20 दिन बाद ---
आज बहुत दिनों बाद संजय का पार्टी कार्यालय भरा हुआ है, क्योंकि अंकुश को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई है , उसकी चोट तो पहले ही ठीक हो चुकी थी पर बाकी की रिकवरी भी अब हो चुकी थी, बस थोड़े दिनो तक उसे व्हीलचेयर पर रहना पड़ेगा , यह जानकर अंकुश थोड़ा निराश था।उसके पास में राहुल और प्रतिभा भी खडे थे । इन दिनों अंकुश से ज़्यादा राहुल की हालत में सुधार आया था ।उस दिन अंकुश से मिलने के बाद उसने सारे नशे छोड़ दिए थे , पर वह छुपकर कभी कभी सिगरेट पीता है यह बात बस आप और हम जानते है। वो हाथ में कड़ा पहनने लगा, और उसने बाल भी कटवा लिए और दाढ़ी हल्की सी कटवाकर सेट करा ली थी क्योंकि प्रतिभा ने कहा था कि वह दाढ़ी में ज्यादाअच्छा लगता है। उसके साथ में रोहित भी खड़ा था और 2,4 संजय के खास लड़के भी। सबको वापस साथ में देख संजय को मेघना की कमी खलखी। पर उसने अभी अपना ध्यान चुनाव पर देना ज्यादा जरूरी समझा।
' चुनाव को बस एक महीना बचा है और सारी तैयारियां बाकी पड़ी है, कैसे होगा ये सब मैनेज ? ' संजय ने चिंतित स्वर में कहा।
' तुम कहो तो अपने लड़को के साथ मिलकर उसके सारे पोस्टर निकलवा देता हूं ...और बाकी की व्यवस्था भी सुबह तक राख कर दूंगा ' राहुल ने सुझाया । राहुल में अब नए लुक के साथ नहीं पर्सनैलिटी भी आ गई थी, जिसपर प्रतिभा और भी फिदा ही रही थी।
' नहीं बे ऐसे नहीं लड़ना हमको चुनाव ... जो करेंगे अपने हिसाब से करेंगे ... ' संजय ने सुझाव नकार दिया।
' तो फिर हम कैसे जीतेंगे भैया... ' रोहित ने संजय से सवाल पूछा जो शायद प्रतिभा और राहुल का भी था। संजय चुप रहा।
' हम बताते है, कैसे जीतेंगे ' अंकुश व्हीलचेयर सरकाता हुआ आगे आया। अब सबकी नजरें अंकुश पर थी।।
' देखो हमने चुनाव की पूरी स्टडी की है और एक रणनीती बनाई जिसको अगर हम फॉलो करे तो हम शायद जीत सकते हैं।देखो चुनाव के तीन महत्वपूर्ण चरण है-
1. प्रचार - जो सब करेंगे।
2. भाषण - जो तुम करोगे।
3. वोटिंग - जो स्टूडेंट्स करेंगे और उसकी ही प्लानिंग करनी पड़ेगी।'
अंकुश ने वाइट बोर्ड पर मार्कर से लिखते हुए सब को समझाने लगा।
' प्रचार करना और भाषण देना हमारे हाथ में है, तो इसको हम देख लेंगे, पर जो चीज सबसे मुश्किल है वह है वोट इकट्ठा करना और जिस तरह के हालात तुम बना रखे हो गुरु यह काम तो और भी मुश्किल हो गया है' अंकुश ने संजय की तरफ इशारा किया।
' समस्या हमको भी पता है.... की हम चूतिया है, तुम समाधान बताओ बे, ज्ञान मत पेलो ' संजय ने काम की बात सुननी चाही।
' समाधान यह है कि हमें वोट मैनेजमेंट करना पड़ेगा। देखो कॉलेज की पूरी वोटिंग 4 वर्गो से आती है -
1. हमारे जूनियर्स।
2. कॉलेज की लड़किया।
3. दलित छात्रों वाले वोट
4. फर्जी वोट'
अंकुश ने वाइट बोर्ड पर समझाते हुए कहा।
' सबसे पहले बात करते हैं जूनियर्स की जो सबसे ज्यादा वोट लाएंगे, उनको चाहिए 'समाधान और सिक्योरिटी', समाधान जैसे- किताबों की व्यवस्था ,फॉर्मफिलिंग, lab equipment की आवश्यकता, स्पोर्ट्स मैटेरियल की जरूरतें वगैरा, वगैरा....अगर इन सब को हम पूरा करते हैं तो हमारे 50 पर्सेंट वोट सीधे ही तय हो जाएंगे'अंकुश बोर्ड पर समझा रहा था और रोहित कॉपी में लिख रहा था।
' अब अगर दलित वर्ग के वोटों की बात करें तो वो तो जैसा देश का हाल है वहीं कॉलेज का है। ये एक तरफा ही गिरते हैं या तो उस तरफ या इस तरफ। अब आदित्य ने उस मंत्री को बुलवाकर और बाबा साहेब की मूर्ति लगवा कर उन्हें अपनी तरफ कर लिया है तो उन्हें तो खुद तुम्हें वापस लाने के लिए मंत्रीजी से भी अच्छा भाषण तैयार करना पड़ेगा और उन्हें कैसे ना कैसे तुम्हारी तरफ गिराना पड़ेगा' रोहित ने नोट्स बनाना जारी रखा।
' अब बात करें फर्जी वोटो की , तो गुरु उनके पास बहुत सारे आईडी कार्ड पड़े हैं और ना ना करते कम से कम वह 400 से 600 फर्जी वोट डालेंगे, पर उसका टेंशन तुम ना लो वो मैं संभाल लूंगा'अंकुश बोला
' तो फिर लड़कियों के वोटो का क्या होगा'संजय ने जरूरी बात की।
' गुरु लड़कियों की वोटों का परसेंटेज हमेशा सबसे कम होता है और उसका कारण यह है कि बस कुछ लड़कियां ही वोट देती है क्योंकि बाकी लड़कियों को या तो चुनावी राजनीति से कुछ लेना देना नहीं है या उन्हें चुनावी कैंडिडेट पर भरोसा नहीं है, आदित्य को भी जो सहानुभूति के वोट मिलेंगे वह 100 से ज्यादा नहीं होंगे 'अंकुश ने कहा जिस पर सभी गंभीर हो गये।
' हम जानते हैं कि लड़कियों के वोट कैसे मिलेंगे' अचानक प्रतिभा ने कहा। और सब उसकी तरफ देखने लगे।
' लड़कियों को जो दो चीजें इस कॉलेज में सबसे ज्यादा चाहिए वह है' education और sequrity' खैर इस कॉलेज में education अच्छा है, पर जहां तक बात है सिक्योरिटी की उसके हालत बहुत खराब है, जो कॉलेज के पीछे गर्ल्स प्लेग्राउंड है वहां पर जब लड़कियां खेलती है ना, तो वहां बैठे लड़के उन पर गंदे - गंदे कमेंट पास करते है, और किसी ना किसी को छेड़ने की घटना हर दो-तीन दिन में हो रही है,आधी लड़कियों ने तो खेलना ही छोड़ दिया है। कॉलेज मैनेजमेंट भी उनका कुछ नहीं कर पाया है अगर उनकी समस्या का समाधान तुम कर पाओ तो उम्मीद कर सकते हैं कि वो तुम्हे वोट दे 'प्रतिभा ने गंभीरता से कहा।
' तो अगर हम लड़कियों को सिक्योरिटी दिला पाए तो वह लड़कियां भी हमें वोट देंगे जिन्होंने आज तक कभी वोट नहीं दिया और यह जान लो गुरु की लड़कियों की संख्या कॉलेज में 900 से भी ऊपर है, पर समस्या यह है कि उन लड़कों को समझाने जाएगा कौन ? 'अंकुश ने प्रश्नवाचक मुद्रा में सबको देखा।
' हम जाएंगे ना ,सालो को ऐसा तोड़ेंगे कि अपनी बहन से भी बात करने से भी पहले दो बार सोचेंगे' संजय ने पुराने तेवर में आते हुए कहा।
' रहने दो गुरु, तुम्हें देख लिया ना तो बची-कुची लड़कियां भी भाग जाएंगी, उन्हें तुमसे सबसे ज्यादा नफरत है इसलिए तुम तो नहीं जा सकते ऊपर से तुम और रोहित को लड़ते हुए देख लिया तो तुम्हारा चुनावी पर्चा भी रद्द हो जाएगा और हमसे तो उम्मीद करना ही बेकार हैं ' अंकुश ने व्हीलचेयर को देखते हुए कहा 'तो फिर जाएगा कौन?'
' हम जाएंगे ...ये हम पर छोड़ दो ' इतनी देर से शांत राहुल ने कहा।
' रहने दो यार, तुम फिर पिटकर आओगे' संजय ने राहुल से कहा।
' नहीं नहीं यह ठीक कह रहा है राहुल वैसे भी लड़कियों में पॉपुलर है ,अगर यह लड़कियों के लिए लीडरशिप करेगा तो वोट मिलने के चांसेस ज्यादा हैं' अंकुश ने राय दी। राहुल की पॉपुलैरिटी की बात सुनकर प्रतिभा ने त्योरियां चढ़ाई।
' ये लो' संजय ने राहुल को रामपुरी थमाया । जिसे देखकर प्रतिभा थोड़ी असहज हो गई।
'पर हम भी साथ चलेंगे तुम्हारे, हम तुमको दूर से देखेंगे क्या पता अगर पीटने लगों को बचा ले ' संजय ने कहा सब हंसने लगे पर प्रतिभा थोड़ी चिंतित थी। रोहित को ऑफिस में छोड़कर सब राहुल के पीछे चल दिए।
कुछ देर बाद –
' वो रहे साले ..कमिने... कही के ' प्रतिभा ने बास्केटबॉल कोर्ट में बैठे लड़को की तरफ इशारा किया। वे सब कोर्ट के साइड में एक पेड़ के नीचे खड़े थे।प्रतिभा कुछ बता रही थी कि इतने में राहुल उन लडको कि तरफ जाने लगा।
' अरे जान हमारे साथ भी तो खेल लो ना यार.. हम सच कह रहे हैं तुमको छुएंगे नहीं' ग्राउंड पर बैठे लड़को के ग्रुप में से एक लड़के ने कहा और बाकी सब हंसने लगे। राहुल उन लड़कों के ग्रुप की तरफ बढ़ने लगा और बाकी सब पीछे पेड़ के नीचे खड़े थे।
राहुल को आता देख वह सभी लड़के चुप हो गए पर आसपास में संजय को न देखकर उन्होंने खुद को सुरक्षित महसूस किया।
' कैसे हो बे राहुल ?, यहां कैस आना हुआ ?' बीच में बैठे एक लड़के ने कहा। उन लड़कों को देखते ही राहुल को याद आ गया कि ये वहीं सब लड़के थे जो उस दिन आदित्य के साथ उसे गार्डन में मिले थे।
' बढ़िया नहीं है गुरु.... ,तुम लोग जो इ सब कर रहे हो ना ,उसकी वजह से कुछ बढ़िया नहीं है।' राहुल ने बेधड़क कहां तो सारे लड़के खड़े होकर उसके पास आ गए ,लड़कियां भी जो थोड़ी दूरी पर खेल रही थी खेलना छोड़ कर उनको देखने लगी।
' हम का कर रहे हैं ? , हम तो बस उनका खेल देख रहे ? उनके खेल की तारीफ कर रहे है ...इसमें हम क्या गलत किए .. बताओ?' बीच वाले लड़के ने फिर से कहा तो बाकी सब हंसने लगे।
' तो भाई बहुत दिन देख लिया खेल, अब थोड़ा विश्राम करो ... नहीं तो ' राहुल ने फिर से बेधड़क बोला और राहुल में अचानक आई इतनी हिम्मत को देख कर भी सभी हैरान थे।
' नहीं तो क्या बे ? हम अगर तुम्हारी बात न माने तो तुम क्या उखाड़ लोगे बे हमारा ?'बीच वाले लड़के ने राहुल को धक्का मार के कहा।
' नहीं मानोगे तो गुरु बहुत पछताओगे ' राहुल ने खुद को संभाला और आगे बढ़ कर उसके एकदम करीब आ गया।
' चलो बे यहां से, लगता हैं इसका दिमाग सरक गया है, वैसे भी आदित्य ने चुनाव तक लड़ने को मना किया है' एक लड़के ने बीच वाले लड़के को खींचते हुए बोला।
' नहीं बे देखने तो दो क्या करेगा ये ,बहुत हिम्मत आ गया है इसमें तो, उस दिन तो कैसे रो रहा था की हमसे गलती हो गया ...हमसे गलती हो गया...और आज हमसे आंखे मिला रहा हैं साला... उस संजय के एक दोस्त को तो हम पहुंचा दिये थे, लगता है इसको भी उसके बगल में लिटाना पड़ेगा।' बीच वाले लड़के ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा।
राहुल ने इतना सुना और उसका दिमाग झनझना गया ' तो अंकुश को तुम मारे थे सर पर...आदित्य नहीं था..।'
' तो और कौन मारेगा बे... हम ही मारे थे , आदित्य में इतनी हिम्मत कहा की किसी को मार पाए , वो तो सिर्फ बकचोदी करता है, मारे तो हम ही थे उस लडके को और अब तुम्हारा नंबर लगे उससे पहले निकल लो यहां से' बीच वाले लड़के ने राहुल को धमकी दी। राहुल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
' चलो बे सुना है, ई गांजा पी पी के पगला चुका है , काहे मुंह लग रहे हो इसके ' एक लड़के ने कहा।
' हा चलो वैसे भी इसको पीट के कोई फायदा नहीं...संजय खुद आता तो क्या पता कुछ सोचते ...चलो ' एक दूसरे लडके ने कहा तो सब राहुल को वही अकेला छोड़ कर जाने लगे। राहुल खड़ा खड़ा अभी हुई बात तो सही से समझने की कोशिश कर रहा थी की अंकुश को मारने वाला आदित्य ने ये सामने से जा रहा लड़का था।
' इ साला संजय के साथ सारे दोस्त ही नमूने है .... ' बीच वाला लड़का बोलते बोलते जा रहा था।
' ओय!!!! ' पीछे से आवाज आई।
लड़का पीछे देखने के लिए जैसे ही मुड़ा राहुल ने जोर का एक मुक्का उसके मुंह पर जड़ दिया, उसने कड़े को हाथ में लेकर मुक्का मारा था जिससे उस लडके के नीचे गिरते ही उसका मुंह खून से भर गया। राहुल गुस्से में खड़ा किसी शैतान सा नजर आ रहा था। उसके हाथ में वो कड़ा उसका हथियार लग रहा था, जिससे खून की बूंदे टपक रही थी। ये नज़ारा देखकर उसके सभी दोस्त पीछे हट गए।
राहुल उसके ऊपर बैठा लगातार मुक्के जड़ने लगा , हर मुक्के के साथ उसकी खर्ट खून के धब्बों से भरती जा रही थी।
' इसी हाथ से मारे थे ना बे उसको ' उसने लडके के हाथ को पकड़ते हुए कहा।
' रुको अभी इसको मुक्ति देते है ...' राहुल ने कहा और उसके हाथ को जमीन के साथ सटका कर रख दिया, और जोर जोर से कड़े से मारके उसके हाथ को कुचलने लगा। लड़का दर्द के मारे झटपटाने लगा...गिड़गिड़ाने लगा.. ।ये दर्शय देखकर उसके सारे दोस्त और पास खड़ी लड़किया बुरी तरह सहम गए। संजय ने यह देखा तो वो तेजी से उसकी तरफ भागा।
' राहुल ....राहुल रुको बे , क्या कर रहे हो ? उसका हाथ टूट जाएगा, उसको कुछ हो गया तो....साले जेल हो जाएगी रुको...'संजय भागते हुए कहा, पर राहुल को कुछ सुनाई नहीं दिया उसपर पागलपन सवार था। उसका वो हाथ खून से लथपथ हो गया था।
' बोलो ना बे , इससे ही मारा था ना, या फिर इस वाले से ' राहुल ने उसका दूसरा हाथ टिकाते हुए कहा ,लड़का बुरी तरह गिड़गिड़ा रहा था और माफी मांग रहा था । सब राहुल को रोकने भागे , संजय सबसे पहले पहुंचा ,उसने राहुल को धक्का दिया जिससे वो उसके उपर से गिर गया।जैसे ही राहुल ने संजय और सबको देखा उसे होश आया... की वो बहुत आगे बढ़ गया था।
राहुल खड़ा हुआ और उसके उस लडके के उपर थूका । फिर अपने चेहरे से खून के छींटे और धूल साफ करने लगा। फिर जेब से रामपुरी निकालकर उन लडको को दिखाते हुए बोला' सुनो बे ! जाकर कह दो तुम्हारे उस आदित्य को और अपने उन सब दोस्तो को , अगर आज के बाद इस कॉलेज की एक भी लड़की को छेड़ने की कंप्लेंट आई, मा कसम तुम सब के कपड़े फाड़ कर कैंपस में नंगा दौड़ा दौड़ा कर मारेंगे' राहुल ने जोर से कहा' अब दफा हो जाओ ...भागो बे! ' यह सुनते ही सारे लड़के भाग गए और प्रतिभा रोहित सब ने आकर राहुल को संभाला ,जो लड़कियां खेल रही थी उन्होंने राहुल के लिए तालीया बजाई। आज प्रतिभा डरी हुई थी पर राहुल पर काफी गर्व महसूस कर रही थी।
राहुल की प्लेग्राउंड वाली घटना का वीडियो अंकुश ने बना लिया और उसका जमकर इस्तेमाल किया गया।सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया गया, जिसमें लोगों ने राहुल की बहुत ही तारीफ और संजय को भी थोड़ा बहुत सराहा ।अब लड़कियों का 100 % वोट मिलना तो तय था पर साथ में जूनियर्स का भी क्योंकि उनको जो सिक्योरिटी चाहिए थी अब वह राहुल भैया देने वाले थे।अब कॉलेज में भले छोटा हो या बड़ा , लड़का हो या लड़की सब राहुल को' राहुल भैया' ही कहने लगे। ,पर उस दिन की घटना के बाद अब राहुल थोड़ा खुल भी पाया था क्योंकि जो बदले की भावना और गुस्से को इतने दिनों से उसने दबा रखा था उसको निकालकर वह पहले जैसा महसूस कर रहा था, वो पहले की तरह मजाक करना ,मस्ती में रहना धीरे-धीरे उसके व्यवहार में वापस आने लगा और यह देखकर सब बहुत खुश थे, खासकर की अंकुश।
इन सबके बाद अब अगर कोई मेन समस्या थी तो वो थे नेता जी। उनको कैसे भुला जा सकता है ।आदित्य के इतने ज्यादा वोट बन रहे थे उसका एक ही कारण था नेताजी का सपोर्ट, तो उन्हें नेताजी का पत्ता काटना तो जरूरी था ही। क्योंकि एक बार नेताजी का हाथ आदित्य के पर से उठा तो आदित्य एकदम कमजोर हो जाएगा, इसीलिए आज अंकुश ने उसी सिलसिले में मीटिंग बुलाई थी।
' उ नेताजी का क्या करे भाई, कुछ सोचे हो क्या ?' अंकुश ने सबसे पूछा।
' सोचने का काम तुम्हारा है हमारा काम तो सिर्फ अंजाम देना है' राहुल को अंकुश को उसका काम समझाते हुए कहा।
' देखो जैसे किसी शैतान कि जान उसके तोते में होती हैं , इसकी भी जान किसी ना किसी तोते में होगी ' अंकुश ने अपनी चाणक्य नीति साझा की।
' मतलब हमे तोता ढूंढ़ना है, पर उ तोते को कहा रखा होगा? वो कैसे पता लगेगा ' राहुल ने अपने पुराने अंदाज में पूछा।
' अरे भोले जीव .. सचमुच का तोता नहीं ढूंढ़ना ... कहा से सोच लेते हो ऐसी बाते यार ...हद है... तोता मतलब उसकी कमजोरी .. हमे उसकी कमजोरी ढूंढनी होगी ' अंकुश ने तोते का वास्तविक मतलब बताया।
' तो हमे क्या पता तोता मतलब कमजोरी ...साफ साफ बका करो ना.. लोकोक्ति क्यों पेल रहे हो ' राहुल ने विरोध में कहा।
' तुमसे कुछ कहना ही बेकार है ...अच्छा संजय तुम बताओ, जब तुम उ नेता के साथ थे उसने कभी उसने कभी तुम्हें कोई जरूरी पेपर रखने को दिए या कुछ खुफिया काम करने को कहा था क्या ?' अंकुश ने संजय से पूछा।
' कोई जरूरी कागज तो नहीं दिए पर हा एक दिन हमको एक फाइल दी और कहा कि जाकर इसे कमरे में रख दो और जैसे हम कमरे में रखने गए पीछे से आकर उन्होंने फाइल वापस ले ली और कहा कि तुम जाओ हम रख देंगे ,तो हमको भी शक हो गया कि इस फाइल में कुछ ना कुछ तो जरूर है तभी वो इस तरह छुपा रहे थे' संजय ने पुरानी बात याद करते हुए कहा।
' बहुत बढ़िया ,मतलब उस फाइल में कुछ ना कुछ तो है अगर हम किसी तरह उस फाइल को उठा ले तो उ नेता के खिलाफ हमारा हथियार बन जाएगा ' अंकुश में चुटकी बजाकर कहां।
' बहुत बढ़िया ,चलो चलते हैं' राहुल खड़ा हुआ और जाने लगा।
' अबे रुको बे वो तुम्हारा ससुराल थोड़ी है कि मुंह उठाए और चल दिए, उसके लिए पहले प्लान बनाना पड़ेगा भाई ,ऊपर कैसे जाना है , फाइल कहा है वो पता लगाना है,कमरे का दरवाजा कैसे खोलना है वो सीखना है ,क्योंकि हमने अगर ताला तोड़ा तो उस नेता को पता चल जाएगा कि हम थे तो हमारे लग जाएंगे ' अंकुश ने राहुल को वापस बिठाते हुए कहा।
' हां भाई ये तो हम सोचे ही नहीं अब तुम ही बताओ कैसे खोलेंगे ताला ?' राहुल ने भी स्थिति समझते हुए कहा।
' इससे ' संजय ने डोरी से बंधी हुई चाबी अंगुली में घुमाते हुए कहा।
' इ तुम्हारे पास कैसे है? 'अंकुश और राहुल दोनों ने चोंक कर पूछा।
' अरे हम कहे ना कि उस दिन पीछे से आकर हमको वापस भेज दिया बस उसी दिन हमारे पास रह गई, शायद उसके पास दूसरी चाबी भी थी इसलिए वो भूल गया और कभी मांगी नहीं और हमने भी कभी नहीं लौटाई' संजय ने मुस्कुराते हुए कहा।
' बहुते बढ़िया तो एक काम करो आज शाम को ही तुम दोनों उसके घर पर जाओ और वह फाइल उठा लाओ'अंकुश ने व्हीलचेयर घुमाते हुए कहा।
' और हां यह भी ले जाओ ' अंकुश ने एक पेनड्राइव देते हुए कहा।
' इसका क्या करना है बे ' राहुल ने पेनड्राइव लेते हुए पूछा।
' यह एंड्रॉयड पेनड्राइव है इसमें मैंने कोडिंग कर दि हैं,इसको जैसे ही उ नेता के फोन से कनेक्ट करोगे उ फोन का सारा डाटा कॉपी कर लेगी ' अंकुश ने कहा।
' उसका डाटा का हम क्या करेंगे ,जब फाइल मिल जाएगी तो वही काफी होगी' संजय ने पूछा।
' और अगर ना मिली तो ,हमारे पास बैकअप प्लान तो भी होना चाहिए ना' अंकुश ने चतुर जवाब दिया। और दोनों ने हां में सर हिला दिया।
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