मैं कौन हूँ
13 अगस्त, सन् 2030। मिस्टर कुलदीप, भारत के दिल्ली नामक शहर में रहते हैं, वे 27 साल के वैज्ञानिक हैं, मोटे चश्मे पहनते हैं, एक अच्छी कद-काठी के पतले आदमी हैं, जो हमेशा किताबों के आस-पास रहते हैं। हालाँकि उनका काम भौतिक विज्ञान से संबंधित है, लेकिन फिर भी वे विज्ञान से संबंधित अन्य क्षेत्रों में भी रुचि रखते हैं और हमेशा ज्ञान की तलाश में रहते हैं।
कुलदीप का कोई परिवार नहीं है। उनका जन्म एक अनाथालय में हुआ था और वे हमेशा एक परिवार की इच्छा रखते हैं। उनका एक दोस्त और सहकर्मी है, जिन पर कुलदीप बहुत भरोसा करते हैं और उन्हें अपनी सारी बात बताते हैं। इनका नाम मिस्टर आदर्श शाह है, जो 33 वर्ष के हैं, मोटे हैं, उनकी कद-काठी अच्छी है और वे हमेशा कुछ न कुछ खाते ही रहते हैं। उनका मुँह शायद ही कभी रुकता होगा। वे घड़ियों, कारों और मोबाइलों जैसी महंगी चीजों से प्यार करते हैं और उन्हें दिखाना पसंद करते हैं। कुलदीप और शाह एक साथ, एक ही प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
कुलदीप और शाह क्वांटम एनर्जी टेलीपोर्टेशन पर काम कर रहे हैं, दोनों पिछले दो वर्षों से इस परियोजना पर काम कर रहे हैं और अब, वे अंततः शानदार परिणाम प्राप्त कर रहे हैं।
‘आखिरकार, इन परिणामों के साथ हम टेलीपोर्टेशन कर सकते हैं।’ -कुलदीप ने कहा।
‘तो, हम प्रयोग कब से शुरू करेंगे?’ -शाह ने पूछा।
‘अभी, क्योंकि परसों स्वतंत्रता दिवस है। आइए मानवता को उपहार दें।’ -कुलदीप ने कहा।
‘ठीक है।’ -शाह ने कहा।
‘शुरू करते हैं... शाह, पहले कार के एक छोटे मॉडल से शुरुआत करते हैं।’ -कुलदीप ने कहा।
टेलीपोर्टेशन डिवाइस में दो छोटे कक्ष होते हैं। शाह कार को पहले छोटे कक्ष में रखते हैं और दूसरा छोटा कक्ष खाली रहता है।
‘हो गया।’ -शाह ने कहा।
‘ठीक है, तीन, दो, एक...शुरू करो।’ -कुलदीप ने कहा।
कार को सफलता पूर्वक दूसरे कक्ष में टेलीपोर्ट कर दिया जाता है।
‘शाह, गाड़ी चेक करो। क्या यह बिल्कुल ठीक है?’ -कुलदीप ने पूछा।
शाह ने कार की जाँच की और कहा कि, ‘हाँ, यह बिल्कुल ठीक है। हमने यह कर दिया, हमने यह कर दिया कुलदीप।’ -शाह ने खुश और राहत महसूस करते हूए कहा।
‘आखिरकार, यह हो गया।’ -कुलदीप ने कहा।
शाह और कुलदीप छत पर बैठकर बियर पी रहे हैं, कुलदीप सितारों को देख रहे हैं और शाह अपने फोन में व्यस्त हैं।
‘कुलदीप, क्या तुम सच में इस आविष्कार को भारत सरकार को देने की योजना बना रहे हो?’ -शाह ने पूछा।
‘हाँ, बिल्कुल, अब आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं?’ -कुलदीप ने कहा।
‘आप जानते हैं कि यहाँ ऐसे बहुत से लोग हैं जो इसे उच्च कीमत पर खरीद सकते हैं। हम बहुत अमीर और प्रसिद्ध बन सकते हैं।’ -शाह ने कहा।
‘शाह, इस परियोजना को शुरू करने से पहले, हमने यह तय किया था कि हम इस परियोजना को सरकार को देंगे, और तुम मुझसे सहमत भी थे।’ -कुलदीप ने कहा।
‘कुलदीप, मुझे चीन से एक प्रस्ताव मिला है, वे हमें पहचान देंगे और साथ में पचास अरब भी देंगे। कुलदीप, यह एक बड़ी रकम है, कृपया इसके बारे में सोंचो।’ -शाह ने कहा।
‘चीन इस परियोजना के बारे में कैसे जानता है? शाह! क्या आप जानकारी लीक कर रहे हैं?’ -कुलदीप ने पूछा।
‘कुलदीप, समझने की कोशिश करो, यह हमारा काम है। हम अरबपति बन सकते हैं और उस पैसे से हम कुछ भी कर सकते हैं।’ -शाह ने कहा।
‘शाह, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि तुमने मुझे धोखा दिया है। मैंने पहले ही यह तय कर लिया था कि मैं इसे सरकार को दूँगा और तुम मुझे रोक नहीं सकते हो।’ -कुलदीप ने कहा।
'माफ करना कुलदीप और आपकी मदद के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।' -शाह ने गुस्से से कहा।
शाह, कुलदीप को धक्का देते हैं और उन्हें छत से नीचे गिरा देते हैं।
कुलदीप सड़क पर गिरे हुए हैं, उनका खून बह रहा है और उनकी आँखें धीरे-धीरे बंद हो रही हैं।
'मुझे बहुत ठंडक और आराम महसूस हो रहा है। ऐसा लगता है, जैसे मैं सोना चाहता हूँ। क्या जब हम मरते हैं तब ऐसा ही अहसास होता है?' -कुलदीप सोच रहे हैं, 'काश मैं और जी पाता, मैं और भी आविष्कार करना चाहता था, एक खूबसूरत लड़की से शादी करना चाहता था, मेरा एक छोटा परिवार होता, काश मैं खुद को टेलीपोर्ट कर पाता।' फिर कुलदीप की आँखें बंद हो जाती हैं।
कुलदीप की आँख खुलती हैं। उन्हें एक लकड़ी के घर की छत दिखाई देती है और वह सोचते हैं कि- 'क्या मैं जीवित हूँ?, लेकिन मैं कहाँ हूँ? ये जगह अस्पताल जैसा तो नहीं लग रहा है।'
कमरा लकड़ी का बना हुआ है और कमरे में एक पलंग, अलमारी, कुछ तस्वीरें और शीशा रखा हुआ है। अचानक कुलदीप अपने सिर में दर्द महसूस करते हैं और वह अपना सिर छूते हैं। उनके सिर पर पट्टी बंधी हुई है। वह उठते हैं और उन्हें एहसास होता है कि उनका शरीर छोटा हो गया है। वह आईना लेने जाते हैं और अपना चेहरा देखते हैं। वह देखते हैं, कि एक सांवला लड़का है, जो कि प्यारा सा दिख रहा है और वह दस साल का लग रहा है।
'क्या ये मै हूँ? क्या मैं सच-मुच में मर गया था? और क्या ये मेरा पुनर्जन्म है? ये तो अद्भुत है।' -कुलदीप ने सोचा, 'पर मैं नौ-दस साल का बच्चा क्यों हूँ? और जैसा मैंने कहानियों में सुना था, उस हिसाब से तो मुझे पहले नवजात शिशु के रूप में जन्म लेना चाहिए था। मैं कौन हूँ? मैं सच में इस लड़के के बारे में कुछ नहीं जानता और यहाँ मेरे पास अभी एैसी कोई यादें भी नहीं हैं जिन्हें मैं याद कर सकूँ।'
तभी दरवाजा खुलता है और एक अधेड़ उम्र का गोरा आदमी कमरे के अंदर प्रवेश करता है। वह लंबे हैं, उनकी छोटी काली और सफेद दाढ़ी है। उनके छोटे, लंबे और काले बाल हैं, जो एक बड़ी चॉपस्टिक से बंधे हुए हैं और बालों के क्लिप की तरह दिख रही है। वह एक नीले कपड़े में हैं, और उनका नाम लियाम फील्ड है।
'बेटा, तुम जाग गए? अब तुम कैसा महसूस कर रहे हो?' -लियाम ने पूछा।
'बेटा? क्या यह मेरे पिता हैं? नहीं, मुझे इतनी जल्दी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचना चाहिए। फिलहाल मुझे ऐसा दिखावा करना चाहिए जैसे कि मैंने अपनी यादें खो दी हैं।' -कुलदीप ने सोचा।
'माफ कीजिएगा, पर मुझे अपने बारे में कुछ भी याद नहीं है। मैं कौन हूँ? क्या आप मेरे पिता हैं? ' -कुलदीप ने कहा।
'क्या! आपको कुछ भी याद नहीं है?' -लियाम ने कहा।
'हाँ, यहाँ तक कि मुझे अपना नाम भी याद नहीं है, मेरा नाम क्या है? आह! मेरा सिर बहुत दर्द कर रहा है।' -कुलदीप ने अपना सिर पकड़ते हुए कहा।
'रुको, मुझे तुम्हारा सिर ठीक करने दो।' -लियाम ने कहा।
वह अपना हाथ कुलदीप के सिर के पास रखते हैं और कुछ बड़बड़ाना शुरू करते हैं। अचानक उनके हाथ के पास एक हरे रंग का घेरा दिखाई देता है जो कुलदीप के सिर को ठीक करना शुरू करता है।
कुलदीप यह देखकर आश्चर्य हो जाता है।
'यह क्या है? आपने यह कैसे किया?' -कुलदीप ने पूछा।
'यह एक उपचार जादू है। तो, अब तुम कैसा महसूस कर रहे हो?' -लियाम ने पूछा।
'वाह! जादू! दर्द चला गया है, ये बहुत ही अद्भुत है।' -कुलदीप ने कहा।
अचानक, एक लड़का कमरे में दाखिल होता है। वह बारह साल का लड़का है, उसकी गोरी त्वचा और काले बाल हैं और उसका नाम स्कंद फील्ड है।
'पिताजी, अंकल जॉन आपको बुला रहे हैं।' –स्कंद ने कहा।
'ठीक है, मैं आ रहा हूँ।' -लियाम ने कहा, 'बेटा, तुम्हारा नाम कल्प फील्ड है। ये तुम्हारा भाई स्कंद है और मैं तुम्हारा पिता हूँ। स्कंद, तुम मेरे साथ चलो और कल्प, तुम विश्राम करो और हो सके तो सो जाओ। हम कल सुबह बात करेंगे, ठीक है?
'ठीक है, पिताजी।' -कल्प ने कहा।
स्कंद और लियाम के कमरे से बाहर जाते समय कल्प उन दोनों की ओर मुस्कुराता है।
'आखिरकार, मेरी एक इच्छा पूरी हो गई। अब मेरे पास एक परिवार है।' -कल्प सोचते हुए रोता है और साथ ही खुश भी होता है।
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