." देखना ही नहीं चाहते मम्मी उससे मिलकर दिलजली सुनना चाहते है ।"


''खैर, पहले देखो ।'' जैक्सन ने कहा-' 'दाएं रखी स्कीन को देखो ।" कहने के साथ ही उसने एक विंगेट को संकेत किया ।


सबकी निगाहें स्क्रीन की ओर उठीं ।


वहां विकास था ।


दृश्य भी कुछ ऐसा था जिसमें सभी खो गए ।


इस समय विकास के जिस्म पर मर्डरलैंड का सरकारी लिबास था । यानी चुस्त स्याह लिबास चुस्त लिबास में विकास का गठा हुआ जिस्म एकदम स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा था।


इस समय वह एक बड़े से लड़के के पास खड़ा था । सहसा स्क्रीन से विकास की आवाज - "क्यों बे, तेरे बाप का नाम क्या है?"


- 'जॉन माल्टेन !'' उस लड़के ने उत्तर दिया ।


- " क्यों... क्या वे लालटेन बनाते है?'' विकास जबरदस्ती उससे लिपटता हुआ बोला ।


- "नहीं ।"


- "तो उनका नाम माल्टेन क्यों है?"


"पता नहीं ।"


और फिर!


सब आश्चर्यचकित रह गए ।


इधर उस लड़के के मुख से शब्द निकले - उधर उसके जबड़े पर विकास का एक घूंसा टकराया - जिसने उसे फर्श चाटने पर मजबूर कर दिया । विकास ने एक जोरदार ठोकर उसके जबड़े पर मारकर कहा-' उल्लू के पट्ठे, तू ये भी नहीं जानता कि तेरे बाप का नाम माल्टेन क्यों पड़ा? "


... और बेचारा वह लड़का । कुछ समझ न पाया था विकास ने उसकी तबीयत दुरुस्त कर दी और वह चीखता ही रह गया ।


अलफांसे की आंखों में एक चमक उभर आई ।


अन्य समस्त आश्चर्यचकित थे ।


"क्यों बे लूमड़ - तुमने साले इसे पक्का कर दिया ? " " है न मर्डरलैंड का दुश्मन?


-  "मिस्टर विजय!" जैक्सन बोली- 'ये विकास है जिसने मर्डरलैंड में एक प्रकार से तहलका मचा रखा है। पहले उल्टे-सीधे प्रश्न पूछता है और फिर अलफांसे द्वारा सिखाए गए खतरनाक जौहरों से तबीयत हैरी कर देता है । "


"मम्मी.. .इस दिलजले को यहां लाओ।"


ओके जैक्सन ने कहा और फिर एक अन्य बटन दबाकर बोली ।


"विंगेट नंबर जीरो सेवन जाते "


- "यस ग्रेट प्रिंसेज! " घरघराती हुई-सी एक आवाज ।


.."विकास को यहां लाया जाए।'


सिर्फ दस मिनट पश्चात !


विकास को लाकर हॉल के फर्श पर डाल दिया गया । वह भूली के साथ उठ खड़ा हुआ और चीखा -


"अरे झकझकिए अंकल !"


और फिर वह विजय की ओर दौड़ा । विजय ने उसे बांहों में ले लिया - किंतु इसका क्या किया जाए कि विकास यहां भी चूका नहीं... उसने विजय के इतनी जोर से चूंटी काटी कि विजय उछल पड़ा - ' 'अरे!'' उसके मुख से निकला ।


"अबे ओ शैतान की औलाद !"


." विकास बेटे, हम भी खड़े हैं ।'' अलफांसे बोला । 'मैंने तुम्हें देख लिया है क्राइमर अंकल, लेकिन तुमसे बात नहीं करते ।"


"क्यों क्या हुआ?" 


"तुम एक नम्बर के गद्दार हों- तुमने मेरे दादा का चेहरा लगाकर झकझकिए अंकल को गोली मारी थी ।"


और जवाब में सभी ने एक जोरदार ठहाका लगाया ।


"अच्छा जासूस दोस्तों अब आप लोग आराम करें । फिलहाल मेरे पास अधिक समय नहीं है लेकिन ध्यान रहे - अगर किसी प्रकार की गलत हरकत की, तो असफल होने पर मर्डरलैंड में भयानक सजाएं हैं । "


"किंतु मम्मी - अगर हम सफल हो गए? "


'तुम्हारी सफलता पर मुझे खुशी होगी किंतु असफलता का परिणाम तुम जानते ही हो ।'' जैक्सन ने कहा और उन्हीं संगीत की लहरों के साथ वह हमेशा की भांति विलुप्त हो गई ।


सभी पर विंगेटों की नजर' थी । विकास उनके साथ में ही था ।


'हां तो अकंल, मम्मी-डैडी के हाल तो आपने हमें बता ही दिए .. . वे ठीक हैं- इसी खुशी के अवसर पर पेश है, एक ताजा-ताजा दिलजली जो यहां मर्डरलैंड में ही तैयार की है।' विकास बोला ।


अब वे सब स्नान आदि से निवृत्त होकर पास-पास ही बैठे थे -खाना उन्हें किसी मेहमान की भांति दिया गया था किंतु विंगेटों की सतर्कतायुक्त उपस्थिति बता रही थी कि वे कैदी है ।' 'मिस्टर दिलजले!" 


और इससे पूर्व कि विकास कुछ कहे वातावरण में संगीत की लहरें गूंजने लगीं साथ ही प्रिंसेज जैक्सन का आगमन, विंगेट आदर व श्रद्धा से झुके ।


" हैलो प्यारे जासूसो !"


''प्रिंसेज जैक्सन.. .मेरे दिमाग में कुछ उलझनें हैं, जिनका मैं समाधान चाहती हूं ।'' बोलने वाली आशा थी ।


- "कैसी उलझनें"


"यही कि मर्डरलैंड स्पेस में स्थित हैं- किंतु फिर भी यहां पर्याप्त ऑक्सीजन है ? "


."तुम्हारा मतलब है कि तुम्हें अपनी कुछ वैज्ञानिक शक्ति के विषय में बताऊं? "


"यस ।"


"ओके। " जैक्सन ने एक विंगेट की ओर किया- "विंगेट नम्बर डबल नाइन ?कुछ संकेत"


- "यस महान जैक्सन ! "


"इन सभी को प्रयोगशाला में ले जाओ।"


-"ओके महान जैक्सन ।"


और फिर!


उन पांचों को लगभग दस विंगेटों की मशीनगनों के साए में आगे बढ़ाया गया । वे बाहर आए चट्टानें पहले ही की भांति लाल थीं । अभी तक उन्होंने मर्डरलैंड में जो कुछ देखा था- सब लाल ही लाल था । सिर्फ विंगेट और जैक्सन के सिंहासन के अतिरिक्त ।


कुछ देर तक वे चट्टानों में बनी पगडंडी पर चलते रहे । यहां की प्रत्येक वस्तु लाल थी- यह बात पांचों के दिमाग में प्रश्नवाचक चिन्ह के रूप में कुलबुला रही थी ।


कुछ ही दूरी तय की होगी कि वे एक लाल चट्टान में घुस गए-जो वास्तव में एक खोखली चट्टान थी । उस चट्टान में जाने के बाद एक बटन दबाया गया ।


फर्श पर रिक्त स्थान बना ।


सब उसी में समा गए ।


सीढ़ी उतरकर नीचे पहुंचे ।


यह एक प्रयोगशाला थी... विशाल प्रयोगशाला !


यह एक हॉल था- जिसमें एक बहुत बड़ी प्रयोगशाला थी !

स्थान-स्थान पर बड़े-बड़े जार.... साइंस के उपकरण... खतरनाक अस्त. ..विचित्र विचित्र मशीनें यहां रखी हुई थी। तभी उनके सामने एक व्यक्ति आया ।


हुलिया ही बता रहा था कि वह कोई वैज्ञानिक है ।


लम्बे-पतले, ढलती आयु के इस व्यक्ति के जिस्म पर एक सफेद चोगा था... एक ढीली ढाली गर्म पैंट और पैरों में क्रेप सोल के जूते । उसके सिर पर बहुत कम और सन की भांति सफेद बाल थे । माथा चौड़ा था-म्हिंबीच में एक विचित्र - सा गड्ढा था सफेद दूध की भांति सफेद दाढ़ी और मूंछें, गाल, कुछ अंदर को धंसे हुए थे और लम्बी-सी नाक पर एक गांधी टाइप चश्मा रखा था ।


वह आगे बढ़ा और बड़े स्वागत भाव में बोला-' 'आइए, मैं आप ही की प्रतीक्षा कर रहा था ।' '


"बड़े विचित्र आदमी है आप-हमने आपसे प्रतीक्षा करने के लिए नहीं कहा - लेकिन एक आप हैं कि हमारी प्रतीक्षा ही किए जा रहे हैं । " विजय नाक सिकोड़कर बोला ।


- "मुझे महान जैक्सन ने आपके आगमन की सूचना दे दी है मिस्टर विजय ।" वह व्यक्ति अपने होंठों पर मुस्कान बिखेरता हुआ बोला । वैसे यह एक अलग बात है कि दाढ़ी-मूंछों की उपस्थिति में उसके होंठ चमक ही न रहे हों।


"निहायत ही बदतमीज आदमी हैं आप... मेरी इजाजत के बिना आप नाम भी जान गए? -


"मिस्टर विजय-आपको कौन नहीं जानता? आप तो धरती के महान जासूस हैं । " वह व्यक्ति उसी प्रकार मुस्कराता हुआ बोला ।


- "देखिए मिस्टर... |"


." ऐल्फा ब्राउन.. . मुझे ऐल्फा ब्राउन कहते है ।'' उसने परिचय दिया ।


- "ऐल्फा ब्राउन की जगह अगर बीटा ब्राउन भी कहते तो कोई विशेष अंतर नहीं पड़ता. लेकिन हम कहना ये चाहते हैं कि आप हमारा शुभ नाम कैसे जानते हैं?


"महान जैक्सन ने बताया ।"


"लेकिन तुम्हें ये कैसे मालूम हुआ कि इतनी पब्लिक में मैं ही विजय हूं।"


"हमारे पास चौबीस घंटे आप लोगों पर नजर रखने हेतु स्क्रीन है ।"


- 'हूं।'


और अभी विजय कुछ बोलने ही जा रहा था कि जैक्सन की आवाज-' 'प्यारे जासूस दोस्तों... ये हैं स्पेस में मर्डरलैंड के निर्माण में मेरे सर्वोच्च सहायक प्रोफेसर ऐल्फा ब्राउन.. मर्डरलैंड की समस्त वैज्ञानिक शक्ति इन्हीं की देन है । " 


- ''मैं तो आपका सेवक हूं महान जैक्सन" ऐल्फा श्रद्धा से झुककर बोला ।


और तभी!


मुस्कराती हुई प्रिंसेज जैक्सन ठीक उनके पास ही प्रकट हुई और बोली- "विज्ञान के विषय में आप लोगों को प्रोफेसर ही सब-कुछ बताएंगे ।" उसके बाद जैक्सन ने ऐस्का की ओर मुखातिब होकर कहा-"प्रोफेसर इन्हें मर्डरलैंड की वैज्ञानिक शक्ति से परिचित कराओं ।"


"जैसी आज्ञा, महान जैक्सन ! "


और फिर !


ये सभी प्रयोगशाला में प्रोफेसर ऐल्फा के पीछे चलते रहे । जैक्सन भी सबके साथ थी । विंगेटों का घेरा उनके चारों ओर था, जो प्रत्येक क्षण मुस्तैद नजर आते थे ।


अंत में !


वे एक मशीन के पास पहुंच गए...लाल लोहे एक मशीन... प्रयोगशाला में उपस्थित अन्य मशीनों की अपेक्षा वह कुछ विशाल थी । ऐसा लगता था... जैसे अखबार छापने की कोई मशीन रखी हो । यूं उसकी रचना, पुर्जे और कार्यविधि अखबार छापने की मशीन से बिलकुल पृथक थी किंतु विशालता में वह इक्कीस ही रही होगी ।


लाल लोहे की बनी यह विशाल मशीन किसी दैत्य की भांति लगती थी । पुर्जे कुछ ऐसे निकले हुए-से थे जिन्हें देखकर डर लगने लगा ।


उन सबको विचित्र - सी आरामदेह कुर्सियों पर बैठाया गया--विकास विजय की गोद में ही बैठा था..


किंतु न जाने क्यों वह इस समय कुछ बोल नहीं रहा था, बल्कि बड़े ध्यान से मशीन को देख रहा था ।


प्रत्येक शातिर के दिमाग में अलग-अलग योजनाएं जन्म ले रही थी ।


जैक्सन उनके सामने उनसे कुछ ऊंची कुर्सी पर बैठकर


बोली - "प्रोफेसर ऐल्फा- ये हमारे कुछ वफादार दोस्त हैं । इन्हें हमारी वैज्ञानिक शक्ति बताओ ।"


"पहले तो मेरी एक बात का जवाब दो मम्मी ।" - "बोलो!


"मैं मर्डरलैंड की प्रत्येक वस्तु लाल देख रहा हूं... इसका रहस्य क्यो है?"