वातावरण में कल से अधिक सन्नाटा था ।


तभी दो विंगेटों के साए में विकास मैदान में लाया गया । समस्त मैदान में हलचल-सी हुई और वे लोग विचित्र सी निगाहों से विकास को देखने लगे- उनकी आंखों में विकास के प्रति सहानुभूति भी थी । अधिकतर लोगों को यह कुछ अच्छा-सा नहीं लग रहा था कि इतने मासूम लड़के को इतनी भयानक सजा दी जाए किंतु कोई क्या कर सकता था! जैक्सन की शक्ति अपरिमित थी । -


विंगेट उसे विजय इत्यादि के पास लाए ।


- विकास का मासूम चेहरा एकदम गंभीर था । शांत सागर की भाति गंभीर! उसने बड़ी ही शांत और भोली- सी निगाहों से विजय की ओर देखा । विजय को लगा जैसे विकास की ये भोली आंखें उससे बहुत कुछ कह रही हैं किंतु विजय सिर्फ तड़पकर रह गया ।


विकास को विजय के पास ही एक अन्य चेयर पर बैठा दिया गया ।


कोई कुछ नहीं बोला, मौत जैसा सन्नाटा !


संगीत की लहरों के साथ जिधर मैदान रिक्त था, उधर जैक्सन सिंहासन सहित प्रकट हुई । सभी श्रद्धा से झुके । तब प्रिंसेज अपने स्थान से खड़ी होकर बोली-' 'प्यारे मर्डरलैंड के निवासियों- जैसा कि आप सब लोगों को विदित है कि आज यहां मर्डरलैंड के दो अपराधियों को सजाएं दी जाएंगी। उनमें से पहले हैं मिस्टर एबनर, जिन्होंने मर्डरलैंड के एक होटल में एक अन्य नागरिक को रिवॉल्वर से मारकर अपराध किया ।


दूसरा यह दस वर्ष का खतरनाक लड़का-जिसने कल आप सब लोगों के सामने कितना घोर अपराध किया था ! 


कोई कुछ नहीं बोला.. . विजय और अलफांसे के दिमाग तेजी से कुछ सोचने में लीन थे किंतु उन्हें फिलहाल इस मुसीबत से छुटकारा पाने का कोई उपयुक्त उपाय सुझाई नहीं दे रहा था ।


विकास के छोटे-से दिमाग में न जाने क्या-क्या विचार आ रहे थे ।


'कट!'


एक धीमी-सी ध्वनि के साथ सुनहरे प्रकाश का एक गोल दायरा हौज में उबलते तरल पदार्थ पर पड़ा-जहां वह दायरा गोल था-वहां से तरल पदार्थ अपेक्षाकृत तेजी से उबलने लगा ।


'मिस्टर विजय और अलफांसे " जैक्सन की आवाज गूंजी'मैं सबसे पहले तुम्हें बता देना अपना कर्तव्य समझती हूं कि यहां कोई भी गलत हरकत करना स्वयं को मौत के मुंह में ले जाना होगा । एक तरफ तुम देख रहे हो कि विंगेट पूर्णतया सतर्क रहते है और दूसरी ओर इस सुनहरे प्रकाश के विषय में मैं सिर्फ यह बता देना पर्याप्त सगझती हूं कि इस रोशनी पुंज में आते ही इंसानी खाल जलकर उड़ जाती है और शेष रह जाता है सिर्फ कंकाल!''


विजय-अलफांसे भी सिहर गए!


- ' 'अब आप लोगों के सामने पहले अपराधी को पेश किया जाएगा ।'' जैक्सन ने कहा ।


और तुरंत बाद !


एक हृदयविदारक चीख से वातावरण दहला!


सबकी निगाहें उस चीख की ओर उठीं... और फिर वहां उपस्थित व्यक्तियों की आश्चर्यपूर्ण चीखें निकल गई। सभी लोगों के जिस्मों में एक ठंडी-सी लहर दौड़ गई ।


वास्तव में दृश्य अत्यंत खौफनाक था ।


एबनर वह अपराधी हौज के निकट ऊपर की छत के बीचोंबीच रिक्त स्थान में लटका हुआ था। उसे उलटा लटकाया गया था-सिर नीचे, टांगें ऊपर.. एबनर निरंतर चीख रहा था ।


- 'मिस्टर विजय-तुम्हारे सामने जो ये हौज है, उसमें एक ऐसा पदार्थ भरा हुआ है जिसमें धरती पर उपस्थित समस्त वस्तुएं पुल जाती हैं । इसे 'अम्लराज' कहते हैं- यानी


अम्लों का राजा-इसका यह नाम इसलिए पड़ा कि धरती पर कोई वस्तु ऐसी नहीं जो अम्लराज में न धुल जाती हो ।" सभी के मुख से सिसकारियां निकल गई ।


- ''निस्संदेह धरती पर ऐसी कोई वस्तु नहीं है जो अम्लराज में न घुल सके- किंतु हमने स्पेस में एक ऐसी धातु खोज ली है- जिस पर अम्लराज का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अब आप लोग जान गए होंगे कि यह हौज, जिसमें अम्लराज भरा हुआ है-उसी धातु का बनाया गया है वरना विनाश हो जाता । "


जैक्सन के शब्द चुपचाप सुनने के अतिरिक्त किसी के पास कोई चारा नहीं था । एबनर निरंतर क्षण-प्रतिक्षण हौज के निकट आता जा रहा था साथ ही उसकी चीखें भी तेज होती जा रही थीं वह चीख-चीखकर जीवन की भीख मांग रहा था |


एबनर के लम्बे-लम्बे बाल अम्लराज से भरे हौज की ओर लटके हुए थे-चेहरा लाल था। - आंखे उबलकर बाहर आ गई थीं. वह बुरी तरह भयभीत हो गया । वह बड़े ही दयनीय भाव में गिड़गिड़ा रहा था-चीख रहा था किंतु किसी पर कोई प्रभाव न पड़ा ।


वहां मौत जैसा सन्नाटा था । उसे निरंतर हौज के करीब लाया जा रहा था । वह बुरी तरह गिड़गिड़ाया- "नहीं.. नहीं महान प्रिंसेज मुझे माफ कर दो.. .मुझे.. . माफ.. . कर दो ।'' उसकी उबलती हुई आंखों में बेबसी के आंसू निकल आए । होंठ पीले पड़ते जा रहे थे । आंखों में मौत के साए थे- वह निरंतर गिड़गिड़ा रहा था -- किंतु साथ ही क्षण प्रतिक्षण उसे हौज के पास लाया जा रहा था ।


एबनर की दयनीय चीखों ने अधिकतर व्यक्तियों के हृदयों में अपने प्रति सहानुभूति और जैक्सन के प्रति पूणा के भाव भर दिए- किंतु कोई कुछ नहीं कर सकता था ।


धीरे-धीरे एबनर का जिस्म अम्लराज के अत्यंत निकट पहुंच गया-उसके बाल अम्लराज से स्पर्श करना ही चाहते थे कि सहसा एबनर ने गिड़गिड़ाना बंद कर दिया और एकदम आवेग में चीखा- ' 'तुम.. म मुझे.. म मार सकती हो . कमीनी.. .तू.. म . मरेगी.. इ. इसी .. ह हौज में गिरकर मरेगी "''


प्रत्युत्तर में जैक्सन मोहक खिलखिलाहट के साथ हंसी ।


उसकी इस खिलखिलाहट ने जाने कितने हृदयों में घृणा जगा दी।


सब लोगों के रोंगटे खड़े हो गए-जिस्मों में सनसनी दौड़ गई।


और तभी- एबनर के बालों ने अम्लराज को स्पर्श किया.. . अगले ही पल.. एबनर के कंठ से भयानक चीख निकली.. . उसके बाल हल्की-सी लौ के साथ जल गए ।

एबनर के कंठ से हृदयविदारक चीखें निकल रही थीं। तभी एक अन्य भयानक और घृणास्पद दृश्य !


तभी एक झटके के साथ !


एबनर का सिर और मुंह गर्दन तक अम्लराज में डूब गए, शेष जिस्म हवा में था ।


सभी के मन मानो चीत्कार कर उठे-वास्तव में एबनर का तड़पना ऐसा था कि देखा न जाए ।


उफ!


सभी ने घृणा से आंखें बन्द कर लीं.. एबनर का मुख, उफ् कितना भयंकर! कितना डरावना! कितना हौलनाक! घृणा से 'कै' होने लगे! अम्लराज में एबनर के मुंह का आधा मांस जलकर घुल चुका था । उसके चेहरे पर लटके हुए मांस के लोथड़े उफ् मांसों के लोथड़े से रिसता हुआ अम्लराज भयानकतम चेहरा! करुणापूर्ण चीखें सभी कुछ घृणास्पद! →


आश्चर्य की बात थी कि एबनर अभी तक होश में था, किंतु वह साक्षात मौत के ऊपर बिलख रहा था । उसने मौत को गले लगाने के लिए अम्लराज' की ओर हाथ बढ़ाए, लेकिन तभी उसे थोड़ा और ऊपर खींच लिया गया ।


एबनर असहनीय पीड़ा से मचल रहा था उसके चेहरे पर हड्डी और लटके हुए मांस के लोथड़ों के साथ-साथ अम्लराज भी बह रहा था।


वह चीखता रहा-धीरे-धीरे उसे फिर हौज में डाल दिया गया ।


फिर वही भयानक चीखें !


और इस बार एबनर को पेट तक अम्लराज में डुबो दिया गया और फिर खींच लिया गया । इस बार उसका चेहरा अपने स्थान से बिल्कुल गायब था । सिर्फ धड़ शेष रह गया था वह भी गला हुआ ।


सभी ने एबनर के धड़ को देखा, सभी के हृदय हाहाकार कर उठे ।


उसके बाद उसे पूर्णतया अम्लराज में डाल दिया गया । क्लिना भयानक था एबनर का अन्त !


मैदान में मौत जैसा भयानक सन्नाटा ।


सहसा इस सन्नाटे को भंग किया जैक्सन की आवाज ने।


- "अब नंबर है विकास का ।'


विजय इत्यादि के जेहनों में तीव्र झटका लगा । उनके अंग-अंग कांप गए ।


विजय ने विकास की ओर देखा ।


विकास का चेहरा पीला पड़ गया था उसके चेहरे पर मौत नृत्य कर रही थी आंखों में भय की परछाइयां थीं, उसकी आंखों से आंसू टपकने लगे । भयानक मौत से वह बालक कांप गया था-एकाएक वह चीखा- ' 'अंकल.. . मुझे बचा लीजिए अंकल ।' 'वह विजय से चिपट गया ।


"अरे विजय !"


वह विजय जो हमेशा भावनाओं से दूर रहने का प्रयास करता है... वह भी विकास की इस करुणापूर्ण आवाज की उपेक्षा न कर सका । पत्थर-दिल विजय भी पिघलता जा रहा था । वही विजय - जिसने देश के लिए समस्त भावनाओं का त्याग कर दिया था, जिसने अपना सर्वस्व सिर्फ देश सेवा में लगाने की सौगंध ली थी । वही विजय आज अपने दिल में विकास के प्रति उमड़ती भावनाओं का गला न घोंट सका, किंतु फिर भी वह कुछ कर पाने में असमर्थ था । उसकी आंखें शून्य में निहार रही थीं । विकास चीख रहा था । धीरे-धीरे विजय की आंखों में आंसू आने लगे ।


तीन विंगेट विकास को लगभग घसीटते हुए ले गए । विजय यूं ही बैठा रह गया | मानो वह सो गया हो । विकास चीखता हुआ 'अंकल... अंकल' कहकर कभी विजय को पुकारता, तो कभी अलफांसे को-किंतु अलफांसे का चेहरा तो पत्थर की भांति सख्त था ।


मैदान में मौत जैसा सन्नाटा छाया रहा ।


तभी विकास की एक जोरदार चीख... सबने नजर उठाकर देखा । विकास उस खौलते अम्लराज के ठीक ऊपर उल्टा लटका हुआ था । वह विचित्र - सी रस्सी उसके दोनों पैरों में बंधी हुई थी, उसे निरंतर अम्लराज के निकट लाया जा रहा था । अम्लराज खौल रहा था, बुलबले और भाप ऊपर उठ रहे थे । विकास चीख रहा - चिल्ला रहा था । जीवन की भीख मांग रहा था । वह मासूम लड़का बेहद घबरा गया था । वह रह-रहकर विजय और अलफांसे को 'अंकल अंकल' पुकार रहा था । -1


विजय की आंखें लाल होने लगी- उसकी नसों में तनाव आया-लहू में उबाल आया-जोश में उसकी मुट्ठियां खुलने व बंद होने लगी । चेहरा कनपटी तुक सुर्ख हो गया, नथुने जोर-जोर से फड़कने लगे। उसकी आत्मा उसे धिक्कारने लगी । विकास निरंतर उसे पुकार रहा था । आज विजय भावनाओं का शिकार था ।


सहसा विजय की नजर सिंहासन पर बैठी जैक्सन के पीछे पड़ी ।


वह बुरी तरह चौंक पड़ा ।


अशरफ ! घायल अशरफ जैक्सन के पीछे आ चुका था । एक-एक पल भयानक... एक- एक क्षण कीमती !


विजय ने जो कुछ किया- वह किसी छलावे की भांति! उसने अपनी सपूर्ण शक्ति समेटकर बिना किसी बात की विशेष चिंता किए एक ऊंची जम्प ली और अम्लराज से भरे हौज के ऊपर से लहराते हुए उसने लोहे की छत के नीचे की ओर लगी रॉडों में से एक पकड़ी ली । वास्तव में प्रत्येक क्षण कयामत का था।


कई काम एक साथ हुए... पहला विजय का जम्प मारकर छत की रॉड पकड़ना-दूसरा अशरफ का जैक्सन पर झपटना और उसके हाथ से वह अंगूठी निकालना- जिसका संबंध उसके मुकुट के वैज्ञानिक चमत्कारों से था । तीसरा, अलफांसे का भयानक फुर्ती से एक विंगेट की टॉमीगन छीनना-चौथा आशा का अलफांसे का अनुकरण करना ।


समस्त मैदान में एक कौतूहल मच गया ।


विजय के करिश्मे से सभी हतप्रभ थे। तभी सुनहरे प्रकाश

का वह दायरा छत से लटके विजय की ओर बढ़ा |


उसी क्षण! अलफांसे की भयानक फुर्ती.. अलफांसे इस समय बिगड़े हुए शेर की भांति था.. टामीगन लिए वह तेजी से घूमा और इससे पूर्व कि सुनहरे प्रकाश का वह दायरा विजय तक पहुंचे, अलफांसे की टामगिन गरजी... निशाना था वह स्थान - जहां से सुनहरा प्रकाश आ रहा था ।


'खनन…… .न……. ।' एक ध्वनि और प्रकाश स्रोत नष्ट हो गया ।


इतनी सब घटनाएं पलक झपकते ही हो गई थी ।


मैदान में कोलाहल मच गया । मर्डरलैंड के वे कुछ निवासी, जिनके हृदय में जैक्सन के प्रति घृणा भर गई थी-विंगेटों पर झपट पड़े । मर्डरलैंड के निवासियों और विगेंटों में भयानक युद्ध छिड़ गया । इधर घायल अशरफ कोई विशेष करिश्मा न दिखा सका । उसने एक झटके के साथ प्रिंसेज की अंगूठी निकाली और पलक झपकते ही उसे अस्तराज के हौज में फेंक दिया ।


और बस... वह तो पहले ही घायल था.. . अत: तुरंत बेहोश हो गया ।


जैक्सन ने उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया...उतरकर एक तरफ को लगभग भागी । भागते-भागते ही उसने अपने वक्ष स्थल से एक ट्रांसमीटर निकाला और शीघ्रता से ऑन करके बोली-' हैलो.. ऐल्फा ब्राऊन! "


-  "यस महान जैक्सन - ऐल्फा हियर ।'


-''ऐल्फा !'' वह खतरनाक लहजे में बोली-' 'तुरंत समस्त भारत को जलाकर राख कर दो ।"


-"ओके महान जैक्सन ।" अभी ट्रांसमीटर पर जैक्सन ने यही शब्द सुने थे कि एक शक्तिशाली इंसानीं जिस्म उसके ऊपर आकर गिरा ।