-"चुप रहो!" घरघराती- सी आवाज में वह बोला । "क्यों.. .क्या हुआ? कर्फ्यू लगा हुआ है ?'' विकास भोलेपन से बोला ।


- "मिस्टर !"


- "यस मिस्टर... मेरा नाम विकास है ।"


-"बोलो मत... चुप रहो।"


-"क्यों ?''


- "प्रिंसेज जैक्सन का आदेश है । "


- " उस डायन को बुलाओ ।'


- ' 'क्या कहा?'' एक व्यक्ति विकास की ओर बढ़ा । 'ठहरो!'' तभी जैक्सन की मधुर आवाज गूंजी। हॉल मधुर संगीत की लहरों से गूंजने लगा ।


विकास ने देखा... सभी लोग आदर के साथ खड़े हो गएविकास चुप रहा- कुछ नहीं बोला । वह भी संगीत की लहरों में खो गया । विकास आत्मविभोर होता जा रहा था। सहसा वह चौंका?


संगीत की लहरों में एक जोरदार धमाका... और अगले ही पल !


स्टेज पर एक बड़ा-सा स्टार झूलता नजर आया । अत्यंत चमकीला स्टार.. . संगीत की लहरें फिर मंद गति से बहने लगीं, स्टार प्रतिक्षण स्पष्ट होता जा रहा था.. . वह चांदी का स्टार था । जगह-जगह पर हीरे जड़े थे?- और स्टार के ठीक बीचोबीच, सोने के अक्षरों से मर्डरलैड' शब्द लिखा हुआ था । अचानक स्टार का निचला भाग फैल गया और सिंहासन में बदल गया ।


विकास सब-कुछ बड़े ध्यान से देख रहा था।


और तब!


जबकि सिंहासन पर प्रिंसेज ने दर्शन दिए ।


हॉल में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति श्रद्धा के साथ झुक गया-जैक्सन ने बड़े ही शाही ढंग से खड़े होकर अपने हाथ इस प्रकार उठाए-मानो अपने बच्चों को आशीर्वाद दे रही हो । आंटी, नमस्ते ।' 'विकास बोला । 


जैक्सन बड़े ही मोहक ढंग से मुस्कराई और बोली । -' 'नमस्ते विकास... कहो ठीक तो हो ?"


- ' आटी..... रामनगर आपने ही जलाया था?"


"यस बेटे... लेकिन तुम ये आंटी आंटी क्या कह रहे हो!" - ' 'और क्या कहूं आपको?"


जानते हो तुम्हारे झकझकिए अंकल हमें क्या कहते हैं? "मम्मी ।" "


- ' 'तो तुम्हें क्या कहना चाहिए?"


- " वह मैं नहीं जानता - मैं सिर्फ यह जानता हूं कि क्राइमर


अंकल की पत्नी - अत: आप आंटी हो गई ।


'ओह...अच्छा!" सेज जैक्सन चाहकर भी अपनी हंसी को न रोक सकी ।


''अरे छोड़ो आंटी सब बातों को और अब मेरी एक दिलजली सुनो । "


'दिलजली - ये क्या होती है?"


अंकल की झकझकी की जुड़वां बहन । "


और इस बार प्रिंसेज फिर हंसी... हंसती हुई बोली । - ' 'बहुत खूब विकास... बहुत खूब... अब जल्दी से एक दिलजली सुनाओ ।'


''हां तो पेशे-खिदमत है । " विकास बड़े ही नाटकीय ढंग से बोला ।


बेटा कहे बाप से, तू क्या डांटे मोय,


एक दिन ऐसा आएगा, मैं डांटूंगा तोय ।


मैं डांटूंगा तोय, जब तू खाएगा परांठे, बेटा कहकर मैं तुमको लगाऊंगा चांटे । ।' '


- ' 'गुड!'' प्रिंसेज जैक्सन बोली ।


- ' 'एक और पेश है ।'' विकास एकदम बोला- किंतु इससे पूर्व कि वह कुछ बोले, जैक्सन ने कहा ।


"प्यारे विकास । "


- "यस आटी ।' '


- "तुम जानते हो तुम इस समय कहां हो ?


"मर्डरलैंड में । "


"लेकिन ये नहीं जानते कि मर्डरलैंड है कहां?" - "कहां है आंटी?"


"स्पेस जानते हो क्या होता है ?


- " यस आंटी, स्पेस वह स्थान है, जहां पर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण-शक्ति समाप्त हो जाती है और आकाशीय पिंडों की शक्तियां प्रारम्भ होती हैं । स्पेस वह स्वान है जहां की वस्तु को । पृथ्वी अपनी ओर खींचने का प्रयास करती है और आकाशीय पिंड अपनी ओर । अत: परिणाम यह होता है कि स्पेस में मौजूद वस्तु किसी भी ओर न खिंचकर वहीं स्थिर रह जाती है!'' - ' वेरी गुड!" जैक्सन बोली " काफी ज्ञान रखते हो ।'


"इसमें काफी ज्ञान की कोई बात नहीं है ये हमारी क्लास में पढ़ाया गया था ।" विकास लापरवाही से हाथ झटककर बोला ।


खैर.. यानी तुम जानते हो कि इस समय तुम मर्डरलैंड में हो-जो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण-शक्त से बहुत दूर अंतरिक्ष में है ।


''बिल्कुल जानता हूं ।"


'यह भी जानते हो कि तुम्हें यहां क्यों लाया गया है?' 'यस!"


'क्यों?"


'इसलिए कि मैं तुम्हारी खोपड़ी में अपने रिवाल्वर की समस्त गोलियां पार कर सकूं और तुम्हारे इस मर्डरलैंड को आग लगा सकूं ।' 


'गुड मिस्टर विकास.. .गुड ! " जैक्सन प्रशंसनीय ढंग से बोली - "हम मान गए कि तुम अपने दोनों अंकलों से भी अधिक साहस रखते हो। तुम जैसा बहादुर व्यक्ति कभी सदियों में पैदा होता है इसीलिए हम तुम्हें मारेंगे नहीं - - बल्कि मर्डरलैंड में रखकर तुम्हें एक बलिष्ठ व्यक्ति बनाएंगे।


"प्यारी आंटी!" विकास साफ शब्दों में बोला-


"याद रखना - मैं तुम्हारे मर्डरलैंड को तबाह कर दूंगा ।


हमें अपार प्रसन्नता होगी विकास!" जैक्सन बोली- ' 'हम तुमसे बहुत खुश होंगे क्योंकि तुम नहीं जानते कि हम सफल गद्दार.. सफल दुश्मन को एक प्रिय व्यक्ति मानते हैं और हमें जितना शक्तिशाली शत्रु मिलता है-हम स्वयं को उतना ही भाग्यशाली समझते हैं, क्योंकि इन्हीं शत्रुओं के आधार पर हमें अपनी कमजोरियों का पता लगता है-हमारे सिद्धांत के अनुसार दुश्मन अपने किसी शत्रु पर यूं ही विजय नहीं पाता-बल्कि उसमें हारने वाले की कोई कमजोरी होती है और हारने वाले के सामने वह कमजोरी आती है... बुद्धिमान व्यक्ति? वह है-जो अपनी उन कमजोरियों को सुधारे । इस प्रकार हम ये समझते है कि कोई शत्रु हम पर विजय पाता है तो वह हमारा ध्यान, हमारी कमजोरी की ओर दिलाता है -अत: हम उसे' अपना परम-मित्र समझते हैं ।''


"तुम्हारे सिद्धांत क्या हैं - ये मेरी बुद्धि में नहीं आएगा...मैं सिर्फ वह करूंगा- मुझे जो क्राइमर अंकल ने बताया है।''


- "क्या बताया है तुम्हारे अंकल ने ?


- "यही कि तुम डायन हो और सारी धरती को जलाना चाहती हो... मुझे तुम्हारे मर्डरलैंड में आग लगानी है । "


- "तो अलफांसे ने तुम्हें मर्डरलैंड का दुश्मन बना दिया है... ।"


"जैसा तुम समझो ।"


"खैर... हम तुम्हारा साहस देखकर बहुत खुश हैं।" 'अभी तो...! " और इससे पूर्व कि विकास कुछ बोल सकता जैक्सन ने कहा ।


"जूडान....!"


"यस महान जैक्सन!" हॉल में उपस्थित लोगों में से एक सर्व-शक्तिशाली व्यक्ति दो कदम आगे बढ़कर बेहद आदर के साथ नतमस्तक होकर बोला ।


- "तुमने इस लड़के का साहस देखा?"


"यस महान जैक्सन ।"

‘क्या ऐसे व्यक्तियों की मर्डरलैंड को जरूरत नहीं?"


''निस्संदेह है ग्रेट प्रिंसेज।"


"तो इसे अपने साथ ले जाओ... और बहादुर बना दो.. . साहस तुम देख चुके हो और शक्ति पाकर यह बहादुर बहुत ऊंचा उठ सकता है।'' 


विकास का एक आश्चर्यचकित कर देने वाला कारनामा । हॉल में उपस्थित व्यक्तियों के साथ प्रिंसेज जैक्सन भी उछल पड़ी ।


-जूडान के मुख से चीख निकली...! किसी को भी विकास के करिश्मे पर विश्वास नहीं हुआ । विकास |


वह दस वर्ष का छोटा-सा लड़का ।


किंतु कितना खतरनाक!


कितना फुर्तीला!


कितना चालाक!


कोई स्वप्न में भी नहीं सोच सका था कि यह दस वर्ष का लड़का इतना सब कुछ जानता होगा। हुआ ये था कि इधर जैक्सन आन को आदेश दे रही थी कि उधर... विकास का जिस्म भयंकर फुर्ती के साथ हवा में लहराया और अगले ही पल, इससे पूर्व कि कोई कुछ समझ सके-जूडान पर एक जोरदार फ्लाइंग किक पड़ी ।


जूडान के कंठ से चीख निकल गई... वह तो कल्पना भी नहीं कर सकता था कि यह छोटा-सा लड़का इतना भयानक खेल भी खेल सकता है... वह लड़खड़ाकर गिर गया था ।


इधर विकास के जिस्म में मानो विद्युत लहरें दौड़ रही थी वह क्षणमात्र में खड़ा होकर बोला ।


"ये मोटा मुझे क्या बहादुर बनाएगा आंटी - मैं इसका कचूमर निकाल दूंगा ।"


समय के साथ... सब आश्चर्य की सीमाओं से बाहर आए.. . और प्रशंसनीय दृष्टि से विकास छे देखा... विकस कूल्हों पर हाथ रखे किसी शातिर की भांति खड़ा था ।


जुडान!


वह जैक्सन के अच्छे योद्धाओं में से एक था । उसे एक लड़के की फ्लाइंग किक खाकर अपना लड़खड़ाकर गिर जाना अच्छा न लगा - अत: क्रोधित होकर विकास की ओर बढ़ा ।


विकास के छोटे-छोटे हाथ कराटे की शक्ल में आ गए । जूडान... भैंसे जैसे शरीर वाला ।


विकास.. दस वर्ष का बालक!


आमने-सामने प्रतिद्वंद्धी के रूप में किंतु विकास के चेहरे पर खोजने के पश्चात भी कहीं कोई घबराहट - कोई झिझक अथवा कोई भय नजर नहीं आता' था । ऐसा लगता था--मानो उसे स्वयं पर पूरा विश्वास हो कि वह जूडान को पराजित कर देगा ।


आत्मबल यह भी तो उसे अलफांसे ने सिखाया था ।


जूडान खूनी आंखों से विकास को घूरता हुआ निरंतर उसकी ओर बढ़ रहा था.. किंतु एक विकास था कि उसकी आंखों में झांके जा रहा था 'और उस समय तो जूडान अपने होशो-हवास खो बैठा - जब अचानक विकास ने शरारत से उसे आंख मार दी ।


एक विचित्र डकार के साथ आन विकास पर झपटा । किंतु ।


वाह रे विकास!


लड़का हो तो तुम जैसा ।


ठीक तब!


जबकि जूडान उस पर झपटा-वह फुर्ती के साथ अपने स्थान से उछला और अपनी दो उंगलियां जूडान की आंखों में मार दी ।


जुडान के कंठ से एक भयानक डकार निकली आंखें मींचकर उसने विकास को पकड़ने के लिए हाथ फैलाए- किंतु विकास उसकी पकड़ से बाहर था ।


विकास हवा में लहराता हुआ फर्श पर गिरा और तुरंत फुर्ती के साथ उठकर एक जोरदार लात खान के पीछे से मारी ।


लड़खड़ाकर जूडान मुंह के बल फर्श पर गिरा ।


किंतु अगला पल !


अत्यंत भयानक !


हाथियों जैसी शक्ति का वारिस ज्ञान गरजता हुआ उठा । अभी तक वह विकास को सिर्फ एक बच्चे की हैसियत से देख रहा था किंतु अब वह खतरनाक हो उठा था ।


खड़ा होकर भयानक तरीके से वह विकास की ओर बढ़ा, तभी विकास बोला- ''ये सब क्राइमर अंकल के दांव है मोटे, मैं तेरी तोंद पिचका दूंगा ।'


जूडान का क्रोध चरम सीमा पर जा पहुंचा... वह विकास पर झपटना ही चाहता था कि !


"ठहरो - जूडान!" जैक्सन बोली- ' 'तुम मर्डरलैंड का कानून तोड़ने जा रहे हो ।'जूडान ठिठक गया.. .उसने क्रोध को दबाते हुए जैक्सन से कहा- "ग्रेट प्रिंसेज ये लड़का मेरी दी हुई स्वतंत्रता का अधिक लाभ उठा गया क्या इसने दो बार मुझ पर हमला करके मर्डरलैंड के कानून को नहीं तोड़ा है ?"


"अभी विकास मर्डरलैंड के कानून से परिचित नहीं है ।"


- " क्षमा करना महान जैक्सन ।" कहकर जूडान पीछे हट गया ।


हॉल में उपस्थित समस्त व्यक्तियों की प्रशंसनीय दृष्टि विकास पर ही जमी हुई थी । स्वयं जैक्सन भी विकास की फुर्ती, दांव और साहस पर आश्चर्यचकित थी । वह बोली- "मिस्टर विकास !" 


- "यस आंटी!"


- "तो तुम्हें अलफांसे ने दक्ष कर दिया है ?"


"इतना तो बना ही दिया है आंटी कि इस मोटे का कचूमर निकाल दूं ।"


''मिस्टर विकास-मानते हैं कि अलफांसे ने तुम्हें इस छोटी-सी आयु के लिहाज से काफी दक्ष कर दिया - किंतु ये अच्छी तरह जान लो कि मर्डरलैंड में वह दक्षता क्कु भी नहीं है क्योंकि यहां तो स्वयं अलफांसे भी चूहा-सा लगता है।"


"तुम्हें शायद झूठ बोलने की आदत है ।" विकास बोला- ' 'मुझे तो ऐसा लगता है कि मर्डरलैंड में इस मोटे जैसे मच्छर भरे पड़े हैं। अगर क्राइमर अंकल यहां आ जाएं तो इन मच्छरों को एक हाथ से मसल दें । "


'खैर-फिलहाल तुमसे अधिक बात करने का मेरे पास समय नहीं है क्योंकि दुनिया भर के रेडियो पर अपनी घोषणा भी प्रसारित करनी है । '


विकास शांत रहा । जैक्सन फिर बोली- "इसलिए तुम यहां का कानून सुनो...यहां लड़के लड़कों से ही टकरा सकते हैं - तुम सिर्फ पंद्रह साल के किसी भी लड़के से टकराने के अधिकारी हो । अगर इससे बड़े किसी व्यक्ति से टकराए-तो मर्डरलैंड के कानून के अनुसार तुम्हें भयानक सजा दी जाएगी।' " -


"मतलब ये कि इस मोटे से नहीं टकरा सकता?' "


"नहीं!"


"मुझे दुख है।" विकास ने ऐसी सूरत बनाई, मानो अभी रो पड़ेगा ।


"अब तुम्हें मर्डरलैंड की नांगरिकता स्वीकार करनी होगी।"


"कैसे? । "


- "देखते रहो ।"


और फिर मर्डरलैंड के कानून के अनुसार फौलाद की वह मोहर- जिसका अग्रिम भाग दहक रहा था, विकास की पीठ पर रखकर निशान बना दिया गया ।


विकास की खाल जली.. पीड़ा भी हुई-- किंतु दांतों पर दांत जमाकर सह गया अब उसकी पीठ पर मर्डरलैंड की मोहर लग चुकी थी अत: वह मर्डरलैंड का नागरिक बन गया था । -


तत्पश्चात जैक्सन का सिंहासन स्टार में बदला... संगीत की लहरों के साथ वह हॉल से विलुप्त हो गई ।


जैक्सन!


प्रिंसेज ऑफ मर्डरलैड !


अभी-अभी वह समस्त धरती निवासियों तक रेडियो के माध्यम से अपनी घोषणा अथवा चेतावनी देकर लौटी थी और यह उसका निजी कमरा था ।


कमरे में आते ही उसने एक टीवी स्कीन ऑन कर दी, उस पर एक चित्र उभर आया । बिलकुल साफ और रंगीन चित्र! यह स्पेस में बसे मर्डरलैंड की एक सड़क का स्पष्ट दृश्य था-सड़क पर मर्डरलैंड के निवासियों की चहल-पहल थी । उसने इसी प्रकार कई दृश्य बदले !


और अंत में!


एक सुनसान-सी सड़क और उस पर अपनी ही मस्ती में बढ़ता हुआ विकास ।