मोरीना ने इमरान की आवाज़ सुनी और डिब्बा उसके हाथ से गिर गया। इरशाद भी उसकी आवाज़ पर चौंक पड़ा था। अब उसे इसका एहसास भी हुआ कि मोरीना ज़िन्दा है और उसने उस काली-सी चीज़ की भी एक झलक देखी जो मोरीना के हाथ से गिरी। वह भी उसे रिवॉल्वर समझा।

‘‘खड़ी हो जाओ मोरीना, वरना गोली मार दूँगा।’’ इरशाद चीख़ा।

मोरीना बौखला कर खड़ी हो गयी। डिब्बा आर्टामोनॉफ़ की लाश पर पड़ा हुआ था। ‘‘अपने साथियों के हाथ उनके रूमालों और टाइयों से बाँध दो।’’ इरशाद बोला और फिर उसने रिवॉल्वर का रुख़ दरवाज़े की तरफ़ करते हुए कहा। ‘‘तुम जो कोई भी हो, बाहर ही ठहरो। अगर अन्दर आये तो मौत मिलेगी।’’

‘‘मैं अपनी बीवी की तलाश में हूँ।’’ इमरान ने रो देने जैसे अन्दाज़ में अंग्रेज़ी में कहा। ‘‘ये लोग उसे बहका कर यहाँ लाये हैं।’’

फिर उर्दू में बोला। ‘‘शाबाश, घबराना नहीं। मैं सी.आई.डी. का आदमी हूँ....हो सके तो वह डिब्बा....मगर नहीं, उस पर सिर्फ़ नज़र रखो। कोई उठाने न पाये....और अपना रिवॉल्वर हटा लो।’’

‘‘मैं कैसे यक़ीन कर लूँ।’’ धीमी आवाज़ में जवाब मिला।

‘‘उसकी गर्दन में मैंने ही फन्दा डाला था।’’

मोरीना किसी डरावनी हिरनी की तरह इरशाद को घूर रही थी।

इरशाद ने दूसरे रिवॉल्वर का हत्था मार कर चटख़नी गिरा दी और इमरान इस तरह अन्दर घुसता चला गया जैसे बेवक़्त दरवाज़ा खुलने की बिना पर अपना बैलेंस बराबर न रख सका हो। और फिर वह आर्टामोनॉफ़ की लाश पर गिर पड़ा....उस पर से उठा तो डिब्बा उसकी जेब में जा चुका था।

‘‘क्या तुम सब केंचुए हो गए हो।’’ अचानक मोरीना ने अपने आदमियों को ललकारा....और फिर ऐसा लगा जैसे उन सब की बेहोशी ख़त्म हो गयी हो।

दो फ़ायर हुए। लेकिन वे आँधी की तरह इरशाद पर गिरे थे। इरशाद के फ़ायर ख़ाली गये थे। इमरान ने मोरीना की गर्दन में लटकी हुई रस्सी को पकड़ कर झटका दिया और वह उस पर आ गिरी। इमरान उसे उसके साथियों की तरफ़ घुमाता हुआ चीख़ा। ‘‘हट जाओ। अलग हट जाओ, वरना मैं इसे मार डालूँगा।’’

उन्होंने उसकी तरफ़ देखा मगर परवाह न की। इरशाद ने फिर फ़ायर किया। एक ज़ख़्मी हो कर गिरा....लेकिन कब तक....उन्होंने उसे जल्द ही बेबस करके दोनों रिवॉल्वर अपने क़ब्ज़े में कर लिये।

दो रिवॉल्वरों की नालें इमरान की तरफ़ उठी हुई थीं और वह मोरीना की गर्दन दबोचे हुए कह रहा था, ‘‘फ़ायर करो। इस तरह पहले ये मरेगी बाद को मेरी बारी आयेगी....रिवॉल्वर ख़ाली करके मेरी तरफ़ फेंक दो, वरना मैं इसका गला घोंटता हूँ।’’

इमरान मोरीना समेत पीछे की तरफ़ खिसकता हुआ दीवार से आ लगा था और अब उसे इत्मीनान हो गया था कि अगर वह उस पर फ़ायर करेंगे तो पहले मोरीना ही शिकार होगी।

‘‘तुम बिलकुल गधे हो।’’ इरशाद उर्दू में बड़बड़ा रहा था। ‘‘सारा खेल बिगाड़ दिया।’’

‘‘अगर मैं खेल न बिगाड़ता तो तुम्हारा खेल कभी का ख़त्म हो चुका होता।’’

अचानक कई दौड़ते हुए क़दमों की आवाज़ें इमारत में गूँजने लगीं। फिर वे लोग सँभलने भी न पाये थे कि पुलिस के सिपाही उस कमरे में घुस गये दो-तीन फ़ायर फिर कमरे में गूँजे, लेकिन आने वाले उन विदेशियों से कहीं ज़्यादा थे। दो कॉन्स्टेबल ज़ख़्मी ज़रूर हो गये, लेकिन मुजरिमों में से एक भी बच कर न निकल सका।

फिर वे इमरान की तरफ़ मुड़े और इमरान ज़ोर से चीख़ा। ‘‘ऐ ख़बरदार, इधर परदा है।’’