रात 9: 00 बजे ,नेताजी के घर पर –
राहुल और संजय नेताजी के घर के पीछे की दीवार से चढ़ने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि सामने बहुत पहरा था और पीछे बस एक आदमी खड़ा रहता है जो अक्सर सोया हुआ ही मिलता है।
' आवाज मत करो बे, कोई सुन लेगा' संजय ने पीछे की तरफ से कूदकर सीढ़ियां चढ़ते हुए कहा। संजय अचानक उस आदमी को देखकर एक बार तो डर गया पर उसे सोता हुआ देख उसे कुछ चैन आया।
' हम जानबूझकर नहीं कर रहे हैं अपने आप हो रहा है ' राहुल ने थोड़ा जोर से कहा।
' अबे थोड़ा धीरे बोलो बे तुम पक्का हमको मरवाओगे ' संजय ने राहुल को चुप कराते हुए उसके मुंह पर हाथ रख दिया।
संजय और राहुल जैसे ही सीढ़ियां चढ़कर कमरे की तरफ आए कमरे का दरवाजा खुला हुआ था।
' अबे ये तो खुला हुआ है ,मतलब ..... समझें तुम? ' संजय बोला
' हा समझ गए कि तुम ये चाभी फालतू में ही लाए दरवाजा तो पहले से खुला हुआ है, चलो बे अन्दर ' राहुल ने बोला और कमरे के अंदर जाने लगा।
' अबे रुको बे !... तुम पूरे चूतिया ही हो क्या? ,दरवाजा खुला हुआ मतलब उ तुम्हारा फुंफा अंदर ही है ' संजय ने राहुल का हाथ पकड़ कर उसे वापस खींचा। आवाज सुनकर सोए हुए आदमी ने थोड़ी हरकत कि तो दोनों की सांस अटक गई ,पर वो अभी भी सोया हुए ही था।
संजय ने कमरे के अंदर झांककर देखा तो कमरे की लाइट बंद थी और बाथरूम की चालू थी।
' लगता है उ नहा रहा है मतलब हमारे पास 10 - 15 ही है, हमको जल्दी करनी होगी' संजय ने राहुल को कहा और दोनों कमरे में घुस गए।
कमरे में अंधेरा था पर चांद की रोशनी जो खिड़की से अन्दर आ रही थी उसके कारण सब चीजे हलकी हलकी दिख रही थी। दोनों ने बिना शोर किए खोजबीन शुरू की।
' लो गुरु मिल गया ' राहुल ने नेता का फोन लेते हुए कहा जो उसे सामने ही टेबल पर रखा हुआ मिल गया। संजय ने उसे धीरे बोलने का इशारा किया।
' फोन.....मिल.....गया...' राहुल ने एकदम धीरे से कहा।
' तो इससे क्या सेल्फी लोगे बे, पेनड्राइव लगाओ उसमें , उसको कॉपी करने में भी टाइम लगता है' संजय ने राहुल को समझाया और फाइल ढूंढने में लगा रहा। राहुल ने पेनड्राइव लगा दी, पेनड्राइव ने डाटा कॉपी करना शुरू कर दिया।
' दिलबर....दिलबर... हा दिलबर..दिलबर...होश ना खबर है ...' नेता अंदर से नहाते हुए बेसुरा गा रहा था।
' साला ई नेता को बुढ़ापे मे जया भारती के भजन छोड़कर ,नोरा फतेही के आइटम सॉन्ग गा रहा है....वो भी ऐसे जैसे साला कुता रो रहा हो ' राहुल ने कमरे में फाइल ढूंढते हुए कहा।
' तुम यहां फाइल ढूंढने आए हो या गाने सुनने ,जल्दी काम करके निकलना है भाई हमको ...नहीं कुत्ता की तरह तो वो दौड़ाएगा हमको ' संजय ने टेबल की दराजो को खोलते हुए बोला।
राहुल ने थोड़ी देर तो ढूंढा फिर कुछ नहीं मिलने पर थककर टेबल पर बैठ गया।
' आह....अरे मैयाया... लग गई रे...घुस गई रे अन्दर' राहुल जोर से चिलाया।
' कौन है ?... कौन है?' नेता बाथरूम से भागते हुए आया जिसकी छाती पर साबुन का झाग लगा था उसने कमरे की लाइट चालू कि तो उसको देखा कि कमरे में कोई नहीं है उसने चारो तरफ नजर दौड़ाई पर उसे कुछ ना दिखा उसने लाइट बंद कर दी और वापस बाथरूम में चला गया। संजय और राहुल टेबल के पीछे छुपे हुए थे संजय ने राहुल का मुंह पकड़ रखा था।
' साला मरवाना है क्या हमको ? , चिल्लाह काहे रहे थे बे' संजय ने धीमी आवाज में गुस्सा करते हुए कहा।
' हम जानबूझकर नहीं चिल्लाए उ आलपिन हमारे पिछवाड़े में घुस गया तो अचानक ही चीख निकल गई ... अभी भी बहुत दुख रहा है ' राहुल ने अपना पिछवाड़ा सहलाते हुए बोला।
' तो साले उलट-पुलट चीजें काहे डालते हो अंदर जब दर्द सहन नहीं होता तो' संजय वापस खड़ा हुआ और फाइलें ढूंढने लगा।
' अरे हम नहीं डाले थे ,हम तो जैसे ही टेबल पर बैठे पता नहीं कहां से घुस गई ' राहुल अभी भी सहला रहा था। दोनों ने कुछ देर और ढूंढा।
' मिल गया ...' संजय बोला।
' मिल गई फाइल ,कहा है ?' राहुल अब अपना दर्द भूल चुका था।
' फाइल नहीं मिला गुरु वो लॉकर मिल गया जिसमें फाइल है।'संजय ने दीवार पर टंगी नेताजी की फोटो को हटाते हुए कहा जिसके पीछे लॉकर था।
' और इसमें शायद 4 अंकों का पासवर्ड लगेगा' संजय ने सिर खुजाते हुए कहा।
' तो लगाओ बे, अब क्या पंडित जी से मुहूर्त निकालवाओगे उसके लिए, उ तुम्हारा फुंफा कभी भी आ जाएगा' राहुल ने बाथरूम की तरफ देखते हुए कहा
' अबे कहां से लगाए ?हमें नहीं पता है क्या है पासवर्ड' संजय अभी भी सोच रहा था।
' तुम हटो बे हम लगाते हैं' राहुल ने संजय को सरकाया और पासवर्ड में ' 1234' डाला ।' इ तो नहीं है' राहुल बोला
' तो साले शहर के विधायक की तिजोरी है पड़ोस के बंटी भैया का वाईफाई पासवर्ड थोड़े है और तुमसे किसने कहा भी अब देखो सिर्फ दो बारी बची है password लगाने की ' संजय राहुल पर गुस्सा करते हुए बोला।
' तो तुम्हें पता है तो तुम ही लगा दो...' राहुल ने मुंह फेर कर कहा।
संजय ने कुछ देर सोचा फिर पासवर्ड में' 1968' डाला और पासवर्ड गलत था अब सिर्फ एक ही बारी बची थी।
' नहीं बे इसका तो बर्थडे का साल भी नहीं है' संजय ने चिंतित स्वर में कहा।
' साले तुम को नेता का बर्थडे का साल भी पता है और हमको तो प्रतिभा....' राहुल कुछ बोलने लगा पर संजय ने उसे इशारे से चुप करा दिया। क्योंकि नेता ने शावर बंद कर दिया शायद वो बस अब बाहर आने ही वाला था।
'गुरु जल्दी करो बे,नेता बाहर आ रहा है ,मैं तो कहता हूं कि चलो यहां से, भाड़ में गई फाइल पेन ड्राइव में डाटा तो कॉपी हो ही गया है निकलो बे यहां से' राहुल ने जल्दी-बाजी करते हुए कहा। उसकी एक नजर बाथरूम से दरवाजे पर तो एक संजय के ऊपर थी।
' अबे बस 1 मिनट रुको... हम सोच रहे हैं' संजय ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।
' अरे भाई पकड़े गए तो नेता हमको जेल में डलवा देगा उपर से खुद पेलेगा वो अलग , चलो बे क्या सोच रहे हो ?' राहुल ने संजय के हाथ को खींचते हुए कहा।
' हा ...याद आया... उ हो सकता हैं 'संजय जोर से बोला और पासवर्ड में '9115' लगा दिया और लोकर खुल गया, अभी नेता ने बाथरूम की लाइट बंद कर दी और बाहर आने लगा। संजय ने जल्दी से फाइल अपनी शर्ट के अंदर डाली और फोटो वापस लगा दी, बाहर की तरफ भागा इतने में राहुल ने भी पेनड्राइव निकाली और वह भी बाहर की तरफ भागा । नेता ने कमरे की लाइट चालू कर दि उसने किसी के बाहर जाते हुए की झलक देखी। वह भागकर आगे आया तो उसके पैर में आलपिन चुभ गई , जो राहुल ने अपने पीछे से निकालकर फेंकी थी।
' आह!!...साला कौन चूतिया यहां पर आलपीन फेंका बे! ' नेता दर्द से चिल्लाया। जिसे सुनकर वो सोया हुआ आदमी जाग गया और भागकर नेता के पास आया।
' का हुआ नेताजी...कोनो तकलीफ है का..हम बुलाए किसी को ? ' आदमी ने आज्ञाकारी सेवक कि तरह सलामती के बारे में पूछा।
' अरे ! कुछ नहीं हुआ हमको उ कमलेश फाइल रखते समय आल्पीन गिरा गया है यहां... वही लग गई हमको...वो छोड़ो कोई अंदर तो नहीं आया था ना बे... हमको लगा हम किसी को देखे ' नेता ने अपना पैर सहलाते हुए पूछा।
' नहीं नेताजी हम यही खड़े थे ...हमारे होते कोई अन्दर आ सकता हैं क्या? ' आदमी ने तनकर कहा।
' अच्छा.. ठीक है ... जाओ तुम..' नेता ने उसको बाहर भैजा और दरवाजा बन्द कर लिया।
' आज तो बाल-बाल बच गए भाई ' राहुल ने कहा जो संजय के साथ सीढ़ियों के पीछे छुपा हुआ था।
' हम तो बच गए गुरु पर वो नहीं बचेगा ..देखो !फाइल और पेनड्राइव दोनों मिल गए ' संजय ने हंसते हुए फाइल और पेनड्राइव कि तरफ इशारा करते हुए कहा।
' वैसे गुरु तुम्हे पासवर्ड कैसे पता चला? ये तो बताओ।' राहुल ने गहरी सांस लेते हुए पूछा।
' तुम उस मोहिनी को जानते हो?...रंगीला बार वाली डांसर ' संजय ने पूछा तो राहुल ने हा में सिर हिला दिया।
' तो उ नेताजी के बहुत करीब है...बोले तो उसकी जान है...कभी कभी उसके लिए प्राइवेट शोज भी करती है...उसी के फोन नंबर के लास्ट डिजिट है 9115 । ' संजय ने रहस्य से पर्दा उठाया।
' तो तुमको उसका नंबर कैसे पता है ?बे ' राहुल ने फिर सवाल पूछा।
' अरे! कई बार उसको लाने ले जाने के लिए हम गए थे...तो उसने ही हमको नंबर दिया था ...' संजय ने कहा और राहुल के साथ पीछे की तरफ कूदकर निकल गया।
राहुल और संजय पार्टी ऑफिस पहुंचे जहां अंकुश उनका वेट कर रहा था।
' ये लो बे फाइल , और इ तुम्हारा pendrive' संजय ने फाइल टेबल पर पटकते हुए और पेनड्राइव उसके हाथ में देते हुए कहा।
अंकुश ने झट से फाइल उठाई और पढ़ने लगा और उसके चेहरे पर अचानक एक मुस्कान आ गई।
'वाह!.... बन गया अपना काम गुरु , इ नेता तो साला 4 ,4 घोटालों में शामिल हैं , जनता का करोड़ों का पैसा खा रखा है साले ने ' अंकुश ने फाइल बंद करके टेबल पर रख दी और संजय से कहा।
' हमको तो पता ही था ई कुछ ना कुछ तो गलत काम कर रहा है। उस pendrive मैं भी देख क्या मिलता है' संजय बोला।
अंकुश ने अपना लैपटॉप निकाला और पेनड्राइव उसमें लगा दी
' कॉल रिकॉर्डिंग का फोल्डर खोलो' pen drive खुलते हैं संजय बोला।
' क्यों बे ,उसमें क्या मिलेगा?' अंकुश ने पूछा।
' साला इ नेता लोग अपने बाप का भी सगा नहीं होता है, कभी भी बात से पलट जाता है इसलिए फोन पर जो भी बातचीत होती है ये हमेशा रिकॉर्ड करते हैं ताकि बाद में सबूत के तौर एक दूसरे पर इस्तेमाल कर सकें, तो इसकी कॉल रिकॉर्डिंग सुनके देखते हैं शायद उसमें मैं कुछ अपने काम का मिल जाए' संजय ने कहा और अंकुश ने एक-एक करके कॉल रिकॉर्डिंग सुननी चालू कर दी।
फिर एक कॉल रिकॉर्डिंग ऐसी सुनी जिसे सुन तीनोंएक दूसरे की तरफ देखने लगे।
' अब आएगा ना खेल का असली मजा ....नेता तुम तो गए भई बारह के भाव में.... ' अंकुश ने लैपटॉप बन्द करते हुए कहा और तीनों के चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी।
0 Comments