चुनाव का दिन -

आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका सबको बेसब्री से इंतज़ार था। आज का दिन सभी के लिए बहुत खास था, क्योंकि इस दिन के लिए राहुल ,संजय और अंकुश पूरे साल से मेहनत कर रहे थे। कॉलेज में वोटिंग 10:00 बजे से शुरू हो गई।

शुरुआत में तो हल्के-फुल्के ही वोट गिरे, छात्रों की संख्या इतनी अधिक नहीं थी।  फिर दोपहर होते ही है , वोटिंग की गति बढ़ गई, इस बार पहले की तुलना में ज्यादा वोटिंग हो रही थी क्योंकि वोट देने वालो में लड़किया अधिक थी । 2:00 बजे के आसपास भीड़ में धक्का मुक्की भी हो गई पर पुलिस बल के द्वारा उसे संभाल लिया गया। ये किसी को समझ नहीं आया पर अंकुश यह देखकर समझ गया था कि उस धक्का मुक्की का फायदा उठाकर आदित्य ने फर्जी वोट डालने का जुगाड़ किया था ,इसलिए उसने पार्टी ऑफिस जाकर अपना जुगाड़ करना शुरू कर दिया।

दरअसल अंकुश को पता था कि जो डिजिटल EVM मशीन चुनाव में इस्तेमाल की जा रही थी वो अब भी 2014 का पुराना मॉडल था ,जिसमें आजकल के मॉडल की तुलना में बहुत कम ही सिक्यूरिटी कोडिंग होई है, इसलिए उस मशीन को हैक करना अंकुश के लिए इतना भी कोई मुश्किल काम नहीं था ।अब मंजर ये था कि लोग बटन आदित्य का दबा रहे थे पर वोट संजय को जा रहे थे ।पर अंकुश को पता था कि फर्जी वोट ज्यादा से ज्यादा 500 ही गिरेंगे इसलिए उसमें केवल 500 वोट हीआदित्य के खाते से चुराए और  फिर अपनी हैकिंग रोक दी क्योंकि अंकुश को भी यह चुनाव इमानदारी से ही जीतना था। जब अंकुश वोटो की हेरा फेरी कर रहा था तब संजय और राहुल छात्रों को लाने ,ले जाने में लगे हुए थे, तभी अचानक राहुल को फोन में एक मैसेज आया जिसे देखकर वह काफी चिंतित लग रहा था, उसने संजय को थोड़ी देर में आने का कहके निकल गया।

जैसा कि पहले से ही तय था , ज्यादातर वोट संजय के खाते में ही गिरे और आदित्य को भी अंदेशा हो गया था कि उसके हारने का पूरा-पूरा चांस बन रहा है। इसलिए उसके चेहरे पर भी धीरे धीरे मायूसी छाने लगी।

इस तरह पूरे दिन की भागा दौड़ी के बाद शाम को 6:00 बजे वोटिंग पूरी हो गई ।संजय के साथ सभी लोग पार्टी ऑफिस में थे और थोड़ी देर में काउंटिंग पूरा होने के बाद रिजल्ट आने वाला था।संजय, अंकुश, रोहित, प्रतिभा सब मिलकर बात ही कर रहे थे कि अचानक माइक में घोषणा हुई।

' कानपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी चुनाव आयोग का सभी चुनावी प्रतिभागियों से निवेदन करता है कि कृपया 7:00 बजे से पहले चुनाव आयोग के ऑफिस पहुंचकर अपने स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर कर देवे , जो प्रतिभागी 7:00 बजे तक नहीं पहुंच पाया उसके वोट गिने नहीं जाएंगे एवं कृपया शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करे.. धन्यवाद।'

यह सुनते ही अंकुश और संजय तैयार होने लगे, संजय जैसे ही  कमरे से बाहर निकला कि अचानक उसका फोन बजा।

' हेल्लो,'संजय ने फोन उठाकर पूछा। कुछ आवाज नहीं आई , संजय को लगा यह मेघना का फोन है।जितने में आवाज अाई  ' बोलो बे ...चुप क्यों हो ? ' आवाज सुनकर साफ समझ आ रहा था कि आवाज आदित्य की है, और वो किसी को बोलने के लिए कह रहा है।

' हैलो संजय.... हम राहुल बोल रहे हैं ' राहुल ने झुंझलाते हुए कहा , आवाज सुनकर लग रहा था कि उसे पकड़कर रखा गया है।

' साला ... इ कमिना लोग हमको उठा लिए है, ये तुमसे उलट-पुलट कुछ मांग करेगा पर उनकी कुछ मत सुनना , हम इनको सम्भाल लेंगे,तुम चुनाव ऑफिस जाकर सिग्नेचर....' राहुल संघर्ष करते हुए  बोल रहा था कि अचानक आदित्य ने उससे फोन छीन लिया।

' आवाज तो तुमने सुन ही लिया होगा उसका और समझ भी गए होगे कि अब तुमको क्या करना है ? अगर  तुमने अंदर जाकर स्टेटमेंट पर साइन किया , तो हम इसका ऐसा हाल करके भेजेंगे की पहचानने में भी नहीं आएगा,  बाकी  तुम खुद समझदार हो' आदित्य ने धमकी देते हुए कहा।

' आदित्य... साले हरामजादे ,हमने तुमको पहले भी कहा था  हमारे दोस्तों से दूर रहो, पर तुम हर बार वहीं गलती कर रहे हो ,पिछली बार तो हम तुमको छोड़ दिये थे,पर अगर तुमने राहुल को हाथ भी लगाया तो....'  संजय ने गुस्से में इतना बोला की आदित्य उधर से बोल पड़ा ' अरे पिछली बार तो हमारा निशाना चूक गया और तुम्हारी जगह उ बेचारा लड़का पिट गया, पर इस बार हम बहुत सोच समझकर ये कदम उठाए ,अब अगर इसको सलामत देखना चाहते हो तो 7:00 बजे तक चुनाव आयोग के ऑफिस के आसपास  भी नजर मत आना' आदित्य ने इतना बोला और फोन काट दिया।

संजय को बाहर दरवाजे पर खड़ा देखकर अंकुश ने पूछा ' क्या हुआ बे खड़े काहे हो, चलना नहीं है क्या ?'

' उ आदित्य साला राहुल को अगवाह कर लिए हैं और कह रहा हैं कि अगर साइन किया तो उसको छोड़ेंगे नहीं' संजय ने गुस्से से  कहा।

'  है भगवान...उ....राहुल को ....लेकिन कैसे ?.....' अंकुश सर पकड़ कर बैठ गया ' अब क्या करेंगे बे? '

' हम चाहते तो नहीं थे ,पर लगता है अब हमको भी अपना ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल करना ही पड़ेगा।' संजय ने गुस्से में कहा और किसी को फोन मिलाया। संजय अभी भी समझ नहीं पा रहा था कि आदित्य ने राहुल को पकड़ा कैसे?

दो घंटे पहले ----

संजय और राहुल हॉस्टल से लड़कों को बिठा - बिठा कर ला रहे थे, की तभी राहुल के फोन पर एक मिस कॉल आया और मिस कॉल प्रतिभा ने किया था। राहुल ने जैसे ही वापस फोन करना चाहा कि एक मैसेज आया ' जल्दी से गर्ल्स हॉस्टल आओ, यहां बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो गई है , वो लडके वापस आ गए हैं और यहां पर हंगामा कर रहे हैं। '

राहुल ने पहले तो कॉल करने का सोचा फिर  रहने दिया क्योंकि मामला अर्जेंट था । उसने संजय को कुछ देर में आने का कहकर बाइक स्टार्ट की और गर्ल्स हॉस्टल पहुंच गया । राहुल की गलती ये थी कि उसने  ध्यान नहीं दिया प्रतिभा का ये मैसेज उसके पुराने नंबर से आया है जो चोरी हो गया था, दरअसल वो चोरी हुआ नहीं था करवाया गया था, संजय के उस दिन कहने पर भी राहुल ने फोन गुम होने की कंप्लेंट नहीं करवाई थी, और आज उसी का परिणाम  वो भुगतने वाला था।

गर्ल्स हॉस्टल के आगे बाइक खड़ी करके राहुल जैसे ही अंदर जैसे ही घुसा उसने देखा कि यहां चारो तरफ शांति थी कोई नहीं था , हॉस्टल का गार्ड भी नहीं।

' ओह! आ गए भाईसाहब ...बड़ी देर कर दी आपने आने में ...लडके तो चले भी गए उन्हें छेड़कर ' आदित्य ने हंसते हुए एंट्री ली। उसके साथ चार लडके और थे। उनको देखकर राहुल को समझने में ज़्यादा समय नहीं लगा की ये उनकी चाल थी...और उसे फसाया गया है ।

' चलो कोई ना वो नहीं तो तुम सही कोई तो पीटकर जाएगा ही मेरे हाथो से '  राहुल बोलते हुए आदित्य की तरफ बढ़ा।

' ओह..अच्छा !! ' आदित्य भी भिड़ने के लिए तैयार था । उनमें मार पीट शुरू हो गई वो चारो राहुल पर भारी  पड़ रहे थे , पर राहुल ने वापस उनको जवाब में एक एक मुक्का जड़ दिया । एक मुक्का आदित्य की कमर में लगा  जिससे उसकी पसलियों में हलकी सी चोट आ गई  इसलिए वो तो बाहर हो गया । राहुल संभाल ही रहा था कि अचानक उसके सर में तेज दर्द उठा, क्योंकि पीछे से किसी ने उसके सर पर बेट से वार किया , और राहुल वहीं जमीन पर गिर गया, उसने बेहोश होने से पहले देखा की उसे मारने वाला वहीं लड़का था जिसका हाथ उसने उस दिन तोड़ दिया था। उसके हाथ में प्लास्टर बन्धा था और उसकी आंखो में गुस्से कि आग थी।  उन्होंने राहुल को उठाया और पास में खड़ी स्कॉर्पियो में डाल कर ले जाने लगे।

जब 1 घंटे बाद राहुल को होश आया तो उसने खुद को चलती हुई गाड़ी में पाया।  उसने खुदको छुड़ाने की कोशिश की, पर उसके  हाथ पैर बंधे हुए थे। और वो लड़का उसके पास बैठा हुआ था।

' उठ गए महाराज, कैसी रही नींद ?, कौनो तकलीफ तो नहीं हुई ना ?'  आगे की सीट पर बैठे हुए आदित्य ने  पूछा।

' तकलीफ तो बेटा अब तुमको होने वाली है, तुम्हे अंदाज़ा नहीं है तुम क्या किए हो ..... जब संजय को पता लगेगा  ना  तो उ तुम सबको कुत्ता के तरह दौड़ा दौड़ा कर मारेगा...' राहुल ने खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा। ये सुनकर संजय कि छवि सभी के दिमाग में उभर अयी,और डर का माहौल पूरी गाड़ी में छा गया।

' लो उससे भी बात करा देते हैं, आखिरकार साइन तो उसी को करना है' आदित्य ने कहा और फोन मिलाने लगा । राहुल समझ गया कि उसे क्यों अगवाह किया गया है, आदित्य ने फोन मिलाकर राहुल  के कान के पास लगाया।

शाम 6:35 ( कॉल आने के 30 मिनट बाद )

आदित्य का फोन आए हुए आधा घंटा हो चुका था और अभी 25 मिनट के अंदर संजय को पार्टी चुनाव आयोग के ऑफिस पहुंचकर साइन करना था, संजय ने घड़ी में टाइम देखा फिर आदित्य को फोन मिलाया । आदित्य ने देखा कि उसको अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आ रहा है। तो उसे पता चल गया कि यह संजय ही कर रहा है।

'  हां बोलो.. भाई क्या सोचा ? ऑफिस के अंदर रहकर दोस्त को बचाने का प्लान है या बाहर निकल कर उसे पिटवाने का' आदित्य ने हंसते हुए पूछा।

' तुम्हे याद है क्या ?,आज जब तुम अपने घर से निकले थे तो तुम्हारी बहन ने क्या पहना हुआ था ' संजय ने पूछा पर उधर से आदित्य की कोई आवाज नहीं आई। आदित्य ने हाथों हाथ अपना दूसरा फोन निकालकर मेघना को फोन किया पर उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। तभी संजय ने वॉइस कॉल को वीडियो कॉल में स्विच कर दिया, अभी संजय और आदित्य आमने सामने एक दूसरे को देख रहे थे।

' कहीं यह तो नहीं पहना था उसने ?,'संजय ने फोन को घुमाया और फोन का कैमरा चेयर पर बेहोश पड़ी मेघना की तरफ कर दिया जिसने घर वाले कपड़े पहन रखे थे और उसके हाथ पैर भी बंधे हुए थे।

' हरामजादे....कमिने..**** .. हमारी बहन को हाथ भी लगाया है ना तो जिंदा गाड़ दूंगा तुमको ....' आदित्य गुस्से के मारे पागलों की तरह चिल्लाने लगा।

' हम हाथ नहीं लगाएंगे, अगर तुम राहुल को 10 मिनट में सही सलामत हमारे पास वापस भेज दो, पर अगर 10 मिनट से एक मिनट भी देरी हुई तो तुम्हें पता है हम अपने दोस्तों के लिए किस हद तक गिर सकते हैं' संजय ने इतना कहा और फोन काट दिया।

आदित्य ने गुस्से में चलती गाड़ी से अपना मोबाइल बाहर फेंक दिया ओर अपने हाथ गाड़ी के स्टेरिंग व्हील पर मारने लगा ,फिर थोड़ा शांत होकर गाड़ी वापस घूमाली, अगले 10 मिनट में  राहुल को  कॉलेज गेट पर पहुंचा दिया गया, और जैसे ही गाड़ी वापस जाने को मुड़ी राहुल भागकर पार्टी ऑफिस में  चला आया, जहां पर संजय, प्रतिभा, रोहित, अंकुश और उसका इंतजार कर रहे थे। संजय ने राहुल को देखते ही गले लगा लिया।

' ये तुने क्या किया यार ?...तुमको ऐसा नहीं करना चाहिए था...तुम्हे पता है ना.. ' राहुल ने गले मिलते हुए  अचानक पास में खड़ी मेघना को देखा तो हैरान हो गया। उसने संजय कि तरफ मुंह किया तो उसने मुस्कराते हुए आंख मारी।

कॉल आने के 5 मिनट बाद ---

जैसे ही आदित्य ने संजय को फोन किया, और संजय ने राहुल की आवाज सुनी तो संजय ने कॉल रिकॉर्डिंग चालू कर दी और उसने अपनी और आदित्य की सारी बाते रिकॉर्ड कर ली, जिसमें आदित्य ने खुद यह कहा था कि उसने ही अंकुश को मारा है, आदित्य का फोन काटते ही संजय ने मेघना को फोन मिलाया।

' हेलो...' मेघना  से कहां ,जिसपर संजय कोई जवाब नहीं दे पाया।

' तुमको उस दिन हम पर भरोसा नहीं था ना ,कि आदित्य ने ही अंकुश को मारा है तो लो अभी सबूत भेज रहे हैं...' संजय ने फोन काटा और व्हाट्सएप पर कॉल रिकॉर्डिंग भेज दी।

उधर जैसे ही मेघना ने रिकॉर्डिंग सुनी ,उसको बहुत गहरा धक्का लगा, जिस भाई को वह बेगुनाह और मासूम समझ रही थी उसी ने अंकुश को मारा था और अभी राहुल को भी अगवा कर लिया था।

दरअसल दुनिया थम सी जाती है जब आपका कोई अपना आपको धोखा देता है ,आप हजार दफा यही सोचते हो कि जरूर यह झूठ होगा,पर सच्चाई ऐसी दवाई है जो कड़वी तो है पर आपको होश में ला देती है।

' क्या में कुछ कर सकती हूं ?,' मेघना बस इतना कह पाई ,उसकी आवाज धीमी और भारी थी।

' जब आदित्य सुबह घर से निकला था तो तुमने कौन से कपड़े पहने हुए थे' संजय ने थोड़ी देर सोचा और फिर बोला।

' क्यों? ' मेघना ने चौंकते हुए पूछा।

' बताओ तो ' संजय गंभीर था।

' शायद t शर्ट और लोवर, पर क्यों?' मेघना अभी भी कुछ समझ नहीं पा रही थी।

' वो घर के कपड़े एक थैली में डालकर ,अपने घर से चुपचाप निकल जाओ और यहां पार्टी ऑफिस में आ जाओ हमारे पास एक प्लान है' संजय ने कहा और फोन काट दिया। दरअसल घर के कपड़े इसलिए चाहिए थे कि ऐसा लगे कि मेघना को घर से उठाया गया है ताकि मामला और सीरियस लगे।

मेघना ने कपड़े थेली में डाले और चुपके से घर से निकल गई और पार्टी ऑफिस पहुंच गई , ऑफिस में मेघना ने ड्रेस चेंज की और प्रतिभा ने उसके हाथ पैर बांध दिए और इतनी देर सब बाहर बैठकर  इंतजार करने लगे, फिर थोड़ी देर में दरवाजा खुला और सब को अंदर बुला लिया गया ।संजय कमरे में आया उसने घड़ी में टाइम देखा और आदित्य को फोन मिलाया। वीडियो कॉल के दौरान मेघना ने बेहोश होने का नाटक किया, और इस तरह राहुल को छुड़ाने का प्लेन सक्सेसफुल रहा।

संजय ने सारी बात राहुल को बताइ और वो दोनों फिर से गले मिले। उन दोनों को साथ में देखकर मेघना ने संजय की तरफ देखा और मुस्कुराइ और संजय ने भी जवाब मुस्कुरा दिया।  शायद अब उन दोनों के बीच सब धीरे धीरे सही होने की ये शुरुआत थी।

' वैसे एक बात हमको अभी भी समझ  नहीं आई ।तुमको उ पकड़ा कैसे बे ? ' संजय ने धीरे से राहुल को छुड़ाते हुए पूछा।

' छोड़ो उसको ,बाद में बताएंगे कभी, बहुत दुख भरी कहानी है' राहुल ने कहा और प्रतिभा की तरफ देखकर मुस्कुरा दिया।

' अच्छा...ठीक है...उस विषय में तुम्हारी बाद में लेंगे।' संजय ने कहा और सभी हंसने लगे।

अभी साइन करने के लिए सिर्फ 10 मिनट बचे थे इसलिए जल्दी से सब चुनाव ऑफिस में गए और संजय ने साइन कर दिया , फिर सभी बाहर बैठ कर  रिजल्ट का इंतजार करने लगे।

आधे घंटे बाद माइक पर घोषणा हुई' कानपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चुनाव का परिणाम अब घोषित किया जा रहा है सभी से निवेदन है कि कृपया शांति बनाए रखें और ध्यानपूर्वक सुने ।' पूरा कॉलेज ऑफिस के बाहर खड़ा रिजल्ट का इंतजार कर रहा था।

' तीसरे नंबर पर है’ सुर्यप्रकाश शर्मा ‘कुल 657 वोटो के साथ' सभी एकदम शांत थे।

' दूसरे नंबर पर है 'आदित्य सिंह ' कुल 1195 वोटों के साथ' भीड़ अभी भी शांत थी पर सभी को पता था कि आदित्य चुनाव हार चुका है पर लोगों को पहले स्थान पर कौन है यह सुनना था।

' और पहले स्थान पर हैं जो यह चुनाव जीतकर अध्यक्ष पद संभालेंगे  ...' संजय सिंह शेखावत ' कुल 2502 वोटो के साथ ' माइक पर घोषणा हुई और भीड़ खुशी के मारे चिल्ला उठी, संजय राहुल और अंकुश सभी गले मिले।

लोगों ने संजय और रोहित को मालाएं पहनाई और कंधों पर उठा लिया ,' संजय भैया 'के नाम के नारे लगाए गए और पूरे कॉलेज में जश्न का माहौल हो गया ,राहुल और अंकुश सभी बहुत खुश थे ।राहुल भी प्रतिभा से गले मिला और अंकुश मेघना के पास खड़ा हो गया और संजय को देखने लगा। जिस जीत के लिए उन्होंने इतना संघर्ष किया वह आज उन्हें मिल ही गई और सब की आंखों में खुशी के आंसू थे, पर आदित्य गायब था।

थोड़ी देर मैं सब संजय और उसके दोस्तों को बधाई दे रहे थे और रोहित तो इतनी मालाएं पहन चुका था कि अब गिरने ही वाला था।अचानक अंकुश ने नजर घुमाई तो उसे संजय कहीं दिखाई नहीं दिया कुछ देर उसे ढूंढने वो समझ गया कि संजय गायब हो गया है।