?”

“मुझे नहीं पता लेकिन ऐसा मुझे महसूस हुआ ।” वह मेरी तरफ सहमी हुई निगाहों से देखती हुई अचानक बैठ गई । “जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, मुझे एहसास हुआ कि यहाँ पर कोई आया था । जब मैंने अलमारी में देखा तो मेरे कपड़े अस्त-व्यस्त थे ।” वह जोर से कांपी । “इस बात का क्या मतलब हुआ, हैरी ?”

“इसका मतलब यह है कि वे लोग अब मेरे पीछे लगे हुए हैं । वे अब बाहर से मुझ पर नजर रख रहे हैं ।”

अचानक मुझे एक विचार आया । मैं तुरंत बेडरूम में गया और अलमारी का दरवाजा खोला और अपने कपड़ों को चेक किया ।

मेरा भूरे रंग का स्पोर्ट्स सूट गायब था ।

मैं कुछ देर चिंता में डूबा हुआ उस खाली जगह को घूरता रहा, जहाँ पर मैंने उसे टांगा था, फिर मैं वापस लाउंज में पहुँचा ।

“वे लोग मेरे भूरे रंग के स्पोर्ट्स सूट के पीछे पड़े थे और वे इसे ले गए हैं ।” मैंने कहा ।

नीना अपनी रूलाई रोकने की कोशिश कर रही थी । उसे इस हालत में देखकर मेरा दिल जैसे निचुड़ सा गया ।

“अब तुम क्या करोगे, हैरी ? ओह, हैरी! मैं तुम्हें दोबारा खो देने के दुख को सह नहीं पाऊंगी । वे लोग तुम्हारे साथ क्या सलूक करेंगे ?”

मुझे पता था, वे लोग मेरे साथ क्या करेंगे । वे लोग मुझे गैस चैम्बर में मरने के लिये डाल देंगे लेकिन मैंने उसे यह नहीं बताया ।

“तुमने उसे टेप को क्यों ले जाने दिया ?” वह आवेश में बोलती गई । “जबकि मैं...”

“अब बस भी करो! यह मेरी गलती है । वह झूठ नहीं बोल रहा था । मुझे वे उसे देनी पड़ी ।”

वह बेबसी में अपनी मुट्ठियां अपने घुटनों पर पटकने लगी ।

“लेकिन अब हम क्या करने जा रहे हैं ?”

“मुझे नहीं पता! इस मुसीबत से निकलने का कोई रास्ता तो जरूर होगा । मैं वही सोचने की कोशिश कर रहा हूँ ।”

“तुम्हें जॉन को पूरी कहानी बता देनी चाहिए । वह हमारी सहायता करेगा । मुझे पूरा विश्वास है कि वह जरूर करेगा ।”

“वह अब मेरे लिये कुछ नहीं कर सकता । मेरे पास कोई सबूत नहीं है । मेरे लिये सिर्फ एक ही आशा की किरण है कि ओ’रीली अपना गुनाह कबूल कर ले, लेकिन मैं यह करूंगा कैसे ?”

“फिरौती की रकम का क्या हुआ, हैरी ?”

मैंने उसकी तरफ ध्यान से देखा । अचानक एक खुशी की लहर मेरे अंदर दौड़ गई । मुझे याद आया कि ओ’रीली ने क्या कहा था : ‘फिरौती की रकम ढूंढ लो तो तुम्हें कातिल मिल जाएगा ।’

“क्या बात है, हैरी ? क्या तुम्हारे मन में कुछ नया विचार आया है ?”

“पैसा! कहाँ है वह रकम ?” मैं उठ खड़ा हुआ और इधर-उधर घूमने लगा । “पाँच लाख डॉलर के छोटे-छोटे नोट इतनी आसानी से छुपाए नहीं जा सकते । उन्होंने इस रकम को कहाँ पर छुपाया है ? बैंक में तो हरगिज नहीं, यह तो पक्का है! घर में ? क्या वे इस बात का खतरा उठाने का साहस कर सकते है ? वे इतना तो जरूर जानते हैं कि जैसे ही मैं गिरफ्तार हो जाऊंगा, मैं उन्हें भी इस मामले में लपेटने की कोशिश करूंगा और रेनिक उस घर की तलाशी लेगा । मैं नहीं मानता कि वे लोग इसे घर में छिपाने का खतरा मोल उठाएंगे, फिर कहाँ ?”

“कोई सेफ डिपोजिट ?”

“यह भी खतरे से खाली नहीं होगा । इसके लिये उन्हें एक खाता खोलना पड़ेगा और चाबियों के लिये दस्तखत करने पड़ेंगे । सबसे संभावित जगह है, कोई लगेज रूम, या तो एयरपोर्ट पर या बस स्टेशन या रेलवे रोड स्टेशन पर । ऐसी किसी जगह पर सूटकेस लेकर जाना ओ’रीली के लिये आसान भी है और सुरक्षित भी । वहाँ पर कोई उसे पहचानेगा भी नहीं, वह किसी भी इमरजेंसी में, बिना खुद की पहचान करवाए, वहाँ से आसानी से पैसा निकाल सकता है ।”

“तुम्हें जॉन को अवश्य बताना चाहिए ।”

“इससे मुझे कोई मदद नहीं मिलेगी । ओ’रीली सूटकेस बरामद करता हुआ पकड़ा जाना चाहिए । वह रंगे हाथ पकड़ा जाए, तभी मेरा कुछ भला होगा ।”

नीना के हाव-भाव से बेबसी झलकने लगी ।

“लेकिन वह कभी भी अपने आप को रंगे हाथों पकड़े जाने का मौका नहीं देगा ।”

“यह बात तो सही है । अगर...” मैं कुछ देर रुका और बोलने लगा, “...अगर मैं उसे अपनी किसी चाल से फँसा सकूँ ।”

“लेकिन कैसे ? उस जैसा आदमी...”

“मुझे इस बारे में सोचने दो । चलो, खाना खाते हैं । जब तक तुम इसकी तैयारी करो, मैं इस बारे में सोचता हूँ । मैं रेडियो बन्द करना चाहता हूँ । यह शोर मुझे पागल किए दे रहा है ।”

“मैं बहुत डर गई हूँ । अगर वे तुम्हें ले गए...”

“अभी तक यह नहीं हुआ है । डार्लिंग, अपने आप को संभालो, मैं तुम्हारी ही वजह से हौसले में हूँ ।”

“हाँ, बिल्कुल!” वह खड़ी हो गई । “आई एम सॉरी, हैरी ।”

मैंने उसे प्यार से एक बार फिर चूम लिया ।

“आओ, खाना खाते हैं ।” मैंने कहा और रेडियो के पास जाकर उसे बंद कर दिया ।

जब वह किचन में चली गई तो मैं वहीं पर बैठ गया और मैंने अपनी सारी दिमागी ताकत इस समस्या को सोचने में लगा दी लेकिन जब हम चुपचाप अपना खाना खा रहे थे, तभी एक विचार अचानक मेरे दिमाग में कौंधा ।

नीना, जो मुझे बड़ी आशा भरी नजरों से देखे जा रही थी, ने मेरे भावों को अचानक बदलते देखा तो वह समझ गई कि मुझे कोई रास्ता मिल गया है ।

उसने बोलना शुरू किया लेकिन माइक्रोफोन का ध्यान आते ही वह रुक गई । मैंने दोबारा से ऊँची आवाज में रेडियो चला दिया ।

“मेरे ख्याल से मुझे रास्ता मिल गया है ।” मैंने कहा । “एक ही रास्ता है जिस पर काम हो सकता है । मुझे उसे अपने जाल में फँसाना होगा । मेरे ख्याल से मेरे पास एक आइडिया है कि मैं यह काम कैसे अंजाम दे सकता हूँ, लेकिन सब कुछ इस बात पर निर्भर है कि पैसा किसी लगेज स्टेशन में या किसी सेफ डिपोजिट में छोड़ा गया है या नहीं । अगर यह घर में है तो मैं फँस गया लेकिन मैं यह विश्वास नहीं कर सकता कि वह पैसा घर में छिपाया गया है ।”

“तुम क्या करने की योजना बना रहे हो, हैरी ?”

“मुझे कुछ मोहलत दो ।”

मैं अपनी मेज के पास गया और कागज की एक शीट निकाली और उस पर कुछ इस तरह से लिखा :

न्यूज फ्लैश

हम इस प्रोग्राम को मारलौक्स अपहरण कांड के मामले में आपको ताजा जानकारी देने के लिये रोक रहे हैं 

पाम सिटी की पुलिस को यह विश्वास है कि फिरौती की रकम को किसी सेफ-डिपॉजिट या किसी लगेज रूम में छिपाया गया है राज्य के गवर्नर से एक विशेष सर्च वारंट ले लिया गया है और कल सुबह नौ बजे से जासूसों की एक टीम सभी लगेज स्टेशनों पर और सभी नए खोले गए सेफ डिपॉजिट में रखे गए पार्सलों और सामान की तलाशी शुरू करने जा रही है 

जिस किसी ने भी इस महीने की शुरुआत से सेफ किराये पर ली है तो सेफ की चाबियों के साथ नजदीकी पुलिस स्टेशन पर संपर्क करे 

यह तलाशी पाम सिटी के सौ मील के दायरे में होगी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी मिडोज को विश्वास है कि इस सघन तलाशी अभियान की बदौलत फिरौती की रकम बरामद कर ली जाएगी 

मैंने कागज की शीट नीना को दी । उसने इसे पढ़ा और असमंजस में मेरी तरफ देखा ।

“मैं समझी नहीं, हैरी!”

“स्थानीय टीवी और रेडियो स्टेशन पर इस किडनैपिंग से संबन्धित खबरें भेजना मेरा काम है । वे इसे बिना किसी सवाल के प्रसारित कर देंगे । मैं उम्मीद कर रहा हूँ कि जब ओ’रीली यह सब सुनेगा तो वह कोई न कोई गलती जरूर करेगा । वह खुद ही मुझे उस जगह तक पहुँचा सकता है जहाँ पर उसने पैसा छुपाया है ।”

“लेकिन तुम्हें यह कैसे पता कि वह यह सब सुनेगा या नहीं ।”

“वह सब सुनेगा, ठीक है । मैं उसे यह सब सुनने के लिये मजबूर करूँगा ।” मैं टेलीफोन के पास गया, फिर कुछ सोच कर रुक गया । “वे लोग शायद टेलीफोन लाइन को टेप कर रहे हों । मुझे बाहर से फोन करना पड़ेगा । अगर यह बात मिडोज तक पहुँच गई तो वह इसे रोक देगा ।” मैंने दरवाजे की तरफ देखा । “ मैं गली के नुक्कड़ पर खुले ड्रग-स्टोर में जा रहा हूँ । मैं जल्दी वापस आऊँगा ।”

“क्या मैं तुम्हारे साथ चलूँ, हैरी ?”

“अच्छा होगा कि न चलो । तुम यहीं पर मेरा इंतजार करो ।”

तब तक अंधेरा हो चुका था । मैं घर से निकला और घर की कच्ची पगडंडी पर चलता हुआ गेट तक पहुँचा । जैसे ही मैंने गेट खोला, मैंने दायें-बायें देखा । पुलिस की कार सड़क पर पचास गज की दूरी पर खड़ी थी । ड्रग स्टोर उससे दूसरी दिशा में था । मुझे कार के पास से निकल कर नहीं जाना था । मैं सामान्य गति से चलता हुआ दूसरी तरफ बढ़ गया । मैंने कार स्टार्ट होने की आवाज सुनी । मैं जानता था कि कार मेरा पीछा करते हुए रेंग रही है लेकिन मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा । मुझे डर था कि कहीं वे लोग मुझे मेरी योजना को सिरे चढ़ाने से पहले ही गिरफ्तार न कर लें । मैं अपनी योजना बखूबी अंजाम दे सकता था । अगर वे ऐसा करते हैं तो मैं वास्तव में फँस जाऊंगा ।

मैं ड्रग स्टोर में घुसा और अपने आपको वहाँ पर एक बूथ में बन्द कर लिया । मैंने एक लोकल टीवी स्टेशन पर फोन लगाया । मैंने वहाँ के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर फ्रेड रिक्सन से बात की ।

“फ्रेड!” मैंने कहा । “मेरे पास तुम्हारे लिये एक जरूरी सूचना है । डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चाहता है कि तुम इसे टीवी पर आज रात ग्यारह बजे प्रसारित करो और लोगों को दिखाओ । क्या तुम ऐसा कर सकते हो ?”

“पक्का, पर पहले हमें यह मिलने तो दो ।” रिक्सन ने कहा ।

मैंने न्यूज फ्लैश को उसे पढ़कर सुनाया और उसने इसे नोट कर लिया ।

“ठीक है ।” उसने कहा । “हम ग्यारह बजे अपना प्रोग्राम रोक देंगे । डी. ए. क्या सच में ही हमसे यह काम करवाना चाहता है, हैरी ?”

“हाँ, वह चाहता है कि इसे सभी लोग देखें ।” मैंने कहा । “ठीक है, शुक्रिया फ्रेड, फिर मिलते हैं ।” और मैंने फोन रख दिया ।

मैंने अपनी घड़ी की तरफ देखा । साढ़े नौ बजे थे । मैंने मारलौक्स के घर फोन मिलाया । कुछ देर के बाद बटलर ने उत्तर दिया ।

“हम पुलिस हेडक्वार्टर से बोल रहे हैं ।” मैंने कहा । “हम ओ’रीली से बात करना चाहते हैं, क्या वह वहाँ पर मौजूद है ?”

“मेरे ख्याल से वह अपने कमरे में है ।” बटलर ने कहा । “अगर तुम होल्ड कर सकते हो तो मैं तुम्हारी कॉल उससे कनेक्ट कर देता हूँ ।”

लाइन में एक क्लिक की आवाज हुई, फिर ओ’रीली की आवाज सुनाई दी, “हैलो! कौन है ?”

मैंने धीरे-धीरे और स्पष्ट शब्दों में कहना शुरू किया ताकि एक भी शब्द उससे छूट न जाए, “हैलो, मूर्ख आदमी, आज तुम्हारी अंतरात्मा तुम्हें क्या कह रही है ? क्या आज रात तुम चैन से सो पाओगे ?”

अचानक चुप्पी छा गई । मैं कल्पना कर सकता था कि दूसरे सिरे पर उसका चेहरा कठोर हो गया होगा और रिसीवर पर उसकी पकड़ और ज्यादा मजबूत हो गई होगी ।

“कौन बोल रहा है ?” वह चिल्लाया, उसकी आवाज में गुर्राहट थी ।

“तुम्हारा दोस्त ।” मैंने कहा ।

“क्या ये तुम हो, बार्बर ?”

“हाँ, मैं तुम्हें आगाह कर रहा हूँ । आखिरकार डी. ए. को यह रौशन ख्याल सूझ ही गया । अगर तुम्हें अच्छा लगे, आज रात को लोकल नेटवर्क पर प्रोग्राम देख-सुन लेना, एक खास खबर के लिये और अच्छा होगा कि तुम इसे सुन ही लो ।

समझ गए ? ग्यारह बजे लोकल स्टेशन पर । अब तुमसे गैस चैम्बर में ही मुलाकात होगी ।” और इससे पहले कि वह कुछ कह पाता, मैंने फोन रख दिया ।

जैसे ही मैं बूथ से बाहर निकला, मैंने लाल भभूका चेहरे वाले एक भीमकाय आदमी को, जिसके अंग-अंग से पुलिसिया होने की बू आ रही थी, स्टोर में घुसते देखा । मुझे पता था कि देर-सवेर यह गाज मुझ पर गिरने वाली थी, फिर भी जब मैंने उसे देखा तो मुझे अपनी रगों में खून जमता हुआ महसूस हुआ ।

वह सीधा मेरे पास आया ।

“मिस्टर बार्बर ।”

“मैं ही हूँ, बोलो ।”

“तुम्हें हेडक्वार्टर बुलाया गया है, बाहर कार तुम्हारा इंतजार कर रही है ।”

“हाँ, क्यों नहीं ।” मैंने कहा और जब हम एक साथ स्टोर से निकलकर बाहर इंतजार करती हुई कार की तरफ बढ़े तो मुझे नीना का ख्याल आया ।

वह ऑफिसर और मैं कार में पीछे बैठ गए । दूसरा आदमी, जो कार के पास इंतजार कर रहा था, ड्राइविंग सीट पर जा बैठा ।

“यह सब किसलिये है ?” जैसे ही कार आगे बढ़ी, मैंने पूछा । “क्या कोई बात हो गई है ?”

“मुझे नहीं मालूम ।” उस पुलिसिए ने उकताहट भरी आवाज में कहा । “उन लोगों ने मुझे तुम्हें लाने के लिये कहा है और मैं तुम्हें ले जा रहा हूँ ।”

अब मैं कुछ नहीं कर सकता था । मैंने अपना बादशाह चल दिया था और अब सब इस बात पर निर्भर करता था कि ओ’रीली के पास तुरुप का इक्का था या फिर रानी । अगर उसके पास तुरुप का इक्का था तो मैं गया था काम से ।