अब ये लोग संभल गए थे किंतु कुछ करने में अब भी असमर्थ थे.. .अब सार्फेस्टा कोई यान नहीं बल्कि धातु का बना महज एक डिब्बा रह गया था क्योंकि मशीनरी तो नष्ट हो ही चुकी थी ।
विजय संभलकर झटके सहता हुआ एक दीवार तक पहुंचा और उसने एक खिड़की खोल दी । खिड़की खुलते ही वे दंग रह गए, आग की रेखा अब भी सार्फेस्टा के साथ ही थी ।
हैलो - धरती के जांबाज व्यक्तियों ।" सहसा उनके दिमागी तार झनझनाए, उनकी समझ में इन घटनाओं का रहस्य आता जा रहा था । सार्फेस्टा के अन्दर गूंजने वाली यह आवाज प्रिंसेज जैक्सन के अतिरिक्त किसी की न थी। सभी हक्के-बक्के से इधर-उधर देख रहे थे । .......
- "आप लोग मर्डरलैंड की खोज में निकले हैं मैं कामना करती हूं कि आप मर्डरलैंड सुरक्षित पहुंच जाएं । वैसे वह लड़का विकास तुम सबका बाप साबित हुआ है और मैं धन्यवाद देती हूं मिस्टर अलफांसे को- जिन्होंने विकास को आश्चर्यजनक जौहर सिखाकर उसे अत्यंत खतरनाक व्यक्ति बना दिया है । वास्तव में मिस्टर अलफांसे, हम मान गए कि तुमने विकास को मर्डरलैंड का दुश्मन बना दिया है लेकिन इस समय वही दुश्मन मर्डरलैंड की सरकार में सम्मिलित कर लिया गया है क्योंकि उसने तुम्हें बताया कि मर्डरलैंड स्पेस में है-किंतु मैं आप लोगों को यह भी बता दूं कि ये जानते हुए भी कि मर्डरलैंड स्पेस में स्थित है, आप मर्डरलैंड को किसी भी कीमत पर खोज नहीं सकते क्योंकि मर्डरलैंड अदृश्य है ।" चारों शांति के साथ सार्फेस्टा के फर्श पर पड़े थे । झटके अब नहीं लग रहे थे ।
"प्यारे दोस्तों, अगर मैं चाहूं तो एक पल में तुम्हें अंतरिक्ष के उस पार पहुंचा दूं-जहां मरने के बाद ही जाते हैं क्योंकि आप लोग चोरी-छुपे उसमें प्रविष्ट होने के स्वप्न देख रहे थे-अत: आप लोगों को मर्डरलैंड आना ही था तो सार्फेस्टा को अदृश्य करने की क्या आवश्यक्ता थी। -- मैं जानती हूं कि भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसेर सुभ्रान्त एक प्रगतिशील और होनहार व्यक्ति है- किंतु ये यह नहीं जानते कि मर्डरलैंड जैसी शक्ति से टक्कर लेना स्वप्न-मात्र ही है। उन्होंने अपनी बुद्धि से सार्फेस्टा को अदृश्य तो कर दिया किंतु ये नहीं सोचा कि मर्डरलैंड के पास ऐसी आंखें हैं जिनसे अदृश्य वस्तुओं को देखा जा सके । अगर अब भी मेरी वैज्ञानिक शक्ति से प्रभावित नहीं हो तो अपने सार्फेस्टा को देखो क्या यह गतिशील है? " सबने देखा । -
आश्चर्य से आंखें फैल गई ।
सार्फेस्टा इस समय स्थिर था ।
"जानते हो स्पेस क्या चीज है? स्पेस वह स्थान है जहां जाकर कोई वस्तु बिना किसी बाहरी शक्ति के बाहर नहीं आ सकती । जानते हो, महाभारत के युद्ध के वे हाथी-घोड़े और रथ आज तक स्पेस में तैर रहे हैं जिन्हें स्वयं भीम ने उठाकर स्पेस में फेंक दिया था । 1
- इसी प्रकार स्पेस में अनेकों वस्तुएं तैर रही हैं, जिन्हें शायद कभी स्पेस से निकालने का कोई प्रयास सफल नहीं हो सकता-ये सार्फेस्टा स्पेस में फेंक दिया जाए तो कैसा रहे?" एक बार को तो चारों ही सिहर गए। उन्हें ऐसा लगा, जैसे मरने के बाद भी उनके जिस्म स्पेस में ही तैरते रहेंगे- किंतु तभी जैक्सन आगे बोली- ' 'तुम मेरी वैज्ञानिक शक्ति तो देख ही रहे हो। तुम्हारा यह सार्फेस्टा इस समय हवा में लटका हुआ है। यह कोई जादू नहीं बल्कि ध्यान से देखो तो तुम सार्फेस्टा के दोनों ओर दो धुएं की लकीरें-सी देखोगे-इन लकीरों के कारण ही तुम लोग वायु में लटके हो क्योंकि इनमें से एक धुआं निगेटिव है और दूसरा- पाजिटिव जब तक मैं ये धुआं न हटा लूं तब तक तुम्हारा सार्फेस्टा इसी तरह हवा में लटका रहेगा । -
- - और यह जो आग की रेखा देख रहे हो अगर मैं इसे एक सेकंड के लिए भी तुम्हारे सार्फेस्टा से स्पर्श कर दूं तो तुम्हारे सार्फेस्टा के लाखों-करोड़ों टुकड़े ही न हो जाएं, बल्कि परमाणुओं में बदल जाएं जो हमेशा ब्रह्मांड में ही चक्कर लगाते रहें.. .यह अग्नि की रेखा मेरा एक छोटा-सा मजाक समझो, जो मेरे एक संकेत पर तुम्हें और तुम्हारे सार्फेस्टा को परमाणु में बदल डालेगी ।
- यह आग की रेखा अन्य कुछ नहीं सिर्फ लाल फास्फोरस की रेखा है, जिस पर खतरनाक किस्म का बारूद लिपटा हुआ है जो धातु से क्रिया करते ही धातुओं को परमाणुओं में बदल देता है । जानते हो - परमाणु उन्हें कहते हैं जिन्हें नंगी आंखों से देखना संभव नहीं ।
-- किंतु घबराओ नहीं बहादुरी - मैं तुम्हरे सार्फेस्टा को नष्ट नहीं करूंगी-क्योंकि आप लोग मडर्रलैंड के नागरिक हैं और मर्डरलैंड के किसी भी नागरिक को मैं बिना किसी अपराध के दंडित नहीं किया करती-वैसे भी तुम जैसे साहसी, बुद्धिमान और शक्तिशाली व्यक्तियों की जरूरत हमेशा मर्डरलैंड को रही है । मैं यह भी जानती हूं कि तुम मुझे कोई हानि पहुंचाने के काबिल नहीं लेकिन अगर किसी तरह पहुंचा भी दो, तो मैं इसे अपना सौभाग्य समझंगो-क्योंकि उससे मेरी ही ऐसी कोई कमजोरी उभरकर सामने आएगी, जिसे मैं अभी तक पहचानती नहीं हूं ।"
विजय, अलफांसे और आशा तो क्योंकि इससे पूर्व भी मर्डरलैंड में जैक्सन से मिल चुके थे इसलिए जैक्सन की बातों पर अधिक आश्चर्य न हुआ किंतु अशरफ को जैक्सन की बातों से ऐसा अवश्य लग रहा था - जैसे प्रिंसेज ऑफ मर्डरलैंड पागल हो गई हो ।
- "आप सभी लोग बुद्धिमान हैं.. . इसमें कोई संदेह नहीं -किंतु सबसे अधिक प्रभावित मैं मिस्टर अलफांसे से हूं - जिन्होंने धरती पर मेरे आतंक से न सिर्फ स्वयं को बचाया-बल्कि कंकालों से भी बचकर भागने में सफल हो गए ।'' जैक्सन अभी आगे कुछ कहने ही जा रही थी कि विजय चीखा-' 'मम्मी, इस साले लूमड़ को हमने हैलीकॉप्टर से बचाया था वरना वे कंकाल साले का भुर्ता बना देते और फिर बड़े चाव से खाते ।"
लेकिन जैक्सन ने मानो उसकी बात पर ध्यान ही नहीं दिया, वह बोली- "अब क्योंकि सार्फेस्टा महज धातु के डिब्बे के अतिरिक्त और कछ भी नहीं- अतः तुम्हारे संचालन करने से वह नहीं चलेगा और अगर मैं ये धुएं की लकीर हटा लूं, तो पता नहीं सार्फेस्टा ब्रह्मांड में कहां खो जाए किंतु आप लोग चिंता न करें, अब आपके सार्फेस्टा को मैं चलाऊंगी ।"
सभी आश्चर्य के सागर में गोते लगा रहे थे ।
- हैलो.. मिस्टर विजय ! " अचानक जैक्सन ने विजय को संबोधित किया ।
-"यस मम्मी! " विजय चहका ।
"मानते हैं मिस्टर विजय कि तुम - साहसी और दिलचस्प जासूस हो ।"
." अरे मम्मी - ये तो बताओ कि हमारे भतीजे मियां का क्या हाल है?"
'अब उसे भतीजा मत कहो मिस्टर विजय, अलफांसे ने उसे सबका बाप बना दिया है। उस समय वह मर्डरलैंड के बाल-सेवको में भर्ती हो गया है और मर्डरलैंड में अपनी दिलजलियों से लोगों का दिल जीत रहा है । "
-" यानी कि हमारे भतीजे मियां सुरक्षित हैं?"
"उसकी सुरक्षा की तुम चिंता मत करो... वह तो स्वयं अन्य लोगों की सुरक्षा छीन लेता है ।"
"खैर मम्मी - अब यह बताओ कि हम कब तक मर्डरलैंड पहुंच रहे हैं?''
"अतिशीघ्र ।"
साथ ही सार्फेस्टा को एक तीव झटका लगा और एक झटके के साथ वह आगे बढ़ने लगा ।
सबने आश्चर्य से एक-दूसरे की ओर देखा- वास्तव में ये कम आश्चर्य की बात न थी कि सार्केस्टा अब महज एक डिबे के अतिरिक्त और कुछ न था- किंतु फिर भी गतिशील था । ऐसा महसूस हो रहा था मानो सार्फेस्टा को कोई अनजानी शक्ति खींच रही हो ।
विजय, वास्तव में मर्डरलैंड के पास बहुत वैज्ञानिक शक्ति है ।" सहसा आशा बोली ।
- "यह कोई नई बात नहीं है- मिस गोगियापाशा । " विजय के उत्तर पर आशा बुरा सा मुंह बनाकर रह गई । अब सार्फेस्टा को किसी प्रकार का कोई झटका नहीं लग रहा था, बल्कि पूर्णतया शांति के साथ वह वेग से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर था ।
विश्व के ये चार जांबाज व्यक्ति इस समय कितने बेबस थे-वे स्वतन्त्र होते हुए भी एक तरह से जैक्सन की कैद में थे । जैक्सन ने कितनी सरलता से उन पर विजय पा ली थी, किंतु वे इस समय जैक्सन की किसी भी क्रिया का विरोध करने की स्थिति में नहीं थे ।
सार्फेस्टा की गति पूर्व की अपेक्षा तीव्र थी ।
चारों के दिल धड़क रहे थे ।
वे मर्डरलैंड की तरफ अग्रसर थे- किंतु कैदी के रूप में, उनकी समझ में यह नहीं आ रहा था कि वे मर्डरलैंड में जाकर धरती को मर्डरलैंड के आतंक से कैसे मुक्त करा सकेंगे? कैसे वे जैक्सन से टकरा सकेंगे? कैसे वे अपने लक्ष्य में सफल होंगे? उन्होंने अभी मर्डरलैंड में कदम नहीं रखा था- किंतु जैक्सन की कैद में थे ।
उनके सार्फेस्टा को एक तीव्र झटका लगा । तब, जबकि
उन्होंने स्पेस में प्रवेश किया । झटका लगते ही वे जान गए कि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से दूर स्पेस में आ गए हैं क्योंकि सभी जानते थे कि स्पेस में प्रविष्ट होते हुए अथवा निकलते हुए एक तीव्र झटका लगता है ।
कुछ ही समय उपरांत !
वे कुछ समझ भी न पाए थे कि सार्फेस्टा थम गया ।
खिड़की के बाहर देखा तो दंग रह गए बाहर चट्टानें थी, क्कु विचित्र-सी चट्टानें! रंग लाल, बिलकुल सुर्ख लाल.. मानो खून से रंग दी गई हों । ।
मर्डरलैंड में तुम्हारा स्वागत है दोस्तों।'' प्रिंसेज जैक्सन की आवाज ।
"मम्मी ! -
'बोलिए मिस्टर विजय!
- "आप अपने खूबसूरत थोबड़े के दर्शन क्यों नहीं करातीं?"
- सार्फेस्टा से बाहर आओ मर्डरलैंड आ चुका है अब जीवन-भर मेरे ही दर्शन करना । "
- " ओके मम्मी! " विजय ने कहा ।
और तब ! जबकि वे चारों सार्फेस्टा के बाहर निकले ।
एक छोटे-से लाल मैदान में सार्फेस्टा खड़ा हुआ था । मैदान के चारों ओर लाल चट्टानें थी । जिधर देखो, सिर्फ लाल-ही-लाल नजर आता था ।
तभी चारों कुछ चौंके!
- "क्यों मम्मी... यह सब क्या है ? " विजय चहका । - "मिस्टर विजय - ये मेरे सहायक हैं.. . एक तरह से मेरे गुलाम । इन्हें विंगेट कहते हैं - इंसान गद्दारी कर सकता है किंतु विंगेट नहीं, ये सब मेरे इशारों के गुलाम हैं । "
- " किंतु हम इनके साए में क्यों.. मर्डरलैंड में तो हथियारों का प्रयोग निषेध है? " पूछने वाला अलफांसे था ।
- "मिस्टर अजफांसे मैं आप लोगों को धरती पर रेगिस्तान के नीचे बसे मर्डरलैंड में ही बता चुकी हूं कि हथियारों का प्रयोग निषेध सिर्फ मर्डरलैंड की आम जनता के लिए है ताकि वे क्रांति न कर सकें और अगर करें भी, तो हथियारों के अभाव में वे सफल न हो सकें - जबकि वास्तविकता तुम जानते हो कि मर्डरलैंड में एक-से-एक खतरनाक वैज्ञानिक हथियार तैयार कर रहा है क्योंकि दुनिया बिना हथियारों के झुक नहीं सकती ।" जैक्सन दृष्टिगोचर नहीं हो रही थी ।
- "तो फिर हम राइफलों और मशीनगनों के साए में क्यों ? क्या मर्डरलैंड को हमसे किसी प्रकार का भय है? तुम तो मर्डरलैंड की शहजादी हो । भला हम मर्डरलैंड का क्या बिगाड़ सकते हैं? " व्यंग्य आशा ने कसा था ।
- ''मिस आशा ! " जैक्सन की आवाज फिर पहाड़ियों में भटकी- 'ये तो मैं जानती हूं कि तुम लोग मर्डरलैंड का कुछ नहीं बिगाड़ सकोगे- किंतु ये भी जानती हूं कि तुम सब अवसर से लाभ उठाने वाले व्यक्ति हो और वक्त आने पर बहुत कुछ कर सकते हो ।"
- "तो ये कहो कि हमसे डरने लगी हो ।"
- "अगर मर्डरलैंड की शहजादी मच्छरों से डरने लगे तो... खैर छोड़ो, मैं सिर्फ यह कहना चाहती हूं कि मैं अपने प्रत्येक शत्रु को अपना दोस्त मानती हूं क्योंकि वह मात देकर मुझे मेरी कमजोरी का अहसास कराता है लेकिन एक विशेषता और भी है... वह यह है कि जो कमजोरी अथवा भूल मेरा दोस्त मुझे एक बार बता देता है वह भूल मैं दोहराती कभी नहीं हूं और यही कारण है कि इस समय लूउम लोग विंगटो के दायरे में हो, तुम लोगों ने मुझे पहली बार मात दी- मुझे बड़ी खुशी हुई- क्योंकि मेरी एक भूल मेरे सामने आई ! वह यह थी कि मैंने मर्डरलैंड में तुम्हें आजाद रहने दिया जिसका लाभ तुम उठा गए । गलतियां क्योंकि मैं दोहराती नहीं हूं- अतः तुम इस बार एक प्रकार से मर्डरलैंड के कैदी बनकर रहोगे । "
-''सिद्धांत बुरा नहीं है ।" बोलने वाला अशरफ था । -''मेरे सिद्धांत हमेशा ही अच्छे होते हैं लेकिन आप लोगों की तुच्छ बुद्धि में जरा देर से आएंगे।"
-" अच्छा मम्मी, मारो साले सिद्धांत को गोली... अब एक झकझकी सुनो ।"
- "मिस्टर विजय - तुम लोग बिना किसी प्रकार की चालाकी दिखाए विंगेटों के साथ मेरे पास आओ... वहीं तुम्हारी झकझकी और विकास की दिलजली का मुकाबला होगा।"
- "अरे मम्मी- तुमने किस दिलजले का नाम ले दिया, वो तो हमारी छुट्टी कर देगा ।"
-"किंतु मैं आप लोगों को फिर चेतावनी दे रही हूं कि कोई भी अपना जासूसी दिमाग हरकत में लाने की चेष्टा न करे क्योंकि हो सकता है फिर कभी वह दिमाग ही न रहे । "
- "लेकिन मम्मी एक बात तो बताओ ।'
-"क्या ?"
- "यही कि हमारा सार्फेस्टा खराब होनेके बाद भी यहां कैसे आ गया?"
"मिस्टर विजय-सार्फेस्टा का यहां आना इस समय जितना तुम्हें आश्चर्यपूर्ण लग रहा है - कारण जीनने के बाद सोचोगे कि कितना सरल तरीका है ये...एकदम साधारण-सी बात है ।"
- "तो फिर बोलो न मम्मी । "
"जानते हो जब तुम्हारी धरती पर कार, ट्रक, बस अथवा इस प्रकार का कोई अन्य वाहन खराब हो जाता है, तो उसे किस तरह एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है?"
"किसी अन्य वाहन से बांधकर ।"
बस.. . ठीक उसी प्रकार तुम्हारे सार्फेस्टा को भी मर्डरलैंड तक लाया गया है ।
"यानी हमें किसी चीज में बांधकर लाया गया है?"
"बिल्कुल ठीक... अंतर यह है कि वहां वाहन को एक-दूसरे से रस्सी अथवा जंजीर द्वारा बांधा जाता है, जबकि तुम्हारे सार्फेस्टा को किरणों द्वारा बांधा गया था ।"
"लेकिन कैसे?"
"तुम्हारा सार्फेस्टा मेरे ही एक यान से किरणों द्वारा बंधा
हुआ था...वह यान ही तुम्हें यहां तक लाया ।"
- किंतु हमें अपने सामने कोई यान नजर नहीं आ रहा था !"
"मिस्टर विजय - अगर तुम्हारे सार्फेस्टा की मशीन टूट न जाती, तो इस समय तुम अपने सार्फेस्टा को भी ठीक उसी तरह नहीं देख सकते थे जैसे इस समय सार्फेस्टा के ठीक आगे खड़े मेरे यान को नहीं देख पा रहे हो । " 1
"मतलब यह कि तुम्हारा यान अदृश्य है?" आशा बोली ।
''यस... देखना चाहती हो तो देखो। " जैक्सन ने कहा ।
और फिर धीरे-धीरे सार्फेस्टा के ठीक आगे खड़ा हुआ विचित्र-सा यान नजर आने लगा.. . एक हरी-सी किरण भी नजर आ रही थी - जिसने सार्फेस्टा को चारों ओर से लपेट रखा था और किरण का अग्रिम सिरा यान में गुम हो गया था । " देख लिया ?"
"वास्तव में तुमने तो कमाल कर दिया मम्मी ।'' विजय उछलकर बोला ।
"अब तुम लोगों को मेरे पास लाया जाएगा ।" जैक्सन की आवाज आई।
तदुपरांत !
तब-जबकि उन्हें मशीनगनों के साए में एक हॉल में पहुंचाया गया-रास्ते में उन्होंने जो कुछ देखा-सब लाल ही लाल नजर आया था ।
उन्हें लम्बे-चौड़े हॉल में खड़ा कर दिया गया था ।
चारों तरफ विंगेटों का सख्त पहरा था ।
जानी-पहचानी संगीत की लहरें ।
और फिर सिंहासन सहित जैक्सन का आगमन ।
सभी विंगेटों का श्रद्धा से झुक जाना... सभी कुछ दोहराया गया ।
- आप लोगों का मर्डरलैंड में आगमन के लिए भव्य स्वागत है । आप लोगों को यह जानकर हर्ष होगा कि धरती के काफी देशों ने मर्डरलैंड के सामने हथियार डाल दिए हैं । "
- "हाय मम्मी, हम तो तरस गए ये तुम्हारे दर्शनों के लिए " विजय उछलकर बोला ।
-"मिस्टर विजय ।" जैक्सन मुस्कराकर बोली-' 'मुझे दुख है कि पहली बार मेरा अपना एक कार्य अपूर्ण रह गया था। -क्योंकि उसके पूर्ण होने से पूर्व ही तुम वक्त का लाभ उठा गए।"
- "कौन-सा कार्य मम्मी ?"
"तुम्हारी और आशा की शादी का ।"
-"क्या ?" विजय उछल पड़ा ।
आशा के मन में कुछ विचित्र से भाव आए ।
- "यस मिस्टर विजय!" जैक्सन बोली- "पहली बार जब
"तुमने चमत्कृत कर देने वाले ढंग से हमारे मंत्री रिचर्ड को, जिसमें पचासों हाथियों का बल था परास्त करके आशा को अपनी पत्नी बनाने का अधिकार प्राप्त कर लिया था किंतु शादी न हो सकी थी-अत: अब उस अपूर्ण कार्य को पूर्ण किया जाएगा ।"
"अरे नहीं-नहीं मम्मी ।" विजय उछलकर बोला- "मैं बाल-ब्रह्मचारी हूं मैं पवनसुत हनुमान का वंशज हूं... मैं विवेकानन्द का चमचा हूं.. मम्मी, जरा बुद्धि से सोचो कि मैं शादी कैसे कर सकता हूं?"
-"यहां तुम्हारी इन बेकार की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाएगा-मर्डरलैंड के नियमों के अनुसार तुम्हें और आशा को एक सूत्र में बांधना हमारा परम कर्तव्य है ।" विजय 'नहीं-नहीं' करता रहा- किंतु उसकी एक न सुनी गई।
अलफांसे मुस्करा रहा था ।
आशा का दिल धड़क रहा था ।
और अशरफ ।
उसके दिमाग में मानो हथोड़े-से लग रहे थे । एक विचार थे रह-रहकर उसके दिमाग में आ रहा था किंतु अभी वह उसे प्रकट करना नहीं चाहता था वह अपने दिमाग की योजना पर पूर्णरूप से विचार करना चाह रहा था । वह एक-एक पहलू पर ध्यान दे रहा था । कहीं उसकी योजना, कहीं से ऐसी तो नहीं कि वह मात खा जाए? वह सोचता रहा और जैक्सन को घूरता रहा ।
इधर अलफांसे किसी योजना को जन्म देने का प्रयास कर
रहा था.. . किंतु फिलहाल उसका दिमाग योजनारहित था।
और विजय जैक्सन को बातों में उलझाकर कुछ करना चाह रहा था लेकिन कोई अवसर ही प्राप्त न हो रहा था । विंगेट पूर्णतया सतर्क खड़े थे । वह बोला-' 'अच्छा मम्मी, अब यह तो बताओ कि हमारे भतीजे मियां कहां है?" -
मिस्टर विजय... वास्तव में महान हैं मिस्टर अलफांसे. जिन्होंने विकास जैसे बालक को ऐसे कामों में दक्ष कर दिया - जिनको साधारण व्यक्ति तो जीवन भर देख नहीं पाता.. .विकास आजकल बाल-सेवकों में है और अपनी बुद्धि, शक्ति और साहस से निरंतर उच्च-पद की ओर अग्रसर है, लेकिन वह मर्डरलैंड से सख्त नफरत करता है क्योंकि मिस्टर अलफांसे ने उसे गुणा मर्डरलैंड का दुश्मन बना दिया है । " --
- "क्यों मियां लूमड़, बड़ी तारीफ हो रही है?" विजय अलफांसे की ओर मुखातिब हुआ ।
- अलफांसे मुस्कराया और बोला- "प्रिंसेज महान हैं, जो व्यक्ति तारीफ के काबिल हो- उसकी ही तारीफ करती हैं।"
"मिस्टर अलफांसे! " जैक्सन बोली- ''तुम्हारा यह वाक्य बता रहा है कि तुम फिर मुझे मेरी महानता का अहसास दिलाकर मेरे साथ कार्य करना चाहते हो । "
"ये मेरा सौभाग्य होगा महान जैक्सन ।" अलफांसे के इन शब्दों के कहते ही विजय, अशरफ और आशा इत्यादि ने उसे विचित्र - सी निगाहों से देखा ।
"मिस्टर अलफांसे. . मैं अब तुम्हारी इन चालों में आने वाली नहीं हूं- मैं जानती हूं कि तुम गिरगिट की तरह न जाने कब रंग बदल जाओ ।''
"आप गलत सोच रही हैं ग्रेट प्रिंसेज!"
"यह मैं तुमसे अच्छी तरह जानती हूं कि मैं गलत सोच रही हूं अथवा ठीक! मैं पहले ही कह चुकी हूं कि तुमको स्वतंत्र रखने की जिस भूल के कारण मैं अपना पहला मर्डरलैंड नक- कर चुकी हूं - वह भूल किसी भी तरह मैं दोहरा नहीं सकती ।'
"आपको मुझ पर भरोसा नहीं है ग्रेट प्रिंसेज !"
"तुम पर विश्वास करने वाला कोई मूर्ख होगा मिस्टर अलफांसे ।'' जैक्सन मुस्कराती हुई बोली ।- "खैर मम्मी, मारो साले लूमड़ को गोली.. हमें हमारे दिलजले से मिलवाओ ।"
- "तुम विकास को देखना चाहते हो?"
सार्फेस्टा चारों ओर से घिरा हुआ था...इंसानों से.. किंतु इंसान भी विचित्र ! इंसान हाड़-मांस के न होकर लोहे के थे -लोहे के इंसानों के हाथों में मशीनगनें दबी हुई थीं।
0 Comments