जुलाई महीने के एक दिन, जब उन्होंने मुझे जेल से रिहा किया, तब उस समय बाहर बहुत मूसलाधार बारिश हो रही थी ।
जो दुनिया साढ़े तीन साल से मेरे लिये ठहर सी गई थी, उसमें अब दोबारा कदम रखना मेरे लिये एक अलग सा एहसास था । जेल की सलाखों से बाहर निकल कर, कुछ कदम संभल कर रखने के बाद, मैं अपनी आजादी को महसूस करने के लिये कुछ देर के लिये बाहर रुक गया ।
मुझे घर वापस ले जाने के लिये, नुक्कड़ पर एक बस मौजूद मिलती । लेकिन मेरा घर जाने का मन नहीं हुआ । मैं फुटपाथ के किनारे खड़ा होकर अपने चेहरे पर पड़ती बारिश की फुहार को महसूस करना चाहता था और इस बात की खुद को तसल्ली देना चाहता था कि मैं अब आजाद था और अब मुझे अगली रात उस काल-कोठरी में ठगों, अपराधियों और हवस के मारे विक्षिप्त लोगों के बीच नहीं गुजारनी थी । जो कि मैं पिछले कई महीनों से कर रहा था ।
बारिश के कारण सड़क पर पानी इकट्ठा हो गया था । मेरा बरसों पुराना कोट और हैट इस बारिश में पूरी तरह से भीग चुके थे । बारिश जैसे मेरी तरह अंदर से घुटे हुए आसमान और अंधकार से आती हुई लग रही थी ।
तभी एक चमचमाती हुई सेंचुरी बुईक कार मेरे बगल में आकर खड़ी हो गई और उसकी खिड़की के शीशे नीचे की तरफ सरके ।
“हैरी !”
जैसे ही मैं ड्राइवर को देखने के लिये नीचे झुका, उसी वक्त कार का दरवाजा खुला ।
जॉन रेनिक मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया ।
“अंदर आ जाओ । तुम बुरी तरह से भीग चुके हो ।” वह बोला ।
मैं एक पल के लिये झिझका, फिर कार में बैठ गया और दरवाजा बंद कर लिया । रेनिक ने मेरा हाथ पकड़ा और धीरे से थपथपाया । उसके साँवले और लंबोतरे चेहरे से साफ झलक रहा था कि मुझे देख कर उसे कितनी खुशी हुई थी ।
“कैसे हो तुम, बदमाश ?” उसने पूछा, “बाहर आकर कैसा लग रहा है ?”
“मैं बिल्कुल ठीक हूँ ।” मैंने उससे अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा । “अब मुझे यह मत बताना कि घर पर पुलिस फिर से मेरा इंतजार कर रही है ।”
मेरी तल्खी से उसके चेहरे की मुस्कान कुछ कम हुई । उसकी भूरी और तेज नजरें, मेरे चेहरे पर टिक गईं ।
“तुम्हें तो उम्मीद नहीं होगी कि मैं आऊँगा । क्यों ऐसा ही है ना ? मैं तो आज के लिये दिन गिन रहा था ।”
“मुझे कोई उम्मीद नहीं थी ।” मैं कार के चमचमाते हुए डैशबोर्ड को देखते हुए बोला, “क्या यह कार तुम्हारी है ?”
“तुम अंदाजा लगाओ । मैंने कुछ ही महीने पहले इसे खरीदा है । बड़ी नायाब चीज है । है न ?”
“इसका मतलब पाम-बीच की पुलिस अब भी मेहनत करती है । मुबारक हो ।”
उसका चेहरा सख्त हो गया और उसकी आँखों में गुस्से की झलक दिखाई दी ।
“देखो, हैरी । अगर तुम्हारे अलावा किसी दूसरे ने ये कमेंट किया होता तो मैंने उसे ठोक दिया होता ।”
मैंने लापरवाही से कंधे उचकाए ।
“अगर तुम ऐसा करना चाहते हो तो करो । मुझे तो आदत हो गई है, पुलिस वालों की मार खाने की ।”
उसने गहरी साँस ली और बोला, “ तुम्हारी जानकारी के लिये बता रहा हूँ कि मैं अब डी. ए. दफ्तर में स्पेशल ऑफिसर हूँ और वहाँ पर मेरा अच्छा खासा रुतबा है । मैं अब दो साल से, रेगुलर फोर्स से अलग हूँ ।”
मुझे इस बात से इतनी कोफ्त हुई कि अपने खून की तपिश मुझे अपने चेहरे पर महसूस होने लगी ।
“ओह! मुझे पता नहीं था, सॉरी ।”
“तुम्हें कैसे पता होगा ?” वह मुस्कुराया और उसने अपनी कार को गियर में डाला ।
कार अपनी जगह से हिली ।
“तुम्हारे जेल जाने के बाद से बाहर बहुत कुछ बदल गया है, हैरी । पुराने लोग जा चुके हैं । यहाँ पर अब नया डी. ए. है । वो अच्छा आदमी है ।”
मैंने कुछ नहीं कहा ।
“अब तुम्हारी क्या योजना है ?” उसने अचानक पूछा ।
“कोई खास नहीं । मैं अभी कुछ देर ठहरना चाहता हूँ । तुम तो जानते ही हो कि ‘हेराल्ड’ ने मुझे खत्म कर दिया है ।”
“ये मैंने भी सुना है ।” कुछ देर खामोश रहने के बाद वह बोला, “तुम्हारे लिये शुरू में यह मुश्किल होगा । तुम्हें तो इस बात का पता ही होगा । है न ?”
“बिल्कुल, यदि कोई आदमी किसी पुलिस वाले को जान से मार दे तो उसे वह सब भूलने नहीं दिया जाता । मुझे पता है कि आने वाला समय मेरे लिये कितना मुश्किल साबित होने वाला है ।”
“तुम्हें पुलिस से कोई परेशानी नहीं होगी । मेरा वो मतलब नहीं था । लेकिन तुम्हें अब एक नया कैरियर ढूँढना पड़ेगा । क्यूबिट की इस जगह पर बहुत चलती है । वो तुमसे खफ़ा है । अगर वो रुकावट खड़ी करेगा तो तुम्हारे लिये न्यूज़ पेपर की दुनिया में वापसी करना मुश्किल होगा ।”
“तुम इसकी चिंता मुझ पर छोड़ दो ।”
“लेकिन मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ ।”
“मुझे किसी की मदद की जरूरत नहीं है... ।”
“ठीक है, पर नीना भी तो... ।”
“...और मैं नीना की देखभाल कर सकता हूँ ।”
एक लंबी खामोशी की दौरान वह बारिश से भीगी विंडशील्ड के आर-पार देखता रहा और कुछ देर बाद वह बोला, “देखो हैरी, मैं और तुम दोस्त हैं । हम दोनों एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं । मैं जानता हूँ कि तुम इस वक्त कैसा महसूस कर रहे हो । पर तुम इस तरीके से बर्ताव मत करो कि जैसे मैं भी तुम्हारे दुश्मनों में से एक हूँ । मैंने मिडोज से तुम्हारे बारे में बात की है । वह यहाँ का नया डी. ए. है । हालांकि अभी तक कुछ फिक्स नहीं है पर फिर भी एक मौका है कि हम तुम्हें अपने ऑफिस में रख सकते हैं ।”
मैंने उसकी तरफ देखा ।
“अगर ये दुनिया की आखिरी नौकरी होगी तो भी मैं पाम सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के लिये काम नहीं करूंगा ।”
“देखो, नीना ने बहुत मुश्किल समय देखा है ।” रेनिक ने बेचैनी से भरे स्वर में कहा, “वह... ।”
“मैंने भी काफी बुरा वक्त देखा है और इस बात से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता । मैं किसी की कोई मदद नहीं चाहता और यह मेरा आखिरी फैसला है ।”
“चलो, फिर ठीक है ।” रेनिक ने कहा और असहाय भाव से अपने कंधे हिलाए, “यह मत समझना कि मैं ये सब समझता नहीं हूँ, हैरी । मैं अंदाजा लगा सकता हूँ । मैं भी इतनी ही रुखाई से पेश आता, अगर मुझे भी तुम्हारी तरह फंसाया गया होता । लेकिन अब जो हो गया, सो हो गया ।
तुम्हारे सोचने के लिये आगे का पूरा भविष्य है - नीना का फ्यूचर है ।”
“मैं जेल में हर पल क्या सोचता रहा, क्या तुम इसके बारे में सोच सकते हो ?” मैंने कार के बाहर शीशों में से किनारे पर टकराती हुई समुद्र की लहरों को देखते हुए कहा, “हाँ, तुम्हारी बात ठीक है कि मेरे अंदर बहुत कड़वाहट भरी हुई है । जेल में मेरे पास यह सोचने के लिये दुनिया जहान का वक्त था कि मैं कितना अनाड़ी साबित हुआ था । मुझे अपना मुँह बंद रखने के लिये पुलिस कमिश्नर द्वारा दी गई दस हजार डॉलर की ऑफर मंजूर कर लेनी चाहिए थी । खैर, जब मैं जेल में था, एक बात तो मैंने समझ ली है कि जिंदगी में मैं दोबारा कभी मूर्ख नहीं बनने वाला हूँ ।”
“तुम बेकार की बातें कर रहे हो,” रेनिक ने तल्खी भरे अंदाज में कहा, “यह तुम जानते हो कि तुमने जो किया था, वो सही किया था । तुम्हारे खिलाफ एक चाल चली गई थी । अगर तुमने उस आदमी से रिश्वत ले ली होती तो तुम अपने आप को कभी माफ नहीं कर पाते । यह तुम जानते हो ।”
“तुम ऐसा सोचते हो ? तुम इस गलतफहमी में मत रहो कि मैं अपने आप से बहुत खुश महसूस कर रहा होऊंगा । साढ़े तीन साल तक एक बच्चे के बलात्कारी और दो ठगों के साथ रहने से, जिनकी आदतें देखकर जानवर भी शर्मिंदा हो जाएँ, दिलो-दिमाग पर कुछ तो असर होता है । अगर मैंने वो रिश्वत ले ली होती तो कम से कम आज मैं एक बेरोजगार और जेल से छूटा हुआ कैदी तो ना होता । हो सकता है, मेरे पास भी तुम्हारी तरह कार होती ।”
रेनिक ने बेचैनी से पहलू बदला ।
“ये तो कोई बात करने का तरीका नहीं है हैरी । तुम तो मुझे चिंता में डाल रहे हो । भगवान के लिये, नीना से मिलने के पहले अपने आप को संभालो ।”
“आखिर तुम अपने काम से काम क्यों नहीं रखते ।” मैं उस पर झल्लाया, “ नीना मेरी पत्नी है । चाहे मैं अच्छा हूँ या बुरा, उसने मुझे कबूल किया है । समझे ? उसकी चिंता तुम मुझे करने दो ।”
“मेरे ख्याल से तुम गलत थे, हैरी । जब तुमने उसे अपना मुक़द्दमा नहीं सुनने दिया और उसे तुमने जेल में मिलने के लिये भी नहीं आने दिया । तुमने उसे खत लिखने से भी मना कर किया । तुम जानते हो, जैसा मैं भी समझता हूँ कि वो तुम्हारे साथ उन दुश्वारियों को बाँटना चाहती थी, लेकिन तुमने उसे बिल्कुल बेगाना बना दिया ।”
मेरे हाथों की मुट्ठियाँ भिंच गईं और मैं बारिश से भीगे हुए सागर के किनारे को देखता रहा ।
“मैं जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ,” मैंने कहा, “ क्या तुम कल्पना कर सकते हो कि मैं कोर्ट रूम के अंदर मौजूद गिद्धों द्वारा उसकी फोटो खिंचवाना चाहता था ? क्या तुम ये चाहते थे कि वह मुझे जेल में उन शीशों और सलाखों के पीछे देखे ? क्या तुम सोचते हो कि मैं ये चाहता था कि वो जेल वार्डन, मुझ तक पहुँचने से पहले उसके लिखे हुए ख़तों को पढ़े ? सिर्फ मेरी गलतियों की वजह से उसे इस मामले में घसीटे जाने की कोई जरूरत नहीं थी ।”
“तुम गलत थे, हैरी । क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगा कि वो तुम्हारे साथ रहना चाहती थी ।” रेनिक ने बेसब्री से कहा, “आज सुबह भी, उसे मेरे साथ आने से रोकने के लिये जितना मैं कर सकता था, उतना मैंने किया ।”
हम पाम-बे के नजदीक पहुँच रहे थे, जो पाम-सिटी का अमीर रिहायशी इलाका था । बाहर हो रही बारिश में से भी डीलक्स बाथिंग केबिन्स की कतार नजर आ रही थी । सागर का किनारा इस समय सुनसान पड़ा था । केडीलेक, राल्स और बेंटले जैसी कारें, महंगे होटलों के पार्किंग एरिया में खड़ी थीं ।
किसी समय पाम-बे मेरी शिकारगाह होती थी । अब ये बीते समय की बात लगती है । उस समय मैं हेराल्ड में, गॉसिप से भरपूर एक कॉलम लिखता था । उस समय मेरा कॉलम सौ से भी ज्यादा छोटे-बड़े अखबारों में छपता था । मैं अच्छा-खासा पैसा कमा रहा था । कुछ समय बाद मैंने नीना से शादी कर ली और पाम-बे के बाहर एक बंगला खरीद लिया और अपना घर बसा लिया । मैं सब कुछ ठीक कर रहा था और अपनी जिंदगी से खुश था । तभी एक रात को, जब मैं बीच (समुद्र का किनारा) के होटल के बार में था, मैंने दो अजनबियों के बीच हो रहे एक वार्तालाप को सुना, जो बार में बैठे जाम पर जाम पी रहे थे और अपने आपे से बाहर हुए जा रहे थे ।
उनकी बातचीत में मुझे कुछ ऐसा सुनाई दिया, जो किसी फटते हुए ज्वालामुखी की तरह गर्म और बेहद खतरनाक था । उस पूरी कहानी को जानने के लिये, मुझे अपनी गुप्त और धीरज से भरी छानबीन करने में दो महीने का समय लगा । यह ऐसी कहानी थी जो हेराल्ड में हफ्तों तक सुर्खियों में बनी रह सकती थी ।
शिकागो के एक कुख्यात गिरोह ने पाम सिटी के ऊपर अपना कब्जा बनाने के लिये एक प्लान बना लिया था । उन्होंने शहर में जुए के लिये मशीनें, वेश्यालय खोलने और बड़े पैमाने पर होने वाले रंगीन गुनाहों के लिये सारे साजो-सामान का ढांचा खड़ा करने का पूरा खाका तैयार कर लिया था । इस मामले में हर महीने, ढाई मिलियन डॉलर्स का दाव लगने का अनुमान था ।
जब मैंने सारे सबूत जुटा लिये तो मैंने शुरू में सोचा कि ये गिरोह अवश्य ही पागलों का झुंड होगा । मैं इस बात का विश्वास नहीं कर पाया कि कोई आएगा और जब चाहेगा, जैसे चाहेगा, इस शहर पर अपना कब्जा कर लेगा । फिर मुझे एक खबर मिली कि पाम-सिटी के पुलिस कमिश्नर समेत, आधा दर्जन से ज्यादा ताकतवर अधिकारियों को खरीद लिया गया था और वे लोग इस एवज में इस गिरोह को आवश्यक सुरक्षा देने के लिये राज़ी थे ।
फिर मैंने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल की । मैंने सारी तहक़ीक़ात अकेले अपने दम पर जारी रखने की कोशिश की । मैं इसे खुद की खोज की गई एक सनसनीखेज खबर बनाना चाहता था, इसलिए जब तक मुझे इस मामले में सारे सबूत और इस खबर की सारी जानकारी नहीं मिल गई, जो इस षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करने के लिये जरूरी थी, मैं मेरे बॉस और हेराल्ड के मालिक जे. मेथ्यु क्यूबिट के पास नहीं गया ।
अंत में मैंने उसे बताया कि आखिर इस शहर में क्या चल रहा था । उसने सब कुछ अपने स्लेट जैसे सपाट और भावहीन चेहरे के साथ सुना ।
जब मैं उसे सब कुछ बता चुका तो उसने कहा कि वह सारे सबूतों की जांच करना चाहता है । उसके लहज़े में जो ठंडक थी और गर्मजोशी का अभाव था, उससे मुझे उसी वक्त सचेत हो जाना चाहिए था । हालांकि मैं काफी गहरे तक पड़ताल कर चुका था और बहुत से लोगों के मुँह खुलवा चुका था, पर फिर भी मेरी पैठ इतनी गहरी नहीं थी । उस गिरोह ने हेराल्ड को भी खरीद लिया । यह ऐसी घटना थी जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा संभव होगा । मुझे बाद में पता चला कि उन लोगों ने क्यूबिट को सीनेट में एक सीट देने का वादा किया था, अगर वो उनके खेल में शामिल हो जाता । उस लालची और महत्वाकांक्षी अखबार के मालिक के लिये यह कीमत बहुत ज्यादा थी ।
उसने मुझे अपनी सारी जानकारियाँ उसे सौंप देने के लिये कहा । अपने घर से उस सामान को लेने के लिये वापस जाते हुए, पुलिस की कार ने मुझे रोक लिया ।
मुझे बताया गया कि पुलिस कमिश्नर मुझसे मिलना चाहता है । फिर मुझे पुलिस हेडक्वार्टर ले जाया गया, जहाँ पुलिस कमिश्नर से मेरी मुलाक़ात हुई ।
वो एक सख्त मिजाज और स्पष्ट आदमी था ।उसने मुझसे कुछ भी छिपाने की कोशिश नहीं की । उसने अपनी मेज पर दस हजार डॉलर्स के नए कड़कड़ाते हुए नोट रखे । वो इन नोटों के बदले मेरे पास मौजूद सारे कागजातों का सौदा करना चाहता था और उसके बाद मुझे इस सारी तहक़ीक़ात को भूल जाना था ।
मैंने जिंदगी में कभी रिश्वत नहीं ली थी और न ही अब लेने की कोई इच्छा थी । इसके अलावा यह बात मैं अच्छी तरह से जानता था कि जो स्टोरी मैं लिखने वाला था, वो मेरे नाम को, हफ्तों तक अखबारों की सुर्खियों में बनाए रख सकती थी और ख़बरों की दुनियाँ में मेरी धाक जमा सकती थी । मैं इस धोखे में उठा और बाहर चल दिया और सीधा मुसीबत में जा फंसा ।
मैंने अपने सारे कागजात क्यूबिट को सौंप दिये और उसे पुलिस कमिश्नर द्वारा मुझे रिश्वत की दी गई ऑफर के बारे में भी बताया । उसने अपनी गहरी धँसी हुई आँखों से मुझे देखा, अपना सिर किसी सोच में डूबे हुए हिलाया और रात को साढ़े दस बजे अपने घर मिलने के लिये बुलाया । उस वक्त तक मेरे पास इस षड्यंत्र को समझने और इससे निपटने का एक मौका था । मुझे यकीन है कि उसने सारे सबूतों को नष्ट कर दिया होगा । मैंने उन्हें दोबारा कभी नहीं देखा ।
नीना को इस तहक़ीक़ात की शुरू से ही जानकारी थी । वह शुरू से ही बहुत डरी हुई थी । उसे भी मेरी तरह अंदाजा था कि मैं एक तरह से बारूद से खेल रहा था । लेकिन उसने यह भी महसूस किया था कि यह मेरे लिये सुनहरा मौका था और उसने मेरा पूरा साथ दिया ।
मैं, क्यूबिट से मुलाक़ात के लिये, रात को दस बजे से थोड़ी देर पहले घर से निकल पड़ा । मैं समझ सकता था कि वो उस वक्त कितना डरी हुई थी क्योंकि वह कार तक मेरे साथ आई थी । मैं खुद आशंका से घिरा हुआ था लेकिन फिर भी मैंने क्यूबिट का विश्वास किया ।
उसका घर पाम-बे में था । वहाँ तक जाने के लिये मुझे एक लंबी सुनसान सड़क पर गाड़ी चलानी थी । उसी सड़क पर मुसीबत मेरा इंतजार कर रही थी ।
उस सड़क पर, तेज स्पीड से चलती एक पुलिस की कार ने, मुझे ओवेरटेक करते हुए साइड से टक्कर मार दी । शायद उनका इरादा मेरी कार को सड़क से जबर्दस्ती उतार कर समुद्र में गिराने का था । परन्तु उनके प्लान ने उनके हिसाब से काम नहीं किया । वह टक्कर बड़ी भयंकर थी और पुलिस की कार के ड्राइवर की, स्टेयरिंग धँसने के कारण पसलियाँ टूट गई थीं । उसके साथी को ज़ोर के झटके के अलावा कोई खास चोट नहीं आई थी । उसने मुझे खतरनाक ढंग से ड्राइविंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया । मैं जानता था कि यह मेरे खिलाफ एक षड्यंत्र था पर मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता था । कुछ ही मिनटों के बाद होमिसाइड़ स्क्वाड के सार्जेंट बेलिस के साथ दूसरी पुलिस की कार वहाँ पर पहुंची । वह उस वक्त उस सुनसान सड़क पर क्या कर रहा था, यह किसी ने भी पूछने की कोशिश नहीं की । उसने आते ही सारा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया । ज़ख्मी ड्राइवर को हॉस्पिटल पहुंचाया गया और मुझे पुलिस हैड्क्वार्टर ले जाया गया ।
रास्ते में, बेलिस ने अचानक अपने ड्राइवर को रुकने के लिये कहा । उसने उस सुनसान अंधेरी सड़क पर मुझे बाहर आने के लिये कहा । उसका ड्राइवर भी बाहर आ गया और उसने मुझे पीछे से मेरी बांहों को पूरी तरह से जकड़ते हुए पकड़ लिया । बेलिस ने कार से एक स्कॉच की बोतल निकाली और अपना मुंह व्हिस्की से भर लिया और फिर मेरे चेहरे और कपड़ों पर व्हिस्की को उड़ेल दिया । फिर उसके हाथ में एक लोहे का जैक प्रकट हुआ और उसने उसे मेरे सिर पर दे मारा ।
मैं जेल में होश में आया और उस वक्त से मेरी तबाही शुरू हुई । ज़ख्मी हुआ ड्राइवर मर चुका था । उन्होंने मुझे गैर-इरादतन कत्ल के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया और मुझे चार साल की सजा हुई । मेरे वकील का, जिसने एक शेर की तरह मेरा मुक़द्दमा लड़ा, कोई बस नहीं चला । जब भी उसने मेरे खिलाफ साजिश की बात उठानी चाही तो उसे जान-बूझकर अनदेखा कर दिया गया । क्यूबिट ने शपथ ले कर गवाही दी कि मेरे दिये हुए कोई सबूत उसके पास नहीं थे और वह अब मुझसे छुटकारा पाना चाहता था क्योंकि उसकी नजरों में मैं एक बेईमान अख़बारनवीस और ढका-छुपा शराबी साबित हुआ था ।
अपनी सजा भुगतने के दौरान, पूरा समय, मैं यही सोचता रहा कि मैं कितना बड़ा अनाड़ी साबित हुआ था । मैंने खुद को समझाया कि ये मेरा पागलपन ही था, जो मैंने अपने दम पर पूरे निजाम को झुकाने की कोशिश की थी ।
बाद में मैंने सुना कि पुलिस कमिश्नर ने किसी दबाव में इस्तीफा दे दिया था और यह भी कि प्रशासन में भी रद्दोबदल किया गया था । पर वह सब मेरे किसी काम न आया । मेरे वकील के आवाज उठाने के बाद एक जांच बैठाई गई । इस वजह से शिकागो के उस गिरोह ने कहीं दूसरी जगह अपना ठिकाना बनाने का निश्चय किया पर इन सब बातों का मुझे कोई फायदा नहीं हुआ । मैं चार साल के लिये नशे की हालत में कार चला कर एक पुलिस वाले को मारने के जुर्म में सजा भुगतता रहा और इस मामले में कोई मेरी मदद नहीं कर सकता था ।
और अब, साढ़े तीन साल जेल में बिताने के बाद मैं एक बार फिर आजाद था । मैं एक अख़बारनवीस था, जिसे किसी दूसरे काम की ट्रेनिंग नहीं मिली थी । क्यूबिट ने मुझे ब्लैक-लिस्ट में डाल दिया था । इसका मतलब यह था कि मुझे किसी दूसरे अखबार में काम नहीं मिल सकता था । अब मुझे कोई नया काम देखना था और मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि मैं क्या करने वाला था । हालांकि मैं अच्छा भला कमाता था, लेकिन मैं खर्चीला भी बहुत था । जब मैं जेल गया था तो मैंने नीना के लिये ज्यादा कुछ छोड़ा नहीं था । अगर कुछ छोड़ा था तो अब तक ज्यादा बचा नहीं होगा । मैं खुद यह सोचकर परेशान था कि वो क्या कर रही होगी और उसके साथ क्या बीत रही होगी । लेकिन मैं इतना मूर्ख और जिद्दी था कि मैंने अपने वकील के जरिये इस बात पर ज़ोर दिया कि उसे मुझ से कोई खतो-किताबत नहीं करनी चाहिए । मुझे यह बात बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं थी कि वह मोटा और दूसरों के दुख में जश्न मनाने वाला वार्डन, मुझे तक पहुंचाने से पहले उसके लिखे हुए खत पढ़े ।
मैंने रेनिक से पूछा, “वह कैसे गुजारा कर रही थी ? वह कैसी है ?”
“वो ठीक है,” उसने मुझे बताया, “तुम्हें इस बात पर कोई शक नहीं करना चाहिए, है कि नहीं ! उसने पेंटिंग में अपने हुनर को आजमाया । उसने हर तरह के मिट्टी के बर्तनों को सुंदर ढंग से सजाया और उन्हें बेचकर अपना बढ़िया ढंग से गुजारा किया है ।”
उसने अपनी बुईक कार को उस गली के सिरे की तरफ घुमा दिया, जिसमें मेरा घर था ।
अपने घर को देख कर मेरे गले में कुछ अटक सा गया था । मेरी जानी-पहचानी गली सुनसान पड़ी थी । बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी, जो सड़क और फुटपाथ को पानी से सराबोर कर रही थी । रेनिक ने बाहर से आगे का दरवाजा खोला ।
“मैं तुम्हें मिलता रहूँगा,” उसने कहा और मेरा हाथ पकड़ लिया, “तुम किस्मत वाले हो, हैरी । काश ! मेरे पास भी नीना जैसी कोई होती और जो इतनी शिद्दत से मेरा इंतजार कर रही होती ।”
मैं कार से बाहर आ गया । मैंने उसकी तरफ देखे बिना, अपने जाने पहचाने रास्ते पर आगे कदम बढ़ाए । तभी सामने का दरवाजा खुला और मेरे सामने नीना खड़ी थी ।
0 Comments