मेहँदी लगे हाथ
वीर और अजय, दोनों घर पर आ गए थे। आज वो दिन था जिस दिन की कल्पना वीर ने कभी भी नहीं की थी। वीर सुबह से ही अपने कमरे के अन्दर था। वीर ने माया के दिए हुए गिफ़्ट्स, तस्वीरें, लव-लैटर, उसकी बालों की क्लिप आदि सब कुछ निकालकर बैड़ पर रखा हुआ था। वीर उनको छूकर देख रहा था। उसकी आँखों से आँसू लगातार निकल रहे थे। वह अचानक ही बोल पड़ता कि माया तुम सिर्फ़ मेरी हो। प्लीज़, ऐसा मत करो, लेकिन वहाँ उसे ना कोई सुनने वाला था और ना ही कोई सँभालने वाला।
जब वीर के आँसू सूख गए तब वह मौन होकर कमरे में बैठा रहा। शाम को अजय वीर के पास आया तो उसने उसे उसका मोबाइल ठीक करवाकर दिया, जो छत से फेंकने के कारण टूट गया था। अजय ने देखा कि कमरे में माया की यादे बिखरी पड़ी थी और वीर बस बैठा उन्हें देखे जा रहा था। अजय को महसूस हुआ कि आज अगर वीर को अकेला छोड़ा तो जरुर कुछ गड़बड़ हो सकती है।
अजय वीर को थोड़ी देर के लिए बाहर ले गया। रास्ते में वीर ने कहा कि आज दारू पीते हैं। दोनों बोतल लेकर शाम को उसी रास्ते पर पहुँच गए जहाँ वीर ने माया को प्रपोज़ किया था। हल्का अँधेरा बिखर रहा था। आधी बोतल ख़ाली करने के बाद वीर ने अपना मोबाइल चालू किया। मोबाइल चालू होते ही उस पर माया का मैसेज आया जो एक दिन पहले का था। मैसेज में लिखा था कि वो वीर के साथ घर छोड़कर चलना चाहती है, वह उस लड़के से शादी नहीं करना चाहती। जो कुछ भी हो रहा है वो मजबूरी में कर रही है। वीर ने मैसेज अजय को दिखाया।
“अबे नहीं, यार। प्लीज़ अब मत शुरू करो यार तुम लोग। तेरे चक्कर में एक तो मैं वैसे ही ज़्यादा पीने लग गया हूँ और ऊपर से साला तुम लोगो का चुतियापा ही ख़त्म नहीं होता है।” अजय ने झुंझलाकर कहा।
“यार, अब तू देख। तुझे तो सब बात पता ही है। माया मुझसे बहुत प्यार करती है। उसकी मजबूरी थी क्योंकि वो जब भी मुझसे शादी की कहती तो मैं यह कहता कि हाँ करेंगे, लेकिन कभी भी उसे सही जवाब नहीं दिया। यार, वो बहुत नादान है। फँस जाएगी किसी ग़लत बन्दे के साथ।” वीर ने कहा।
“पागल हो गया है क्या तू? वो कहीं प्यार-व्यार नहीं करती तुझसे, समझा? अगर करती तो अपने घरवालों से झगड़ा तो करती कि उसे शादी अभी नहीं करनी या तुझसे करनी है, लेकिन उसने ‘हाँ’ कर दी और तुझे बताया तक नहीं। नादान तो वो बिल्कुल भी नहीं है बहुत चालू है, समझा? अपनी आंखों से ये इश्क़ का पर्दा हटा और सच्चाई देख।” अजय ने सिगरेट का कश लगाते हुए कहा।
“नहीं, ऐसा नहीं है। यह मैसेज देखा न तूने? वो मेरे बिना नहीं रह सकती है। बुला रही है वो मुझे।” वीर ने कहा।
“अब मैसेज दिखा रहा है कि वो बुला रही है। और परसो तुझको गाली दे रही थी और कह रही थी कि आगे से कभी फ़ोन मत करना।” अजय ने कहा।
“भाई, वो कभी-कभी गुस्सा होती है तो कुछ भी बोल देती है। कभी-कभी वो चण्डी का रूप ले लेती है, लेकिन छोड़ यह सब अब चलते है और तेरी भाभी को लेकर आते है।” वीर ने कहा।
“अबे, चण्डी नहीं रण्डी है वो, समझा। तुझे चूतिया बना रही है वो शुरुआत से। मैंने तो तुझे पहले भी कहा था।” अजय ने गुस्से से चिल्लाकर कहा।
अजय की बात सुनकर वीर को गुस्सा आ गया। उसने अजय का कॉलर पकड़ लिया और कहा कि कभी भी यह बात माया के लिए मत बोलना, नहीं तो मार दूंगा, समझा?
“भाई सॉरी, यार। मुझसे तेरी यह तड़प देखी नहीं जाती और इससे पहले मैंने तुझे कभी इतना कमज़ोर बनते नहीं देखा।” अजय ने कहा।
“चल तो। आज माया के घर चलते हैं और उसे लेकर आते हैं।” वीर ने कहा।
“साला, क्या-क्या करना पड़ेगा तेरे प्यार के चक्कर में? कह रहा है कि किसी ग़लत बन्दे के साथ फँस जाएगी, मुझे तो अभी तू ही ग़लत बन्दा लग रहा है।” अजय ने बाइक पर बैठते हुए कहा।
अजय ने बाइक स्टार्ट की और विक्की के घर की तरफ़ निकल गए। विक्की अजय का दोस्त था जो बदमाशों का बदमाश था। विक्की को इस तरह के काम का पहले भी Experience था। वो ख़ुद दो बार लड़की को घर से भगाकर ले जा चुका था। इसलिए अजय ने विक्की को साथ ले जाना ही ठीक समझा। विक्की ने दो बेसबॉल के बल्ले बाइक में लगाए और तीनों ने माया के घर की तरफ़ रफ़्तार पकड़ ली।
तीनों एक घंटे के बाद माया के घर के पास पहुंचे। तीनों ने माया के घर से 500 मीटर दूर बाइक खड़ी की। विक्की ने वीर और अजय से कहा कि भाई, पहले तुम दोनों जाकर रेकी कर आओ और वीर अपनी बन्दी से बात कर लेगा। अगर वो ‘हाँ’ करती है तो फिर तीनों उसको प्लानिंग के साथ लेकर आएंगे, क्योंकि ऐसे मामलों में प्लानिंग ही सब कुछ होता है। नहीं तो गड़बड़ भी हो सकती है। मेरा नाम इसलिए ही तो ख़राब है कि दो बार लड़की को घर से लेकर भाग गया, अब कोई यह नहीं बताता कि एक ही लड़की को दो बार लेकर भागा हूँ क्योंकि पहली बार में प्लानिंग नहीं की थी तो सब गड़बड़ हो गया था, इसलिए दोस्तों, इस चीज़ में प्लानिंग ही सब कुछ है।
वीर और अजय, दोनों माया के घर की तरफ़ चल पड़े। माया के घर के मेन गेट के पास ही शादी का स्टेज बना हुआ था। वीर और अजय जब मेन गेट के पास पहुँचे तो वीर ने स्टेज पर माया को देखा। वो मुस्कुरा रही थी। वीर ने माया को मुस्कुराते हुए देखा और वहीं पर रुक गया। वीर की आँखों से आँसू लुढ़ककर नीचे गिर गए। अजय ने वीर से कहा कि भाई, ये तो खुश है इस शादी से। इसे देखकर तो बिल्कुल भी नहीं लगता कि वो शादी नहीं करना चाहती। तो उसने वो मैसेज वैसे ही मज़ाक़ में कर दिया था क्या?
वीर वहाँ से मुडा और दीवार के साथ लगकर खड़ा हो गया। उसने अपनी आँखें बन्द की और कुछ सेकेंड़ के बाद वीर ने आँखें खोली और वहाँ से वापिस चल दिया। उसके पीछे-पीछे अजय भी वापिस चल दिया। वीर विक्की के पास पहुंचा और रोड़ के साइड़ में खेत में जाकर पसर गया और रोने लगा। विक्की ने अजय से पूछा कि क्या हुआ?
“भैंचो, जब इंसान के नीचे का Testesterone Hormone दिमाग़ में चढ़ जाता है ना, तो इसके जैसे चूतिए आशिक़ पैदा होते हैं जो सही और ग़लत में पहचान ही नहीं कर पाते। वफ़ाएं तक लौटकर नहीं आती आज के टाइम में और इसे बेवफ़ा के लौटकर आने की उम्मीद थी। अभी इसको रो ही लेने दो। जब इसके अन्दर का गुबार बाहर निकल जाएगा न, तब ही चलेंगे यहाँ से।” अजय ने अपनी पॉकेट से सिगरेट का पैकेट निकालते हुए कहा।
थोड़ी देर बाद विक्की और अजय वीर के पास गए, जिसके रोने में जुदाई का दर्द और तड़प थी।
“भाई, चल न अब यहाँ से। ख़त्म कर यह सब अब। मैंने तो तुझे पहले ही कहा था कि यहाँ मत आ। तुझसे यह सब सहन नहीं होगा। माया पर तू विश्वास कर रहा था और उसकी सच्चाई तो तूने यहाँ देख ही ली।” अजय ने वीर के पास नीचे बैठकर कहा।
“भाई, यह तो सब जीवन में चलता ही रहता है। अपना प्यार खोया है तूने। मानता हूँ कि दर्द होता है कहीं जो चुभता रहता है जीवनभर, लेकिन आगे तेरे पूरी लाइफ़ पड़ी है और तुझे बहुत कुछ करना है।” विक्की ने कहा।
“मुझे यहाँ नहीं आना चाहिए था। मैंने वो देखा जो मुझे कभी भी इस तरह नहीं देखना था। मैंने माया को शादी के जोड़े में देखा और वो भी किसी और के लिए। ये सहन ही नहीं हो रहा है मुझसे। और वो वहाँ मुस्कुरा रही थी। उसकी मुस्कुराहट ने मेरा दिल चीर दिया। माना कि आगे भी शायद कर लूँगा जीवन में कुछ, लेकिन जीवनभर मुझे ये चुभता रहेगा कि माया के मेहँदी लगे हाथ मेरे नहीं हो पाए।” वीर ने दोनों की तरफ़ देखकर आंसू पोंछते हुए कहा।
अजय ने वीर को खड़ा किया और कहा कि अब यह प्यार की रट लगाना छोड़ और याद रख, फ़रेब नाम भी प्यार की एक खोज है। मैं थोड़ी देर में आता हूं और फिर यहाँ से निकलते है। अजय के वापिस आने के बाद तीनों वहाँ से अपने घर की तरफ़ चल दिए। उन्होंने विक्की को उसके घर पर छोड़ा और वो दोनों आधी बची शराब की बोतल को ख़ाली करने के लिए बैठ गए।
यह रात वीर के लिए एक भयानक रात थी। इस रात को सहन करने के लिए किसी प्रेमी में कलेजा होना बहुत ज़रूरी है। वीर ने आज रात वो देखा था जो हर किसी प्रेमी के देखने की बस की बात नहीं होती है। ऐसी स्थिति में प्रेम कहीं छूट जाता है और प्रेमी टूटकर बिखर जाता है।
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