जिन्न की मुसीबत

मेरे दोस्त जिम्मी की सिर्फ़ एक बाँह है। उसने दूसरा हाथ तब खो दिया जब वह पच्चीस साल का युवक था। उसके एक हाथ खो देने की कहानी पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन मैं कसम खाता हूँ कि यह बिलकुल सच है।

जिम्मी एक जिन्न था और सम्भवतः अब भी है। अब एक जिन्न वास्तव में हमारी तरह इन्सान नहीं होता। एक जिन्न दूसरी दुनिया का आत्मिक प्राणी होता है जो जीवन भर के लिए एक इन्सान का शरीर धारण कर लेता है। जिम्मी एक वास्तविक जिन्न था और उसके पास जिन्न का उपहार था कि वह अपनी बाँह को अपनी इच्छा के अनुसार लम्बा कर पाने में सक्षम था। अधिकांश जिन्न अपनी बाँह को बीस से तीस फीट तक लम्बा कर लेते हैं। जिम्मी चालीस फीट तक लम्बा कर सकता था। उसकी बाँह आकाश में या दीवार के ऊपर या ज़मीन के साथ चल सकती थी, जैसे कि एक सुन्दर लहराता हुआ साँप हो।

मैंने उसे एक आम के पेड़ के नीचे फैला हुआ देखा, पेड़ के ऊपर से पके आम तोड़ने में खुद की सहायता करते हुए। उसे आमों से प्यार था। वह एक जन्मजात भुक्खड़ था और शायद यह उसकी लोलुपता थी, जिसने उसे विलक्षण उपहारों का दुरुपयोग करने की ओर बढ़ाया था।

हम उत्तर भारत के एक हिल-स्टेशन पर स्थित स्कूल में साथ थे। जिम्मी विशेषकर बास्केटबॉल में अच्छा था। वह इतना समझदार था कि अपनी बाँह को ज़्यादा लम्बा नहीं करता था, क्योंकि वह नहीं चाहता था कि कोई और जाने कि वह एक जिन्न था। बॉकि्ंसग रिंग में वह सामान्यतः अपनी लड़ाइयाँ जीत जाता था। उसके प्रतिद्वंद्वी उसकी अद्भुत पकड़ से कभी नहीं छूटते प्रतीत होते थे। वह उन्हें नाक पर मारना जारी रखता जब तक कि वह रिंग से रक्तरंजित और बेसुध होकर लौट नहीं जाते थे।

यह अर्द्ध वार्षिक परीक्षा का समय था, जब मैं जिम्मी के राज़ से जा टकराया। हमें अलजेब्रा का एक बहुत ही मुश्किल प्रश्नपत्र मिला था लेकिन मैं सही उत्तर से कुछ पन्ने भरने में कामयाब रहा था और अगले पृष्ट पर आगे लिखने जा ही रहा था कि मैंने ध्यान दिया कि मेरी मेज़ पर किसी का हाथ है। पहले मुझे लगा कि यह परीक्षक का हाथ है। लेकिन जब मैंने ऊपर देखा, वहाँ मेरे अतिरिक्त कोई और नहीं था। क्या यह वह लड़का हो सकता था जो बिलकुल मेरे पीछे बैठा था? नहीं, वह अपने प्रश्नपत्र में लीन था और उसका हाथ उसके पास था। उसी बीच मेज़ पर के हाथ ने मेरी उत्तरपुस्तिका के पन्नों को पकड़ा और सावधानी से आगे बढ़ गया। उसके अवतरण का पीछा करते हुए मैंने पाया कि वह एक अद्भुत लम्बाई और लचीलेपन वाली बाँह से जुड़ा है। वह चोरी से मेज़ के नीचे घूमा और फ़र्श पर रेंगता हुआ, और यह सब करते हुए खुद को समेटता हुआ, तब तक अपनी सामान्य लम्बाई तक पहुँच गया था। इसका मालिक बेशक वही था, जो कभी अलजेब्रा में अच्छा नहीं था।

मुझे मेरे उत्तर दूसरी बार लिखने पड़े, लेकिन परीक्षा के बाद मैं सीधा जिम्मी के पास गया, उससे कहा कि मुझे उसका खेल पसन्द नहीं आया और उसका भंडाफोड़ कर देने की धमकी दी। उसने मुझसे अनुनय किया कि मैं यह बात किसी को नहीं जानने दूँ, आश्वासन दिया कि वह वास्तव में अपनी सहायता नहीं कर सका था और यह प्रस्ताव रखा कि जब भी मैं चाहूँगा वह मेरी सेवा के लिए हाज़िर रहेगा। जिम्मी को दोस्त के रूप में पाना मेरे लिए भी ललचाने वाला था, क्योंकि ज़ाहिर है कि अपनी लम्बी पहुँच की वजह से वह बहुत उपयोगी होगा। मैं चोरी के पन्नों के मसले को भूलने के लिए सहमत हो गया और हम सबसे अच्छे दोस्त बन गये।

मुझे यह जानने में ज़्यादा समय नहीं लगा कि जिम्मी का उपहार एक रचनात्मक सहायता से अधिक अवरोधक ही है। ऐसा इसलिए था कि जिम्मी के पास निम्न दर्जे का दिमाग था और वह यह नहीं जानता था कि अपनी शक्तियों का सही उपयोग कैसे करे। वह कदाचित ही तुच्छ चीज़ों से ऊपर उठ पाता था। वह अपनी लम्बी बाँह का उपयोग मिठाई की दुकान, कक्षा में, छात्रावास में करता था और जब हमें सिनेमा देखने की अनुमति मिलती तो वह इसे हॉल के अँधेरे में इस्तेमाल करता।

अब जिन्न के साथ यह समस्या है कि लम्बे, काले बालों वाली स्त्रियाँ उनकी कमज़ोरी हैं। जितने लम्बे और काले बाल हों, जिन्न के लिए उतना बढ़िया है और अगर जिन्न अपनी मनचाही स्त्री को वश में करने में कामयाब हुआ तो वह नष्ट होने लगती है और उसकी सुन्दरता का क्षय होने लगता है। उसका सब कुछ बर्बाद हो जाता है, सिर्फ़ सुन्दर लम्बे, काले बालों के अलावा।

जिम्मी इस तरह किसी को वश में करने के लिए बहुत छोटा था, लेकिन वह लम्बे, काले बालों को छूने और उन पर हाथ फेरने से खुद को रोक नहीं पाता था। उसकी इस सनक की तुष्टि के लिए सिनेमा सबसे बढ़िया जगह थी। उसकी बाँह लम्बी होनी आरम्भ हो जाती, उसकी उँगलियाँ सीटों की पंक्ति के साथ बढ़तीं रास्ता तलाशतीं और उसका लम्बा अंग गलियारे में अपना काम करता रहता जब तक उस सीट के पीछे नहीं पहुँच जाता, जहाँ उसकी प्रशंसा का पात्र बैठा होता। उसके हाथ उसके काले बालों को बहुत ही कोमलता से सहलाते और अगर लड़की को कुछ महसूस होता और वह अपने चारों ओर देखती, तो जिम्मी का हाथ सीट के पीछे गायब हो जाता और वहाँ साँप की केंचुली की तरह पड़ा रहता, फिर से प्रहार करने के लिए।

दो या तीन साल बाद कॉलेज में, जिम्मी का पहला शिकार उसके ध्यानाकर्षण की वजह से मारा गया। वह अर्थशास्त्र की व्याख्याता थी, देखने में बहुत सुन्दर नहीं थी लेकिन उसके बाल काले और चमकदार, लगभग उसके घुटनों तक पहुँचते थे। वह अक्सर उनकी चोटियाँ बना कर रखती थी, लेकिन एक सुबह जिम्मी ने उसे देखा, जब उसने अभी सिर धोया ही था और उसके बाल चारपाई पर बिखरे हुए थे, जिस पर वह झुकी हुई थी। जिम्मी खुद को और ज़्यादा वश में नहीं रख सका। उसकी आत्मा, उसके व्यक्तित्व का मूलतत्व उस औरत के शरीर में घुस गया और अगले दिन वह व्याकुल, बुखार-सा महसूस करती हुई और उत्तेजित थी। वह खा नहीं पा रही थी और कोमा में चली गयी और कुछ दिनों में ही हड्डियों का ढाँचा भर रह गयी। जब वह मरी तो उसके अन्दर त्वचा और हड्डी के अलावा कुछ नहीं बचा था, लेकिन उसके बालों ने अपना लुभावना रूप नहीं छोड़ा था।

मैंने इस दुःखद घटना के बाद जिम्मी को टालने के लिए बहुत दर्द झेला। मैं यह प्रमाणित नहीं कर सकता था कि वह उस स्त्री की दुःखद मृत्यु का कारण है, लेकिन अपने हृदय में मैं इस बात के लिए निश्चित था, क्योंकि जिम्मी से मिलने के बाद मैं जिन्न के बारे में बहुत कुछ पढ़ चुका था और उनके तरीकों को जानता था।

हमने कुछ सालों तक एक-दूसरे को नहीं देखा। और फिर पिछले साल पहाड़ों पर छुट्टियाँ बिताते हुए मैंने पाया कि हम दोनों एक ही होटल में ठहरे हुए हैं। मैं उसे नज़रअन्दाज़ नहीं कर पाया और जब हमने कुछ बियर साथ पी ली तो मुझे यह महसूस होने लगा कि शायद मैंने जिम्मी को गलत समझा है और वह एक गैर ज़िम्मेदार जिन्न नहीं है जो मैंने समझ लिया था। शायद कॉलेज की व्याख्याता किसी रहस्यमय रोग की वजह से मरी जो सिर्फ़ कॉलेज की व्याख्याताओं पर ही आक्रमण करता था और जिम्मी का उससे कोई लेना-देना नहीं था।

हमने मुख्य व्यस्त सड़क के ठीक नीचे के एक घास के टीले पर दोपहर का भोजन और कुछ बोतल बियर पीने की सोची। दोपहर ढलने लगी थी और मैं बियर के प्रभाव की वजह से सो गया था। जब जागा तो पाया कि जिम्मी बहुत उत्तेजित दिख रहा था।

“क्या बात है?” मैंने पूछा।

“वहाँ ऊपर, देवदार के पेड़ के नीचे,” उसने कहा। “सड़क के ठीक ऊपर। क्या तुम उन्हें देख नहीं सकते?”

“मैं दो लड़कियों को देख रहा हूँ,” मैंने कहा, “तो क्या?”

“वह जो बायें है। क्या तुमने उसके बालों पर ध्यान नहीं दिया?”

“हाँ, वे बहुत लम्बे और सुन्दर हैं और—अब देखो जिम्मी, बेहतर होगा कि तुम खुद पर नियन्त्रण रखो” लेकिन उसका हाथ पहले ही नज़र से ओझल हो चुका था, उसकी बाँह पहाड़ी के किनारे और सड़क के पार रेंग रही थी।

मैंने देखा कि वह हाथ किन्हीं झाड़ियों से निकलकर और सावधानी से उस काले केशों वाली लड़की की ओर बढ़ रहा था। जिम्मी समय बिताने के अपने इस प्रिय कार्य में इतना व्यस्त था कि वह हॉर्न का बजना भी नहीं सुन पाया। सड़क के मोड़ से एक तेज़ मर्सिडीज बेंज ट्रक चला आ रहा था।

जिम्मी ने ट्रक देखा लेकिन उसके लिए समय नहीं बचा था कि वह अपनी बाँह को खींच कर सामान्य कर सके। वह सड़क की पूरी चौड़ाई पर पड़ा हुआ था और जब ट्रक इसके ऊपर से गुज़रा, वह दर्द से छटपटाया और तड़पा जैसे कि एक घायल अजगर हो।

इससे पहले कि ट्रक चालक या मैं चिकित्सक को लाते, बाँह (जो कुछ भी उसका शेष बचा था) अपने साधारण आकार में लौट चुकी थी। हम जिम्मी को अस्पताल ले गये और चिकित्सकों को यह ज़रूरी लगा कि उसका हाथ काट दिया जाये। ट्रक चालक जो इस बात को लगातार दोहरा रहा था कि जिस बाँह पर उसने गाड़ी चढ़ायी, वह कम-से-कम तीस फीट लम्बी थी, उसे शराब पीकर गाड़ी चलाने के जुर्म में हिरासत में ले लिया गया।

कुछ हफ़्तों बाद मैंने जिम्मी से पूछा, “तुम इतने अवसाद में क्यों हो? तुम्हारे पास अब भी एक हाथ है। क्या वह भी उसी तरीके से प्रतिभा सम्पन्न नहीं?”

“मैंने कभी जानने की कोशिश नहीं की,” उसने कहा, “और अब मैं कोशिश भी नहीं करूँगा।”

वह बेशक दिल से अब भी एक जिन्न था और जब भी किसी लम्बे बालों वाली लड़की को देखता, वह बहुत ही भयानक रूप से अपने एक बढ़िया हाथ को प्रयोग करने के लिए ललचाता और उसके सुन्दर बालों को सहलाना चाहता था। लेकिन उसने अपना सबक सीख लिया था। बिना किसी वरदान के एक इन्सान बनना ज़्यादा सही था, बनिस्पत एक जिन्न या एक अति प्रतिभाशाली के जिसके पास कई उपहार हों।